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नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने मिशन अमृत 2.0 के कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-  नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने आज मिशन अमृत 2.0 के कार्यों की प्रगति की समीक्षा की। उन्होंने मंत्रालय में आयोजित समीक्षा बैठक में मिशन के कार्यों में देरी और लापरवाही पर नाराजगी जाहिर करते हुए अधिकारियों और एजेंसियों को कड़ी फटकार लगाई। उन्होंने अधूरे कार्यों को बारिश से पहले पूरा करने के सख्त निर्देश दिए। उन्होंने लापरवाही बरतने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी। मिशन अमृत 2.0 के नोडल अधिकारी, अभियंता, प्रोजेक्ट डेवलपमेंट एंड मैनेजमेंट कन्सल्टेंट्स एवं उनके डिप्टी टीम लीडर्स, असिस्टेंट कन्सट्रक्शन मैनेजर्स तथा चयनित निर्माण एजेंसियों के प्रतिनिधि भी बैठक में मौजूद थे।

नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. ने राज्य शहरी विकास अभिकरण (SUDA) के अधिकारियों को मिशन अमृत 2.0 के कार्यों की नियमित समीक्षा करने तथा फील्ड में जाकर प्रगति व गुणवत्ता की जांच करने के निर्देश दिए। उन्होंने अगली समीक्षा बैठक में कार्यों की भौतिक प्रगति और समयबद्ध योजना की विस्तृत जानकारी प्रस्तुत करने को कहा। उल्लेखनीय है कि मिशन अमृत 2.0 के तहत प्रदेश के 36 नगरीय निकायों में पेयजल परियोजनाएं चल रही हैं, जिनमें से 29 में कार्यादेश जारी हो चुके हैं।

डॉ. बसवराजु ने सभी कार्यों को निर्धारित समयावधि में पूर्ण करने के निर्देश देते हुए कहा कि मिशन के कार्य समय पर पूरे नहीं होने पर केंद्र सरकार से राशि नहीं मिलेगी, जिससे राज्य सरकार पर अतिरिक्त वित्तीय बोझ पड़ेगा। मिशन अमृत 2.0 को मार्च-2026 तक पूरा करना है। यह केंद्र और राज्य सरकार की सर्वोच्च प्राथमिकता में है। भारत सरकार और उप मुख्यमंत्री अरुण साव द्वारा इसकी प्रगति की नियमित समीक्षा की जा रही है। उन्होंने निर्माण एजेंसियों को मिशन के कार्यों में कुशल मानव संसाधन लगाने के साथ ही ड्राइंग-डिजाइन, सर्वे डॉटा और अन्य कार्य समय पर पूरे करने के निर्देश दिए।

नगरीय प्रशासन विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु ने नगरीय निकायों को प्रत्येक स्वीकृत कार्य के लिए एक्शन प्लान तैयार करने और उसकी प्रगति की नियमित समीक्षा करने को कहा। उन्होंने लगातार पत्राचार के बाद भी कार्यों में उदासीनता बरतने वाले नगरीय निकायों को चेतावनी दी। उन्होंने कहा कि जनवरी-2024 के बाद से परियोजना के लिए 300 करोड़ रुपए आबंटित किए गए हैं और मार्च-2025 तक कोई भुगतान लंबित नहीं है। इसके बावजूद जमीनी स्तर पर कार्य में देरी ठीक नहीं है। सुडा के मुख्य कार्यपालन अधिकारी शशांक पाण्डेय और उप महाप्रबंधक रमेश सिंह सहित अन्य अधिकारी भी बैठक में मौजूद थे।

सुशासन तिहार को लेकर लोगों में दिखा उत्साह! अम्बिकापुर, कांकेर और बालोद जिले के कलेक्टरों ने लिया तैयारियों का जायजा

रायपुर-  राज्य व्यापी सुशासन तिहार को लेकर अम्बिकापुर, बालोद और कांकेर जिले में भी लोगों का उत्साह दिख रहा है। इन जिलों में लोगों ने अपनी समस्याओं को लेकर समाधान पेटी में जमा कराए। कलेक्टर सहित वरिष्ठ प्राशसनिक अधिकारियों द्वारा लगातार मैदानी क्षेत्रों का भ्रमण कर लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन देने की अपील की जा रही है। लोगों को आवेदन लेने के लिए ग्राम पंचायतों, जनपद पंचायत, नगरीय निकायों जिला मुख्यालयों और तहसील कार्यालय समाधान पेटी की व्यवस्था की गई है।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में शासकीय जनकल्याणकारी योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन तथा समाज के सभी वर्गों से तत्परता से संवाद एवं समाधान के उद्देश्य से सुशासन तिहार की शुरुआत आज 8 अप्रैल से की गई है। इस अभियान के अंतर्गत आज से 11 अप्रैल तक आवेदन लिए जा रहे हैं। दूसरे चरण में इन आवेदनों का निराकरण 12 अप्रैल से 4 मई के मध्य संबंधित विभागों द्वारा किया जाएगा। तीसरे एवं अंतिम चरण में आमजनता की समस्याओं के निराकरण हेतु आगामी 05 मई से 31 मई तक समाधान शिविरों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें आवेदकों को उनके आवेदनों की यथासंभव समस्याओं का त्वरित समाधान किया जाएगा।

ग्रामीणों को जानकारी देने मुनादी

अंबिकापुर कलेक्टर विलास भोसकर ने आज विकासखंड लखनपुर एवं उदयपुर की विभिन्न ग्राम पंचायतों में केवरा, कुंवरपुर, अंधला, जजगा, उदयपुर, सोनतराई एवं डांड़गांव का दौरा कर सुशासन तिहार के तहत प्राप्त आवेदनों का अवलोकन किया। उन्होंने ग्रामीणों से सीधे संवाद कर उनकी समस्याएं सुनीं और अधिकारियों को आमजन की समस्याओं को सहज और सरल भाषा में समझकर आवेदन भरने में सहायता करने के निर्देश दिए। उन्होंने सुशासन तिहार की जानकारी लोगों तक पहुंचाने हेतु मुनादी, पंपलेट और पोस्टर के माध्यम से प्रचार-प्रसार करने कहा।कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए ऑनलाइन आवेदन

कांकेर के कलेक्टर निलेशकुमार महादेव क्षीरसागर ने भी जिले के विभिन्न क्षेत्रों का दौरा किया और सुशासन तिहार में लोगों को अपनी समस्याओं के समाधान के लिए आवेदन करने की अपील की। उन्होंने कहा कि कॉमन सर्विस सेंटर के माध्यम से भी आवेदन दिए जा सकते हैं।

हाट बाजारों में समाधान पेटी की व्यवस्था

बालोद जिले के कलेक्टर इन्द्रजीत सिंह चन्द्रवाल के निर्देश पर सुशासन तिहार में लोगों से आवेदन लेने के लिए ग्राम पंचायतों के साथ-साथ हाट बाजारों में समाधान पेटी की व्यवस्था की गई है। जहाँ पर अधिकारी-कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई है। इसके अलावा संयुक्त जिला कार्यालय के साथ-साथ जिले के सभी विकासखण्ड मुख्यालयों के जनपद पंचायत एवं तहसील कार्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी लगाई गई है।

युवा कांग्रेस का आरोप – क्लबों में बिक रही कोकीन-ब्राउन शुगर, देह व्यापार भी चल रहा, SSP से की कार्रवाई की मांग

रायपुर- युवा कांग्रेस ने आज रायपुर के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (SSP) को ज्ञापन सौंपकर तेलीबांधा थाना क्षेत्र के हाइपर क्लब सहित अन्य क्लबों में चल रहे देह व्यापार, अश्लीलता व नशे के कारोबार के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है. ज्ञापन में बताया गया है कि राजधानी के कई क्लबों में शासन की ओर से निर्धारित समय-सीमा (रात्रि 12 बजे) की अवहेलना हो रही है. पुलिस की मिलीभगत से सुबह 5 बजे तक खुलेआम शराब परोसी जाती है और सूखे नशे का सेवन कराया जाता है.

प्रदेश महासचिव भावेश शुक्ला ने एसएसपी को बताया कि हाइपर क्लब में देर रात भगवान के भजन बजाकर युवाओं को धार्मिक माहौल का आभास कराया जाता है. इस दौरान शराब परोसी जाती है, जो समाज और संस्कृति दोनों का घोर अपमान है. साथ ही हाइपर क्लब में निलंबित स्वास्थ्य विभाग कर्मी जेम्स बेक द्वारा एक बड़ा अनैतिक रैकेट चलाने का आरोप लगाया है. भावेश ने बताया, युवाओं को देह व्यापार में फंसाकर उनसे अवैध वसूली की जा रही है. बदनामी के डर से युवा इसकी शिकायत तक नहीं कर पा रहे हैं.

कांग्रेसियों ने एल.ओ.डी, जूक, ऑन द रॉक्स, सीमर्स क्लब और पियानो प्रोजेक्ट जैसे अन्य क्लबों में भी एमडीएमए, कोकीन, ब्राउन शुगर, चिट्ठा, मौली टैबलेट और हाइब्रिड मरुआना जैसे जानलेवा नशे खुलेआम बेचने की बात कही. इस गंभीर मामले पर रायपुर पुलिस जिला कप्तान लाल उमेद सिंह ने त्वरित कार्यवाही का आश्वासन दिया है. ज्ञापन सौंपने के दौरान युवा कांग्रेस प्रदेश महासचिव भावेश शुक्ला के साथ NSUI जिला अध्यक्ष शान्तनु झा, लक्षित तिवारी, शुभम दुबे, विमल साहू, संस्कार पांडे, आशीष, शिवम सहित कई कार्यकर्ता मौजूद रहे. युवा कांग्रेस ने चेतावनी दी कि यदि इस मामले में शीघ्र कार्यवाही नहीं की गई तो संगठन को धरना, प्रदर्शन एवं चक्काजाम जैसे कदम उठाने के लिए बाध्य होना पड़ेगा, जिसकी पूरी जिम्मेदारी प्रशासन की होगी.

सरकारी अस्पताल की शिकायत पहुंची सांसद तक, जायजा लेने पहुंचे प्रतिनिधियों ने अव्यवस्था देख बीएमओ को लगाई फटकार…

सक्ती- सक्ती के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से रोजाना बदहाल व्यवस्था को लेकर शिकायतें आ रही है. शिकायतें सांसद तक पहुंची तो उन्होंने अपने दो प्रतिनिधियों को अस्पताल के निरीक्षण के लिए भेज दिया. अस्पताल में गंदगी से भरे ड्रेसिंग रूम, पूर्व कांग्रेस सरकार के पोस्टर ओर आईसीयू में गर्मी से तड़पते मरीजों ने हालत बयां कर दी. 

सक्ती के सरकारी अस्पताल में बदहाल व्यवस्था ओर शिकायतों से नाराज सांसद प्रतिनिधि सांसद प्रतिनिधि अनुभव तिवारी और रंजन सिन्हा मंगलवार को अचानक सक्ती के सरकारी अस्पताल पहुंच गए, जहां हर जगह अव्यवस्था नजर आई. गंदगी और इन्फेक्शन से भरे ड्रेसिंग रूम को देखकर बीएमओ सूरज राठौर की क्लास लगा डाली.

यही नहीं सरकारी अस्पताल पूर्व के कांग्रेस सरकार के पोस्टर देख सांसद प्रतिनिधियों ने बीएमओ सूरज राठौर को कांग्रेसीकरण बंद करने की चेतावनी दे डाली. थमा कागजों में सरकारी अस्पताल की उपलब्धि बताने वाले बीएमओ सूरज राठौर भी मीडिया के सवालों पर बचते नजर आए.

मंत्रिमंडल विस्तार पर सीएम साय का बड़ा बयान, कहा- कभी भी हो सकता है मंत्रिमंडल का विस्तार

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजनीति में हलचल तेज़ हो गई है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर संकेत देते हुए कहा कि यह कभी भी हो सकता है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने मीडिया से बात करते हुए इस पर बड़ा बयान दिया है। उन्होंने स्पष्ट संकेत देते हुए कहा कि “मंत्रिमंडल का विस्तार कभी भी हो सकता है, इंतज़ार करिए।”

इस बयान के बाद राजनीतिक गलियारों में सरगर्मी और बढ़ गई है। राज्य में नई सरकार के गठन के बाद से ही मंत्रिमंडल विस्तार की संभावनाएं जताई जा रही थीं, लेकिन अब मुख्यमंत्री के सीधे बयान के बाद यह लगभग तय माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में कैबिनेट विस्तार की घोषणाएं हो सकती हैं।

सोशल मीडिया में एक लिस्ट भी लगातार वायरल हो रही है। अगर चर्चाओं की बात करें तो 10 अप्रैल को शपथ ग्रहण की बातें की जा रही है, हालांकि इस मामले में अभी औपचारिक तौर पर जानकारी आयी है। हालांकि अब ये जरूर तय हो गया है कि जल्द ही मंत्रिमंडल का विस्तार हो जायेगा।

कई चेहरे दावेदार की कतार में

प्रदेश में बीजेपी सरकार के गठन के बाद कुछ ही मंत्रियों को शपथ दिलाई गई थी। शेष पद अभी खाली हैं, जिन्हें भरने को लेकर पार्टी के भीतर मंथन जारी है। कई वरिष्ठ नेता और नए चेहरों के नाम चर्चा में हैं।

मुख्यमंत्री के इस बयान के बाद यह कयास और मजबूत हो गए हैं कि जल्द ही पार्टी नेतृत्व कुछ नए चेहरों को मंत्री पद की ज़िम्मेदारी सौंप सकता है।

राजनीतिक विश्लेषकों की नजरें टिकीं

राजनीतिक विश्लेषक इस बयान को आने वाले प्रशासनिक फैसलों की दिशा में बड़ा संकेत मान रहे हैं। सूत्रों के अनुसार, मंत्रिमंडल में क्षेत्रीय और जातीय संतुलन को ध्यान में रखते हुए नामों पर अंतिम मुहर लगाई जा सकती है।

IDBI बैंक में ‘कछुआ चाल’ KYC प्रक्रिया से ग्राहक परेशान: रोज़ाना सैकड़ों लोग ब्रांच के चक्कर लगाने को हो रहे मजबूर

आरंग- शादी और त्योहार के इस व्यस्त मौसम में जहां लोगों को पैसों की ज़रूरत सबसे ज़्यादा होती है, वहीं आरंग स्थित IDBI बैंक शाखा के ग्राहक बैंक की सुस्त कार्यप्रणाली से बेहद परेशान हैं। बैंक की ‘कछुआ चाल’ जैसी केवाईसी (KYC) प्रक्रिया के चलते सैकड़ों खाताधारक पिछले कई दिनों से बैंक के चक्कर काटने को मजबूर हैं। एक स्थानीय विधवा महिला का कहना है कि उनके बेटे की शादी अगले हफ़्ते है। पैसे निकालने बैंक पहुंचीं, तो पता चला खाता फ्रीज़ है! 2 अप्रैल को उन्होंने केवाईसी के लिए दस्तावेज़ जमा कर दिए, लेकिन 6 दिन बाद भी खाता चालू नहीं हुआ। बैंक वाले सिर्फ़ ‘प्रबंधक से मिल लो’ कहकर टाल देते हैं।

ग्राहकों को नहीं मिल रहा संतोषजनक जवाब

दरअसल, इस शाखा में जिन खातों में नियमित लेन-देन नहीं हुआ है, उन्हें फ्रीज़ कर दिया गया है। अब KYC अनिवार्य हो गया है, और हर रोज़ सैकड़ों लोग बैंक जाकर फॉर्म भर रहे हैं। लेकिन दिक्कत ये है कि फॉर्म तो ले लिए जाते हैं, लेकिन प्रोसेस नहीं हो रहे। शाखा में फॉर्म का ढेर लग गया है, पर ग्राहकों को यह नहीं बताया जा रहा कि उनका नंबर कब आएगा। ग्राहकों का आरोप है कि बैंक कर्मचारी न तो सही जवाब देते हैं, न ही व्यवहार ठीक है। हर सवाल का एक ही जवाब: “प्रबंधक से पूछिए।”

प्रबंधक बोले – हेड ऑफिस से लगता है टाइम

जब शाखा प्रबंधक जगत प्रसाद से बात की गई तो उनका जवाब था, “हमारा KYC हेड ऑफिस से प्रोसेस होता है, इसमें 15 दिन लगते हैं।” जब उनसे पूछा गया कि दूसरे बैंकों में तो 24 घंटे में KYC हो जाता है, तो उन्होंने एक नेशनल बैंक में कॉल कर डाला – और फिर गोलमोल जवाब देने लगे। उन्होंने माना कि बहुत सारे फॉर्म मार्च से लंबित हैं, इसलिए भीड़ ज़्यादा है। लेकिन इसका मतलब ये भी है कि कई ग्राहक हफ्तों से बैंक के चक्कर काट रहे हैं।

अब सवाल ये है…

क्या IDBI बैंक के आला अधिकारी इस समस्या पर ध्यान देंगे? क्या बैंक अपने सिस्टम में सुधार करेगा या फिर लोग इसी तरह परेशान होते रहेंगे? शादी हो या बीमारी, पैसे की ज़रूरत हो और बैंक जवाब न दे, तो हालात वाकई गंभीर हो जाते हैं। अब देखना ये है कि इस ‘कछुआ चाल’ बैंक को रफ्तार कब मिलेगी।

प्रदेश में नक्सलवाद गिन रहा अंतिम सांस, नक्सल मुक्त घोषित कबीरधाम जिला में उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताई रणनीति…

कवर्धा- राज्य में भाजपा सरकार को अभी महज 14 माह ही हुए हैं. इस दौरान केंद्र व राज्य सरकार ने मिलकर प्रदेश भर में नक्सलियों के खिलाफ एक व्यापक मुहिम छेड़ी है, जिसका परिणाम है कि कबीरधाम, खैरागढ़ और राजनांदगांव जिलों को नक्सल मुक्त जिला घोषित किया गया है. जिले में नक्सलियों को नेस्तनाबूत करने 9 सुरक्षा कैंप स्थापित किए गए हैं. इसका नतीजा है कि पिछले एक-दो वर्षों में जिले में कोई बड़ी नक्सली घटना सामने नहीं आई है.

छत्तीसगढ़ के डिप्टी सीएम और स्थानीय विधायक विजय शर्मा कबीरधाम जिले के नक्सलमुक्त घोषित होने का श्रेय केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव को दे रहे हैं. उनका कहना है कि केंद्रीय मंत्री अमित शाह का यह संकल्प था. कई बड़े फैसले लिए गए. अब नक्सलिज्म समापन का दौर है. उन्होंने एक बार फिर से नक्सलियों को आत्मसमर्पण कर समाज के मुख्य धारा से जुड़ने की अपील की.

कबीरधाम जिला नक्सलियों के एमएमसी (मध्यप्रदेश-महाराष्ट्र-छत्तीसगढ़) जोन में आता है. प्रदेश की सीमाएं मध्यप्रदेश के बालाघाट और मंडला जिलों से लगती हैं, जहां आज भी नक्सली सक्रिय हैं. हाल ही में सीमावर्ती क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में दो इनामी महिला नक्सली मारी गई थीं.

कबीरधाम पुलिस ने जिले के बेंदा, कोयलारझोरी, खेलाही, कबीरपथरा समेत कुल 9 स्थानों पर सुरक्षा कैंप स्थापित किए हैं, जहां जवान चौबीसों घंटे गश्त और सर्च ऑपरेशन में लगे रहते हैं. कई बार मुठभेड़ भी हो चुकी है, जिसमें नक्सली मारे गए हैं. अब तक दर्जनों नक्सलियों ने आत्मसमर्पण कर समाज सेवा की राह अपनाई है.

पुलिस की ठोस कारगर नीति का असर

इसके अलावा पुलिस की मौजूदगी ने ग्रामीणों के बीच विश्वास भी बढ़ाया है. गांव-गांव में नक्सलियों के खिलाफ अभियान चलाकर पुलिस सक्रिय नक्सलियों की तस्वीरें सार्वजनिक कर ग्रामीणों को सतर्क कर रही है. यदि सरकार इन सुरक्षा कैंपों को बंद कर जवानों को वापस बुलाती है, तो यह फैसला नक्सलियों की गतिविधियों को फिर से बढ़ावा दे सकता है, और ग्रामीणों में डर का माहौल बना सकता है.

सुरक्षा के साथ-साथ पुलिस सामाजिक कार्यों में भी जुटी है – नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में स्कूलों का संचालन किया जा रहा है, और खेल प्रतियोगिताओं के माध्यम से युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ा जा रहा है. यह प्रयास नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने की दिशा में एक मजबूत कदम माना जा रहा है.

धान खरीदी में लाखों की गड़बड़ी : समिति की जांच में उजागर हुआ मामला, कर्मचारियों ने पल्ला झाड़ा, कलेक्टर ने कही जांच की बात

महासमुंद- जिले के सरायपाली ब्लॉक के अंतर्गत रिसेकेला धान खरीदी केंद्र में लाखों रुपये के धान के गबन का मामला सामने आया है. ऑनलाइन रिकॉर्ड के अनुसार, लगभग 55 लाख रुपये का धान गायब बताया जा रहा है. इस गड़बड़ी को लेकर किसानों में आक्रोश है और वे जांच कर सख्त कार्रवाई की मांग कर रहे हैं. वहीं, प्रशासनिक अधिकारियों ने मामले की जांच के बाद उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया है.

54 लाख से अधिक के धान का गबन

महासमुंद जिले में कुल 1,62,288 किसान पंजीकृत हैं. जिले के 182 धान खरीदी केंद्रों के माध्यम से 14 नवंबर 2024 से 31 जनवरी 2025 तक 11,04,273 मीट्रिक टन धान की खरीदी की गई. इस आंकड़े के साथ महासमुंद, प्रदेश में धान खरीदी में प्रथम स्थान पर रहा.

इन्हीं केंद्रों में से एक है प्राथमिक कृषि साख सहकारी समिति मर्यादित रिसीकेला, जिसमें 1109 किसानों ने कुल 1,02,000 क्विंटल धान बेचा. लेकिन धान खरीदी केन्द्र से मिलर और संग्रहण केंद्र में 95,962.89 क्विंटल भेजा गया. ऐसे में 6037.21 क्विंटल धान ;(करीब 15,093 बोरे) अभी भी खरीदी केन्द्र में रखा होना चाहिए था. लेकिन ऑनलाइन रिकॉर्ड में मात्र 10,677 बोरे ही दर्ज हैं, जिससे यह स्पष्ट हुआ कि 4416 बोरे यानी 1766 क्विंटल धान रिकॉर्ड से गायब हैं. इस गायब धान की कीमत 3100 रुपये प्रति क्विंटल के हिसाब से करीब 54,75,000 रुपये आंकी गई है.

कलेक्टर ने कही जांच की बात

इस पूरे मामले पर कलेक्टर विनय कुमार लंगेह ने इस पूरे मामले को गंभीरता से लेते हुए जांच के आदेश दिए हैं. उन्होंने कहा कि इस तरह की गड़बड़ी अन्य धान खरीदी केंद्रों से भी मिली है. मार्कफेड और खाद्य विभाग की टीम को निर्देश दिए गए हैं कि अगर किसी केंद्र में गंभीर शोर्टेज की समस्या या बोगस खरीदी हुई है तो संबंधित अधिकारी-कर्मचारी से पूछताछ करें. गड़बड़ी पाए जाने पर एफआईआर की कार्रवाई की जाएगी.

प्रदेश-व्यापी सुशासन तिहार का हुआ आगाज़, गांव-गांव, शहर-शहर में लगी समाधान पेटियां

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जनता-जनार्दन की समस्याओं के निदान और उनसे रूबरू मुलाकात के लिए सुशासन तिहार का प्रदेशव्यापी शुभारंभ आज 08 अप्रैल से हो गया है। तीन चरणों में आयोजित होने वाला यह सुशासन तिहार 31 मई तक चलेगा। प्रथम चरण में 8 अप्रैल से 11 अप्रैल तक आम जनता से ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायों के कार्यालयों में सीधे आवेदन लिए जा रहे हैं। सुशासन तिहार को लेकर लोगों में जबरदस्त उत्साह देखने को मिल रहा है, और लोग अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन लेकर उसे ग्राम पंचायत और नगर पंचायत कार्यालयों में लगी समाधान पेटी में जमा कर रहे है।

जनसमान्य की समस्याओं से संबंधित आवेदनों को भरने के लिए ग्राम पंचायतों एवं नगरीय निकायो के कार्यालयों में अधिकारी कर्मचारी की ड्यूटी भी लगाई गई है, ताकि लोगों को अपनी समस्याओं से संबंधित आवेदन देने में किसी भी तरह की परेशानी न हो।

सुशासन तिहार के अंतर्गत ऑनलाइन आवेदन पोर्टल एवं कॉमन सर्विस सेंटर के जरिए भी आवेदन प्राप्त किए जाने की व्यवस्था है। विकासखंडों और जिला मुख्यालयों में भी आवेदन प्राप्त करने हेतु समाधान पेटी रखी गई है, जहां लोग अपनी समस्याओं के संबंध में आवेदन डाल रहे है।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य सरकार द्वारा सुशासन एवं पारदर्शिता के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं। इसी कड़ी में सुशासन तिहार-2025 का आयोजन एक महत्वपूर्ण पहल है। सुशासन तिहार-2025 के तहत सभी प्राप्त आवेदनों की सॉफ्टवेयर में प्रविष्टि कर संबंधित विभागों को सौंपा जाएगा, और एक माह के भीतर उनका निराकरण सुनिश्चित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि सुशासन तिहार 2025 का उद्देश्य जनसामान्य की समस्याओं का प्रभावी एवं त्वरित समाधान, शासकीय कार्यों में पारदर्शिता और जनता से सीधा संवाद स्थापित करना है। मुख्यमंत्री श्री साय ने पूर्व में ही सभी जिला कलेक्टरों को निर्देश दिए हैं कि वे सुशासन तिहार के सुव्यवस्थित आयोजन और इसके अंतर्गत प्राप्त होने वाले आवेदनों के तत्परता से निराकरण को सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि राज्य और जिला स्तर पर निराकरण की स्थिति और गुणवत्ता की समीक्षा भी की जाएगी।

सुशासन तिहार के तीसरे चरण में प्रत्येक जिले की 8 से 15 ग्राम पंचायतों के मध्य समाधान शिविर आयोजित होंगे। नगरीय निकायों में भी आवश्यकतानुसार शिविरों का आयोजन किया जाएगा। शिविरों में आमजन को उनके आवेदन की स्थिति से अवगत कराया जाएगा, तथा यथासंभव आवेदन का त्वरित निराकरण भी वहीं किया जाएगा। शेष समस्याओं का निराकरण एक माह के भीतर कर सूचना दी जाएगी।

समाधान शिविरों में जनकल्याणकारी योजनाओं की जानकारी दी जाएगी और हितग्राहीमूलक योजनाओं के आवेदन प्रपत्र भी उपलब्ध कराए जाएंगे। इस अभियान में सांसदों, विधायकों और अन्य जनप्रतिनिधियों की सक्रिय भागीदारी सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री, मंत्रीगण, मुख्य सचिव, प्रभारी सचिव एवं वरिष्ठ अधिकारी स्वयं शिविरों में उपस्थित रहकर आमजन से संवाद करेंगे, और विकास कार्यों व योजनाओं से मिल रहे लाभ का फीडबैक लेंगे। साथ ही औचक निरीक्षण के माध्यम से चल रहे निर्माण कार्यों की वास्तविक स्थिति और गुणवत्ता का भी मूल्यांकन किया जाएगा।

दुष्कर्म के बाद 6 साल की भतीजी को उतारा मौत के घाट, आरोपी चाचा का केस नहीं लड़ेंगे वकील, अधिवक्ता संघ ने लिया फैसला

दुर्ग- छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले में 6 साल की मासूम बच्ची के साथ सगा चाचा ने दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी. इस मामले में आरोपी का केस कोई भी वकील नहीं लड़ेंगे. यह निर्णय दुर्ग जिला अधिवक्ता संघ की बैठक में लिया गया. अधिवक्ता संघ के कोषाध्यक्ष अनिल जायसवाल ने कहा, जिले के इतिहास के लिए कल काला दिन था. हमारी संघ ने फैसला लिया है कि कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़ेगा. संघ के सचिव रविशंकर सिंह ने भी इस फैसले का स्वागत करते हुए कहा कि वकील संघ एकजुट है. कोई भी वकील आरोपी का केस नहीं लड़ेगा.

बता दें कि नवरात्रि के अंतिम दिन सगे चाचा ने अपनी 6 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या कर दी थी और पड़ोसी को फंसाने उसकी कार में लाश को डाल दिया था. इस पूरे मामला का खुलासा दुर्ग पुलिस ने कर दिया है. पुलिस ने बताया कि हत्या के बाद लाश छुपाने के लिए आरोपी ने पड़ोसी की कार का इस्तेमाल किया था. आरोपी को मालूम था कि कार का एक डोर खराब है, जिसका उसने शव छिपाने के लिए इस्तेमाल किया. आरोपी को सजा दिलाने के लिए मामला फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाया जाएगा.