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पुलिस ने पकड़ी 56 किलो चांदी… ले जाने के तरीके से पुलिस शॉक्ड

रायपुर-  राजधानी रायपुर की खमतराई थाना पुलिस ने 56 किलो चांदी जब्त की है. इसकी कीमत करीब 60 लाख रूपए आंकी गई है. पुलिस के सूत्र बताते है कि ये चांदी युवक दुपहिया वाहन में बोरे में भरकर ले जा रहे थे. संदेह के आधार पर उन्हें जब रोका गया तो पुलिस के होश उड़ गए जब उन्होंने ये देखा कि बोरे के अंदर चांदी भरी हुई है. वजन करने पर पता चला कि ये चांदी 56 किलो 300 ग्राम है. इसे महाराष्ट्र से लाना बताया जा रहा है. पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है कि इस चांदी की खरीदी के दस्तावेज सही है या नहीं, पुलिस ये भी जांच करने में जुट गई है कि ये किस व्यापारी की चांदी है.

खमतराई पुलिस के मुताबिक उन्हें सूचना मिली थी कि दो व्यक्ति दोपहिया वाहन पर अवैध रूप से एल्यूमिनियम जैसी चांदी की सिल्लियां ले जा रहे हैं. वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश और थाना प्रभारी खमतराई के नेतृत्व में पुलिस ने भनपुरी चौक पर नाकाबंदी की. इस दौरान एक ईवी स्कूटर (Ather, नंबर CG 04 PQ 8047) को रोका गया, जिसमें दो लोग सवार थे. पूछताछ में उन्होंने अपना नाम ओंकार जाधव (23 वर्ष) और अजय गेजगे (23 वर्ष), दोनों महाराष्ट्र निवासी, बताया.

पुलिस ने उनके थैले की तलाशी ली, जिसमें 115 सिल्लियां (कुल 56.3 किलोग्राम) एल्यूमिनियम जैसी चांदी की मिलीं. आरोपियों से इनके परिवहन और स्वामित्व के वैध दस्तावेज मांगे गए, लेकिन वे कोई कागजात पेश नहीं कर सके. पुलिस ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया और उनके कब्जे से चांदी की सिल्लियों के साथ-साथ परिवहन में प्रयुक्त स्कूटर को भी जब्त कर लिया.

आरोपियों के खिलाफ थाना खमतराई में इस्तगासा क्रमांक 02/2025, धारा 35(1), ई बीएनएसएस/303(3) बीएनएस के तहत मामला दर्ज किया गया है.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में 'विकसित बस्तर की ओर' विषय पर परिचर्चा का हुआ आयोजन

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की अध्यक्षता में आज जगदलपुर में “विकसित बस्तर की ओर” विषय पर एक महत्वपूर्ण परिचर्चा का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कृषि विकास एवं किसान कल्याण विभाग द्वारा बस्तर क्षेत्र के समग्र विकास हेतु विस्तृत रोडमैप प्रस्तुत किया गया। जगदलपुर में आयोजित बस्तर की ओर परिचर्चा में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा, वन मंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक किरण सिंह देव, विनायक गोयल, प्रमुख सचिव सुबोध कुमार सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, संबंधित विभागों के सचिव, बस्तर संभाग के सभी जिलों के कलेक्टर समेत बस्तर संभाग के किसान,  कृषि उद्योग से जुड़े गणमान्य स्थानीय उपस्थित थे। इस अवसर पर किसानों, व्यापरियों कृषि से सम्बंधित संस्थाओं के प्रतिनिधियों ने अपने विचार व्यक्त किये।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा की बस्तर को विकास की मुख्य धारा में शामिल करना है। बस्तर को विकास की दिशा में आगे ले जाने के लिए हमे खेती पर ज्यादा जोर देना है , विशेषकर यहां के सीमांत किसानों पर ध्यान देना है। श्री साय ने कहा कि बस्तर के लिए कृषि सबसे बेहतर विकल्प है, इससे स्थानीय जनजातियां जुड़ी हुयी है और लोग अपनी रुचि के अनुसार काम करेंगे तो उसमे सफल भी होंगे। कृषि के विकास के लिए हमने बजट में अतिरिक्त प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष जोर देते हुए कहा कि हमें मक्के की खेती को बढ़ाना पड़ेगा। ये कम लागत में तैयार होने वाली और ज्यादा मुनाफा देने वाली फसल है। मक्का के लिए बस्तर की जलवायु काफी अनुकूल है। इसके साथ ही यहां मिलेट्स उत्पादन का काफी ज्यादा स्कोप है, इसकी खेती पर हमे विशेष काम करना होगा।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अपने संबोधन में कहा कि बस्तर केवल एक भौगोलिक क्षेत्र नहीं है, यह संस्कृति, परंपरा, संघर्ष और संभावनाओं का संगम है। उन्होंने कहा कि बस्तर क्षेत्र में विकास की अपार संभावनाएं हैं, जिन्हें सशक्त नीति, पारदर्शी प्रशासन और जनभागीदारी से साकार किया जा सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की प्राथमिकता है कि बस्तर को हर दृष्टि से आत्मनिर्भर और समृद्ध बनाया जाए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि नक्सलवाद हमारे प्रदेश के लिए एक कलंक की तरह रहा है, केन्द्र सरकार के सहयोग से इसे समाप्त करने की दिशा में निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है। उन्होंने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का संकल्प है कि 31 मार्च, 2026 तक देश से नक्सलवाद का समूल नाश किया जाए और छत्तीसगढ़ इस लक्ष्य की प्राप्ति में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। मुख्यमंत्री श्री साय ने यह भी कहा कि नक्सलवाद केवल सुरक्षा की चुनौती नहीं है, बल्कि यह विकास की कमी का परिणाम है। इसलिए आवश्यक है कि हम बस्तर के हर गांव और हर व्यक्ति को विकास की मुख्यधारा से जोड़ें और उन्हें पर्याप्त अवसर प्रदान करें।

परिचर्चा में कृषि उत्पादन आयुक्त शहला निगार ने कृषि क्षेत्र के विकास संबंधी रोडमैप प्रस्तुत करते हुए कहा कि बस्तर की कृषि आधारित अर्थव्यवस्था को सशक्त बनाने हेतु फसल विविधीकरण, जैविक खेती, सिंचाई सुविधा का विस्तार, कृषि यंत्रीकरण, फसल ऋण की सुलभता और कृषि उत्पादों के मूल्य संवर्धन पर विशेष बल दिया जा रहा है। बस्तर संभाग में इस समय 2.98 लाख सक्रिय किसान परिवार हैं, जिनमें से 2.75 लाख को प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना का लाभ मिल चुका है। योजना की 19वीं किस्त के रूप में 64.77 करोड़ रुपये का भुगतान किया जा चुका है। शेष पात्र परिवारों का सत्यापन कर उन्हें भी योजना से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने बताया कि बस्तर में 7 कृषि विज्ञान केंद्र, 4 कृषि महाविद्यालय, 2 उद्यानिकी महाविद्यालय, 1 वेटरनरी पॉलीटेक्निक कॉलेज और 1 कृषक प्रशिक्षण केंद्र संचालित हो रहे हैं। इसके अलावा 29 उद्यान रोपणियाँ, 9 शासकीय मत्स्य प्रक्षेत्र, एक पोल्ट्री प्रक्षेत्र तथा एक शासकीय सुअर पालन केंद्र भी कार्यरत हैं। केसीसी कवरेज वर्तमान में 86 प्रतिशत तक पहुंच चुका है और आगामी तीन वर्षों में 1.25 लाख नए केसीसी जारी करने का लक्ष्य है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने जगदलपुर के गांव से किया मोर दुआर-साय सरकार महाअभियान का शुभारंभ

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने आज बस्तर जिले के ग्राम घाटपदमपुर से प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण अंतर्गत आवास प्लस 2.0 सर्वेक्षण के लिए प्रदेशव्यापी मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का शुभारंभ किया। मुख्यमंत्री इस दौरान उन्होंने घाटपदमपुर के कई हितग्राहियों के घर पहुंचकर स्वयं सर्वेक्षण किया। मुख्यमंत्री के गांव पहुंचने पर ग्रामीणों में भारी उत्साह दिखाई दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार का उद्देश्य प्रत्येक पात्र ग्रामीण परिवार को पक्का और सुरक्षित घर प्रदान करना है। उन्होंने कहा कि सर्वेक्षण कार्य समयबद्ध और पारदर्शी ढंग से पूरा किया जाएगा, ताकि हर जरूरतमंद को योजना का लाभ मिले।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण आवास प्लस 2.0 के तहत सर्वेक्षण के लिए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के विशेष पहल पर 15 दिवसीय मोर दुआर-साय सरकार महाभियान शुरू किया गया है। यह अभियान 30 अप्रैल तक चलेगा। मोर दुआर-साय सरकार महाभियान का उद्देश्य छत्तीसगढ़ के ऐसे ग्रामीण परिवारों की पहचान करना है, जिन्हें अब तक किसी भी आवासीय योजना के तहत पक्का आवास नहीं मिल सका है। उन्हें पक्के आवास की सुविधा उपलब्ध कराना है।

इस महाभियान में राज्य के प्रत्येक गांव में प्रधानमंत्री आवास योजना प्लस 2.0 के हितग्राहियों के सर्वेक्षण का कार्य पूरा किया जाएगा, ताकि योजनांतर्गत आवास की स्वीकृति एवं निर्माण कार्य कराया जा सके। यह महाभियान तीन चरणों में संचालित होगा। पहले चरण में 15 से 19 अप्रैल के बीच जिला और ब्लॉक स्तर पर आयोजित किए जा रहे हैं। दूसरे चरण में 20 से 28 अप्रैल तक सभी ग्रामों में ग्राम सभाएं आयोजित कर घर-घर जाकर पात्र परिवारों का सर्वेक्षण किया जाएगा। तीसरे चरण में 29 और 30 अप्रैल को सभी सर्वेक्षणों की पुष्टि, ग्राम सभा की स्वीकृति और सत्यापन कर अंतिम रिपोर्ट तैयार कर राज्य कार्यालय को भेजी जाएगी।

मुख्यमंत्री श्री साय ने ग्राम घाटपदमपुर आयोजित कार्यक्रम में स्वयं लाभार्थियों से चर्चा करते हुए उनके मकान की स्थिति जानी और नवनिर्मित घरों को देखकर संतोष व्यक्त किया। उन्होंने ग्रामवासियों से सीधा संवाद करते हुए यह भी कहा कि सरकार की जिम्मेदारी है कि कोई भी परिवार बिना पक्के मकान के न रहे। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सर्वेक्षण के माध्यम से जो भी पात्र परिवार सामने आएंगे, उन्हें शीघ्रातिशीघ्र योजना में सम्मिलित किया जाएगा।मुख्यमंत्री ने किया पात्र परिवारों का सर्वे

मुख्यमंत्री श्री साय जब हितग्राही शिलोमणि कश्यप एवं करुणा कश्यप के घर पहुंचे तब परिवारजनों ने उनका परंपरागत रूप से आत्मीय स्वागत किया। शिलोमणि कश्यप ने बताया कि उनके परिवार में कुल पाँच सदस्य हैं पति हरिसिंह, बेटा अभिनव जो 9वीं कक्षा में पढ़ता है, बेटी अनुप्रिया (8वीं कक्षा) और छोटा बेटा अभिषेक जो तीसरी कक्षा में है। उन्होंने कहा कि उनका परिवार वर्षों से पक्के मकान का सपना देख रहा था, जो अब इस योजना के तहत पूरा होता नजर आ रहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने गांव की एक अन्य हितग्राही लूदरी कश्यप के घर का भी सर्वेक्षण किया। उन्होंने स्वयं ‘आवास प्लस 2024 (2.0)’ मोबाइल एप्लीकेशन के माध्यम से सर्वे किया। इस दौरान लूदरी कश्यप ने भावुक होकर कहा कि बरसों से पक्के मकान का सपना देखा था, आज वह साकार होता दिख रहा है। यह मेरे लिए बेहद भावुक क्षण है। लूदरी कश्यप ने यह भी साझा किया कि बरसात के दिनों में कच्चे घर में सांप का डर और घर की मरम्मत पर होने वाले खर्च से वे परेशान रहती थीं। उन्होंने कहा कि अब इस योजना से उन्हें इन सभी समस्याओं से मुक्ति मिलेगी।

लूदरी कश्यप ने बताया कि उनके साथ पति मनबोध कश्यप, बहू करुणा कश्यप, पुत्र ईश्वर कश्यप और पोता रहते हैं। लूदरी कश्यप ने कहा कि उनका पूरा परिवार मजदूरी पर निर्भर है और सीमित आय के चलते पक्के मकान का निर्माण संभव नहीं हो पा रहा था। उन्होंने मुख्यमंत्री का धन्यवाद करते हुए कहा कि अब उनका एक सुरक्षित और स्थायी पक्का मकान का सपना जल्द ही पूरा होगा। ग्राम पंचायत घाटपदमपुर की कुल जनसंख्या 2,078 है, जिसमें वर्तमान में 583 परिवार निवासरत हैं। इस पंचायत में प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत पूर्व में स्थायी प्रतीक्षा सूची के आधार पर 11 परिवारों को आवास की स्वीकृति दी गई थी, जिनके मकानों का निर्माण पूर्ण हो चुका है।

महतारी वंदन योजना बनी सहारा

मुख्यमंत्री श्री साय को ग्रामीण महिलाओं ने बताया कि उन्हें राज्य सरकार की महतारी वंदन योजना का भी लाभ मिल रहा है। इस योजना से उन्हें आर्थिक सहायता प्राप्त हो रही है, जिससे वे अपने दैनिक खर्चों के साथ-साथ बच्चों की शिक्षा और भविष्य के लिए भी कुछ बचत कर पा रहे हैं।

हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार : उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा

उपमुख्यमंत्री श्री शर्मा ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का स्पष्ट लक्ष्य है कि देश के हर नागरिक को सम्मानजनक जीवन जीने का अधिकार मिले, जिसमें पक्का मकान एक बुनियादी आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार इस संकल्प के साथ कार्य कर रही है कि कोई भी पात्र नागरिक सरकार की योजनाओं से वंचित न रहे। उन्होंने यह भी बताया कि राज्य में 2024-25 के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण के अंतर्गत कुल 11,50,315 मकानों के निर्माण का लक्ष्य रखा गया है, जिनमें से 9,41,595 मकानों की पहले ही स्वीकृति प्रदान की जा चुकी है। इनमें से 1,78,476 मकान पूर्ण रूप से निर्मित हो चुके हैं और शेष निर्माणाधीन हैं। अब तक कुल 3,59,037 लाभार्थियों को आवास मिल चुका है। उन्होंने कहा कि विशेष रूप से डिजिटल माध्यमों का उपयोग करते हुए लाभार्थी स्वयं भी मोबाइल ऐप के जरिए अपनी जानकारी अपलोड कर सकेंगे। इस प्रक्रिया को अधिक पारदर्शी और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा GRIH पोर्टल भी विकसित किया गया है।

इस अवसर पर वनमंत्री केदार कश्यप, सांसद महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम जगदलपुर के महापौर संजय पाण्डे सहित अनेक जनप्रतिनिधि और बड़ी संख्या में ग्रामीणजन उपस्थित थे।

साय कैबिनेट की बैठक 17 को, कई अहम फैसलों पर लग सकती है मुहर

रायपुर- नए वित्तीय वर्ष की साय कैबिनेट की पहली बैठक 17 अप्रैल को होगी, जिसमें कई महत्वपूर्ण फैसले लिए जा सकते हैं. यह बैठक दोपहर 12.30 बजे मंत्रालय में होगी. पिछले कैबिनेट बैठक में मंत्रिपरिषद ने छत्तीसगढ़ में भारत माला परियोजना के क्रियान्वयन में भ्रष्टाचार की प्राप्त शिकायत को गंभीरता से लेते हुए इसकी जांच ईओडब्ल्यू से कराने समेत कई निर्णय लिए थे.

अग्रवाल समाज का सम्मान समारोह : निकाय चुनाव में निर्वाचित अग्रबंधुओं का हुआ सम्मान, सांसद बृजमोहन बोले –

रायपुर-  अग्रवाल सभा रायपुर एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के संयुक्त तत्वावधान में सम्मान समारोह आयोजित किया गया, जिसमें नगरीय निकाय चुनाव में पूरे छत्तीसगढ़ से निर्वाचित हुए अग्रबंधुओं का सम्मान किया गया. मैक काॅलेज सभागार समता काॅलोनी रायपुर में आयोजित कार्यक्रम के मुख्य अतिथि सांसद बृजमोहन अग्रवाल थे. कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सांसद बृजमोहन ने कहा, अग्रवाल समाज को बिजनेस के साथ सेवा का भी काम ज्यादा करना चाहिए. राजनीति और सार्वजनिक पदों में अग्रवाल समाज के अग्रबंधु संख्या बढ़ाने का प्रयास करें.

कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में अमर अग्रवाल पूर्व मंत्री, राजेश अग्रवाल विधायक अंबिकापुर, संपत अग्रवाल विधायक बसना और राजीव अग्रवाल अध्यक्ष सीएसआईडीसी मौजूद रहे. अग्रवाल सभा के अध्यक्ष विजय अग्रवाल, अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन छत्तीसगढ़ के अध्यक्ष कृष्ण कुमार अग्रवाल, कार्यक्रम प्रभारी द्वय योगी अग्रवाल और बिसंबर अग्रवाल, प्रचार प्रसार प्रभारी प्रमोद जैन ने बताया कि छत्तीसगढ़ नगरीय निकाय और जिला पंचायत में पूरे छत्तीसगढ़ से विभिन्न पदों पर बड़ी संख्या में अग्रबंधु निर्वाचित हुए हैं. सभी का समाज की ओर से सम्मान किया गया.

कार्यक्रम में इनका हुआ सम्मान

1. राजीव अग्रवाल, अध्यक्ष CSIDC रायपुर 2. नवीन अग्रवाल खरोरा अध्यक्ष जिला पंचायत रायपुर, 3. रमन अग्रवाल अध्यक्ष रामानुजगंज नगर पालिका 4. श्याम सुन्दर अग्रवाल अध्यक्ष नगर पालिका सक्ती, 5. कमल गर्ग अध्यक्ष खरसिंया नगर पालिका, 6. राकेश जालान अध्यक्ष पेंड्रा नगर पालिका. 7. डाक्टर खूशबू अग्रवाल अध्यक्ष बसना नगर पंचायत 8. अनीता चंदन अग्रवाल अध्यक्ष थान खमरिया नगर पंचायत, 9. कमलेश अग्रवाल अध्यक्ष सरिया नगर पंचायत 10. कपिल सिंघानिया अध्यक्ष लैलूंगा नगर पंचायत 11. नेहा सन्नी बंसल उपाध्यक्ष लखनपुर नगर पालिका, 12. शैलेश अग्रवाल उपाध्यक्ष नगर पालिका सूरजपुर 13. अंबर अग्रवाल पार्षद एवं जोन अध्यक्ष रायपुर नगर निगम 14. कृतिका जैन पार्षद रायपुर नगर निगम 15 निलेश अग्रवाल पार्षद दुर्ग नगर निगम 16. अरुण अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 17. दीपक अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 18. दीपक कुमार अग्रवाल पार्षद खरसिंया नगर पालिका 19. दीपा विकास अग्रवाल पार्षद शक्ति नगर पालिका 20. गायत्री सचिन अग्रवाल पार्षद लखनपुर नगर पालिका 21. सुनील अग्रवाल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका, 22. मंजू बंसल पार्षद राजपुर सरगुजा नगर पालिका 23 मंजू प्रदीप गोयल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 24. मुकेश गर्ग पार्षद सूरजपुर नगर पालिका, 25 प्रमोद तायल पार्षद सूरजपुर नगर पालिका आदि जनप्रतिनिधियों का सम्मान किया गया.

जिन स्थानों से जनप्रतिनिधि निर्वाचित हुए हैं उन स्थानों के अग्रवाल सभा के अध्यक्ष और पदाधिकारियों को भी आमंत्रित किया गया था। कार्यक्रम को सफल बनाने में अग्रवाल सभा एवं अखिल भारतीय अग्रवाल सम्मेलन के सभी पदाधिकारियों के साथ युवा महिला युवती विंग का अहम योगदान रहा.

उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष मंडल बने स्पंज आयरन एसोसिएशन के अध्यक्ष, निशांत खेतान को मिली महासचिव की जिम्मेदारी

रायपुर- छत्तीसगढ़ के उद्योग जगत से एक बड़ी खबर सामने आई है। रायपुर के प्रतिष्ठित उद्योगपति और समाजसेवी डॉ. मनीष कुमार मंडल को छत्तीसगढ़ स्पंज आयरन मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन (CGSIMA) का नया अध्यक्ष चुना गया है। वहीं, युवा उद्योगपति निशांत खेतान को एसोसिएशन का महासचिव नियुक्त किया गया है।

बता दें कि आरती स्पंज एंड पावर लिमिटेड के निदेशक डॉ. मनीष मंडल को सर्वसम्मति से यह अहम जिम्मेदारी सौंपी गई। उद्योग जगत में उनका अनुभव और योगदान किसी से छिपा नहीं है। इससे पहले भी वे मिनी स्टील प्लांट एसोसिएशन सहित कई औद्योगिक संगठनों में अपनी नेतृत्व क्षमता दिखा चुके हैं। स्टील उद्योग की दशा और दिशा को बेहतर करने में उनका योगदान सराहनीय रहा है।

नए अध्यक्ष और महासचिव की ताजपोशी के बाद उद्योग जगत में उत्साह की लहर है। कई वरिष्ठ उद्योगपतियों और व्यापारिक संगठनों ने दोनों को बधाइयाँ और शुभकामनाएं दी हैं। सभी को पूरी उम्मीद है कि निश्चित तौर पर इनके नेतृत्व में छत्तीसगढ़ के स्पंज और स्टील सेक्टर को नई ऊर्जा और दिशा मिलेगी। एसोसिएशन में यह बदलाव उस वक्त हुआ है जब उद्योग कई चुनौतियों से जूझ रहा है, कच्चे माल की कीमतें, पर्यावरण मानक, और तकनीकी आधुनिकीकरण जैसे मुद्दे प्रमुख हैं। ऐसे में डॉ. मंडल और निशांत खेतान की जोड़ी से बड़े फैसलों और ठोस पहल की उम्मीद की जा रही है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की बस्तर अंचल को बड़ी सौगात, जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ

रायपुर- मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज बस्तर संभाग को बड़ी सौगात दी है। उन्होंने जगदलपुर में जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता कार्यालय का शुभारंभ किया। इस कार्यालय के प्रारंभ होने से बस्तर संभाग के सभी सातों जिलों के विभागीय कामकाज में काफी सुविधा होगी। जल संसाधन से संबंधित निर्माण कार्यों के सर्वेक्षण, डीपीआर निर्माण और तकनीकी स्वीकृति में तेजी आएगी। पहले इन कार्यों की स्वीकृति के लिए रायपुर जाना पड़ता था। अब ये काम संभागीय मुख्यालय बस्तर में ही हो सकेंगे।

जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप के विशेष पहल से शुरू हुए जल संसाधन विभाग के मुख्य अभियंता नवीन कार्यालय में विभिन्न स्तरों पर अधिकारी और कर्मचारी की नियुक्ति के लिए भी बजट में स्वीकृति दी गई है। वर्तमान में यह कार्यालय जगदलपुर के अधीक्षण अभियंता कार्यालय इंद्रावती परियोजना मंडल भवन के ऊपरी तल में संचालित हो रहा है। मुख्य अभियंता जल संसाधन कार्यालय के शुभारंभ अवसर पर उपमुख्यमंत्री विजय शर्मा, जल संसाधन मंत्री केदार कश्यप, सांसद बस्तर महेश कश्यप, विधायक जगदलपुर किरण सिंह देव, विधायक चित्रकोट विनायक गोयल, नगर निगम महापौर संजय पांडेय एवं जिला पंचायत अध्यक्ष वेदमती कश्यप, वित्त आयोग के अध्यक्ष निवास राव मद्दी सहित अनेक जनप्रतिनिधि, जल संसाधन विभाग के प्रभारी मुख्य अभियंता एवं अधीक्षण अभियंता के. एस. भंडारी और जल संसाधन विभाग के अधिकारी-कर्मचारी मौजूद थे।

रायपुर में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म : कांग्रेस ने 7 सदस्यीय जांच समिति का किया गठन, पूर्व सांसद छाया वर्मा को बनाया संयोजक

रायपुर-  छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में 3 साल की बच्ची से दुष्कर्म की घटना ने पूरे शहर को दहला दिया. छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष दीपक बैज ने घटना को गंभीरता से लेते हुए 7 सदस्यीय जांच समिति का गठन किया है. पूर्व राज्यसभा सांसद छाया वर्मा को जांच समिति का संयोजक बनाया गया है.

जांच समिति में शामिल सदस्य :-

1. छाया वर्मा – संयोजक-पूर्व राज्यसभा सांसद

2. अनिता शर्मा –  धरसींवा- पूर्व विधायक

3. दीप्ति दुबे – पूर्व महापौर प्रत्याशी, रायपुर

4.  संगीता बहन – सचिव, प्रदेश कांग्रेस

5. वंदना राजपूत – प्रवक्ता, प्रदेश कांग्रेस

6. प्रगति बाजपेयी – महामंत्री प्रदेश महिला कांग्रेस

7. ममता राय – अध्यक्ष, शहर महिला कांग्रेस

प्रदेश कांग्रेस कमेटी द्वारा जारी आदेश में जांच समिति को निर्देशित किया गया है कि वह अविलंब प्रभावित क्षेत्र का दौरा कर पीड़ित परिजन, पुलिस प्रशासन सहित स्थानीय नगरवासियों से मुलाकात करें.  घटनास्थल की वस्तुस्थिति की जांच कर विस्तृत रिपोर्ट जल्द से जल्द पार्टी को सौंपे. 

बता दें कि राजधानी रायपुर में 3 साल की मासूम बच्ची के साथ पड़ोस में रहने वाले 15 वर्षीय नाबालिग ने दुष्कर्म की वारदात को अंजाम दिया. यह घटना सोमवार दोपहर डेढ़ बजे मोवा थाना क्षेत्र की है. मंडी गेट स्थित चंद्रशेखर नगर में बच्ची दोपहर डेढ़ बजे अपने घर में खेल रही थी. इसी दौरान 15 वर्षीय किशोर बच्ची को चाकलेट खिलाने के बहाने अपने साथ ले गया और उसके साथ गलत हरकत की. दर्द से तड़प रही बच्ची को देख लड़का घबरा गया, फिर उसने चाकलेट देकर बच्ची को उसके घर के बाहर छोड़कर चला गया.

बच्ची के रोने पर उसकी मां ने रोने का कारण पूछा तो उसने इशारों से घटना की जानकरी दी और उसके साथ गलत काम करने वाले के बारे में बताया. इसके बाद परिजन घटना की जानकारी पुलिस की दी. मौके पर पहुंची पुलिस बच्ची को इलाज कराने जिला अस्पताल लेकर पहुंचे. फिलहाल बच्ची का इलाज जारी है. पुलिस नाबालिग को कस्टडी में लेकर पूछताछ कर रही है.

2027 दिन जेल में सजा काटने के बाद दुष्कर्म का आरोपी दोषमुक्त, पीड़िता ने स्वीकार किया आपसी सहमति से बने संबंध

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ के बिलासपुर हाईकोर्ट ने नाबालिग से रेप केस में बड़ा फैसला सुनाया है. करीब 6 साल से जेल में सजा काट रहे दुष्कर्म के आरोपी को हाईकोर्ट ने बाइज्जत बरी कर दिया है. अभियोजन पक्ष यह साबित करने में असफल रहा, कि घटना के वक्त पीड़िता की उम्र 18 वर्ष से कम थी. वहीं सुनवाई के दौरान पीड़िता ने स्वीकार किया कि दोनों के बीट आपसी सहमति से शारिरीक संबंध बने थे. दोनों पक्षों के दलीलों के सुनने के बाद कोर्ट ने निचली अदालत के फैसले को पलटते हुए आरोपी को दोषमुक्त कर दिया है. साथ ही जेल से तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए हैं.

दरअसल, तरुण सेन पर आरोप था कि 8 जुलाई 2018 को एक लड़की को बहला-फुसलाकर अपने साथ भगा ले गया और कई दिन तक उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए. लड़की के पिता ने 12 जुलाई को शिकायत दर्ज कराई, पुलिस ने 18 जुलाई को लड़की को दुर्ग से बरामद किया. विशेष न्यायाधीश रायपुर की अदालत ने 27 सितंबर 2019 को आरोपी को आइपीसी की धारा 376(2)(एन) और पाक्सो एक्ट की धारा 6 के तहत 10-10 साल की सजा और जुर्माने की सजा सुनाई. दोनों सजाएं साथ चलने के आदेश दिए गए थे. 

पिछले करीब 6 साल से जेल में बंद आरोपी ने हाईकोर्ट में अपील की थी. मामले सुनवाई करते हुए हाई कोर्ट ने पाया कि स्कूल के दाखिल-खारिज रजिस्टर में पीड़िता की जन्मतिथि 10 अप्रैल 2001 दर्ज है, लेकिन उसने गवाही दी थी कि 10 अप्रैल 2000 को उसका जन्म हुआ था. अभियोजन पक्ष कोई ठोस दस्तावेज, जैसे जन्म प्रमाणपत्र या ऑसिफिकेशन टेस्ट पेश करने में नाकाम रहा, जिससे पीड़िता की सही उम्र साबित हो सके. पीड़िता ने कोर्ट में यह स्वीकार किया कि वह आरोपी के साथ अपनी मर्जी से गई थी और उनके बीच प्रेम संबंध थे. मेडिकल रिपोर्ट में किसी भी प्रकार की चोट या जबरदस्ती के निशान नहीं मिले.  

सिर्फ स्कूल के दस्तावेज ही पर्याप्त नहीं : हाईकोर्ट

मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए कहा कि पीड़िता की उम्र को प्रमाणित करने के लिए अकेले स्कूल के दस्तावेज ही पर्याप्त नहीं है. जब तक उस दस्तावेज को तैयार करने वाले व्यक्ति की गवाही न हो. मामले की सुनवाई के दौरान जस्टिस अरविंद वर्मा ने कहा कि जब पीड़िता की उम्र नाबालिग सिद्ध नहीं होती और वह सहमति से आरोपी के साथ गई थी, तो इस मामले में दुष्कर्म या पॉक्सो की धाराएं नहीं बनती. यह एक स्पष्ट रूप से प्रेम प्रसंग और सहमति से भागने का मामला है. कोर्ट ने आरोपी की सजा को रद्द करते हुए उसे सभी आरोपों से बरी कर तत्काल रिहा करने के निर्देश दिए हैं. 

बस्तर में पत्थलगढ़ी: आदिवासियों ने कहा- यहां ग्राम सभा ही सर्वोच्च, कांग्रेस ने किया समर्थन, सीएम साय बोले- संविधान से बड़ा कुछ नहीं…

जगदलपुर-  पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह के कार्यकाल के अंतिम दिनों में सरगुजा इलाके में गांवों की सीमा पर बड़े-बड़े पत्थरों पर ग्रामसभा के अधिकार दर्ज कर गाड़े जा रहे थे, जिन्हें पत्थरगढ़ी का नाम दिया गया था. इसके बाद कांग्रेस सरकार आई और चली गई, लेकिन अब भाजपा के फिर से सरकार में आने के बाद पत्थरगढ़ी नजर आने लगे हैं, लेकिन अबकी बार यह सरगुजा की बजाए बस्तर में हो रहा है. 

बस्तर के बास्तनार, दरभा और तोकापाल जैसे इलाकों में गांवों की सीमाओं पर बड़े-बड़े पत्थरों पर ग्रामसभा के अधिकार दर्ज कर गाड़े जा रहे हैं. ये पत्थर केवल चिन्ह नहीं हैं ये स्थानीय लोगों की चेतावनी हैं, उनके हक की घोषणा हैं, और एक सीधा संदेश हैं कि अब कोई भी फैसला उनकी मर्जी के बिना नहीं लिया जा सकेगा.

इन इलाकों के लोग पेसा कानून का हवाला दे रहे हैं. यह कानून जो पांचवीं अनुसूची के तहत आता है, आदिवासी क्षेत्रों को विशेष अधिकार देता है. इसके तहत ग्रामसभा को सर्वोच्च इकाई माना गया है. ग्रामवासी दावा कर रहे हैं कि उनकी ग्रामसभा किसी भी सरकार के नियम-कानून से बाध्य नहीं है, और कोई भी सरकारी या निजी योजना उनके क्षेत्र में बिना ग्रामसभा की सहमति के लागू नहीं की जा सकती.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इस पर कहा कि संविधान की व्यवस्था सबसे ऊपर है. हमें इसकी जानकारी मिली है, और इस पर बातचीत की जाएगी. हर चीज संविधान के तहत होगी. वहीं भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव ने इस पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा, जनता को भाजपा सरकार पर भरोसा है. मुख्यमंत्री आज खुद बस्तर पहुंचे हैं. चर्चा होगी और समस्या का समाधान निकलेगा.

दूसरी ओर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने कहना है कि यह छठवीं अनुसूची का क्षेत्र है. कांग्रेस ने पेसा कानून लागू किया, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे पूरी तरह नजरअंदाज कर दिया. अब बस्तर की जनता अपने अधिकारों, अपने खनिज संसाधनों और अपनी जमीन को बचाने के लिए लड़ रही है.

अब सवाल यह है कि बस्तर की इस नई करवट का भविष्य क्या होगा? क्या यह आंदोलन सरकारी तंत्र के साथ टकराव की ओर बढ़ेगा या संवैधानिक बातचीत से इसका हल निकलेगा? फिलहाल, बस्तर के गांवों में लगे ये पत्थर एक गहरी चेतावनी हैं कि आदिवासी अब चुप नहीं बैठेंगे.