बांग्लादेश में फिर होगा तख्तापलट! जानें मोहम्मद यूनुस के सामने कैसे बढ़ा संकट
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बांग्लादेश एक बार फिर बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ रहा है। 9 महीने बाद ही देश में फिर पहले ही वाले हालात पैदा हो गए हैं। दरअसल, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस जो वहां अंतरिम सरकार चला रहे हैं, उन्होंने इस्तीफे का संकेत दे दिया है। जिसका कारण राजनीतिक दलों में आपसी मतभेद, सुधारों में रुकावट और जनता का बढ़ता गुस्सा बताया जा रहा है। इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया और सेना के बीच तनाव की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही हैं। ऐसे में बांग्लादेश मे एक बार फिर सत्ता परिवर्तन और तख्तापलट को लेकर अटकलें लगने लगी है।
पिछले साल अगस्त में शेख हसीना को सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। लेकिन अब यूनुस चारों ओर से घिरते नजर आ रहे हैं। सेना, विपक्षी दल जैसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, और यहां तक कि उनके अपने समर्थक भी उनसे नाखुश हैं।
इस बीच यूनुस ने एक बैठक में कहा, मैं बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं। बिना राजनीतिक समर्थन के इस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं।
यूनुस के इस्तीफे की खबरें उस समय आई हैं जब सेना और अंतरिम सरकार के बीच भी तनाव की खबरें सामने आई हैं। खासकर दो मुद्दों पर मतभेद है – पहला चुनाव की समयसीमा – सेना चाहती है कि चुनाव दिसंबर तक हो जाएं। दूसरा म्यांमार के रखाइन राज्य में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर – सेना को इस पर आपत्ति है। तीन दिन पहले सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ मिलकर यूनुस से मुलाकात की और चुनाव की समयसीमा तय करने की बात दोहराई।
अगली सुबह सेना प्रमुख ने एक बैठक में कहा कि कई अहम फैसलों की जानकारी उन्हें नहीं दी गई, जिससे यह संकेत मिला कि सेना अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।सेना प्रमुख की कड़ी टिप्पणी के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और छात्रों की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता नाहिद इस्लाम के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। नाहिद ने बताया कि मोहम्मद यूनुस ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। इसके बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की तरफ कई बयान दिए गए, जिसमें यूनुस से इस्तीफा न देने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की गई।
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