पौधों को कीट व बीमारियों से बचाने में सूक्ष्म जीवों की भूमिका महत्वपूर्ण- कुलपति
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कुमारगंज अयोध्या ।आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय में “टिकाऊ कृषि उत्पादकता, मृदा स्वास्थ्य और पौध रोग प्रबंधन में सूक्ष्मजीव अनुकल्पों के प्रयोग” विषय पर 21 दिवसीय शीतकालीन स्कूल प्रशिक्षण के आयोजन की शुरुआत हुई। कार्यक्रम का शुभारंभ कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया।
इस कार्यक्रम में आठ अलग-अलग राज्यों से कुल 25 वैज्ञानिक प्रतिभाग कर रहे हैं। कुलपति डा. बिजेंद्र सिंह ने कहा कि उभरते हुए पौधों को मिट्टी जनित कीटों और बीमारियों से बचाने में सूक्ष्मजीव सहायक सिद्ध होते हैं। सूक्ष्मजीवों के प्रयोग से मिट्टी की उर्वरता और संरचना में सुधार होता है। उन्होंने कहा कि मिट्टी के अच्छे स्वास्थ्य के लिए मिट्टी में कार्बनिक पदार्थों को बढ़ाने पर ध्यान देना होगा। कुलपति ने कहा कि वर्तमान समय में रासायनिक खेती को छोड़कर प्राकृतिक व जैविक खेती करने की आवश्यकता है। कृषि विवि इसका जीता जागता उदाहरण है। कृषि विवि में एक एकड़ बंजर जमीन को उपजाऊ बनाकर प्राकृतिक खेती भी की जा रही है। कृषि महाविद्यालय की अधिष्ठाता डा. प्रतिभा सिंह ने कहा कि रसायनों के अधिक प्रयोग से मानव एवं मृदा स्वास्थ्य प्रभावित हो रहा है जिसे हम सभी को मिलकर रोकने की जरूरत है। पौधों की वृद्धि के लिए मृदा सूक्ष्मजीव आवश्यक हैं। ये प्रमुख पोषक तत्वों की उपलब्धता में सुधार कर पैदावार को बढ़ाने का कार्य करते हैं। इस दौरान पाठ्यक्रम निदेशक डा. महेंद्र सिंह ने 21 दिनों तक चलने वाले प्रशिक्षण से सभी को विस्तार से अवगत कराया। बताया कि देशभर के विभिन्न संस्थानों से लगभग 72 विशिष्ट वैज्ञानिकों द्वारा व्याख्यान दिए जाएंगे। यह कार्यक्रम मृदा एवं कृषि रसायन विभाग द्वारा डा. महेंद्र सिंह के संयोजन में आयोजित किया जा रहा है। अतिथियों का स्वागत संबोधन डा. सुरेश कुमार व धन्यवाद ज्ञापन डा. विवेक सिंह ने किया। कार्यक्रम का संचालन तृप्ती ने किया। इस मौके पर विवि के समस्त अधिष्ठाता, निदेशक एवं शिक्षक मौजूद रहे।
Feb 06 2025, 18:41