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एक्शन में नगर निगम : आनंद रेस्टोरेंट पर जड़ा ताला, नहीं चुकाया था 5 साल से बकाया 5.92 लाख रुपये टैक्स

रायपुर- छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में सालों से टैक्स नहीं चुकाने वालों के खिलाफ नगर निगम एक्शन के मूड में है. रायपुर निगम की टीम ने बायकेदारों से टैक्स वसूली अभियान शुरू किया गया है. मौके पर टैक्स नहीं पटाने वालों के खिलाफ संपत्ति पर तालाबंदी की कार्रवाई की जा रही है.

आयुक्त अबिनाश मिश्रा के आदेश और अपर आयुक्त राजेन्द्र प्रसाद गुप्ता, उपायुक्त राजस्व डॉक्टर अंजलि शर्मा,राजस्व अधिकारी खीरसागर नायक के निर्देश पर जोन 10 के वार्ड नंबर 52 में राजस्व विभाग में बड़े बकायेदार पर सीलबंद की कड़ी कार्रवाई की गई.

दरअसल, डॉक्टर राजेन्द्र प्रसाद वार्ड क्रमांक 52 में आशुतोष शर्मा 5 सालों (वर्ष 2019-20) से 5,92,354 रुपये का संपत्तिकर नहीं भर रहे थे. कई नोटिस और अंतिम सूचना के बावजूद भुगतान न करने पर उनकी फर्म आनंद रेस्टोरेंट को सील कर दिया गया. वहीं वीआईपी मार्ग, अमलीडीह में स्थित दी लीविंग रूम एंड ग्रीन कैफे की संचालिका ज्योति केशवानी को डिमांड बिल/नोटिस जारी किया. उन्हें तीन दिनों के भीतर अपनी प्रॉपर्टी आईडी अपडेट करवाकर संपत्तिकर का भुगतान करने के निर्देश दिए गए हैं. ऐसा न करने पर वार्षिक भाड़ा मूल्य तय कर नया बिल जनरेट करने की चेतावनी दी गई है.  

बकायदार पर सीलबंद की कार्यवाही आगे भी निरंतर जारी रहेगी आज की सीलबंद की कार्यवाही के अभियान में जोन 10 के जोन सहायक राजस्व अधिकारी महादेव रक्सेल और जोन 10 राजस्व विभाग के अन्य सम्बंधित कर्मचारियों की उपस्थिति रही.

गुरूदर्शन मेले में उमड़ रही श्रद्धा की बयार: देशभर से गिरौदपुरी पहुंच रहे श्रद्धालु, CM साय के निर्देश पर इन सुविधाओं का किया गया विस्तार

रायपुर- बाबा गुरु घासीदास की जन्मस्थली और कर्मस्थली गिरौदपुरी में आयोजित गुरूदर्शन मेला अपनी भव्यता और आस्था के लिए देशभर में प्रसिद्ध है। 04 से 06 मार्च तक चलने वाले इस मेले में छत्तीसगढ़ सहित पूरे भारत से हजारों श्रद्धालु आशीर्वाद प्राप्त करने पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर इस वर्ष श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के व्यापक इंतजाम किए गए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस बार मेले को भव्य स्वरूप में आयोजित करने के लिए 50 लाख रुपए की राशि की घोषणा की है, जो पूर्व में 25 लाख रुपए थी। इसके साथ ही, मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक स्थायी शेड के निर्माण की भी घोषणा की गई है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वयं गुरू गद्दी का दर्शन कर प्रदेशवासियों की सुख-समृद्धि एवं खुशहाली की प्रार्थना की और मेले की भव्यता बढ़ाने और श्रद्धालुओं को अधिक सुविधा प्रदान करने के लिए मेला बजट को दोगुना करने के साथ ही जिला प्रशासन को निर्देश दिए कि श्रद्धालुओं के लिए बेहतर सुविधाएँ उपलब्ध कराई जाएं। मुख्यमंत्री श्री साय की घोषणा के बाद जिला प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई करते हुए लोक निर्माण विभाग के अधिकारियों को मुख्य प्रवेश द्वार से मुख्य मंदिर तक स्थायी शेड निर्माण के लिए स्थल निरीक्षण एवं माप-जोख करने के निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के दिशानिर्देश पर इस वर्ष मेले में श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए बेहतर इंतजाम किए गए हैं। गुरूदर्शन मेला न केवल छत्तीसगढ़, बल्कि देशभर के श्रद्धालुओं के लिए आस्था और भक्ति का केंद्र है। इस वर्ष मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से इसे और भव्य और सुव्यवस्थित बनाया गया है। प्रशासन द्वारा की गई इन सुविधाओं की बढ़ोतरी से श्रद्धालुओं को अधिक सुविधाजनक, सुरक्षित और आध्यात्मिक अनुभव मिलेगा। गुरूदर्शन मेले का यह ऐतिहासिक विस्तार श्रद्धालुओं की सेवा और आस्था को नई ऊँचाई पर ले जाने वाला साबित होगा।

गुरुदर्शन मेले में श्रद्धालुओं को मिलने वाली स्वास्थ्य सेवाओं को सुदृढ़ किया गया है, जिसके अंतर्गत चिकित्सा सहायता केंद्रों की संख्या 2 से बढ़ाकर 8 कर दी गई है और एंबुलेंस की संख्या 4 से बढ़ाकर 8 की गई है।

निःशुल्क भोजन सेवा को भी विस्तार देते हुए अब 24 स्थानों पर 212 समूहों द्वारा भोजन उपलब्ध कराया जा रहा है, जो पहले 20 स्थानों पर 175 समूहों द्वारा संचालित थी। पेयजल व्यवस्था को भी सुदृढ़ किया गया है, जिसमें स्थायी नल कनेक्शन की संख्या 110 से बढ़ाकर 195 कर दी गई है और पानी टैंकरों की संख्या 8 से बढ़ाकर 18 कर दी गई है। मेले में सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया गया है, जिसमें पुलिस कंट्रोल रूम की संख्या 3 से बढ़ाकर 9 कर दी गई है, सुरक्षा बलों की संख्या 450 से बढ़ाकर 1150 की गई है और पहली बार 36 सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं, जिनकी नियमित मॉनिटरिंग हो रही है। सुरक्षाकर्मियों को 130 वायरलेस सेट भी प्रदान किए गए हैं। अग्नि सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए अब 1 के बजाय 3 अग्निशमन वाहन तैनात किए गए हैं ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जा सके। मेले में विद्युत एवं प्रकाश व्यवस्था को और प्रभावी बनाया गया है, जिसमें ट्रांसफार्मरों की संख्या 10 से बढ़ाकर 13 कर दी गई है और विद्युत आपूर्ति बाधित होने की स्थिति में बैकअप जनरेटर की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 कर दी गई है। श्रद्धालुओं की सुविधा को देखते हुए शौचालयों की संख्या 4 से बढ़ाकर 16 कर दी गई है, स्नानागार की संख्या 6 से बढ़ाकर 10 की गई है, और अतिरिक्त रूप से 80 सीटर स्थायी शौचालय की भी व्यवस्था की गई है। स्वच्छता व्यवस्था को अधिक प्रभावी बनाने के लिए सफाई कर्मचारियों की संख्या 80 से बढ़ाकर 291 कर दी गई है ताकि मेले में स्वच्छता बनी रहे।

इस वर्ष पहली बार गिरौदपुरी मेला डॉट कॉम नामक वेबसाइट लॉन्च की गई है, जिससे श्रद्धालुओं को मेला स्थल की जानकारी, आवश्यक मार्गदर्शन और अन्य आवश्यक सेवाओं की ऑनलाइन जानकारी मिल सके। इससे श्रद्धालु यात्रा संबंधी सूचनाएं, पार्किंग व्यवस्था, धार्मिक स्थलों की जानकारी और अन्य सुविधाओं की पूरी जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकते हैं।

सर्विलांस में है मेरा फोन : पूर्व सीएम भूपेश बघेल का बड़ा बयान, कहा- कांग्रेस नेताओं की जासूसी कर रही है सरकार

रायपुर- छत्तीसगढ़ सरकार पर पीसीसी चीफ दीपक बैज के बाद अब पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने जासूसी के गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने सरकार पर कांग्रेस नेताओं की जासूसी कराने का बड़ा आरोप लगाया है.

पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने कहा कि मेरा फोन भी सर्विलांस में है, मेरे बगल में खुफिया तंत्र के कर्मचारी खड़े रहते हैं, LIB के कर्मचारी पत्रकारवार्ता में मेरी बात को सुनते हैं. पूर्व सीएम के आरोप के बाद अब सियासत और भी गर्म हो गई है.

बता दें कि पिछले दिनों पीसीसी चीफ दीपक बैज ने अपने घर की रेकी कर जासूसी करवाने का आरोप लगाया है. उनका आरोप है कि बीते दो रातों से लगातार 24 घंटे दंतेवाड़ा पुलिस CG 17 की गाड़ी उनके रायपुर स्थित शासकीय आवास की रेकी कर रही थी, जिसे पैदल टहलने के दौरान हमने पकड़ा. लोकल गंज थाने के TI को भी जानकारी नहीं थी. दंतेवाड़ा के एडिशनल एसपी से भी बात की, लेकिन कोई संतोषजनक जवाब नहीं दिया गया. बिना दस्तावेज के वे यहां पहुंचे थे.

दीपक बैज ने आरोप लगाते हुए कहा था कि पूरी पुलिस प्रशासन एक एजेंट की तरह शासन के लिये काम कर रही. सबूत भी अब हमने पकड़ लिये हैं. पूरे जिले की पुलिस मेरे पीछे लगाये गये होंगे. सरकार चुनाव में धांधली कर रही और जो मुझसे मिलने आ रहे उसकी निगरानी की जा रही है. यदि पीसीसी के अध्यक्ष का ये हाल है, तो जनता का क्या हाल होगा. इस मामले की जांच होनी चाहिए और जिम्मेदारों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल से बस्तर में अमन, चैन और खुशहाली की नई शुरुआत…

नारायणपुर- नक्सल प्रभावित बस्तर के अबूझमाड़ इलाके में 2 मार्च को एक ऐतिहासिक पल देखा गया, जब मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की पहल पर अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन का आयोजन किया गया. इस आयोजन ने न केवल बस्तर में अमन और शांति का संदेश दिया, बल्कि यहां के लोगों में एक नई ऊर्जा और उम्मीद भी जगा दी. इस मैराथन का उद्देश्य शांति, स्वास्थ्य, सामुदायिक भावना और बस्तर क्षेत्र की अनछुई सुंदरता का उत्सव मनाना था. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में इस आयोजन ने न केवल खेल के प्रति जागरूकता बढ़ाई, बल्कि क्षेत्र की समृद्ध संस्कृति और विकास को भी प्रोत्साहित किया।

बस्तर में खेलों से शांति की पहल

लंबे समय से नक्सल उग्रवाद की छाया में जी रहे बस्तर और विशेष रूप से अबूझमाड़ क्षेत्र के लोगों के लिए यह मैराथन एक नया सवेरा लेकर आई. छत्तीसगढ़ सरकार ने इस आयोजन को एक बड़े सामाजिक बदलाव के रूप में देखा, जिसमें स्थानीय आदिवासी युवाओं, सुरक्षाबलों और आम जनता ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया.मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा, “यह सिर्फ एक मैराथन नहीं, बल्कि बस्तर में स्थायी शांति और विकास की दिशा में उठाया गया एक मजबूत कदम है. अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और अबूझमाड़ को लंबे समय से अलग-थलग रखा गया था, लेकिन अब यहां भी अमन और खुशहाली लौट रही है.”

15,000 से अधिक प्रतिभागियों ने लिया हिस्सा

इस ऐतिहासिक आयोजन में 15,000 से अधिक धावकों ने भाग लिया। इनमें स्थानीय युवक-युवतियों, सुरक्षाबल के जवानों, स्कूली छात्रों और विभिन्न राज्यों से आए धावकों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

इस मैराथन को तीन वर्गों में विभाजित किया गया:

हाफ मैराथन (21.1 किमी)

मिनी मैराथन (10 किमी)

फन रन (5 किमी)

प्रतिभागियों के बीच जबरदस्त उत्साह देखने को मिला. सुबह 6 बजे नारायणपुर जिले के मुख्य मैदान से यह दौड़ शुरू हुई और आसपास के इलाकों से होते हुए वापस अपने प्रारंभिक बिंदु पर समाप्त हुई.

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की भूमिका

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने इस मैराथन के आयोजन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. इस कार्यक्रम को आशा का प्रतीक बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि “खेल की सार्वभौमिक भाषा के माध्यम से लोगों को एक साथ लाकर, हम न केवल शारीरिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देना चाहते हैं, बल्कि शांति और एकता का एक महत्वपूर्ण संदेश भी देना चाहते हैं. अबूझमाड़ को अब माओवाद से नहीं, बल्कि यहां के लोगों की क्षमता और प्रतिभा से पहचाना जाएगा” उन्होंने इस आयोजन को बस्तर की समृद्ध संस्कृति, शांति और विकास का प्रतीक बताते हुए कहा कि “यह सिर्फ एक खेल आयोजन नहीं, बल्कि क्षेत्र की प्रगति का प्रतीक है.”

इस प्रतिष्ठित मैराथन में देश-विदेश के हजारों धावकों ने भाग लिया और अमन, चैन और खुशहाली का स्पष्ट संदेश दिया. मुख्यमंत्री ने कहा कि “यह आयोजन न केवल क्षेत्रीय खेल प्रतिभाओं को बढ़ावा देता है, बल्कि सामाजिक समरसता और सौहार्द को भी मजबूत करता है.” मुख्यमंत्री ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.”

मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन को बस्तर क्षेत्र के लिए गौरवपूर्ण क्षण बताते हुए कहा कि “राज्य सरकार के प्रयासों से बस्तर में शांति और विकास की नई राह खुली है.इससे पहले, बस्तर ओलंपिक में भी 1 लाख 65 हजार से अधिक प्रतिभागियों की ऐतिहासिक भागीदारी देखी गई थी, जिससे यह स्पष्ट होता है कि बस्तर क्षेत्र अब नई संभावनाओं और उपलब्धियों की ओर अग्रसर है. राज्य सरकार क्षेत्रीय प्रतिभाओं को आगे बढ़ाने के लिए हर संभव प्रयास कर रही है और यह आयोजन उसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.”

मुख्यमंत्री साय ने इस आयोजन की सराहना करते हुए कहा कि “खेल और विकास के माध्यम से बस्तर क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव आ रहा है. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल एक खेल आयोजन है, बल्कि यह बस्तर में शांति और सद्भाव के संदेश को भी मजबूती प्रदान कर रहा है. आने वाले वर्षों में इस आयोजन को और भव्य बनाया जाएगा ताकि यह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की पहचान बने. अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन न केवल खेल के प्रति जागरूकता को बढ़ाता है, बल्कि स्थानीय युवाओं को खेल के माध्यम से नए अवसर प्रदान करता है. यह आयोजन राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर बस्तर की सकारात्मक छवि को स्थापित करने में सहायक होगा.” मुख्यमंत्री ने इस भव्य आयोजन में भाग लेने वाले सभी धावकों को शुभकामनाएँ दीं और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की.

नक्सल प्रभावित इलाकों में खेलों से नया संदेश

बस्तर क्षेत्र में लंबे समय से उग्रवाद का आतंक था, जिसके कारण यहां के युवाओं को मुख्यधारा से जोड़ने की कोशिशें सीमित थीं, लेकिन हाल के वर्षों में खेलों और सांस्कृतिक कार्यक्रमों के माध्यम से बस्तर को मुख्यधारा में लाने की दिशा में कई प्रयास हुए हैं.इस आयोजन का मुख्य उद्देश्य युवाओं को नक्सलवाद से दूर करना और उन्हें एक सकारात्मक भविष्य की ओर प्रेरित करना था. छत्तीसगढ़ पुलिस और केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) ने इस मैराथन में विशेष सहयोग दिया.CRPF के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस क्षेत्र में खेल और शिक्षा के माध्यम से शांति और विकास लाने की दिशा में लगातार प्रयास कर रहे हैं। यह मैराथन उसी कड़ी का एक हिस्सा है, जो यहां के युवाओं को एक नई राह दिखाएगी.”

महिलाओं की बढ़-चढ़कर भागीदारी

इस मैराथन की खासियत यह रही कि इसमें महिलाओं ने भी बड़ी संख्या में हिस्सा लिया. स्थानीय आदिवासी समुदाय की युवतियों ने उत्साह के साथ दौड़ लगाई और यह साबित किया कि वे भी हर क्षेत्र में आगे बढ़ने के लिए तैयार हैं.प्रतिभागी ललिता कश्यप, जो कि एक स्थानीय कॉलेज की छात्रा हैं, ने कहा, “पहली बार मैंने इतने बड़े आयोजन में भाग लिया. यह मेरे लिए गर्व की बात है. पहले हम खेलों से दूर थे, लेकिन अब हमें भी सपने देखने और उन्हें पूरा करने का मौका मिल रहा है.”

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को किया सम्मानित

मैराथन के समापन समारोह में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने विजेताओं को ट्रॉफी और नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया.

हाफ मैराथन (पुरुष वर्ग): प्रथम स्थान – रमेश नाग (नारायणपुर), द्वितीय स्थान – संदीप कुमार (जगदलपुर)

हाफ मैराथन (महिला वर्ग): प्रथम स्थान – सविता मंडावी (कोंडागांव), द्वितीय स्थान – रीना पोडियाम (बीजापुर)

मिनी मैराथन विजेता: अजय कश्यप (दंतेवाड़ा)

फन रन विजेता: सोनिया नेताम (सुकमा)

मुख्यमंत्री ने कहा, “यह प्रतियोगिता केवल दौड़ने के लिए नहीं थी, बल्कि यह बस्तर की नई उड़ान का प्रतीक है.मैं चाहता हूं कि आने वाले सालों में इस आयोजन को और बड़े स्तर पर किया जाए.”

स्थानीय लोगों में नई उम्मीद

अबूझमाड़ क्षेत्र के लोग इस आयोजन से बेहद खुश नजर आए.गांवों से बड़ी संख्या में लोग इस आयोजन को देखने आए.स्थानीय ग्रामीण भीमा मंडावी ने कहा, “पहले यहां गोलियों की आवाज सुनाई देती थी, लेकिन आज खेल और उत्सव की गूंज है. यह बदलाव हमें गर्व महसूस कराता है” सरिता नेताम, जो कि एक शिक्षिका हैं, ने कहा, “यह आयोजन हमारे बच्चों को प्रेरित करेगा. वे अब पढ़ाई के साथ-साथ खेलों में भी रुचि लेंगे और आगे बढ़ेंगे.”

हजारों धावकों की ऐतिहासिक भागीदारी से बना एक रोमांचक माहौल

नारायणपुर जिले में आयोजित अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 11 हजार से अधिक धावकों ने भाग लिया, जिसमें राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय धावकों की शानदार प्रतिस्पर्धा देखने को मिली. इस मैराथन में उत्तर प्रदेश के अक्षय कुमार ने पुरुष वर्ग में और इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने महिला वर्ग में बाजी मारी. पुरुष 21 किमी वर्ग में अक्षय कुमार (उत्तर प्रदेश) ने 01 घंटा 02 मिनट 15 सेकंड में दौड़ पूरी कर पहला स्थान प्राप्त किया, जबकि महिला 21 किमी वर्ग में इथियोपिया की हिवेत जेब्रीवाहिद ने 01 घंटा 13 मिनट 01 सेकंड में दौड़ पूरी कर जीत दर्ज की. 10 किमी और 5 किमी वर्ग में भी रोमांचक प्रतिस्पर्धा रही, जहां उत्तर प्रदेश की अमृता पटेल और सूरजपुर की सोनिका राजवाड़े ने क्रमशः 10 किमी और 5 किमी महिला वर्ग में पहला स्थान प्राप्त किया.पुरुष 10 किमी वर्ग में उत्तर प्रदेश के मोनू कुमार और 5 किमी वर्ग में स्थानीय धावकों ने उत्कृष्ट प्रदर्शन किया.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 की विशेषताएं

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में 21 किमी, 10 किमी और 5 किमी की श्रेणियां शामिल थीं, जिससे कुशल एथलीटों के अलावा पहली बार दौड़ने वालों और स्थानीय प्रतिभाओं को भी भाग लेने का अवसर मिला. आयोजन में अत्याधुनिक टाइमिंग सिस्टम, पेसर्स, चिकित्सा सहायता और हाइड्रेशन स्टेशनों की व्यवस्था की गई थी, जिससे सभी प्रतिभागियों के लिए एक यादगार अनुभव सुनिश्चित हो सके. प्रतियोगिता में प्रथम स्थान प्राप्त विजेताओं को 1.5 लाख रुपये, द्वितीय स्थान प्राप्त विजेताओं को 1 लाख रुपये और तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले विजेताओं को 75 हजार रुपये का पुरस्कार दिया गया.. शीर्ष 10 स्थान प्राप्त करने वालों को भी पुरस्कार दिया गया. स्थानीय प्रतिभाओं को भी 5-5 हजार रुपये की नकद राशि देकर सम्मानित किया गया.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन 2025 में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की सहभागिता ने यह संदेश दिया कि राज्य सरकार खेल और स्वास्थ्य के प्रति कितनी गंभीर है और समाज के हर वर्ग को इसमें शामिल होना चाहिए. मैराथन से पहले और उसके बाद में कई तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया गया, जिसमें मुख्यमंत्री भी शामिल हुए. इन कार्यक्रमों में स्थानीय कलाकारों द्वारा पारंपरिक नृत्य, संगीत और कला प्रदर्शनियों का आयोजन हुआ जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को प्रदर्शित करती हैं.

मुख्यमंत्री की उपस्थिति ने इन कार्यक्रमों को और भी खास बना दिया और स्थानीय कलाकारों को भरपूर प्रोत्साहन मिला. मुख्यमंत्री की सक्रिय भूमिका और सहभागिता ने समाज को एक सकारात्मक संदेश दिया है. राज्य सरकार ने दिखाया कि सरकार और जनता मिलकर शांति, विकास और समृद्धि की दिशा में कदम बढ़ा सकते हैं. उनकी इस पहल ने न केवल राज्य में बल्कि राष्ट्रीय स्तर में भी अबूझमाड़ को एक नई पहचान देने का काम किया है.

अबूझमाड़ पीस हाफ मैराथन ने यह साबित कर दिया कि बस्तर अब बदल रहा है. यहां के लोग अब विकास और शांति की ओर बढ़ रहे हैं. मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की इस पहल ने बस्तर के युवाओं के लिए एक नई राह खोली है.अब सवाल यह नहीं है कि बस्तर में शांति लौटेगी या नहीं, बल्कि सवाल यह है कि यह बदलाव कितनी तेजी से आगे बढ़ेगा. अबूझमाड़ का यह ऐतिहासिक आयोजन छत्तीसगढ़ में अमन, चैन और खुशहाली की नई सुबह का संदेश दे गया.

भारतमाला परियोजना के लिए अधिग्रहित जमीन की कम कीमत पर बिफरे किसान, प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगाते हुए निर्माण पर जताया विरोध…

आरंग-  प्रस्तावित रायपुर – विशाखापट्टनम इकोनॉमिक कॉरिडोर के लिए अधिग्रहित जमीन के एवज में दी गई मुआवजा राशि को लेकर आरंग विकासखंड के किसानों में असंतोष है. प्रशासन पर भेदभाव करने का आरोप लगाते हुए ग्रामीणों ने निर्माण स्थल पर विरोध जताने पहुंचे. स्थिति को देखते हुए मौके पर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है.

मामला आरंग विकासखंड के अंतर्गत आने वाले ग्राम गोइंदा का है, जहां कम मुआवजे मिलने से नाराज किसान भारतमाला परियोजना में हो रहे निर्माण कार्य का विरोध जताने पहुंच गए. प्रशासन पर भेदभाव का आरोप लगा रहे किसानों का कहना है कि इस बड़े प्रोजेक्ट में दुर्ग और राजनांदगांव के किसानों को 4 गुना मुआवजा मिला है, जबकि यहां ऐसा नहीं है.

मौके पर पहुंची आरंग तहसीलदार सीता शुक्ला, थाना प्रभारी राजेश सिंह और नेशनल हाईवे अथॉरिटी ऑफ इंडिया के अधिकारियों ने किसानों को समझाइश दी. इसके बाद किसान अपनी बात उच्चाधिकारियों से समक्ष रखने के लिए रायपुर रवाना हो गए. इधर किसानों के विरोध को देखते हुए पुलिस बल की मौजूदगी में खेतों का समतलीकरण किया जा रहा है.

कोल ब्लॉक भूमि अधिग्रहण विवाद: हाईकोर्ट ने केंद्र, राज्य सरकार और जिंदल स्टील को जारी किया नोटिस

बिलासपुर-  छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस रमेश सिन्हा और जस्टिस रविंद्र अग्रवाल की खंडपीठ ने गारे 4/6 कोल ब्लॉक भू-अधिग्रहण से प्रभावित 49 किसानों की याचिका पर राज्य सरकार, केंद्र सरकार, कलेक्टर रायगढ़, एसडीओ घरघोड़ा और जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड को नोटिस जारी किया है। याचिका में किसानों ने नया भूमि अधिग्रहण कानून लागू होने के बावजूद छत्तीसगढ़ भू-राजस्व संहिता की धारा 247 के तहत किए जा रहे भूमि अधिग्रहण को चुनौती दी है। साथ ही, मुआवजे का निर्धारण 2010 की अधिसूचना की दरों के आधार पर किए जाने को भी गलत ठहराया गया है, जबकि पिछले 15 वर्षों में जमीनों के भाव कई गुना बढ़ चुके हैं।

किसानों की ओर से हाईकोर्ट में सुनवाई

आज छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में चंदन सिंह सिदार, रविशंकर सिदार, उत्तम सिंह, महेश पटेल समेत 49 किसानों (इनमें से अधिकतर आदिवासी समुदाय के हैं) ने अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव और सुदीप वर्मा के माध्यम से याचिका दायर की। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता सुदीप श्रीवास्तव ने बताया कि गारे 4/6 कोल ब्लॉक का भूमि अधिग्रहण सितंबर 2024 में शुरू किया गया, जबकि इसका खनन पट्टा 2023 में ही जारी कर दिया गया था। यह संविधान के अनुच्छेद 300A का खुला उल्लंघन है, क्योंकि किसी भी निजी भूमि को बिना विधिवत कानून के अधिग्रहण कर उचित मुआवजा दिए बिना किसी अन्य को हस्तांतरित नहीं किया जा सकता।

याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि नया भूमि अधिग्रहण कानून ही एकमात्र ऐसा कानून है, जो प्रभावितों को पुनर्वास और पुनर्स्थापना का कानूनी अधिकार देता है। नए कानून के बावजूद, भू-राजस्व संहिता की धारा 247 में सिर्फ मुआवजे से संबंधित संशोधन किया गया, जबकि पुनर्वास और पुनर्स्थापना को लेकर कोई प्रावधान नहीं जोड़ा गया।

संविधान की धारा 254 का हवाला

याचिका में संविधान की धारा 254 का भी हवाला दिया गया, जिसमें स्पष्ट किया गया है कि यदि किसी क्षेत्र के लिए संसद द्वारा कानून बनाया गया है, तो उस क्षेत्र पर राज्य विधानसभा द्वारा बनाए गए कानून लागू नहीं होते। ऐसे में, यह पूरी भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया असंवैधानिक है।

याचिकाकर्ताओं ने यह भी आरोप लगाया कि राज्य सरकार और कलेक्टर यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि किस आधार पर अवार्ड पास किया गया है और न ही भूमि अधिग्रहण अवार्ड की प्रति किसानों को सौंपी गई है। इसके विपरीत, सितंबर-अक्टूबर 2024 से ही कई किसानों की जमीनों पर जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड ने अवैध कब्जा कर लिया है।

राज्य सरकार का पक्ष और कोर्ट की प्रतिक्रिया

राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता प्रफुल्ल भारत और शशांक ठाकुर ने अदालत में पक्ष रखते हुए कहा कि इसी मामले से जुड़ी एक याचिका पहले भी दायर की गई थी, जिसमें कलेक्टर को सभी समस्याओं के निवारण के निर्देश दिए गए थे। कलेक्टर ने सभी मुद्दों का समाधान कर दिया है, इसलिए यह नई याचिका स्वीकार करने योग्य नहीं है।

इसके जवाब में याचिकाकर्ताओं ने तर्क दिया कि पूर्व की याचिका केवल 8 प्रभावित किसानों द्वारा लगाई गई थी, जबकि वर्तमान याचिका 49 प्रभावितों की ओर से दायर की गई है। साथ ही, कलेक्टर के आदेश में मिली जानकारी के आधार पर ही यह नई याचिका तैयार की गई है, जिससे यह पहली बार सामने आया कि भूमि अधिग्रहण प्रक्रिया शुरू होने से पहले ही माइनिंग लीज जारी कर दी गई थी।

खंडपीठ ने राज्य सरकार की इस दलील को अस्वीकार करते हुए कहा कि 8 व्यक्तियों की पुरानी याचिका के आधार पर 49 व्यक्तियों की नई याचिका को खारिज नहीं किया जा सकता।

हाईकोर्ट ने सभी पक्षों से मांगा जवाब

हाईकोर्ट की खंडपीठ ने राज्य सरकार, केंद्र सरकार (कोयला मंत्रालय), जिंदल स्टील एंड पावर लिमिटेड, कलेक्टर रायगढ़ और एसडीओ घरघोड़ा को नोटिस जारी कर दो सप्ताह के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के निर्देश दिए हैं। अगली सुनवाई इसके बाद होगी।

बजट पर सामान्य चर्चा जारी, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के आरोपों पर अजय चंद्राकर ने संभाला मोर्चा

रायपुर- विधानसभा के बजट सत्र के सातवें दिन बजट पर सामान्य चर्चा चल रही है. कांग्रेस की तरफ से जहां पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सत्तारूढ़ भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोल दिया. वहीं जवाब में भाजपा विधायक अजय चंद्राकर और धर्मजीत सिंह ने मोर्चा संभालते हुए पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के साथ पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को कटघरे में खड़ा किया. 

भाजपा विधायक अजय चंद्राकर ने कहा कि कांग्रेस सरकार में 4 साल तक वित्तीय कुप्रबंधन रहा. राजस्व प्राप्ति का अनुमान गलत निकला. हजारों करोड़ कम मिले. चारों साल वित्तीय घाटा 3 प्रतिशत से ऊपर रहा. साय सरकार में सब कुछ बदल गया. अनुमान से ज्यादा राजस्व प्राप्त हुआ, वित्तीय घाटा 3 प्रतिशत से कम रहा, इनाम में केंद्र से पुरस्कार राशि मिली. हमारे वित्त मंत्री ने बताया, के बजट कैसे बनाया जाता है. अटल बिहारी वाजपेई का जन्म सदी वर्ष है, काव्यात्मक बजट प्रस्तुत कर उन्हें श्रद्धांजलि दी.

उन्होंने कहा कि अगर किसी एक खानदान की तारीफ कर देते, आप कूदकर दिल्ली बताने चले जाते. कोयला परिवहन सिस्टम को आपने ऑनलाइन से ऑफलाइन आपने क्यों किया. हमने ऑनलाइन किया राजस्व बढ़ोत्तरी हुई. आपसे बार-बार पूछा कि कोयला ऑफलाइन में कितना राजस्व बढ़ा, जवाब नहीं दे सके. कोयला दलाली का ऐसा खेल हुआ कि आज बैरक में जगह नहीं. कांग्रेस को गरीबों से इतनी नफरत क्यों, 18 लाख गरीब को मकान नहीं दिया.

इस पर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने मोर्चा खोलते हुए कहा कि पहली बार हुआ है कि हस्तलिखित बजट वित्त मंत्री ने पेश किया है. वित्त सचिवालय का काम अब ख़ुद वित्त मंत्री लिख रहे हैं. अपने ही विभाग के लोगों पर विश्वास नहीं रहा. यह दस्तावेज है. यह हमेशा रहेगा. कम से कम भाषा का ख्याल रखना चाहिए था. भाषा का मजाक बना दिया है. शुरुआत में ही असत्य कथन कह दिया गया कि 76 फ्लाइट रायपुर एयरपोर्ट से चल रही है. मैंने पता किया एयरपोर्ट अथॉरिटी ने बताया कि 26 फ्लाइट चल रही है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि वित्त मंत्री ने कहा कि निकाय चुनाव में हमने रिकॉर्ड तोड़ दिया. दस की दस नगर निगमों में जीत दर्ज की. हमारी सरकार थी तब हमने भी दस की दस सीटें जीती थी. आवास योजना का इतना जिक्र किया गया, लेकिन सिर्फ 13 हज़ार मकान ही पूरे हो पाए. बजट प्रदेश के विकास का दर्पण होता है. पहले ज्ञान की बात कही. अब गति की बात कह रहे हैं लेकिन गति की दिशा तय ना हो तो दुर्घटना तय है.

उन्होंने कहा कि बजट पाँच हज़ार करोड़ से 75 हज़ार करोड़ तक पहुँच गया था. किसानों के आत्महत्या कम नहीं हुए थे. बस्तर में स्कूल बंद हो रहे थे. विकास सिर्फ कंक्रीट का ढाँचा खड़े करना नहीं होता है. विकास के लिए मानवीय मूल्यों का विकास ज़्यादा जरूरी है. हमने तय किया कि किसानों को मजबूत करेंगे. हमने धान ख़रीदी की नीति बनाई. केंद्र का अड़ंगा लगा कि समर्थन मूल्य से ऊपर धान ख़रीदी करने वाले राज्य को फ़ायदा नहीं देंगे. आज यदि किसानों को 3100 रुपए मिल रहा है तो ये पिछली सरकार के संघर्षों का परिणाम है. हमने सिर्फ़ धान के किसानों को राहत नहीं दी बल्कि कोदो कुटकी मक्का बोने वाले किसानों को भी राहत दी है.

भूपेश बघेल ने कहा कि मध्य प्रदेश के समय से काजू प्रोसेसिंग प्लांट बंद पड़ा था. हमने इसकी शुरुआत की थी. हमने मिलेट ख़रीदना शुरू किया था. बस्तर के किसानों को आर्थिक रूप से फ़ायदा हुआ था. अब गौ तस्करी बढ़ गई है. रायपुर में गौ मांस बिक रहा है. हमारी योजना से किसानों को, व्यापार उद्योगों को फायदा हुआ. बस्तर में 16 ट्रैक्टर से ज़्यादा नहीं बिकता था. एक साल में ही चार सौ से ज़्यादा ट्रैक्टर बिके थे. कोरोना काल में ऑटोमोबाइल कंपनियाँ प्रोडक्शन घटा रहे थे. छत्तीसगढ़ में डिमांड पूरी नहीं हो पा रही थी.

उन्होंने कहा कि बस्तर में नक्सलवाद ख़त्म हो. यह हम भी देखना चाहते हैं. यह अच्छी बात है कि बस्तर फ़ाइटर की भर्ती हो तो उन्हें जिलों में बांट दिया जाए. वित्त मंत्री ने कहा कि अमृत काल का बजट है. वित्त मंत्री खुद शेयर मार्केट के खिलाड़ी है. 96 लाख करोड़ रुपए डूब गया है. क्या यही अमृत काल है.

पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि नरवा योजना हमारा ही कार्यक्रम है, जिसकी वजह से अब के मुख्यमंत्री दिल्ली में जाकर अवार्ड ले रहे हैं. नरवा का काम किया तो जंगल में जानवर बढ़ गए हैं. हाथी भालू सब बढ़ रहे हैं. जब सारे जानवर आ जाएँगे, तब सबसे आख़िरी में शेर आएगा. गौठान में भ्रष्टाचार की बात होती है. जाँच कहां है? रीपा में भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हैं, इसकी जांच क्यों नहीं करते? सुशासन की स्थिति हमने लोहारीडीह और बलौदबाजार में देख ही लिया है.

चर्चा में भाग लेते हुए भाजपा विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में विधानसभा चुनाव, लोकसभा चुनाव, महाराष्ट्र चुनाव, हरियाणा चुनाव, निकाय चुनाव के बाद सब हैरान परेशान हैं. लगता है कि कांग्रेस शांति की खोज में है. कांग्रेस के सहयोगी हैं कि अबू आज़मी जो औरंगज़ेब को भला आदमी बताते हैं. जिस आदमी ने अपने भाई दारा शिकोह का गला काट दिया, वह क्या भला आदमी होगा. इनके एक नेता हैं जो महाकुंभ को फालतू बताते हैं. बगैर ज्ञान के गति नहीं हो सकती है.

धर्मजीत सिंह ने कहा कि रामलला के दर्शन का अधिकार छत्तीसगढ़ की जनता का है. यदि सरकार करा रही है तो विपक्ष को इसकी पीड़ा नहीं होनी चाहिए. ⁠बजट भाषण में वित्त मंत्री ने एक कविता का जिक्र किया है की कितना ख़ौफ़नाक होता है शाम का अँधेरा, पूछ उन परिंदों से जिनके घर नहीं होते. विपक्ष जब सरकार में था तब ग़रीबों के आवास को तो वह बनवा नहीं पाये. ⁠डीएमएफ के नाम पर पिछले पाँच सालों में कई आरोप लगते रहे हैं. अब सरकार डीएमएफ मद से दंतेवाड़ा में मेडिकल कालेज खुल रहा है.

उन्होंने कहा कि ⁠पेट्रोल में एक रुपए कम किया गया है. ⁠रायपुर से दुर्ग तक मेट्रो के लिए सर्वे की घोषणा बजट में है. यदि आज सर्वे नहीं होगा तो मेट्रो चलने की परिकल्पना साकार नहीं होगी. ⁠महतारी वंदन योजना अचूक बाण है, जो आप लोगों को विपक्ष में बैठने के लिए मजबूर कर देगी. आज महिलाओं को एक हज़ार रुपए दिया जा रहा है. हो सकता है आगे कभी इस राशि को बढ़ा दिया जाए. ⁠पूर्व मुख्यमंत्री बैठे हैं. उन्होंने कहा था युवाओं को बेरोजगारी भत्ता देंगे. पाँच साल बीत गया. भत्ता दिया नहीं. शराबबंदी को लेकर भी वादा किया था. सरकार चली गई लेकिन बंदी नहीं हुई.

राजधानी में शुरू हुआ अवैध ठेला-गुमटी हटाने का अभियान, पुलिस-निगम की टीम से भिड़े दुकानदार

रायपुर-  शहर सरकार के बदलते ही राजधानी की ट्रैफिक को सुधारने के लिए कवायद शुरू हो गई है. इस कड़ी में बुधवार को अवैध दुकानों और ठेला को हटाने का अभियान शुरू हुआ.

नगर निगम के अमले ने पुलिस बल की मौजूदगी में जय स्तंभ चौक से लेकर फाफाडीह चौक तक सड़क के इर्द-गिर्द बने अवैध दुकानों, ठेलों और गुमटियों को बुलडोजर से हटाने की कार्रवाई शुरू की. इस दौरान पुलिस और नगरीय निकाय की टीम से दुकानदारों की झूमाझटकी भी हुई.

PCC चीफ बैज ने फिर लगाया जासूसी का आरोप, कहा – सीएम और डीजीपी को लिखे पत्र का अब तक नहीं आया जवाब, मामले की गंभीरता से हो जांच

रायपुर- पीसीसी चीफ दीपक बैज ने फिर जासूसी का बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा, जासूसी और निगरानी खत्म नहीं हुई है बल्कि और बढ़ गई है. सरकारी बंगले आने वाली सभी गाड़ियों की निगरानी की जा रही है. मुख्यमंत्री और डीजीपी को लिखे पत्र का अब तक जवाब नहीं आया है. इस मामले की गंभीरता से जांच होनी चाहिए.

बैज ने कहा, जिला पंचायत और जनपद के जीते प्रत्याशियों पर निगरानी रखकर उन्हें धमकाया जा रहा. मेरा मोबाइल भी सर्विलिएंस पर रखा गया है. बीजेपी के नेता भी हमसे बात करने घबरा रहे हैं. वहीं सेक्स CD मामले में भूपेश बघेल को क्लीन चिट मिलने पर पीसीसी चीफ दीपक बैज ने कहा, न्याय की जीत हुई है. उन्होंने सरकार पर केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया.

पंचायत चुनाव और ED की कार्रवाई की रिपोर्ट लेकर जाएंगे दिल्ली

पीसीसी चीफ ने कहा, आलाकमान ने चुनाव को लेकर रिपोर्ट मांगी है. पंचायत चुनाव और ED की कार्रवाई की रिपोर्ट लेकर दिल्ली जाएंगे. पंचायत चुनाव में सरकार ने सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग किया है. ईडी की कार्रवाई पर उन्होंने कहा, ED के अफसरों को कांग्रेस भवन भेजा. नौ घंटे पूछताछ की. बलौदाबाजार के जीते प्रत्याशियों को बलौदाबाजार आगजनी मामले में फंसाने धमकाया जा रहा. अधिकारी चिट्ठा निकालकर खुद अध्यक्ष बना रहे. सभी की रिपोर्ट लेकर दिल्ली जाऊंगा.

‘गरीबों पर अत्याचार कर रही सरकार’

अवैध ठेले गुमटियों पर कार्रवाई करने को लेकर कांग्रेस ने सरकार पर साधा निशाना. पीसीसी चीफ दीपक बैज ने बड़े कब्जों पर कार्रवाई न करने पर सवाल उठाते हुए कहा, ये सरकार गरीबों पर अत्याचार कर रही है. गरीबों के पेट में लात मारने का काम कर रही.

प्रेम प्रसंग में आत्महत्या? पेड़ से लटकी मिली युवक-युवती की लाश, सुसाइड नोट बरामद

गरियाबंद-  छत्तीसगढ़ के गरियाबंद जिले से सनसनीखेज मामला सामने आया है, जहां एक युवक और युवती की लाश पेड़ से फांसी के फंदे पर लटकी मिली है. इस घटना के बाद इलाके में हड़कंप मच गया है. मामले की सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को अपने कब्जे में लेकर जांच में जुट गई है.

जानकारी के अनुसार, राजिम थाना क्षेत्र के कुम्ही गांव में युवक-युवती की लाश बरगद के पेड़ से फांसी के फंदे पर लटकी मिली है. घटना की जानकारी मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंची और शवों को नीचे उतारकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है.

मृतकों की पहचान टोमेश्वरी साहू (खुटेरी) और टिकेश्वर साहू (कुम्ही) के रूप में हुई है. पुलिस को टिकेश्वर साहू के पास से एक सुसाइड नोट मिला है, जिसमें आत्महत्या के कारणों का जिक्र किया गया है. हालांकि, पुलिस अभी इसकी जांच कर रही है और सुसाइड नोट में लिखी बातों का खुलासा नहीं किया गया है.