रेप किया, बदन में कीलें ठोकी, फिर जिंदा जलाया...मणिपुर में तीन बच्चों की मां के साथ हैवानियत
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पूर्वोतर का राज्य मणिपुर रह-रह कर सुलग रहा है। राज्य में एक बार हिंसक घटनाओं में तेजी देखी जा रही है। पिछले महीने केन्द्र की पहल पर कुकी, जो-हमार, मैतई और नगा समुदाय के करीब बीस विधायकों ने जातीय संघर्ष का शांतिपूर्ण समाधान ढूंढने के लिए दिल्ली में गृह मंत्रालय के अफसरों के साथ बातचीत की थी। शांति की अपील की गई, लेकिन उसका कोई असर नजर नहीं आ रहा है। बैठक के तीन हफ्ते बाद ही फिर से हिंसा शुरू हो गई। पिछले दो दिनों में हिंसा के ताजा दौर में एक बार फिर महिलाओं के साथ हैवानियत दिखी है।
मणिपुर में पिछले डेढ़ साल से हिंसा का दौर जारी है। बहुसंख्यक मैतई और अल्पसंख्यक कुकी समुदायों के बीच अधिकारों की इस लड़ाई में अब तक 250 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है। दो हजार से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। वहीं साठ हजार से ज्यादा लोग अपना घर-बार छोडक़र राहत शिविरों में रह रहे हैं। इस दौरान मणिपुर हिंसा की कई खौफनाक कहानियां सामने आ चुकी हैं। हिंसाग्रस्त राज्य में महिलाओं के खिलाफ अपराधों की बर्बरता बढ़ती जा रही है। ताजा मामला मणिपुर के जिरीबाम जिले की है। जहां रात संदिग्ध उग्रवादियों ने कहर तीन बच्चों की एक मां पर टूटा। उग्रवादियों ने तीन बच्चों की मां के साथ कथित तौर पर “बलात्कार कर उसे जिंदा जला दिया” और कम से कम 20 घरों में आग लगा दी।
अटॉप्सी रिपोर्ट से पता चला है कि महिला के साथ हैवानों जैसा सलूक किया गया। महिला के पति ने जो एफआईआर दर्ज कराई, उसमें कहा कि घर के भीतर 'बेरहमी से हत्या' किए जाने से पहले उसका बलात्कार किया गया था।
हालांकि, असम के सिलचर मेडिकल कॉलेज में हुए पोस्टमार्टम से यह पता नहीं चल सका कि महिला का रेप किया गया था या नहीं। क्योंकि उसके जले हुए शरीर को देखते हुए डॉक्टरों ने योनि से स्मीयर जुटाने की किसी भी संभावना को सिरे से खारिज कर दिया। महिला का शरीर 99 प्रतिशत तक जल चुका था। हड्डियां तक राख बन गई थीं। रिपोर्ट में 'दाहिनी जांघ के पीछे एक घाव' और 'बाईं जांघ में धातु की एक कील धंसी होने' की बात है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'दाहिना ऊपरी अंग, दोनों निचले अंगों के हिस्से और चेहरे की संरचना गायब है।'
Nov 14 2024, 11:14