कौन हैं भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य? ठोकी कनाडा में पीएम पद के लिए दावेदारी
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कनाडा में इस समय सियासी हलचल मची हुई है। साल 2015 से प्रधानमंत्री पद पर काबिज जस्टिन ट्रूडो ने देश में लंबे समय से चल रहे विरोध प्रदर्शन के चलते इस्तीफा देने का ऐलान कर दिया है। इसी के बाद भारतीय मूल के चंद्र आर्य ने भी पीएम पद की दावेदारी ठोकी है। इसके साथ ही कनाडा में पीएम पद की रेस में अब एक नया नाम जुड़ गया है। ट्रूडो इस्तीफे के बाद अगला नया नेता चुने जाने तक देश के प्रधानमंत्री पद पर रहेंगे। नए प्रधानमंत्री चुने जाने के बाद वह प्रधानमंत्री पद से हट जाएंगे। ऐसे में कई नेता अब पीएम पद की रेस में है।
कनाडा के भारतीय मूल के सांसद चंद्र आर्य ने गुरुवार को घोषणा की कि वे कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनने की दौड़ में शामिल होंगे। चंद्र आर्य ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा कि वह कनाडा के अगले प्रधानमंत्री बनकर देश के पुनर्निर्माण और समृद्धि की दिशा में काम करना चाहते हैं। एक वीडियो बयान में आर्य ने कहा कि यदि कनाडा की जनता उन्हें निर्वाचित करती है तो तो वे एक कुशल और छोटी सरकार का नेतृत्व करेंगे, जो देश के पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित करेगी। उन्होंने कहा कि मैंने हमेशा कनाडाई लोगों के लिए सबसे अच्छा काम किया है। हमें ऐसे साहसिक निर्णय लेने होंगे जो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए उपयोगी होंगी।
चंद्र आर्य कनाडा के ओटावा से सांसद हैं। उनकी घोषणाओं में कई नीति प्रस्ताव भी शामिल हैं, जिनमें 2040 तक सेवानिवृत्ति की आयु में दो साल की बढ़ोतरी और नागरिकता-आधारित कर प्रणाली की शुरुआत शामिल है। आर्य ने कहा कि उन्हें कनाडा का अगला प्रधानमंत्री बनने के लिए चुनाव लड़ने की प्रेरणा मिली है ताकि देश को पुनर्निर्माण और भविष्य की पीढ़ियों के लिए समृद्धि सुनिश्चित की जा सके। साथ ही आर्य ने यह भी कहा कि कनाडा को ऐसे नेतृत्व की आवश्यकता है जो बड़े और कठिन निर्णय लेने से न डरें। वह हमेशा लिबरल पार्टी की नीतियों से सहमत नहीं रहे हैं और हाल ही में उन्होंने कनाडा में विदेशी हस्तक्षेप के खिलाफ एक याचिका का समर्थन किया था।
कर्नाटक से रखते हैं तालुक
चंद्र आर्य का जन्म कर्नाटक के तुमकुर जिले के द्वारलू गांव में हुआ था और उन्होंने धारवाड़ के कर्नाटक विश्वविद्यालय से एमबीए किया। 2006 में कनाडा जाने के बाद, उन्होंने पहले इंडो-कनाडा ओटावा बिजनेस चैंबर के अध्यक्ष के रूप में काम किया और बाद में 2015 के कनाडाई संघीय चुनाव में नेपियन राइडिंग से सांसद बने। उन्हें 2019 और 2021 में भी दोबारा चुना गया।
चंद्र आर्य की राजनीति में सक्रियता विशेष रूप से भारतीय समुदाय और कनाडा के समाज के महत्वपूर्ण मुद्दों पर रही है। उन्होंने 2022 में कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में अपनी मातृभाषा कन्नड़ में भाषण दिया और टोरंटो में हिंदू मंदिरों की तोड़फोड़ के मामलों में भी मुखर रूप से अपनी आवाज उठाई। इस हमले के लिए उन्होंने खालिस्तानी चरमपंथियों को जिम्मेदार ठहराया।
Jan 10 2025, 11:43