ट्रांसजेंडर को लेकर क्या है ट्रंप का रूख? बोले- कार्यकाल संभालते ही सबसे पहले सेना और स्कूलों से हटाऊंगा
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अमेरिका में राष्ट्रपति पद की शपथ लेने से पहले डोनाल्ड ट्रंप अपने इरादे साफ कर रहे हैं। ट्रंप ने लगभग हर क्षेत्र में अपनी नीतियों को लेकर खुलासा कर दिया है। ब अमेरिका के राष्ट्रपति निर्वाचित डोनाल्ड ट्रंप ने ट्रांसजेंडरों को लेकर बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल के पहले ही दिन ट्रांसजेंडरों का पागलपन रोकने का काम करेंगे। ट्रंप ने कहा है कि वह पद संभालते ही अमेरिकी सेना से ट्रांसजेंडरों को बाहर करेंगे। ट्रंप ने कहा कि अमेरिका में सिर्फ दो ही जेंडर हैं।
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एरिजोना में एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि "मैं बाल यौन उत्पीड़न को समाप्त करने, ट्रांसजेंडर को सेना और हमारे प्राथमिक विद्यालयों, माध्यमिक विद्यालयों और उच्च विद्यालयों से बाहर करने के लिए कार्यकारी आदेशों पर हस्ताक्षर करूंगा।"
इसके अलावा उन्होंने कहा कि महिलाओं के खेलों से पुरुषों को भी दूर किया जाएगा। यूएसए सरकार की नीति के तहत यहां केवल दो ही लिंग होंगे। इसके अलावा ट्रंप ने प्रवासी अपराधों के खिलाफ भी कार्रवाई करने का वादा दोहराया। साथ ही ड्रग्स तस्करी करने वाले गिरोहों को आतंकी संगठन घोषित करने और पनामा नहर पर अमेरिकी नियंत्रण की बात भी कही।
डोनाल्ड ट्रंप लंबे समय से ट्रांसजेंडर समुदाय के सेना में शामिल किए जाने का विरोध करते रहे हैं। अपने पहले कार्यकाल के दौरान ट्रंप ने कहा था कि वह इस बारे में बच्चों के सामने नस्लीय सिद्धांत या किसी तरह के लैंगिक-राजनीतिक सामग्री को आगे बढ़ाने वाले स्कूलों की आर्थिक मदद रोक देंगे। इतना ही नहीं ट्रंप खेलों से भी ट्रांसजेंडर्स एथलीट्स को बाहर रखने पर मुखर रहे हैं।
डोनाल्ड ट्रंप ने नशीली दवाओं के उपयोग पर लगाम लगाने की तैयारी की है। उन्होंने कहा कि पदभार ग्रहण करते ही सबसे पहले लैटिन अमेरिकियों के खिलाफ सबसे बड़ा निर्वासन अभियान शुरू किया जाएगा। साथ ही ड्रग तस्करों के समूहों को आतंकी संगठन घोषित किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अमेरिकी धरती पर सक्रिय आपराधिक नेटवर्क को ध्वस्त कर दिया जाएगा, निर्वासित कर दिया जाएगा और खत्म कर दिया जाएगा।









दिल्ली विधानसभा चुनाव से पहले के कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले में पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को बड़ा झटका लगा है। दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) को इस मामले में केस चलाने की मंजूरी दे दी है। 5 दिसंबर को प्रवर्तन निदेशालय ने अरविंद केजरीवाल के खिलाफ मुकदमा चलाने की मंजूरी मांगी थी। अब जाकर उपराज्यपाल ने ईडी को आबकारी नीति मामले में केजरीवाल के खिलाफ केस चलाने की हरी झंडी दे दी है। केजरीवाल पर ये एक्शन अगले साल फरवरी में होने वाले दिल्ली विधानसभा चुनाव से कुछ महीने पहले ही लिया गया है। ऐसे में सवाल उठता है कि आने वाले चुनाव पर इसका कितना असर होगा?
Dec 24 2024, 13:48
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