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अब जल्द ठीक हो सकेंगे अस्थमा के मरीज, ये रिसर्च बन सकती है गेम चेंजर

अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिससे पीड़ित मरीज को सांस लेने में काफी दिक्कत उठानी पड़ती है. आमतौर पर किसी बीमारी से पीड़ित होने के बाद उसके इलाज की आशा मरीज में होती है, लेकिन अस्थमा एक ऐसी बीमारी है, जिससे ग्रसित होने के बाद ताउम्र इससे जुड़ी परेशानियों का सामना करना पड़ता है. अब अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज से पीड़ित मरीजों के लिए पिछले 50 सालों में पहली बार अब इसका इलाज किया जा सकेगा. इसके इलाज के लिए नए तरीके की खोज की गई है. वैज्ञानिकों का मानना है कि इसका असर गेमचेंजर बन सकता है.

रिसर्च करने वाले वैज्ञानिकों की टीम ने जांच में पाया कि अस्थमा और क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) के इंफेक्शन में स्टेरॉयड का इंजेक्शन, दवाइयों के इस्तेमाल से ज्यादा असरदार है. मौजूदा समय में अस्थमा और सीओपीडी के मरीज दवाइयों का इस्तेमाल ज्यादा करते हैं.

वैज्ञानिकों का कहना है कि अगर शुरुआती समय में ही इसके इंजेक्शन लेने से आगे के इलाज की जरूरत में 30 की कमी आ सकती है. लैसेंट रेस्पिरेटरी मेडिसिन जर्नल में प्रकाशित लेख के मुताबिक, इस खोज के बाद इस बीमारी से पीड़ित लाखों लोगों को इससे मिल सकती है. ये रिसर्च सीओपीडी और अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए गेम चेंजर साबित हो सकता है.

इंजेक्शन बीमारी में कैसे करेगा काम?

रिसर्च करने वालों के मुताबिक, बेनरालिजुमैब इंजेक्शन लेने से ‘इओसिनोफिलिक एक्ससेर्बेशन’ को खतम करता है. इसके जरिए इओसिनोफिल्स यानी श्वेत रक्त कोशिका की संख्या में कमी आती है. इससे मरीज के फेफड़ों के सूजन में भी कमी आती है. जिससे मरीज को खांसी, सीने में जकड़न जैसी स्थिति से राहत मिलती है. आंकड़ों के मुताबिक, यूनाइटेड किंगडम में हर साल इस दो मिलियन लोग इससे ग्रसित होते हैं.

आमतौर पर अस्थमा के मरीज स्टेरॉयड दवाओं का इस्तेमाल किया करते हैं. ये दवाइयां फेफड़ों के सूजन में आराम तो देती हैं, लेकिन डायबटीज और ऑस्टियोपोरोसिस से पीड़ित मरीजों के लिए हानिकारक हैं. बार-बार इन दवाइयों के असर की वजह से मरीज का इलाज ठीक ढंग से नहीं हो पाता है. उन्हें स्टेरॉयड लेने की वजह से बार-बार अस्पताल में भर्ती होना पड़ता है. रिपोर्ट के मुताबिक, 90 दिनों के भीतर कई बार मरीज की मौत भी हो जाती है.

WHO के अनुसार अस्थमा क्या है?

विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक, अस्थमा फेफड़ों से जुड़ी बीमारी है. ये किसी भी उम्र के लोगों को हो सकती है, अमूमन बच्चों में ये ज्यादातर पाई जाती है. सांस लेने वाले छोटे वायुमार्गों में जब सूजन बढ़ जाता है तो उसकी जगह की कमी हो जाती है. WHO की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में अस्थमा से कुल 262 मिलियन लोग पीड़ित हुए थे और 4 लाख 55 हजार लोगों की मौत हो गई थी.

अस्थमा बीमारी क्या है?

WHO के मुताबिक, अस्थमा एक प्रमुख गैर-संचारी रोग यानी नॉन कम्युनिकेबल डिजीज है. ये बच्चों, बुजुर्गों और वयस्कों सभी को प्रभावित करती है. ये बीमारी तुरंत ठीक नहीं होती, बल्कि लंबे समय तक मरीजों में बनी रहती है. अस्थमा की वजह से सांस लेने में काफी तकलीफ होती है. इससे पीड़ित मरीज को सांस लेने में परेशानी, सोते समय घरघराहट या सीटी जैसी आवाज़, खांसी और बलगम के साथ-साथ सीने में जकड़न या दर्द की स्थिति बनी होती है.अस्थमा होने के पीछे के कारण धूल, धुआं, प्रदूषण, एलर्जी जैसे धूल मिट्टी के कीटाणु, पालतू जानवरों की रूसी आदि की वजह से हो सकता है.

COPD यानी क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज क्या है?

क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज भी सांस संबंधी बीमारी है. COPD धूम्रपान करने की वजह से होता है. सांस की नली में सूजन आ जाने से है. इसकी बीमारी से ग्रसित मरीज को सांस लेने में परेशानी, खांसी, बलगम और सीने में जकड़न की समस्या होती है

कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने जीडीपी के आंकड़ों को लेकर मोदी सरकार पर साधा निशाना, जानें क्या कहा

कांग्रेस पार्टी के महासचिव (संचार) जयराम रमेश ने जीडीपी के आंकड़ों का हवाला देकर सरकार का जमकर घिराव किया है. उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि भारत का विकास काफी धीमी गति से हो रहा है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का ध्यान विकास की मंदी पर न होकर प्रचार और प्रसार में है. उन्होंने कहा कि सकल घरेलू उत्पाद के आंकड़े परेशान करने वाले हैं. जीडीपी वृद्धी में तिमाही के आंकड़ों के मुताबिक प्राइवेट इन्वेस्टमेंट काफी धीमा है.

पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने यह भी कहा कि जीडीपी वृद्धि के तिमाही आंकड़ों से पता चलता है कि निजी निवेश सुस्त बना हुआ है. लोग ज्यादा समय के लिए निवेश करने से बच रहे हैं. इसके कारण मध्यम और दीर्घकालिक आर्थिक क्षमता में तेजी से गिरावट देखी जा रही है. जयराम रमेश ने कहा कि लोगों की सैलरी में बढ़ोतरी नहीं होना इसका अहम कारण है.

जुलाई से सितंबर के बीच हुई है मामूली बढ़त

जयराम रमेश ने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उन्होंने पोस्ट में जुलाई से सितंबर 2024 के आंकड़ों जिक्र करते हुए लिखा कि ये जीडीपी विकास के आंकड़े अनुमान से कहीं अधिक खराब हैं. भारत में 5.4 प्रतिशत की मामूली वृद्धि दर्ज की गई है और खपत में भी महज 6 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनकी पार्टी के नेता जीडीपी मंदी के इन आंकड़ों पर जानबूझकर ध्यान नहीं दे रहे हैं. लेबल डायनामिक्स ऑफ इंडियन स्टेट्स नामक एक नई रिपोर्ट के मुताबिक ये साफ किया गया है कि भारत में काम करने वालों की सैलरी स्थिर बनी हुई है.

उन्होंने कहा कि रिपोर्ट में आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण डेटा का इस्तेमाल किया गया है कि राष्ट्रीय स्तर पर समग्र वास्तविक वेतन में पिछले पिछले पांच सालों में 0.01 प्रतिशत ही रुकी हुई है. भारत के लोग होप में जी रहे हैं जबकि, प्रधानमंत्री सिर्फ हाइप बनाने में लगे हुए हैं.

प्रियंका गांधी ने वायनाड में की जनसभा, बोलीं- मैं आपके लिए यहां आई हूं, जो कुछ भी कर सकती हूं वो करूंगी

केरल के वायनाड से उपचुनाव जीतने वाली प्रियंका गांधी शनिवार को पहली बार अपने भाई और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के साथ अपने संसदीय क्षेत्र पहुंची. इस दौरान उन्होंने जनसभा को संबोधित किया. प्रियंका ने सबसे पहले अपनी जीत के लिए वायनाड के लोगों का शुक्रिया अदा किया और कहा कि वह यहां के लोगों के बेहतर भविष्य के लिए काम करेंगी.

राहुल और प्रियंका दो दिवसीय दौरे पर केरल पहुंचे हैं. जनता को संबोधित करते हुए प्रियंका ने कहा ‘मैं यहां आपसे सीखने आई हूं. मैं यहां आपकी समस्याओं को गहराई से समझने के लिए हूं. बेशक मैं स्वास्थ्य सेवाओं की आवश्यकता के बारे में जानती हूं. यहां बेहतर शैक्षणिक संस्थानों की जरूरत है. मैं अब इन सबके लिए लड़ने के लिए, आपके साथ काम करने के लिए यहां आई हूं. मैं आपके घर आऊंगी आपसे मिलूंगी खुले हैं, मेरे कार्यालय के दरवाजे खुले हैं. मैं आपको निराश नहीं करूंगी’

राहुल गांधी ने साधा बीजेपी पर निशाना

वहीं राहुल गांधी ने भी जनता को संबोधित किया. इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार पर जमकर निशाना साधा. राहुल ने कहा कि लोकसभा में हम राजनीतिक विचारधार से लड़ रहे हैं. हम भावनाओं, संवेदनाओं, स्नेह और प्रेम की बात करते हैं, लेकिन वो लोग नफरत, क्रोध, विभाजन और हिंसा को बढ़ावा देते हैं. हम लोगों की बात सुनने और विनम्रता के महत्व पर जोर देते हैं, जबकि वो अहंकारी व्यवहार करते हैं. राहुल ने कहा कि उच्च स्तर पर यह वैचारिक लड़ाई सामने आ रही है. संविधान में कहा गया है कि सभी लोगों के साथ समान व्यवहार किया जाना चाहिए.

हम बीजेपी की विचारधारा को हरा देंगे’

इसके आगे राहुल गांधी ने कहा भारतीय संविधान में सभी लोगों, क्षेत्रों और राज्यों के साथ निष्पक्ष व्यवहार करने का प्रावधान है. पीएम मोदी ने घोषणा की है कि वायनाड में जो त्रासदी हुई है, उसके बावजूद वो वह सहायता नहीं देंगे जिसके वे हकदार हैं. इस माहौल में लाखों लोगों की भावनाओं ने हमें वह आत्मविश्वास दिया है जो हमारी रक्षा करता है. राहुल ने कहा कि दिलचस्प बात यह है कि उनके पास मीडिया, पैसा, खुफिया एजेंसियां, सीबीआई, ईडी और आईटी समेत पूरी सरकार है और हमें लोगों का समर्थन भी है. मुझे पूरा भरोसा है कि हम बीजेपी की विचारधारा को हरा देंगे.

दर्श अमावस्या के दिन जरूर करें ये 5 उपाय, पितरों का मिलेगा आशीर्वाद और घर में बनी रहेगी सुख-समृद्धि!

हिंदू धर्म में दर्श अमावस्या का बहुत अधिक महत्व होता है. दर्श अमावस्या पितरों को समर्पित मानी जाती है. इस दिन पितरों की आत्मा की शांति के लिए विशेष पूजा और दान किया जाता है. मान्यता है कि इस दिन पितर लोक से पितृ धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण करना और पिंडदान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इस दिन पितरों की शांति के लिए कुछ उपाय करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. पितृ दोष होने पर इस दिन विशेष पूजा करने से दोष दूर होता है और इस दिन किए गए दान और पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है.

द्रिक पंचांग के अनुसार, मार्गशीर्ष महीने की दर्श अमावस्या तिथि 30 नवंबर को सुबह 10 बजकर 29 मिनट से शुरू होगी और 1 दिसंबर को सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर समाप्त होगी. ऐसे में उदया तिथि की मुताबिक दर्श अमावस्या 30 नवंबर दिन शनिवार को ही मनाई जाएगी.

दर्श अमावस्या पर करें ये उपाय

पितृ दोष निवारण के लिए पूजा

पीपल के पेड़ को पितरों का वास माना जाता है. इस दिन पीपल के पेड़ की पूजा करके जल चढ़ाएं और दीपक जलाएं. पितृदोष निवारण के लिए यंत्र की स्थापना कर पूजा करें और तिल के तेल का दीपक जलाकर पितरों का तर्पण करें. इस दिन मंत्रों का जाप करने से पितरों को शांति मिलती है.

काले तिल का दान पितरों को शांति दिलाता है और गरीबों को अन्न का दान करने से पितरों को तृप्ति मिलती है. इसके साथ ही जरूरतमंदों को वस्त्र दान करने से पुण्य की प्राप्ति होती है और गाय को चारा खिलाने से पितर प्रसन्न होते हैं.

श्राद्ध कर्म

पितरों के नाम से पिंडदान करना बहुत शुभ माना जाता है. दर्श अमावस्या के दिन विधिवत रूप से श्राद्ध कर्म करने से पितरों को मोक्ष की प्राप्ति होती है और लोगों को उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है.

पितरों का करें स्मरण

दर्श अमावस्या के दिन पितरों को याद करके उन्हें श्रद्धांजलि दें. पितरों के नाम से दान करते समय पूर्वजों के नाम का स्मरण करें.

मंदिर में करें पूजा

दर्श अमावस्या के मौके पर शिव मंदिर में जाकर भगवान शिव की पूजा करें और भगवान शिव से पितरों के आशीर्वाद की प्रार्थना करें. दर्श अमावस्या के दिन इन उपायों को करने से पितरों को शांति मिलेगी और आपका जीवन सुखमय होगा.

दर्श अमावस्या का महत्व

दर्श अमावस्या हिंदू धर्म में एक अत्यंत महत्वपूर्ण दिन है, जिसे पितृ पक्ष से भी जोड़ा जाता है. यह दिन हमारे पूर्वजों यानी पितरों को समर्पित होता है. इस दिन पितृ देवता धरती पर आते हैं और अपने वंशजों को आशीर्वाद देते हैं. इस दिन पितरों की पूजा करना, तर्पण करना और पिंडदान करना बहुत महत्वपूर्ण माना जाता है. इससे पितरों की आत्मा को शांति मिलती है. यदि किसी व्यक्ति की कुंडली में पितृ दोष है तो इस दिन विशेष पूजा करने से वह दोष दूर होता है. पितरों को शांत करने से घर में सुख-शांति बनी रहती है. इस दिन किए गए दान और पूजा से पुण्य की प्राप्ति होती है और व्यक्ति के जीवन में आर्थिक उन्नति होती है.

ग्वालियर में ठेकेदार की आत्महत्या: घर में पटाखे जैसी आवाज सुनकर घरवाले कमरे में गए तो खून से लथपथ मिला, सिर में मारी गोली

मध्य प्रदेश के ग्वालियर जिले में एक ठेकेदार ने खुद को गोली मारकर आत्महत्या कर ली है. ठेकेदार हरि सिंह यादव कांग्रेस पार्षद मंगल सिंह यादव के चाचा आप बताए जा रहे हैं. हरि सिंह यादव ने देसी कट्टे से आत्महत्या की है. सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और फॉरेंसिक टीम को भी मौके पर बुलाया गया. फॉरेंसिक टीम को जांच पड़ताल में एक सुसाइड नोट बरामद हुआ है, जिसमें काम धंधे में घाटा होने का ज़िक्र किया गया है.

ग्वालियर की हेम सिंह की परेड इलाके में रहने वाले PWD ठेकेदार हरि सिंह यादव ने शुक्रवार शाम अपने ही घर में परिवार की मौजूदगी में देसी कट्टे से अपने सिर में गोली मार ली. जिस समय हरि सिंह यादव ने खुद को गोली मारी, उसे समय घर में उनके बहु बेटे भी मौजूद थे. गोली चलने के बाद उन्हें लगा कि किसी ने कोई पटाखा चलाया है, लेकिन जब कुछ देर बाद लगातार मोबाइल बजने की आवाज आई और किसी ने फोन नहीं उठाया तो, बेटे ने कमरे में जाकर देखा कि लहूलुहान मृत अवस्था में हरि सिंह यादव पलंग की दीवार से टीके बैठे हुए थे.

मृतक के पास से मिला सुसाइड नोट

पिता की मौत का पता चलते ही कुछ देर तक बेटा सन रहा गया. इसके बाद बेटे ने तुरंत पुलिस और परिवार के अन्य सदस्य को घटना की जानकारी दी.घटनास्थल पर पहुंची माधौगंज थाना पुलिस ने पहले तो प्रारंभिक जांच पड़ताल की और फिर फॉरेंसिक एक्सपर्ट को भी मौके पर बुलाया गया, जहां प्रारंभिक जांच में मामला आत्महत्या का बताया गया है. डेड बॉडी के पास से ही एक सुसाइड नोट भी पुलिस को बरामद हुआ है, जिसमें व्यापार में घाटा होने का ज़िक्र किया गया है.

PWD में ठेकेदार था मृतक

ऐसे में ऐसी आशंका है कि घाटे के डिप्रेशन में आकर हरि सिंह यादव ने सुसाइड कर लिया है. हालांकि, पुलिस ने परिजनों से भी पूछताछ की है. परिजनों ने अभी तक कोई भी खास जानकारी पुलिस को नहीं दी है और ना ही यह बता पाए हैं कि आखिर कौन से व्यापार में उन्हें घाटा हुआ है. मृतक हरि सिंह यादव के भतीजे मंगल सिंह यादव वार्ड क्रमांक से कांग्रेस के पार्षद है. उन्होंने बताया कि उनके चाचा हरि सिंह यादव PWD में ठेकेदारी का काम करते थे.

मामले की जांच में जुटी पुलिस

वह कुछ दिनों से मानसिक रूप से परेशान थे.फिलहाल माधौगंज थाना पुलिस ने मृतक हरि सिंह यादव के शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है. हालांकि, पुलिस इस पूरे मामले को आत्महत्या मानकर चल रही है, लेकिन अभी परिजनों के बयान पुलिस को लेना है और पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने का इंतजार भी पुलिस कर रही है. वहीं, घटनास्थल पर मिले कट्टे को लेकर भी पुलिस पड़ताल कर रही है कि आखिरकार यह देसी कट्टा कहां से आया है. फिलहाल पुलिस मामले में मर्ग कायम कर, जांच जारी है.

वाराणसी के काल भैरव मंदिर में महिला ने काटा केक, वीडियो वायरल होने के बाद लोगों ने जताई नाराजगी

वाराणसी के काल भैरव मंदिर के अंदर केक काटने का एक वीडियो सामने आया है. यह वीडियो 39 सेकंड की है, जिसमें एक महिला मंदिर के अंदर केक काट काटती हुई नजर आ रही है. वीडियो के वायरल होने के बाद लोगों ने अपनी आपत्ति जाहिर कर है. वहीं, काशी विद्वत परिषद ने भी इस वीडियो पर अपना एतराज जताया है. केक काटने के दौरान काल भैरव मंदिर में मौजूद महंत को विद्वत परिषद नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा है.

काल भैरव मंदिर से महिला सोशल मीडिया इनफ्लुएंसर का एक वीडियो सामने आया है. इस वीडियो में महिला को मंदिर के अंदर केक काटते हुए देखा जा सकता है. यह वीडियो सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है. गर्भगृह में केक काटने की वीडियो के सामने आने के बाद लोगों ने इसपर अपनी आपत्ति दर्ज कराई है. बताया जा रहा है कि बीते शुक्रवार को महिला अपना जन्मदिन के लिए बाबा काल भैरव मंदिर पहुंची थी.

गर्भगृह में महिला ने काटा केक

मंदिर में पहुंचने के बाद महिला ने पहले पूजा की थी और बाद में केक काटा था. इस दौरान महिला ने अपनी वीडियो भी बनवाई थी, जो कि आज के समय में सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रही है. हैरान की बात यह है कि मंदिर के महंत और जिम्मेदार लोगों ने महिला को केक काटने से नहीं रोका. 39 सेकंड के वायरल वीडियो में महिला काल भैरव मंदिर जाते हुए, गर्भगृह के सामने केक काटते और फिर मंदिर से वापस आते दिखाई दे रही है.

लोगों ने जाहिर की नाराजगी

इस वीडियो के वायरल होते ही लोगों और श्रद्धालुओं ने अपनी नाराजगी जाहिर की है. उनका कहना है कि काशी के कोतवाल के सामने ऐसी हरकत करना बेहद दुख की बात है. काल भैरव मंदिर के गर्भगृह के सामने जब ये घटना हुई तब मंदिर के पुजारी भी वहां थे. अब मंदिर के महंत ये कह रहे हैं कि उन लोगों को केक काटने और वीडियो बनाने से मना किया गया था, लेकिन वो नही माने थे.

महंत को नोटिस भेजने की तैयारी कर रहा विद्वत परिषद

काशी विद्वत परिषद ने मामले को गंभीरता से लिया है और इसे शास्त्रीय विधान के प्रतिकूल बताया है. विद्वत परिषद के महामंत्री राम नारायण द्विवेदी काल भैरव मंदिर के उस महंत को नोटिस भेजने जा रहा है, जो उस समय मंदिर में था. मंदिर प्रशासन अब मंदिर में वीडियो बनाने और फोटो खींचने को प्रतिबंधित करने की बात कर रहा है.

दिल्ली में वायु प्रदूषण की समस्या गंभीर: अगले 6 दिनों तक बेहद खराब श्रेणी में रहेगी हवा

राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के हालात सुधरते नहीं दिख रहे हैं. अगले 6 दिनों तक दिल्ली की हवा बेहद खराब श्रेणी में रहने की संभावना जताई गई है. शनिवार सुबह 5 बजे दिल्ली का वायु गुणवत्ता इंडेक्स 347 दर्ज किया गया, जो बेहद खराब श्रेणी में है. दिल्ली सरकार प्रदूषण से निपटने के लिए तमाम इंतजाम कर रही है. शुक्रवार को आनंद विहार इलाके में ड्रोन से पानी का छिड़काव करने के लिए पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया गया, जो असफल रहा. हवा में सुधार लाने के लिए दिल्ली में ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान (ग्रैप)-4 लागू किया गया है.

दिल्ली में सांस लेना अभी भी घातक बना हुआ है. धूल के कण हवा में घुले हुए हैं. हवा इतनी खराब हो चुकी है कि लोग सांस संबंधित बीमारियों का शिकार होने लगे हैं. शनिवार की सुबह फिर से वहीं हाल रहा जो अब तक बना हुआ है. खराब हवा के मामले में दिल्ली के शादीपुर, मुंडका, जहांगीरपुरी और बवाना में एक्यूआई 400 से पार पहुंच गया है. वहीं, आनंद विहार, अलीपुर, अशोक विहार, द्वारका, नेहरु नगर, पंजाबी बाग, रोहिणी के हालात भी गंभीर बने हुए हैं. यहां की हवा भी बेहद खराब श्रेणी में है.

सुबह-शाम कोहरा, दिन में आसमान रहेगा साफ

मौसम विभाग के मुताबिक, शनिवार को दिल्ली में आसमान साफ रहेगा. तापमान में हल्की गिरावट रहेगी. सुबह के समय प्रमुख सतही हवा परिवर्तनशील दिशा से आने की संभावना है, जिसकी गति 4 किमी प्रति घंटे से कम होगी. वहीं, हल्का से मध्यम कोहरा रहने की संभावना है. दोपहर के समय हवा की गति धीरे-धीरे बढ़कर उत्तर-पश्चिम दिशा से 6-8 किमी प्रति घंटे हो जाएगी. इसके बाद शाम और रात के समय यह उत्तर-पश्चिम दिशा से 4 किमी प्रति घंटे से कम हो जाएगी. रात में उथला कोहरा रहने की संभावना है.

दिल्ली के इन इलाकों में बेहद खराब श्रेणी में रहा AQI

दिल्ली के कई इलाकों में शनिवार की सुबह वायु गुणवत्ता सूचकांक 400 से पार दर्ज किया गया. इनमें मुंडका में AQI 409, शादीपुर में 409, बवाना में 403, जहांगीरपुरी में 401, पंजाबी बाग में 391, नेहरू नगर में 386, रोहिणी में 377, आनंद विहार में 373, वजीरपुर में 373, DTU में 373, अशोक विहार में 371, द्वारका सेक्टर 8 में 367, आरकेपुरम में 362,ओखला फेस-2 में 355, अलीपुर में 351, मंदिर मार्ग में 344, विवेक विहार में 342, पड़पड़गंज में 340, आईजीआई एयरपोर्ट में 336, सोनिया विहार में 335 और दिलशाद गार्डन का एक्यूआई 314 दर्ज किया गया.

महाराष्ट्र की राजनीति में बड़ा बदलाव: एकनाथ शिंदे आज ले सकते हैं बड़ा फैसला, क्या बढ़ जाएगी बीजेपी की टेंशन

महाराष्ट्र में नई सरकार के गठन को लेकर सस्पेंस लगातार गहराता जा रहा है. मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के अपने पैतृक गांव दारे जाने के कारण शुक्रवार को प्रस्तावित महायुति की बड़ी और महत्वपूर्ण बैठक स्थगित कर हो गई है. वहीं इसपर शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के आगामी फैसले को लेकर एक बड़ा संकेत दे दिया. उन्होंने कहा कि जब भी मुख्यमंत्री को किसी बड़े निर्णय पर विचार करना होता है, तो वह अपने पैतृक गांव जाते हैं. कल शाम तक वह एक बड़ा फैसला लेंगे.

इस देरी के चलते विधानसभा चुनाव के परिणाम घोषित होने के एक सप्ताह बाद भी नई सरकार का गठन नहीं हो सका है. शिवसेना सूत्रों ने बताया कि अब यह बैठक रविवार को मुंबई में आयोजित होने की संभावना है. वहीं भाजपा के नेताओं ने कहा कि वे विधायक दल की बैठक के लिए केंद्रीय पर्यवेक्षकों के आने का इंतजार कर रहे हैं.

दिल्ली में शाह से हुई थी चर्चा

एकनाथ शिंदे ने गुरुवार रात दिल्ली में गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात कर नई सरकार गठन को लेकर चर्चा की थी. शिंदे ने इसे सकारात्मक बताया और शुक्रवार को मुंबई में चर्चा के अगले दौर की उम्मीद जताई थी. हालांकि, भाजपा सूत्रों के अनुसार शुक्रवार को महायुति की कोई बैठक निर्धारित नहीं थी. भाजपा, शिवसेना, और एनसीपी (अजित पवार गुट) के नेताओं ने दिल्ली में शाह और जे.पी. नड्डा से मुलाकात कर सत्ता के बंटवारे पर चर्चा की थी.

शिंदे के उपमुख्यमंत्री बनने पर संशय

शिवसेना के अंदर शिंदे के नए सरकार में भूमिका को लेकर मतभेद उभर रहे हैं. कुछ नेता शिंदे को उपमुख्यमंत्री पद स्वीकार करने की सलाह दे रहे हैं, जबकि अन्य का मानना है कि ढाई साल मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद यह भूमिका उनके लिए उपयुक्त नहीं होगी. शिवसेना नेता संजय शिरसाट ने कहा कि अगर शिंदे उपमुख्यमंत्री का पद नहीं लेते, तो यह पद उनकी पार्टी के किसी और नेता को मिलेगा.

शिवसेना के सीनियर नेताओं की राय

शिवसेना के सीनियर नेता शंभुराज देसाई ने कहा कि पार्टी कार्यकर्ता चाहते हैं कि शिंदे नई सरकार में प्रमुख भूमिका निभाएं. वहीं, सामंत ने कहा कि शिंदे नाराज नहीं हैं, और स्वास्थ्य कारणों से दारे गए हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि बैठक न होने पर वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए चर्चा संभव है.

अगले हफ्ते हो सकत है शपथग्रहण

महाराष्ट्र में 288 सदस्यीय विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 132, शिवसेना ने 57, और एनसीपी (अजित पवार गुट) ने 41 सीटें जीतीं. नई सरकार का शपथ ग्रहण अगले सप्ताह होने की संभावना है. हालांकि, सत्ता बंटवारे और शिंदे की भूमिका को लेकर चल रही खींचतान के कारण प्रक्रिया में देरी हो रही है. महायुति की रविवार को प्रस्तावित बैठक में इस दिशा में बड़ा फैसला लिया जा सकता है.

कान में ईयरफोन लगा होने पर भी सुन सकेंगे सबकी बातें, ये ऐप करेगा मदद: जानें कैसे करें इस्तेमाल और क्या हैं सावधानियां

कई बार ऐसा होता है कि आप ऑफिस में या सड़क पर चलते टाइम बाहर की वॉयस सुन नहीं पाते हैं. आजकल ईयरफोन या ईयरबड्स में कंपनियां कुछ ऐसी सेटिंग देते हैं जिनमें बाहर की वॉयस को बिलकुल बंद किया जा सकता है. लेकिन कई बार बाहर की आवाज सुनना जरूरी हो जाता है, ऐसे में आप अपने फोन में एक सेटिंग कर सकते हैं जिसके बाद आप गाने भी सुन सकेंगे और आपके आस-पास जो बात चल रही है वो भी सुन सकेंगे.

फोन में ये ऐप करें इंस्टॉल

इसके लिए सबसे पहले अपने स्मार्टफोन में Sound Amplifier इंस्टॉल करें. ये आपको गूगल प्ले स्टोर और एपल ऐप स्टोर दोनों पर मिल जाएगा. इसके बाद ऐप ओपन करें, अगर आपके पास वायर्ड ईयरफोन है तो वो कनेक्ट करें, नहीं तो अपने वायरलेस ईयरबड्स कनेक्ट करें.

ब्लूटूथ ईयरबड्स दूर से किसी की आवाज सुनने के भी काम आएंगे. इसका मतलब ये है कि आप एक कमरे में अपना फोन छोड़ देंगे तो दूसरे कमरे में बैठकर उस रूम की आवाजें सुन सकेंगे. डिवाइस कनेक्ट करने के बाद ईयरफोन सेटिंग में जाएं और अपने हिसाब से नॉइस रिडक्शन सब सेट कर सकते हैं.

जिन लोगों को थोड़ा कम सुनता है वो हेडफोन माइक ऑप्शन सलेक्ट कर सकते हैं. किसी दूसरे कमरे की आवाज सुनने के लिए अपने फोन का फोन माइक फीचर ऑन करक छोड़ दें. अब आपके ईयरबड्स में पूरी आवाज साफ-साफ सुनाई देगी.

ज्यादा वॉल्यूम पर ईयरबड्स

अगर आप ईयरबड्स को लंबे समय तक हाई वॉल्यूम पर सुन रहे हैं तो ये आपके लिए नुकसानदायक हो सकता है. इससे आपके सुनने की शक्ति पर भी असर पड़ता है और ईयरबड्स की साउंड क्वालिटी भी कम हो सकती है. ऐसे में ईयबड्स की वॉल्यूम मीडियम लेवल पर रखें और ज्यादा देर तक ईयरबड्स यूज ना करें.

इन बातों का रखें ध्यान

ईयरफोन या ईयरबड्स लगाते टाइम कुछ बातों का ध्यान रखें, 85 डेसिबल से ज्यादा वॉल्यूम ना करें ये आपके कानों के लिए नुकसानदायक मानी जाती है. एक बार में 60 मिनट से ज्यादा देर तक ईयरबड्स को यूज ना करें.

केरल में बड़ा खुलासा: BMW कारों के मालिक और अच्छे मकानों में रहने वाले लोग उठा रहे सामाजिक सुरक्षा पेंशन का फायदा

केरल में एक चौंका देने वाला खुलासा हुआ है. वित्त विभाग ने सामाजिक सुरक्षा पेंशन लाभार्थियों के संबंध में एक समीक्षा की , जिसमें पता चला है कि राज्य में बीएमडब्ल्यू कारों के मालिक और अच्छे मकानों में रहने वाले लोग पेंशन का लाभ उठा रहे हैं. ऐसे में इसे लेकर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. वित्त विभाग के सूत्रों के अनुसार पूरे राज्य में ऐसा ऑडिट किया जाएगा, जिसका लक्ष्य सभी गैर पात्र व्यक्तियों को लाभार्थी सूची से हटाना है.

केरल में राजपत्रित अधिकारियों और कॉलेज के प्रोफेसरों समेत लगभग 1,500 सरकारी कर्मचारियों के फर्जी तरीके से सामाजिक सुरक्षा पेंशन हासिल करने से संबंधित खबरें आने के बाद व्यापक आक्रोश फैला हुआ है, जिसके बीच यह नया खुलासा हुआ है. आर्थिक रूप से मजबूत पृष्ठभूमि के लोगों के सामाजिक सुरक्षा पेंशन प्राप्त करने का यह मामला मलप्पुरम जिले के कोट्टक्कल नगर पालिका से सामने आया है.

एसी में रहने वाले लोग उठा रहे फायदा

अधिकारियों के अनुसार, इस ऑडिट में बीएमडब्ल्यू कारों के मालिकों समेत अपात्र व्यक्तियों के पेंशन का लाभ लेने जैसे चौंकाने वाले मामले सामने आए हैं. एक अधिकारी ने कहा, ‘कुछ पेंशनभोगी कथित तौर पर एयर कंडीशनर जैसी सुविधाओं वाले घरों में रहते हैं. ऐसे भी उदाहरण मिले, जिनमें सरकारी नौकरी कर चुके पेंशनभोगियों के पति या पत्नी कल्याण पेंशन ले रहे थे.

ऑडिट में हुआ खुलासा

राज्य के वित्त मंत्री के.एन. बाल गोपाल ने कोट्टक्कल मामले पर सख्त रुख अपनाते हुए शुक्रवार को उन अधिकारियों की सतर्कता जांच के आदेश दिए, जिन्होंने कथित तौर पर गरीबों की सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना में ऐसे समृद्ध व्यक्तियों को शामिल किया था. वित्त मंत्री ने मिली जानकारी के मुताबिक प्रमाण पत्र जारी करने वाले राजस्व अधिकारियों और पेंशन को मंजूरी देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ सतर्कता से जांच की जाएगी. कोट्टक्कल नगर पालिका के 7वें वार्ड में सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो इस मामले की जांच करेगी. इस जांच से पहले ब्यूरो ने मलप्पुरम वित्त लेखा परीक्षा विभाग ने पेंशन लाभार्थियों की जांच की थी.