नवादा के PM श्री मॉडल स्कूल की कहानी, गणित- विज्ञान सहित 8 विषयों के शिक्षक नदारद, पढ़ाई पर लगा ग्रहण
जिले के कौआकोल प्रखंड में स्थित बापू इंटर विद्यालय पांडे गंगोट की स्थिति चिंताजनक है। पीएम श्री मॉडल विद्यालय के रूप में चयनित इस स्कूल में कक्षा 6 से 8 तक के लिए न तो पर्याप्त कक्षाएं हैं और न ही शिक्षक। 1947 में स्थापित यह विद्यालय जिले का पांचवां स्कूल था। गांव के लोगों ने इसके लिए सामूहिक रूप से जमीन दान की थी। 1980 में इसका सरकारीकरण हुआ। 2010 में इसे उच्च माध्यमिक विद्यालय का दर्जा मिला। संसाधनों की कमी के बावजूद स्कूल ने उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल की हैं।
स्कूल का प्रदर्शन
2023 में इस स्कूल की छात्रा स्नेहा भारती ने इंटर की परीक्षा में बिहार में छठा रैंक प्राप्त किया। स्कूल के पास आलीशान भवन है। लेकिन छात्र-छात्राओं की संख्या के अनुपात में कक्षाएं कम हैं। विद्यालय अनुशासन और शैक्षणिक गुणवत्ता के लिए प्रसिद्ध है। इस स्कूल ने कई प्रतिभाशाली छात्र तैयार किए हैं। विद्यालय के पूर्व छात्र रवि वर्मा कनाडा में सांख्यिकी विशेषज्ञ हैं। मुरलीधर मोहन एडिशनल जज रह चुके हैं। अनूप प्रसाद यादव और श्रीनिवास प्रसाद को राष्ट्रपति पुरस्कार मिल चुका है।
शिक्षकों ने की सेवा
क्षेत्रीय लोगों के अनुसार, पहले के शिक्षक छात्रों के प्रति समर्पित भाव से सेवा करते थे। रामवृक्ष प्रसाद सिंह जैसे पूर्व छात्र बाद में इसी विद्यालय के प्रधानाध्यापक बने।नवादा के कौआकोल स्थित बापू इंटर विद्यालय पांडे गंगोट में शिक्षकों की गंभीर कमी से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। शैक्षिक वर्ष 2024-25 में विद्यालय में 1018 छात्र-छात्राएं नामांकित हैं। माध्यमिक स्तर पर 24 स्वीकृत पदों में से केवल 12 शिक्षक कार्यरत हैं। उच्च माध्यमिक में 11 पदों के सापेक्ष सिर्फ 8 शिक्षक उपलब्ध हैं। प्लस टू में गणित, रसायन विज्ञान, मनोविज्ञान, अर्थशास्त्र, भूगोल और हिंदी के शिक्षक नहीं हैं।
शिक्षकों की कमी
माध्यमिक कक्षाओं में संस्कृत और उर्दू के शिक्षकों की कमी है। विद्यालय के प्रभारी प्राचार्य अजय कुमार के अनुसार, उपलब्ध संसाधनों से बेहतर शिक्षा देने का प्रयास किया जा रहा है। पहले यह विद्यालय शैक्षणिक उत्कृष्टता के लिए जाना जाता था। एमपी वर्मा के नेतृत्व में यदुनंदन बाबू, गीता बाबू और कमलेश्वरी बाबू जैसे विद्वान शिक्षकों ने स्कूल को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। विद्यालय से पढ़कर कई छात्र डॉक्टर, इंजीनियर, वैज्ञानिक और प्रशासनिक सेवाओं में पहुंचे। कुछ विदेशों में भी सफलता के झंडे गाड़ र
हे हैं।
Apr 07 2025, 00:55