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मंत्रालय में अधिकारियों ने स्वर्गीय अरूण कुमार को दी श्रद्धांजलि

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के पहले मुख्य सचिव रहे अरूण कुमार का कल निधन हो जाने पर आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में शोक सभा आयोजित कर दो मिनट का मौन रखा गया एवं अधिकारियों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। अधिकारियों ने उनके शासकीय सेवा के दौरान किए गए कार्यों को अति महत्वपूर्ण बताया। श्री कुमार को छत्तीसगढ़ राज्य गठन के समय 30 अक्टूबर 2000 राज्य प्रथम मुख्य सचिव नियुक्त किया गया था। इस दौरान नवगठित राज्य के लिए यह समय बहुत महत्वपूर्ण था, ऐसे समय में उन्होंने मुख्य सचिव के रूप में छत्तीसगढ़ राज्य के लिए कई महत्वपूर्ण कार्य किए। अधिकारियों ने श्री कुमार के साथ अपनी कार्य अनुभव के बारे में महत्वपूर्ण जानकारी देते हुए उनके व्यक्तित्व एवं उनकी उत्कृष्ठ प्रशासनिक क्षमता के बारे में बताया।

छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्य सचिव सुयोग्य कुमार मिश्रा ने अरूण कुमार को श्रद्धांजलि देते हुए उनके साथ प्रशासनिक काम-काज का अनुभव और व्यक्तित्व के बारे में बताया। अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू ने श्री कुमार के साथ कार्य अनुभव के बारे में बताया कि वे उस समय धमतरी जिले के कलेक्टर थे। श्री साहू ने बताया कि उनके मुख्य सचिव बनने के बाद धान खरीदी एवं आपदा प्रबंधन संबंधी कलेक्टरों की मिटिंग थी। श्री साहू ने उन्हें एक कुशल प्रशासनिक अधिकारी बताते हुए उनके व्यक्तित्व के बारे में जानकारी दी। इसी तरह से अपर मुख्य सचिव मनोज कुमार पिंगुवा ने बताया कि अरूण कुमार जब मुख्य सचिव थे तब वे जांजगीर-चापा जिले के कलेक्टर थे। उन्होंने उस समय उनके प्रशासनिक कार्यों एवं कुशलता के बारे में अपने विचार व्यक्त करते हुए उनके निधन पर शोक व्यक्त करते हुए अपनी श्रद्धासुमन अर्पित किए और उनके परिवार के प्रति संवेदना प्रकट की।

अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने भी अपने अनुभव बताते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। श्रद्धांजलि सभा का संचालन करते हुए प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने पूर्व मुख्य सचिव अरूण कुमार को अपने श्रद्धासुमन अर्पित किए। प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि वे भारतीय प्रशासनिक सेवा में नियुक्ति के बाद दुर्ग जिले में पदस्थ थे और इस दौरान उन्हें पूर्व मुख्य सचिव श्री कुमार से मिलने का अवसर मिला था। इसी तरह से पूर्व आईएएस एस.के.तिवारी, दिनेश श्रीवास्तव और आर.एस.विश्वकर्मा, सचिव कमलप्रीत सिंह, सचिव अंकित आनंद, सचिव शहला निगार, संभागायुक्त महादेव कावरे सहित अन्य अधिकारियों ने अपने श्रद्धासुमन अर्पित किया।

गढ़बेंगाल के पंडीराम मंडावी को पद्मश्री सम्मान, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने दी शुभकामनाएं

रायपुर-  देश की महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु द्वारा बस्तर अंचल के गढ़बेंगाल निवासी पंडीराम मंडावी को वर्ष 2025 के पद्मश्री सम्मान से अलंकृत किया गया है। यह सम्मान उन्हें जनजातीय वाद्य यंत्र निर्माण और काष्ठ शिल्प कला के क्षेत्र में उनके अद्भुत एवं उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है।

श्री मंडावी द्वारा पारंपरिक गोंड और मुरिया समाज की सांस्कृतिक धरोहर को सहेजने और आगे बढ़ाने के लिए किए गए प्रयासों ने न केवल बस्तर की कला को राष्ट्रीय मंच दिया, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक प्रेरणा का स्रोत भी प्रस्तुत किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने श्री मंडावी को बधाई देते हुए कहा कि यह सम्मान छत्तीसगढ़ की जनजातीय प्रतिभा और सांस्कृतिक समृद्धि का गौरवपूर्ण प्रतीक है। उन्होंने कहा कि श्री मंडावी जैसे कलाकारों ने अपनी साधना से यह सिद्ध किया है कि हमारी मिट्टी की कला विश्वपटल पर छा सकती है। यह पद्मश्री सम्मान बस्तर की लोकपरंपरा, शिल्प और सांस्कृतिक चेतना को राष्ट्रीय गौरव दिलाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।

रायगढ़ को CM साय का बड़ा तोहफा : मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने 330 करोड़ रुपये के 24 विकास कार्यों का किया लोकार्पण और भूमिपूजन

रायपुर- सुशासन तिहार के मौके पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज रायगढ़ जिलेवासियों को 330 करोड़ 29 लाख रुपए की लागत से 24 विभिन्न विकास कार्यों की सौगात दी। इनमें 220 करोड़ रुपए की लागत के 17 लोकार्पण एवं 110 करोड़ रुपए लागत के 7 कार्यों का भूमिपूजन शामिल है।

मुख्यमंत्री की विशेष पहल पर रायगढ़ जिले में अनेक महत्वपूर्ण सड़कों के निर्माण कार्य पूर्ण हुए हैं। मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख कार्यों का लोकार्पण किया उनमें 93 करोड़ 59 लाख रुपए की लागत से रायगढ़-धरमजयगढ़ मार्ग का चौड़ीकरण एवं नवीनीकरण कार्य लंबाई 56 कि.मी., 65 करोड़ 19 लाख रुपए की लागत से पूंजीपथरा से तमनार मिलुपारा मार्ग लंबाई 27.50 कि.मी. (सी.सी.रोड) लंबाई 26 कि.मी., 16 करोड़ 92 लाख 37 हजार रुपए की लागत से जिला रायगढ़ के कसडोल-भैसगढ़ी-बडग़ांव होते हुए बरलिया तक सड़क मरम्मत/ निर्माण लंबाई 14.40 कि.मी., 8 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से कोड़ातराई-पुसौर-सूरजगढ़ मार्ग का उन्नयन लंबाई 8.30 कि.मी., 7 करोड़ 95 लाख रुपए की लागत से बड़े भण्डार-उमरिया-पुसौर-रेंगालपाली मार्ग लंबाई 7.425 कि.मी. तथा 93 लाख 15 हजार रुपए की लागत से जिला रायगढ़ में परिवहन कार्यालय का भवन निर्माण कार्य का लोकार्पण किया।

मुख्यमंत्री ने जिन प्रमुख कार्यों का भूमिपूजन और शिलान्यास किया, उनमें 97 करोड़ 52 लाख रुपए की लागत से जिला रायगढ़ में इंटी ग्रेटेड स्पोर्ट्स काम्पलेक्स भवन का निर्माण कार्य, 3 करोड़ 92 लाख रुपए की लागत से गोतमा-कोतासुरा मार्ग लंबाई 3.50 कि.मी.का निर्माण कार्य, 2 करोड़ 71 लाख रुपए की लागत से ग्राम-औरदा, शा.पू.मा.वि.से शास.गोदाम तक मार्ग लंबाई 2 कि.मी. का निर्माण कार्य, 1 करोड़ 27 लाख रुपए की लागत से भूतपूर्व सैनिक कल्याण एकीकृत परिसर-सह-मेडिकेयर परिसर रायगढ़ के निर्माण कार्य एवं 75 लाख 23 हजार रुपए की लागत से विकासखण्ड धरमजयगढ़ में शा.हाईस्कूल गेरसा का भवन निर्माण कार्य शामिल है।

इस दौरान कृषि मंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री राम विचार नेताम, वित्त मंत्री ओ.पी. चौधरी, लोकसभा सांसद राधेश्याम राठिया, राज्यसभा सांसद देवेंद्र प्रताप सिंह, नगर निगम महापौर जीवर्धन चौहान, जिला पंचायत अध्यक्ष शिखा रविंद्र गवेल, मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, संभागायुक्त सुनील जैन, आई.जी. संजीव शुक्ला सहित जनप्रतिनिधि गण मौजूद थे।

अजीत जोगी प्रतिमा विवाद: प्रशासन और अमित जोगी के बीच बनी सहमति, धरना प्रदर्शन किया समाप्त

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही- छत्तीसगढ़ के पहले मुख्यमंत्री स्वर्गीय अजीत जोगी की प्रतिमा को लेकर पिछले कई दिनों से चल रहा विवाद आखिरकार शांत हो गया है। स्थानीय प्रशासन और छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस (जे) अध्यक्ष अमित जोगी के बीच लिखित समझौता हो गया है, जिसके बाद उन्होंने अपना धरना समाप्त कर दिया और अपने घर के लिए रवाना हो गए।

फिलहाल चबूतरे के पास जमीन पर स्थापित की गई प्रतिमा

जिस चबूतरे का निर्माण अजीत जोगी की प्रतिमा स्थापना के लिए किया गया था, उस पर फिलहाल प्रशासन ने नियमों का हवाला देते हुए मूर्ति लगाने की अनुमति नहीं दी। ऐसे में जोगी समर्थकों ने उसी चबूतरे से सटी जमीन में प्रतिमा स्थापित कर दी है। यह प्रतिमा स्थानीय प्रशासन के संरक्षण में रहेगी और जब तक नगरीय प्रशासन के सभी नियम पूरे नहीं हो जाते, तब तक यही स्थिति बनी रहेगी।

नियम पूरे होने के बाद होगा विधिवत लोकार्पण

प्रशासन और अमित जोगी के बीच यह सहमति बनी है कि जैसे ही संबंधित औपचारिकताएं पूर्ण हो जाएंगी, उसी चबूतरे पर अजीत जोगी की प्रतिमा को विधिवत तरीके से स्थापित कर उसका लोकार्पण किया जाएगा।

अमित जोगी का बयान – “प्रतिमा का सफर अभी पूरा नहीं हुआ”

मीडिया से चर्चा करते हुए अमित जोगी ने कहा “परसों स्व. अजीत जोगी की पुण्यतिथि है और मैं नहीं चाहता कि उस दिन कोई ऐसी घटना घटे जिससे हम शर्मिंदा हों। प्रशासन ने बताया कि कुछ औपचारिकताएं बाकी हैं, इसलिए फिलहाल प्रतिमा को चबूतरे से सटी जमीन पर रखा गया है। मुझे भरोसा है कि जल्द ही सभी नियम पूरे कर विधिवत लोकार्पण किया जाएगा।”

हालांकि उन्होंने यह भी जोड़ा कि वह पूरी तरह संतुष्ट नहीं हैं। अमित जोगी ने कहा “जब तक प्रतिमा अपने यथोचित स्थान पर स्थापित नहीं हो जाती, तब तक संतुष्टि अधूरी है। इस प्रतिमा ने लंबा सफर तय किया है — चोरी हुई, खंडित की गई, चबूतरे पर रखी गई, फिर उतारी गई। अब बस चार फीट और सफर तय करना है।”

जनभावनाओं का सम्मान हो, यही उम्मीद

अमित जोगी ने आशा जताई कि राज्य सरकार और प्रशासन जनभावनाओं का सम्मान करते हुए जल्द से जल्द प्रतिमा को उसके निर्धारित स्थान पर स्थापित करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि वह इस पूरे घटनाक्रम को फिलहाल सकारात्मक दृष्टिकोण से देख रहे हैं।

फैक्ट्री में बवाल: सुपरवाइजर-ठेकेदार और श्रमिक के बीच झड़प, जमकर चले रॉड और डंडे

धरसींवा- तिल्दा नेवरा थाना क्षेत्र के टंडवा गांव स्थित वक्रांजी फैक्ट्री में मंगलवार को उस समय तनाव का माहौल बन गया जब स्थानीय श्रमिक और फैक्ट्री के सुपरवाइजर व ठेकेदार के बीच कहासुनी मारपीट में तब्दील हो गई। विवाद इतना बढ़ गया कि रॉड और डंडों से एक श्रमिक की पिटाई कर दी गई।

जानकारी के अनुसार, किसी बात को लेकर श्रमिक की सुपरवाइजर से तीखी बहस हो गई थी। बहस के बाद सुपरवाइजर और ठेकेदार ने मिलकर श्रमिक को गालियां दीं और फिर रॉड व डंडों से जमकर हमला कर दिया। इस घटना की जानकारी मिलते ही क्रांति सेना के कार्यकर्ता मौके पर पहुंचे और फैक्ट्री में बाहरी लेबर ठेकेदारों द्वारा स्थानीय मजदूरों के साथ हो रहे दुर्व्यवहार को लेकर विरोध जताया।

घटना के बाद तिल्दा नेवरा पुलिस ने मामले को गंभीरता से लिया और तत्काल एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की। वहीं पुलिस ने एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है और अन्य की तलाश जारी है।

वर्चस्व की लड़ाई में बैगा की हत्या, वारदात में शामिल पांचों आरोपी गिरफ्तार

बालोद- गुंडरदेही थाना क्षेत्र के सिर्राभांठा गांव में बैगा की हत्या मामले में पुलिस ने खुलासा किया है. झाड़-फूंक के दौरान वर्चस्व की लड़ाई में एक बैगा ने दूसरे बैगा की चाकू मारकर हत्या की थी. पुलिस ने इस मामले में शामिल पांचों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है.

26 मई को सिर्राभांठा निवासी प्रार्थी 51 वर्षीय बेलू राम ठाकुर पिता स्व. राम दयाल ठाकुर ने हल्दी चौकी में बैगा की हत्या का मामला दर्ज कराया था. उन्होंने बताया कि ग्राम सिर्राभांठा के बैगा पुनीत राम ठाकुर को तिहारू राम निषाद अपने घर में पूजा पाठ के लिए लेकर गया था और दूसरे गांव से 02-03 व्यक्ति को भी लाए थे. बाहर से आए बैगा एवं 02-03 लोगों ने चाकू से मारकर पुनीत राम ठाकुर की हत्या कर दी. पुलिस ने अपराध पंजीबद्ध कर विवेचना में लिया.

विवेचना के दौरान आरोपी तिहारू राम, कमलेश निषाद, चतुर निषाद, अजीत मंडावी, धनेश्वरी निषाद से पूछताछ करने पर सभी ने अपराध कबूल किया. आरोपियों ने बताया कि 26 मई को तिहारू राम निषाद के घर में बंधन पूजा पाठ के दौरान गांव के बैगा पुनीत राम ठाकुर को बुलाए थे, जहां पुनीत राम ठाकुर एवं बैगा अजीत मंडावी निवासी ग्राम सुरडोंगर के मध्य एक दूसरे ने अपने आप को बड़ा बैगा होना कहकर लड़ाई झगड़ा किया. इस दौरान आरोपी तिहारू राम निषाद, चतुर निषाद व कमलेश निषाद ने पुनीत राम ठाकुर के हाथ पैर को पकड़कर रखे थे एवं आरोपी अजीत मंडावी ने अपने साथ पूजा के लिए लाए चाकू से पुनीत राम ठाकुर पर प्राणघातक हमला कर उसकी हत्या कर दी.

वारदात को अंजाम देने के बाद खून लगे चाकू को छुपाने की नियत से तिहारू राम की पत्नि धनेश्वरी निषाद ने पानी से धोकर अजीत मंडावी को वापस दी. आरोपी तिहारू राम निषाद, कमलेश निषाद, चतुर निषाद ने पुनीत राम के हाथ पैर को पकड़कर हत्या करने में सहयोग किया है. घटना के समय खून लगे कपड़ों और घटना स्थल से पूजा में उपयोग की गई सामग्रियों एवं घटना में हत्या के लिए प्रयुक्त किए चाकू को विधिवत जब्त किया. आरोपियों को गिरफ्तार कर न्यायिक रिगांड पर न्यायालय में पेश किया गया।


ये आरोपी हुए गिरफ्तार

  • तिहारू राम निषाद पिता अमरू राम निषाद उम्र 35 वर्ष साकिन सिर्राभांठा चौकी हल्दी
  • कमलेश निषाद पिता राजेन्द्र निषाद, उम्र 34 वर्ष साकिन ग्राम कमरौद
  • अजीत मंडावी पिता नाहल सिंह मंडावी, उम्र 37 वर्ष साकिन थाना ग्राम सुरडोंगर डौण्डी
  • चतुर निषाद पिता गुहाराम निषाद, उम्र 55 वर्ष साकिन काड़े थाना डौण्डी
  • धनेश्वरी निषाद पति तिहारू राम निषाद, उम्र 32 वर्ष साकिन सिर्राभांठा चौकी हल्दी.

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बस्तर आईजी सुंदरराज का बड़ा संदेश, कहा- चाहे हिडमा हो, सुजाता हो, या कोई कैडर, जान बचाना है तो करे आत्मसमर्पण, नहीं तो…

जगदलपुर- चाहे सोनू हो, हिडमा हो, सुजाता हो, के रामचंद्र रेड्डी हो, बासादेवा हो, या कोई कमेटी मेंबर हो, या स्थानीय कैडर. अगर अपनी जान बचाना चाहते हैं, तो उनके पास आखिरी मौके है कि हिंसा का त्याग करें, हथियार छोड़कर आत्मसमर्पण करें. नहीं तो बहुत जल्दी बाकी अन्य माओवादी कैडर की तरह उनका भी अंत भयानक तरीके से होगा. यह कड़ी चेतावनी बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने दी है.

जनरल सेक्रेटरी बसवराजु की धराशाई करने के बाद अपनी अंतिम सांसें गिन रहे माओवादी संगठन के सीनियर, मीडिल और स्थानीय लेवल के कैडर को बस्तर के आईजी सुंदरराज पी ने मीडिया के जरिए स्पष्ट संदेश दिया है. सीनियर माओवादी कैडर हमारे टारगेट लिस्ट में हैं. उनके पास अब एक ही विकल्प है, हिंसा का त्याग कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करें. अन्यथा बसवराजु उर्फ बीआर दादा का जो अंत हुआ, उनका भी तय है.

बस्तर आईजी ने इसके साथ कहा कि हम बार-बार कहते हैं कि हिंसा को छोड़कर आकर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के लिए आत्मसमर्पण करें. उनके पुर्नवास के लिए केंद्र और राज्य सरकार की घोषित नीति है, उसका फायदा उठाते हुए आत्मसमर्पण करें. उनका पुर्नवास के लिए हम सभी प्रकार से सहायता कर सकते हैं.

उन्होंने स्पष्ट किया कि सीनियर लेवल से लेकर स्थानीय कैडर लेवल के बहुत से लोग पुलिस के संपर्क में हैं, और अन्य सूत्रों से भी संपर्क में हैं. हम उनका स्वागत करते हैं. सीपीआई माओवादी संगठन से बहुत ही जल्द सीनियर लेवल, मीडिल लेवल और स्थानीय लेवल कैडर पर बड़ी संख्या में आत्मसमर्पण देखने को मिलेगा. उन्होंने बताया कि 2024 और 2025 में अब तक, कुल 16 महीने में 1400 से अधिक माओवादी कैडर ने संगठन छोड़कर समाज की मुख्य धारा में शामिल होने के उद्देश्य से आत्म समर्पण किया है, जिनके पुनर्वास के लिए हम कार्रवाई कर रहे हैं.

बसवराजु आखिरी जनरल सेक्रेटरी

सुंदरराज पी ने कहा कि बसवराजु उर्फ बीआर दादा उर्फ गगन्ना सीपीआई माओवादी का आखिरी जनरल सेक्रेटरी होगा, क्योंकि इसके बाद किसी और जनरल सेक्रेटरी की आवश्यकता नहीं होगी. यह संगठन बहुत तेजी से खात्मे की ओर अग्रसर है. उसका समाप्ति होने वाला है. इसका कोई भविष्य नहीं है. उसको महासचिव, सचिव और कोई नेतृत्व की आवश्यकता नहीं है.

उन्होंने बताया कि रमन्ना की 2019 में मौत के बाद पिछले छह साल से माओवादी संगठन द्वारा आधिकारिक तौर पर किसी को नियुक्त होने की प्रमाणित दस्तावेज नहीं मिला है. क्योंकि उनका संगठन नेतृत्वविहिन हो चुका है. उनके पास ऐसा कोई लायक कैडर नहीं बचा है, जो संगठन को आगे ले जा सकता है. सब डरा हुए हैं. और इसकी कोई आवश्यकता ही नहीं. माओवादी संगठन इतिहास में बसवराजु उर्फ बीआर दादा ही आखिरी जनरल सेक्रेटरी होगा.

शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में ऐतिहासिक कदम: CM साय ने कहा-

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता सुधारने के उद्देश्य से एक बड़ा फैसला लिया है। शिक्षा विभाग ने राज्य में कुल 10,463 शालाओं के युक्तियुक्तकरण का आदेश जारी किया है, जिसमें ई-संवर्ग की 5849 और टी-संवर्ग की 4614 शालाएं शामिल हैं। यह आदेश तत्काल प्रभाव से लागू कर दिया गया है।

यह युक्तियुक्तकरण आदेश राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के निर्देशों के अनुरूप है, जिसका मुख्य उद्देश्य शैक्षणिक संसाधनों का संतुलित और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा है कि स्कूल शिक्षा विभाग का दूरदर्शी निर्णय स्कूल शिक्षा को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है। मुख्यमंत्री श्री साय ने स्कूलों के युक्तियुक्तकरण को लेकर शिक्षा विभाग के निर्णय की सराहना करते हुए कहा है कि यह कदम प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को नई दिशा देने वाला है। उन्होंने कहा कि यह निर्णय न केवल शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर उपयोग सुनिश्चित करेगा, बल्कि विद्यार्थियों को भी गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर देगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि एक ही परिसर में विभिन्न स्तरों के विद्यालयों का समायोजन, न केवल प्रशासनिक दृष्टि से उपयोगी है, बल्कि इससे शिक्षा की निरंतरता बनी रहेगी और छात्र ड्रॉपआउट की समस्या से भी मुक्ति मिलेगी। इससे स्कूली वातावरण अधिक प्रभावशाली बनेगा और बच्चों का आत्मविश्वास भी बढ़ेगा।

उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के अनुरूप उठाया गया यह कदम छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगा।

स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने जानकारी दी कि शालाओं के युक्तियुक्तकरण अंतर्गत एक ही परिसर में संचालित 10,297 विद्यालयों को युक्तियुक्त किया गया है। इसके अलावा ग्रामीण क्षेत्र में एक किलोमीटर के दायरे में स्थित 133 विद्यालयों और शहरी क्षेत्र में 500 मीटर के दायरे में स्थित 33 विद्यालयों को भी युक्तियुक्त किया गया है। उन्होंने बताया कि इस पहल से शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय शालाओं में अब अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी। इससे शिक्षा की गुणवत्ता में भी सीधा सुधार देखने को मिलेगा। युक्तियुक्तकरण के कारण शिक्षकों की अतिरिक्त उपलब्धता सुनिश्चित हो सकेगी, जिससे अन्य जरूरतमंद शालाओं में भी संतुलन बन पाएगा। इस समायोजन से स्थापना व्यय में भी कमी आएगी, जिससे शैक्षणिक ढांचे पर अधिक निवेश संभव होगा।

स्कूल शिक्षा सचिव ने जानकारी दी कि एक ही परिसर में पढ़ाई की निरंतरता बने रहने से बच्चों की ड्रॉपआउट दर घटेगी, और छात्र ठहराव दर में सुधार होगा। शालाओं के युक्तियुक्तकरण से बच्चों को बार-बार प्रवेश लेने की आवश्यकता नहीं पड़ेगी, जिससे उनकी शिक्षा यात्रा अधिक सहज और निरंतर होगी। उन्होंने कहा कि युक्तियुक्तकरण से विद्यालय परिसरों में बेहतर अधोसंरचना तैयार करना भी सरल होगा, जिसमें पुस्तकालय, कंप्यूटर लैब, विज्ञान प्रयोगशाला और खेल सुविधाएं साझा की जा सकेंगी। राज्य सरकार का यह कदम राष्ट्रीय शिक्षा नीति में प्रस्तावित क्लस्टर विद्यालय अवधारणा के अनुरूप है, जहां एकीकृत परिसर में प्राथमिक से उच्च माध्यमिक स्तर तक की पढ़ाई सुनिश्चित की जाती है। उन्होंने कहा कि इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समन्वय किया गया है, न कि किसी पद को समाप्त किया गया है। इस कदम से शिक्षकों का न्यायसंगत वितरण संभव होगा और बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा अधिक सुलभ रूप से उपलब्ध हो सकेगी। शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के तहत छात्रों और शिक्षकों के अनुपात के प्रावधानों का पालन करते हुए युक्तियुक्तकरण किया गया है, जिसकी राज्य में शैक्षणिक गुणवत्ता के स्तर को बेहतर करने में महत्वपूर्ण भूमिका होगी।

"छत्तीसगढ़ सरकार की यह पहल न केवल वर्तमान शैक्षणिक ढांचे को सुदृढ़ करेगी, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्थायी, सशक्त और समावेशी शिक्षा व्यवस्था का आधार तैयार करेगी। स्कूल शिक्षा विभाग का स्कूलों के युक्तियुक्तकरण का दूरदर्शी निर्णय प्रदेश की शिक्षा व्यवस्था को बेहतर, समावेशी और प्रभावशाली बनाने की दिशा में एक सशक्त पहल है।युक्तियुक्तकरण से न केवल शैक्षणिक संसाधनों का न्यायसंगत वितरण सुनिश्चित होगा, बल्कि बच्चों को गुणवत्तापूर्ण और निरंतर शिक्षा प्राप्त करने का अवसर भी मिलेगा। यह छत्तीसगढ़ को शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।"

कनकबीरा गांव में उतरा मुख्यमंत्री का उड़नखटोला, ग्रामीणों से किया आत्मीय संवाद, बोले, आपके बीच आकर परिवार सा महसूस कर रहा हूँ

रायपुर-  सुशासन तिहार के अंतिम चरण के अंतर्गत आज मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हेलीकॉप्टर सारंगढ़-बिलाईगढ़ जिले के ग्राम कनकबीरा में उतरा। उन्होंने प्री-मैट्रिक बालक छात्रावास परिसर के पास गुलमोहर पेड़ के नीचे अपनी चौपाल लगाई और योजनाओं की जानकारी लेते हुए आम ग्रामीणों से संवाद किया। उन्होंने कहा कि यह मेरा सौभाग्य है कि आप लोगों से मिलने का अवसर मिला। आज आप सभी से मिलकर खुद को परिवार के बीच होने जैसा महसूस कर रहा हूँ।

मुख्यमंत्री श्री साय ने सुशासन तिहार की सार्थकता को बताते हुए कहा कि पहले चरण में आवेदन लिए गए, दूसरे चरण में उन पर कार्यवाही हुई और अब तीसरे चरण में सरकार आपके गांव में पहुंची है। हमने बीते डेढ़ वर्षों में जनता के हित में कार्य किया है। सुशासन तिहार हमारा रिपोर्ट कार्ड भी है और सरकार द्वारा किए गए कार्यों का मूल्यांकन करने का अवसर भी। इसके माध्यम से हम जनकल्याणकारी योजनाओं के धरातल पर क्रियान्वयन की स्थिति जान रहे हैं। हमारे अलावा मंत्री, सांसद, विधायक, मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी सुशासन तिहार में शामिल हो रहे हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार ने शपथ लेते ही प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी के तहत कैबिनेट में 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए। मुख्यमंत्री ने कहा कि सभी जरूरतमंदों को आवास मिलेगा, ‘आवास प्लस’ में जिनका नाम है, उन्हें भी आवास दिया जाएगा। हमने किसानों से किया गया वादा निभाते हुए 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से 21 क्विंटल प्रति एकड़ धान खरीदी की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि 70 लाख से अधिक महिलाओं को ‘महतारी वंदन योजना’ की राशि सीधे उनके खातों में देकर आर्थिक समृद्धि और महिला सशक्तिकरण का द्वार खोला गया है। जो लाभार्थी अभी वंचित हैं, उन्हें भी जोड़ा जाएगा। तेंदूपत्ता संग्रहण की दर को 4000 रुपये से बढ़ाकर 5500 रुपये किया गया है। रामलला दर्शन योजना प्रारंभ कर हितग्राहियों को अयोध्या दर्शन कराया जा रहा है। मुख्यमंत्री तीर्थ योजना को पुनः शुरू कर इच्छुक परिवारों को अपने पसंद के तीर्थस्थल तक जाने की सुविधा दी जा रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि 24 अप्रैल से ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र शुरू किए गए हैं। इससे ग्रामीणों को गांव में ही बैंकिंग व अन्य सेवाओं की सुविधा मिलेगी। अभी यह सेवा 1460 पंचायतों में शुरू की गई है। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि सरकार तकनीक के उपयोग से भ्रष्टाचार के सभी रास्ते बंद कर रही है। रजिस्ट्री के साथ नामांतरण की प्रक्रिया को सरल किया गया है। पीएससी भर्ती में गड़बड़ी की जांच कर दोषियों पर कार्रवाई की गई है और आने वाले समय में निष्पक्ष व पारदर्शी तरीकों से नई भर्ती होगी।

संवाद के माध्यम से परखी योजनाओं की हकीकत

ग्राम कनकबीरा में अचानक पहुंचे मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्रामीणों से छत्तीसगढ़ी में संवाद किया। मुख्यमंत्री ने बिजली व्यवस्था, राशन वितरण और महतारी वंदन योजना की राशि के संबंध में हितग्राहियों से जानकारी ली। जल जीवन मिशन के तहत पेयजल आपूर्ति की स्थिति पर भी बात की। उन्होंने किसानों को धान के साथ-साथ मक्का, उड़द, मूंग आदि लाभकारी फसलें लेने को प्रेरित किया।

मंगल भवन, कन्या छात्रावास और पंचायत भवन की घोषणा

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कनकबीरा के आश्रित ग्राम नरगीखोल-लात नाले पर पुलिया, कनकबीरा में मंगल भवन और कन्या छात्रावास, तथा गोड़म में पंचायत भवन के निर्माण की घोषणा की।

*लसारंगढ़ के पूर्व विधायक को अपने पास बिठाया

ग्राम कनकबीरा में चौपाल के दौरान मुख्यमंत्री श्री साय की नजर नीचे बैठे पूर्व विधायक शमशेर सिंह पर पड़ी। उन्होंने उन्हें आत्मीयता से पास बुलाया और कुर्सी पर बैठाया। बातचीत में पूर्व विधायक ने बताया कि वे क्षेत्र में समाज सेवा और मंदिर निर्माण कार्य कर रहे हैं।

85 वर्षीय भागीरथी साहू को भेंट किया अपना साफा

85 वर्षीय भागीरथी साहू, जो लाठी के सहारे चौपाल तक पहुँचे थे, मुख्यमंत्री की बातों को ध्यानपूर्वक सुनते रहे। मुख्यमंत्री ने उनसे आत्मीयता से भेंट की और जाते समय अपना साफा उनके गले में डालकर सम्मान प्रकट किया।

इस अवसर पर मुख्य सचिव अमिताभ जैन, मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी दयानंद सहित अन्य अधिकारीगण उपस्थित थे।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कनकबीरा में दुर्गा मंदिर में पूजा-अर्चना की और समस्त प्रदेशवासियों की समृद्धि, सुख-शांति और उत्तम स्वास्थ्य की कामना की। उन्होंने ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि सरकार हर जरूरतमंद के साथ खड़ी है, और जनकल्याण ही सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता है।

स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने का विरोध : JCCJ नेताओं ने कहा – जोगी एक विचारधारा, जिसे कभी मिटाया नहीं जा सकता

रायपुर- गौरेला में रातोंरात छत्तीसगढ़ के पहले सीएम स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा हटाने का समर्थकों ने विरोध किया है. 24 घंटे के भीतर प्रतिमा का पुनर्स्थापना नहीं होने पर JCCJ ने पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी की चेतावनी दी है. आज जोगी निवास सिविल लाइन रायपुर में प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के संगठन मंत्री सौरभ झां व मुख्य प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा, इस घृणित और निंदनीय घटना ने छत्तीसगढ़ की पौने तीन करोड़ जनता की भावनाओं को आहत किया है. यह न केवल स्व. जोगी का अपमान है, बल्कि छत्तीसगढ़ की अस्मिता और जनभावनाओं पर कुठाराघात है.

JCCJ नेताओं ने कहा, जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) इस अमानवीय कृत्य की कड़े शब्दों में निंदा करती है और मांग करती है कि 24 घंटे के भीतर ज्योतिपुर चौक पर प्रतिमा की पुनर्स्थापना हो, दोषियों की पहचान कर कड़ी कार्रवाई की जाए और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर एफआईआर दर्ज हो।


सुशासन के दावों की खुली पोल : भगवानू नायक

भगवानू नायक ने कहा, इस घटना ने राज्य सरकार के “सुशासन” के दावों की पोल खोल दी है और साबित कर दिया है कि प्रशासनिक तंत्र निष्क्रिय होकर केवल दिखावटी कार्रवाई तक सीमित है. स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को क्षतिग्रस्त कर कचरे में फेंकना छत्तीसगढ़ के गौरव और स्व. जोगी की जन्मस्थली गौरेला की जनता के साथ विश्वासघात है. जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के प्रदेश संगठन महामंत्री सौरभ झा और मुख्य प्रवक्ता भगवानू नायक ने कहा कि स्व. जोगी छत्तीसगढ़िया स्वाभिमान, शांति, और विकास के प्रतीक थे. उनकी योजनाओं जैसे जोगी डबरी, एनएमडीसी और कवर्धा शुगर मिल ने किसानों और आदिवासियों के जीवन को समृद्ध किया. उनकी विचारधारा को मिटाने का कोई भी प्रयास कभी सफल नहीं हो सकता.

या तो जोगी की प्रतिमा लगेगी, या मेरी अर्थी उठेगी : अमित जोगी

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) के प्रदेश अध्यक्ष अमित जोगी ने घोषणा की है कि “या तो जोगी जी की प्रतिमा लगेगी, या मेरी अर्थी उठेगी.” वे प्रतिमा की पुनर्स्थापना तक आमरण अनशन पर रहेंगे. जोगी कांग्रेस कार्यकर्ताओं और स्थानीय नागरिकों ने सड़कों पर उतरकर विरोध शुरू कर दिया है, जिसमें पुतला दहन और आंदोलन शामिल हैं. जनता कांग्रेस ने सभी प्रदेशवासियों और जोगी समर्थकों से अपील की है कि दलगत भावनाओं से ऊपर उठकर इस जघन्य कृत्य की निंदा करें और स्व. जोगी के सम्मान में एकजुट हों.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ जे के रायपुर जिला अध्यक्ष माखन ताम्रकार ने कहा कि “स्व. अजीत जोगी छत्तीसगढ़ निर्माण के आधार थे. उनकी प्रतिमा को रात के अंधेरे में हटाकर कचरे में फेंकना न केवल उनकी स्मृति का अपमान है, बल्कि यह छत्तीसगढ़ की जनता की भावनाओं पर प्रहार है. यह घटना सत्ताधारी भाजपा सरकार की संकीर्ण मानसिकता को दर्शाती है. हम मांग करते हैं कि 24 घंटे के भीतर प्रतिमा पुनर्स्थापित हो अन्यथा जनता कांग्रेस पूरे प्रदेश में उग्र आंदोलन करेगी.”


जोगी की प्रतिमा हटाना छत्तीसगढ़िया अस्मिता का अपमान


पार्टी के नेताओं ने कहा स्व. अजीत जोगी की प्रतिमा को अपमानित करना छत्तीसगढ़ के युवाओं के स्वाभिमान पर हमला है. ज्योतिपुर चौक उनकी जन्मस्थली का प्रतीक है और वहां उनकी प्रतिमा को हटाकर श्यामा प्रसाद मुखर्जी की मूर्ति लगाने की साजिश निंदनीय है. युवा मोर्चा इस कृत्य के खिलाफ सड़कों पर उतरेगा और तब तक संघर्ष जारी रखेगा, जब तक प्रतिमा पुनः स्थापित नहीं हो जाती. स्व. अजीत जोगी ने छत्तीसगढ़ के युवाओं और छात्रों को एक नई दिशा दी. उनकी मूर्ति को कचरे में फेंकना छत्तीसगढ़ के भविष्य पर हमला है. यह केवल मूर्ति का नहीं, बल्कि छत्तीसगढ़िया अस्मिता का अपमान है.