क्या साथ आएंगे शरद पवार-अजित पवार, क्यों जागीं उम्मीदें?
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महाराष्ट्र की सियासत में चाचा भतीजे की जोड़ी खूब चर्चा में रहती है। एक बार फिर पवार फैमिली को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। महाराष्ट्र की राजनीति में वैसे भी असंभावनाओं से भरी रही है। इस बीच शरद पवार और अजित पवार में सुलह की भी संभावना जताई जा रही है। अब सवाल है कि क्या शरद पवार और अजित पवार क्या साथ आएंगे?
अजित पवार की मां की क्या है आशा
दरअसल, एनसीपी चीफ और महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम अजित पवार की मां आशताबाई की इच्छा तो कुछ ऐसी ही है. अजित पवार की मां आशताबाई ने अपने बेटे अजित और अपने देवर शरद पवार के फिर से एक होने की इच्छा जताई है। उन्होंने नए साल के मौके पर बुधवार को विट्ठल-रुक्मिणी मंदिर में पूजा-अर्चना की। इसके बाद पंढरपुर में पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा, ‘मैंने कामना की है कि पवार परिवार के भीतर मतभेद जल्द से जल्द खत्म हो जाएं। मुझे उम्मीद है कि पांडुरंग मेरी प्रार्थना जरूर सुनेंगे।’
अजित पवार की मां की की यह अपील ऐसे समय में आई है, जब 2023 में एनसीपी और परिवार में विभाजन के बाद चाचा और भतीजे के बीच सुलह की अटकलें लगातार लगाई जा रही हैं।
प्रफुल्ल पटेल ने क्या कहा
इसके साथ ही एनसीपी अजित गुट के वरिष्ठ नेता प्रफुल्ल पटेल ने एनसीपी एसपी प्रमुख शरद पवार को अपना देवता बताया है। उनके इस कथन ने महाराष्ट्र की सियासी हलचल तेज कर दी है। इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट के मुताबिक एनसीपी अजित गुट के दिग्गज नेता प्रफुल्ल पटेल ने कहा, "शरद पवार हमारे देवता हैं। हम उनका बहुत सम्मान करते हैं। अगर पवार परिवार एक साथ आता है, तो हमें बेहद खुशी होगी। मैं खुद को पवार परिवार का सदस्य मानता हूं।"
कई लोग चाहते हैं एक साथ आएं चाचा- भतीजे
प्रफुल्ल पटेल के अलावा एनसीपी विधायक नरहरि झिरवाल ने भी यही बात दोहराते हुए कहा, "शरद पवार साहब को छोड़कर जाना अजीब लगा। कई लोग ऐसा ही महसूस करते हैं। अब मैं उनके पास जाऊंगा और उनसे (अजीत पवार से) एक साथ आने का आग्रह करूंगा। शरद पवार समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों के लिए लगातार काम कर रहे हैं।"
क्यों अहम है दोनों का साथ आना?
महाराष्ट्र की सियासत में पवार फैमिली का दबदबा रहा है। हालांकि, जब से एनसीपी में टूट हुई है, तब से शरद पवार की चमक फिकी ही पड़ी है। अजित पवार और शरद पवार के बीच सुलह की अपील महाराष्ट्र की सियासत में पवार फैमिली के प्रभाव को दर्शाती है। एक ओर जहां शरद इंडिया गठबंधन में एक बड़े नेता बने हुए हैं, वहीं अजित पवार के भाजपा के नेतृत्व वाले एनडीए के साथ गठबंधन ने राज्य के राजनीतिक समीकरणों को बदल कर रख दिया है। अब देखने वाली बात होगी कि क्या शरद पवार और अजित पवार साथ आते हैं या नहीं।
Jan 02 2025, 10:41