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गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या पर जिला प्रशासन ने न्यू टाउन हॉल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का किया आयोजन


झारखंड डेस्क: गणतंत्र दिवस की पूर्व संध्या जिला प्रशासन द्वारा न्यू टाउन हॉल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में विभिन्न विद्यालयों के छात्र-छात्राओं ने देशभक्ति के एक से बढ़कर एक प्रस्तुति व नृत्य नाटिका ने सभी दर्शकों का मन मोह लिया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम का उद्घाटन उप विकास आयुक्त श्री सादात अनवर, एडीएम लॉ एंड आर्डर श्री पीयूष सिन्हा, डायरेक्टर डीआरडीए श्री राजीव रंजन, अपर समाहर्ता श्री विनोद कुमार, एसडीएम श्री राजेश कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निशु कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनिल कुमार सिंह व अन्य गणमान्य अतिथियों ने दीप प्रज्वलित कर किया। 

सांस्कृतिक कार्यक्रम में छात्रों ने देशभक्ति पर आधारित ग्रुप सॉन्ग व ग्रुप डांस प्रस्तुत किया। कार्यक्रम में सरस्वती विद्या मंदिर श्यामडीह, डीएवी पब्लिक स्कूल महुदा, के जी बी वी झरिया, के जी बी वी निरसा, के जी बी वी बलियापुर, के जी बी वी तोपचांची, साथी फाउंडेशन, एसएसएलएनटी गर्ल्स हाई स्कूल समेत कई अन्य विभिन्न स्कूल ने अपने अपने कार्यक्रम प्रस्तुत किए।

कार्यक्रम के समापन पर सरस्वती विद्या मंदिर श्यामडीह को प्रथम, डीएवी पब्लिक स्कूल महुदा को द्वितीय, के जी बी वी झरिया को तृतीय पुरस्कार प्रदान किया। इसके अलावा सभी प्रतिभागी को सांत्वना पुरस्कार प्रदान किया गया। वहीं बेहतरीन एंकरिंग के लिए श्री घनश्याम दुबे एवं एमिली बसु को प्रशस्ति पत्र प्रदान किया गया।

सांस्कृतिक कार्यक्रम में उपायुक्त सुश्री माधवी मिश्रा, एसएसपी श्री हृदीप पी जनार्दनन, उप विकास आयुक्त श्री सादात अनवर, एडीएम (विधि व्यवस्था) श्री पीयूष सिन्हा,अपर समाहर्ता श्री बिनोद कुमार, जिला शिक्षा पदाधिकारी श्रीमती निशु कुमारी, जिला जनसंपर्क पदाधिकारी श्री सुनिल सिन्हा, डीआरडीए के श्री मनीष कुमार, श्री घनश्याम दुबे के अलावा बड़ी संख्या में स्कूली छात्र-छात्राएं उपस्थित थे।

वॉकिंग या घरेलू काम जानें किसमें होती हैं ज्यादा कैलोरी बर्न

फिटनेस और स्वास्थ्य के प्रति जागरूक लोग अक्सर यह सवाल पूछते हैं कि वॉकिंग और घरेलू कामों में से कौन-सी गतिविधि ज्यादा कैलोरी बर्न करती है। दोनों ही एक्टिविटीज़ आपके शरीर को सक्रिय रखने में मदद करती हैं, लेकिन इनमें कैलोरी बर्न करने की क्षमता अलग-अलग होती है। आइए इसे विस्तार से समझते हैं।

1. वॉकिंग से कैलोरी बर्न

वॉकिंग एक लो-इंटेंसिटी एक्सरसाइज है, जो हर उम्र के लोगों के लिए उपयुक्त है।

औसत कैलोरी बर्न:

30 मिनट की सामान्य गति से (4-5 किमी/घंटा) चलने पर 120-150 कैलोरी बर्न होती है।

तेज वॉकिंग (ब्रिस्क वॉक):

अगर आप तेज़ी से चलते हैं, तो यह आंकड़ा 200 कैलोरी तक पहुंच सकता है।

फायदे:

हृदय स्वास्थ्य में सुधार

वजन घटाने में मदद

मांसपेशियों की मजबूती

2. घरेलू कामों से कैलोरी बर्न

घरेलू काम जैसे झाड़ू-पोंछा, बर्तन धोना, खाना बनाना, या कपड़े धोना भी कैलोरी बर्न करने में सहायक होते हैं।

औसत कैलोरी बर्न:

झाड़ू-पोंछा: 150-200 कैलोरी/घंटा

बर्तन धोना: 100-120 कैलोरी/घंटा

खाना बनाना: 80-100 कैलोरी/घंटा

फायदे:

. पूरे शरीर की गतिविधि होती है

 

. घर साफ-सुथरा रहता है

. मानसिक संतोष मिलता है

3. कौन बेहतर है?

यह इस बात पर निर्भर करता है कि आप किस उद्देश्य से गतिविधि कर रहे हैं।

अगर फिटनेस और वजन घटाना प्राथमिकता है, तो वॉकिंग ज्यादा प्रभावी है।

तेज वॉकिंग या हाइकिंग जैसी गतिविधियां ज्यादा कैलोरी बर्न करती हैं और हृदय को स्वस्थ रखती हैं।

अगर समय की कमी है और मल्टीटास्किंग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम बेहतर विकल्प हैं।

ये आपको सक्रिय रखते हैं और साथ ही घर को व्यवस्थित भी करते हैं।

4. दोनों को कैसे संतुलित करें?

सुबह या शाम को 20-30 मिनट की वॉक को अपनी दिनचर्या में शामिल करें।

दिन के दौरान घरेलू काम करते समय खुद को एक्टिव रखें।

झाड़ू-पोंछा जैसे काम करते समय तेज़ी से मूव करें, ताकि अधिक कैलोरी बर्न हो सके।

वॉकिंग और घरेलू काम, दोनों ही अपने-अपने तरीके से फायदेमंद हैं। अगर आप ज्यादा कैलोरी बर्न करना चाहते हैं, तो वॉकिंग को प्राथमिकता दें। लेकिन अगर आप समय का बेहतर उपयोग करना चाहते हैं, तो घरेलू काम भी एक अच्छा विकल्प हो सकता है। दोनों को मिलाकर करने से आप फिट और स्वस्थ रह सकते हैं।

याद रखें: कोई भी गतिविधि तभी असरदार होगी, जब आप इसे नियमित रूप से करेंगे।

पिंगली वेंकैया ने किया तिरंगे का डिजाइन, जानें इसके रंगों और चक्र का रहस्य

भारत का राष्ट्रीय ध्वज न केवल हमारे देश की स्वतंत्रता का प्रतीक है, बल्कि यह देश की एकता, विविधता और सांस्कृतिक विरासत को भी दर्शाता है। आइए जानते हैं इसके डिजाइन, रंगों का अर्थ और इसके इतिहास के बारे में विस्तार से।

1. राष्ट्रीय ध्वज का डिजाइन किसने तैयार किया?

भारत के राष्ट्रीय ध्वज का वर्तमान स्वरूप पिंगली वेंकैया ने तैयार किया था।

पिंगली वेंकैया एक स्वतंत्रता सेनानी और कृषि वैज्ञानिक थे।

उन्होंने 1916 में भारतीय ध्वज के लिए कई डिजाइनों पर काम किया।

1931 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी ने उनके डिजाइन को संशोधित रूप में स्वीकार किया।

22 जुलाई 1947 को संविधान सभा ने इसे स्वतंत्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया।

2. ध्वज का स्वरूप और रंगों का रहस्य

राष्ट्रीय ध्वज को "तिरंगा" कहा जाता है क्योंकि इसमें तीन क्षैतिज पट्टियां हैं। हर रंग का अपना विशेष महत्व है:

केसरिया रंग (ऊपरी पट्टी)

यह साहस, बलिदान और शक्ति का प्रतीक है।

यह देशवासियों को निस्वार्थ सेवा और समर्पण का संदेश देता है।

सफेद रंग (मध्य पट्टी)

यह शांति, सच्चाई और पवित्रता का प्रतीक है।

यह देश में शांति और सद्भाव बनाए रखने का संदेश देता है।

हरा रंग (निचली पट्टी)

यह समृद्धि, हरियाली और प्रगति का प्रतीक है।

यह पर्यावरण और कृषि के महत्व को दर्शाता है।

3. अशोक चक्र का महत्व

सफेद पट्टी के केंद्र में अशोक चक्र स्थित है।

यह सम्राट अशोक के सारनाथ स्तंभ से लिया गया है।

चक्र में 24 तीलियां हैं, जो समय, प्रगति और सतत विकास का प्रतीक हैं।

यह धर्म, न्याय और सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है।

4. राष्ट्रीय ध्वज का इतिहास

1906: पहला भारतीय ध्वज (वंदे मातरम ध्वज) कोलकाता में फहराया गया।.

1921: महात्मा गांधी ने पिंगली वेंकैया के डिजाइन को कांग्रेस के अधिवेशन में प्रस्तुत किया।

1931: तिरंगे को स्वतंत्रता संग्राम का प्रतीक बनाया गया।

1947: भारत के स्वतंत्र होने पर इसे राष्ट्रीय ध्वज के रूप में अपनाया गया।

5. राष्ट्रीय ध्वज से जुड़े नियम

राष्ट्रीय ध्वज का उपयोग भारतीय ध्वज संहिता के अनुसार किया जाना चाहिए।

इसे हमेशा सम्मान के साथ फहराया जाना चाहिए।

ध्वज को जमीन पर गिराना, फाड़ना या किसी अनुचित तरीके से इस्तेमाल करना अपराध है।

इसे केवल खादी या हाथ से बुने कपड़े से बनाया जा सकता है।

6. राष्ट्रीय ध्वज का महत्व

राष्ट्रीय ध्वज न केवल भारत की आजादी का प्रतीक है, बल्कि यह हर भारतीय के गर्व, एकता और देशभक्ति का प्रतीक भी है। यह हमें देश के प्रति अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों की याद दिलाता है।

निष्कर्ष:

भारत का राष्ट्रीय ध्वज हमारी आजादी और राष्ट्रीयता का प्रतीक है। इसके रंग और अशोक चक्र हमें साहस, शांति और सतत विकास की प्रेरणा देते हैं। तिरंगा हर भारतीय के लिए गर्व और सम्मान का प्रतीक है।

महाकुंभ 2025: बच्चों के साथ यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए जाने ये 5 जरूरी उपाय


महाकुंभ 2025 जैसे बड़े धार्मिक आयोजन में लाखों लोग शामिल होते हैं, जिससे भीड़भाड़ का माहौल रहता है। बच्चों के साथ यात्रा करना एक बड़ी जिम्मेदारी है। यहां 5 ऐसे जरूरी कदम बताए गए हैं, जो आपकी यात्रा को सुरक्षित और सुगम बनाएंगे।

1. बच्चों को पहचानने योग्य बनाएं

बच्चों को ऐसे कपड़े पहनाएं जो दूर से पहचान में आ सकें। उनके कपड़ों में एक पहचान पत्र (ID) लगाएं, जिसमें उनका नाम, माता-पिता का नाम, फोन नंबर और पता लिखा हो। यह गुम होने की स्थिति में मददगार साबित होगा।

2. भीड़ से बचने के लिए समय और स्थान का चयन करें

महाकुंभ के दौरान सबसे ज्यादा भीड़ स्नान पर्व पर होती है। बच्चों के साथ यात्रा के लिए सुबह जल्दी या शाम को कम भीड़भाड़ वाले समय का चयन करें। बच्चों को मुख्य घाटों की भीड़ में ले जाने से बचें।

3. बच्चों को सुरक्षा नियम समझाएं

यात्रा से पहले बच्चों को सिखाएं कि अगर वे गुम हो जाएं तो क्या करें। उन्हें बताएँ कि वे किसी पुलिसकर्मी, सुरक्षा कर्मी या आयोजन स्थल के वॉलंटियर की मदद लें।

4. GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच का इस्तेमाल करें

बच्चों को GPS ट्रैकर या स्मार्टवॉच पहनाएं, जिससे आप उनकी लोकेशन ट्रैक कर सकें। यह तकनीक गुम होने की स्थिति में बहुत उपयोगी होती है।

5. योजना बनाकर यात्रा करें

यात्रा से पहले महाकुंभ के नक्शे का अध्ययन करें। बच्चों के लिए एक निश्चित मिलन स्थल तय करें और उन्हें इसके बारे में जानकारी दें। इसके अलावा, भीड़भाड़ वाले स्थानों में हमेशा बच्चों का हाथ पकड़े रहें।

इन सावधानियों को अपनाकर आप महाकुंभ 2025 की यात्रा को बच्चों के साथ सुरक्षित और यादगार बना सकते हैं।

झारखंड सहित विभिन्न राज्यों के पुलिस और सुरक्षा बलों को मिले गणतंत्र दिवस 2025 पर वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय पदक

गणतंत्र दिवस 2025 के अवसर पर विभिन्न राज्यों और संघ राज्य क्षेत्रों में पुलिस, अग्निशमन, होमगार्ड और नागरिक सुरक्षा के कार्मिकों को दिए गए पदकों की सूची है, जिसमें वीरता, विशिष्ट सेवा और सराहनीय सेवा के लिए प्राप्त पदकों की संख्या दी गई है। यहाँ राज्यवार विवरण दिया गया है।

अरुणाचल प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

असम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक 

(पीएसएम): 14

बिहार:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 07

छत्तीसगढ़:

वीरता पदक (जीएम): 11

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

दिल्ली:

वीरता पदक (जीएम): 03

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक

 ;(पीएसएम): 17

गोवा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

गुजरात:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 09

हरियाणा:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 08

झारखंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

कर्नाटका:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 19

केरल:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 10

मध्य प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 17

महाराष्ट्र:

वीरता पदक (जीएम): 04

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 39

मणिपुर:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 07

मेघालय:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

मिजोरम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

नगालैंड:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 03

ओडिशा:

वीरता पदक (जीएम): 06

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 02

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 11

पंजाब:.

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 15

राजस्थान:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 16

सिक्किम:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 01

तमिलनाडु:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 21

तेलंगाना:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 12

त्रिपुरा:

वीरता पदक (जीएम): 01

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 06

उत्तर प्रदेश:

वीरता पदक (जीएम): 17

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

सराहनीय सेवा के लिए पदक (एमएसएम): 73

उत्तराखंड:

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति पदक (पीएसएम): 05

पश्चिम बंगाल:

वीरता पदक (जीएम): 02

विशिष्ट सेवा के लिए राष्ट्रपति 

पदक (पीएसएम): 20

यह सूची गणतंत्र दिवस के मौके पर पुलिस सेवा के कर्मचारियों को दी जाने वाली विभिन्न श्रेणियों में प्राप्त पदकों के वितरण का विवरण प्रस्तुत करती है.

झारखंड में अगले कुछ दिनों में तापमान में आएगी गिरावट,कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छाया रहा


झारखंड डेस्क 

झारखंड में ठंड फिर एक बाऱ बढ़ने वाली है। मौसम विभाग के अनुसार, अगले कुछ दिनों में तापमान में गिरावट देखी जाएगी। राज्य के उत्तरी हिस्सों में अगले तीन दिनों में तापमान 3-4 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। बाकी हिस्सों में भी दो दिन बाद तापमान में 3-5 डिग्री सेल्सियस की गिरावट की संभावना है।25 जनवरी को कई जगहों पर हल्का और मध्यम कोहरा भी छा सकता है।

क्या है मौसम विभाग का आकलन

रांची मौसम केंद्र के प्रमुख अभिषेक आनंद ने बताया कि पिछले कुछ दिनों में ठंड से थोड़ी राहत मिली थी, लेकिन अब फिर से सर्दी का सितम बढ़ने के आसार हैं। अभी ज्यादातर जिलों में न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस से ऊपर बना हुआ है। लेकिन मौसम विभाग की चेतावनी के बाद लोगों को ठंड से बचाव के इंतजाम करने की जरूरत है।

 3 से 4 डिग्री तापमान में आएगी कमी

मौसम विभाग ने बताया कि 25 जनवरी से ठंड बढ़ेगी। राज्य के उत्तरी इलाकों में अगले तीन दिनों में न्यूनतम तापमान में 3 से 4 डिग्री सेल्सियस की गिरावट दर्ज की जा सकती है। इन इलाकों में गढ़वा, पलामू, चतरा, हजारीबाग, कोडरमा, गिरिडीह, देवघर, गोड्डा, दुमका, पाकुड़, साहिबगंज, और जामताड़ा जिले शामिल हैं। बाकी जिलों में भी दूसरे दिन से अगले तीन दिनों में तापमान 3 से 5 डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है। इसके बाद तापमान में कोई बड़ा बदलाव होने की उम्मीद नहीं है

30 जनवरी तक कुछ जगहों पर रहेगी कोहरा

राज्य के कई हिस्सों में शनिवार सुबह हल्के से मध्यम दर्जे का कोहरा छाया रहा। इसके बाद आसमान साफ हो गया। 26 जनवरी और 30 जनवरी को सुबह के समय कोहरा या धुंध छाई रह सकती है, लेकिन बाद में आसमान साफ रहेगा।

मौसम विभाग ने बुजुर्गों और बच्चों के लिये किया अलर्ट 

मौसम विभाग के अनुसार इस बदलते मौसम में लोगों को खास ध्यान रखने की जरूरत है। ठंड से बचने के लिए गर्म कपड़े पहनें, खासकर सुबह और शाम के समय। गरम पेय पदार्थों का सेवन करें और ठंडी चीजों से परहेज करें। बुजुर्गों और बच्चों का खास ख्याल रखें।

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने किया अपना मोबइल नंबर जारी


कहा सरकार के किसी योजना में गड़बड़ी होता है तो लोग दें जानकारी

झारखंड डेस्क 

झारखंड सरकार के वित्त वाणिज्य कर योजना एवं विकास मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने सार्वजनिक रूप से अपना मोबाइल नंबर जारी किया है. 

सार्वजनिक रूप से नंबर जारी करते हुए मंत्री राधा कृष्णकिशोर ने कहा कि सरकार की योजनाओं की क्रियान्वयन में किसी प्रकार की गड़बड़ी हो रही हो या समस्या या शिकायत है तो उन्हें कॉल करें या व्हाट्सएप करें. मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने अपना मोबाइल नंबर 9431135292 को आम लोगों के लिए जारी किया है.

पलामू के सतबरवा प्रखंड के मलय डैम में जिला स्तरीय पंचायत सशक्तिकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया. इसी कार्यशाला में पलामू में संचालित विकास योजनाओं समेत कई बिंदुओं पर समीक्षा की गयी. इस बैठक में झारखंड सरकार के मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने भाग लिया. लोगों को संबोधित करते हुए मंत्री राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि मंईयां सम्मान योजना रेवड़ी नहीं है बल्कि यह माता बहनों की आराधना है.

मंत्री ने कहा कि पंचायत या जिला के विकास में पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका काफी महत्वपूर्ण. शिक्षा व्यवस्था को दुरुस्त करना बेहद ही जरूरी है, इसमें पंचायत जनप्रतिनिधियों की भूमिका अहम है. पंचायत जनप्रतिनिधि नियमित रूप से मध्यान भोजन का निरीक्षण करें. अबुआ आवास योजना का लाभ सीरियल के अनुसार ही मिलना चाहिए.

 अगर क्षेत्र में किसी भी प्रकार की समस्या हो या विकास योजनाओं की क्रियान्वयन में दिक्कत हो रही हो बेहिचक लोग उन्हें कॉल कर सकते हैं या व्हाट्सएप कर सकते हैं.

इस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए पलामू डीसी शशिरंजन ने कहा कि प्रत्येक तीन महीने में पंचायत जनप्रतिनिधियों के साथ कार्यशाला आयोजित होगी. इस कार्यशाला में जिला परिषद अध्यक्ष प्रतिमा कुमारी, उपाध्यक्ष आलोक कुमार सिंह, नगर आयुक्त जावेद हुसैन, उप विकास आयुक्त शब्बीरअहमद मौजूद रहे.

दुमका : चेम्बर ऑफ कॉमर्स ने जरूरतमंदो के बीच बांटा कंबल, लोगों को मिली राहत

दुमका :- दुमका चेम्बर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने जरुरतमंदो के बीच कंबल का वितरण किया। गुरुवार की देर रात चेम्बर ऑफ कॉमर्स के सदस्यों ने शहर एवं ग्रामीण क्षेत्र में घूम-घूम कर ठंड में ठिठुरते लोगों के बीच कंबल वितरण किया। 

सदस्यों ने कचहरी परिसर, शिव पहाड़ चौक, पोखरा चौक, बस स्टैंड, रेलवे स्टेशन, नकटी गांव एवं सड़क मार्ग पर राहगीर एवं अन्य जरूरतमंद लोगों के बीच कंबल बांटा। अध्यक्ष मुस्ताक अली खोखन ने कहा कि गरीब, असहाय एवं मजदूरों एवं जरूरतमंदों की सेवा करना सबसे बड़ा पुनीत कार्य हैं। 

समाज के सभी लोगों को गरीबों के प्रति सच्ची भावना से समर्पित होने की जरूरत हैं। सचिव डॉ. मनोज कुमार घोष ने कहा कि शीत लहरी एवं कड़ाके की ठंड को देखते हुए आनेवाले दिनों में भी शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में जरूरतमंदों के बीच कंबल का वितरण किया जाएगा।

मीडिया प्रभारी रमण कुमार वर्मा ने कहा कि ठंड के बढ़ने से लोगों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, जिसके वजह से सबसे ज्यादा ठंड की मार गरीब तबके के लोगों पर पड़ती है। ऐसे में इस तरह की पहल समाज के लिए प्रेरणादायक साबित होगी। मौके पर सुदीप अग्रवाल, लोकेश दारूका, विकास अग्रवाल, मो.असद आलम सहित अन्य व्यवसायी मौजूद थे।

     

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : लघु व कुटीर उद्योग स्थापित करने की मांग, युवा राजद जल्द सौपेगा ज्ञापन

दुमका : युवा राजद ने दुमका में सरकार से लघु व कुटीर उद्योग स्थापित करने की दिशा में पहल करने की मांग की है। युवा राजद जल्द ही इससे संबंधित एक ज्ञापन श्रम मंत्री को सौपेगा ताकि विकसित दुमका का सपना साकार हो सके। बुधवार को संगठन के युवा जिला उपाध्यक्ष मो सोहेल के निजी आवास पर आयोजित एक बैठक में संगठन के मजबूती एवं विस्तार पर चर्चा की गयी। बैठक में सदस्यता अभियान पर जोर दिया गया। 

मौके पर राजद के अनुमंडल अध्यक्ष जितेश कुमार दास, नगर प्रवक्ता उमेश ठाकुर, प्रखंड अध्यक्ष पिंकू ठाकुर, कृष्णा मिश्रा, शम्स तबरेज, मो बबलू, मो सज्जाद, शुभांशु केसरी, निलेश, आरिफ खान, करीम अंसारी, अहमद रजा, वसीम सिद्दीकी, अरस मंजर सहित अन्य कार्यकर्ता मौजूद थे।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)

दुमका : शिक्षक की हत्या का आरोप, आक्रोशित लोगों ने किया सड़क जाम एवं प्रदर्शन, लचर विधि व्यवस्था पर उठाया सवाल

दुमका : जिले के मुफस्सिल थाना क्षेत्र अंतर्गत कड़हरबील के जंगल से एक शिक्षक के मिले शव के बाद रविवार को उनके परिजन एवं स्थानीय लोग सड़क पर उतर गए। परिजनों ने शिक्षक की हत्या का आरोप लगाया है और आरोपियों की गिरफ्तारी एवं कड़ी कार्रवाई की मांग को सड़क पर उतर गए। परिजनों एवं स्थानीय लोगों ने पुलिस पर पूरे मामले में शिथिलता बरतने का आरोप भी लगाया है। मृतक बीते छह जनवरी से लापता थे और मामले में परिजनों ने पुलिस को आवेदन देकर कार्रवाई की गुहार लगायी थी।

मसलिया के उच्च विद्यालय गोवासोल के प्रभारी प्रधानाध्यापक ब्रेनतियुस हेंब्रम का शव पुलिस ने शनिवार की शाम कड़हरबील के जंगल से पेड़ से लटका हुआ बरामद किया था। मृतक सदर प्रखंड के गांदो के जराडीह के रहने वाले थे।

 रविवार की सुबह मेडिकल कालेज अस्पताल में शव के पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू हुई तो परिजनों के अलावा आदिवासी समुदाय के लोग भड़क गए और पोस्टमार्टम की प्रक्रिया रोकवा दी। शिक्षक ब्रेनतियुस हेंब्रम की कथित हत्या से आक्रोशित लोगों ने शहर के शिवपहाड़ चौक और पोस्टमार्टम हाउस के पास सड़क जाम कर दिया। दिन भर पुलिस लोगों को समझाकर पोस्टमार्टम कराने का प्रयास करती रही लेकिन सफल नहीं हो सकी। 

शाम चार बजे स्वजन ने लिखित आवेदन देने के बाद पोस्टमार्टम की सहमति दी। प्राथमिकी में विद्यालय की एक शिक्षिका के साथ लिपिक आनंद झा पर हत्या करवाने का आरोप लगाया गया है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने संदेह के घेरे में आये लिपिक को हिरासत में ले लिया है।

रविवार की सुबह दस बजे से ही पोस्टमार्टम हाउस के बाहर मृतक के परिजन, साथी शिक्षक और आदिवासी समुदाय के लोगों की भारी भीड़ जुट गयी। अस्पताल के दो चिकित्सक भी पोस्टमार्टम के लिए पहुंचे। तभी लोगों ने पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाते हुए पोस्टमार्टम कराने से मना कर दिया। उनका कहना था कि पुलिस पहले आराेपित की गिरफ्तारी कर सामने लाए, इसके बाद ही पोस्टमार्टम कराया जाएगा। डीएसपी इकुड डुंगडुंग और एसडीपीओ विजय महतो ने लोगों को समझाने का प्रयास किया तो लोगों ने उन पर सवालों की बौछार कर दी। आरोप लगाया कि पुलिस की शिथिलता की वजह से शिक्षक की जान गई है। अगर पुलिस छह जनवरी को मिले आवेदन के आधार पर जांच करती तो शायद आज वे जीवित होते। पुलिस ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन आक्रोशित लोगों के सामने उसकी एक न चली। शाम चार बजे पुलिस के समझाने पर स्वजन पोस्टमार्टम के लिए तैयार हुए। बता दे कि छह जनवरी को ही शिक्षक की पत्नी पुष्पलता सोरेन ने नगर थाना में सनहा दर्ज कराई थी। आठ को आनंद झा पर शक जाहिर करते हुए आवेदन दिया था, लेकिन पुलिस ने उससे कड़ाई से पूछताछ नहीं की। स्थानीय छात्र नेता श्यामदेव हेमब्रम एवं निखिल और बीजेपी नेता गुंजन मरांडी के मुताबिक अगर पुलिस सख्ती से पूछताछ करती तो शिक्षक के साथ ऐसा नहीं होता। कहा कि पुलिस की लापरवाही से शिक्षक की जान गई है। 

छात्र समन्वय समिति के सदस्यों ने राजीव बास्की, श्यामदेव हेब्रम व राजेंद्र मुर्मू के नेतृत्व में आदिवासी छात्रों ने परम्परागत हथियार के साथ प्रदर्शन किया और लचर विधि व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए सरकार पर निशाना साधा। सभी छात्र एसपी कालेज से बस में पोस्टमार्टम हाउस तक आए और पुलिस के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया।

(दुमका से राहुल कुमार गुप्ता की रिपोर्ट)