कड़ाके की ठंड से आम जनजीवन प्रभावित, इनके लिए वरदान
डेस्क : बिहार में ठंड का कहर जारी है। राजधानी पटना समेत प्रदेश के तकरीबन सभी जिले शीतलहर की चपेट में है। सभी जिलो का न्यूनतम तापमान 10 डिग्री से नीचे चला गया है। जिससे हाड़ कंपा देने वाली ठंड से पूरा जन-जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
हाड़ कंपा देनेवाली ठंड ने आमलोगों की परेशानी भले ही बढ़ा दी है। लेकिन यह ठंड किसानों के लिए काफी फायदेमंद है। सूबे में बढ़ती ठंड रबी फसलों के लिए काफी अच्छा है। खासकर गेहूं के लिए तो यह वरदान है। पिछले एक पखवारे पहले तापमान अधिक होने के कारण रबी को नुकसान हो रहा था। इसे लेकर विशेषज्ञों ने चिंता भी प्रकट की थी। लेकिन बीते 72 घंटे से राज्य में कड़ाके की ठंड पड़ रही है। इससे जमीन की नमी बढ़ी है। फलस्वरूप रबी फसलों को लाभ होना तय है। ठंड का प्रभाव इसी तरह रहा तो रबी फसलों खासकर गेहूं, मसूर और सरसों को और फायदा होगा।
कृषि विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा मौसम खेती-किसानी के लिए काफी लाभप्रद है। गेहूं सहित अन्य रबी फसलों के लिए जरूरी है कि न्यूनतम यानी रात का तापमान 7 से 9 डिग्री सेल्सियस के बीच हो। इस समय मौसम का यही आलम है। इससे पौधों का विकास ढंग से होगा। उसमें परागण विलंब से होने से दाने पुष्ट होंगे। कीट का प्रकोप भी कम होगा। इसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ेगा और उसमें वृद्धि होगी।
पूसा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि वैज्ञानिक के अनुसार यदि सर्दियों में तापमान सामान्य से अधिक हो जाए, तो फसलों की वृद्धि कम हो सकती है, पौधे कमजोर होंगे। अचानक तापमान में वृद्धि से परागण प्रभावित हो सकता है, जिससे दाना बनने की प्रक्रिया पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है। ऐसे में मौजूदा मौसम रबी फसलों को लिए काफी अच्छा है। यह दाना बनने की प्रक्रिया पर सकारात्मक प्रभाव डालेगा, उपज अच्छी होगी। वहीं आम-लीची के लिए भी बेहद उपयोगी मौसम है। इस समय बारिश हो जाए तो वह सोना जितना कीमती होगा।
Jan 05 2025, 13:35