अयोध्या को सोलर सिटी बनाने में नगर निगम तल्लीनः त्रिपाठी
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अयोध्या।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सपनों के अनुरूप अयोध्या को सोलर सिटी बनाने में नगर निगम तल्लीन है। महानगर का 90 प्रतिशत हिस्सा सार्वजनिक रोशनी से गुलजार है। नगर में शामिल किए गए प्रत्येक गांव में 250 और सोलर लाइट लगवाई जाएगी। इसके अलावा पांच हजार स्टृट लाइट लगवाने का प्रस्ताव किया गया है।
वह पृथ्वी दिवस के मौके पर नगर निगम में आयोजित कार्यक्रम को बतौर मुख्य अतिथि संबोधित कर रहे थे। उन्होंने कहा कि अब लाइट खराब होने पर 48 घंटे के भीतर ठीक कर दिया जाता है। कैंट क्षेत्र डेकोरेटेड लाइट लगाने की योजना है। अयोध्या के मुख्य मार्गां एवं गलियों में अब सूर्यास्त के बाद इतनी रोशनी रहती है कि बाहर से आने वाला श्रद्धालु नगर निगम के प्रकाश विभाग की प्रशंसा किए बिना नहीं रहता। उन्होंने कहा कि अयोध्या अब तकनीक और परंपरा का संगम बन रही है।
कार्यक्रम की अध्यक्षता नगर आयुक्त श्री संतोष कुमार शर्मा ने की। उन्होंने कहा कि कर्मचारी निरंतर सजग रहते हैं। यही कारण है कि नगर की प्रकाश व्यवस्था बेहतर बनी रहती है। नगर आयुक्त ने बताया कि 15 प्रमुख वार्डों में 3652 सजावटी पोल और लाइट्स स्थापित किए गए हैं। धार्मिक, ऐतिहासिक और पर्यटन स्थलों पर आकर्षक प्रकाश की विशेष व्यवस्था की गई है। विस्तारित क्षेत्रों में 50 हाईमास्ट, 9000 नई लाइट्स तथा 50 अतिरिक्त इलाकों में प्रकाश की व्यवस्था, बांस आधारित लाइट्स, रामपैड़ी आदि पर सोलर ट्री और स्ट्रिप लाइट्स, उदया गेट, साकेत पार्क जैसे नवाचारों का समावेश किया गया है।
नगर निगम के जनसंपर्क अधिकारी मुकेश कुमार पांडेय ने बताया कि कार्यक्रम का संचालन राम का घर की मुखिया एकता भटनागर ने किया। इस मौके पर उपसभापति राजेश गौड़, पार्षद अनूप श्रीवास्तव, अपर आयुक्त शशिभूषण राय, बागीश शुक्ल, राहुल सिंह, अधिवक्ता राहुल प्रताप सिंह, अनीता द्विवेदी, रूबी रावत आदि की मौजूदगी रही।
कर्मचारियों को मिली प्रकाश प्रहरी की उपाधि
अयोध्या महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी ने अयोध्या की रातों को रोशन रखने वाले प्रकाश विभाग के कर्मचारियों को प्रकाश प्रहरी की उपाधि से नवाजा। उन्होंने कहा कि यह नाम कर्मचारियों के उत्साहवर्धन और गौरव का प्रतीक बनेगा। इस मौके पर केंद्रीय कंट्रोल एवं निगरानी प्रणाली सीसीएमएस का लाइव प्रदर्शन किया। नगर क्षेत्र में 360 सीसीएमएस कंट्रोल पैनल्स लगाए गए हैं। इससे स्ट्रीट लाइट्स का रियल टाइम मॉनिटरिंग एवं फॉल्ट डिटेक्शन का त्वरित समाधान संभव हुआ है। इससे 30 से 40 फीसदी ऊर्जा की बचत सुनिश्चित की गई है। जनता की शिकायतें अब हेल्प डेस्क और मोबाइल एप्स के माध्यम से त्वरित समाधान पा रही हैं।





Apr 22 2025, 20:09
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