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10 लाख से अधिक तेंदूपत्ता संग्राहक परिवारों को 596 करोड़ का सीधे भुगतान, मुख्यमंत्री साय बोले –

रायपुर- छत्तीसगढ़ के वनवासी अंचलों में इस वर्ष भी तेन्दूपत्ता संग्रहण का कार्य तेज़ी से जारी है। राज्य के 902 प्राथमिक लघु वनोपज सहकारी समितियों के माध्यम से 10,631 फड़ों में यह कार्य हो रहा है। असमय हवा, तूफान, बारिश और ओलावृष्टि के कारण इस वर्ष तेन्दूपत्ता फसल को नुकसान जरूर पहुँचा है, लेकिन संग्राहक परिवारों की मेहनत और सरकार की प्रतिबद्धता ने इस चुनौती को अवसर में बदल दिया है।

अब तक की रिपोर्ट के अनुसार, 10 लाख से अधिक संग्राहक परिवारों ने 10.84 लाख मानक बोरा तेन्दूपत्ता फड़ों में बेचा है, जिसका मूल्य लगभग 596 करोड़ रुपये है। यह राशि डीबीटी के माध्यम से सीधे संग्राहकों के खातों में जमा की जाएगी। इसके लिए सॉफ़्टवेयर में डाटा प्रविष्टि की प्रक्रिया ज़िला यूनियनों द्वारा प्रारंभ कर दी गई है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा हैकितेन्दूपत्ता छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों के लिए केवल वनोपज नहीं, बल्कि आजीविका का आधार है। हमारी सरकार की प्राथमिकता है कि संग्राहकों को उनकी मेहनत का पूरा मूल्य समय पर और पारदर्शी तरीके से मिले। तेन्दूपत्ता संग्रहण से जुड़े हर परिवार के जीवन में आर्थिक सुरक्षा और आत्मनिर्भरता का अहसास हो, इसके लिए हम पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं। हमने तेंदूपत्ता संग्रहण पारिश्रमिक दर को 4000 मानक बोरा से बढ़कर 5500 रुपए कर किया है, जिससे संग्राहकों को पहले की तुलना में अब ज्यादा लाभ मिलने लगा है

तेन्दूपत्ता संग्रहण से छत्तीसगढ़ के लाखों वनवासी परिवारों को प्रतिवर्ष सम्मानजनक आय प्राप्त हो रही है। यह आय न केवल उनके परिवार की दैनिक आवश्यकताओं की पूर्ति करती है, बल्कि शिक्षा, स्वास्थ्य और आजीविका के क्षेत्र में भी सुधार ला रही है।

तेन्दूपत्ता खरीदी के साथ-साथ वर्तमान में पत्तों का उपचार, बोरा भराई और गोदामों में परिवहन का कार्य भी शुरू हो चुका है। सरकार को उम्मीद है कि निर्धारित संग्रहण लक्ष्य की प्राप्ति शीघ्र हो जाएगी।

यह पूरी प्रक्रिया छत्तीसगढ़ को वनोपज आधारित रोजगार सशक्त राज्य की दिशा में तेजी से आगे बढ़ा रही है।

1.30 करोड़ के फ्रॉड का खुलासा, 8 गिरफ्तार…

रायपुर/बिलासपुर- बिलासपुर पुलिस ने ऑनलाइन साइबर फ्रॉड में इस्तेमाल होने वाले फर्जी बैंक खातों (म्यूल अकाउंट) के खिलाफ ब़ड़ी कार्रवाई करते हुए 8 आरोपियों को गिरफ्तार किया है. रेंज साइबर थाना बिलासपुर और एसीसीयू बिलासपुर की संयुक्त टीम ने तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर यह प्रभावी कार्रवाई की, जिसमें 1 करोड़ 30 लाख 50 हजार 636 रुपये की वित्तीय धोखाधड़ी का खुलासा हुआ.

पुलिस महानिरीक्षक डॉ. संजीव शुक्ला और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक रजनेश सिंह के मार्गदर्शन में यह ऑपरेशन चलाया गया. नेशनल साइबर क्राइम पोर्टल पर दर्ज शिकायतों के आधार पर संदिग्ध म्यूल बैंक खातों की जांच की गई. जांच में पाया गया कि इन खातों का उपयोग डिजिटल अरेस्ट, फर्जी शेयर ट्रेडिंग ऐप, क्रिप्टो करेंसी निवेश, गूगल रिव्यू टास्क, टेलीग्राम टास्क, बैंक KYC अपडेट और गूगल सर्च जैसे साइबर अपराधों में किया जा रहा था.

इन 8 आरोपियों को किया गया गिरफ्तार

  • अब्दूल आदिल (21 वर्ष), तालापारा, बिलासपुर
  • संदीप श्रीवास (30 वर्ष), तिफरा, बिलासपुर
  • विकास केंवट (31 वर्ष), रतनपुर
  • समीर कश्यप (31 वर्ष), रतनपुर
  • कलेश कुमार धिवर (28 वर्ष), रतनपुर
  • नागेश्वर ठाकूर (25 वर्ष), सिरगिट्टी
  • करन सिंह ठाकूर (33 वर्ष), सिरगिट्टी
  • परमेश्वर जायसवाल (21 वर्ष), हिर्री माइंस

 

मनरेगा में कटौती पर कांग्रेस का प्रदर्शन : सरकार के खिलाफ जमकर की नारेबाजी, कांग्रेस नेता बोले –

दुर्ग-  महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) में लगातार हो रही कटौती को लेकर कांग्रेस ने आज दुर्ग कलेक्ट्रेट में बड़ा प्रदर्शन किया. बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए मनरेगा मजदूरों की आर्थिक स्थिति पर चिंता जताई. पुलिस ने उन्हें कलेक्ट्रेट पहुंचने से रोकने के लिए भारी बैरिकेडिंग और सीमेंट के बड़े-बड़े ब्लॉक लगाए. इस दौरान कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस के बीच जमकर धक्का-मुक्की भी हुई.

प्रदर्शन का नेतृत्व कर रहे दुर्ग कांग्रेस के जिला अध्यक्ष राजेंद्र ठाकुर ने भारतीय जनता पार्टी पर वादाखिलाफी का आरोप लगाते हुए कहा कि डेढ़ साल में भाजपा सरकार की असलियत सामने आ चुकी है. कांग्रेस सरकार के समय मनरेगा के तहत 42 लाख मानव दिवस सृजित किए गए थे, जो भाजपा सरकार के आने के बाद 2024-25 में घटकर 32 लाख हो गए और अब 2025-26 में केवल 18 लाख मानव दिवस निर्धारित किए गए हैं.


रोजगार नहीं मिलने से पलायन कर रहे ग्रामीण : ठाकुर

कांग्रेस जिलाध्यक्ष ठाकुर ने कहा कि यह सिर्फ आंकड़ों में कटौती नहीं है, बल्कि यह लाखों ग्रामीण मजदूरों की आजीविका पर सीधा हमला है. जिले में करीब डेढ़ लाख सक्रिय मनरेगा मजदूर हैं, लेकिन अब केवल 10,000 मजदूरों को ही काम मिल पा रहा है. पहले जहां 40 से 50 हजार मजदूरों को रोजगार मिलता था, अब उनकी संख्या में भारी गिरावट आई है. रोजगार की कमी के कारण अब ग्रामीण मजदूरों को दूसरे राज्यों में पलायन करना पड़ रहा है. पूर्व विधायक अरुण वोरा ने कहा, कांग्रेस का यह प्रदर्शन ग्रामीण मजदूरों की बिगड़ती स्थिति और मनरेगा में बजट व कार्य दिवसों में कटौती के खिलाफ था, जिसमें उन्होंने भाजपा सरकार से तत्काल सुधार की मांग की.

बैठक कर सरकार को भेजा जाएगा प्रस्ताव : एसडीएम

दुर्ग एसडीएम हितेश ने बताया कि मनरेगा में हो रही कटौती को लेकर कांग्रेस ने प्रदर्शन किया है. उनका कहना है कि कांग्रेस की सरकार में मनरेगा के तहत 42 लाख मानव दिवस का लक्ष्य तय किया गया था, लेकिन भाजपा सरकार धीरे-धीरे कटौती कर रही है. कांग्रेस के पांच सदस्यीय दल सोमवार को अधिकारियों के साथ बैठक कर निर्णय लिया जाएगा और सरकार को प्रस्ताव भेजा जाएगा.

PM आवास योजना में लापरवाही पर सख्त कार्रवाई, तीन पंचायत सचिव निलंबित

रायगढ- प्रधानमंत्री आवास योजना के क्रियान्वयन में उदासीनता एवं लापरवाही का मामला पाए जाने पर जिला पंचायत रायगढ़ के मुख्य कार्यपालन अधिकारी जितेंद्र यादव ने जनपद पंचायत खरसिया अंतर्गत ग्राम पंचायत घघरा के सचिव राजेश सारथी, ग्राम पंचायत बरगढ़ के सचिव कमलेश्वर राठिया तथा ग्राम पंचायत सूती की सचिव माधुरी सिदार को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया।

जिला पंचायत के सीईओ यादव ने कहा है कि प्रधानमंत्री आवास योजना शासन की महत्वपूर्ण योजना है। इसमें किसी भी प्रकार की लापरवाही को बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने कहा कि पंचायत एवं ग्रामीण विकास के सभी अधिकारी एवं कर्मचारियों को इस योजना के क्रियान्वयन के लिए सौंपे गए दायित्व का गंभीरता से निर्वहन करना तथा पात्र हितग्राहियों को लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने अधिकारियों को लगातार ग्रामीण इलाको का दौरा कर निर्माण कार्यों की गुणवत्ता एवं प्रगति का मुआयना करने के साथ ही कार्यों को समय-सीमा में पूर्ण कराने के निर्देश दिए हैं।़

अफसरों की प्रताड़ना से परेशान होकर महिला अधिकारी ने की खुदकुशी, लगातार बढ़ रहे प्रताड़ना के केस

रायपुर- छत्तीसगढ़ के खैरागढ़ जिले से हृदयवृदारक घटना सामने आई है, जिसने स्वास्थ्य प्रणाली की क्रूर सच्चाई को उजागर किया है. छुईखदान के आयुष्मान आरोग्य मंदिर जंगलपुर में पदस्थ महिला स्वास्थ्य अधिकारी (CHO) आरती यादव ने विभागीय अफसरों की प्रताड़ना से तंग आकर आत्महत्या कर ली. उन्होंने 15 मई को दुर्ग जिले के धनोरा स्थित अपने घर में फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली. इस घटना के लिए छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ ने विभागीय अफसरों को जिम्मेदार ठहराया है. संगठन ने आरोप लगाते हुए कहा है कि अफसरों द्वारा मानसिक रूप से प्रताड़ित करने के चलते महिला अधिकारी ने यह घातक कदम उठाया है. अब तक पूरे प्रदेश से महिला स्वास्थ्य अधिकारी-कर्मचारी पर प्रताड़ना के 26 केस आ चुके हैं.

जानकारी के मुताबिक सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (आयुष्मान आरोग्य मंदिर) में आरती यादव संविदा के तहत बतौर सीएचओ पदस्थ थीं. एक माह पहले आरती के पति का सड़क हादसे में निधन हो गया, जिससे वह काफी आहत थी. पति को दुर्घटना में खोने के बाद उसने छुट्टी की गुहार लगाई, मगर विभागीय अधिकारी ने उसे ठुकरा दिया. निजी परेशानी के चलते आरती स्वास्थ्य केंद्र नहीं जा रही थी. ऐसे में उनकी अनुपस्थिति को लेकर विभागीय अफसरों ने शासन-प्रशासन से शिकायत कर दी. इसके बाद सीएमएचओ कार्यालय से तत्काल सेवा में उपस्थिति के लिए पत्र जारी किया गया. काम में अनुपस्थित होने पर सीएचओ के वेतन में कटौती करने की चेतावनी भी दी गई और सीआर भी खराब करने की हिदायत दी गई.

मृतका सीएचओ आरती यादव

छत्तीसगढ़ प्रदेश सामुदायिक स्वास्थ्य प्रकोष्ठ के पदाधिकारियों का कहना है कि विभागीय अफसरों के रवैये से परेशान होकर सीएचओ आरती यादव ने स्वास्थ्य केंद्र में उपस्थिति दर्ज कराई, लेकिन वह अपना स्थानांतरण दुर्ग कराने प्रशासनिक अफसरों के चक्कर लगा रही थी. मानसिक तनाव के चलते सीएचओ यादव ने खुदकुशी कर ली. संगठन के प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने विभागीय अफसरों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने कहा कि पिछले कुछ साल से महिला कर्मियों को प्रताड़ित करने के मामले में बढ़ोतरी हो रही है. पिछले तीन वर्षों में पांच CHO ने कार्य दबाव में जान गंवाई है. सरकार को फौरन महिला कर्मियों के विषय पर संज्ञान लेना चाहिए.

छत्तीसगढ़ राज्य एनएचएम कर्मचारी संघ और सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ संयुक्त ने कहा, “यह मौत एक मां की नहीं, पूरी व्यवस्था की हार है.” संघ ने मांग की है कि उचित कार्यभार, मानसिक स्वास्थ्य सहायता मिले और संविदा शोषण का अंत हो. सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी संघ द्वारा लगातार सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के नियमितीकरण, स्थानांतरण समेत विभिन्नन मांगों के लिए निरंतर प्रयास किया जा रहा.

सुरक्षा को लेकर करेंगे प्रदेशव्यापी आंदोलन : प्रांताध्यक्ष

संघ ने कहा, पूरे प्रदेश में महिला स्वास्थ्य कर्मी पर होने वाले महिला प्रताड़ना का केस बढ़कर 26 हो चुका है. इस संबंध में संघ ने स्वास्थ्य मंत्री, महिला बाल विकास मंत्री, मिशन संचालक समेत कई आला अधिकारियों को पत्र प्रेषित किया है. उक्त पत्र के अवलोकन उपरांत महिला सुरक्षा को नजर में रखते हुए महिला बाल विकास मंत्री ने स्वास्थ्य मंत्री को मांग पूरा करने पत्र प्रेषित किया था परंतु अभी तक धरातल में किसी भी प्रकार की कोई कार्यवाही नजर नहीं आई है. अगर उक्त मांग पत्र पर कार्यवाही नहीं होती तो भविष्य में इस प्रकार के कृत होने की संभावना बनी रहेगी. संघ के प्रांताध्यक्ष प्रफुल्ल कुमार ने कहा कि मानसिक प्रताड़ना की घटना से प्रदेश के 3500 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी आक्रोशित है. स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा समेत अन्य मांग पर अगर शासन समय रहते उचित संज्ञान नहीं लिया तो संघ प्रदेशव्यापी उग्र आंदोलन करने बाध्य होगा.

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को संघ ने ज्ञापन सौंपते हुए कहा है कि यह घटना अत्यंत दर्दनाक एवं गंभीर विषय है. 2 साल में लगभग 25 प्रकरण से अधिक प्रकरण महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के साथ अनाचार, हत्या, सामूहिक बलात्कार, मानसिक प्रताड़ना जैसी घटना हुई है. इसका विधिवत शिकायत / FIR भी दर्ज है, जिसमें से 17 प्रकरण की दस्तावेजों सहित जानकारी संघ के पास उपलब्ध है.

तीन महिला स्वास्थ्य अधिकारियों की हुई हत्या

संघ ने बताया, 2 सालों के बीच में हमारे 3 महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी साथियों की हत्या हुई है. यह मामला जशपुर जिला, बलोद जिला एवं गरियाबंद जिले का है. इसमें से 2 प्रकरण की हत्या होना साबित हो चुका है एवं एक प्रकरण (बालोद जिला) संदेहास्पद है. प्रकरणों में सबसे मुख्य वजह यही रहा है कि घर से दूर रहना एवं अकेले में पाकर सिरफिरे हत्यारों के द्वारा हत्या के जुर्म को अंजाम देना. चारों प्रकरण में कार्य क्षेत्रों में हत्या होने के बावजूद शासन ने किसी भी प्रकार का मुआवजा नहीं दिया है.

आयुष्मान आरोग्य मंदिर में काम के दौरान दुष्कर्म

मनेन्द्रगढ़ चिरमिरी भरतपुर जिले में (21/10/2022 को) दिवाली से एक दिन पहले शर्मनाक घटना हुई. यहां एक महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी के साथ गांव के ही कुछ युवकों ने सामूहिक दुष्कर्म को अंजाम दिया था. इतने बड़े प्रकरण के बाद भी सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों के सुरक्षा के संबंध में शासन ने न ही कोई कदम उठाया एवं न ही पीड़िता को कोई मुआवजा दिया.

छेड़छाड़, मारपीट और जान से मारने की धमकी के 15 मामले

आयुष्मान आरोग्य मंदिर ग्रामीण क्षेत्रों में गांव के बसाहट से दूर होता है एवं अकेले महिला कर्मचारी को बहुत से असामाजिक तत्व एवं बदमाश लोग लगातार परेशान करते रहते हैं. विभिन्न जिलों में सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को छेड़छाड़, मारपीट, एवं जान से मारने की धमकी का शिकार होना पड़ा है. इसमें से कुछ प्रकरण में तो विभाग के ही अधिकारी / कर्मचारी भी संलिप्त हैं. ऐसे कुल 15 प्रकरण है. इसमें से जांजगीर चांपा जिला से 1 प्रकरण, मुंगेली जिला से 3, MCB जिला से 2 प्रकरण, राजनांदगाँव जिला से 2, कोरबा जिला से 1, बेमेतरा जिला से 1, जशपुर जिला से 1, कोरिया जिला से 1, सारंगढ़ से जिला से 1, महासमुंद जिला एवं बिलासपुर जिला से 1 प्रकरण शामिल है. इस मामले की लिखित शिकायत उच्च अधिकारियों एवं पुलिस विभाग से की गई है, लेकिन आज तक इन प्रकरणों का निराकरण नहीं किया गया है. इसके कारण ईन सभी पर अभी तक कोई भी अनहोनी घटना होने की संभावनाओं से इनकार नहीं किया जा सकता है.

कार्य क्षेत्र में रहने की सुविधा नहीं, हादसे के शिकार हो रहे कर्मचारी

कार्यक्षेत्र में मुख्यालय निवास की पर्याप्त सुविधाएं नहीं होने के कारण महिला सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों को ड्यूटी में आने-जाने के समय अनेक समस्याओं का सामना करना पड़ता है. इसके कारण अभी तक विगत 2 वर्ष में हमारे 3 सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारी साथी सड़क हादसे की शिकार हो चुकी है. इसमें से 1 प्रकरण कोंडागांव जिला, 1 सारंगढ़ जिला एवं 1 प्रकरण कबीरधाम जिले से संबंधित है. सुविधाओं एवं सुरक्षा के अभाव में लगभग 3 दर्जन से अधिक सामुदायिक स्वास्थ्य अधिकारियों ने नौकरी से इस्तीफा भी दिया है.

आदिवासी नेता ने सरकारी नौकरी दिलाने का झांसा देते हुए बेरोजगार युवकों को ठगा, थाने में मामला दर्ज…

सूरजपुर- पीएचई विभाग में बाबू के पद पर कार्यरत आदिवासी नेता के खिलाफ सरकारी नौकरी का झांसा देकर बेरोजगारों युवकों से दस लाख रुपए की ठगी का मामला सामने आया है. पीड़ितों की शिकायत पर पिता-पुत्र के खिलाफ सूरजपुर थाना में धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया है.

आरोपी पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमन्त नेताम के खिलाफ पीड़ित सूरजपुर निवासी मुरली मनोहर पटेल और रमेश कुमार ने सूरजपुर थाने में अलग-अलग रिपोर्ट दर्ज कराई है. मुरली मनोहर पटेल ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमन्त नेताम से 2022 से जान पहचान है. हेमन्त नेताम और उसके पिता मोहित नेताम ने बार-बार मना करने के बाद भी अपनी सरकारी नौकरी और बड़ी पहुंच का झांसा दिया.

पिता-पुत्र के झांसे में आकर तीन गवाहों की मौजूदगी में पीड़ित ने मोहित नेताम और हेमन्त नेताम के घर में जाकर 12 नवंबर 2022 को पांच लाख रुपए नकद राशि दी. इसके कुछ दिन बाद हेमन्त नेताम ने फोन कर कहा कि ऊपर बैठे लोनों का फोन आया है, कम से कम 2,00,000 और देना पड़ेगा, अगर नहीं दोगे तो लिस्ट से नाम कट जाएगा. इस पर एक फरवरी 2023 को चेक के जरिए 2,00,000 रुपए दिया.

मुरली मनोहर को जहां सीएम कोटे से सब-इंस्पेक्टर का पद दिलाने का झांसा देते हुए लेकिन सब-इंस्पेक्टर का रिजल्ट आने पर लिस्ट में नाम नहीं आने पर पीड़ित ने पिता-पुत्र से पूरे पैसों की मांग की. इस पर हेमन्त नेताम ने अक्टूबर 2024 को फोन पे के जरिए 50,000 रुपए लौटाया गया. कुछ दिन के बाद सब पैसा एक साथ देने का वादा किया. इसके बाद भी पैसे नहीं देकर महीने-दो महीने तक टाल मटोल करते रहे. आखिर में दोनों पिता-पुत्र ने पैसे देने से ही इंकार करने पर सूरजपुर थाने में ठगी का मामला दर्ज कराया.

इसी तरह रमेश कुमार ने वन विभाग में वन रक्षक की नौकरी दिलाने का झांसा देकर पिता-पुत्र पर तीन लाख रुपए की ठगी करने की सूरजपुर थाना में शिकायत दर्ज कराई. पुलिस ने दोनों ही पीड़ित युवकों की शिकायत पर पिता-पुत्र मोहित नेताम और हेमंत नेताम के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है.

स्काईवॉक प्रोजेक्ट पर गरमाई सियासत: 8 साल बाद फिर शुरू होने जा रहा निर्माण कार्य, कांग्रेस ने कहा- इसे बनाने का कोई फायदा नहीं, बीजेपी ने बताया-

रायपुर-  राजधानी रायपुर का बहुचर्चित और वर्षों से अधूरा पड़ा स्काईवॉक प्रोजेक्ट एक बार फिर सियासत के केंद्र में आ गया है। करीब 8 सालों से रुका यह फुट ओवर ब्रिज अब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अगुवाई वाली बीजेपी सरकार के कार्यकाल में दोबारा शुरू किया जा रहा है। टेंडर प्रक्रिया पूरी हो चुकी है और निर्माण कार्य जल्द शुरू होने वाला है। लेकिन इसके साथ ही भाजपा और कांग्रेस के बीच इस प्रोजेक्ट को लेकर तीखी जुबानी जंग छिड़ गई है। कांग्रेस इसे जनता के पैसे की बर्बादी और भ्रष्टाचार का माध्यम करार दे रही है। वहीं बीजेपी का कहना है कि अधूरे विकास कार्य को पूरा किया जा रहा है, कांग्रेस कार्यकाल में राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका गया था।

स्काईवॉक बनाने का कोई फायदा नहीं – दीपक बैज

पीसीसी चीफ दीपक बैज ने पलटवार करते हुए कहा कि स्काईवॉक बनाने का कोई फायदा नहीं। यह केवल लूटमार और अपराध का अड्डा बनेगा। केवल भ्रष्टाचार करने के लिए इस प्रोजेक्ट को फिर से शुरू किया जा रहा है। ट्रैफिक कम करने के लिए लोग ओवरब्रिज बना रहे हैं, राजधानी में कौन इसका प्रयोग करेगा? इसी वजह से कांग्रेस ने इस योजना का काम रोका था।

डिप्टी सीएम अरुण साव ने कांग्रेस पर साधा निशाना

डिप्टी सीएम और पीडब्ल्यूडी मंत्री अरुण साव ने कहा कि विकास को ध्यान में रखकर हमारी सरकार के समय स्काईवॉक की योजना बनी थी। बहुत बड़े पैमाने पर काम हो चुका था। कांग्रेस सरकार ने राजनीति के उद्देश्य से स्काईवॉक के काम को रोका। सरकार के खजाने से जो काम हो चुका था, उसे रोकने का काम कांग्रेस ने किया। उनकी कमेटी ने भी रिपोर्ट दी थी कि स्काईवॉक बनना चाहिए। अंततः टेंडर की मंजूरी हो चुकी है, अब आगे उस काम को पूरा करेंगे।

बनने से पहले शंका-कुशंका जाहिर करना उचित नहीं- बृजमोहन अग्रवाल

स्काईवॉक के निर्माण को लेकर बीजेपी सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि कांग्रेस की सरकार 5 साल में कोई निर्णय नहीं ले पाई। बीजेपी की सरकार ने इसे पूरा करने का निर्णय लिया है। स्काईवॉक पूरा होना चाहिए, इसका सदुपयोग होना चाहिए। जब यह पूरा नहीं हुआ है, तब इस पर शंका-कुशंका जाहिर करना उचित नहीं है। स्काईवॉक में जो पैसे खर्च हुए हैं, उसका लाभ जनता को मिलना चाहिए।

सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने CM विष्णुदेव साय को लिखा पत्र, कलाकारों के लंबित भुगतान को लेकर वित्त विभाग को जल्द निर्देश देने का किया अनुरोध…

रायपुर-  छत्तीसगढ़ के लोक कलाकारों के लिए राहत भरी खबर सामने आई है. संस्कृति विभाग द्वारा वर्ष 2023-24 एवं 2024-25 में आयोजित कार्यक्रमों के पश्चात भी कलाकारों को अब तक मानदेय का भुगतान नहीं मिल पाया है. इस गंभीर विषय को लेकर रायपुर लोकसभा सांसद एवं पूर्व संस्कृति मंत्री बृजमोहन अग्रवाल कलाकारों के समर्थन में सामने आए हैं.

वरिष्ठ गायक और भाजपा सांस्कृतिक प्रकोष्ठ के प्रदेश कार्यक्रम प्रभारी शरद अग्रवाल ने बृजमोहन अग्रवाल को इस संबंध में अवगत कराया था कि संस्कृति विभाग ने पिछले वर्ष जून माह में ही वर्ष 2023-24 के कार्यक्रमों के भुगतान के लिए वित्त विभाग से प्रशासकीय स्वीकृति मांगी थी, लेकिन अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई. इसके अलावा वर्ष 2024-25 में भी बजट समाप्त हो जाने के कारण नए कार्यक्रमों का भुगतान भी अटक गया है.

इस पर तत्परता दिखाते हुए सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने मुख्यमंत्री को पत्र लिखकर अनुरोध किया है कि कलाकारों को उनके पूर्व लंबित भुगतान शीघ्र दिलाने की दिशा में आवश्यक कदम उठाए जाएं. उन्होंने पत्र में लिखा कि देरी के कारण कलाकारों को आर्थिक और मानसिक रूप से काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.

मुख्यमंत्री को भेजे गए पत्र में उल्लेख:

“कलाकारों का भुगतान प्रशासकीय स्वीकृति के अभाव में अटका हुआ है. कृपया इसे गंभीरता से लेते हुए वित्त विभाग को त्वरित निर्देश दें ताकि वर्ष 2023-24 और 2024-25 दोनों के कार्यक्रमों के बाद कलाकारों को उनका मेहनताना मिल सके.”

राज्य भर के अंचलों से आने वाले कलाकार जनप्रतिनिधियों की अनुशंसा पर आयोजित कार्यक्रमों में शामिल होते हैं, लेकिन भुगतान न होने से उनकी आजीविका पर असर पड़ रहा है.

बृजमोहन अग्रवाल की इस पहल के बाद अब कलाकारों को उम्मीद है कि शासन जल्द कोई ठोस कदम उठाएगा और उनका हक उन्हें मिलेगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मानपुर ब्लॉक में सीतागांव समाधान शिविर में हुए शामिल

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के मानपुर विकासखंड अंतर्गत ग्राम सीतागांव में आयोजित समाधान शिविर में शामिल हुए। इस अवसर पर उनके साथ उप मुख्यमंत्री एवं जिले के प्रभारी मंत्री विजय शर्मा तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह भी उपस्थित थे।

सीतागांव को सीएम की सौगात 

सीएम विष्णुदेव साय आए, साथ सौगात लाए… सुशासन तिहार के तीसरे चरण में मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले के सीतागांव पहुंचे सीएम ने लोगों को सौगात दी है. उन्होंने ग्रामीणों से चर्चा करने के बाद बिजली की समस्या खत्म करने के लिए सब स्टेशन के स्थापना के साथ अन्य घोषणाएं की है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने की ये घोषणाएं :-

  • सीतागांव उप स्वास्थ्य केंद्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र के रूप में होगा उन्नयन
  • मोहला में बस स्टैंड और छात्रावास का होगा निर्माण
  • सीतापुर में हाइ स्कूल का हायर सेकेंडरी स्कूल में होगा उन्नयन
  • अंबागढ़ चौकी क्षेत्र में 132 केवी सब स्टेशन की होगी स्थापना

प्रदेशभर में मनाया जा रहा सुशासन तिहार 2025

मुख्यमंत्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि पूरे प्रदेश में सुशासन तिहार 2025 मनाया जा रहा है. हमारी सरकार को कार्यभार संभाले डेढ़ वर्ष हुआ है. इस दौरान हम निरंतर जनता के बीच पहुंचकर योजनाओं के प्रभाव और लाभ का आकलन कर रहे हैं.

मुख्यमंत्री साय ने कहा कि यह सरकार पारदर्शिता और जनभागीदारी की भावना से कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि राज्य में सरकार बनने के बाद 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत किए गए हैं, जिनमें से नक्सल प्रभावित क्षेत्रों के लिए 15 हज़ार विशेष मकानों की स्वीकृति दी गई है. महतारी वंदन योजना का लाभ सभी पात्र बहनों को दिया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 3100 रुपये प्रति क्विंटल की दर से धान खरीदी की है. जमीन की रजिस्ट्री के साथ अब नामांतरण की प्रक्रिया भी स्वतः पूर्ण होगी. हक त्याग अब केवल 500 रुपये में हो रहा है. प्रदेश के 1460 ग्राम पंचायतों में अटल डिजिटल सेवा केंद्र स्थापित किए गए हैं, जिन्हें आगामी एक वर्ष में सभी ग्राम पंचायतों तक विस्तारित किया जाएगा.

CM ने दोहराया – मार्च 2026 तक नक्सलवाद होगा खत्म 

मुख्यमंत्री ने बताया कि नया रायपुर में स्थापित आदिवासी संग्रहालय जनजातीय संस्कृति के संरक्षण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है. राज्य सरकार नक्सलवाद को समाप्त करने के लिए लगातार प्रयासरत है. उन्होंने दोहराते हुए कहा कि मार्च 2026 तक इसे पूर्ण रूप से समाप्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. 

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पात्र हितग्राहियों को हितग्राहीमूलक सामग्री का वितरण कर लाभान्वित किया. इसमें मत्स्य विभाग द्वारा जाल का, खाद्य विभाग द्वारा राशन कार्ड का, प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत ‘खुशियों की चाबी’ का वितरण किया गया. शिविर में स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत हितग्राहियों को लाभ दिया गया और स्वच्छता दीदियों को सम्मानित किया गया. इस दौरान पेंशन योजना के हितग्राही भी लाभान्वित हुए. मुख्यमंत्री साय ने क्षेत्र के मेधावी छात्र-छात्राओं को भी पुरस्कृत किया.

1 महीने पहले आवेदन और परीक्षण, अब शिविरों में दिया जा रहा लाभ : उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा 

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने समाधान शिविर में लोगों से संवाद करते हुए कहा कि सरकार लोगों की समस्याओं के निराकरण और उनकी मांगों को पूरा करने के लिए गंभीरता से काम कर रही है. इसके लिए एक महीने पहले से आवेदन लेकर परीक्षण किया गया और अब लोगों को शिविरों के आयोजन के माध्यम से लाभ प्रदान किया जा रहा है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय स्वयं समाधान शिविरों में पहुंचकर मैदानी स्तर पर समस्याओं के समाधान की पड़ताल कर रहे हैं. उप मुख्यमंत्री शर्मा ने बताया कि रजिस्ट्री, नामांतरण और हक त्याग की प्रक्रिया में क्रांतिकारी सुधार किए गए हैं. अब लोगों को कागज़ लेकर इधर-उधर नहीं भटकना पड़ेगा. रजिस्ट्री होते ही नामांतरण स्वमेव हो जाएगा. महतारी वंदन योजना और प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से सरकार ने महिलाओं और गरीबों की चिंता की है. केंद्र और राज्य सरकार के साझा प्रयासों से नक्सलवाद को समाप्त करने की दिशा में बड़ी कामयाबी मिल रही है.

बता दें कि 5 मई से ‘सुशासन तिहार’ के तीसरे चरण की शुरुआत हो चुकी है. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय 31 मई तक आकस्मिक दौरे पर निकलेंगे। इस विशेष अभियान के दौरान मुख्यमंत्री किसी भी समय, किसी भी जिले या गांव में अचानक पहुंच सकते हैं. सीएम साय का दौरा पूरी तरह गोपनीय रखा गया है. स्थानीय प्रशासन से लेकर आम जनता तक, किसी को भी इस बात की जानकारी नहीं होगी कि मुख्यमंत्री साय कब और कहां पहुंचेंगे.

सीएम साय किसी भी जिले में पहुंचकर आमजनों से सीधे संवाद करेंगे और ग्रामीणों से मिलकर योजनाओं के क्रियान्वयन का फीडबैक लेंगे. वे समाधान शिविरों में भी शामिल होंगे और लोगों की समस्याओं को मौके पर ही सुनकर समाधान की दिशा में कार्य करेंगे.

‘पहले आओ, पहले पाओ’ नियम में बदलाव, अब बोली के जरिए होगा उद्योगों को जमीन आवंटन…

रायपुर- छत्तीसगढ़ में उद्योग लगाने वाले उद्यमियों को अब पहले आओ, पहले पाओ पद्धति से जमीन का आवंटन नहीं होगा. राज्य सरकार ने 2015 के नियम में संशोधन करते हुए अब बोली के माध्यम से उद्योगों को जमीन आवंटन करने का प्रावधान किया है.

साय सरकार ने छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम 2015 में संशोधन करने का निर्णय लिया है. नियमों में संशोधन से औद्योगिक क्षेत्रों, लैंड बैंक तथा अन्य भूमि खंडों के आवंटन की प्रक्रिया में और अधिक स्पष्टता व पारदर्शिता आएगी. इसके साथ औद्योगिक निवेशकों को भूमि आवंटन प्रक्रिया को बेहतर ढंग से समझने व लाभ उठाने में सुविधा होगी.

माकूल स्थान पर ले सकेंगे जमीन

राज्य सरकार के द्वारा नियम बदले जाने पर औद्योगिक क्षेत्र की जमीनों पर राजस्व की प्राप्ति होगी. साथ ही निर्धारित अवधि में औपचारिकताओं की पूर्ति जैसे भू-भाटक और अन्य शुल्कों की राशि का भुगतान न करने के मामले कम होंगे. जिन लोगों को अपना उद्योग लगाना है, वह अपने इकाई की स्थापना के अनुसार, उन क्षेत्रों में जमीन ले सकेंगे, जो उनके लिए उपयुक्त होगी.

समयसीमा में लगाना होगा उद्योग

प्रदेश में ऐसे उद्योगपति जिन्होंने विभाग से सब्सिडी दर पर जमीन तो ले ली, लेकिन समय सीमा खत्म होने के बाद भी उत्पादन शुरू नहीं किया है. ऐसी प्रवृत्तियों पर इस संशोधन के बाद रोक लगेगी. अब इस प्रक्रिया से ऐस जरूरतमंद लोग ही आगे आएंगे, जो वास्तव में उद्योग लगाना चाहते हैं. नई उद्योग नीति को लेकर प्रदेश सरकार लगातार निवेश को बढ़ाने का प्रयास कर रही है. ऐसे में लैंड बैंक और भूमि आवंटन को लेकर कोई परेशानी न हो इसे देखते हुए नियमों में परिवर्तन किया जा रहा है.

श्रमिक कल्याण नियम में भी संशोधन

राज्य में औद्योगिक विकास को गति देने और श्रमिकों के कल्याण को सुनिश्चित करने के लिए छत्तीसगढ़ औद्योगिक भूमि एवं भवन प्रबंधन नियम, 2015 में महत्वपूर्ण संशोधन किया है. फरवरी में ही इसका अनुमोदन किया गया था. औद्योगिक इकाइयों के लिए पट्टे पर दी गई भूमि के उपयोग और औद्योगिक क्षेत्रों में श्रमिक आवास निर्माण को लेकर नए अवसर प्रदान करता है. इस कदम को राज्य की औद्योगिक नीति को और अधिक निवेशक- अनुकूल बनाने और स्थानीय श्रमिकों के जीवन स्तर को बेहतर करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के रूप में देखा जा रहा है.

उद्योगों को आकर्षित करने प्रयास

नई औद्योगिक नीति लागू होने के बाद साय सरकार लगातार निवेशक सम्मेलन कर उद्योगों को राज्य में आकर्षित करने का प्रयास कर रही है. इसी कड़ी में राज्य सरकार ने नई औद्योगिक नीति में कई संशोधन किए हैं. संशोधन के माध्यम से उद्योगपतियों को राज्य में “अच्छा और पारदर्शी माहौल मिले इसके प्रयास किए जा रहे हैं.