/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/1634728678748426.png/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/1634728678748426.png StreetBuzz यूपी में नौ आईपीएस अधिकारियों का तबादला lucknow
यूपी में नौ आईपीएस अधिकारियों का तबादला

लखनऊ । महाकुंभ संपन्न होने के बाद पुलिस विभाग में तबादले का दौर शुरू हो गया है। मंगलवार को यूपी में नौ आईपीएस अधिकारियों का तबादला हुआ है। आईपीएस आदित्य मिश्रा को डीजी फायर बनाया गया। वे 28 फरवरी को सेवानिवृत्त हुए अविनाश चन्द्र की जगह जिम्मेदारी संभालेंगे।

मनोज मिश्रा को एटीएस लखनऊ से हटाकर वाराणसी भेजा

पुलिस मुख्यालय के कार्मिक विभाग की ओर से तबादले की सूची जारी कर दी गई है। इसमें पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी में तैनात सयुंक्त पुलिस आयुक्त डा. के एजिलरसन को पुलिस महानिरीक्षक यूपी-112 में नई तैनाती मिली है। मनोज कुमार को पुलिस उपमहानिरीक्षक को एटीएस लखनऊ से हटाकर पुलिस उपमहानिरीक्षक पीएसी अनुभाग वाराणसी भेजा गया है। शगुन गौतम को पुलिस अधीक्षक सतर्कता अधिष्ठान लखनऊ से पुलिस अधीक्षक एपीटीसी सीतापुर बनाया है।

देव रंजन वर्मा को डीआईजी रूल्स एंड मैनुएल्स लखनऊ बनाया

राजेश कुमार सिंह को सयुंक्त पुलिस आयुक्त पुलिस कमिश्नरेट वाराणसी की जिम्मेदारी मिली है। इससे पहले वह कानपुर में तैनात थे। देव रंजन वर्मा को डीआईजी रूल्स एंड मैनुएल्स लखनऊ बनाया गया है। आशीष श्रीवास्तव को पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट कानपुर नगर से पुलिस उपायुक्त कमिश्नरेट लखनऊ भेजा गया है। इसी तरह अपर्णा गुप्ता को पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ से पुलिस मुख्यालय से सम्बद्ध किया गया है। सूरज कुमार राय को पुलिस उपायुक्त पुलिस कमिश्नरेट आगरा से सेना नायक 06वीं वाहिनी पीएसी मेरठ भेजा है।

13,500 करोड़ का एमओयू करने वाला ठेकेदार निकला ठग, ईडी ने एयरपोर्ट से दबोचा

लखनऊ । उत्तर प्रदेश के सभी 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाने का जिम्मा लेने को आगे आई कंपनी व्यूनाउ मार्केटिंग सर्विसेज लिमिटेड और व्यूनाउ इंफ्राटेक फर्जी निकली। कंपनी के प्रबंध निदेशक ने कागजों में फर्जीवाड़ा कर अफसरों की आंखों में धूल झोंक एमओयू की चाल चली। शीर्ष अधिकारियों ने कंपनी की कुंडली नहीं खंगाली। इसी एमओयू की आड़ में मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरोर ने अपनी टीम के साथ 3558 करोड़ निवेशकों से बटोर लिए। विदेश भागने से पहले ईडी ने उसे पत्नी सहित इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर गिरफ्तार कर लिया।

कंपनियों का इतिहास और हकीकत जांचने के स्पष्ट निर्देश

बता दें कि निवेश के मामले में भी सरकार ने गलतियां रोकने के लिए जीरो टॉलरेंस की नीति को लागू किया था और उसके आधार पर ही निवेश के प्रस्तावों को मंजूरी भी दी जा रही है। इसके मद्देनजर ही उच्चस्तर से वैश्विक निवेशक सम्मेलन में निवेश का समझौता करने वाली सभी कंपनियों का इतिहास और हकीकत जांचने के स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं। परीक्षण में संदिग्ध पाई जाने की स्थिति में कंपनियों द्वारा किए गए एमओयू को रोकने या रद्द करने के भी निर्देश दिए गए हैं। लेकिन डाटा सेंटर के लेकर किए गए एमओयू में अधिकारी गच्चा खा गए। 20 नवंबर 2022 को तत्कालीन मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र की मौजूदगी में व्यूनाउ के एमडी और मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह खरोर ने एमओयू किया था।

बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की तैयारी थी

13,500 करोड़ रुपये के एमओयू के तहत व्यूनाउ इंफोटेक को प्रदेश के सभी जनपदों में डाटा सेंटर स्थापित करना था। मुख्य सचिव ने कहा था कि एमओयू के बाद प्रदेश में एज सेंटर का दुनिया का सबसे बड़ा नेटवर्क स्थापित होगा। इन्हीं डाटा सेंटरों की मदद से भविष्य में 5जी नेटवर्क, ब्लॉकचेन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, बिग डाटा टेक्नोलाजी के उपयोग की तैयारी थी।

निवेशकों को एमओयू की आड़ में फंसाया

एमओयू के दौरान मास्टरमाइंड सुखविंदर सिंह ने बताया था कि उनकी कंपनी राज्य के सभी 75 जिलों में 750 डाटा सेंटर बनाएगी। राज्य सरकार के साथ इस एमओयू को उसने जमकर भुनाया। इसकी आड़ में उसने ''क्लाउड पार्टिकल घोटाला’ कर दिया। निवेशकों को फर्जी ''सेल एंड लीज-बैक'' मॉडल के जरिए फंसाया गया। इसके तहत डाटा सेंटर की स्टोरेज क्षमता को छोटे-छोटे हिस्सों में लीज पर देने का आफर दिया। दांव काम आ गया और बाजार से हजारों करोड़ रुपये निवेश के रूप में आ गए। सुखविंदर ने उस रकम से डाटा सेंटर लगाने के बजाय विदेशों में भेजा। इस संबंध में प्रवर्तन निदेशालय ने नोएडा पुलिस द्वारा दर्ज की गई एक एफआईआर के बाद अपनी जांच शुरू की।

कागजों में बढ़ा चढ़ा कर कंपनी की हैसियत दिखाई

ईडी की जांच में सामने आया कि व्यूनाउ ग्रुप के संस्थापक सुखविंदर सिंह खरूर ने क्लाउड पार्टिकल टेक्नोलॉजी के नाम पर निवेशकों से भारी रकम जुटाई। फिर इसे निवेशकों को गुमराह करने के लिए कागजों में बढ़ा चढ़ा कर कंपनी की हैसियत दिखाई। डाटा सेंटरों की अलग-अलग जिलों में लगाने की फर्जी सूचनाएं दीं और 3,558 करोड़ रुपये की रकम निवेशकों से ऐंठ ली। रविवार को सुखविंदर अपनी पत्नी डिंपर खरोर के साथ विदेश भागने की फिराक में था लेकिन इंदिरा गांधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर ईडी ने दोनों को गिरफ्तार कर लिया।

vip train लखनऊ मेल से सफर कर रहे विधायक अतुल प्रधान का बैग चोरी

लखनऊ ।रेल प्रशासन द्वारा सुरक्षा को लेकर भले ही बड़े बड़े दावे करता फिर रहा हो लेकिन जमीन स्तर पर स्थिति बिल्कुल अलग है। कहते नहीं है कि हाथी के दांत दिखाने के कुछ और खाने के लिए कुछ और है। इसी का परिणाम है कि वीआईपी ट्रेन लखनऊ मेल से सपा विधायक अतुल प्रधान का बैग चोरों ने पार कर दिया और किसी को भनक तक भी नहीं लगी है। बैग चोरी होने पर विधायक ने रेल प्रशासन पर कई गंभीर आरोप लगाते हुए चारबाग जीआरपी में तहरीर दी है।

ट्रेनों में फर्स्ट एसी में भी सफर सुरिक्षत नहीं

बता दें कि अतुल प्रधान मेरठ की सरधना विधानसभा सीट से विधायक हैं। उन्होंने बताया कि दो मार्च को लखनऊ मेल (12230) की फर्स्ट एसी बोगी एच-1 की सीट संख्या ए-4 पर यात्रा कर रहे थे। उन्हें हापुड़ से लखनऊ आना था। इस दौरान उनका काले रंग का बैग चोरी हो गया। इसमें जरूरी दस्तावेज थे। उन्होंने कहा कि स्लीपर बोगियों से चोरी की घटनाएं अक्सर सामने आती हैं, लेकिन अब तो फर्स्ट एसी में भी सफर सुरक्षित नहीं रह गया है। ऐसे में डीआरएम सचिंद्र मोहन शर्मा को मामले में हस्तक्षेप कर यात्रियों व उनके सामान की सुरक्षा की व्यवस्था पुख्ता करनी चाहिए।

जनरल ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था राम भरोसे

यह तो बात वीआईपी ट्रेनों का है। बिना वीआईपी ट्रेनों की सुरक्षा व्यवस्था तो राम भरोसे है, क्योंकि जनरल ट्रेनों पर सफर करते समय अक्सर देखा जा सकता है कि किस तरह से किन्नरों व चना, चाय, मूंगफली बेचने वाले वेंडरों का कब्जा रहा है। ऐसे में ट्रेन में सफर कर रहे यात्री अगर खुद दिन रात जागकर अपने सामानों की सुरक्षा न करें तो फिर उसे गायब होने से कोई रोक नहीं सकता। ट्रेनों में किन्नरों ने तो यात्रियों का सफर करना मुहाल कर दिया है। रेलवे प्रशासन द्वारा इन पर लगाम नहीं लग पा रहा है। इन्हीं सब लापरवाही की वजह से ट्रेनों में चोरी की घटनाएं थमने का नाम नहीं ले रही है।

ठाकुरगंज पुलिस ने पेश की मानवता की मिसाल, लावारिस बुजुर्ग का कराया अंतिम संस्कार

लखनऊ । राजधानी की ठाकुरगंज पुलिस ने मानवता की मिसाल पेश करते हुए एक अज्ञात बुजुर्ग का अंतिम संस्कार कराया। फुटपाथ पर रहने वाले 80 वर्षीय बुजुर्ग की रविवार को अचानक मौत हो गई। बुजुर्ग का कोई अंतिम संस्कार करने वाला नहीं दिखा तो स्थानीय लोगों की सूचना पर पुलिस ने पहुंचकर शव के अंतिम संस्कार करने का जिम्मा उठाया। पुलिस ने पूरे विधि विधान के साथ गुलाला घाट पर अंतिम संसकार करवाया गया। पुलिस की इस पहल का क्षेत्र वासियों ने प्रशंसा की।

फरीदीपुर मोड़ पर फुटपाथ पर अकेले रह रहा था बुजुर्ग

ठाकुरगंज थाने की पुलिस का मानवीय चेहरा देखने को मिला। फरीदीपुर में फुटपाथ पर रह रहे बुजुर्ग की रविवार को मौत हो गई। ठाकुरगंज पुलिस ने गुलाला घाट पर लावारिस शव का अंतिम संस्कार करवाया। प्रभारी निरीक्षक ठाकुरगंज श्रीकांत राय के मुताबिक रविवार को सूचना मिली कि फरीदीपुर मोड़ पर गोलू गुप्ता की दुकान के सामने फुटपाथ पर रहने वाले 80 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई है।

बुजुर्ग काफी समय से चल रहा था बीमार

वह कुछ समय से बीमार चल रहे थे। वह काफी समय से अकेले फुटपाथ पर ही रह रहे थे। सूचना पर चौकी प्रभारी भूहर शुभम त्यागी टीम के साथ मौके पर पहुंचे। आसपास के लोगों द्वारा अंतिम संस्कार करने पर असमर्थता जताने पर पुलिसकर्मियों द्वारा गुलाला घाट पर पूरे विधि विधान के साथ अंतिम संस्कार करवाया गया। इससे पहले भी ठाकुरगंज पुलिस इस तरह का कार्य कर चुकी है।

बुजुर्ग महिला को छोड़कर डेढ़ महीने से गायब बेटों को पुलिस ने बुजुर्ग मां से मिलवाया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला का अस्पताल में आंख का ऑपरेशन कराने के बाद उसके दोनों बेटे फरार हो गये। करीब डेढ़ महीने तक बुजुर्ग महिला दोनों बेटों का इंतजार करतीं रही और अंत में जब नहीं आये तो रविवार को हजरतगंज पुलिस की मदद मांगी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों बेटों को बुलवाया उनके साथ बुजुर्ग मां को घर भेजवा दिया। इतना ही नहीं दोनों बेटों को पुलिस द्वारा चेतावनी भी दी गई कि अगर ध्यान नहीं रखा गया तो खैर नहीं है।

आंख का ऑपरेशन कराने अस्पताल लेकर आये थे दोनों बेटे

बता दें कि दो मार्च को कोतवाली हजरतगंज में एक बुजुर्ग महिला ने पुलिस से मदद की आस लेकर पहुंची।जानकारी करने पर वृद्ध महिला उम्र करीब 65 वर्ष जो विगत डेढ़ महीने से सिविल अस्पताल मे लावारिस हालत में भर्ती थीं।उपरोक्त बुजुर्ग महिला ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले उनकी आँखों का इलाज कराने के लिए उनका बेटा उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करा कर चला गया था लेकिन 2 दिन इलाज होने के बाद वो ठीक भी हो गयी लेकिन तब से उन्हें कोई लेने नहीं आया न ही वो अपने घर जा पा रही थीं। क्योंकि वो अपने घर का पता नहीं जानती थीं, उन्हें कोई न रास्ता दिख पाने पर लखनऊ पुलिस की मदद को सोची और स्थानीय हज़रतगंज पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

हर पंद्रह दिन में हाल चाल बताने की दी हिदायत

थाना प्रभारी हज़रतगंज विक्रम सिंह ने महिला पुलिसकर्मियों को बुलाकर मामले में पूछताछ कर जांच पड़ताल शुरू की तो फ़ौरी सूचना पर वृद्ध महिला के दोनों पुत्रो को संपर्क कर थाने बुलाया गया। तथा उपरोक्त महिला बुजुर्ग को उनके दोनों बेटों की सुपुर्दगी में दिया गया। तथा आवश्यक हिदायत दिया गया कि वह अपनी माता जी की देख रेख करते हुए प्रत्येक 15 दिवस में कुशलता के सम्बन्ध में थाना स्थानीय को अवगत करायेंगे । बुजुर्ग महिला उपरोक्त को उनके पुत्रों के साथ सकुशल रवाना किया गया। बुजुर्ग महिला बेटों से मिलने के बाद पुलिस को खूब आशीर्वाद दी।

जबड़े की चोट में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोप बचा सकता है जान : डॉ प्रेमराज सिंह

राम आशीष गोस्वामी

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग ने एयरवे मैनेजमेंट फाउंडेशन के सहयोग से एएमएफ एयरवे कार्यशाला 2025 का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने आपातकालीन स्थितियों में सांस का प्रबंधन करने की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की।

सांस का मार्ग (एयरवे) जीवन रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि दुर्घटनाओं और जटिल चिकित्सा स्थितियों में उचित एयरवे प्रबंधन से रोगियों की जान बचाई जा सकती है। विशेष रूप से जबड़े की चोट वाले मरीजों में पारंपरिक नली डालने की प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है। ऐसे मामलों में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी एक प्रभावी समाधान साबित हो सकता है, जिसमें नाक के माध्यम से एक पतली नली डाली जाती है और कैमरे की सहायता से मॉनिटर पर पूरा मार्ग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

विशेषज्ञों ने बताया कि वीडियो लैरिंगोस्कोप की मदद से एयरवे को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिससे तरल पदार्थ, रक्त के थक्के या अन्य रुकावटों को आसानी से हटाया जा सकता है। वहीं, हाई प्रेशर जेट वेंटिलेशन तकनीक गंभीर रोगियों के मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी से होने वाले नुकसान से बचाने में मददगार होती है।

- एयरवे मैनेजमेंट में आने वाली चुनौतियाँ

नली डालने की प्रक्रिया के दौरान रक्तस्राव, दांतों के टूटने जैसी जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ स्थितियों में नली निकालना भी जोखिम भरा हो सकता है, जैसे: अत्यधिक मोटे मरीज, छोटी गर्दन वाले लोग, छोटे बच्चे और कैंसर रोगी या जिनकी गर्दन की सर्जरी हो चुकी हो। इन परिस्थितियों में नली से निकला पदार्थ सांस नली में प्रवेश कर सकता है, जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं।

- कार्यशाला में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की भागीदारी

कार्यशाला का उद्घाटन केजीएमयू की कुलपति सोनिया नित्यानंद ने किया। इस अवसर पर डीन-अकादमिक्स प्रो. अमिता जैन, एएमएफ़ के निदेशक डॉ. राकेश कुमार, एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डॉ. मोनिका कोहली, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. पी. के. दास, प्रो. ममता हरजाई, आयोजन सचिव डॉ. प्रेमराज सिंह और कई प्रतिष्ठित डॉक्टर एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. राकेश कुमार ने किया, जिनके साथ एम्स पीजीआई चंडीगढ़, बीएचयू , दिल्ली, जम्मू और देहरादून के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। प्रमुख प्रशिक्षकों में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शक्ति दत्त शर्मा, डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. रेनू वाखलू, डॉ. रंजू सिंह, डॉ. नीरू गुप्ता कुमार, डॉ. भावना सक्सेना, डॉ. वीणा अस्थाना, डॉ. कविता मीना और डॉ. रीना शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों का सुलभ और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।

अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा: मायावती

लखनऊ । बसपा सुप्रीमाे मायावती ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन के बाद उनका यह दूसरा बड़ा फैसला है। साथ ही कहा कि मेरे जीते जी व मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा।

मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं

वहीं आकाश के भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दी। दोनों को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर मायावती ने कहा कि अब मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। आनन्द कुमार को, जो पार्टी में पिछले काफी वर्षों से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है जो यह मेरी गैर-हाजिरी में व मेरे दिशा-निर्देशन में पार्टी का पूरा पेपर-वर्क व खासकर पार्टी का इनकम टैक्स एवं कोर्ट-कचेहरी आदि से सम्बन्धित तथा पूरे देश में चुनाव के दौरान मेरे चुनावी दौरे आदि का भी पूरा प्रबन्ध का कार्य देखते रहें हैं।

इनको पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर भी बना दिया गया

जिसने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर बी.एस.पी. के संस्थापक एवं जन्मदाता कांशीराम के गम्भीर बीमार होने पर व उस दौरान् मेरे बाहर दौरे के समय में भी यह मेरी गैर-हाजिरी में इनकी पूरी देखभाल करते रहें हैं तथा फिर यह मेरे साथ रहने भी लगे थे, अब यह दिल्ली में पार्टी का सभी जरूरी कार्य देखने के साथ-साथ पूरे देश में, पार्टी के लोगों से अपना पूरा सम्पर्क भी बनाकर रखते है जिसकी पूरी जानकारी समय-समय पर यह मुझे देते देते हैं। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब इनको पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना रहने के साथ-साथ पार्टी में इनको पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर भी बना दिया गया है।

मूवमेन्ट के हित में पार्टी के दो नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिये

इस प्रकार से अब वर्तमान मे बदले हुये हालातों में पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी के दो नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिये गये है। अर्थात् आनन्द कुमार व रामजी गौतम को, यानि की इन दोनों को आज से पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिया है। इन दोनों में से श्री आनन्द कुमार का प्रमुख कार्य यह होगा कि वह दिल्ली में ही ज्यादातर रहकर पार्टी का पूरा पेपर-वर्क व अन्य जरूरी कार्यों को देखने के साथ-साथ पार्टी के लोगों से पूरे देश में अपना सम्पर्क भी बनाकर रखेंगे और उनसे दिल्ली में मिलने के लिए अपना पूरा समय भी देंगे।

हर स्टेट में जाकर पार्टी की प्रगृति रिपोर्ट लेंगे

नेशनल कोओर्डिनेटर रामजी गौतम यह पूरे देश में हर स्टेट में जाकर पार्टी की प्रगृति रिपोर्ट लेंगे और साथ ही पार्टी के जनाधार को भी बढ़ाने के लिए मेरे द्वारा समय-समय पर दिये गये जरूरी दिशा-निर्देशों को लागू करवायेंगे तथा जहाँ-जहाँ चुनाव नजदीक होंगे, तो वहाँ यह अपना ज्यादा समय देंगे। अर्थात् इनका ज्यादातर कार्य फील्ड का ही होगा।इसके अलावा आनन्द कुमार के बारे में यहाँ मैं यह भी अवगत कराना चाहती हूँ कि वर्तमान में बदले हुये हालात में, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब इन्होंने अपने बच्चो का रिश्ता भी गैर-राजनैतिक परिवार के साथ ही जोड़ने का फैसला लिया है ताकि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे कभी भी अपनी पार्टी को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान आदि ना हो सके।

मायावती के इस निर्णय का सभी ने दिल से किया स्वागत

इतना ही नहीं बल्कि अब मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी व मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। इसके साथ-साथ पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने अपनी उस बात को आज फिर से दोहराया है कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्तेनाते आदि सभी बाद में हैं। इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने पार्टी के लोगों को यह भी विश्वास दिलाया है कि जब तक मैं जिन्दा रहूँगी तो तब तक मैं अपने आखिरी सांस तक भी अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी को आगे बढ़ाने का हर सम्भव पूरा-पूरा पूरा-पूरा प्र प्रयास करती रहूँगी।

सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू

बी.एस.पी. प्रमुख मायावती द्वारा बैठक में समीक्षा के दौरान उल्लेखित कमिय कमियों को दूर करके आगे के पार्टी कार्यक्रमों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए। साथ ही, अभी हाल ही में यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बी.एस.पी. द्वारा कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बावजूद भी समाजवादी पार्टी की हुई जबरदस्त हार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब इसके लिए सपा किसको ज़िम्मेदार ठहराएगी क्योंकि पिछले उपचनाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बीएसपी को जिम्मेदार ठहराने का मिथ्या प्रचार किया था। जबकि कुल मिलाकर, सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और भाजपा व अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अम्बेडकरवादी नीति व सिद्धान्त वाली बी.एस.पी. ही पराजित कर सकती है, यह बात पूरे देश के सर्वसमाज के लोगों को जरूर समझना चाहिये। इन्हीं जरूरी बातों के साथ ही फिर बैठक का समापन कर दिया गया।

15 मार्च तक पूरे हों भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण : सीएम योगी

- अधिकारीयों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, विकास कार्यों में देरी बर्दाश्त नहीं

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की लंबित कार्रवाई 15 मार्च तक पूरी की जाए। उन्होंने प्रशासन को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया और कहा कि परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश :

- नियमित समीक्षा:

जिलाधिकारी हर सप्ताह, जबकि मंडलायुक्त हर 15 दिन में विकास कार्यों की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और संबंधित विभागों को भेजें।

- किसानों से संवाद:

प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित किसानों और परिवारों से नियमित संवाद करें और उन्हें मुआवजे से संबंधित सभी जानकारियां पहले से उपलब्ध कराएं।

- समयबद्धता और गुणवत्ता:

सभी परियोजनाओं में कार्य की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।

- विकास कार्यों में बाधा डालने वालों पर सख्ती:

विकास परियोजनाओं में अवरोध उत्पन्न करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

- प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स:

ग्रेटर नोएडा में ईएसआईसी द्वारा 350 बेड और गोरखपुर में 100 बेड के अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए, जिससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सके।

- वाराणसी के विकास कार्यों पर जोर:

मुख्यमंत्री ने वाराणसी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि उन्हें तय समयसीमा में पूरा किया जाए।

‘जीरो पेंडेंसी’ पर काम करे प्रशासन

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास और रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए ‘जीरो पेंडेंसी’ की अवधारणा पर काम किया जाए, जिससे परियोजनाओं में अनावश्यक देरी न हो और प्रदेश के विकास को नई गति मिले।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

ओवैसी के बयान पर भाजपा का पलटवार कहा, कौम को संकीर्ण सोच में जकड़े रखना चाहते हैं

लखनऊ। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के हालिया बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ओवैसी पर समाज को संकीर्ण मानसिकता में बांधने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कौम को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना चाहते हैं, ताकि वे प्रगति न कर सकें।

उन्होंने कहा, "योगी आदित्यनाथ किसी भाषा के विरोधी नहीं हैं, लेकिन समाज को अगर आगे बढ़ना है, तो केवल एक ही भाषा पढ़ने से विकास संभव नहीं।" उन्होंने आगे कहा कि ओवैसी चाहते हैं कि समाज केवल पारंपरिक शिक्षा तक सीमित रहे, जिससे युवा आगे बढ़ने के बजाय पिछड़ेपन में जकड़े रहें।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि "आज के दौर में समाज को आगे बढ़ाने के लिए 'एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर' की सोच को अपनाना जरूरी है।" इसके लिए जरूरी है कि नई पीढ़ी सभी भाषाओं और विषयों की शिक्षा प्राप्त करे, ताकि वह आधुनिक समाज में प्रतिस्पर्धा कर सके और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके।

भाजपा प्रवक्ता ने ओवैसी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह आधुनिकता के विरोधी हैं और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा, "ओवैसी नहीं चाहते कि मुस्लिम समाज के लोग वैज्ञानिक सोच विकसित करें और मुख्यधारा में शामिल हों, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक जमीन खिसक जाएगी।"

भाजपा ने आरोप लगाया कि ओवैसी हर मुद्दे पर मुस्लिम समाज को भड़काने और राजनीति करने का प्रयास करते हैं। भाजपा का कहना है कि ओवैसी के बयान विकास के खिलाफ हैं और मुस्लिम युवाओं को आगे बढ़ने से रोकने का एक षड्यंत्र हैं।

भाजपा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी विकास की राजनीति में विश्वास रखती है, जबकि ओवैसी कट्टरता की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे आधुनिक शिक्षा और विकास के मार्ग को अपनाएं, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

सिविल अस्पताल में अव्यवस्था चरम पर: मरीजों की परेशानियां बढ़ीं, संक्रमण का खतरा भी

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार लग चुका है। अस्पताल के लगभग सभी वार्डों में भर्ती मरीजों के बेड के नीचे डस्टबिन न होने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर गंभीर रोगियों के लिए यह समस्या और भी विकराल हो गई है। यदि उन्हें थूकना या कोई कचरा फेंकना हो, तो उन्हें बेड से उठकर वार्ड से बाहर जाना पड़ता है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है।

अस्पताल में सफाई और स्वच्छता की अनदेखी से संक्रमण का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। बेड के नीचे डस्टबिन न होने के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को कचरा फेंकने की सही जगह नहीं मिल रही, जिससे अस्पताल परिसर में गंदगी फैल रही है। यह स्थिति मरीजों की सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम दिख रहा है।

- पहले थी व्यवस्था, अब क्यों नहीं?

गौरतलब है कि पहले सिविल अस्पताल में हर बेड के नीचे डस्टबिन की सुविधा उपलब्ध थी, जिससे मरीजों को कोई परेशानी नहीं होती थी और अस्पताल स्वच्छ बना रहता था। लेकिन अब यह सुविधा हटा दी गई है, जिससे न केवल अस्पताल का वातावरण दूषित हो रहा है बल्कि मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

- प्रशासन कब करेगा समाधान?

इस अहम समस्या पर अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मरीजों और उनके परिजनों की लगातार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है, जिससे अस्पताल आने वाले हर मरीज और स्टाफ की सेहत प्रभावित होगी।