/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/ajaydev/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz भुना हुआ अमरूद: सेहत का नया हथियार,कई बीमारियाँ करे दूर, जानिए इसके चमत्कारी लाभ Healthcare
भुना हुआ अमरूद: सेहत का नया हथियार,कई बीमारियाँ करे दूर, जानिए इसके चमत्कारी लाभ

अमरूद एक बेहद पौष्टिक फल है, जिसे कच्चा, पका या भूनकर खाया जा सकता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि भुना हुआ अमरूद खाने से इसके फायदे और भी बढ़ जाते हैं? यह न केवल स्वाद में बेहतरीन होता है, बल्कि कई बीमारियों से भी बचाव करता है। आइए जानते हैं भुने हुए अमरूद के फायदों के बारे में।

1. पाचन तंत्र को मजबूत बनाता है

भुने हुए अमरूद में फाइबर अधिक मात्रा में होता है, जो कब्ज, अपच और गैस की समस्या को दूर करने में मदद करता है। भूनने से अमरूद हल्का और सुपाच्य हो जाता है, जिससे यह पेट के लिए फायदेमंद साबित होता है।

2. डायबिटीज में लाभकारी

अगर आप मधुमेह (डायबिटीज) के मरीज हैं, तो भुना हुआ अमरूद आपके लिए फायदेमंद हो सकता है। यह ब्लड शुगर लेवल को नियंत्रित रखने में मदद करता है और इंसुलिन संवेदनशीलता को सुधारता है।

3. सर्दी-खांसी से राहत

अमरूद में मौजूद विटामिन C और एंटीऑक्सिडेंट इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाते हैं। भुने हुए अमरूद का सेवन गले की खराश, खांसी और जुकाम में राहत दिलाने में मदद करता है।

4. वजन घटाने में सहायक

जो लोग वजन घटाने की सोच रहे हैं, उनके लिए भी भुना हुआ अमरूद एक अच्छा विकल्प है। इसमें कम कैलोरी और ज्यादा फाइबर होता है, जिससे पेट भरा हुआ महसूस होता है और ज्यादा खाने की इच्छा नहीं होती।

5. हृदय स्वास्थ्य के लिए लाभकारी

भुना हुआ अमरूद कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और ब्लड प्रेशर को संतुलित करने में मदद करता है, जिससे हृदय से जुड़ी समस्याओं का खतरा कम हो जाता है।

कैसे करें भुने हुए अमरूद का सेवन?

ताजे अमरूद को अच्छे से धो लें।

इसे सीधा गैस के तवे या ओवन में हल्का भून लें।

हल्का ठंडा होने के बाद इसे चाट मसाला या काला नमक डालकर खाएं।

इसे नाश्ते में या शाम के समय स्नैक्स की तरह खाया जा सकता है।

निष्कर्ष

भुना हुआ अमरूद न केवल स्वादिष्ट होता है, बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। यह पाचन, हृदय, डायबिटीज और इम्यून सिस्टम के लिए लाभकारी साबित हो सकता है। तो अगली बार जब भी अमरूद खाएं, इसे भूनकर आजमाना न भूलें!

सुबह खाली पेट मखाना: सेहत का चमत्कारी नुस्खा,5 जबरदस्त फायदे, जानें सेवन का सही तरीका


मखाना, जिसे फॉक्स नट्स या कमल के बीज भी कहा जाता है, पोषण से भरपूर एक सुपरफूड है। यह प्रोटीन, फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और कई जरूरी मिनरल्स से भरपूर होता है। अगर इसे सुबह खाली पेट खाया जाए, तो यह शरीर को कई फायदे पहुंचा सकता है। आइए जानते हैं इसके पांच जबरदस्त फायदे और इसे खाने का सही तरीका।

मखाना खाने के 5 जबरदस्त फायदे

1. वजन घटाने में मदद करता है

मखाना लो-कैलोरी और हाई-फाइबर फूड है, जो पाचन को बेहतर बनाता है और लंबे समय तक पेट भरा महसूस होता है। इससे बार-बार भूख नहीं लगती और वजन नियंत्रण में मदद मिलती है।

2. हृदय को रखे स्वस्थ

मखाने में एंटीऑक्सीडेंट्स और मैग्नीशियम भरपूर मात्रा में होते हैं, जो कोलेस्ट्रॉल को कम करने में मदद करते हैं और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।

3. डायबिटीज कंट्रोल करने में सहायक

मखाने का ग्लाइसेमिक इंडेक्स कम होता है, जिससे यह ब्लड शुगर को स्थिर रखता है। यह टाइप-2 डायबिटीज के मरीजों के लिए फायदेमंद होता है।

4. हड्डियों को मजबूत बनाता है

इसमें कैल्शियम की अच्छी मात्रा होती है, जो हड्डियों को मजबूत बनाता है और जोड़ों के दर्द में राहत देता है।

5. डिटॉक्सिफिकेशन में मदद करता है

मखाना शरीर से टॉक्सिन्स बाहर निकालने में मदद करता है, जिससे त्वचा ग्लोइंग बनी रहती है और पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।

मखाना खाने का सही तरीका

भुना हुआ मखाना: सुबह खाली पेट हल्का सा भूनकर खाएं।

दूध के साथ: रातभर पानी में भिगोकर सुबह दूध के साथ खा सकते हैं।

मखाना खीर: दूध और ड्राई फ्रूट्स के साथ बना सकते हैं।

मखाना पाउडर: इसे हलवे या दलिया में मिलाकर खाया जा सकता है।

सुबह खाली पेट मखाना खाने से सेहत को कई फायदे मिलते हैं, लेकिन किसी भी चीज का ज्यादा सेवन नुकसानदायक हो सकता है। इसलिए संतुलित मात्रा में ही इसका सेवन करें।

ओट्स से हो सकती है दिक्कत? जानें किन लोगों को ओट्स खाने से बचना चाहिए


ओट्स एक लोकप्रिय और पोषण से भरपूर अनाज है, जिसे स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अपने आहार में शामिल करना पसंद करते हैं। हालांकि, कुछ लोगों के लिए ओट्स का सेवन स्वास्थ्य समस्याएं पैदा कर सकता है। आइए जानते हैं किन लोगों को ओट्स खाने से बचना चाहिए:

1. ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक रोग से पीड़ित लोग

हालांकि ओट्स स्वाभाविक रूप से ग्लूटेन-मुक्त होते हैं, लेकिन प्रसंस्करण के दौरान ग्लूटेन से दूषित हो सकते हैं। ऐसे में ग्लूटेन संवेदनशीलता या सीलिएक रोग से ग्रस्त लोगों को ओट्स से बचना चाहिए या केवल प्रमाणित ग्लूटेन-मुक्त ओट्स का सेवन करना चाहिए।

2. इर्रिटेबल बॉवेल सिंड्रोम (IBS) वाले लोग

ओट्स में घुलनशील फाइबर की अधिकता होती है, जो कुछ लोगों में पेट फूलना, ऐंठन और गैस जैसी समस्याएं बढ़ा सकती है। खासकर IBS से पीड़ित लोगों को सावधानी बरतनी चाहिए।

3. एलर्जी से ग्रस्त लोग

कुछ लोगों को ओट्स से एलर्जी हो सकती है, जो त्वचा पर चकत्ते, खुजली, सूजन या सांस लेने में तकलीफ जैसी समस्याएं पैदा कर सकती है। ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से संपर्क करना आवश्यक है।

4. लो ब्लड प्रेशर वाले लोग

ओट्स ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं, लेकिन लो ब्लड प्रेशर वाले लोगों के लिए यह समस्या पैदा कर सकते हैं। ऐसे लोगों को डॉक्टर की सलाह से ही ओट्स का सेवन करना चाहिए।

5. आयरन की कमी से जूझ रहे लोग

ओट्स में फाइटेट्स होते हैं, जो आयरन के अवशोषण को बाधित कर सकते हैं। यदि आप एनीमिया या आयरन की कमी से पीड़ित हैं, तो ओट्स का सेवन सीमित करें।

ओट्स पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं, लेकिन कुछ विशेष परिस्थितियों में इनका सेवन नुकसानदायक हो सकता है। यदि आपको इनमें से किसी भी समस्या का सामना करना पड़ रहा है, तो आहार में बदलाव करने से पहले डॉक्टर से सलाह जरूर लें।

चाय-बिस्किट की आदत सेहत के लिए हानिकारक!चाय-बिस्किट का अत्यधिक सेवन करने से हो सकते हैं ये नुकसान।


चाय और बिस्किट का कॉम्बिनेशन भारतीय घरों में बेहद पसंद किया जाता है। चाहे सुबह की शुरुआत हो या शाम की चाय, बिस्किट का साथ जरूर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये आदत आपकी सेहत को चुपचाप नुकसान पहुंचा रही है? आइए जानते हैं कि नियमित रूप से चाय और बिस्किट का सेवन कैसे आपकी सेहत पर बुरा असर डालता है।

1. पेट की समस्याएं बढ़ सकती हैं

चाय और बिस्किट का ज्यादा सेवन पेट की गैस, अपच और एसिडिटी जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है। चाय में मौजूद कैफीन और बिस्किट में ट्रांस फैट पाचन तंत्र को कमजोर करते हैं। इससे पेट में सूजन और जलन की समस्या भी हो सकती है।

2. वजन बढ़ने का खतरा

बिस्किट में शुगर, मैदा और अनहेल्दी फैट की भरमार होती है, जो शरीर में अतिरिक्त कैलोरी बढ़ाता है। रोजाना चाय के साथ बिस्किट खाने से वजन तेजी से बढ़ सकता है और पेट की चर्बी भी जमा हो सकती है।

3. ब्लड शुगर लेवल पर असर

बिस्किट में रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट और शुगर होती है, जो जल्दी ब्लड शुगर लेवल को बढ़ा देती है। इससे इंसुलिन का स्तर प्रभावित होता है और लंबे समय में डायबिटीज का खतरा बढ़ सकता है।

4. हड्डियों की सेहत पर असर

चाय में टैनिन और कैफीन की अधिक मात्रा होती है, जो शरीर में कैल्शियम के अवशोषण को रोकती है। इसका सीधा असर हड्डियों की मजबूती पर पड़ता है और ऑस्टियोपोरोसिस जैसी समस्याएं हो सकती हैं।

5. पोषण की कमी

अगर आप नाश्ते में केवल चाय और बिस्किट लेते हैं, तो शरीर को जरूरी पोषण नहीं मिल पाता। बिस्किट में फाइबर, प्रोटीन, विटामिन और मिनरल की कमी होती है, जिससे दिनभर सुस्ती और ऊर्जा की कमी महसूस हो सकती है।

कैसे करें इस आदत में सुधार?

चाय के साथ बिस्किट की जगह मूंगफली, भुने चने या मेवा खाएं।

चाय की मात्रा सीमित करें और हर्बल टी का विकल्प चुनें।

नाश्ते में पोषण से भरपूर चीजें शामिल करें, जैसे ओट्स, फल और नट्स।

सेहत के लिए छोटी-छोटी आदतों में बदलाव करना जरूरी है। इसलिए अगली बार चाय और बिस्किट का मजा लेते समय सेहत को भी ध्यान में जरूर रखें।

बिना जिम वजन मेंटेन करना हुआ आसान,4 फूड्स से रहें फिट और स्लिम!

आज की भागदौड़ भरी ज़िंदगी में हर किसी के पास जिम जाने का समय नहीं होता। लेकिन अच्छी खबर यह है कि बिना जिम जाए भी आप अपना वजन कंट्रोल में रख सकते हैं। इसके लिए बस आपको अपनी डाइट में कुछ स्मार्ट फूड्स शामिल करने की जरूरत है। आइए जानते हैं ऐसे 4 फूड्स के बारे में जो आपको फिट और स्लिम बनाएंगे।

1. ओट्स: फाइबर से भरपूर सुपरफूड

ओट्स एक ऐसा सुपरफूड है जो वजन कंट्रोल में मदद करता है। इसमें घुलनशील फाइबर की अच्छी मात्रा होती है, जो पेट को लंबे समय तक भरा रखता है और बार-बार खाने की क्रेविंग को कम करता है।

कैसे खाएं:

नाश्ते में दूध या दही के साथ ओट्स लें।

ओट्स चीला या ओट्स स्मूदी भी ट्राई कर सकते हैं।

2. ग्रीन टी: फैट बर्निंग ड्रिंक

ग्रीन टी मेटाबॉलिज्म को बढ़ाती है और फैट बर्निंग प्रक्रिया को तेज करती है। इसमें एंटीऑक्सिडेंट्स होते हैं, जो शरीर में जमा फैट को कम करने में मदद करते हैं।

कैसे पिएं:

दिन में 2-3 बार ग्रीन टी का सेवन करें।

शुगर की बजाय शहद मिलाएं, लेकिन सीमित मात्रा में।

3. दही (योगर्ट): प्रोबायोटिक्स का पावरहाउस

दही में मौजूद प्रोबायोटिक्स पाचन तंत्र को स्वस्थ रखते हैं और मेटाबॉलिज्म को सुधारते हैं। यह वजन को नियंत्रण में रखने के लिए एक बेहतरीन विकल्प है।

कैसे खाएं:

लंच या डिनर के साथ सादा दही खाएं।

फलों के साथ ग्रीक योगर्ट एक हेल्दी स्नैक ऑप्शन है।

4. नट्स और बीज: हेल्दी फैट का खजाना

बादाम, अखरोट, चिया सीड्स और कद्दू के बीज जैसे नट्स और सीड्स में हेल्दी फैट, फाइबर और प्रोटीन होते हैं। ये भूख को कंट्रोल में रखते हैं और एनर्जी देते हैं।

कैसे खाएं:

सुबह के नाश्ते में मुट्ठी भर नट्स लें।

स्मूदी या सलाद में सीड्स मिलाएं।

निष्कर्ष

वजन को मेंटेन करने के लिए जरूरी नहीं कि आप जिम में पसीना बहाएं। बस अपनी डाइट में इन 4 स्मार्ट फूड्स को शामिल करें और साथ में एक्टिव लाइफस्टाइल अपनाएं। याद रखें, संतुलित आहार और नियमित दिनचर्या से आप बिना जिम जाए भी फिट और स्लिम रह सकते हैं।

स्वस्थ और दीर्घायु जीवन के लिए लाइफस्टाइल में करे ये पांच बदलाव

हम सब चाहते हैं कि हमारी जिंदगी लंबी, स्वस्थ और खुशहाल हो। लेकिन इसके लिए सिर्फ इच्छा करना ही काफी नहीं है, बल्कि जीवनशैली में कुछ अहम बदलाव लाने होते हैं। यहां हम आपके साथ ऐसे 5 बदलाव साझा कर रहे हैं, जो न केवल आपके जीवन को स्वस्थ बनाएंगे, बल्कि आपकी उम्र भी बढ़ा सकते हैं।

1. संतुलित और पोषक आहार अपनाएं

स्वस्थ जीवन की नींव एक संतुलित आहार पर टिकी होती है। अपनी डाइट में ताजे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, प्रोटीन और हेल्दी फैट को शामिल करें। प्रोसेस्ड फूड, चीनी और अधिक नमक से दूरी बनाएं।

हर दिन कम से कम 5 तरह की सब्जियां और फल खाएं।

ओमेगा-3 फैटी एसिड के लिए नट्स और बीजों को डाइट में शामिल करें।

2. नियमित व्यायाम को जीवन का हिस्सा बनाएं

शारीरिक सक्रियता सिर्फ वजन कम करने के लिए नहीं, बल्कि पूरे शरीर की सेहत के लिए जरूरी है।

हर दिन कम से कम 30 मिनट वॉक, योग या कार्डियो करें।

स्ट्रेंथ ट्रेनिंग हफ्ते में 2 बार जरूर करें।

3. पर्याप्त और गुणवत्तापूर्ण नींद लें

नींद हमारे शरीर की मरम्मत और ऊर्जा पुनः प्राप्ति का समय होता है।

रोजाना 7-8 घंटे की नींद लें।

सोने और जागने का समय तय करें और उसमें नियमितता रखें।

4. तनाव को करें मैनेज

आज की भागदौड़ भरी जिंदगी में तनाव सामान्य हो गया है, लेकिन इसे नजरअंदाज करना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है।

मेडिटेशन, प्राणायाम और गहरी सांस लेने की तकनीक अपनाएं।

अपने शौक के लिए समय निकालें और प्रियजनों के साथ वक्त बिताएं।

5. नियमित स्वास्थ्य जांच करवाएं

कई बार हम बीमारियों को तब समझ पाते हैं, जब वे गंभीर हो जाती हैं। इसलिए समय-समय पर हेल्थ चेकअप करवाना जरूरी है।

साल में एक बार ब्लड टेस्ट, शुगर लेवल, ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल की जांच करवाएं।

किसी भी असामान्य लक्षण को नजरअंदाज न करें।

निष्कर्ष

स्वस्थ और लंबा जीवन जीने के लिए इन पांच बदलावों को अपनाना बेहद जरूरी है। याद रखें, छोटी-छोटी आदतें मिलकर बड़ी उपलब्धि दिलाती हैं। अपनी सेहत को प्राथमिकता दें और खुशहाल जीवन का आनंद लें।

दूध और मछली एकसाथ खाने से होते हैं सफेद दाग?वैज्ञानिक शोध ने किया अंधविश्वास को खारिज!

दूध और मछली को एकसाथ खाने को लेकर कई लोगों के मन में शंका होती है। भारतीय समाज में लंबे समय से यह धारणा है कि दूध और मछली एकसाथ खाने से त्वचा पर सफेद दाग (विटिलिगो) हो सकते हैं। लेकिन क्या वास्तव में ऐसा होता है, या यह सिर्फ एक अंधविश्वास है? आइए, इस विषय को वैज्ञानिक दृष्टिकोण से समझते हैं।

1. सफेद दाग (विटिलिगो) क्या है?

सफेद दाग, जिसे विटिलिगो कहा जाता है, एक त्वचा संबंधी रोग है जिसमें त्वचा पर सफेद धब्बे बन जाते हैं। यह तब होता है जब शरीर की रोग प्रतिरोधक प्रणाली त्वचा में मौजूद मेलानिन उत्पादक कोशिकाओं (मेलानोसाइट्स) को नष्ट कर देती है। यह समस्या आनुवंशिक कारणों, ऑटोइम्यून विकारों, मानसिक तनाव, पोषण की कमी और अन्य स्वास्थ्य संबंधी कारणों से हो सकती है।

2. दूध और मछली एकसाथ खाने से सफेद दाग होते हैं – मिथक या सच?

अंधविश्वास का मूल कारण

भारत में परंपरागत रूप से कुछ खाद्य पदार्थों को एकसाथ खाने से परहेज करने की सलाह दी जाती है। आयुर्वेद में भी यह माना जाता है कि कुछ खाद्य पदार्थों का गलत संयोजन (विरुद्ध आहार) पाचन को प्रभावित कर सकता है। दूध और मछली की बात करें तो दोनों का प्रभाव अलग-अलग होता है—

दूध: ठंडी तासीर का होता है।

मछली: गर्म तासीर की होती है और इसमें प्रोटीन व अन्य पोषक तत्व होते हैं।

इस विरोधाभासी प्रकृति के कारण, यह माना जाता है कि इनका एकसाथ सेवन करने से शरीर में असंतुलन हो सकता है।

वैज्ञानिक दृष्टिकोण

अब तक कोई भी वैज्ञानिक अध्ययन यह साबित नहीं कर पाया है कि दूध और मछली एकसाथ खाने से सफेद दाग होते हैं। विटिलिगो का संबंध प्रतिरक्षा प्रणाली और आनुवंशिकी से होता है, न कि किसी विशेष भोजन के सेवन से।

हालांकि, कुछ लोगों को दूध और मछली को एकसाथ खाने से पाचन संबंधी समस्याएं, जैसे कि अपच, एसिडिटी या एलर्जी हो सकती हैं। यह मुख्य रूप से उन लोगों में देखा जाता है जिनका पाचन तंत्र संवेदनशील होता है। लेकिन इसका सफेद दाग से कोई लेना-देना नहीं है।

3. क्या दूध और मछली एकसाथ खाना सेहत के लिए नुकसानदायक है?

आयुर्वेद के अनुसार, विरुद्ध आहार पाचन संबंधी दिक्कतें पैदा कर सकता है। लेकिन यह सभी के लिए हानिकारक नहीं होता। अगर आपका पाचन तंत्र मजबूत है और आपको कोई एलर्जी नहीं है, तो आप दूध और मछली को एकसाथ खा सकते हैं।

कुछ वैज्ञानिक पहलू जो इस मिथक को गलत साबित करते हैं:

दुनिया के कई देशों में लोग दूध और मछली से बने व्यंजन खाते हैं, लेकिन वहां सफेद दाग की समस्या नहीं बढ़ती।

केल्शियम और प्रोटीन दोनों ही शरीर के लिए आवश्यक पोषक तत्व हैं, और इनका सही तरीके से सेवन करने से कोई समस्या नहीं होती।

अगर दूध और मछली के संयोजन से एलर्जी या अपच नहीं होती, तो इसे खाने में कोई हानि नहीं है।

4. सफेद दाग से बचाव कैसे करें?

.

अगर आपको सफेद दाग से बचना है, तो निम्नलिखित बातों का ध्यान रखें:

संतुलित आहार लें जिसमें हरी सब्जियां, फल, नट्स और प्रोटीन भरपूर मात्रा में हो।

सूरज की रोशनी से बचाव करें, क्योंकि धूप के कारण सफेद दाग अधिक नजर आ सकते हैं।

तनाव को कम करें, क्योंकि मानसिक तनाव भी विटिलिगो को बढ़ा सकता है।

डॉक्टर से परामर्श लें अगर त्वचा पर किसी भी प्रकार का असामान्य परिवर्तन दिखे।

निष्कर्ष

दूध और मछली को एकसाथ खाने से सफेद दाग होने का कोई वैज्ञानिक प्रमाण नहीं है। यह सिर्फ एक अंधविश्वास है। हालांकि, कुछ लोगों को इससे पाचन संबंधी दिक्कतें हो सकती हैं, लेकिन इसका त्वचा संबंधी रोगों से कोई संबंध नहीं है। अगर आपको कोई एलर्जी या संवेदनशीलता नहीं है, तो दूध और मछली को एकसाथ खाने में कोई दिक्कत नहीं है।

क्या करना चाहिए?

अगर आपको एलर्जी या अपच होती है, तो दूध और मछली को एकसाथ खाने से बचें।

बिना किसी वैज्ञानिक प्रमाण के इस तरह के अंधविश्वासों पर विश्वास न करें।

अपने आहार को संतुलित रखें और अगर कोई समस्या हो तो डॉक्टर से सलाह लें।

इसलिए, अगली बार जब कोई आपसे कहे कि दूध और मछली एकसाथ खाने से सफेद दाग हो जाते हैं, तो आप उन्हें वैज्ञानिक तथ्य बता सकते हैं!

सुबह उठते ही पेट में होती है गुड़गुड़? सौंफ-अजवाइन चबाने से मिलेगी राहत


अगर सुबह उठते ही आपके पेट में गुड़गुड़ होती है या गैस और अपच की समस्या रहती है, तो घबराने की जरूरत नहीं है। यह समस्या गलत खान-पान, पाचन तंत्र की कमजोरी या गैस्ट्रिक समस्या के कारण हो सकती है। इसे ठीक करने के लिए कुछ घरेलू उपाय बहुत कारगर साबित हो सकते हैं। आइए जानते हैं पांच आसान घरेलू उपाय जो आपके पेट को राहत देंगे।

1. सौंफ और अजवाइन चबाएं

सौंफ और अजवाइन पाचन को बेहतर बनाने में मदद करते हैं।

रोज सुबह खाली पेट एक चम्मच सौंफ और अजवाइन चबाएं।

इससे गैस, अपच और पेट की गुड़गुड़ाहट कम होगी।

अजवाइन में एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पेट की सूजन को कम करने में सहायक होते हैं।

2. गुनगुना पानी पिएं

गुनगुना पानी पीने से पाचन क्रिया सक्रिय होती है और गैस की समस्या कम होती है।

सुबह उठते ही एक गिलास गुनगुना पानी पिएं।

इसमें आधा नींबू और शहद मिलाकर पीने से और भी अधिक लाभ मिलेगा।

यह टॉक्सिन्स को बाहर निकालकर पेट को साफ रखने में मदद करता है।

3. हींग और काला नमक का सेवन करें

हींग और काला नमक गैस और पेट दर्द से राहत दिलाने में कारगर हैं।

एक चुटकी हींग और काला नमक गुनगुने पानी में मिलाकर पिएं।

आप हींग को गुनगुने पानी में घोलकर नाभि पर भी लगा सकते हैं।

यह उपाय पेट में बनने वाली अतिरिक्त गैस को कम करता है।

4. धनिया और जीरा पानी पिएं

धनिया और जीरा पाचन को मजबूत बनाते हैं और पेट की समस्याओं से राहत देते हैं।

रात को एक गिलास पानी में एक चम्मच धनिया और एक चम्मच जीरा भिगो दें।

सुबह इस पानी को छानकर पी लें।

इससे पेट में ठंडक बनी रहती है और गैस व ऐंठन की समस्या दूर होती है।

5. दही और अदरक का सेवन करें

दही में अच्छे बैक्टीरिया होते हैं, जो पाचन को बेहतर बनाते हैं। अदरक पेट की सूजन और गैस को कम करता है।

रोज सुबह एक कटोरी ताजा दही में थोड़ा सा कद्दूकस किया हुआ अदरक मिलाकर खाएं।

इससे पेट की जलन, अपच और गैस की समस्या से राहत मिलेगी।

निष्कर्ष

अगर पेट में गुड़गुड़ और गैस की समस्या बार-बार होती है, तो इन घरेलू उपायों को आजमाएं। साथ ही, संतुलित आहार लें और तली-भुनी चीजों से बचें। यदि समस्या ज्यादा बढ़ रही है, तो डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।

सुबह खाली पेट लहसुन खाने से नसों में जमी गंदगी हटेगी, दिल की बीमारियों का खतरा होगा कम,जाने लहसुन से मिलने वाले फायदे के बारे में


लहसुन न सिर्फ खाने का स्वाद बढ़ाता है बल्कि इसे सेहत के लिए भी बेहद फायदेमंद माना जाता है। खासतौर पर यह कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करने और धमनियों में जमी गंदगी को साफ करने में मदद करता है। अगर आप बैड कोलेस्ट्रॉल (LDL) कम करना चाहते हैं, तो लहसुन को सही तरीके से खाना जरूरी है। आइए जानते हैं 3 असरदार तरीके, जिनसे लहसुन खाने पर आपको जल्दी फायदा मिलेगा।

1. कच्चे लहसुन का सेवन करें

लहसुन में एलिसिन (Allicin) नामक कंपाउंड होता है, जो कोलेस्ट्रॉल कम करने में मदद करता है। लेकिन इसे पकाने से एलिसिन की मात्रा कम हो जाती है। इसलिए लहसुन को कच्चा खाने की सलाह दी जाती है।

कैसे खाएं?

सुबह खाली पेट 1-2 कली कच्चे लहसुन को पानी के साथ खाएं।

इसे शहद के साथ मिलाकर खाने से स्वाद भी बेहतर हो जाता है।

लहसुन को हल्का कुचलकर 10 मिनट छोड़ दें, फिर खाएं ताकि एलिसिन अच्छी तरह सक्रिय हो जाए।

2. लहसुन-नींबू का मिश्रण

लहसुन और नींबू का संयोजन धमनियों में जमा फैट को कम करता है और कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करता है।

कैसे बनाएं?

4-5 लहसुन की कलियों को पीस लें।

इसमें 1 नींबू का रस और एक गिलास गुनगुना पानी मिलाएं।

रोजाना सुबह इसे पीने से बैड कोलेस्ट्रॉल कम होने में मदद मिलेगी।

3. लहसुन-शहद का मिश्रण

शहद और लहसुन का कॉम्बिनेशन शरीर को डिटॉक्स करने में मदद करता है और दिल की सेहत को बेहतर बनाता है।

कैसे बनाएं?

4-5 लहसुन की कलियों को हल्का कुचलकर एक जार में डालें।

इसमें शुद्ध शहद डालकर 1 हफ्ते तक रख दें।

रोजाना सुबह एक चम्मच खाली पेट खाएं।

अतिरिक्त सावधानियां

अधिक मात्रा में लहसुन खाने से पेट में जलन हो सकती है, इसलिए सीमित मात्रा में ही लें।

अगर आपको लो ब्लड प्रेशर या ब्लड थिनर की दवा चल रही है, तो डॉक्टर की सलाह लें।

लहसुन को अपनी डाइट में नियमित रूप से शामिल करने से कोलेस्ट्रॉल कंट्रोल में रहेगा और दिल से जुड़ी बीमारियों का खतरा कम होगा।

इन आसान तरीकों से लहसुन का सेवन करके आप बैड कोलेस्ट्रॉल को कम कर सकते हैं और अपनी नसों को साफ रख सकते हैं।

खाने से पहले करें ये 3 काम, नहीं लगेंगे दांतों में कीड़े,एक्सपर्ट की सलाह से बचाएं अपने दांत, रहें कैविटी-फ्री

दांतों की सही देखभाल न करने से कैविटी और दांतों में कीड़े लगने की समस्या हो सकती है। कई लोग सोचते हैं कि केवल खाने के बाद ब्रश करना ही काफी होता है, लेकिन एक्सपर्ट्स का कहना है कि खाने से पहले भी कुछ आदतें अपनाने से दांतों को ज्यादा सुरक्षित रखा जा सकता है। आइए जानते हैं वे तीन जरूरी काम जो खाने से पहले जरूर करने चाहिए।

1. मुँह को साफ पानी से धोएं

खाने से पहले मुँह को साफ पानी से धोना बहुत जरूरी है। इससे मुँह में मौजूद बैक्टीरिया और एसिड कम हो जाते हैं, जो भोजन के साथ मिलकर दांतों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। यह आदत कैविटी और सांसों की दुर्गंध से बचाने में मदद करती है।

2. टंग क्लीनर से जीभ साफ करें

मुँह में बैक्टीरिया केवल दांतों पर ही नहीं, बल्कि जीभ पर भी होते हैं। खाने से पहले टंग क्लीनर से जीभ को हल्के हाथों से साफ करने से बैक्टीरिया की संख्या कम होती है और भोजन को अधिक स्वच्छ तरीके से ग्रहण किया जा सकता है।

3. मुँह में पानी या माउथवॉश से कुल्ला करें

अगर आप बाहर हैं और ब्रश या टंग क्लीनर का इस्तेमाल नहीं कर सकते, तो खाने से पहले मुँह में पानी या माउथवॉश से कुल्ला करें। यह मुँह में मौजूद प्लाक (Plaque) और बैक्टीरिया को कम करता है, जिससे दांतों को सड़ने से बचाया जा सकता है।

एक्सपर्ट की सलाह

डेंटल एक्सपर्ट्स के मुताबिक, दिन में दो बार ब्रश करने के साथ-साथ खाने से पहले मुँह की सफाई करने की आदत डालनी चाहिए। इससे दांतों की उम्र बढ़ती है और ओरल हेल्थ बेहतर बनी रहती है। इसके अलावा, ज्यादा मीठा खाने से बचें और नियमित रूप से डेंटिस्ट से चेकअप कराते रहें।

अगर आप इन आसान आदतों को अपनाते हैं, तो आपके दांत लंबे समय तक स्वस्थ और मजबूत बने रहेंगे।