चीन बढ़ा रहा भारत की टेंशनः पाकिस्तान-तालिबान के साथ मिलकर चली नई चाल, काबुल तक होगा CPEC का विस्तार
#chinameditatespakistanortaliban
![]()
चीन ये तो अच्छी तरह जानता है कि भारत का मुकाबला करने के लिए उसे साथियों की जरूरत है। यही कारण है कि चीन ने भारत को टेंशन देने वाली बड़ी चाल चली है। भारत के खिलाफ पाकिस्तान के साथ खुलकर खड़े होने के बाद चीन एक और साजिश कर रहा है। चीन, पाकिस्तान और तालिबान के बीच सुलह समझौता करवाने में जुटा है। ऑपरेशन सिंदूर के दौरान भारत के साथ खड़ी तालिबान सरकार को चीन साधने में लगा हुआ है। बुधवार को चीन-पाकिस्तान और अफगानिस्तान ने एक बड़ा फैसला लिया है, भारत की टेंशन बढ़ाने वाला है।
बुधवार को इशाक डार ने चीनी विदेश मंत्री वांग यी और अफगानिस्तान के अंतरिम विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से मुलाकात की। इस दौरान बीजिंग की महत्वाकांक्षी बेल्ट एंड रोड पहल के तहत बन रहे चीन पाकिस्तान आर्थिक गलियारे (सीपीईसी) को अफगानिस्तान तक विस्तारित करने पर सहमति व्यक्त की गई।
बैठक के बाद इशाक डार ने कहा, पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति, स्थिरता और विकास के लिए एक साथ खड़े हैं। उन्होंने तीनों नेताओं की एक साथ तस्वीर भी साझा की। इशाक डार ने सोशल मीडिया पर लिखा कि पाकिस्तान, चीन और अफगानिस्तान क्षेत्रीय शांति और विकास के लिए एकजुट हैं। बैठक में बेल्ट एंड रोड इनिशिएटिव (बीआरआई) को बढ़ावा देने और सीपीईसी को अफगानिस्तान तक ले जाने का फैसला हुआ। आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई और क्षेत्र में स्थिरता के लिए भी प्रतिबद्धता जताई गई है।
पाकिस्तान-तालिबान का तनाव कम करने की कोशिश
पाकिस्तान के विदेश मंत्री तीन दिवसीय बीजिंग यात्रा पर हैं, जो भारत द्वारा पाकिस्तान और इसके कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) में आतंकवादी स्थलों को निशाना बनाकर शुरू किए गए ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद पहली उच्चस्तरीय वार्ता है। इस बैठक में सीपीईसी को लेकर चर्चा भले हुई है, लेकिन असल में इसे चीन की अपने पक्के दोस्त पाकिस्तान और अफगान तालिबान के बीच तनाव कम कराने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है।
क्या चाहता है चीन?
-चीन की कोशिश है कि फिर से पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच पुराने रिश्ते बहाल हो. दोनों ही देश आपसी भाईचारे के साथ रहे. पिछले कुछ सालों से तालिबान और पाकिस्तान के बीच के रिश्ते ठीक नहीं चल रहे है.
-चीन की कोशिश अपना व्यापार अफगानिस्तान तक बढ़ाने की है. इसी कड़ी में चीन ने अफगानिस्तान में CPEC प्रोजेक्ट को विस्तार करने का फैसला किया है. यह प्रोजेक्ट अभी पाकिस्तान में है.
-चीन की कोशिश भारत को अफगानिस्तान में रोकने की है. 10 मई को काबुल में जो बैठक हुई थी, उसमें चीन और पाकिस्तान ने तालिबान से कहा था कि भारत को सिर्फ कूटनीतिक दायरे तक सीमित किया जाए
नई दिल्ली-काबुल के सुधरते रिश्तों पर चीन का बुरी नजर
पाकिस्तान और अफगानिस्तान के बीच संबंधों को सुधारने की कोशिश ऐसे समय में हो रही है, जब नई दिल्ली और काबुल के रिश्ते हाल के दिनों में तेजी से गहरे हुए हैं। बीती 15 मई को भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कार्यवाहक अफगान विदेश मंत्री आमिर खान मुत्ताकी से बात की थी, जिसमें दोनों देशों ने एक दूसरे के साथ सहयोग को और गहरा करने पर चर्चा की थी। यह अफगानिस्तान में तालिबान प्रशासन की वापसी के बाद पहली मंत्री स्तरीय बातचीत थी। ऐसे में सवाल है कि क्या चीन की कोशिश के बाद तालिबान पाकिस्तान को लेकर नरम रुख अपनाएंगे।
May 21 2025, 20:09