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आरोपी चालक 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार, बिना लाइसेंस चला रहा था कार…

रायपुर- राजधानी के तेलीबांधा थाना क्षेत्र में अलसुबह हिट एंड रन को अंजाम देने वाले आरोपी को पुलिस ने 12 घंटे के भीतर गिरफ्तार करने में कामयाबी हासिल की है. आरोपी ब्राह्मणपारा निवासी अमित सिंह के विरुद्ध गैर इरादतन हत्या और हत्या के प्रयास का अपराध दर्ज कर कार्रवाई की गई है.

बता दें कि आज सुबह करीबन 5.30 बजे तेलीबांधा थाना क्षेत्र में आरोपी कार चालक ने मॉर्निंग वॉक पर निकली महिलाओं को चपेट में ले लिया था, जिसमें एक महिला की जहां मौत हो गई, वहीं दो महिला गंभीर स्थिति में मेकाहारा में दाखिल किया गया है. पुलिस की पड़ताल में सामने आया कि आरोपी कार चालक के पास ड्राइविंग लाइसेंस नहीं है, उसके बावजूद वह कार चला रहा था.

घटारानी के जंगल में युवती से गैंगरेप : कोर्ट ने आरोपियों को आजीवन कारावास की सुनाई सजा

रायपुर- छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले के घटारानी जंगल में युवती के साथ हुए सामूहिक दुष्कर्म के सनसनीखेज मामले में कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. फिंगेश्वर थाना क्षेत्र में हुई इस वारदात के दोनों दोषियों को विशेष न्यायाधीश पंकज कुमार सिन्हा की अदालत ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपियों ने 2023 में युवती को डरा-धमका कर गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया था, जिसके बाद पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा था.

यह मामला वर्ष 2023 का है, जब गरियाबंद जिले के प्रसिद्ध घटारानी मंदिर के जंगल में एक युवती के साथ गैंगरेप की वारदात को अंजाम दिया गया था. युवती अपने एक पुरुष मित्र के साथ वहां घूमने गई थी, तभी छुईहा गांव निवासी महेंद्र सिन्हा और जोगीडीपा निवासी राजू यादव ने पहले उसके दोस्त से मारपीट की और फिर युवती से लूटपाट कर, उसे डरा-धमकाकर जंगल में ले जाकर उसके साथ सामूहिक दुष्कर्म किया.

घटना के बाद पीड़िता ने फिंगेश्वर थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस ने तत्परता दिखाते हुए दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने मजबूत साक्ष्य जुटाए और चार्जशीट तैयार की. आखिरकार न्यायालय ने दोनों आरोपियों को दोषी पाते हुए उन्हें उम्रकैद की सजा सुनाई है.

श्रेष्ठ विचार और अच्छी इच्छा शक्ति के लिये योग जरूरी, साई कॉलेज में 10 दिवसीय योग शिविर का हुआ समापन

अम्बिकापुर- इच्छा शक्ति के लिये विचार का होना जरूरी है और विचार योग से सम्भव है। यह बातें श्री साई बाबा आदर्श स्नातकोत्तर महाविद्यालय में श्री सुन्दरलाल शर्मा मुक्त विश्वविद्यालय द्वारा आयोजित योग की सम्पर्क कक्षा के समापन अवसर प्राचार्य डॉ. राजेश श्रीवास्तव ने कही। उन्होंने कहा कि शरीर के लिये दवा आखिरी विकल्प है। हमें स्वस्थ रहना है तो योग करना ही होगा। अपनी दिनचर्या को प्रकृति के अनुसार ढालना होगा और निद्रा, आहार, व्यायाम को संयमित रखना होगा। डॉ. श्रीवास्तव ने बताया कि मैं रीढ़ की दर्द से परेशान था लेकिन नियमित योग-व्यायाम से स्वस्थ हूं।

इससे पहले अतिथियों ने मां सरस्वती एवं श्री साई नाथ की तस्वीर पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। अतिथियों को स्वागत पौधे प्रदान कर किया गया। योग प्रशिक्षक श्वेता कुर्रे ने कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए योग की अवधारणा और उससे मिलने वाले लाभ से अवगत कराया। उन्होंने कहा कि शरीर को स्वस्थ रखने के लिए योग, व्यायाम और आसन करने ही होंगे। इससे शरीर की मांसपेशियों के साथ पूरे संरचना को गति मिलती है। उन्होंने 10 दिनों से संचालित योग कक्षा की गतिविधियों से अवगत कराया।

डॉ. अजय कुमार तिवारी ने योग में शामिल विद्यार्थियों को प्रेरित किया। इस दौरान सभी विद्यार्थियों ने सूर्य नमस्कार, हलासन, वज्रासन, मयुरासन, चक्रासन आदि का प्रदर्शन किया।

कार्यक्रम का संचालन भूपेंद्र जांगड़े और विजय गजोरिया ने किया।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से पीड़ितों को जारी की प्रधानमंत्री आवास योजना की पहली किस्त

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित 2500 परिवारों के बैंक खातों में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) की पहली किस्त की राशि अंतरित की। उन्होंने मंत्रालय में वर्चुअली आयोजित कार्यक्रम में आवास निर्माण की पहली किस्त प्रति परिवार 40-40 हजार रुपए के मान से कुल दस करोड़ रुपए हितग्राहियों के खातों में अंतरित किए। छत्तीसगढ़ के विशेष आग्रह पर केंद्र सरकार द्वारा राज्य के आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए 15 हजार आवास स्वीकृत किए गए हैं। उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा भी कार्यक्रम में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विभिन्न जिलों से मंत्रालय से वर्चुअली बड़ी संख्या में जुड़े हितग्राहियों को संबोधित करते हुए कहा कि राज्य शासन ने केंद्र सरकार से विशेष आग्रह कर आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल हिंसा से प्रभावित परिवारों के लिए जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता की शर्तों में नहीं आ पा रहे थे, उनके लिए 15 हजार आवास स्वीकृत कराया है। उन्होंने इसके लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह और केन्द्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि उन्होंने संवेदनशीलता और गंभीरता से हमारे निवेदन को मंजूरी दी और वंचित परिवारों के लिए भी आवास की व्यवस्था की।

श्री साय ने नक्सल प्रभावित दूरस्थ वनांचलों के लिए स्वीकृत इस विशेष परियोजना के हितग्राहियों की हौसला अफजाई करते हुए अच्छा मकान बनाने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि इसमें सरकार हर तरह की मदद करेगी। मुख्यमंत्री ने नक्सली हिंसा के शिकार परिवारों से आत्मीयता से बातकर उनका हाल-चाल पूछा। उन्होंने घर-परिवार और उनके व्यवसाय की जानकारी ली। बातचीत के दौरान विभिन्न जिला मुख्यालयों से जुड़े हितग्राहियों ने पक्का आवास मिलने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद दिया।

उप मुख्यमंत्री तथा पंचायत एवं ग्रामीण विकास मंत्री विजय शर्मा ने भी हितग्राहियों को ऑनलाइन संबोधित किया। उन्होंने कहा कि आज का दिन ऐतिहासिक है। आज 2500 ऐसे परिवारों को जो नक्सलवाद छोड़कर मुख्य धारा में लौट आए हैं या नक्सल हिंसा से पीड़ित हैं, उनके पक्के आवासों के निर्माण के लिए 40-40 हजार रुपए की पहली किस्त जारी की गई है। ये ऐसे परिवार हैं जो प्रधानमंत्री आवास योजना की पात्रता में नहीं आ पा रहे थे। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में विभाग ने विशेष प्रयास कर भारत सरकार से ये आवास मंजूर कराए हैं। श्री शर्मा ने कहा कि राज्य में नक्सलवाद को समाप्त करने का अभियान अब अंतिम चरण में है। बस्तर के लोगों के मन से अब आतंक का डर हट जाना चाहिए। उन्होंने युवाओं से अपील की कि वे मुख्य धारा में आएं। बस्तर की शांति और विकास के लिए यह जरूरी है। उन्होंने विशेष परियोजना के तहत हितग्राहियों के चिन्हांकन और इसे अमलीजामा पहनाने के लिए विभागीय अधिकारियों की पीठ थपथपाई और उन्हें धन्यवाद दिया।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह ने कार्यक्रम में राज्य में प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) के क्रियान्वयन की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आवास निर्माण के लक्ष्यों को तेजी से पूरा किया जा रहा है। योजना के अगले चरण के लिए हितग्राहियों के सर्वेक्षण का काम भी तेजी से चल रहा है। मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, सचिव पी. दयानंद, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के सचिव भीम सिंह तथा प्रधानमंत्री आवास योजना के संचालक तारन प्रकाश सिन्हा सहित वरिष्ठ विभागीय अधिकारी भी राशि अंतरण कार्यक्रम में मौजूद थे।

सुकमा के सर्वाधिक 809 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों को मिली आवास की पहली किस्त, बीजापुर के 594 और नारायणपुर के 316 परिवार शामिल

प्रधानमंत्री आवास योजना में विशेष परियोजना के तहत आज जिन 2500 आत्मसमर्पित नक्सलियों और नक्सल प्रभावित परिवारों के खातों में आवास निर्माण के लिए राशि अंतरित की गई, उनमें सर्वाधिक 809 परिवार सुकमा जिले के हैं। बीजापुर जिले के ऐसे 594, नारायणपुर के 316, बस्तर के 202, दंतेवाड़ा के 180, कोंडागांव के 166 और कांकेर के 138 परिवारों को आवास निर्माण के लिए राशि जारी की गई है।

युवा शक्ति से होगा ‘विकसित भारत’ का निर्माण: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज राजधानी रायपुर में नीति-राज्य कार्यशाला श्रृंखला के राज्य समर्थन मिशन के तहत छत्तीसगढ़ में युवाओं, महिलाओं और जनजातीय समुदायों के लिए कौशल विकास, रोजगार और आजीविका के अवसरों को विस्तार देने विषय पर आधारित कार्यशाला का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह कार्यशाला बदलते समय की जरूरतों के अनुरूप बेहद प्रासंगिक है। भारत एक युवा देश है और यदि युवाओं को उनकी रुचि और क्षमता के अनुसार कौशल प्रशिक्षण मिले, तो हम ‘विकसित भारत’ के लक्ष्य को तेजी से हासिल कर सकते हैं। इस मौके पर राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापनों (एम.ओ.यू.) पर हस्ताक्षर किए गए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने आगे कहा कि 2047 तक छत्तीसगढ़ को विकसित राज्य बनाने के लिए युवाओं, महिलाओं और जनजातीय वर्ग को केंद्र में रखकर योजनाएं बनाई जा रही हैं। उन्होंने नीति आयोग की आकांक्षी जिलों की पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे जनजातीय क्षेत्रों में बदलाव देखने को मिला है। उन्होंने कहा कि राज्य समर्थन मिशन के बेहतर क्रियान्वयन से प्रदेश के युवाओं, महिलाओं और जनजातिय समुदाय के आजीविका के लिए प्रशिक्षण से रोजगार के नये अवसर शुलभ होंगे। उन्होंने कहा कि युवाओं को कौशल से जोड़कर उन्हें रोजगार के योग्य बनाया जा सकता है।

मुख्यमंत्री नेे बताया कि सरकार वर्ष 2013 से कौशल विकास को तीव्रता से आगे बढ़ा रही है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार लाइवलीहुड कॉलेज, आईटीआई और महिला स्व-सहायता समूहों को सशक्त बनाने पर काम कर रही है। उन्होंने महिंद्रा एंड महिंद्रा कंपनी के साथ समझौते की जानकारी देते हुए कहा कि इसके तहत राज्य के युवाओं को ट्रैक्टर निर्माण की आधुनिक तकनीक सिखाई जाएगी। उन्होंने कहा कि इस पहल से बस्तर और सरगुजा अंचल के ग्रामीण युवाओं तथा उनके परिवारों के जीवन में सकारात्मक बदलाव आयेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में इलेक्ट्रीशियन, प्लंबर, मैकेनिक जैसे कौशलों की भारी मांग है, लेकिन कुशल कर्मचारियों की उपलब्धता कम है। सरकार इन क्षेत्रों में प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक योजना तैयार कर रही है। साथ ही उन्होंने महुआ, इमली, साल जैसे वन उत्पादों से मूल्यवर्धन कर स्थानीय लोगों की आजीविका को बढ़ावा देने पर भी जोर दिया।

उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि आगामी योजनाओं में बस्तर और सरगुजा अंचल के आदिवासी युवाओं को विशेष कोर्स और प्रशिक्षण कार्यक्रम उपलब्ध कराए जाएंगे। साथ ही महिलाओं के लिए स्वरोजगार एवं उद्यमिता प्रशिक्षण केंद्र खोलने की भी तैयारी है। उन्होंने बताया कि विभिन्न बड़ी कंपनियों से एमओयू कर निवेश और रोजगार के अवसर लाने की दिशा में काम हो रहा है। उन्होंने कहा कि स्किल और इंडस्ट्री को जोड़ना जरूरी है। जब दोनों साथ होंगे तब रोजगार की संभावना अधिक रहेगी। उन्होंने कहा कि स्थानीय संसाधनों पर आधारित उद्योग (जैसे कृषि, फल-फलियाँ, हस्तशिल्प) में युवाओं को प्रशिक्षित कर नए रोजगार सृजन पर बल दिया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि बस्तर में अब माओवाद का प्रभाव घट रहा है और हम युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर तैयार कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार जल्द ही ई-हब की शुरुआत करेगी, जहां नवाचार करने वाले युवाओं को प्रोटोटाइप, फंडिंग और मार्केटिंग की सुविधा मिलेगी।

कार्यशाला को कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा सचिव एस. भारती दासन ने कहा कि छत्तीसगढ़ में युवाओं के लिए मुख्यमंत्री कौशल विकास योजना के अंतर्गत अब तक लगभग 4.83 लाख युवाओं को प्रशिक्षण दिया जा चुका है, जिनमें से 2.66 लाख से अधिक युवाओं को रोजगार भी मिला है।

नीति आयोग की प्रोग्राम निदेशक डॉ. सोनिया पंत ने कहा कि नीति आयोग का ‘राज्य समर्थन मिशन’ राज्यों को उनकी आर्थिक व सामाजिक विकास योजनाओं के क्रियान्वयन में तकनीकी सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से तैयार किया गया है। उन्होंने आदिवासी क्षेत्रों में वन-आधारित आजीविका कार्यक्रमों को मजबूत करने पर ज़ोर दिया और कहा कि इससे आदिवासी समुदाय की आय में वृद्धि होगी। डॉ. पंत ने बताया कि राज्य-स्तरीय योजनाओं में जनजातीय युवाओं की भागीदारी बढ़ाने एवं उन्हें नई तकनीक और कौशल से जोड़ने पर नीति आयोग हर सम्भव मदद करेगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार के सीईओ विजय दयाराम के. सहित विभागीय अधिकारी तथा बड़ी संख्या में युवा, महिला और जनजातीय समुदाय के प्रतिनिधि उपस्थित थे।

कौशल विकास के लिए 4 महत्वपूर्ण एमओयू

राज्य के कौशल विकास, तकनीकी शिक्षा एवं उच्च शिक्षा विभाग द्वारा आज चार महत्वपूर्ण एम.ओ.यू. पर हस्ताक्षर किए गए। इन समझौतों का मुख्य उद्देश्य प्रदेश के युवाओं को रोजगारोन्मुख कौशल प्रदान कर उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।

पहला एमओयू तकनीकी शिक्षा छत्तीसगढ़ राज्य कौशल विकास प्राधिकरण एवं नन्दी फाउंडेशन के बीच हुआ। इस एम.ओ.यू. का मुख्य उद्देश्य सामाजिक और आर्थिक रूप से वंचित युवाओं की रोज़गार योग्यताओं को बढ़ाना है। यह कार्यक्रम उन्हें आवश्यक कौशल प्रदान करके उनके आजीविका के साधनों और आर्थिक सुरक्षा में सुधार लाने का प्रयास करता है। इसी तरह दूसरा एमओयू कौशल विकास प्राधिकरण एवं महेन्द्रा एंड महेन्द्रा के बीच हुआ, इस एम.ओ.यू. के अंतर्गत दंतेवाड़ा, बलरामपुर और कोंडागांव जिलों में स्थित लाइवलीहुड कॉलेजों में ट्रैक्टर मैकेनिक पाठ्यक्रम में अल्पकालिक प्रशिक्षण दिया जाएगा। प्रशिक्षण का संचालन रायपुर स्थित स्टेट प्रोजेक्ट लाइवलीहुड कॉलेज सोसायटी द्वारा किया जाएगा।

तीसरा एमओयू उच्च शिक्षा विभाग और नैसकॉम के बीच हुआ, इस समझौते का उद्देश्य कॉलेजों में अध्ययनरत विद्यार्थियों को आधुनिक तकनीकों की जानकारी देकर उन्हें जॉब सीकर से जॉब प्रोवाइडर के रूप में विकसित करना है। यह कार्यक्रम युवाओं को इंडस्ट्री रेडी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है। इसी प्रकार उच्च शिक्षा विभाग और नन्दी फांउडेशन हैदराबाद के बीच चौथा समझौता हुआ, इस एम.ओ.यू. के तहत महाविद्यालयों के छात्रों को रोजगार परक प्रशिक्षण प्रदान कर उन्हें कुशल और आत्मनिर्भर युवा के रूप में तैयार किया जाएगा।

प्रशासनिक लापरवाही से बिहारी दंपती के नाम चढ़ीं 459 शासकीय और निजी जमीनें, असली मालिक लगा रहे सरकारी दफ्तरों के चक्कर…

महासमुन्द-  जमीनों के कार्यों को जल्दी और पारदर्शिता के साथ हो, जनता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर ना काटने पड़े, इसके लिए सरकार ने सभी के रजिस्ट्री ऑनलाइन करने का निर्णय लिया. इसके लिए अधिकारियों को युद्ध स्तर पर कार्य करने के लिए निर्देशित भी किया गया. लेकिन इस बीच महासमुंद के पिथौरा से बड़ी प्रशासनिक लापरवाही का मामला सामने आया है. यहां 459 शासकीय और निजी जमीनें एक बिहार से आकर फुटपाथ पर फल बेंचने वाले साधारण दंपत्ती के नाम पर चढ़ा दी गईं हैं.

जानकारी के मुताबिक, बिहार से छत्तीसगढ़ आए आरती देवी गुप्ता और उनके पति मुकेश गुप्ता पिथौरा के ठेले पर फल बेंचते हैं और परिवार इसी से उनका परिवार चलता है. लेकिन 28 जनवरी 2024 को इनका जीवन अचानक चर्चा में आ गया, जब पता चला कि पिथौरा के करीब 459 अलग-अलग खसरा के बी1 रिकॉर्ड में करोड़ों की सरकारी व निजी जमीन आरती देवी गुप्ता के नाम दर्ज हो गई है. 

बिहारी दंपत्ती के घर रोज पहुंचते हैं जमीनों के असली मालिक

मुकेश गुप्ता ने बताया कि उनकी पत्नी के नाम पर केवल 3 डिसमिल आवासीय जमीन है. लेकिन अब उन्हें बताया जा रहा है कि उनके नाम पर करोड़ो के कई जमीनें चढ़ चुकी हैं. उन्होंने आगे कहा कि जमीनों के असली मालिक रोज हमें खोजते हुए घर आ जाते हैं. हमें सरकारी दफ्तरों में बार-बार बुलाया जा रहा है. हम खुद पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, ताकि ये खसरे हटवाए जा सकें.

जमीन के असली मालिक हो रहे परेशान

बता दें, इस गड़बड़ी का सबसे बड़ा खामियाजा जमीनों के असली मालिकों को भुगतना पड़ रहा है, जिनकी जमीनें बी1 में गलत नाम से दर्ज हो चुकी हैं. कई लोग अपनी जमीन पर लोन नहीं ले पा रहे हैं. खरीद-फरोख्त नहीं कर पा रहे हैं. दर्जनों की संख्या में प्रभावित परिवार अब राजस्व न्यायालय और पटवारी कार्यालय के चक्कर काट रहे हैं, लेकिन उन्हें समाधान नहीं मिल रहा है.

जानबूझकर करते हैं ऐसी गलती-

जमीन संबंधित कार्यों के जानकार का दावा है कि ऐसी गलती जानबूझकर की जाती है. पटवारी भोले-भाले लोगों के नाम पर जमीन चढ़ा देते हैं ताकि भविष्य में उससे पैसे वसूले जा सकें. जब असली मालिक दौड़-धूप करता है, तब उससे पैसे लेकर ‘सुधार’ किया जाता है. इस तरह के त्रुटि होना तत्कालीन पटवारी के कार्य प्रणाली संदेहास्पद है और प्रशासनिक कार्य प्रणाली पर सवालिया निशान खड़ा करता है.

त्रुटि में किया जाएगा सुधार: SDM ओंकारेश्वर सिंह

पिथौरा एस डी एम ओंकारेश्वर सिंह ने इस मामले में कहा कि त्रुटी हुए समस्त दस्तावेजो की जांच कराई जाएगी. जांच के आधार पर धारा 115 के तहत कार्रवाई कर त्रुटी सुधार भी किया जायेगा.

‘सुशासन तिहार’ में शिक्षक की हुई शिकायत, रोज शराब पीकर आता था स्कूल, निलंबन की गिरी गाज

रायपुर- छत्तीसगढ़ में ‘सुशासन तिहार’ के तहत प्रशासन की कड़ी निगरानी का असर अब दिखाने लगा है। शिकायत सही पाए जाने के बाद शराबी शिक्षक के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है। संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा संभाग रायपुर ने आदेश जारी किया है।

राकेश पांडेय (संभागीय संयुक्त संचालक शिक्षा, रायपुर ) ने बताया कि सुशासन तिहार में शिक्षक सेत कुमार देवांगन के खिलाफ छड़िया सरपंच ने शिकायत की थी। जिसमें बताया गया था कि शासकीय पूर्व माध्यमिक शाला छड़िया, विकासखंड तिल्दा में पदस्थ शिक्षक सेत देवांगन रोज शराब पीकर स्कूल पहुंचता है। इस कारण छात्रों की पढ़ाई और स्कूल का कामकाज प्रभावित हो रही है। इसके बाद मामले की जांच रिपोर्ट में यह शिकायत सही पाई गई। इस अनुशासनहीन और गैर-जिम्मेदाराना आचरण के चलते उसे तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

शिक्षक को छत्तीसगढ़ सिविल सेवा (वर्गीकरण, नियंत्रण व अपील) नियम 1966 के तहत तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। निलंबन अवधि में उन्हें नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता मिलेगा और उनका मुख्यालय अब विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी कार्यालय, बसना (महासमुंद) निर्धारित किया गया है। निलंबन अवधि में शिक्षक को नियमानुसार जीवन निर्वाह भत्ता प्रदान किया जाएगा।


देखें आदेश की कॉपी :-

CG की कमला देवी ने दुबई में बजाया भारत का डंका : 67 साल की उम्र में बनी अंतरराष्ट्रीय गोल्ड मेडलिस्ट, वेटलिफ्टिंग में जीते तीन गोल्ड मेडल

मनेंद्रगढ़- उम्र सिर्फ एक संख्या है यह कहावत मनेन्द्रगढ़ की कमला देवी मंगतानी ने सच कर दिखाई है। 67 वर्ष की आयु में जब अधिकतर लोग अपने शरीर की सीमाओं को स्वीकार कर बैठते हैं, तब कमला देवी ने अपने अटूट संकल्प, अनुशासन और आत्मबल से न सिर्फ जीवन को चुनौती दी, बल्कि राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय खेल जगत में अपने शहर, राज्य और देश का नाम भी रोशन किया। उन्होंने हाल ही में दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में तीन गोल्ड मेडल हासिल की है.

कमला देवी मंगतानी पिछले 30 वर्षों से डायबिटीज जैसी जटिल बीमारी से जूझ रही हैं। एक समय था जब डॉक्टरों ने इलाज से जवाब दे दिया था और चलने-फिरने में असमर्थता के कारण उन्हें बैसाखी थमा दी गई थी, लेकिन जहां एक ओर शरीर जवाब दे रहा था, वहीं दूसरी ओर उनका मनोबल और आत्मविश्वास नई उड़ान भरने को तैयार था। उन्होंने न केवल बैसाखी को छोड़ा बल्कि अपने पैरों पर खड़ा होकर चलना शुरू किया। एक-एक कदम आगे बढ़ाते हुए उन्होंने जीवन के प्रति एक नया नजरिया अपनाया।

अब तक जीत चुकी 100 से अधिक गोल्ड मेडल

कुछ ही वर्षों में उन्होंने खुद को इतना सशक्त बना लिया कि स्थानीय जिम में जाना शुरू कर दिया। पिछले पाँच वर्षों से वे लगातार जिम में नियमित रूप से अभ्यास कर रही हैं। जहां उनके उम्र के लोग रिटायरमेंट के बाद आराम की जिंदगी जीते हैं, वहीं कमला देवी सुबह उठकर जिम में पसीना बहाने जाती हैं। जिम में उन्होंने खुद को न केवल फिट किया, बल्कि वजन उठाने (वेटलिफ्टिंग) जैसी कठिन कसरत में भी महारत हासिल कर ली। उनकी मेहनत और जज्बे का परिणाम यह रहा कि उन्होंने विभिन्न स्तरों पर आयोजित वेटलिफ्टिंग प्रतियोगिताओं में भाग लेना शुरू किया। राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिताओं से शुरू होकर वे धीरे-धीरे अंतरराष्ट्रीय मंच पर पहुंच गईं। अब तक वे 100 से अधिक गोल्ड मेडल जीत चुकी हैं। इन पुरस्कारों में राष्ट्रीय, अंतरराष्ट्रीय और राज्य स्तरीय प्रतियोगिताएं शामिल हैं।

अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में जीतीं तीन गोल्ड मेडल

सबसे हालिया और गौरवपूर्ण सफलता उन्हें दुबई में आयोजित 11वें अंतरराष्ट्रीय खेल समारोह में प्राप्त हुई। संयुक्त भारतीय खेल फाउंडेशन की ओर से आयोजित इस कार्यक्रम का आयोजन दुबई स्पोर्ट्स काउंसिल के सानिध्य में 22 से 28 अप्रैल 2025 के बीच हुआ। इसमें दुनियाभर के प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया। कमला देवी ने भारत का प्रतिनिधित्व करते हुए तीन गोल्ड मेडल और एक सिल्वर मेडल अपने नाम किए। उनकी इस ऐतिहासिक उपलब्धि से न केवल भारत, बल्कि छत्तीसगढ़ राज्य और विशेष रूप से मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर (एमसीबी ) जिले का नाम रोशन किया। 

तेज आंधी-तूफान के बीच तांदुला डेम में मछली पकड़ने गया मछुआरा हुआ लापता, तलाश में जुटी गोताखोरों की टीम

बालोद- तांदुला डेम में मछली पकड़ने गया मछुआरा तेज आंधी-तूफान के बीच लापता हो गया। घटना शुक्रवार शाम की है, जब 48 वर्षीय सोमन निसाद मछली पकड़ते वक्त अचानक गायब हो गया। किनारे पर उसकी नाव और जाल लावारिस मिले, जिससे डेम में हादसे की आशंका गहरा गई है।

लापता सोमन निसाद बोरिद गांव का निवासी बताया जा रहा है। जानकारी के मुताबिक, सोमन रोज की तरह मछली पकड़ने डेम में गया था, लेकिन तेज हवाओं और मौसम की खराबी के बाद वह लौटकर नहीं आया। जबकि अन्य मछुवारे वापस घर आ गए। स्थानीय ग्रामीणों को जब उसकी नाव और मछली पकड़ने का जाल किनारे पर लावारिस हालत में मिले, तो उन्होंने तुरंत पुलिस को सूचना दी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस और गोताखोरों की संयुक्त टीम को तैनात किया गया है। डेम में खोजबीन जारी है, लेकिन अब तक मछुआरे का कोई पता नहीं चला है। बताया जा रहा है कि नाव (डोंगा) डूबी थी। इस घटना ने क्षेत्र में हड़कंप मच गया है।

बता दें कि प्रदेश के अन्य इलाकों के साथ-साथ शाम को बालोद में भी मौसम का मिजाज बदला। जिले के कई इलाकों में बारिश हुई और तेज आंधी-तूफान के कारण कहीं पेड़ गिरे तो कहीं टिन शेड उड़ गए। बिजली खंबों को भी नुकसान पहुंचा। डेम में मछली पकड़ने गया मछुआरा, आंधी-तूफान की चपेट में आकर पानी में डूबने की आशंका जताई जा रही है।

GST संग्रह में छत्तीसगढ़ देश में अव्वल : सीएम साय के नेतृत्व में किए गए सुधाराें का असर, केरल, पंजाब और बिहार जैसे राज्यों को छोड़ा पीछे

रायपुर- अप्रैल 2025 में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) संग्रहण में छत्तीसगढ़ ने उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। छत्तीसगढ़ ने 4,135 करोड़ का जीएसटी संग्रहण कर देश के शीर्ष 15 राज्यों की सूची में अपनी जगह बनाई है। जीएसटी संग्रहण के मामले में छत्तीसगढ़ ने केरल, पंजाब, बिहार और खनिज संसाधनों से भरपूर झारखंड जैसे राज्यों को भी पीछे छोड़ दिया है।

राज्य में इस आर्थिक प्रगति को लेकर विशेषज्ञों का मानना है कि यह उपलब्धि छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा व्यापार और उद्योग क्षेत्र में किए गए सशक्त सुधारों का प्रतिफल है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में बीते 15 महीनों में राज्य सरकार ने ऐसे कई निर्णय लिए हैं, जिनसे निवेश और व्यापार को बढ़ावा मिला है ।

सरकार द्वारा किए गए प्रमुख सुधारों में उद्योग एवं व्यापार नियमों का सरलीकरण, गैर-जरूरी और बाधक कानूनों की समाप्ति,सभी जरूरी सेवाओं की ऑनलाइन उपलब्धता,पेट्रोल पंप खोलने के लिए लाइसेंस की बाध्यता को समाप्त करना और उद्योगों की स्थापना के लिए प्रक्रिया को सरल बनाना शामिल है।

इन सभी पहल से राज्य में उद्योग और व्यापारिक गतिविधियों को प्रोत्साहन मिला है, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिली है और राजस्व संग्रह में निरंतर वृद्धि हो रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है छत्तीसगढ़ को आत्मनिर्भर और समृद्ध राज्य बनाना हमारा लक्ष्य है। राज्य की आर्थिक स्थिति में यह वृद्धि जनता और उद्योग जगत के सहयोग से संभव हुई है।” यह प्रदर्शन छत्तीसगढ़ की अर्थव्यवस्था के लिए सकारात्मक संकेत है और यह दिखाता है कि राज्य संसाधन आधारित अर्थव्यवस्था से आगे बढ़कर अब एक सशक्त औद्योगिक केंद्र के रूप में उभर रहा है।