वाराणसी में मुस्लिम महिलाओं ने जमकर मनाई होली, प्रेम और एकता का दिया संदेश
प्राचीन नगरी काशी में होली एकता और सौहार्द का संदेश दे रही है. रंगों के इस पावन पर्व को सभी लोग खुशियों के साथ मना रहे हैं. काशी की मुस्लिम महिलाओं ने भी जमकर होली खेली. इस बीच उन्होंने ढोलक बजाकर होली गीत गाए. मुस्लिम महिलाओं ने रंग-गुलाल के साथ फूलों की होली खेली. उनके होली खेलते और गीत गाते हुए वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर वायरल हो रहा है. होली खेलने वाली महिलाओं का कहना है कि होली प्रेम का त्योहार है. इसे मनाकर उन्होंने एकता का संदेश दिया है.
वाराणसी की होली देश ही नहीं विदेशों में भी काफी मशहूर है. यहां के मणिकर्णिका घाट पर खेली जाने वाली मसान की होली विश्व प्रसिद्ध है. यहां के रंगों में सभी लोग घुल जाते हैं. कुछ ऐसा ही नजारा काशी के लमही स्थित सुभाष भवन में देखने को मिला. यहां मुस्लिम महिला फाउंडेशन ने होली का आयोजन किया. उन्होंने होली खेली भी और गीत भी गाए. फाउंडेशन से जुड़ी महिलाओं ने कहा कि होली हमारे पूर्वजों का त्योहार है, अगर नहीं खेलेंगे तो जन्नत में जाकर क्या जबाव देंगे.
होली खेले रघुवीरा अवध में
काशी में मुस्लिम महिलाओं द्वारा खेली गई होली के वीडियो जमकर वायरल हो रहे हैं. वीडियो में मुस्लिम महिलाएं बुर्का और हिजाब पहने हुए हैं. वह गुलाल और फूलों से होली खेलती दिख रही हैं. वह जमकर फूल उड़ाते हुए दिख रही हैं. ढोलक की थाप पर महिलाएं होली खेले रघुवीरा अवध में गाना गा रही हैं. उन्होंने लोकगीत भी गाए.
होली हमारे पूर्वजों का त्योहार- नाजरीन अंसारी
मुस्लिम महिला फाउण्डेशन एवं विशाल भारत संस्थान ने मिलकर होली समारोह का आयोजन किया. इस दौरान उन्होंने गुलाब की पंखुड़ियां, हरे-लाल गुलाल और गुलाब जल का मिश्रण मिलाकर होली में प्रेम का रंग बनाया. मुस्लिम महिला फाउण्डेशन से जुड़ी नाजनीन अंसारी, खुशीदा बनो, नगीना ने बताया किहोली हमारे पूर्वजों और महान भारतीय संस्कृति का त्योहार है. नहीं खेलेंगे तो हम जन्नत में जाकर अपने पूर्वजों को क्या जबाव देंगे.
Mar 13 2025, 17:52