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आजमगढ़:-महर्षि ऋषि दुर्वासा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के नहान को लेकर हुई बैठक,भारी संख्या में जुटते हैं श्रद्धालु
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। महर्षि दुर्वासा की तपोस्थली दुर्वाषा धाम पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले को लेकर पुलिस प्रशासन सक्रिय हो गया है। धाम पर स्थित अस्थायी चौकी पर कोतवाली प्रभारी ने बैठक की। इस दौरान क्षेत्रीय लोगों से जानकारी लेने के साथ ही आवश्यक निर्देश भी दिए। 
फूलपुर और  निजामाबाद तहसील के संगम पर स्थित दुर्वासा धाम पर कार्तिक पूर्णिमा के अवसर लगने वाले तीन दिवसीय मेले के लिए तैयारियां तेज हो गयी हैं। इस साल 14 नवंबर को बटोर और 15 नवंबर को नहान और 16 नवंबर को स्थानीय मेला है। तमसा और दूर दराज से काफी संख्या में श्रद्धालु और व्यापारियों का आगमन होता है। मेला की तिथि करीब देख  प्रभारी निरीक्षक शशिचन्द चोधरी ने रविवार को दुर्वासा धाम स्थित पुलिस चौकी प्रागण में क्षेत्र वासियो संघ बैठक कर मेला के दौरान आने वाली छोटी बड़ी समस्या की जानकारी ली। इस दौरान उन्होंने क्षेत्रीय लोगों से सुझाव मांगे। उपस्थित क्षेत्रवासियों ने शान्ति पूर्वक मेला सम्पन्न कराने के लिए पूरा सहयोग देने का आश्वासन दिया। प्रभारी निरीक्षक ने कहा प्रसिद्ध धार्मिक स्थली ऋषियों मुनियों की धरती पर शान्ति पूर्वक मेला स्नान सम्पन्न कराने के लिए हर स्तर से मेरा प्रयास रहेगा ।मेला क्षेत्र में भारी वाहन को दो किलो मीटर पहले रोक दिया जाएगा  छोटे वाहन के पार्किंग की ब्यवस्था मेले से बाहर कराई जाएगी  ।सभी आने वाले मार्गो पर पुलिस का शख्त पहरा रखा जाएगा ।पीएसी महिला पुलिस सहित भारी सख्या में पुलिस बल तैनात किया जाएगा। अवसर पर चन्द्रमौलि पाण्डे प्रेम गोस्वामी राम नवल तिवारी पूर्व प्रधान  जितेंद्र सिंह अनिल राय पद्माकर सिंह शेरू राय सोनू सिंह सिंह सहित दुर्वासा धाम के अगले बगल के ग्रामीण उपस्थित रहे
आजमगढ़:- कभी किसानों का सहारा था उपसंभागीय केंद्र आज खुद कर रहा सहारे की तलाश, कार्यालय के साथ ही मृदा परीक्षण प्रयोगशाला की हुई है स्थापना
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। फूलपुर तहसील मुख्यालय से 5 किमी दूर मुस्तफाबाद गांव में केन्द्र की स्थापना 80 के दशक में की गयी थी। स्थापना के कुछ दिनों बाद से ही यह केंद्र अपने उद्देश्यों से भटक गया। जिसके चलते यह केंद्र किसानों को मुंह चिढ़ाता नजर आ रहा है। विशालकाय केन्द्र के भवन निर्माण में लाखों रुपये खर्च हुए। केंद्र कार्यालय के अलावा मृदा परीक्षण प्रयोगशाला, गोदाम, आवासीय सुविधा, हाल आदि का भव्य निर्माण हुआ। इस कृषि क्षेत्र को विकसित करते हुए।
किसानों को खेती की नयी तकनीकी संबंधी जानकारी देने में यह केन्द्र 90 के दशक तक खरा उतरा। केन्द्र की बदहाली जो शुरू हुई वह आज तक थमने का नाम नहीं ले रही है। आलम यह कि उपसंभागीय कृषि प्रसार केंद्र पर हमेशा ताला लटका रहता है। अब तो किसान केंद्र को भूल ही गए हैं। जिसका मुख्य कारण केंद्र पर किसी भी अधिकारी का न मिलना बताया जा रहा है। भवन की माली हालत जर्जर हो गयी है। खिड़की दरवाजे आदि समान चोर उचक्कों के भेंट चढ़ गये हैं। भूल कर भी कोई किसान यहां नहीं आता। इस केंद्र की स्थापना का मुख्य उद्देश्य तकनीकी खेती के माध्यम से किसानों की आय बढ़ाने का था। क्षेत्र के चंद्रभान यादव, कृष्ण कुमार यादव, जैल सिंह, रविन्द्र यादव, अरुण यादव, उदयभान यादव, सियाराम आदि का कहना है कि अब यहां पर कोई विभागीय अधिकारी एवं कर्ममचारी दिखाई नहीं देता है। लोग धीरे धीरे इस केंद्र को भूलते जा रहे हैं। केंद्र पर तैनात बाबू अरविंद कुमार अस्थाना ने बताया कि फूलपुर, पवई और मार्टीनगंज ब्लाकों के लिए 44 पद स्वीकृत हैं। वर्तमान में 15 कर्मचारी कार्यरत हैं। भवन जर्जर होने के कारण अब यहां पर मीटिंग भी नहीं होती है। इसके जीर्णोद्धार के लिए कई बार लिखा पढ़ी हुई है। संभाग पर किसी संभागीय अधिकारी की नियुक्ति नहीं है। एडीओ कृषि फूलपुर हरिराज सिंह को प्रभार दिया गया है। मुकेश कुमार, उपनिदेशक कृषि।
आजमगढ़:- फसल सुरक्षा के लिए कारगर डंडा बनेगा सर्फ और अंडा, केवीके वैज्ञानिक डॉ रणधीर नायक का दावा नुस्खे का दिखता है असर
वी कुमार यदुवंशी
नीम की खली और तीन किलो ईंट भट्ठे की राख नीलगायों की दुश्मन
आजमगढ़। समस्या तो हर क्षेत्र में दिखती है, लेकिन उसका निदान भी खोजने की जरूरत है। कुछ इसी तरह का समाधान खोजा है कृषि वैज्ञानिक ने। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डॉ. रणधीर नायक ने इसके लिए कई तरह के नुस्खे ईजाद किए हैं। इसमें सबसे आसान तरीका सर्फ के घोल में अंडे मिलाकर छिड़काव करने का है। डॉ. नायक ने बताया कि मुर्गी के पांच अंडे और 50 ग्राम सस्ते वाशिंग पाउडर से करीब 15 लीटर पानी में घोल बनाएं और खड़ी फसल में झाड़ू या डिब्बे से इसका सीधे छिड़काव कर दें। स्प्रे मशीन से छिड़काव करना हो तो घोल को सूती कपड़े से छान लें। गर्मी व सर्दी के दौरान महीने में एक बार और बारिश में जरूरत के मुताबिक यह छिड़काव किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक का दावा है कि अंडों की विशेष गंध से नीलगाय और अन्य पशु फसलों से दूर रहते हैं। इनसेट---------फसलों के आसपास भी नहीं फटकती हैं नीलगाय
आजमगढ़। नीलगाय से फसल बचाने के लिए प्रति बीघे तीन किलो नीम की खली और तीन किलो ईंट भटठे की राख का पाउडर बनाकर छिड़काव किया जा सकता है। इससे फसल को भी फायदा होगा, क्योंकि नीम की खली से फसलों को अल्प मात्रा में नाइट्रोजन की भी आपूर्ति होती है और यह फसल में लगने वाले कीट-पतंगों व रोगों से भी बचाता है। इसी तरह से भट्ठे की राख से फसलों को अल्प मात्रा में सल्फर मिलता है, जिससे फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके छिड़काव के बाद यदि नीलगाय फसल को चरती हैं, तो उनके मुंह में छाले पड़ जाते हैं और दांत भी खट्टे हो जाते हैं। एक ऐसे अनुभव के बाद नीलगाय फसलों के आसपास भी नहीं फटकती हैैं। नीम की गंध के कारण भी जानवर फसलों से दूर रहते हैं। इसका प्रयोग नर्सरी, सब्जी, दलहन, तिलहन व खाद्यान्न की फसलों पर पाक्षिक या महीने में एक बार किया जा सकता है।इनसेट--------
धतुरे और मदार की पत्ती संग लाल मिर्च का बीज भी दुश्मनआजमगढ़। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रणधीर नायक के मुताबिक नीलगायों से फसल बचाने के लिए घरेलू दवाओं का प्रयोग काफी कारगर हो सकता है। वह बताते हैैं कि पांच लीटर गोमूत्र, 2.5 किलो बकाइन या नीम की पत्ती, एक किलो धतूरे की पत्ती, एक किलो मदार की पत्ती, 250 ग्राम लाल मिर्च का बीज, 250 ग्राम लहसुन, 250 ग्राम पत्ते वाली सुर्ती का डंठल, एक किलो नीलगाय के मल को मिट्टी के घड़े में रखें। हल्का सा पानी मिलाएं और घड़े का मुंह बंद कर दें। 25 दिन बाद घड़े का मुंह खोलकर इसे ठीक से मिला लें। इसके बाद पांच लीटर दवा व 95 लीटर पानी मिलाकर प्रति बीघे के हिसाब से प्रयोग करें। यह दवा सभी तरह की फसलों में उपयोग की जा सकती है।
आजमगढ़:- फसल सुरक्षा के लिए कारगर डंडा बनेगा सर्फ और अंडा, केवीके वैज्ञानिक डॉ रणधीर नायक का दावा नुस्खे का दिखता है असर
वी कुमार यदुवंशी
नीम की खली और तीन किलो ईंट भट्ठे की राख नीलगायों की दुश्मन
आजमगढ़। समस्या तो हर क्षेत्र में दिखती है, लेकिन उसका निदान भी खोजने की जरूरत है। कुछ इसी तरह का समाधान खोजा है कृषि वैज्ञानिक ने। कृषि विज्ञान केंद्र के वरिष्ठ मृदा वैज्ञानिक डॉ. रणधीर नायक ने इसके लिए कई तरह के नुस्खे ईजाद किए हैं। इसमें सबसे आसान तरीका सर्फ के घोल में अंडे मिलाकर छिड़काव करने का है। 
डॉ. नायक ने बताया कि मुर्गी के पांच अंडे और 50 ग्राम सस्ते वाशिंग पाउडर से करीब 15 लीटर पानी में घोल बनाएं और खड़ी फसल में झाड़ू या डिब्बे से इसका सीधे छिड़काव कर दें। स्प्रे मशीन से छिड़काव करना हो तो घोल को सूती कपड़े से छान लें। गर्मी व सर्दी के दौरान महीने में एक बार और बारिश में जरूरत के मुताबिक यह छिड़काव किया जा सकता है। कृषि वैज्ञानिक का दावा है कि अंडों की विशेष गंध से नीलगाय और अन्य पशु फसलों से दूर रहते हैं।
इनसेट---------
फसलों के आसपास भी नहीं फटकती हैं नीलगाय
आजमगढ़। नीलगाय से फसल बचाने के लिए प्रति बीघे तीन किलो नीम की खली और तीन किलो ईंट भटठे की राख का पाउडर बनाकर छिड़काव किया जा सकता है। इससे फसल को भी फायदा होगा, क्योंकि नीम की खली से फसलों को अल्प मात्रा में नाइट्रोजन की भी आपूर्ति होती है और यह फसल में लगने वाले कीट-पतंगों व रोगों से भी बचाता है। इसी तरह से भट्ठे की राख से फसलों को अल्प मात्रा में सल्फर मिलता है, जिससे फसलों की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसके छिड़काव के बाद यदि नीलगाय फसल को चरती हैं, तो उनके मुंह में छाले पड़ जाते हैं और दांत भी खट्टे हो जाते हैं। एक ऐसे अनुभव के बाद नीलगाय फसलों के आसपास भी नहीं फटकती हैैं। नीम की गंध के कारण भी जानवर फसलों से दूर रहते हैं। इसका प्रयोग नर्सरी, सब्जी, दलहन, तिलहन व खाद्यान्न की फसलों पर पाक्षिक या महीने में एक बार किया जा सकता है।

इनसेट--------
धतुरे और मदार की पत्ती संग लाल मिर्च का बीज भी दुश्मन
आजमगढ़। कृषि वैज्ञानिक डॉ. रणधीर नायक के मुताबिक नीलगायों से फसल बचाने के लिए घरेलू दवाओं का प्रयोग काफी कारगर हो सकता है। वह बताते हैैं कि पांच लीटर गोमूत्र, 2.5 किलो बकाइन या नीम की पत्ती, एक किलो धतूरे की पत्ती, एक किलो मदार की पत्ती, 250 ग्राम लाल मिर्च का बीज, 250 ग्राम लहसुन, 250 ग्राम पत्ते वाली सुर्ती का डंठल, एक किलो नीलगाय के मल को मिट्टी के घड़े में रखें। हल्का सा पानी मिलाएं और घड़े का मुंह बंद कर दें। 25 दिन बाद घड़े का मुंह खोलकर इसे ठीक से मिला लें। इसके बाद पांच लीटर दवा व 95 लीटर पानी मिलाकर प्रति बीघे के हिसाब से प्रयोग करें। यह दवा सभी तरह की फसलों में उपयोग की जा सकती है।
आजमगढ़:-गरीब लड़की की जान बचाने के लिए बढ़े डॉ आसिफ और अल फलाह फाउंडेशन के हाथ, ठीक होक पहुँची अपने घर
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  सैकड़ों मरीजों को मुफ्त रक्त उपलब्ध कराने वाली जानी-मानी संस्था अल-फलाह फाउंडेशन और डॉ आसिफ के प्रयासों से  सीधा सुल्तानपुर गांव की एक गरीब लड़की की जान बच गई। बच्ची ने पंद्रह दिन से कुछ नहीं खाया था, हालत ऐसी थी कि घरवाले उसके मरने का इंतजार कर रहे थे। जब अल फलाह फाउंडेशन ब्लड डोनेट ग्रुप के संस्थापक जाकिर हुसैन को खबर मिली तो वह तुरंत अख्तरी अस्पताल के मालिक और सराय मीर वेलफेयर सोसायटी के डॉ फहद की मदद से उन्हें सरायमीर डॉ आसिफ के पास ले गए। खून की जरूरत पड़ने पर अल फलाह फाउंडेशन की ओर से खून की व्यवस्था की गई।  इस दौरान रात 12 बजे संस्था कार्यकर्ताओं को ट्रैफिक पुलिस से 4000 का जुर्माना भी भरना पड़ा। ऐसे में अल फलाह फाउंडेशन के लोग लगातार दो दिन और दो रात जागते रहे। इस केस में अल फलाह फाउंडेशन के वसीम, आजम,माज़ और अन्य लोगों ने अपनी अहम भूमिका निभाई।  इस मौके पर अल फलाह फाउंडेशन के संस्थापक जाकिर हुसैन ने कहा कि इस मामले में असली बलिदान जनाब डॉ आसिफ साहब का है। हम सभी उनके आभारी हैं। साथ ही डॉ फहद साहब की अहम भूमिका है।जाकिर हुसैन ने आगे कहा कि समाज के लोगों को ऐसे कार्यों में आगे आना चाहिए. 
आजमगढ़:- युवती को शादी का झाँसा देकर दुष्कर्म का  आरोपी गिरफ्तार
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़। तहबरपुर पुलिस ने सोफीपुर चौराहा के पास से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। आरोप है कि वह पिछले एक साल से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म कर रहा था। 
क्षेत्र की महिला द्वारा  शिकायत किया गया कि शनि यादव पुत्र नन्दलाल यादव निवासी मोहनाठ थाना निजामाबाद उसके साथ विगत एक साल से शादी का झाँसा देकर शारीरिक सम्बन्ध बनाया जा रहा है। पीड़िता गर्भवती हो गयी, जिसका गर्भपात आरोपी द्वारा अपने साथियों के साथ अमरावती चिकत्सालय में कराया।  अब उसके द्वारा शादी से इनकार करते हुये गाली-गलौज किया जा रहा है। शनिवार को व0उ0नि0 संजय कुमार सिंह मय हमराह द्वारा आरोपी को सोफीपुर चौराहा पर ढढ़नी जाने वाले मार्ग से गिरफ्तार किया गया।
आजमगढ़:-डॉ गरिमा आईआईएम जम्मू में बनी असिटेंट प्रोफेसर, शुभचिंतकों ने दी बधाई
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  लालगंज तहसील क्षेत्र के कटघर लालगंज निवासी डॉ गरिमा मौर्या पुत्री देवदत्त मौर्य का चयन आईआईएम जम्मू में असिस्टेंट प्रोफेसर के पद पर हुआ है। उनके चयन पर क्षेत्रीय लोगों एवं शुभचिंतकों ने शुभकामनाएं दी हैं। डॉ गरिमा मौर्या स्नातक और परास्नातक की डिग्री काशी हिंदू विश्वविद्यालय वाराणसी से की है। इसके बाद उन्होंने आईआईटी कानपुर से पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। गरिमा के पास दो भाई बसन्त और डॉ विजय कुमार और दो बहनें कृष्णा और श्वेता मौर्या हैं। चयन के बाद डॉ गरिमा मौर्या ने कहा कि माता, पिता और गुरुजनों के सहयोग से यह सफलता मिली है। 
आजमगढ़:- फर्जी व कूटरचित दस्ताबेज के आधार पर पासपोर्ट बनवाने वाला आरोपी गिरफ्तार
वी कुमार यदुवंशी
आजमगढ़।  दीदारगंज पुलिस ने फर्जी और कूटरचित दस्ताबेज लगाकर पासपोर्ट बनवाने के आरोप में एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है। हरेन्द्र कुमार पुत्र फिरन्ती निवासी राजापुर हाउस थाना दीदारगंज द्वारा अपना नाम व जन्मतिथि परिवर्तित कर फर्जी व कूटरचित दस्ताबेजों के आधार पर दो पासपोर्ट बनवा लिया गया। शुक्रवार को उ0नि0 नागेन्द्र पाण्डेय मय हमराह द्वारा मुकदमा उपरोक्त में वांछित अभियुक्त को उसके घर 2 पासपोर्ट के साथ  गिरफ्तार किया गया। 

आजमगढ़:-अस्ताचल भगवान भास्कर को सुहागिनों ने दिया पहला अर्ध्य,  माहुल के कालीचौरा पोखरे पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
वी कुमार यदुवंशी
 आजमगढ़।  लोक  आस्था और सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार  को सुहागिन महिलाओं ने अंबारी, खांजहापुर, प्राचीन शिवमंदिर पल्थी, पलिया, भेड़िया, दीदारगंज, बेलसिया, बिलारमऊ, गोधना, मैगना आदि भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया।माहुल के सिद्धपीठ कालीचौरा पोखरे पर पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हुए उन्होंने संतान और पति के सुख समृद्धि और मंगल की कामना किया।
 रंगीन झालरों से सजे सिद्धपीठ काली चौरा पोखरे पर शाम चार बजे से माथे पर फल फूल आदि से लदे दऊरी और सूप लेकर गाजे बाजे के साथ ब्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं का क्षेत्र के विभिन्न गावों से आना शुरू हुआ।कुछ देर बाद काली चौरा परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया।इस दौरान छठ मैया के गीतों से पूरा इलाका गूंज उठा।उसके बाद अपनी अपनी वेदियों के पास ब्रतियो द्वारा धूप दीप प्रज्वलित कर भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की गई।तत्पश्चात पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। सुजीत जायसवाल आशू माहुल में छठ में श्रद्धालुओं के सहयोग में लगे रहे।  दिलीप सिंह बघेल ,विष्णु कांत पांडेय,मोहन सोनकर आदि रहे।

आजमगढ़:-अस्ताचल भगवान भास्कर को सुहागिनों ने दिया पहला अर्ध्य,  माहुल के कालीचौरा पोखरे पर उमड़ा आस्था का जनसैलाब
वी कुमार यदुवंशी
 आजमगढ़।  लोक  आस्था और सूर्य उपासना के चार दिवसीय छठ महापर्व के तीसरे दिन गुरुवार  को सुहागिन महिलाओं ने अंबारी, खांजहापुर, प्राचीन शिवमंदिर पल्थी, पलिया, भेड़िया, दीदारगंज, बेलसिया, बिलारमऊ, गोधना, मैगना आदि भगवान भास्कर को पहला अर्घ्य अर्पित किया।माहुल के सिद्धपीठ कालीचौरा पोखरे पर पानी में खड़े होकर अर्घ्य देते हुए उन्होंने संतान और पति के सुख समृद्धि और मंगल की कामना किया।
 रंगीन झालरों से सजे सिद्धपीठ काली चौरा पोखरे पर शाम चार बजे से माथे पर फल फूल आदि से लदे दऊरी और सूप लेकर गाजे बाजे के साथ ब्रती महिलाओं और श्रद्धालुओं का क्षेत्र के विभिन्न गावों से आना शुरू हुआ।कुछ देर बाद काली चौरा परिसर श्रद्धालुओं से खचाखच भर गया।इस दौरान छठ मैया के गीतों से पूरा इलाका गूंज उठा।उसके बाद अपनी अपनी वेदियों के पास ब्रतियो द्वारा धूप दीप प्रज्वलित कर भगवान भास्कर और छठी मैया की पूजा अर्चना की गई।तत्पश्चात पानी में खड़े होकर अस्ताचल सूर्य को अर्घ्य अर्पित किया। सुजीत जायसवाल आशू माहुल में छठ में श्रद्धालुओं के सहयोग में लगे रहे।  दिलीप सिंह बघेल ,विष्णु कांत पांडेय,मोहन सोनकर आदि रहे।