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बांग्लादेश में फिर होगा तख्तापलट! जानें मोहम्मद यूनुस के सामने कैसे बढ़ा संकट

#bangladesh_political_crisis

बांग्लादेश एक बार फिर बड़े राजनीतिक संकट की ओर बढ़ रहा है। 9 महीने बाद ही देश में फिर पहले ही वाले हालात पैदा हो गए हैं। दरअसल, नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस जो वहां अंतरिम सरकार चला रहे हैं, उन्होंने इस्तीफे का संकेत दे दिया है। जिसका कारण राजनीतिक दलों में आपसी मतभेद, सुधारों में रुकावट और जनता का बढ़ता गुस्सा बताया जा रहा है। इस बीच अंतरिम सरकार के मुखिया और सेना के बीच तनाव की खबरें भी सुर्खियां बटोर रही हैं। ऐसे में बांग्लादेश मे एक बार फिर सत्ता परिवर्तन और तख्तापलट को लेकर अटकलें लगने लगी है।

पिछले साल अगस्त में शेख हसीना को सत्ता छोड़कर भारत भागना पड़ा था। इसके बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को अंतरिम सरकार का प्रमुख बनाया गया। लेकिन अब यूनुस चारों ओर से घिरते नजर आ रहे हैं। सेना, विपक्षी दल जैसे बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी, और यहां तक कि उनके अपने समर्थक भी उनसे नाखुश हैं।

इस बीच यूनुस ने एक बैठक में कहा, मैं बंधक जैसा महसूस कर रहा हूं। बिना राजनीतिक समर्थन के इस पद पर रहने का कोई मतलब नहीं।

यूनुस के इस्तीफे की खबरें उस समय आई हैं जब सेना और अंतरिम सरकार के बीच भी तनाव की खबरें सामने आई हैं। खासकर दो मुद्दों पर मतभेद है – पहला चुनाव की समयसीमा – सेना चाहती है कि चुनाव दिसंबर तक हो जाएं। दूसरा म्यांमार के रखाइन राज्य में मानवीय सहायता पहुंचाने के लिए प्रस्तावित कॉरिडोर – सेना को इस पर आपत्ति है। तीन दिन पहले सेना प्रमुख जनरल वाकर-उज-जमान ने नौसेना और वायुसेना प्रमुखों के साथ मिलकर यूनुस से मुलाकात की और चुनाव की समयसीमा तय करने की बात दोहराई। 

अगली सुबह सेना प्रमुख ने एक बैठक में कहा कि कई अहम फैसलों की जानकारी उन्हें नहीं दी गई, जिससे यह संकेत मिला कि सेना अपनी स्थिति मजबूत कर रही है।सेना प्रमुख की कड़ी टिप्पणी के बाद अंतरिम सरकार के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस और छात्रों की नवगठित नेशनल सिटिजन पार्टी (एनसीपी) के नेता नाहिद इस्लाम के बीच एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। नाहिद ने बताया कि मोहम्मद यूनुस ने इस्तीफा देने की पेशकश की है। इसके बाद राजनीतिक दलों और उनके नेताओं की तरफ कई बयान दिए गए, जिसमें यूनुस से इस्तीफा न देने का अनुरोध किया गया। इसके साथ ही सर्वदलीय बैठक बुलाने की मांग की गई।

शुभमन गिल नए टेस्ट कप्तान, इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम घोषित

#shubmangillbecomesnewcaptainofindian

इंग्लैंड दौरे के लिए नए टेस्ट टीम की घोषणा हो गई है। टीम इंडिया की सिलेक्शन कमिटी के चीफ और पूर्व भारतीय ऑलराउंडर अजीत अगरकर ने मुंबई में प्रेस कॉन्फ्रेंस लेते हुए शुभमन गिल को भारत का नया कप्तान घोषित किया। वहीं, ऋषभ पंत टेस्ट में नए उपकप्तान हैं। टीम के एलान से पहले बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक भी हुई।

टीम के एलान से पहले बीसीसीआई के शीर्ष अधिकारियों की एक बैठक भी हुई। बैठक में बीसीसीआई सचिव देवजीत सैकिया भी मौजूद रहे। लगभग साढ़े 12 बजे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड के सचिव देवजीत सैकिया, भारतीय टीम के सिलेक्टर्स अजय रात्रा, सुब्रत बनर्जी और अजीत अगरकर मीटिंग के लिए पहुंचे थे। इसमें नए टेस्ट कप्तान के नाम पर भी मुहर लगी। युवा बल्लेबाज शुभमन गिल को भारत की टेस्ट टीम का कप्तान नियुक्त किया गया है। वहीं, ऋषभ पंत टेस्ट में नए उपकप्तान हैं। बुमराह या केएल राहुल को जिम्मेदारी नहीं दी गई। इसके अलावा करुण नायर की सात साल बाद भारतीय टीम में वापसी हुई है। शार्दुल ठाकुर भी भारतीय टीम में वापसी कर रहे हैं। इसके अलावा भारतीय-ए टीम के कप्तान अभिमन्यू ईश्वरन को भी मौका दिया गया है। साई सुदर्शन और अर्शदीप सिंह टीम में नया चेहरा हैं।

इंग्लैंड दौरे के लिए ऐसी है टीम इंडिया

इंग्लैंड के खिलाफ पांच मैचों की टेस्ट सीरीज से शुभमन गिल अपना कार्यभार संभालेंगे। भारत का इंग्लैंड दौरा 20 जून से शुरू होगा। यह रोहित शर्मा और विराट कोहली के टेस्ट से संन्यास के बाद भारत की पहली सीरीज होगी। इंग्लैंड दौरे के लिए भारतीय टीम इस तरह हैः-

शुभमन गिल (कप्तान), ऋषभ पंत (उपकप्तान), यशस्वी जायसवाल, केएल राहुल, साई सुदर्शन, अभिमन्यु ईश्वरन, करुण नायर, नितीश कुमार रेड्डी, रवींद्र जडेजा, ध्रुव जुरेल, वाशिंगटन सुंदर, शार्दुल ठाकुर, जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा, आकाशदीप, अर्शदीप सिंह और कुलदीप यादव।

जर्मनी से एस जयशंकर की पाक को खुली चेतावनी, कहा-आतंकवाद बर्दाश्त नहीं करेंगे, यूरोपीय देशों से की खास अपील

#jaishankarwarnspakistan

भारत और पाकिस्तान तनाव के बीच विदेश मंत्री एस. जयशंकर यूरोप के दौरे पर है। जयशंकर तीन देशों की यात्रा पर हैं। उन्होंने पहले नीदरलैंड और डेनमार्क का दौरा किया। बर्लिन उनकी यात्रा का अंतिम पड़ाव था। बर्लिन में उन्होंने जर्मनी के कई बड़े नेताओं से मुलाकात की। विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बर्लिन में पहलगाम हमले की कड़ी निंदा की। जर्मन काउंसिल ऑन फॉरेन रिलेशंस में बातचीत के दौरान विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने पहलगाम आतंकी हमले और 'ऑपरेशन सिंदूर' पर बात की। उन्होंने कहा कि भारत आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं करेगा।

एस जयशंकर ने कहा, यह एक आतंकी हमला था, जो एक पैटर्न का हिस्सा है, जिसने न केवल जम्मू-कश्मीर बल्कि भारत के अन्य हिस्सों को भी निशाना बनाया है। इसका मकसद डर का माहौल बनाना और कश्मीर की पर्यटन अर्थव्यवस्था को नष्ट करना था। इसका मकसद धार्मिक मतभेद पैदा करना था। 'ऑपरेशन सिंदूर' के जरिए हम आतंकवाद का जवाब दे रहे थे। जब हमने जवाब दिया तो अंतरराष्ट्रीय स्तर पर काफी समझ थी। हमने आतंकी मुख्यालयों और आतंकी ठिकानों को निशाना बनाया। हमारा ऑपरेशन आतंकवाद के खिलाफ है। इस मामले में आतंकी पड़ोसी देश से आते हैं, क्योंकि उस देश ने कई सालों से आतंकवाद को एक हथियार के तौर पर इस्तेमाल किया है।

हम 80 साल से आतंकवाद झेल रहे हैं

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि 1947 में हमारी आजादी के बाद से ही पाकिस्तान ने कश्मीर में हमारी सीमाओं का उल्लंघन किया है। उसके बाद से आठ दशकों (80 साल) में हमने क्या देखा है? जयशंकर ने कहा कि आप लोग तो अब जागे हैं हम 80 साल से आतंकवाद और पाकिस्तान की हरकतों को झेल रहे हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान में लोकतंत्र को जितना कमजोर पश्चिमी देशों ने किया है, उतना किसी ने नहीं किया है।

जयशंकर ने कहा कि भारत ने सीमा पार आतंकवाद में पाकिस्तान के सैन्य प्रतिष्ठान की भूमिका को लगातार उजागर किया है और लंबे समय से यह कहा है कि इस्लामाबाद की सत्ता संरचना पर सेना का प्रभुत्व है, जो आतंकवादी समूहों को कश्मीर घाटी, अफगानिस्तान समेत पूरे उपमहाद्वीप में सपोर्ट करता रहा है।

वैश्विक मंच पर भारत अपनी बात बिना हिचक रख रहा-एस जयशंकर

जयशंकर ने वैश्विक गठबंधनों पर भी बात की। उन्होंने भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया के बीच बने क्वाड की तारीफ की। उन्होंने इसे एक लचीला और आधुनिक गठबंधन बताया, जो आज के बदलते वैश्विक माहौल में जरूरी है। यह गठबंधन देशों के हितों को ध्यान में रखकर काम करता है और क्षेत्रीय सुरक्षा को बढ़ावा देता है।

जयशंकर की यह टिप्पणी भारत और यूरोप के बीच संबंधों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत चाहता है कि यूरोप और अन्य पश्चिमी देश पाकिस्तान की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाएं और आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाएं। उनकी यह स्पष्ट बातचीत दिखाती है कि भारत अब वैश्विक मंच पर अपनी बात बिना किसी हिचक के रख रहा है।

टीम इंडिया की तरह काम करें केन्द्र और राज्य, नीति आयोग की बैठक में बोले पीएम मोदी

#nitiaayoggoverningcouncil10th_meeting



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक शनिवार को हुई। नई दिल्ली के भारत मंडपम में गवर्निंग काउंसिल की बैठक की अध्यक्षता प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने की। बैठक का विषय 'विकसित राज्य के लिए विकसित था। इस दौरान प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों पर काम करना चाहिए। उन्होंने सभी राज्यों से मिलकर काम करने और एक विकसित भारत के निर्माण का आह्वान किया। बैठक में एक राज्य, एक वैश्विक पर्यटन स्थल के विकास पर भी चर्चा हुई।

हर राज्य में कम से कम एक ऐसी जगह हो जो दुनिया भर में मशहूर हो-पीएम मोदी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक में कहा कि विकसित भारत हर भारतीय का सपना है। जब हर राज्य विकसित होगा, तभी भारत विकसित होगा। यह 140 करोड़ देशवासियों की आकांक्षा है। पीएम मोदी ने कहा कि हर राज्य को कम से कम एक पर्यटन स्थल को वैश्विक मानकों के अनुरूप विकसित करना चाहिए, जहां सभी सुविधाएं और आधारभूत संरचनाएं उपलब्ध हों। एक राज्य: एक वैश्विक गंतव्य यह दृष्टिकोण न सिर्फ पर्यटन को बढ़ावा देगा, बल्कि आस-पास के शहरों के विकास का माध्यम भी बनेगा। भारत तेजी से शहरीकरण की ओर बढ़ रहा है। हमें भविष्य के लिए तैयार शहरों की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा, ग्रोथ, इनोवेशन और सस्टेनबिलिटी हमारे शहरों के विकास का इंजन होना चाहिए। शहरों को ऐसा बनाना है कि वे आगे आने वाली चुनौतियों का सामना कर सकें।

केंद्र-राज्य टीम इंडिया की तरह काम करें

पीएम मोदी ने नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की मीटिंग में एक खास बात कही। उन्होंने कहा कि राज्य और केंद्र सरकार मिलकर टीम इंडिया की तरह काम करें। ऑपरेशन सिंदूर के बाद प्रधानमंत्री की सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों और केंद्र शासित प्रदेशों के उपराज्यपालों के साथ यह पहली बड़ी बैठक है। आम तौर पर, पूर्ण परिषद की बैठक हर साल होती है और पिछले साल यह 27 जुलाई को हुई थी।

तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने हिस्सा नहीं लिया

इस मीटिंग में कई राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल हुए।वहीं, एनडीए शासित पुडुचेरी सहित तीन दक्षिणी राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने बैठक में हिस्सा नहीं लिया। आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और तेलंगाना के मुख्यमंत्रियों एन. चंद्रबाबू नायडू, एमके स्टालिन और ए. रेवंत रेड्डी ने बैठक में शिरकत की। कांग्रेस शासित कर्नाटक के मुख्यमंत्री सिद्धारमैया राज्य में पूर्व व्यस्तताओं में व्यस्त थे। केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन ने अपनी ओर से अपने कैबिनेट सहयोगी के एन. बालगोपाल को भेजा। इसी तरह पुडुचेरी के मुख्यमंत्री एन रंगासामी भी इस बैठक में शामिल नहीं हुए।

बता दें कि यह बैठक केंद्र और राज्यों/केंद्र शासित प्रदेशों को एक मंच प्रदान करती है, जिससे देश के समक्ष मौजूद विकासात्मक चुनौतियों पर विचार-विमर्श किया जा सके और इस बात पर सहमति बन सके कि भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लिए राज्य किस प्रकार आधारशिला बन सकते हैं। इसमें उद्यमिता को बढ़ावा देने, कौशल विकास और टिकाऊ रोजगार सृजन जैसे विषयों पर भी चर्चा की जाएगी।

समय से पहले मॉनसून ने दी दस्तक, 8 दिन पहले पहुंचा केरल

#monsoontoarriveinkerala

केरल में मानसून ने दस्तक दे दी है। यह अपने तय समय से करीब एक सप्ताह पहले चल रहा है। केरल में मॉनसून के आने की सामान्य तिथि एक जून है, लेकिन इस बार केरल में मॉनसून सामान्य तिथि से पहले आ गया है। साल 2009 के बाद ये मॉनसून भारतीय भूमि पर सबसे जल्दी दस्तक देने वाला मॉनसून बन गया है। इस तरह इस साल केरल में मानसून का आगमन पिछले 16 वर्षों में सबसे जल्दी हुआ है।

मौसम विभाग (आईएमडी) ने पहले 27 मई के आसपास मानसून के केरल में पहुंचने का अनुमान लगाया था, लेकिन मानसून 3 दिन और पहले आ गया। दक्षिण-पश्चिम मानसून सामान्य तिथि से 8 दिन पहले केरल में प्रवेश कर चुका है। आम तौर पर दक्षिण-पश्चिम मॉनसून एक जून तक केरल पहुंचता है और आठ जुलाई तक पूरे देश में छा जाता है। यह 17 सितंबर के आसपास उत्तर-पश्चिम भारत से लौटना शुरू हो जाता है और 15 अक्टूबर तक पूरी तरह से वापस चला जाता है।

पिछले साल 30 मई को केरल पहुंचा था मॉनसून

पिछले साल मॉनसून केरल में 30 मई को पहुंचा था। साल 2023 में यह आठ जून को, 2022 में 29 मई को, 2021 में तीन जून को, 2020 में एक जून को, 2019 में आठ जून को और 2018 में 29 मई को केरल पहुंचा था। आईएमडी ने अप्रैल में 2025 के मॉनसून के मौसम में सामान्य से अधिक वर्षा का अनुमान जताया था। इसमें अल नीनो की स्थिति की संभावना को खारिज कर दिया गया था, जो भारतीय उपमहाद्वीप में सामान्य से कम बारिश से जुड़ी है।

2016 सबसे देरी से मानसून का आगमन

आमतौर पर मानसून केरल में 1 जून को दस्तक देता है। हालांकि, सबसे पहले 1918 में 11 मई को मानसून ने केरल में दस्तक दे दी थी। देरी से मानसून के आने का रिकॉर्ड 1972 में था, जब मानसूनी बारिश 18 जून से शुरू हुई थी। पिछले 25 वर्षों में सबसे देरी से मानसून का आगमन 2016 में हुआ था, जब मानसून ने 9 जून को केरल में प्रवेश किया था।

पाकिस्तान ने तीन युद्ध थोपकर पहले ही सिंधु जल समझौते का उल्लंघन किया, यूएन में भारत में पड़ोसी देश को लताड़ा

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अंतरराष्ट्रीय मंच पर भारत ने एक बार फिर पाकिस्तान को जमकर लताड़ा। संयुक्त राष्ट्र के मंच पर आज एक बार फिर भारत ने पाकिस्‍तान के झूठ की पोल खोली। भारत के स्थायी प्रतिनिधि ने पाकिस्तान के खिलाफ जोरदार हमला बोलते हुए विश्व समुदाय के सामने उसकी दोहरी नीतियों और आतंकपरस्‍त सोच पर हमला बोला। भारत ने सिंधु जल समझौते पर पाकिस्तान के दुष्प्रचार का मुंहतोड़ जवाब देते हुए संयुक्त राष्ट्र में कहा कि पाकिस्तान पहले ही भारत पर तीन युद्ध थोपकर और हजारों आतंकी घटनाएं कर सिंधु जल समझौते की भावना का उल्लंघन कर चुका है।

‘सिंधु जल समझौते का उल्लंघन कर रहा पाक’

संयुक्त राष्ट्र में भारत ने कहा कि पाकिस्तान ही सिंधु जल संधि का उल्लंघन कर रहा है। पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है। संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि पार्वथानेनी हरीश सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक में कहा कि सिंधु जल समझौते को लेकर पाकिस्तान के प्रतिनिधिमंडल द्वारा दुष्प्रचार किया जा रहा है। भारत ने हमेशा जिम्मेदारी भरा व्यवहार किया है। भारतीय प्रतिनिधि पी हरीश ने कहा कि 65 साल पहले भारत ने अच्छी भावना के साथ पाकिस्तान के साथ सिंधु जल समझौता किया था। समझौते की प्रस्तावना का उल्लेख करते हुए पी हरीश ने कहा कि प्रस्तावना में साफ लिखा गया है कि ये समझौता अच्छी भावना और दोस्ती के साथ किया गया, लेकिन पाकिस्तान ने बीते 65 वर्षों में इस भावना का साफ उल्लंघन किया

‘भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले थोपे’

हरीश ने कहा, भारत ने 65 साल पहले अच्छे विश्वास के साथ सिंधु जल संधि की थी। पाकिस्तान ने भारत पर तीन युद्ध और हजारों आतंकी हमले करके इसकी भावना का उल्लंघन किया है। 20,000 से ज्यादा भारतीय लोगों की जान चली गई है, हाल ही में पहलगाम में आतंकी हमला हुआ। भारत ने हमेशा धैर्य और उदारता दिखाई है। पाकिस्तान का राज्य प्रायोजित सीमा पार आतंकवाद नागरिकों के जीवन और आर्थिक समृद्धि को बंधक बनाना चाहता है।

‘पाकिस्तान का अड़ियल रवैया’

हरीश ने कहा, इन 65 सालों में बांध के बुनियादी ढांचे के लिए तकनीक बदल गई है ताकि संचालन और पानी के उपयोग की सुरक्षा और दक्षता सुनिश्चित हो सके। कुछ पुराने बांधों में सुरक्षा संबंधी चिंताएं हैं। पाकिस्तान ने संधि के तहत अनुमत इस बुनियादी ढांचे में किसी भी बदलाव को लगातार रोका है। 2012 में, आतंकवादियों ने जम्मू कश्मीर में तुलबुल नेविगेशन प्रोजेक्ट पर हमला किया, जिससे हमारी परियोजनाओं और नागरिकों की जान को खतरा बना रहा। उन्होंने संयुक्त राष्ट्र में बताया कि भारत ने पाकिस्तान से पिछले 2 वर्षों में संधि में संशोधन पर चर्चा करने के लिए कहा है। लेकिन पाकिस्तान का अड़ियल रवैया इस अभ्यास को करने से रोकता है।

यूएन में पाकिस्तान ने क्या कहा?

दरअसल, शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र में सुरक्षा परिषद की एरिआ फार्मूला बैठक का आयोजन किया गया। इस बैठक का मुद्दा संघर्ष में पानी की सुरक्षा था। इस बैठक में पाकिस्तान ने भारत पर सिंधु जल समझौता तोड़ने के लिए बेबुनियाद और भ्रामक आरोप लगाए।संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान के राजदूत असीम इफ्तिखार अहमद ने अपने भाषण में कश्मीर मुद्दे को उठाया था। साथ ही भारत और पाकिस्तान के बीच हाल के संघर्ष के बारे में भी बात की।

कोरोना ने बढ़ा दी टेंशन, हफ्तेभर में तेजी से बढ़े वायरस, जानें राज्य में कितने मामले?

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साल 2020 से 2022 तक देश के साथ ही पूरी दुनिया में कोहराम मचाने वाला घातक कोरोना वायरस से होने वाला संक्रमण एक बार फिर तेजी से फैल रहा है। दुनियाभर में एक बार फिर से कोरोना वायरस का संक्रमण बढ़ता हुआ देखा जा रहा है। इस नई लहर का प्रकोप एशियाई देशों में सबसे ज्यादा है। कोरोना की ये लहर अब भारत में भी दस्तक दे चुकी है। भारत में विशेषकर मुंबई, चेन्नई, अहमदाबाद, केरल और तमिलनाडु में कोविड संक्रमण के मामले तेजी से सामने आए हैं

केरल में मई महीने में अब तक कोरोना के 273 नए मामले

केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने दक्षिण-पूर्व एशिया में मामलों में वृद्धि के बाद दक्षिणी राज्य के सभी जिलों से कोविड-19 निगरानी बढ़ाने का आग्रह किया है। जॉर्ज ने कहा कि स्वास्थ्य अधिकारियों को संक्रमण में किसी भी वृद्धि पर बारीकी से नज़र रखनी चाहिए और त्वरित कार्रवाई करनी चाहिएय़ उन्होंने यहां जिला चिकित्सा और निगरानी अधिकारियों के साथ बैठक के दौरान यह टिप्पणी की. मंत्री ने कहा कि मई में केरल में कोविड-19 के 273 मामले सामने आए। सबसे ज्‍यादा मामले कोट्टायम में 82 थे, उसके बाद तिरुवनंतपुरम में 73, एर्नाकुलम में 49, पठानमथिट्टा में 30 और त्रिशूर में 26 मामले थे। जॉर्ज ने समय रहते रिपोर्ट करने के महत्व पर ज़ोर दिया और कहा कि वायरस को नियंत्रित करने के लिए स्व-देखभाल महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा कि खांसी, गले में खराश या सांस लेने में समस्या जैसे लक्षणों वाले लोगों को मास्क पहनना चाहिए।

दिल्‍ली में कोरोना के 23 नए मामले

दिल्‍ली में कोरोना संक्रमण के 23 नए मामले सामने आए हैं। इसके बाद अस्पतालों से बिस्तरों, ऑक्सीजन, जरूरी दवाइयों, वैक्सीन, वेंटिलेटर, बाय-पैप, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर आदि की उपलब्धता सुनिश्चित करने के लिए कहा गया है। कोविड ड्यूटी में लगे स्टाफ को आवश्यकतानुसार रिफ्रेशर प्रशिक्षण दिया जाएगा। सभी स्वास्थ्य संस्थानों को आईएलआई और एसएआरआई मामलों की रोजाना आईएचआईपी पोर्टल पर रिपोर्टिंग करनी होगी।

हरियाणा में कोविड के चार नए मामले

हरियाणा में चार नए कोविड मामले सामने आने के बाद, प्रदेश की स्वास्थ्य मंत्री आरती सिंह राव ने कहा कि राज्य का स्वास्थ्य विभाग सार्वजनिक सुरक्षा और तैयारियों को सुनिश्चित करने के लिए स्थिति पर बारीकी से नज़र रख रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि घबराने की कोई बात नहीं है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि हरियाणा में वर्तमान में चार सक्रिय कोविड-19 मामले हैं – दो गुरुग्राम में और दो फरीदाबाद में – जिनका कोई अंतरराष्ट्रीय यात्रा इतिहास नहीं है। इसमें कहा गया है कि मामले – दो पुरुष और दो महिला मरीज – हल्के हैं और वर्तमान में नियमित चिकित्सा देखरेख में घर पर ही क्वारंटीन हैं। बयान में कहा गया है कि सभी चार व्यक्तियों को पहले कोविड-19 के खिलाफ टीका लगाया गया था, जिससे लक्षणों को कम रखने में मदद मिली।

गुजरात में कोरोना के 15 नए मामले

गुजरात में लंबे अंतराल के बाद कोरोना वायरस के 15 नए मामले सामने आए हैं। अधिकारियों ने लोगों से घबराने की अपील नहीं की है, क्योंकि मौजूदा वैरिएंट कम गंभीर है।उन्होंने बताया कि सभी मरीजों का इलाज घर पर ही किया जा रहा है। अतिरिक्त निदेशक (सार्वजनिक स्वास्थ्य) डॉ. नीलम पटेल ने बताया कि गुजरात में वर्तमान में कोविड-19 के जेएन.1 वैरिएंट के 15 सक्रिय मामले हैं। उन्होंने बताया कि यह वैरिएंट ओमिक्रॉन परिवार से आता है, जिसे पहली बार अगस्त 2023 में खोजा गया था। पटेल ने गांधीनगर में कहा, ‘गुजरात में सक्रिय मामलों में से 13 अहमदाबाद शहर में हैं और एक-एक राजकोट शहर और अहमदाबाद ग्रामीण में है। ये मामले ओमिक्रॉन जेएन.1 वैरिएंट के हैं, जो कम गंभीर है। यह गुजरात या भारत के लिए इस समय बहुत चिंता का विषय नहीं है।’ उन्होंने कहा कि हाल के हफ्तों में चीन, थाईलैंड और सिंगापुर जैसे देशों में हजारों मामले सामने आए हैं और यह स्वाभाविक है कि संक्रमण भारत में फैल गया है, क्योंकि लोग एक जगह से दूसरी जगह यात्रा करते हैं। पटेल ने बताया कि गुजरात में कोविड के एक मरीज ने सिंगापुर की यात्रा की थी।

आतंकवाद के खिलाफ वैश्विक जनमत तैयार कर रहा भारत, 4 और सर्वदलीय टीम विदेश रवाना

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ऑपरेशन सिंदूर और पाकिस्तान के सीमापार से फैलाए जा रहे आतंकवाद पर भारत के पक्ष को वैश्विक स्तर पर रखने के लिए सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल को दुनिया के कई देशों में भेजा रहा है। पाकिस्तान के झूठ को दुनिया के सामने उजागर करने के लिए भारत ने 7 सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल बनाए हैं। इनमें से तीन ग्रुप पहले ही अलग-अलग देशों में जाकर आतंकवाद के मुद्दे पर पाकिस्तान को बेनकाब कर रहे हैं, तो वहीं बाकी के 4 ग्रुप आज से रवाना हो गए। कांग्रेस सांसद शशि थरूर की अगुवाई में एक सर्वदलीय संसदीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका रवाना हो चुका है।

कौन ग्रुप कहां जा रहा है?

ग्रुप 1: बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा के नेतृत्व में एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी सहित 8 सदस्यीय टीम सऊदी अरब, बहरीन, कुवैत और अल्जीरिया का दौरा करेगी।

ग्रुप 2: वरिष्ठ बीजेपी नेता रवि शंकर प्रसाद की अगुवाई में 8 सदस्यीय टीम यूके, फ्रांस, इटली, जर्मनी और यूरोपीय यूनियन का दौरा कर रही है।

ग्रुप 5: कांग्रेस सांसद शशि थरूर के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल अमेरिका, ब्राज़ील, गुयाना, पनामा और कोलंबिया में भारत की आवाज़ बुलंद करेगा।

ग्रुप 7: सुप्रिया सुले के नेतृत्व में 9 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल मिस्र, इथियोपिया, कतर और दक्षिण अफ्रीका की यात्रा करेगा।

भारत पिछले कई वर्षों से पीड़ित- थरूर

अमेरिका समेत पांच साझेदार देशों के लिए रवाना होने वाले एक सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल के नेता के रूप में कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल आतंकवाद पर भारत के रुख को साझा करेगा और दुनिया को बताएगा कि भारत पिछले कई वर्षों से किस तरह से पीड़ित है। मीडिया से बात करते हुए शशि थरूर ने कहा कि प्रतिनिधिमंडल अमेरिका में 9/11 स्मारक का दौरा करेगा। गुयाना में प्रतिनिधिमंडल स्वतंत्रता दिवस समारोह में भाग लेगा और अधिकारियों से मुलाकात करेगा। उन्होंने कहा, 'हम वहां लोगों को अपने अनुभव के बारे में बताने जा रहे हैं, हमने जो किया, वह क्यों किया और भविष्य में भारत का रवैया क्या होगा। हम लोगों से मिलेंगे और पिछले कई सालों से जो झेल रहे हैं, उसे साझा करेंगे।

पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा-ओवैसी

एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी ने कहा, मैं ग्रुप 1 का हिस्सा हूं जिसका नेतृत्व बीजेपी सांसद बैजयंत पांडा कर रहे हैं। सबसे पहले हम बहरीन जाएंगे। फिर हम कुवैत जाएंगे, फिर सऊदी अरब और अंत में अल्जीरिया जाएंगे। इसके साथ ही उन्होंने कहा, पहलगाम की दर्दनाक घटना, हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान आतंकवादी शिविर चला रहा है और उनका समर्थन कर रहा है। ये आतंकवादी भारत में आते हैं और आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देते हैंय़ हम इन चारों देशों से इन चीजों के बारे में बात करेंगे।

पाकिस्तान पर फिर सख्त एक्शन, भारत ने उच्चायोग में काम कर रहे पाक अधिकारी को देश छोड़ने का आदेश दिया

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भारत सरकार ने पाकिस्तान हाई कमीशन के एक अधिकारी को 24 घंटे के अंदर देश छोड़ने का आदेश दिया है। भारत सरकार ने नई दिल्ली स्थित स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग में कार्यरत वहां के एक अधिकारी को पर्सोना नॉन ग्राटा घोषित कर दिया है और उससे 24 घंटे में देश छोड़ने के लिए कहा है। भारत ने यह कार्रवाई पाकिस्तानी अधिकारी के अपने कार्यक्षेत्र के इतर अन्य तरह की संदिग्ध गतिविधियों में शामिल होने के कारण की है।

भारतीय सेना की जासूसीका आरोप

विदेश मंत्रालय के अनुसार यह कर्मचारी पंजाब में भारतीय सेना की जासूसी से जुड़ी एक्टिविटी को अंजाम दे रहा था। लिहाजा उसे 24 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि पाक अधिकारी को भारत में अपने आधिकारिक दर्जे के विपरीत गतिविधियों में संलिप्त होने के कारण अवांछित व्यक्ति घोषित कर दिया है। इस मामले में पाकिस्‍तानी हाई-कमीशन के चार्ज डी’अफेयर्स साद अहमद वर्रैच को डिमार्श जारी कर चेतावनी दी गई कि कोई भी पाकिस्तानी राजनयिक अपनी विशेषाधिकारों का दुरुपयोग न करे।

पहले भी दानिश को दिया देश छोड़ने का आदेश

भारत सरकार ने यह फैसला ऐसे समय में लिया है जब दोनों देशों के बीच तनातनी चरम पर है। भारत सरकार ने इससे पहले पाकिस्तानी दूतावास में कार्यरत अधिकारी अहसान-उर-रहीम उर्फ दानिश को जासूसी गतिविधियों में शामिल होने के कारण 13 मई को देश छोड़ने का आदेश दिया था। दानिश का कनेक्शन पाकिस्तानी जासूस ट्रेवल ब्लॉगर ज्योति मल्होत्रा के साथ था। ज्योति पाकिस्तान उच्चायोग में आयोजित इफ्तार पार्टी में शामिल हुई थी।

साल 2023 में ज्योति मल्होत्रा की मुलाकात दानिश से हुई थी, जब वह पहली बार एक डेलिगेशन के साथ पाकिस्तान गई थी। भारत वापस आने के बाद भी ज्योति दानिश के संपर्क में थी। दानिश की सिफारिश के बाद उसने पाकिस्तान की दूसरी बार यात्रा की।

चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्‍तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्‍तार

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चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।

बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई। 

बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।

पाकिस्‍तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश

पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।

क्या चाहता है चीन?

-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.

-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.

-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए

नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर

पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।