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बुजुर्ग महिला को छोड़कर डेढ़ महीने से गायब बेटों को पुलिस ने बुजुर्ग मां से मिलवाया

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में एक बुजुर्ग महिला का अस्पताल में आंख का ऑपरेशन कराने के बाद उसके दोनों बेटे फरार हो गये। करीब डेढ़ महीने तक बुजुर्ग महिला दोनों बेटों का इंतजार करतीं रही और अंत में जब नहीं आये तो रविवार को हजरतगंज पुलिस की मदद मांगी। पुलिस ने मामले को गंभीरता से लेते हुए दोनों बेटों को बुलवाया उनके साथ बुजुर्ग मां को घर भेजवा दिया। इतना ही नहीं दोनों बेटों को पुलिस द्वारा चेतावनी भी दी गई कि अगर ध्यान नहीं रखा गया तो खैर नहीं है।

आंख का ऑपरेशन कराने अस्पताल लेकर आये थे दोनों बेटे

बता दें कि दो मार्च को कोतवाली हजरतगंज में एक बुजुर्ग महिला ने पुलिस से मदद की आस लेकर पहुंची।जानकारी करने पर वृद्ध महिला उम्र करीब 65 वर्ष जो विगत डेढ़ महीने से सिविल अस्पताल मे लावारिस हालत में भर्ती थीं।उपरोक्त बुजुर्ग महिला ने बताया कि करीब डेढ़ महीने पहले उनकी आँखों का इलाज कराने के लिए उनका बेटा उन्हें सिविल अस्पताल में भर्ती करा कर चला गया था लेकिन 2 दिन इलाज होने के बाद वो ठीक भी हो गयी लेकिन तब से उन्हें कोई लेने नहीं आया न ही वो अपने घर जा पा रही थीं। क्योंकि वो अपने घर का पता नहीं जानती थीं, उन्हें कोई न रास्ता दिख पाने पर लखनऊ पुलिस की मदद को सोची और स्थानीय हज़रतगंज पुलिस से मदद की गुहार लगाई।

हर पंद्रह दिन में हाल चाल बताने की दी हिदायत

थाना प्रभारी हज़रतगंज विक्रम सिंह ने महिला पुलिसकर्मियों को बुलाकर मामले में पूछताछ कर जांच पड़ताल शुरू की तो फ़ौरी सूचना पर वृद्ध महिला के दोनों पुत्रो को संपर्क कर थाने बुलाया गया। तथा उपरोक्त महिला बुजुर्ग को उनके दोनों बेटों की सुपुर्दगी में दिया गया। तथा आवश्यक हिदायत दिया गया कि वह अपनी माता जी की देख रेख करते हुए प्रत्येक 15 दिवस में कुशलता के सम्बन्ध में थाना स्थानीय को अवगत करायेंगे । बुजुर्ग महिला उपरोक्त को उनके पुत्रों के साथ सकुशल रवाना किया गया। बुजुर्ग महिला बेटों से मिलने के बाद पुलिस को खूब आशीर्वाद दी।

जबड़े की चोट में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोप बचा सकता है जान : डॉ प्रेमराज सिंह

राम आशीष गोस्वामी

लखनऊ। किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी लखनऊ के एनेस्थीसिया और क्रिटिकल केयर विभाग ने एयरवे मैनेजमेंट फाउंडेशन के सहयोग से एएमएफ एयरवे कार्यशाला 2025 का आयोजन किया। इस कार्यशाला में विशेषज्ञों ने आपातकालीन स्थितियों में सांस का प्रबंधन करने की नवीनतम तकनीकों पर चर्चा की।

सांस का मार्ग (एयरवे) जीवन रक्षा के लिए सबसे महत्वपूर्ण होता है। कार्यशाला में विशेषज्ञों ने बताया कि दुर्घटनाओं और जटिल चिकित्सा स्थितियों में उचित एयरवे प्रबंधन से रोगियों की जान बचाई जा सकती है। विशेष रूप से जबड़े की चोट वाले मरीजों में पारंपरिक नली डालने की प्रक्रिया मुश्किल हो सकती है। ऐसे मामलों में फाइबर ऑप्टिक ब्रोंकोस्कोपी एक प्रभावी समाधान साबित हो सकता है, जिसमें नाक के माध्यम से एक पतली नली डाली जाती है और कैमरे की सहायता से मॉनिटर पर पूरा मार्ग स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है।

विशेषज्ञों ने बताया कि वीडियो लैरिंगोस्कोप की मदद से एयरवे को अधिक स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है, जिससे तरल पदार्थ, रक्त के थक्के या अन्य रुकावटों को आसानी से हटाया जा सकता है। वहीं, हाई प्रेशर जेट वेंटिलेशन तकनीक गंभीर रोगियों के मस्तिष्क को ऑक्सीजन की कमी से होने वाले नुकसान से बचाने में मददगार होती है।

- एयरवे मैनेजमेंट में आने वाली चुनौतियाँ

नली डालने की प्रक्रिया के दौरान रक्तस्राव, दांतों के टूटने जैसी जटिलताएँ उत्पन्न हो सकती हैं। विशेषज्ञों ने बताया कि कुछ स्थितियों में नली निकालना भी जोखिम भरा हो सकता है, जैसे: अत्यधिक मोटे मरीज, छोटी गर्दन वाले लोग, छोटे बच्चे और कैंसर रोगी या जिनकी गर्दन की सर्जरी हो चुकी हो। इन परिस्थितियों में नली से निकला पदार्थ सांस नली में प्रवेश कर सकता है, जिससे घातक परिणाम हो सकते हैं।

- कार्यशाला में प्रतिष्ठित विशेषज्ञों की भागीदारी

कार्यशाला का उद्घाटन केजीएमयू की कुलपति सोनिया नित्यानंद ने किया। इस अवसर पर डीन-अकादमिक्स प्रो. अमिता जैन, एएमएफ़ के निदेशक डॉ. राकेश कुमार, एनेस्थीसिया विभाग की प्रमुख डॉ. मोनिका कोहली, राम मनोहर लोहिया संस्थान लखनऊ के एनेस्थीसिया विभागाध्यक्ष डॉ. पी. के. दास, प्रो. ममता हरजाई, आयोजन सचिव डॉ. प्रेमराज सिंह और कई प्रतिष्ठित डॉक्टर एवं विशेषज्ञ उपस्थित रहे।

कार्यशाला का नेतृत्व डॉ. राकेश कुमार ने किया, जिनके साथ एम्स पीजीआई चंडीगढ़, बीएचयू , दिल्ली, जम्मू और देहरादून के विशेषज्ञों ने प्रतिभागियों को प्रशिक्षित किया। प्रमुख प्रशिक्षकों में डॉ. सुनील कुमार, डॉ. शक्ति दत्त शर्मा, डॉ. अनिल मिश्रा, डॉ. रेनू वाखलू, डॉ. रंजू सिंह, डॉ. नीरू गुप्ता कुमार, डॉ. भावना सक्सेना, डॉ. वीणा अस्थाना, डॉ. कविता मीना और डॉ. रीना शामिल रहे। इन विशेषज्ञों ने आधुनिक तकनीकों का सुलभ और व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया।

अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा: मायावती

लखनऊ । बसपा सुप्रीमाे मायावती ने रविवार को बड़ा फैसला लेते हुए भतीजे आकाश आनंद को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया। आकाश के ससुर अशोक सिद्धार्थ के निष्कासन के बाद उनका यह दूसरा बड़ा फैसला है। साथ ही कहा कि मेरे जीते जी व मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा।

मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं

वहीं आकाश के भाई आनंद कुमार और रामजी गौतम को बड़ी जिम्मेदारी दी। दोनों को नेशनल कोआर्डिनेटर बनाया गया है। इस मौके पर मायावती ने कहा कि अब मेरे जिंदा रहने तक कोई उत्तराधिकारी नहीं होगा। पार्टी और मूवमेंट के हित में रिश्ते नातों का कोई महत्व नहीं है। आनन्द कुमार को, जो पार्टी में पिछले काफी वर्षों से पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष भी है जो यह मेरी गैर-हाजिरी में व मेरे दिशा-निर्देशन में पार्टी का पूरा पेपर-वर्क व खासकर पार्टी का इनकम टैक्स एवं कोर्ट-कचेहरी आदि से सम्बन्धित तथा पूरे देश में चुनाव के दौरान मेरे चुनावी दौरे आदि का भी पूरा प्रबन्ध का कार्य देखते रहें हैं।

इनको पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर भी बना दिया गया

जिसने अपनी सरकारी नौकरी छोड़कर बी.एस.पी. के संस्थापक एवं जन्मदाता कांशीराम के गम्भीर बीमार होने पर व उस दौरान् मेरे बाहर दौरे के समय में भी यह मेरी गैर-हाजिरी में इनकी पूरी देखभाल करते रहें हैं तथा फिर यह मेरे साथ रहने भी लगे थे, अब यह दिल्ली में पार्टी का सभी जरूरी कार्य देखने के साथ-साथ पूरे देश में, पार्टी के लोगों से अपना पूरा सम्पर्क भी बनाकर रखते है जिसकी पूरी जानकारी समय-समय पर यह मुझे देते देते हैं। इसलिए वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखकर अब इनको पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष बना रहने के साथ-साथ पार्टी में इनको पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर भी बना दिया गया है।

मूवमेन्ट के हित में पार्टी के दो नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिये

इस प्रकार से अब वर्तमान मे बदले हुये हालातों में पार्टी व मूवमेन्ट के हित में पार्टी के दो नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिये गये है। अर्थात् आनन्द कुमार व रामजी गौतम को, यानि की इन दोनों को आज से पार्टी का नेशनल कोओर्डिनेटर बना दिया है। इन दोनों में से श्री आनन्द कुमार का प्रमुख कार्य यह होगा कि वह दिल्ली में ही ज्यादातर रहकर पार्टी का पूरा पेपर-वर्क व अन्य जरूरी कार्यों को देखने के साथ-साथ पार्टी के लोगों से पूरे देश में अपना सम्पर्क भी बनाकर रखेंगे और उनसे दिल्ली में मिलने के लिए अपना पूरा समय भी देंगे।

हर स्टेट में जाकर पार्टी की प्रगृति रिपोर्ट लेंगे

नेशनल कोओर्डिनेटर रामजी गौतम यह पूरे देश में हर स्टेट में जाकर पार्टी की प्रगृति रिपोर्ट लेंगे और साथ ही पार्टी के जनाधार को भी बढ़ाने के लिए मेरे द्वारा समय-समय पर दिये गये जरूरी दिशा-निर्देशों को लागू करवायेंगे तथा जहाँ-जहाँ चुनाव नजदीक होंगे, तो वहाँ यह अपना ज्यादा समय देंगे। अर्थात् इनका ज्यादातर कार्य फील्ड का ही होगा।इसके अलावा आनन्द कुमार के बारे में यहाँ मैं यह भी अवगत कराना चाहती हूँ कि वर्तमान में बदले हुये हालात में, पार्टी व मूवमेन्ट के हित में अब इन्होंने अपने बच्चो का रिश्ता भी गैर-राजनैतिक परिवार के साथ ही जोड़ने का फैसला लिया है ताकि अशोक सिद्धार्थ की तरह अब आगे कभी भी अपनी पार्टी को किसी भी प्रकार से कोई नुकसान आदि ना हो सके।

मायावती के इस निर्णय का सभी ने दिल से किया स्वागत

इतना ही नहीं बल्कि अब मैंने खुद भी यह फैसला लिया है कि मेरे जीते जी व मेरे आखिरी सांस तक भी अब पार्टी में मेरा कोई भी उत्तराधिकारी नहीं होगा। जिस फैसले का पार्टी के लोगों ने दिल से स्वागत किया। इसके साथ-साथ पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष बहन कुमारी मायावती जी ने अपनी उस बात को आज फिर से दोहराया है कि मेरे लिए पार्टी व मूवमेन्ट पहले है। भाई-बहन व उनके बच्चे तथा अन्य रिश्तेनाते आदि सभी बाद में हैं। इसी परिपेक्ष्य में उन्होंने पार्टी के लोगों को यह भी विश्वास दिलाया है कि जब तक मैं जिन्दा रहूँगी तो तब तक मैं अपने आखिरी सांस तक भी अपनी पूरी ईमानदारी व निष्ठा से पार्टी को आगे बढ़ाने का हर सम्भव पूरा-पूरा पूरा-पूरा प्र प्रयास करती रहूँगी।

सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू

बी.एस.पी. प्रमुख मायावती द्वारा बैठक में समीक्षा के दौरान उल्लेखित कमिय कमियों को दूर करके आगे के पार्टी कार्यक्रमों के लिए जरूरी दिशा-निर्देश भी दिए गए। साथ ही, अभी हाल ही में यूपी के मिल्कीपुर विधानसभा उपचुनाव में बी.एस.पी. द्वारा कोई भी उपचुनाव नहीं लड़ने के फैसले के बावजूद भी समाजवादी पार्टी की हुई जबरदस्त हार का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि अब इसके लिए सपा किसको ज़िम्मेदार ठहराएगी क्योंकि पिछले उपचनाव में पार्टी की हार के लिए सपा ने बीएसपी को जिम्मेदार ठहराने का मिथ्या प्रचार किया था। जबकि कुल मिलाकर, सपा और भाजपा एक ही सिक्के के दो पहलू हैं और भाजपा व अन्य जातिवादी पार्टियों को केवल अम्बेडकरवादी नीति व सिद्धान्त वाली बी.एस.पी. ही पराजित कर सकती है, यह बात पूरे देश के सर्वसमाज के लोगों को जरूर समझना चाहिये। इन्हीं जरूरी बातों के साथ ही फिर बैठक का समापन कर दिया गया।

15 मार्च तक पूरे हों भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण : सीएम योगी

- अधिकारीयों के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा, विकास कार्यों में देरी बर्दाश्त नहीं

लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शनिवार को केंद्र और राज्य सरकार की विकास परियोजनाओं की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए कि भूमि अधिग्रहण और मुआवजा वितरण की लंबित कार्रवाई 15 मार्च तक पूरी की जाए। उन्होंने प्रशासन को समयबद्ध और गुणवत्तापूर्ण कार्य सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति का निर्देश दिया और कहा कि परियोजनाओं में किसी भी तरह की देरी बर्दाश्त नहीं की जाएगी, क्योंकि इससे राजस्व पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है।

मुख्यमंत्री ने दिए सख्त निर्देश :

- नियमित समीक्षा:

जिलाधिकारी हर सप्ताह, जबकि मंडलायुक्त हर 15 दिन में विकास कार्यों की समीक्षा करें और इसकी रिपोर्ट मुख्यमंत्री कार्यालय, मुख्य सचिव कार्यालय और संबंधित विभागों को भेजें।

- किसानों से संवाद:

प्रशासनिक अधिकारी प्रभावित किसानों और परिवारों से नियमित संवाद करें और उन्हें मुआवजे से संबंधित सभी जानकारियां पहले से उपलब्ध कराएं।

- समयबद्धता और गुणवत्ता:

सभी परियोजनाओं में कार्य की गति और गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए नोडल अधिकारियों की नियुक्ति की जाए।

- विकास कार्यों में बाधा डालने वालों पर सख्ती:

विकास परियोजनाओं में अवरोध उत्पन्न करने वाले लोगों की पहचान कर उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।

- प्राथमिकता वाले प्रोजेक्ट्स:

ग्रेटर नोएडा में ईएसआईसी द्वारा 350 बेड और गोरखपुर में 100 बेड के अस्पताल निर्माण की प्रक्रिया को तेजी से आगे बढ़ाया जाए, जिससे हजारों लोगों को प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से रोजगार मिल सके।

- वाराणसी के विकास कार्यों पर जोर:

मुख्यमंत्री ने वाराणसी से जुड़ी कई महत्वपूर्ण परियोजनाओं की प्रगति की समीक्षा की और निर्देश दिया कि उन्हें तय समयसीमा में पूरा किया जाए।

‘जीरो पेंडेंसी’ पर काम करे प्रशासन

मुख्यमंत्री ने स्पष्ट किया कि विकास और रोजगार सृजन सरकार की प्राथमिकता है। इसलिए ‘जीरो पेंडेंसी’ की अवधारणा पर काम किया जाए, जिससे परियोजनाओं में अनावश्यक देरी न हो और प्रदेश के विकास को नई गति मिले।

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को चेताया कि यदि किसी भी स्तर पर लापरवाही पाई गई, तो जिम्मेदार अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई होगी।

ओवैसी के बयान पर भाजपा का पलटवार कहा, कौम को संकीर्ण सोच में जकड़े रखना चाहते हैं

लखनऊ। एआईएमआईएम प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी के हालिया बयान पर भारतीय जनता पार्टी ने तीखा हमला बोला है। भाजपा प्रवक्ता राकेश त्रिपाठी ने ओवैसी पर समाज को संकीर्ण मानसिकता में बांधने का आरोप लगाते हुए कहा कि वह कौम को आधुनिक शिक्षा से दूर रखना चाहते हैं, ताकि वे प्रगति न कर सकें।

उन्होंने कहा, "योगी आदित्यनाथ किसी भाषा के विरोधी नहीं हैं, लेकिन समाज को अगर आगे बढ़ना है, तो केवल एक ही भाषा पढ़ने से विकास संभव नहीं।" उन्होंने आगे कहा कि ओवैसी चाहते हैं कि समाज केवल पारंपरिक शिक्षा तक सीमित रहे, जिससे युवा आगे बढ़ने के बजाय पिछड़ेपन में जकड़े रहें।

भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि "आज के दौर में समाज को आगे बढ़ाने के लिए 'एक हाथ में कुरान और एक हाथ में कंप्यूटर' की सोच को अपनाना जरूरी है।" इसके लिए जरूरी है कि नई पीढ़ी सभी भाषाओं और विषयों की शिक्षा प्राप्त करे, ताकि वह आधुनिक समाज में प्रतिस्पर्धा कर सके और विकास की मुख्यधारा में शामिल हो सके।

भाजपा प्रवक्ता ने ओवैसी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि वह आधुनिकता के विरोधी हैं और युवाओं को कट्टरपंथ की ओर धकेलने की कोशिश कर रहे हैं। त्रिपाठी ने कहा, "ओवैसी नहीं चाहते कि मुस्लिम समाज के लोग वैज्ञानिक सोच विकसित करें और मुख्यधारा में शामिल हों, क्योंकि इससे उनकी राजनीतिक जमीन खिसक जाएगी।"

भाजपा ने आरोप लगाया कि ओवैसी हर मुद्दे पर मुस्लिम समाज को भड़काने और राजनीति करने का प्रयास करते हैं। भाजपा का कहना है कि ओवैसी के बयान विकास के खिलाफ हैं और मुस्लिम युवाओं को आगे बढ़ने से रोकने का एक षड्यंत्र हैं।

भाजपा ने स्पष्ट किया कि उनकी पार्टी विकास की राजनीति में विश्वास रखती है, जबकि ओवैसी कट्टरता की राजनीति कर रहे हैं। भाजपा ने मुस्लिम समाज से अपील की कि वे आधुनिक शिक्षा और विकास के मार्ग को अपनाएं, ताकि वे भी समाज की मुख्यधारा में शामिल हो सकें।

सिविल अस्पताल में अव्यवस्था चरम पर: मरीजों की परेशानियां बढ़ीं, संक्रमण का खतरा भी

लखनऊ। राजधानी लखनऊ के सिविल अस्पताल में अव्यवस्थाओं का अंबार लग चुका है। अस्पताल के लगभग सभी वार्डों में भर्ती मरीजों के बेड के नीचे डस्टबिन न होने से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। खासतौर पर गंभीर रोगियों के लिए यह समस्या और भी विकराल हो गई है। यदि उन्हें थूकना या कोई कचरा फेंकना हो, तो उन्हें बेड से उठकर वार्ड से बाहर जाना पड़ता है, जिससे उनकी परेशानी और बढ़ जाती है।

अस्पताल में सफाई और स्वच्छता की अनदेखी से संक्रमण का खतरा भी तेजी से बढ़ रहा है। बेड के नीचे डस्टबिन न होने के कारण मरीजों और उनके तीमारदारों को कचरा फेंकने की सही जगह नहीं मिल रही, जिससे अस्पताल परिसर में गंदगी फैल रही है। यह स्थिति मरीजों की सेहत के लिए एक गंभीर खतरा बनती जा रही है, लेकिन प्रशासन इस पर कोई ठोस कदम उठाने में नाकाम दिख रहा है।

- पहले थी व्यवस्था, अब क्यों नहीं?

गौरतलब है कि पहले सिविल अस्पताल में हर बेड के नीचे डस्टबिन की सुविधा उपलब्ध थी, जिससे मरीजों को कोई परेशानी नहीं होती थी और अस्पताल स्वच्छ बना रहता था। लेकिन अब यह सुविधा हटा दी गई है, जिससे न केवल अस्पताल का वातावरण दूषित हो रहा है बल्कि मरीजों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं।

- प्रशासन कब करेगा समाधान?

इस अहम समस्या पर अस्पताल प्रशासन ने अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाया है। मरीजों और उनके परिजनों की लगातार शिकायतों के बावजूद अधिकारियों की चुप्पी कई सवाल खड़े करती है। यदि जल्द ही इस समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो संक्रमण का खतरा और बढ़ सकता है, जिससे अस्पताल आने वाले हर मरीज और स्टाफ की सेहत प्रभावित होगी।

लॉरेंस बिश्नोई गैंग का शूटर जीतू एसटीएफ की मुठभेड़ में ढेर

लखनऊ । यूपी एसटीएफ की नोएडा यूनिट की बदमाशों के साथ थाना मुंडाली मेरठ क्षेत्र में मुठभेड़ हुई है। जिसमे एक बदमाश गंभीर रूप से घायल हुआ है जिसको उपचार के लिए अस्पताल भेजा गया है । घायल बदमाश की पहचान जीतू उर्फ जितेन्द्र निवासी आसौंदा सिवान थाना आसौंदा जिला झज्झर हरियाणा के रूप में हुई है। जिस पर गाजियाबाद से थाना टीला मोड़ के 2023 के हत्या के केस में वांछित होने पर एक लाख का ईनाम घोषित हो रखा था ।

जेल में रहने के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया था

एसटीएफ प्रमुख अमिताभ यश ने बताया कि जितेंद्र ने 2016 में झज्झर में एक डबल मर्डर कर रखा था । जिसमे उसको आजीवन कारावास हो गया था । इसी मुकदमे में 2023 में पैरोल पर आया था पर पैरोल जम्प करके फरार हो गया और सुपारी लेकर थाना तिलामोड़ ग़ाज़ियाबाद में कई गोली मारकर हत्या कर दी थी जिसमे 2023 से फरार चल रहा था । जेल में रहने के दौरान लॉरेंस बिश्नोई गैंग के संपर्क में आ गया और फरारी के बाद गैंग के सदस्यों के साथ काम करने लगा था।

अंधरे का फायदा उठाकर जीतू के अन्य साथी फरार

अमिताभ यश ने बताया कि बुधवार की तड़के सुबह एसटीएफ की जवाबी फायरिंग में जीतू को गोली लग गई। जिसकी वजह से वह जमीन पर गिर गया, जबकि उसके अन्य साथी अंधेरे का फायदा उठाते हुए भाग निकले। एसटीएफ की टीम ने घायल जीतू को नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई। जीतू पर कुल आठ मुकदमे दर्ज है।

आपराधिक इतिहास

1- केस नम्बर 333/16 us 379 A IPC , 25 Arms Act थाना सदर , बहादुर गढ़ झज्झर हरियाणा ( दिनाक 29-8-18 को पाँच साल की सजा कोर्ट से हुई )

2- केस नम्बर 609/16 us 398/401 ipc 25 Arms Act थाना सदर बहादुरगढ़ झज्झर हरियाणा

3- केस नम्बर 376/16 us 449/302/120B IPC 25 Arms Act थाना सदर बहादुरगढ़, झज्झर ( दिनाक 3-2-18 को कोर्ट से आजीवन सजा हुई )

4- केस नम्बर 341/16 us 392/ 397/342/379 IPC 25 Arms Act थाना सदर , बहादुरगढ़ झज्झर हरियाणा ( दिनांक 29-8-18 को कोर्ट से दस वर्ष की सजा हुई )

5- केस नम्बर 697/16 us 394/34 IPC , 25 Arms Act थाना सदर झज्झर

6- केस नम्बर 293/16 us 392/34 IPC थाना कंझवाला दिल्ली ( वांछित)

7- केस नम्बर 394/16 us 382/24/411 IPC थाना विकासपुरी दिल्ली

8- केस नम्बर 611/23 us 147/148/149/302/34 IPC,थाना तिलामोड़ गाजियाबाद

पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें: पूर्व डीजीपी

लखनऊ । डीजीपी प्रशान्त कुमार के निर्देश पर एक अभिनव पहल करते हुए पुलिस द्वारा “Beyond the Badge” नामक पॉडकास्ट के श्रृंखला की शुरूआत की गयी है। उक्त पॉडकास्ट के पांचवें एपिसोड में डीएसपी तनु उपाध्याय से यूपी पुलिस के पूर्व DGP ओपी सिंह द्वारा महाकुम्भ सहित अपने जीवन के अनुभवों को साझा किया गया। उन्होंने कहा कि पुलिस का लाइफ तनावपूर्ण व्यवस्था रहती है। ऐसे में पुलिसकर्मियों को चाहिए की जो भी समय मिले उसमें ध्यान और योग व मार्निंग वाक जरूर करें।

पूर्व डीजीपी ने अपने अनुभवों को किया साझा

महाकुम्भ पर चर्चा के दौरान ओ.पी. सिंह द्वारा बताया गया कि रिटायरमेंट के बाद यह उनका पहला कुंभ है। वर्ष 1977 में उन्होंने सर्वप्रथम कुंभ का एक छात्र के रूप में भ्रमण किया था, तत्समय वह इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक कर रहे थे, तत्पश्चात 1989 के कुंभ में एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ को नजदीक से देखा तब वह एसपी सिटी इलाहाबाद के पद पर नियुक्त थे, इसके उपरांत वर्ष 1995 के कुंभ के दौरान बतौर वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक इलाहाबाद के रूप में उनके द्वारा न केवल कुंभ को नजदीक से देखा गया बल्कि भीड़ एवं यातायात प्रबंधन की योजनाओं को बनाकर उनको लागू किया गया ।

पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा

2019 के कुंभ में उन्होंने डीजीपी के रूप में कुंभ से संबंधित समस्त कार्यवाहियों एवं व्यवस्थाओं का पर्यवेक्षण करके कुम्भ को सकुशल सम्पन्न कराया गया था । इनके द्वारा बताया गया कि कुंभ का अनुभव प्रत्येक पुलिस अधिकारी के लिए बहुत ही जरूरी है एवं एक विद्यार्थी और एक पुलिस अधिकारी के रूप में कुंभ से उनका बहुत पुराना नाता रहा है। ओ.पी. सिंह के द्वारा सिविल सर्विस में आने के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि मैं बिहार का रहने वाला हूं और उस समय वहां की सोशियो इकोनामिक स्थिति अच्छी नहीं थी, जिस कारण बिहार के अधिकांश मेधावी छात्र की पहली रुचि सिविल सर्विस हुआ करती थी, जिस कारण मैं भी शुरू से ही सिविल सर्विस में जाने के लिए प्रेरित था ।

अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया

ओपी सिंह के द्वारा 2014 से 2020 तक के 06 वर्षों में क्रमशः एनडीआरएफ, सीआईएसएफ तथा उत्तर प्रदेश पुलिस के प्रमुख के रूप में किए गए कार्य को बेहद ही चुनौती पूर्ण बताते हुए इस दौरान के अपने अनुभवों एवं उपलब्धियों को पॉडकास्ट के जरिए साझा किया गया । ओ.पी. सिंह के द्वारा अपनी लिखी हुई पुस्तक Crime, Grime and Gumption: Case Files of an IPS Officer के बारे में जानकारी देते हुए बताया गया कि पुलिस का कार्य अनुभव और संवेदनाओं का मिश्रण होता है तथा इसी अनुभव और संवेदनाओं को लोगों के सामने रखने के लिए उनके द्वारा यह पुस्तक लिखी गई है। ओ.पी. सिंह द्वारा चर्चा के दौरान वर्क और लाइफ को बैलेंस करने के लिए ध्यान, योग और व्यायाम के महत्त्व पर बल देते हुए प्रत्येक पुलिस कर्मी को स्वस्थ रहने का सन्देश दिया और कहा कि पुलिस कर्मी जब मानसिक और शारीरिक रूप से स्वस्थ होंगे तो उसकी व्यावसायिक दक्षता भी बेहतर होगी ।

महाशिवरात्रि के दृष्टिगत लखनऊ पुलिस द्वारा कड़े सुरक्षा प्रबंध

लखनऊ । महाशिवरात्रि पर्व के अवसर पर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा शहर में कड़े सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। शिवभक्तों की भारी भीड़ को ध्यान में रखते हुए पुलिस प्रशासन पूरी तरह अलर्ट पर है। शहर के प्रमुख धार्मिक प्रतिष्ठानो, शिवालयों, जैसे नागेश्वर महादेव मंदिर, मनकामेश्वर मंदिर, महाकालेश्वर मंदिर, श्री ओंकारेश्वर मंदिर, बुद्धेश्वर महादेव मंदिर सहित अन्य प्रसिद्ध मंदिरों व संवेदनशील स्थानों पर कुल 5 कम्पनी पीएसी व 350 अतिरिक्त पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई है।

सिविल डिफेन्स, डिजिटल वॉलन्टियर भी लगाये गए

इसके अलावा सिविल डिफेन्स, डिजिटल वॉलन्टियर , विशेष पुलिस बल के माध्यम से सुरक्षा व्यवस्था के लिए जन सहयोग,सामुदायिक पुलिसिंग हेतु विशेष प्रबन्ध किये गये है। समस्त स्थानीय पुलिस बल को संवेदनशील स्थानों पर पोस्टर पार्टी के माध्यम से सतत निगरानी हेतु निर्देशित किया गया है। इन मंदिरों में श्रद्धालुओं की संख्या को व्यवस्थित करने के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था लागू की गई है एवं समस्त पुलिस बल को सतर्कता बरतने के लिए निर्देशित किया गया है।

मंदिरों और संवेदनशील स्थानों पर कड़ी निगरानी

महाशिवरात्रि के मद्देनजर लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट द्वारा शहर के संवेदनशील इलाकों में विशेष सतर्कता बरती जा रही है। मंदिर परिसरों में सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सीसीटीवी कैमरों की मदद ली जा रही है, जिससे हर गतिविधि पर नजर रखी जा सके। ड्रोन कैमरों की सहायता से प्रमुख मंदिरों और भीड़भाड़ वाले इलाकों की निगरानी की जा रही है। स्थानीय पुलिस बल को हाई अलर्ट पर रखा गया है और पैदल गश्त भी बढ़ा दी गई है, ताकि किसी भी अप्रिय घटना को रोका जा सके।

यातायात प्रबंधन और ट्रैफिक डायवर्जन

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए ट्रैफिक डायवर्जन लागू किया गया है, ताकि दर्शन के दौरान किसी प्रकार की असुविधा न हो। प्रमुख मंदिरों के आसपास यातायात को सुचारु बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है और अव्यवस्था से बचने के लिए बैरिकेडिंग की गई है। ट्रैफिक पुलिस के अतिरिक्त जवानों को भीड़भाड़ वाले इलाकों में तैनात किया गया है, जिससे दर्शन करने आने वाले भक्तों को परेशानी न हो।

महिला सुरक्षा पर विशेष ध्यान

महाशिवरात्रि पर महिला श्रद्धालुओं की सुरक्षा के मद्देनजर विशेष प्रबंध किए गए हैं। प्रमुख मंदिरों पर महिला पुलिसकर्मियों की विशेष तैनाती की गई है, ताकि महिलाओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो। इसके साथ ही, मंदिर परिसरों में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सुरक्षा बलों को विशेष निर्देश दिए गए हैं।

आपातकालीन सेवाएं और प्रशासन की अपील

महाशिवरात्रि के दौरान किसी भी आपातकालीन स्थिति से निपटने के लिए यूपी 112, एंबुलेंस और दमकल विभाग को भी अलर्ट पर रखा गया है। पुलिस प्रशासन ने जनता से अपील की है कि वे किसी भी प्रकार की अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की तुरंत सूचना पुलिस को दें। सोशल मीडिया पर किसी भी भड़काऊ या आपत्तिजनक पोस्ट शेयर करने पर कड़ी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है। लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट ने सभी श्रद्धालुओं से अनुरोध किया है कि वे कानून-व्यवस्था बनाए रखने में सहयोग करें और महाशिवरात्रि पर्व को शांति एवं सौहार्द के साथ मनाएं।

महाशिवरात्रि: बाराबंकी-बहराइच हाईवे पर उमड़ा श्रद्धालुओं का सैलाब

लखनऊ। राजधानी लखनऊ से सटे बाराबंकी जिले के पौराणिक तीर्थस्थल श्री लोधेश्वर महादेवा में श्रद्धालुओं का विशाल सैलाब उमड़ पड़ा है। अब तक डेढ़ लाख से अधिक कांवड़िए महादेवा पहुंच चुके हैं और यह संख्या लगातार बढ़ रही है। इस दौरान श्रद्धालुओं की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए प्रशासन ने बाराबंकी-बहराइच हाईवे पर यातायात में परिवर्तन किया है और हाईवे पर वाहनों का प्रवेश रोक दिया है।

- हाईवे पर बैरियर और यातायात डायवर्जन

महाशिवरात्रि के दिन भारी भीड़ को देखते हुए प्रशासन ने बाराबंकी-बहराइच हाईवे को कांवड़ियों के लिए विशेष रूप से खोल दिया है, जिसे अब 'शिव पथ' का रूप दे दिया गया है। इस मार्ग से केवल कांवड़िए ही गुजर रहे हैं, जबकि अन्य सभी वाहनों को लखनऊ-अयोध्या हाईवे से डायवर्ट कर दिया गया है। कांवड़िए लखनऊ-अयोध्या हाईवे से बाराबंकी पहुंचने के बाद शहर के भीतर से होते हुए लगभग 40 किमी की यात्रा करते हुए महादेवा जा रहे हैं।

- सुरक्षा और आवागमन में सुविधाएं

यह सुनिश्चित करने के लिए कि कांवड़ियों को कोई असुविधा न हो, प्रशासन ने हाईवे पर बैरियर लगाकर यातायात डायवर्ट किया है। इस मार्ग पर केवल एंबुलेंस, दूध वाहन और अन्य आवश्यक सेवाओं को अनुमति दी गई है। छात्रों और शिक्षकों के लिए विशेष अनुमति भी प्रदान की गई है, ताकि बोर्ड परीक्षाओं में कोई रुकावट न हो।

- एसपी बाराबंकी ने की सहयोग की अपील

पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार सिंह ने कांवड़ियों की सुरक्षा को प्राथमिकता देते हुए इस व्यवस्था की जानकारी दी और आम जनता से अपील की कि वे यात्रा के दौरान धैर्य बनाए रखें, यातायात नियमों का पालन करें और सुरक्षित यात्रा करें।