हाई कोर्ट के चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की बेंच ने धनबाद में रिंग रोड बनाने की याचिका खारिज कर दी है
धनबाद : रिंग रोड बनाने की याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई हुई। चीफ जस्टिस एमएस रामचंद्र राव व जस्टिस गौतम कुमार चौधरी की बेंच ने धनबाद में रिंग रोड बनाने की याचिका खारिज कर दी है।
इससे पहले अजय नारायण लाल की याचिका पर बहस के बाद 7 जनवरी को कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था। यह याचिका ने दायर की थी।
याचिका के मुताबिक सरकार ने 16 मई 2011 को धनबाद में रिंग रोड बनाने की अधिसूचना जारी की थी। जमीन अधिग्रहण पर भी 76 करोड़ खर्च हो गए। मुआवजा भुगतान में गड़बड़ी सामने आने पर इसका काम शुरू नहीं किया गया। कोर्ट ने आदेश में कहा कि धनबाद में रिंग रोड बनाने या न बनाने का फैसला लेना एक प्रशासनिक मामला है। संविधान के अनुच्छेद 226 के तहत यह हाईकोर्ट के अधिकार क्षेत्र का मामला नहीं है।
खासकर जब रिंग रोड के लिए जमीन अधिग्रहण के प्रस्ताव के निपटारे में गंभीर भ्रष्टाचार के आरोप हों और प्रतिवादियों के अनुसार इस संबंध में आपराधिक मामले भी दर्ज किए गए हैं। कोर्ट ने कहा कि अगर जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया पहले ही पूरी हो गई है तो निस्संदेह जमीन राज्य सरकार के पास आ चुकी है। यह स्पष्ट है कि अधिग्रहण के बाद जमीन सरकार की हो जाती है।
अब यह सरकार पर निर्भर है कि उस जमीन का उपयोग उस उद्देश्य के लिए न किया जाए, जिसके लिए अधिग्रहण हुआ था। जब तक अधिग्रहण रद्द नहीं हो जाता। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने सख्त टिप्पणी भी की। विधायिका, न्यायपालिका व कार्यपालिका के अधिकार क्षेत्र की व्याख्या करते हुए कोर्ट ने जजों को भी संयम बरतने और कार्यकारी या विधायी क्षेत्र में अतिक्रमण करने से बचने की सलाह दी।
Jan 19 2025, 18:40