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मुख्यमंत्री ने तिरंगा यात्रा के अवसर पर शहीदों के परिजनों को शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज जशपुर जिले के दुलदुला तहसील के चराईडाड़ गांव में तिरंगा यात्रा में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने गांव के शिव मंदिर के प्रांगण में शहीदों के परिजनों को शाल और श्रीफल भेंटकर सम्मानित किया।

मुख्यमंत्री ने आपरेशन सिंदूर की सफलता पर भारतीय सेना के प्रति सम्मान और राष्ट्र की एकता और अखंडता के लिए एकजुटता प्रकट करने के उद्देश्य से हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत की।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर बगीचा विकासखंड के शहीद जवान एल. के. तिर्की की पत्नी रोजालिया तिर्की, शहीद जवान एमानुएल केरकेट्टा की पत्नी निर्मला केरकेट्टा, शहीद जवान अलेक्जेंडर लकडा की पत्नी अल्मा लकड़ा, शहीद जवान प्रभु प्रकाश की पत्नी ईमालिया एक्का, शहीद जवान सुनीत लकड़ा के परिजन ऐलिन लकड़ा, शहीद जवान एच. सी. इलिसियुस लकड़ा के परिजन कान्ति लकड़ा और जशपुर विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक नायक राजू राम, कांसाबेल विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक स्वर्गीय रजनीश बड़ा के परिजन मनोभा केरकेट्टा, कुनकुरी विकास खंड के भूतपूर्व सैनिक स्वर्गीय फबीयानोस लकड़ा की पत्नी सुशन लकड़ा और शहीद जवान सिमोन केरकेट्टा की बहु माटिल्डा केरकेट्टा को सम्मानित किया।

विधायक जशपुर रायमुनी भगत, नगर पालिका अध्यक्ष अरविन्द भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, पद्मश्री जगेश्वर यादव, विक्रमादित्य सिंह जूदेव, भरत साय, सुनील गुप्ता, कृष्णा राय, सरगुजा कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक कुमार झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण, आम नागरिक तिरंगा यात्रा में शामिल हुए।

नक्सलियों से शांति वार्ता को लेकर गृहमंत्री विजय शर्मा ने दिया बड़ा बयान, कहा- डायरेक्ट बात करेंगे तो सरकार चर्चा को है तैयार…

सुकमा- गृहमंत्री विजय शर्मा ने आज सुकमा के चिंगावरम पहुंचकर 15 साल पहले नक्सल हमले में शहीद हुए 32 लोगों को विनम्र श्रद्धांजली दी. साल 2010 में आज ही की तारीख (17 मई) को नक्सलियों द्वारा किए गए IED ब्लास्ट में 32 लोगों की जान चली गई थी. आज इस घटना को पूरे 15 साल पूरे हो गए. अपने एक दिवसीय दौरे पर चिंगावरम पहुंचे गृहमंत्री शर्मा ने यहां उन सभी शहीदों को नमन करते हुए नक्सलियों द्वारा शांति वार्ता के प्रस्ताव पर बड़ा बयान दिया है.

उन्होंने कहा कि नक्सली डायरेक्ट सरकार से वार्ता करेंगे, तो हम भी बात करने को तैयार हैं. यानि अगर माओवादी संगठन सरकार से सीधे बात करने को तैयार होंगे, तो सरकार भी नक्सलियों से शांति वार्ता पर चर्चा करने को तैयार है.

2026 तक नक्सवाद खत्म करने का है लक्ष्य

आपको बता दें, केंद्रीय गृहमंत्री द्वारा प्रदेश में नक्सलवाद को खत्म करने के लिए समय सीमा और लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इसके तहत राज्यो में सुरक्षा बल के जवान लगातार सर्चिंग ऑपरेशन चलाकर नक्सलियों समेत उनके हथियार, दैनिक जीवन उपयोगी सामग्री के सोर्सेज का भी खात्मा कर रहे हैं. इससे नक्सल संगठनों पर दबाव काफी अधिक बढ़ गया है. वहीं जवानों की कार्रवाई से घबराए कई नक्सलियों ने आत्मसमर्पण भी कर दिया है.

बढ़ते दबाव से परेशान नक्सलियों ने की शांति वार्ता की मांग

हाल के दिनों में छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर बड़ा एंटी नक्सल ऑपरेशन चलाया गया. यहां स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी पर पहले नक्सलियों का कब्जा हुआ करता था, लेकिन जवानों ने इस पर भी फतेह हासिल कर तिरंगा लहरा दिया. इसी बीच बढ़ते दबाव को देखते हुए नक्सल संगठन ने पत्र जारी कर सरकार को शांति वार्ता का प्रस्ताव भेजा था और कार्रवाई रोकने की मांग की थी. हालांकि सरकार ने इससे इनकार करते हुए उन्हें केवल 2 विकल्प दिए थे. पहला- आत्म समर्पण कर मुख्यधारा से जुड़ने का और दूसरा- जवानों की कार्रवाई का सामना करने का.

नक्सलवाद के खिलाफ लगातार मिल रही सफलता के बाद अब गृहमंत्री शर्मा ने शांति वार्ता के लिए कहा कि सीधी बात करने की स्थिति में सरकार भी नक्सलियों से शांति वार्ता करने को तैयार हैं.

छत्तीसगढ़ में शिक्षकों और शालाओं का युक्तियुक्तकरण, स्कूलों की गुणवत्ता सुधारने की दिशा में बड़ा कदम…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रदेश की स्कूली शिक्षा व्यवस्था को अधिक सशक्त, संतुलित और गुणवत्तापूर्ण बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों के युक्तियुक्तकरण किए जाने की पहल की है। यह निर्णय राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 एवं शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के दिशा-निर्देशों के अनुरूप लिया गया है, ताकि शिक्षक संसाधनों का अधिकतम और समान उपयोग सुनिश्चित किया जा सके।

प्रदेश में वर्तमान में 30 हजार 700 शासकीय प्राथमिक शालाएं संचालित हो रही हैं, जिनमें छात्र-शिक्षक अनुपात 21.84 है। वहीं 13 हजार 149 पूर्व माध्यमिक शालाओं में यह अनुपात 26.2 है, जो राष्ट्रीय औसत की तुलना में बेहतर स्थिति को दर्शाता है। इसके बावजूद कई विद्यालयों में शिक्षक संसाधनों की कमी देखने को मिल रही है। वर्तमान में प्रदेश की 212 प्राथमिक शालाएं पूर्णतः शिक्षक विहीन हैं, जबकि 6,872 प्राथमिक शालाएं एकल शिक्षकीय हैं। इसी प्रकार 48 पूर्व माध्यमिक शालाएं शिक्षक विहीन हैं तथा 255 शालाएं एकल शिक्षकीय श्रेणी में आती हैं।

शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अनुसार, प्राथमिक शालाओं में 60 छात्रों तक 2 सहायक शिक्षक तथा प्रत्येक 30 अतिरिक्त छात्रों पर एक अतिरिक्त सहायक शिक्षक रखने का प्रावधान है। पूर्व माध्यमिक शालाओं में 105 छात्रों तक 3 शिक्षक और 1 प्रधान पाठक, तथा प्रत्येक 35 छात्रों पर एक अतिरिक्त शिक्षक नियुक्त किया जाना है। छत्तीसगढ़ में कई प्राथमिक विद्यालयों में प्रधान पाठक के पद अधिनियम के लागू होने से पहले से स्वीकृत हैं, इसलिए शिक्षक गणना में इन पदों को भी सम्मिलित किया गया है। वर्ष 2008 के बाद प्रारंभ हुए विद्यालयों में प्रधान पाठक का पद स्वीकृत नहीं है।

प्रदेश में इस समय प्राथमिक शालाओं में कुल 77 हजार 845 सहायक शिक्षक कार्यरत हैं, जबकि पूर्व माध्यमिक शालाओं में 55 हजार 692 शिक्षक कार्यरत हैं। यदि शिक्षक विहीन प्राथमिक शालाओं में 2-2 तथा एकल शिक्षकीय शालाओं में 1-1 अतिरिक्त शिक्षक की नियुक्ति की जाए तो कुल 7 हजार 296 सहायक शिक्षकों की आवश्यकता होगी, जबकि उपलब्ध अतिशेष सहायक शिक्षक केवल 3 हजार 608 हैं। इसी प्रकार पूर्व माध्यमिक स्तर पर शिक्षक विहीन शालाओं में 4, एकल शिक्षकीय में 3, दो शिक्षकीय में 2 और तीन शिक्षकीय में 1 अतिरिक्त शिक्षक की आवश्यकता होगी। इस मानक के अनुसार कुल 5 हजार 536 शिक्षकों की आवश्यकता बनती है, जबकि केवल 1 हजार 762 शिक्षक ही अतिशेष हैं।

इससे यह स्पष्ट है कि राज्य में शिक्षकों की संख्या पर्याप्त होने के बावजूद उनका वितरण असमान है। कुछ विद्यालयों में जहां शिक्षक नहीं हैं, वहीं अन्य विद्यालयों में आवश्यकता से अधिक शिक्षक पदस्थ हैं। उदाहरण के लिए, लगभग 1 हजार 500 प्राथमिक शालाएं ऐसी हैं जहां 5 या उससे अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। इसी प्रकार 3 हजार 465 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 5 शिक्षक तथा 1 हजार 700 पूर्व माध्यमिक शालाओं में 5 से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। यह असंतुलन शिक्षा की गुणवत्ता में बाधक है, जिसे युक्तियुक्तकरण द्वारा सुधारा जा सकता है। उच्च माध्यमिक व हाई स्कूलों में शिक्षकों की नियुक्ति विषय-वार सेटअप के अनुसार होती है, इस कारण वहाँ अतिशेष शिक्षकों की संख्या अपेक्षाकृत नगण्य है।

युक्तियुक्तकरण की प्रक्रिया को लेकर यह स्पष्ट किया गया है कि यह किसी भी विद्यालय को बंद करने की प्रक्रिया नहीं है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 में प्रस्तावित क्लस्टर विद्यालय अवधारणा के अनुरूप एक ही परिसर में संचालित प्राथमिक, पूर्व माध्यमिक और उच्च माध्यमिक विद्यालयों का युक्तियुक्तकरण किया जा रहा है। इस प्रक्रिया में केवल प्रशासनिक समन्वय होगा, न कि किसी विद्यालय या पद की समाप्ति। उदाहरण के लिए, यदि किसी परिसर में तीनों स्तर के विद्यालय हैं, तो प्राथमिक और पूर्व माध्यमिक विद्यालयों का समायोजन उच्चतर विद्यालय परिसर में किया जाएगा, जिससे भविष्य में बेहतर अधोसंरचना और शैक्षिक संसाधन उपलब्ध कराए जा सकेंयुक्तियुक्तकरण के लाभ-

शिक्षक विहीन एवं एकल शिक्षकीय विद्यालयों में अतिशेष शिक्षकों की तैनाती संभव होगी। अतिरिक्त शिक्षक की उपलब्धता बढ़ेगी। स्थापना व्यय में कमी आएगी। एक ही परिसर में पढ़ाई की निरंतरता से बच्चों के ड्रॉपआउट में कमी आएगी। लगभग 89 प्रतिशत बच्चों को तीन बार अलग-अलग स्तरों पर प्रवेश लेने की आवश्यकता नहीं होगी। छात्र ठहराव दर में वृद्धि होगी। मजबूत अधोसंरचना प्रदान करना सुगम होगा।

छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास शिक्षकों के संसाधनों का बेहतर और समान वितरण सुनिश्चित करने की दिशा में एक दूरदर्शी एवं व्यावहारिक कदम है। इससे न केवल शालाओं की कार्यप्रणाली में सुधार होगा, बल्कि विद्यार्थियों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा का लाभ भी सुलभ रूप से प्राप्त होगा।।

तिरंगा यात्रा में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, कहा- पीएम मोदी और देश के सैनिकों को बहादुरी और अदम्य साहस के लिए करते हैं सलाम…

रायपुर-   "ऑपरेशन सिंदूर" की सफलता पर आज जशपुर जिले के दुलदुला विकासखंड के चराईडांड में देशभक्ति से ओत-प्रोत तिरंगा यात्रा निकली गई। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने गांव के शिव मंदिर से आम बगीचा तक निकली गई इस भव्य यात्रा का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री के साथ हाथों में तिरंगा लिए जशपुर विधायक रायमुनि भगत , नगर पालिका अध्यक्ष अरविन्द भगत, जिला पंचायत अध्यक्ष सालिक साय, जिला पंचायत उपाध्यक्ष शौर्य प्रताप सिंह जूदेव, भरत सिंह, विक्रमादित्य सिंह जूदेव, सुनील गुप्ता, कृष्णा राय, सरगुजा कमिश्नर नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आईजी दीपक झा, कलेक्टर रोहित व्यास, एसएसपी शशि मोहन सिंह, जिला पंचायत सीईओ अभिषेक कुमार, जनप्रतिनिधिगण, पंचायत एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधि, अधिकारी, आम नागरिक, बच्चे एवं जवान तिरंगा यात्रा में शामिल हुए।

लोग हाथ में तिरंगा लेकर उत्साहपूर्वक यात्रा में शामिल हुए। यात्रा के दौरान ‘भारत माता की जय’, ‘वंदे मातरम्’ और ‘जय हिंद’ के नारों से पूरा वातावरण गूंज उठा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस अवसर पर कहा कि “यह यात्रा न केवल तिरंगे के प्रति सम्मान है, बल्कि यह हमारे शहीदों को सच्ची श्रद्धांजलि भी है। यह अभियान देश की एकता, अखंडता और संप्रभुता को सशक्त बनाने का प्रतीक है।”ऑपरेशन सिंदूर’ के अंतर्गत पूरे जिले में एक साथ तिरंगा यात्रा आयोजित की गई, जिसका उद्देश्य युवाओं में देशभक्ति की भावना का संचार करना, जनसहभागिता के माध्यम से राष्ट्रीय एकता को मजबूत करना है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बड़ी संख्या में उपस्थित युवाओं, मातृशक्ति एवं नागरिकों को संबोधित करते हुए कहा कि कम समय में इतनी बड़ी भागीदारी इस बात का प्रमाण है कि देश की जनता एकजुट होकर राष्ट्र के लिए खड़ी है। उन्होंने सभी प्रतिभागियों के प्रति आभार प्रकट किया।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के तहत भारतीय सेना ने अभूतपूर्व सफलता प्राप्त की है। यह अभियान उन शहीद जवानों को समर्पित है जिन्होंने अपनी शहादत से राष्ट्र का मान बढ़ाया है। उन्होंने कहा कि उरी हमले के बाद जिस प्रकार से सेना ने जवाब दिया, उसी प्रकार हाल ही में 22 अप्रैल को जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में पाकिस्तान समर्थित आतंकियों द्वारा की गई कायरतापूर्ण घटना का करारा जवाब दिया। मुख्यमंत्री ने पहलगाम की घटना में छत्तीसगढ़ के सपूत सहित अनेक लोगों की निर्ममहत्या का उल्लेख करते हुए उन्हें श्रद्धांजलि दी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री एवं रक्षामंत्री के कुशल नेतृत्व में सीमापार आतंकी ठिकानों पर कार्रवाई कर उन्हें ध्वस्त किया गया। इस तिरंगा यात्रा में समाज के सभी वर्गों की सहभागिता यह संदेश देती है कि भारत एक है, और राष्ट्रहित में सभी नागरिक एकजुट हैं।

उन्होंने कहा कि आतंकवाद के खिलाफ भारतीय सेना द्वारा चलाए गए ऑपरेशन सिदूंर की सराहना हर देशवासी कर रहा है। भारतीय सेना द्वारा देश की रक्षा हेतु अदम्य साहस का परिचय देते हुऐ देश की सीमाओं की रक्षा अत्यन्त वीरता के साथ की जा रही है। भारतीय सेना के प्रति सम्मान प्रकट करने और देश की एकता अखंडता के लिए जिले के सभी नगरीय निकायों एवं ग्राम पंचायतों में तिरंगा यात्रा निकाली गई। यात्रा में जनप्रतिनिधि, पंचायत एवं नगरीय निकायों के प्रतिनिधि, अधिकारी, आम नागरिक, बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग, युवा बड़ी संख्या में शामिल हुए और देश के प्रति अपनी एकजुटता एवं सम्मान प्रकट किया।

गोदाम के पीछे सेप्टिक टैंक में मिला 5 साल पुराना नरकंकाल, DNA टेस्ट के लिए भेजा गया रायपुर

धमतरी-  जिले के अर्जुनी थाना क्षेत्र के ग्राम भोयना से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक बंद गोदाम के पीछे स्थित सेप्टिक टैंक में नर कंकाल मिलने से इलाके में सनसनी फैल गई है. यह नरकंकाल 4 से 5 साल पुराना बताया जा रहा है. मामले की सूचना मिलते ही उप पुलिस अधीक्षक मणि शंकर चंद्रा पुलिस और फॉरेंसिक टीम के साथ मौके पर पहुंचे.

बताया जा रहा है कि 5 साल से बंद गोदाम में आज फैक्ट्री मालिक जब जमीन का नापजोक करने के लिए गोदाम में पहुंचे तभी उसने सेप्टिक में नर कंकाल को देखा. तत्काल इसकी सूचना अर्जुनी पुलिस को दी. मौके पर अर्जुनी पुलिस की टीम और फॉरेंसिक टीम के साथ उप पुलिस अधीक्षक मणि शंकर चंद्रा पहुंचे. फिलहाल हत्या है या मामला कुछ और है, यहां विषय अभी स्पष्ट नहीं हो पाई है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

जांच के बाद मामले का खुलासा होगा : उप पुलिस अधीक्षक

उप पुलिस अधीक्षक मणि शंकर चंद्रा पुलिस ने बताया, नरकंकाल के शरीर का हिस्सा अलग- अलग था. इस नर कंकाल को पोस्टमार्टम सहित अन्य डीएनए टेस्ट मेडिकल जांच के लिए रायपुर भेजा गया है. जांच के बाद ही मामले का खुलासा हो पाएगा. फिलहाल मामले की जांच चल रही है.

150 करोड़ की ठगी, अंतर्राज्यीय ठग गिरोह गिरफ्तार : कई राज्यों के पीड़ितों ने पुलिस को बताई अपनी पीड़ा, SSP शशिमोहन बोले –

जशपुर- छत्तीसगढ़ की जशपुर पुलिस ने 150 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने वाले अंतर्राज्यीय ठग गिरोह को गिरफ्तार किया है, जिसके बाद अलग-अलग प्रदेशों से ठगी से पीड़ित लोग जशपुर पहुंचकर पुलिस के समक्ष अपनी पीड़ा बता रहे हैं. उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली, छत्तीसगढ़ समेत अन्य प्रदेश से आए लोगों ने एसएसपी शशिमोहन सिंह के समक्ष ठगी होने की बात बताई है. एसएसपी ने पीड़ित लोगों से पूछताछ कर फरार आरोपियों को जल्द गिरफ्तार करने की बात कही.

दरअसल, जशपुर जिले के पत्थलगांव पुलिस ने बंटी बबली के तर्ज पर ठगी के दो मुख्य आरोपियों को दिल्ली से धर दबोचा था. इस ऑपरेशन में पुलिस ने बंटी-बबली की तर्ज पर काम करने वाले इन ठगों को पकड़कर जेल भेज दिया है. वहीं इस मामले में शामिल 2 फरार आरोपियों की तलाश की जा रही हैं।


राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर व्यापारियों से की है ठगी

जशपुर पुलिस ने एक ऐसे ठग गिरोह का भंडाफोड़ किया था, जो राष्ट्रीय ग्रामीण साक्षरता मिशन के नाम पर देशभर के व्यापारियों से ठगी कर रहे थे. इस गिरोह ने पत्थलगांव के व्यापारी अमित अग्रवाल से स्वेटर सप्लाई के नाम पर 5 करोड़ 70 लाख रुपये की ठगी की. यही नहीं, यह गिरोह उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, दिल्ली और छत्तीसगढ़ समेत कई राज्यों में 150 करोड़ रुपये से ज़्यादा की ठगी कर चुका है.

शातिर ठग वाई-फाई कॉलिंग का करते थे इस्तेमाल

व्यापारी की शिकायत पर पुलिस ने एफआईआर दर्ज किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी शशि मोहन सिंह ने SDOP पत्थलगांव ध्रुवेश कुमार जायसवाल के नेतृत्व में एक विशेष टीम गठित की. यह टीम दिल्ली पहुंची और दो दिन तक कैंप लगाकर आरोपियों की तलाश में जुटी रही. आरोपी इतने शातिर थे कि वे वाई-फाई कॉलिंग का इस्तेमाल करते थे और अपने फोन बंद रखते थे, लेकिन पुलिस ने चालाकी से मुख्य आरोपी अनिता उपाध्याय को ट्रैप किया. इस दौरान रत्नाकर उपाध्याय और अनिता उपाध्याय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है. वहीं इस मामले में फरार चल रहे दो अन्य आरोपियों को पुलिस जल्द गिरफ्तार करने का दावा कर रही है.

नक्सलवाद के खिलाफ पुलिस की बड़ी कार्रवाई: अलग-अलग माओवादी संगठनों के 20 नक्सली गिरफ्तार, बड़ी घटना को अंजाम देने की कर रहे थे तैयारी

रायपुर- छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर स्थित कर्रेगुट्टा पहाड़ी और जंगलों में जवानों द्वारा लगातार चलाए जा रहे सर्चिंग ऑपरेशन के बीच पुलिस को एक और बड़ी सफलता मिली है. तेलंगाना के मुलुगु जिला पुलिस ने अलग-अलग माओवादी संगठनों के कुल 20 नक्सलियों को भारी मात्रा में हथियार और विस्फोटक सामग्री के साथ गिरफ्तार कर लिया है.

जानकारी के अनुसार, पुलिस ने नक्सलियों के खिलाफ बड़े ऑपरेशन के तहत वेंकटापुरम, वाजेड़ु और कन्नायिगुड़ेम थाना क्षेत्रों में इन माओवादियों को धर दबोचा है. गिरफ्तार माओवादियों में 1 डिवीजन कमेटी सदस्य DVCM , 5 एरिया कमेटी सदस्य ACM , 14 पार्टी सदस्य शामिल हैं.

बता दें, छत्तीसगढ़-तेलंगाना सीमा पर कर्रेगुट्टा के जंगल में सुरक्षा बलों ने नक्सलियों के खिलाफ बड़ा सर्च ऑपरेशन चलाया था. इस दौरान जवानों ने 31 नक्सलियों को ढेर किया है. वहीं सुरक्षा बल के कुछ जवान शहीद हुए और कुछ भी घायल हुए हैं. 

पुलिस के अनुसार, सर्चिंग ऑपरेशन के दौरान माओवादी इस क्षेत्र में IED बिछाकर गोरिल्ला बेस बनाने की कोशिश में लगे थे. साथ ही 8 अप्रैल को उन्होंने आदिवासियों को जंगल में प्रवेश न करने की चेतावनी भी दी थी. अब पुलिस ने कुल 20 नक्सलियों को धर दबोचा है. 

जानकारी के मुताबिक, गिरफ्तार किए गए सभी माओवादी अलग-अलग राज्यों (तेलंगाना, छत्तीसगढ़ और ओडिशा) में माओवादी संगठनों के लिए काम कर रहे थे. सुरक्षा बलों की सतर्कता और सटीक कार्रवाई से एक बड़ा खतरा टल गया है.

गिरफ्तार किए गए सभी नक्सली तेलंगाना-छत्तीसगढ़ में कई आपराधिक घटनाओं में शामिल थे. इनमें से कुछ प्रमुख घटनाएं इस प्रकार हैं:

1. मार्च 2017 में बीजापुर जिले के बेज्जी पुलिस थाने के अंतर्गत कोठाचेरुवु के पास पुलिस पर घात लगाकर हमला; 11 सीआरपीएफ जवान मारे गए, हथियार छीन लिए गए.

2. अप्रैल 2017 में सुकमा जिले (छत्तीसगढ़) के बुरकापाल में हमला; 25 सीआरपीएफ जवान मारे गए, हथियार छीने गए.

3. मार्च 2018 में सुकमा जिले के किस्टाराम जंगल में आईईडी विस्फोट; 9 सीआरपीएफ जवान मारे गए, हथियार छीने गए.

4. मार्च 2018 में बीजापुर जिले के चिन्नाउतापल्ली गांव में दो व्यक्तियों की पुलिस मुखबिर बताकर हत्या.

5. फरवरी 2020 में बीजापुर जिले के इरापल्ली में 3 पुलिस कर्मियों की हत्या, हथियार छीने..

6. मार्च 2020 में सुकमा जिले के मिनप्पा जंगलों में घात लगाकर हमला; 17 DRG/STF जवान मारे गए, हथियार छीने गए…

7. अप्रैल 2021 में बीजापुर जिले के तेकुलुगुरुमा जंगल में हमला; 22 पुलिस कर्मी मारे गए और 34 घायल हुए, हथियार छीने गए..

8. मई 2022 में भद्राद्रीकोठागुडेम जिले के चेन्नापुरम में सीआरपीएफ कैंप पर बीजीएल गोले से हमला.

9. 25 फरवरी, 2023 में सुकमा जिले के जगरगोंडा-कुंडेड मार्ग पर 3 पुलिस कर्मियों की हत्या, हथियार छीने..

10. जनवरी 2024 में भद्राद्रिकोठागुडेम जिले के धर्माराम और चिंतागुप्पावागु के पास सीआरपीएफ शिविरों पर हमला.

11. जनवरी 2024 में बीजापुर जिले के तेकुलुगुरुमा में सीआरपीएफ कैंप पर हमला.

माओवादियों के पास से बरामद सामग्री की सूची:

1. इंसास राइफलें

2. एसएलआर राइफलें

3. .303 राइफल

4. 8 मिमी राइफलें

5. 12 बोर हथियार कारतूस

6. लाइव ग्रेनेड

7. नकद ₹58,155/-

8. एंटेना के साथ वॉकी टॉकी (4)

9. रेडियो (6)

10. रिचार्जेबल बैटरी (9)

11. पेन ड्राइव (6)

12. मेमोरी कार्ड (6)

13. कार्ड रीडर (8)

14. किट बैग (2)

15. पार्टी साहित्य और अन्य सामग्री.

लगातार गिर रहा जल स्तर : हर साल डेढ़ मीटर तक की गिरावट, शहर भी जल संकट से जूझ रहा, नगर निगम ने वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को किया अनिवार्य

जगदलपुर- बस्तर में साल दर साल भूजल स्तर कम होता जा रहा है. हर साल जगदलपुर में डेढ़ मीटर तक भूजल स्तर कम हो रहा. वाटर चार्जिंग के लिए अब निगम ने भवन निर्माण के साथ रैन वाटर हार्वेस्टिंग को अनिवार्य कर दिया है. निजी भवन निर्माता अगर रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम नहीं लगाते हैं तो निगम 50 हजार रुपए का जुर्माना लगाएगा.

दूसरी तरफ जगदलपुर में स्थित कई सरकार भवनों में ही रैन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था नहीं है. जगदलपुर में स्थित सिर्फ 27 शासकीय भवनों में ही रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम है. गिरते जल स्तर को लेकर महापौर संजय पांडे का कहना है कि जल्द ही नगर निगम अपने अधीन सभी भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य रूप से लागू करेगा. वहीं नगर निगम की पहल को जानकर लोग इसे जरूरी नहीं समझ रहे.

शहर के तालाबों को नहीं सहेज रहा निगम

जानकारों का कहना है कि निगम अगर कड़ाई से प्रत्येक भवनों में रैन वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम को अनिवार्य भी करता है तब भी इसका असर दिखने में 5 से 7 साल लग जाएंगे. वहीं जगदलपुर शहर के एक किनारे में इंद्रावती नदी गुजरती है. शहर के बीचों बीच कई सारे तालाब हैं. इन तालाबों को सहेजा नहीं गया. ग्रीन बेल्ट में बेतरतीब ढंग से निर्माण कार्य हुआ, जिसकी वजह से जगदलपुर में भूजल स्तर कम होने की समस्या विक्राल होती गई.

स्काईवॉक को लेकर गरमाई सियासत: PCC चीफ बैज ने कसा तंज, कहा- “ये स्काई वॉक नहीं कमीशन वॉक है”

रायपुर- राजधानी रायपुर के दिल जयस्तंभ चौक से शास्त्री चौक तक प्रस्तावित स्काईवॉक प्रोजेक्ट का काम एक बार फिर शुरू होने जा रहा है। इस अधूरे प्रोजेक्ट के लिए राज्य शासन से 37 करोड़ 75 लाख रुपये की मंजूरी मिल चुकी है। करीब 8 साल से ठप पड़े इस बहुचर्चित प्रोजेक्ट के दोबारा शुरु होने के साथ ही सियासी बयानबाज़ी भी तेज हो गई है।

“यह स्काई वॉक नहीं, कमीशन वॉक है” – दीपक बैज

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष दीपक बैज ने स्काईवॉक को लेकर भाजपा और पूर्व मंत्री राजेश मूणत पर सीधा हमला बोला। उन्होंने कहा, “यह स्काई वॉक नहीं, कमीशन वाक है। शहर में पैदल चलने वालों की संख्या लगातार कम हो रही है। ऐसे में फ्लाईओवर की ज़रूरत है, न कि स्काईवॉक की। यह सिर्फ पैसे खाने का एक ज़रिया था।”

अवैध कब्जों पर कार्रवाई को लेकर सरकार पर सवाल

कौशल्या विहार इलाके में हाल ही में हुए अवैध कब्जों पर कार्रवाई को लेकर भी बैज ने सरकार की मंशा पर सवाल उठाए। उन्होंने कहा, “क्या कार्रवाई सिर्फ ग़रीबों पर ही लागू होती है? भाजपा के कई नेता और मंत्री आधे रायपुर पर कब्जा कर चुके हैं। क्या उनके अवैध निर्माण भी तोड़े जाएंगे, या फिर सिर्फ ग़रीबों को ही निशाना बनाया जाएगा?”

“सुशासन तिहार सिर्फ टाइम पास है”

सरकार द्वारा मनाए जा रहे सुशासन तिहार को लेकर भी बैज ने तंज कसते हुए कहा, “यह कार्यक्रम केवल टाइम पास है। सरकार के पास न नीति है, न योजना और न ही पैसा। सारे मंत्री और विधायक रेत खनन में लगे हैं, सभी लूट में व्यस्त हैं। अब अपनी नाकामी छिपाने के लिए अधिकारियों पर कार्रवाई की जा रही है।”

बस्तर पर गृह मंत्री के बयान को बताया “अज्ञानता”

गृह मंत्री विजय शर्मा द्वारा दिए गए बयान कि “देश के एक-एक इंच पर संविधान लागू होगा”, पर भी कांग्रेस ने पलटवार किया। बैज ने कहा, “शायद उन्हें जानकारी नहीं है कि बस्तर 5वीं अनुसूची का संवैधानिक क्षेत्र है। यहां की ग्रामसभाएं बहुत ताकतवर होती हैं। पहले वे बस्तर की संवैधानिक स्थिति का अध्ययन कर लें। वे ये बताएं कि एक-एक इंच ज़मीन किसके लिए खाली करवाई जाएगी?”

2 करोड़ रुपए की लागत से बना डाय फ्राम वॉल पहली बारिश में टूटा, जिला पंचायत सभापति ने लगाए भ्रष्टाचार के आरोप

गरियाबंद- तेल नदी के सेनमूड़ा घाट पर 2 करोड़ रुपये की लागत से वर्ष 2022 में बना डाय फ्राम वॉल पहली ही बारिश में टूट गया. वॉल का करीब 20 मीटर से अधिक हिस्सा बीच से क्षतिग्रस्त हो गया, लेकिन इसके बाद अब तक कोई ठोस मरम्मत कार्य नहीं हुआ है. संबंधित अफसरों का दावा है कि “जितना निर्माण हुआ है, उसी में योजना का उद्देश्य पूरा हो जाएगा.”

बता दें, कांग्रेस सरकार द्वारा स्वीकृत जल प्रदाय योजना के तहत सेनमूड़ा घाट पर टैंक निर्माण कराया जाना था. लेकिन तकनीकी और अन्य कारणों से 2 साल बाद अब 2025 में निर्माण कार्य शुरू किया गया है. लेकिन योजना के स्वीकृत होते ही साल 2022 में इस टैंक में जल स्तर बनाए रखने के लिए टैंक लोकेशन से महज 30 मीटर दूरी पर डाय फार्म वाल खड़ा किया गया था, ताकि नदी का बहाव एक स्तर पर रुका रहे और टैंक भरने में आसानी हो. लेकिन करोड़ों की लागत से बने इस वॉल की हालत बेहद खस्ता हो चुकी है. 

भ्रष्टाचार के आरोप

जिला पंचायत की निर्माण समिति के सभापति देशबंधु नायक, जो खुद सेनमूड़ा निवासी हैं, ने इस निर्माण कार्य में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि योजना के अनुसार वॉल को जिस मजबूती के साथ तैयार किया जाना था, उसमें भारी लापरवाही की गई. यही वजह है कि यह वॉल पहली ही बारिश में बह गया.

उच्च स्तरीय जांच की मांग

देशबंधु नायक ने आगे कहा कि “यह जिले का पहला ऐसा निर्माण कार्य है जो पूरा होने से पहले ही टूट गया, और इसके बावजूद रिकॉर्ड में इसे पूर्ण बताया गया.” उन्होंने इस पूरे मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग करते हुए झाखरपारा शिविर में संबंधित शिकायत भी दर्ज कराई है.

इंजीनियर पर कार्रवाई के बजाय दिया गया प्रमोशन

नायक ने बताया कि वॉल निर्माण में गड़बड़ी के लिए ज़िम्मेदार इंजीनियर पीआर सिरमौर्य के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई, बल्कि उन्हें छुरा सबडिविजन का एसडीओ बना दिया गया. उन्होंने कहा कि इस काम का चार्ज लेने से अन्य इंजीनियर भी कतरा रहे थे, जो विभागीय लापरवाही का संकेत है.

उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी: सिंचाई विभाग अधिकारी

सिंचाई विभाग के कार्यपालन अभियंता एस.के. बर्मन ने बताया कि वॉल टूटने के बाद उसकी मरम्मत करवाई गई थी. वॉल के अन्य हिस्सों पर भी सपोर्टिंग कार्य कराए गए हैं. उन्होंने यह भी बताया कि निर्माण में खामी के चलते ठेका कंपनी से 5 लाख रुपये की पेनाल्टी वसूली गई है. बर्मन के अनुसार, “वॉल से योजना के उद्देश्य की पूर्ति हो जाएगी.”