कौन हैं स्टीफन मिलर? ट्रंप कैबिनेट में शामिल ये अधिकारी है 'वीजा हेटर', भारतीयों के लिए ना बन जाए मुसीबत
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अमेरिकी चुनाव में राष्ट्रपति पद पर निर्वाचित होने वाले डोनाल्ड ट्रंप लगातार अपने मंत्रीमंडल और सरकार चलाने में मदद करने वाले अधिकारियों का चुनाव कर रहे हैं। इसी बीच, ट्रंप ने राजनीतिक सलाहकार स्टीफन मिलर को अपने नये प्रशासन में नीति मामलों का उप प्रमुख नियुक्त किया है। मिलर को ट्रंप सरकार में इस नई जिम्मेदारी का मिलना हर किसी के लिए हैरान कर देने वाला है क्योंकि वह इमिग्रेशन के मामलों में काफी कट्टरपंथी सोच को बढ़ावा देते हैं। माना जा रहा है कि ट्रंप का यह फैसला अमेरिका में रहने वाले भारतीय सॉफ्टवेयर इंजीनियरों के लिए दिक्कत खड़ी कर सकता है। बता दें कि मिलर H1B1 वीजा के कड़े आलोचक रहे हैं।
कौन हैं मिलर?
मिलर ट्रंप के सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले सहयोगियों में से एक हैं, जो व्हाइट हाउस के लिए उनके पहले चुनाव कैंपेन से ही जुड़े हुए हैं। वे ट्रंप के पहले कार्यकाल में एक वरिष्ठ सलाहकार थे और उनके कई नीतिगत निर्णयों में एक केंद्रीय व्यक्ति रहे हैं, विशेष रूप से आव्रजन पर, जिसमें 2018 में एक निवारक कार्यक्रम के रूप में हजारों अप्रवासी परिवारों को अलग करने का ट्रंप का कदम भी शामिल है।
व्हाइट हाउस छोड़ने के बाद से, मिलर ने अमेरिका फर्स्ट लीगल के अध्यक्ष के रूप में कार्य किया है, जो कि ट्रम्प के सलाहकारों का एक संगठन है, जिसे अमेरिकन सिविल लिबर्टीज यूनियन के रूढ़िवादी संस्करण के रूप में बनाया गया है, जो बाइडेन प्रशासन, मीडिया कंपनियों, विश्वविद्यालयों और अन्य को अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता और धर्म और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे मुद्दों पर चुनौती देता है।
अप्रवासियों को लेकर ट्रंप प्रशासन का विपरीत रुख
फोर्ब्स के अनुसार, अमेरिका में बहुत से अंतर्राष्ट्रीय छात्रों और उच्च-कुशल अप्रवासी अमेरिका में आकर पढाई करते हैं और फिर नौकरी करते है। इसका अमेरिका की अर्थव्यवस्था पर सकारात्मक प्रभाव पड़ता है। अमेरिका की आर्थिक सहमति के बावजूद, ट्रंप प्रशासन ने इसके विपरीत रुख अपनाया हुआ है। H1B1 वीजा पर बैन लगाने के अलावा अधिकारियों ने यूएसए में पढ़ाई करने के लिए इसे कम आकर्षक बनाने के लिए नीतियों का पालन किया है।
भारतीयों की कैसे बढ़ सकती है परेशानी
बता दें कि H1B1 वीजा अमेरिका में इंटरनेशनल छात्रों समेत हाई स्किल्ड विदेशी नागरिकों को अमेरिका में लंबे समय तक काम करने, नौकरी से जुड़े इमिग्रेशन और अमेरिकी नागरिक बनने का मौका देता है। मिलर के कड़े रूख के कारण कई छात्रों और लोगों को वीजा के लिए चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। इससे भारतीयों के लिए अमेरिका में नौकरी के अवसर सीमित हो सकते हैं। वहीं कई लोगों को वीजा में देरी या वीजा रिजेक्शन का सामना भी करना पड़ सकता है।
Nov 15 2024, 09:57