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मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें किया नमन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने महान स्वतंत्रता सेनानी वीर सावरकर की जयंती पर उन्हें नमन करते हुए उनके योगदान को स्मरण किया। उन्होंने कहा कि वीर सावरकर का संपूर्ण जीवन मातृभूमि की सेवा और राष्ट्र के नवनिर्माण के लिए समर्पित था।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सावरकर न केवल आज़ादी की लड़ाई के अग्रणी योद्धा थे, बल्कि वे एक समाज सुधारक, इतिहासकार, लेखक और दूरदर्शी राजनेता भी थे। उन्होंने सामाजिक रूढ़ियों के विरुद्ध आवाज़ उठाई और आधुनिक भारत के निर्माण की आधारशिला रखी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सेल्युलर जेल में बिताए गए सावरकर जी के कठोरतम वर्ष उनके अदम्य साहस, राष्ट्रभक्ति और मानसिक दृढ़ता के प्रमाण हैं। उनका बलिदान भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में अंकित है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेशवासियों से आह्वान किया कि वे वीर सावरकर के विचारों और जीवन मूल्यों से प्रेरणा लें और राष्ट्र सेवा को अपना परम कर्तव्य मानते हुए आगे बढ़ें। वीर सावरकर का जीवन हर भारतीय के लिए आत्मबलिदान, समर्पण और देशभक्ति की जीवंत मिसाल है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सिमगा में ढाबा में किया भोजन, स्थानीय लोगों से की आत्मीय बातचीत

रायपुर- रायगढ़ जिले के दौरे से लौटते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज सिमगा में एक साधारण से ढाबा में रुके और वहां बैठकर स्थानीय व्यंजन का स्वाद लिया। सुशासन तिहार के अंतर्गत दिनभर की व्यस्त दिनचर्या के बावजूद उन्होंने ढाबे में भोजन किया और आमजन से सहजता से संवाद स्थापित किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ढाबा पर मौजूद लोगों से आत्मीयता से बातचीत की, हालचाल जाना और उनकी बातों को ध्यानपूर्वक सुना। न कोई तामझाम, न कोई सुरक्षा का दिखावा—बस एक जननेता की तरह लोगों के बीच बैठकर उन्होंने विश्वास और अपनापन बाँटा। इस दृश्य ने वहाँ मौजूद हर व्यक्ति के मन में मुख्यमंत्री की सरलता और जमीन से जुड़ेपन की एक मजबूत छवि बनाई।

सिमगा स्थित आनंद ढाबे पर आम नागरिकों ने भी मुख्यमंत्री को अपने बीच पाकर हर्ष व्यक्त किया और कहा कि यह उनकी नेतृत्व शैली की सादगी और जनभावनाओं से जुड़ाव का प्रतीक है। भोजन के दौरान कई लोगों ने उनके साथ तस्वीरें भी खिंचवाईं और उत्साहपूर्वक उनसे बातचीत की। इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह और मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद सहित अन्य अधिकारी एवं स्थानीय ग्रामीणजन उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि मैं जहाँ भी जाता हूँ, वहाँ के लोगों से मिलकर मुझे ऊर्जा मिलती है। ये मुलाकातें मेरे लिए औपचारिकता नहीं, आत्मीयता हैं। उनके इस सहज और मानवीय रूप ने यह स्पष्ट कर दिया कि सुशासन केवल मंचों पर नहीं, बल्कि आम जीवन के स्पर्श में भी झलकता है।

छात्रहित में युक्तियुक्तकरण का फैसला: सीएम साय ने कहा- वित्त विभाग को भेजा गया प्रस्ताव, जल्द होगी शिक्षकों की नई भर्ती

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने सुशासन तिहार के तहत आज रायगढ़ में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के लिए राज्य सरकार का युक्तियुक्तकरण का फैसला छात्रों के हित में है।


मुख्यमंत्री ने कहा कि पूरे प्रदेश में शिक्षकों की पदस्थापना में असंतुलन है। कहीं हमारे स्कूल शिक्षक विहीन हैैं, तो कहीं पर स्कूल एक शिक्षकीय हैं। मैदानी क्षेत्र के बहुत से ऐसे स्कूल हैं, जहां बच्चों के अनुपात में ज्यादा शिक्षक हैं। इसको हम लोग संतुलित कर रहे हैं। कहीं-कहीं एक ही परिसर में कई स्कूल हैं, कहीं दो-दो, तीन-तीन प्राइमरी स्कूल हैं, कहीं बच्चे नहीं हैं। इस असंतुलन को दूर करने के लिए हम सब जगह शिक्षक देना चाहते हैं, तो इसमें क्या बुराई है। यह भी कहा जा रहा है कि स्कूल बंद हो रहे हैं। ऐसे स्कूल एक ही परिसर में हैं, कहीं बच्चे ही नहीं हैं। युक्तियुक्तकरण से शहरी क्षेत्र में बच्चों को 500 मीटर से दूर नहीं जाना पड़ेगा और ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर से दूर नहीं जाना पड़ेगा, ऐसी व्यवस्था कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह भी भ्रम फैलाया जा रहा है कि युक्तियुक्तकरण के बाद शिक्षक भर्ती नहीं होगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम शिक्षकों की भर्ती करेंगे, हर साल जो कमी है उसको चरणबद्ध रूप से पूरा करेंगे। शिक्षक भर्ती का प्रस्ताव वित्त विभाग को भेजा गया है, जैसे ही इसकी अनुमति मिलेगी, हम शिक्षकों की भर्ती करेंगे। युक्तियुक्तकरण बच्चों के हित में है। इससे स्कूलों में शिक्षकों का असंतुलन दूर होगा और शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा।

गौरतलब है कि शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है। यह युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य शिक्षक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।

शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी।

मुख्यमंत्री ने प्रतिभावान विद्यार्थियों को किया सम्मानित, लैपटॉप-टैबलेट भेंट कर बढ़ाया उत्साह

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ प्रवास के दौरान जिले के मेधावी विद्यार्थियों को सम्मानित किया। रायगढ़ जिला कार्यालय के सृजन सभा कक्ष में आयोजित समीक्षा बैठक के पश्चात मुख्यमंत्री ने 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं में राज्य स्तर पर उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले विद्यार्थियों को लैपटॉप एवं टैबलेट भेंट किए।

मुख्यमंत्री ने विद्यार्थियों के उज्ज्वल भविष्य की कामना करते हुए उन्हें निरंतर आगे बढ़ते रहने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि ऐसे प्रतिभाशाली छात्र प्रदेश का नाम रोशन कर रहे हैं और सरकार उनका हर संभव सहयोग करेगी।

रायगढ़ जिले की छात्रा कु. हेमलता पटेल ने कक्षा 10वीं में राज्य स्तर पर तीसरा स्थान, आयुषी कुमारी ने सातवां स्थान और रौनक चौहान ने नौवां स्थान प्राप्त किया। वहीं 12वीं की छात्रा कृतिका यादव ने छठवां और तरंग अग्रवाल ने आठवां स्थान हासिल किया। इसके साथ ही दिया पांडे ने एमएमएसई परीक्षा में प्रदेश में प्रथम स्थान प्राप्त कर जिले का गौरव बढ़ाया।

मुख्यमंत्री ने बिरहोर महिलाओं को सौंपी पक्के आवास की चाबी

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज रायगढ़ में समीक्षा बैठक के बाद प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति की महिलाओं सहित पाँच महिलाओं को पक्के मकानों की चाबियाँ सौंपी। इस अवसर पर उन्होंने धर्मजयगढ़ विकासखंड के कीदा गांव की बिरहोर जनजाति की दिलमत बाई, गुरुवारी बाई और शानीरो बाई को उनके नए आवास की चाबियाँ प्रदान की।

इसके साथ ही रायगढ़ जिले के बनोरा गांव की गीतांजलि सिदार और कुकुर्दा गांव की गुलाबी यादव को भी आवास योजना का लाभ मिला। मुख्यमंत्री के हाथों आवास की चाबी प्राप्त कर सभी हितग्राहियों के चेहरे खुशी से खिल उठे। उन्होंने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय और सरकार के प्रति आभार जताया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री आवास योजना गरीबों को पक्का घर उपलब्ध कराने की एक महत्वपूर्ण और जनहितैषी योजना है। सरकार की प्राथमिकता है कि हर पात्र व्यक्ति को सम्मानपूर्वक जीवन जीने के लिए आवास मिले। इसके तहत अब तक बड़ी संख्या में जरूरतमंद परिवारों को लाभ पहुंचाया गया है और छूटे हुए पात्र हितग्राहियों को आवास प्लस 2 योजना के माध्यम से आवास मिलेंगेे।

राजस्व अभिलेखों में जिस अधिकारी के लॉगिन से त्रुटिपूर्ण प्रविष्ठि होगी, उस पर होगी कड़ी कार्रवाई : मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि राजस्व अभिलेखों में त्रुटि के लिए संबंधित अधिकारी या कर्मचारी जिम्मेदार माने जाएंगे। यदि किसी अधिकारी के लॉगिन से गलत प्रविष्टि हुई है, तो उसके विरुद्ध कठोर कार्रवाई की जाएगी। मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में सुशासन तिहार के अंतर्गत आयोजित समीक्षा बैठक में यह स्पष्ट निर्देश दिए। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि लोगों की ज़मीन, खेती, या अन्य दस्तावेजों में त्रुटि की वजह से जनता का प्रशासन पर से भरोसा न टूटे, इसके लिए जरूरी है कि राजस्व प्रणाली को जवाबदेह बनाया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि त्रुटि सुधार कार्य पर राजस्व अधिकारी विशेष निगरानी रखें।

बैठक में मुख्यमंत्री ने लात नाला सिंचाई परियोजना के लंबे समय से अधूरे होने पर नाराजगी जताते हुए इसे शीघ्र पूर्ण करने के निर्देश दिए। साथ ही अटल सिंचाई योजना के तहत लंबित सभी परियोजनाओं को प्राथमिकता से पूर्ण करने को कहा। गोमर्डा अभ्यारण्य क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले 26 गांवों में भूमि रजिस्ट्री पर लगे प्रतिबंध को हटाने का निर्देश भी मुख्यमंत्री ने दिया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिकारियों से ग्रामीण क्षेत्रों का नियमित दौरा करने को कहा ताकि छोटी समस्याओं का तत्काल समाधान हो सके। उन्होंने स्पष्ट किया कि अब जिले छोटे हो गए हैं, ऐसे में अधिकारी समय निकालकर अधिक से अधिक गांवों में पहुंचें। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि किसानों को खाद-बीज उठाने में किसी भी प्रकार की परेशानी न हो। डीएपी की संभावित कमी को देखते हुए वैकल्पिक उपायों पर किसानों को जानकारी दी जाए। उन्होंने फसल चक्र परिवर्तन के लिए भी किसानों को प्रेरित करने को कहा।

मुख्यमंत्री ने मानसून पूर्व तैयारियों की चर्चा करते हुए सर्पदंश से निपटने के लिए अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में एंटीवेनम दवाएं रखने के निर्देश दिए। रायगढ़ नगर निगम क्षेत्र में डेंगू व पीलिया जैसी बीमारियों को रोकने के लिए नगर निगम एवं प्रशासन को सजग रहने कहा। मुख्यमंत्री ने मैदानी जिलों में अवैध शराब की शिकायतों को गंभीरता से लेते हुए सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। उन्होंने ओडिशा से लगते सीमावर्ती इलाकों में शराब की अवैध आवाजाही रोकने विशेष निगरानी की आवश्यकता बताई।

बैठक में रेशम उत्पादन, भू-जल स्तर में सुधार, पर्यटन विकास, सड़क मरम्मत और जन औषधि केंद्रों के प्रचार-प्रसार जैसे विषयों पर भी विस्तार से चर्चा हुई। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम सभी जनप्रतिनिधि और अधिकारी जनता के सेवक हैं और जनकल्याण ही हमारी सर्वाेच्च प्राथमिकता होनी चाहिए।

बैठक में कृषि मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम महापौर जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविन्द्र गबेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी.दयानंद, संभाग आयुक्त सुनील जैन, आईजी संजीव शुक्ला, सीसीएफ प्रभात मिश्रा सहित सारंगढ़ और रायगढ़ वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी एवं जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।

मंत्रालय में अधिकारियों ने स्वर्गीय अरूण कुमार को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के पहले मुख्य सचिव रहे अरूण कुमार का कल निधन हो जाने पर आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में शोक सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा गया एवं अधिकारियों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अधिकारियों ने उनके शासकीय सेवा के दौरान किए गए कार्यों को अति महत्वपूर्ण बताया। श्री कुमार को छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय 30 अक्टूबर 2000 राज्य प्रथम मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। इस दौरान नवगठित राज्य के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण था, ऐसे समय में उन्होंने मुख्य सचिव के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। अधिकारियों ने श्री कुमार के साथ अपनी कार्य अनुभव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं उनकी उत्कृष्ठ प्रशासनिक क्षमता के बारे में बताया।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य कुमार मिश्रा ने अरूण कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ प्रशासनिक काम-काज का अनुभव और व्यक्तित्व के बारे में बताया। अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने श्री कुमार के साथ कार्य अनुभव के बारे में बताया कि वे उस समय धमतरी जिले के कलेक्टर थे। श्री साहू ने बताया कि उनके मुख्य सचिव बनने के बाद धान खरीदी एवं आपदा प्रबंधन संबंधी कलेक्टरों की मिटिंग थी। श्री साहू ने उन्हें एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी बताते हुए उनके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी। इसी तरह से अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुवा ने बताया कि अरूण कुमार जब मुख्य सचिव थे तब वे जांजगीर-चापा जिले के कलेक्टर थे। उन्होंने उस समय उनके प्रशासनिक कार्यों एवं कुशलता के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने भी अपने अनुभव बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने पूर्व मुख्य सचिव अरूण कुमार को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्ति के बाद दुर्ग जिले में पदस्थ थे और इस दौरान उन्हें पूर्व मुख्य सचिव श्री कुमार से मिलने का अवसर मिला था। इसी तरह से पूर्व आईएएस एस.के.तिवारी, दिनेश श्रीवास्तव और आर.एस.विश्वकर्मा, सचिव कमलप्रीत सिंह, सचिव अंकित आनंद, सचिव शहला निगार, संभागायुक्त महादेव कावरे सहित अन्य अधिकारियों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किया।

गढ़बेंगाल के पंडीराम मंडावी को पद्मश्री सम्मान, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी शुभकामनाएं

रायपुर-  देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा बस्तर अंचल के गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी को वर्ष 2025 के पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया है। यह सम्मान उन्हें जनजातीय वाद्य यंत्र निर्माण और काष्ठ शिल्प कला के क्षेत्र में उनके अद्भुत एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

श्री मंडावी द्वारा पारंपरिक गोंड और मुरिया समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों ने न केवल बस्तर की कला को राष्ट्रीय मंच दिया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्री मंडावी को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ की जनजातीय प्रतिभा और सांस्कृतिक समृद्धि का गौरवपूर्ण प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्री मंडावी जैसे कलाकारों ने अपनी साधना से यह सिद्ध किया है कि हमारी मिट्टी की कला विश्वपटल पर छा सकती है। यह पद्मश्री सम्मान बस्तर की लोकपरंपरा, शिल्प और सांस्कृतिक चेतना को राष्ट्रीय गौरव दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

रायगढ़ को CM साय का बड़ा तोहफा : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 330 करोड़ रुपये के 24 विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन

रायपुर- सुशासन तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज रायगढ़ जिलेवासियों को 330 करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से 24 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 220 करोड़ रुपए की लागत के 17 लोकार्पण एवं 110 करोड़ रुपए लागत के 7 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।

मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर रायगढ़ जिले में अनेक महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण कार्य पूर्ण हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण किया उनमें 93 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग का चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लंबाई 56 कि.मी., 65 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से पूंजीपथरा से तमनार मिलुपारा मार्ग लंबाई 27.50 कि.मी. (सी.सी.रोड) लंबाई 26 कि.मी., 16 करोड़ 92 लाख 37 हजार रुपए की लागत से जिला रायगढ़ के कसडोल-भैसगढ़ी-बडग़ांव होते हुए बरलिया तक सड़क मरम्मत/ निर्माण लंबाई 14.40 कि.मी., 8 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से कोड़ातराई-पुसौर-सूरजगढ़ मार्ग का उन्नयन लंबाई 8.30 कि.मी., 7 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से बड़े भण्डार-उमरिया-पुसौर-रेंगालपाली मार्ग लंबाई 7.425 कि.मी. तथा 93 लाख 15 हजार रुपए की लागत से जिला रायगढ़ में परिवहन कार्यालय का भवन निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया, उनमें 97 करोड़ 52 लाख रुपए की लागत से जिला रायगढ़ में इंटी ग्रेटेड स्पोर्ट्स काम्पलेक्स भवन का निर्माण कार्य, 3 करोड़ 92 लाख रुपए की लागत से गोतमा-कोतासुरा मार्ग लंबाई 3.50 कि.मी.का निर्माण कार्य, 2 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से ग्राम-औरदा, शा.पू.मा.वि.से शास.गोदाम तक मार्ग लंबाई 2 कि.मी. का निर्माण कार्य, 1 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से भूतपूर्व सैनिक कल्याण एकीकृत परिसर-सह-मेडिकेयर परिसर रायगढ़ के निर्माण कार्य एवं 75 लाख 23 हजार रुपए की लागत से विकासखण्ड धरमजयगढ़ में शा.हाईस्कूल गेरसा का भवन निर्माण कार्य शामिल है।

इस दौरान कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम महापौर जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविंद्र गवेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, संभागायुक्त सुनील जैन, आई.जी. संजीव शुक्ला सहित जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे।

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद: प्रशासन और अमित जोगी के बीच बनी सहमति, धरना प्रदर्शन किया समाप्त

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद आखिरकार शांत हो गया है। स्थानीय प्रशासन और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) अध्यक्ष अमित जोगी के बीच लिखित समझौता हो गया है, जिसके बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया और अपने घर के लिए रवाना हो गए।

फिलहाल चबूतरे के पास जमीन पर स्थापित की गई प्रतिमा

जिस चबूतरे का निर्माण अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना के लिए किया गया था, उस पर फिलहाल प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए मूर्ति लगाने की अनुमति नहीं दी। ऐसे में जोगी समर्थकों ने उसी चबूतरे से सटी जमीन में प्रतिमा स्थापित कर दी है। यह प्रतिमा स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में रहेगी और जब तक नगरीय प्रशासन के सभी नियम पूरे नहीं हो जाते, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी।

नियम पूरे होने के बाद होगा विधिवत लोकार्पण

प्रशासन और अमित जोगी के बीच यह सहमति बनी है कि जैसे ही संबंधित औपचारिकताएं पूर्ण हो जाएंगी, उसी चबूतरे पर अजीत जोगी की प्रतिमा को विधिवत तरीके से स्थापित कर उसका लोकार्पण किया जाएगा।

अमित जोगी का बयान – “प्रतिमा का सफर अभी पूरा नहीं हुआ”

मीडिया से चर्चा करते हुए अमित जोगी ने कहा “परसों स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि है और मैं नहीं चाहता कि उस दिन कोई ऐसी घटना घटे जिससे हम शर्मिंदा हों। प्रशासन ने बताया कि कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, इसलिए फिलहाल प्रतिमा को चबूतरे से सटी जमीन पर रखा गया है। मुझे भरोसा है कि जल्द ही सभी नियम पूरे कर विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।”

हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। अमित जोगी ने कहा “जब तक प्रतिमा अपने यथोचित स्थान पर स्थापित नहीं हो जाती, तब तक संतुष्टि अधूरी है। इस प्रतिमा ने लंबा सफर तय किया है — चोरी हुई, खंडित की गई, चबूतरे पर रखी गई, फिर उतारी गई। अब बस चार फीट और सफर तय करना है।”

जनभावनाओं का सम्मान हो, यही उम्मीद

अमित जोगी ने आशा जताई कि राज्य सरकार और प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जल्द से जल्द प्रतिमा को उसके निर्धारित स्थान पर स्थापित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस पूरे घटनाक्रम को फिलहाल सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं।