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हथियार के साथ सरेंडर करने वाले नक्सलियों को सरकार देगी लाखों रूपए… LMG के बदले मिलेंगे 5 लाख और AK-47 पर 4 लाख

रायपुर-  छत्तीसगढ़ सरकार ने अपनी नई नक्सलवादी आत्मसमर्पण नीति के तहत हिंसा का रास्ता छोड़कर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सुरक्षा के साथ-साथ उन्हें लाखों रूपए की प्रोत्साहन राशि भी देगी। आत्मसमर्पण करने वालों को शिक्षा, कौशल प्रशिक्षण और रोजगार व्यवसाय से जोड़ा जाएगा। इस नई नीति के जरिए छत्तीसगढ़ सरकार नक्सलवादियों को समाज की मुख्य धारा में लाकर उन्हें सम्मानजनक जिंदगी जीनेे का अवसर सुलभ करा रही है। नई नीति में आत्मसमर्पित नक्सलियों एवं उनके परिवार के प्रति उदार और संवेदनशील दृष्टिकोण अपनाते हुए छत्तीसगढ़ सरकार ने ऐसे प्रावधान किए है, जिससे उनके जीवन को सुरक्षित और भविष्य बेहतर बनाया जा सके।

छत्तीसगढ़ नक्सलवादी आत्मसमर्पण/पीड़ित राहत-पुनर्वास नीति 2025” को लागू करना वास्तव में छत्तीसगढ़ सरकार की राज्य में शांति बहाली, विकास और सामाजिक समरसता की दिशा में एक ऐतिहासिक पहल है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि जो हथियार छोड़ेंगे, उन्हें भय नहीं, बल्कि सम्मान मिलेगा। वर्षों से जंगल-जंगल भटक रहे युवा, जो किसी भ्रम या दबाववश नक्सली संगठन में शामिल हो गए हैं, उनके लिए यह नीति एक नया जीवन शुरू करने का द्वार है। आत्मसमर्पण कर वे न केवल खुद का, बल्कि अपने परिवार और समाज का भविष्य भी सुरक्षित कर सकते हैं।

नई नीति में हथियारों के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को सरकार ने लाखों रूपए की मुआवजा राशि देने का प्रावधान किया है। एलएमजी के साथ आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली को 5 लाख रुपये मुआवजा के तौर मिलेगा। इसी तरह एके-47/त्रिची असॉल्ट रायफल पर 4 लाख रुपये, मोर्टार पर 2.50 लाख रुपये, एसएलआर/ इंसास रायफल पर 2 लाख रुपये, एक्स 95 असाल्ट रायफल/एमपी-9 टेक्टिल पर 1.50 लाख रूपए, थ्री नाट थ्री रायफल पर 1 लाख रूपए, एक्स-कैलिबर पर 75 हजार रूपए, और यूबीजीएल अटेचमेंट पर 40 हजार रूपए, 315/12 बोर बंदुक पर 30 हजार रूपए, ग्लॉक पिस्टल पर 30 हजार रूपए के साथ ही अन्य छोटे हथियारों जैसे कार्बाइन, रिवॉल्वर, वायरलेस, डेटोनेटर आदि पर भी मुआवजा राशि का प्रावधान है।

हर आत्मसमर्पणकर्ता नक्सली को, भले ही उसके पास हथियार हों या न हों, उसे 50 हजार रूपए की नगद प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। यदि कोई आत्मसमर्पित नक्सली, नक्सलियों द्वारा छिपाए गए आईईडी या विस्फोटकों की सूचना देकर उन्हें बरामद कराता है, तो उसे 15,000 से 25,000 तक की अतिरिक्त राशि दी जाएगी। बड़े हथियार डंप या विस्फोटक सामग्री की जानकारी देने पर एक लाख तक का इनाम मिलेगा। आत्मसमर्पणकर्ता यदि विवाह करने के इच्छुक हैं तो उसको एक लाख की विवाह अनुदान राशि भी दी जाएगी। यदि पति और पत्नी दोनों आत्मसमर्पित नक्सली हैं, तो उन्हें एक इकाई मानते हुए यह लाभ दिया जाएगा।

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा घोषित इनामी सूची में शामिल नक्सली के आत्मसमर्पण पर उन्हें पूरी इनामी राशि नियमों के अनुसार प्रदान की जाएगी। राज्य सरकार की इस नीति के साथ-साथ भारत सरकार की पुनर्वास योजनाओं का लाभ भी आत्मसमर्पित नक्सलियों को मिलेगा। इस नीति में यह सुनिश्चित किया गया है कि उन्हें समाज में दोबारा स्थापित होने के लिए हरसंभव मदद मिले। आत्मसमर्पणकर्ता को सिर्फ प्रोत्साहन राशि, मुआवजा, ईनाम ही न मिले बल्किे उसे इसके साथ शिक्षा, पसंद के अनुसार रोजगार-व्यवसाय के लिए कौशल प्रशिक्षण, स्वरोजगार और सामाजिक सम्मान भी मिेले।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का कहना है कि हिंसा किसी समाधान का रास्ता नहीं है। हिंसा का रास्ता छोड़कर विकास की मुख्यधारा में शामिल होने वाले नक्सलियों के सुरक्षित भविष्य और स्वरोजगार के लिए हमारी सरकार हरसंभव मदद देगी।

नाबालिग से दुष्कर्म का सनसनीखेज मामला, मुख्य आरोपी के साथ पीड़िता की बड़ी मां गिरफ्तार

जशपुर- एक नाबालिग लड़की के साथ दुष्कर्म का दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है. पुलिस ने मामले में कार्रवाई करते हुए मुख्य आरोपी राहुल उर्फ गौतम सिंह (27 वर्ष) और पीड़िता की बड़ी मां (50 वर्ष) को गिरफ्तार कर लिया है. यह मामला जशपुर जिले के सिटी कोतवाली क्षेत्र का है. चौंकाने वाली बात यह है कि पीड़िता की बड़ी मां ने ही आरोपी को घर बुलाकर उसका परिचय कराया था और दुष्कर्म की घटनाओं में उसका समर्थन किया. दोनों आरोपियों को न्यायिक रिमांड पर जेल भेज दिया गया है.

जानकारी के अनुसार, 10 अप्रैल 2025 को पीड़िता की बुआ ने थाने में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी 15 वर्षीय नाबालिग भतीजी, जो उनकी बड़ी बहन की बेटी है, 7 अप्रैल को उनके घर आई थी. वह उदास और गुमसुम थी. पूछताछ करने पर नाबालिग ने बताया कि राहुल नाम के एक युवक ने उसके साथ जबरन शारीरिक संबंध बनाए और दुष्कर्म किया. पीड़िता ने यह भी खुलासा किया कि उसकी बड़ी मां ने ही तीन-चार महीने पहले राहुल को घर बुलाकर उसका परिचय कराया था और कहा था कि वह एक अच्छा लड़का है और उससे उसकी शादी होगी.

पीड़िता ने बताया कि 24 दिसंबर 2024 की रात करीब 11 बजे, जब वह अपने कमरे में सो रही थी और उसकी बड़ी मां बगल के कमरे में थी, तब राहुल अचानक उसके कमरे में घुस आया. उसने जान से मारने की धमकी देकर उसके साथ दुष्कर्म किया. पीड़िता के चिल्लाने के बावजूद उसकी बड़ी मां ने कोई मदद नहीं की. अगले दिन जब पीड़िता ने अपनी बड़ी मां को घटना के बारे में बताया, तो उन्होंने राहुल से शादी कराने का वादा कर किसी को कुछ न बताने की हिदायत दी. इसके बाद राहुल बार-बार पीड़िता के घर आता रहा और उसकी बड़ी मां के समर्थन में उसका शारीरिक शोषण करता रहा.

मामले की शिकायत मिलते ही सिटी कोतवाली पुलिस ने बीएनएस की धारा 64(2)(M), 65(1) और पॉक्सो एक्ट की धारा 4, 6, 17 के तहत मामला दर्ज किया और जांच में जुट गई. मामले की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने तुरंत कार्रवाई की और आरोपी राहुल उर्फ गौतम सिंह और उसका समर्थन करने वाली पीड़िता की बड़ी मां को गिरफ्तार किया. पूछताछ में दोनों ने अपना अपराध कबूल किया. जिसके बाद दोनों आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है.

दुर्ग में मासूम से दरिंदगी : शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद बोले- दुष्टों पर ममता दिखा रही सरकार…

रायपुर- शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज राजधानी रायपुर पहुंचे. इस दौरान एयरपोर्ट पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में कई मुद्दों को लेकर बड़े बयान दिए हैं. उन्होंने दुर्ग में बच्ची के साथ हुए दरिंदगी को लेकर सरकार को घेरा है. उन्होंने कहा कि “दुष्ट लोग अपनी दुष्टता से बाज नहीं आ रहे हैं. वे आम जनता पर निर्मम प्रहार कर रहे हैं. लेकिन सरकार ऐसे अपराधियों पर क्यों दया कर रही है.? उन्होंने आगे कहा कि सरकार निर्मम होगी, तभी ऐसे मामले होने बंद होंगे. लेकिन सरकारें ऐसे दुष्टों पर ममता दिखा रही है.

इसके अलावा उन्होंने नक्सलवाद, सरकार की नीतियों, धार्मिक राजनीति और सामाजिक मुद्दों को लेकर भी तीखा हमला बोला है.

नक्सलियों को शंकराचार्य की दो टूक

शंकराचार्य ने नक्सलवाद को लेकर बड़ा बयान दिया. उन्होंने कहा- “पिछले कई सालों से नक्सली गोलीबारी कर रहे हैं, लेकिन इससे क्या हासिल हुआ? यह साफ है कि उनका रास्ता पूरी तरह असफल हो चुका है. हम अपील करते हैं कि वे हथियार छोड़ें और मुख्यधारा में लौटें. जंगलों में बंदूक लेकर घूमने से कोई समस्या हल नहीं होती.”

सनातन बोर्ड की मांग को किया खारिज

शंकराचार्य ने कुछ वर्गों द्वारा उठाई गई सनातन बोर्ड की मांग को सिरे से नकारते हुए कहा- “वक्फ की तरह सनातन बोर्ड की बात पचने वाली नहीं है. सनातन कभी नकलची नहीं रहा, उसकी अपनी पहचान और परंपराएं हैं. वक्फ बोर्ड बनाकर उन्होंने ऐसा कौन सा तीर मार लिया?”

‘कट्टर हिंदू गांव’ के विचार को लेकर पंडित धीरेंद्र शास्त्री पर साधा निशाना

पंडित धीरेंद्र शास्त्री द्वारा कट्टर हिंदू गांव बनाए जाने की बात पर भी शंकराचार्य ने तीखा तंज कसा. उन्होंने कहा- “पहले हिंदू राष्ट्र की बात हो रही थी, अब हिंदू गांव बना रहे हैं. हिंदू गांव तो पहले भी थे. अब ‘कट्टर हिंदू’ से उनका क्या तात्पर्य है, ये वही बताएं.”

गौ माता को ‘राज्य माता’ घोषित न करने पर बीजेपी पर हमला

शंकराचार्य ने बीजेपी पर धर्म के नाम पर राजनीति करने का आरोप लगाया. उन्होंने कहा- “हमने बार-बार कहा कि गाय को ‘राज्य माता’ घोषित किया जाए और कानून बने, लेकिन सरकार को धर्म की नहीं, धर्म की राजनीति करनी है. धार्मिकों का पोषण नहीं हो रहा, सिर्फ वोटों की बात हो रही है.”

दुर्ग में मासूम के साथ दरिंदगी को लेकर सरकार को घेरा

MP में ‘धार्मिक स्थनों में शराबबंदी’ पर फूटा गुस्सा

एमपी सरकार द्वारा केवल धार्मिक स्थलों के आसपास शराबबंदी के फैसले पर शंकराचार्य ने तीखा विरोध जताया है. उन्होंने कहा कि “क्या मध्यप्रदेश के कुछ ही शहर धार्मिक हैं? हर शहर में मंदिर है. अगर शराब गलत है, तो पूरे राज्य में शराबबंदी होनी चाहिए. ये सब दिखावे की राजनीति है.”

बता दें, उत्तराम्नाय ज्योतिष्पीठाधीश्वर जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती आज 12 अप्रैल को रायपुर के निमोरा में आयोजित ‘अभिषेकात्म होमात्मक अतिरुद्र महायज्ञम्’ की पूर्णाहुति में भाग लेंगे और पादुकापूजन के बाद आशीर्वचन देंगे. वे यज्ञ के बाद शाम 5 बजे शंकराचार्य आश्रम बोरियाकला जाएंगे, जहां भगवती दर्शन और पादुकापूजन के उपरांत भक्तों को संबोधित करेंगे और वहीं रात्रि विश्राम करेंगे. 13 अप्रैल की सुबह वे प्रयागराज के लिए रवाना होंगे.

रायपुर में गांजा तस्करी का भंडाफोड़, 2 अंतर्राज्यीय तस्कर गिरफ्तार

रायपुर- रायपुर पुलिस ने नशे के खिलाफ बड़ी कार्रवाई करते हुए थाना गंज क्षेत्र के नहरपारा रोड पर आत्मानंद स्कूल के पास 20 किलो 270 ग्राम गांजा जब्त किया. इस दौरान दो अंतर्राज्यीय तस्करों आकाश कुशवाहा (राजस्थान) और नीलेश मालवीय (मध्य प्रदेश) को रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया. जब्त गांजे की कीमत 2,02,000 रुपये आंकी गई है.

एण्टी क्राइम एंड साइबर यूनिट और थाना गंज पुलिस की टीम ने मुखबिर की सूचना पर 11 अप्रैल को यह कार्रवाई की. पुलिस महानिरीक्षक अमरेश मिश्रा और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक डॉ. लाल उमेद सिंह के निर्देश पर नशे के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लखन पटले और संदीप मित्तल के नेतृत्व में टीम ने तस्करों को पकड़ा.

आकाश कुशवाहा (26, राजस्थान) और नीलेश मालवीय (30, मध्य प्रदेश) के कब्जे से गांजा बरामद हुआ. आकाश पहले भी मारपीट और बलवा के मामले में जेल जा चुका है. दोनों के खिलाफ थाना गंज में अपराध क्रमांक 99/25, धारा 20बी नारकोटिक एक्ट (NDPS Act) के तहत मामला दर्ज किया गया.

पुलिस फॉरवर्ड और बैकवर्ड लिंकेजेस के आधार पर अन्य संदिग्धों की तलाश कर रही है. प्रभारी निरीक्षक यशवंत सिंह और एण्टी क्राइम यूनिट के परेश कुमार पाण्डेय सहित कई अधिकारियों की इस कार्रवाई में अहम भूमिका रही.

15 अप्रैल को प्रदेशभर के NHM कर्मचारी होंगे सामूहिक अवकाश पर, जानिए वजह…

रायपुर- छत्तीसगढ़ के सभी संविदा एनएचएम कर्मचारी 15 अप्रैल को सामूहिक रूप से छुट्टी पर रहने वाले हैं. दरअसल इस दिन छत्तीसगढ़ में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन (एनएचएम) के 20 वर्ष पूर्ण होने के अवसर पर बिलासपुर स्थित स्व. लखीराम अग्रवाल ऑडिटोरियम में राज्य स्तरीय महासम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है. सभी NHM कर्मचारी इसी आयोजन में शामिल होने के लिए सामूहिक रूप से अवकाश लेने जा रहे हैं.

एनएचएम कर्मचारी संघ के प्रांताध्यक्ष डॉ. अमित मिरी और प्रदेश महासचिव कौशलेस तिवारी ने जानकारी दी कि इस सम्मेलन में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, पूर्व स्वास्थ्य एवं वित्त मंत्री अमर अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों को आमंत्रित किया गया है.

उन्होंने बताया कि “यह सम्मेलन हमारे अधिकारों के लिए एकजुटता का प्रतीक है. सभी कर्मचारी सामूहिक अवकाश लेकर बिलासपुर पहुंचेंगे और अपनी एकता का प्रदर्शन करेंगे.”

20 वर्षों की सेवा, फिर भी नहीं मिली बुनियादी सुविधाएं

एनएचएम कर्मचारियों का कहना है कि वे बीते दो दशकों से प्रदेश की स्वास्थ्य सेवाओं की रीढ़ बनकर कार्य कर रहे हैं, फिर भी आज तक उन्हें नियमितीकरण, ग्रेड-पे, पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति और चिकित्सा अवकाश जैसी मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल पाई हैं.

कोरोना काल में भी निभाई जिम्मेदारी, पर मांगे अनसुनी रहीं

कर्मचारियों ने याद दिलाया कि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना सेवाएं दीं, लेकिन इसके बावजूद सरकार ने उनकी मांगों पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया. महासम्मेलन के माध्यम से वे सरकार का ध्यान अपनी लंबित मांगों की ओर आकर्षित करना चाहते हैं.

एनएचएम: 20 साल का सफर और आज की चुनौतियाँ

भारत सरकार द्वारा 12 अप्रैल 2005 को शुरू किया गया राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन आज ग्रामीण एवं शहरी स्वास्थ्य सुविधाओं के सुधार में एक मील का पत्थर साबित हुआ है. आम जनता को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने में एनएचएम ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, लेकिन इसके कर्मचारियों को अभी भी अपने अधिकारों के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है.

8 माह बाद खुला राज, परिजनों ने बेटे को मारकर घर में ही कर दिया था दफन, परिजनों से हो रही है पूछताछ…

सक्ती- सक्ती जिले के मालखरौदा क्षेत्र के ग्राम चारपारा में 8 महीने पहले हुए हत्या के मामले में आज खुलासा हुआ है. 8 महीने से घर में ही दफन शव को आज अधिकारियों की मौजूदगी में बाहर निकाला गया. 

बताया जा रहा है कि परिवार वालों ने ही मिलकर अपने बड़े बेटे संदीप भारती को मौत के घाट उतार कर घर में ही दफन कर दिया था. 8 महीने से गांव वालों को घर वाले बेवकूफ बनाते रहे कि उनका बेटा बिना बताए कहीं चला गया है. 8 माह बाद जब घरेलू विवाद में मृतक की मां के मुंह से सच्चाई निकली, तो गांव में हल्ला हो गया और सूचना पुलिस तक पहुंच गई.

पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए प्रशासनिक अधिकारी और फॉरेंसिक टीम के साथ घटनास्थल पर खुदाई करवाई और शव को बाहर निकाला गया. हत्या में परिजन का ही हाथ बताया जा रहा है. फिलहाल, पुलिस मृतक के परिजनों को हिरासत में लेकर से पूछताछ कर रही है, और घटना के पीछे की वजह तलाश में जुटी हुई है.

पीडीएस घोटाला : जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी समेत 5 लोगों के खिलाफ दर्ज हुआ FIR, पूर्व में भी जा चुकी हैं जेल…

बलरामपुर- जिले के वाड्रफनगर जनपद में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) के तहत आवंटित चावल के वितरण में गड़बड़ी का मामला सामने आया है. सरगुजा कमिश्नर के निर्देश पर खाद्य विभाग द्वारा की गई जांच के बाद जनपद उपाध्यक्ष पवन जायसवाल की पत्नी (सचिव) सीमा जायसवाल सहित पांच लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है. 

बताया जा रहा है कि ग्राम पंचायत बेबदी में पदस्थ पंचायत सचिव सीमा जायसवाल पर आरोप है कि उन्होंने हितग्राहियों से अंगूठा लगवाकर PDS का चावल खुद हड़प लिया. इस गबन में पूर्व सरपंच जगमति, पूर्व सरपंच पति जीतलाल, सहायक विक्रेता संतोष पण्डो और तौलक कन्हैया लाल भी शामिल हैं.

सूत्रों के अनुसार, यह गड़बड़ी लंबे समय से की जा रही थी. मामले में स्थानीय ग्रामीणों की शिकायतों के आधार पर उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई, जिसमें गबन की पुष्टि हुई.

कमिश्नर के आदेश पर FIR

सरगुजा संभाग कमिश्नर ने मामले को गंभीरता से लेते हुए खाद्य विभाग को एफआईआर दर्ज कराने के निर्देश दिए. इसके बाद रघुनाथनगर थाना में सीमा जायसवाल सहित 5 आरोपियों के खिलाफ आईपीसी की विभिन्न धाराओं और आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया.

ग्रामीणों में भारी आक्रोश

जनपद उपाध्यक्ष की पत्नी सीमा जायसवाल पूर्व में भी एक गबन के मामले में जेल जा चुकी हैं. इसके बावजूद वे पंचायत सचिव के पद पर बनी रहीं. अब ताजा खुलासे के बाद ग्राम पंचायत बेबदी समेत आसपास के ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखा जा रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि वर्षों से जरूरतमंदों का हक मारा जा रहा था, और अब जब सच्चाई सामने आई है.

मामले में पुलिस अनुविभागीय अधिकारी राम अवतार ध्रुव ने जानकारी देते हुए बताया कि खाद्य विभाग के शिकायत के आधार पर पांच लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. फरार आरोपियों की पतासाजी की जा रही है.

उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन में शामिल हुए उप मुख्यमंत्री अरुण साव, आयोग के द्विवार्षिक प्रतिवेदन का किया विमोचन

रायपुर- उप मुख्यमंत्री तथा विधि एवं विधाई कार्य मंत्री अरुण साव आज छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग द्वारा आयोजित उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल हुए। उन्होंने राजधानी रायपुर के नवीन विश्राम भवन में आयोजित सम्मेलन में आयोग के द्विवार्षिक प्रतिवेदन के मुद्रित एवं ई-संस्करण का विमोचन भी किया। छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने कार्यक्रम की अध्यक्षता की। खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा और सचिव अन्बलगन पी. विशिष्ट अतिथि के रूप में सम्मेलन में शामिल हुए।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए कहा कि उपभोक्ताओं को न्याय दिलाने, धोखाधड़ी व ठगी से बचाने तथा जागरूक करने में राज्य एवं जिला स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग सराहनीय कार्य कर रहा है। उपभोक्ताओं को ई-जागृति पोर्टल के माध्यम से ऑनलाइन सुविधाएं भी मिल रही हैं। उनकी सहूलियत के लिए आयोग ऑनलाइन सुनवाई प्रारंभ करने की भी तैयारी कर रही है। उन्होंने सम्मेलन में मौजूद विधि के छात्र-छात्राओं से अपील की कि वे उपभोक्ताओं को जागरूक करने और उन्हें उनके अधिकारों से अवगत कराने का काम करें। श्री साव ने आयोग के कार्यों को मजबूती प्रदान करने और विस्तारित करने राज्य शासन से हर तरह का सहयोग प्रदान करने की बात कही। उन्होंने उपभोक्ता अधिकारों के प्रति नागरिकों को जागरूक करने व्यापक प्रचार-प्रसार कार्यक्रम संचालित करने की घोषणा की।

छत्तीसगढ़ राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम चौरड़िया ने अपने संबोधन में कहा कि राज्य शासन की ओर से आयोग को भरपूर सहयोग मिल रहा है। हमारे सभी प्रस्तावों को सरकार ने स्वीकृत किया है। वर्तमान में राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग में ई-सुनवाई की व्यवस्था है। आगामी तीन महीनों में हम इस व्यवस्था को प्रदेश के सभी 17 जिला स्तरीय आयोगों में लागू करने जा रहे हैं। उपभोक्ताओं को शीघ्र न्याय मिले, इसके लिए राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के साथ ही सभी जिला स्तरीय आयोग सक्रियता से काम कर रहे हैं।

न्यायमूर्ति श्री चौरड़िया ने कहा कि पिछले दो वर्षों में लोगों को न्याय दिलाने आयोग ने मामलों की तेजी से सुनवाई की है। दो वर्ष पहले पूरे प्रदेश में दस हजार 600 मामले लंबित थे, जो अब घटकर 6500 रह गए हैं। अगले छह महीनों में सभी लंबित प्रकरणों के निराकरण का लक्ष्य है। उन्होंने बताया कि आयोग आदिवासी और ग्रामीण क्षेत्रों में भी उपभोक्ता हितों के संरक्षण के लिए केस फाइलिंग, सुनवाई और दस्तावेजीकरण के लिए व्यापक प्रचार-प्रसार शुरू करने जा रहा है। उन्होंने रायपुर में ज्यादा प्रकरणों को देखते हुए आयोग की एक अतिरिक्त बेंच प्रारंभ करने की भी जानकारी दी।

उपभोक्ता जागरूकता सम्मेलन को संबोधित करते हुए खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की अपर मुख्य सचिव ऋचा शर्मा ने कहा कि राज्य व जिला स्तरीय उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के संचालन के लिए समुचित व्यवस्थाएं प्रदान करना राज्य शासन का दायित्व है। आयोग द्वारा संचार और सूचना प्रौद्योगिकी के माध्यम से उपभोक्ताओं के लिए ई-फाइलिंग और ई-सुनवाई की सुविधा विकसित की जा रही है। उपभोक्ताओं के हितों के संरक्षण के लिए राज्य शासन और आयोग मिलकर काम करते रहेंगे।

खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग के सचिव अन्बलगन पी. ने अपने संबोधन में कहा कि विगत 25-30 वर्षों में बाजार में हर सामग्री की वेराइटी काफी बढ़ी है। उत्पादों और उत्पादकों की लगातार बढ़ती संख्या के बीच उपभोक्ता हितों के संरक्षण की जरूरत भी बढ़ रही है। उपभोक्ताओं को जागरूक व शिक्षित करने तथा न्याय दिलाने उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग प्रतिबद्धता से काम कर रहे हैं। राज्य शासन और उपभोक्ता संरक्षण विभाग की पूरी कोशिश है कि सभी नागरिकों तक इसका लाभ पहुंचे। राज्य उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के सदस्य प्रमोद कुमार वर्मा, संयुक्त रजिस्ट्रार मोना चौहान, लेखाधिकारी मधुलिका यादव, रायपुर जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष डाकेश्वर प्रसाद शर्मा और रायपुर जिला अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष हितेन्द्र तिवारी सहित विभिन्न जिलों के उपभोक्ता विवाद प्रतितोष आयोग के अध्यक्ष एवं सदस्यगण, न्यायिक अधिकारी, अधिवक्ता तथा विधि के विद्यार्थी बड़ी संख्या में सम्मेलन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में आयोजित विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में हुए शामिल

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में शामिल हुए। इस मौके पर उन्होंने युवाओं के साथ आत्मीय संवाद कर छत्तीसगढ़ के उज्ज्वल भविष्य और विकास में उनकी सक्रिय भागीदारी पर जोर दिया। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने युवाओं से सीधा संवाद करते हुए उनकी समस्याओं और सुझावों को सुना।

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार युवाओं को रोजगार और स्वरोजगार के अधिकाधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए संकल्पबद्ध है। उन्होंने बताया कि स्किल डेवलपमेंट, स्टार्टअप प्रमोशन और उद्योगों से जुड़ाव जैसी योजनाओं के माध्यम से युवाओं को सशक्त किया जा रहा है। उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे सकारात्मक सोच के साथ आगे बढ़ें और राज्य के समग्र विकास में अपनी अहम भूमिका निभाएं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सलवाद छत्तीसगढ़ में अब अंतिम साँसें गिन रहा है और मार्च 2026 तक नक्सल का समूल नाश होगा। छत्तीसगढ़ की यह सुंदर धरती विकास की नई ऊँचाइयों को छुएगी और शांत, सुरक्षित, खुशहाल और समृद्ध प्रदेश के रूप में इसे नई पहचान मिलेगी। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय आज नवा रायपुर में एएनआई द्वारा आयोजित विचार फॉर विकसित छत्तीसगढ़ कार्यक्रम में शामिल हुए। मुख्यमंत्री ने एएनआई की संपादक श्रीमती स्मिता प्रकाश के साथ पॉडकास्ट में अपने पारिवारिक, राजनीतिक जीवन और मुख्यमंत्री के रूप में अब तक के सफर और उपलब्धियों पर खुलकर बातचीत की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमने प्रदेशवासियों के हित में मोदी की गारंटी की बात कही थी और हमारी सरकार ने बड़े निर्णय लेते हुए इसे पूरा करने की दिशा में तेजी से कदम बढ़ाए हैं। उन्होंने बताया कि अधिकांश मोदी की गारंटी पूरी कर दी गई हैं। हमारी सरकार ने पहले ही कैबिनेट में 18 लाख गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराने का बड़ा फैसला लिया था। प्रदेश की माताओं-बहनों के आर्थिक सशक्तिकरण के लिए महतारी वंदन योजना के माध्यम से प्रतिमाह ₹1000 की राशि प्रदान की जा रही है। पीएससी की परीक्षाओं में युवाओं के साथ हुए अन्याय के खिलाफ सीबीआई जांच जैसे बड़े निर्णय हमारी सरकार ने लिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास को गति देने के लिए निवेश अनुकूल नई औद्योगिक नीति लागू की गई है। इस नीति की सफलता का प्रमाण इस बात से मिलता है कि इसके लागू होने के बाद से सरकार को करोड़ों रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। हमारा उद्देश्य निवेश के साथ-साथ स्थानीय युवाओं को रोजगार देना भी है। श्री साय ने कहा कि हमने विकसित छत्तीसगढ़ का विजन डॉक्युमेंट तैयार किया है और विकसित भारत के लक्ष्य को पाने में हर प्रदेशवासी की अहम भूमिका होगी।

कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव सुबोध सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार पंकज झा सहित बड़ी संख्या में युवा उपस्थित थे।

श्रमिक कल्याण और ऊर्जा के क्षेत्र में विकास को लेकर राज्य सरकार प्रतिबद्ध: मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के गुढ़ियारी में आयोजित अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के 18वें त्रैवार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने अधिवेशन में 21 राज्यों से आए श्रमवीरों का प्रभु श्रीराम के ननिहाल में स्वागत किया और उन्हें हनुमान जन्मोत्सव की शुभकामनाएँ दीं। उन्होंने कहा कि देशभर से आए श्रमवीरों ने यहाँ आकर एकता और सामंजस्य का बड़ा संदेश देने का कार्य किया है। श्री साय ने कहा कि प्रभु श्रीराम ने 14 वर्षों के वनवास में से 10 वर्ष यहाँ बिताए, जो प्रदेश के लिए गर्व का विषय है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि जब देश में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहली सरकार का गठन हुआ था, तब उन्होंने श्रम राज्य मंत्री के रूप में श्रमिकों के हितों की रक्षा के लिए महत्वपूर्ण निर्णय लिए थे। उन्होंने कहा कि श्रमिकों के लिए न्यूनतम पेंशन निर्धारित की गई और पीएफ की अनक्लेम राशि का उपयोग श्रमिकों के हित में किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान समय में बिजली की महत्ता को सभी भली-भाँति समझते हैं। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में बिजली सरप्लस है, लेकिन आने वाले समय में बिजली की बढ़ती मांग को देखते हुए विद्युत उत्पादन क्षमता बढ़ाने की दिशा में तेजी से कार्य किया जा रहा है। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रदेश में 1350 और 850 मेगावाट की दो विद्युत परियोजनाओं की सौगात दी थी।

श्री साय ने आगे बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में 3 लाख 50 हज़ार करोड़ रुपए के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि पीएम सूर्यघर मुफ्त बिजली योजना के माध्यम से प्रदेश में हर घर तक बिजली पहुँचाने का कार्य किया जा रहा है। इस पहल से हम हाफ बिजली से मुफ्त बिजली देने की ओर बढ़ रहे हैं और योजना के लिए राज्य सरकार ने सब्सिडी देने का बजट में प्रावधान भी किया है।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर श्रमिकों के कल्याण के लिए आजीवन समर्पित रहे दत्तोपंत ठेंगड़ी का पुण्य स्मरण करते हुए उनके योगदानों को नमन किया।

इस अवसर पर अखिल भारतीय विद्युत मजदूर महासंघ के मंत्री और प्रभारी राधेश्याम जायसवाल, मधुसूदन जोशी, शोभा सिंहदेव सहित देशभर के 21 राज्यों से आए विद्युत श्रमिक उपस्थित थे।