विष पीते हुए युग बीत गये अब ताण्डव नृत्य हमें करना है
आरएन सिंह
बिसवां(सीतापुर)। ऐतिहासिक रामलीला मेला मैदान में नगर पालिका परिषद बिसवां द्वारा अखिल भारतीय कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया जिसका संयोजन कमलेश मौर्य मृदु के मार्गदर्शन में राष्ट्रीय कवि संगम सीतापुर इकाई व संस्कार भारती बिसवां इकाई के संयुक्त तत्वाधान में किया गया।
कार्यक्रम संयोजक आनन्द खत्री आनन्द द्वारा अतिथियो का स्वागत किया गया।कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार पद्मकांत शर्मा प्रभात ने की सफल संचालन कवि संजय सांवरा के द्वारा किया गया।कार्यक्रम का शुभारंभ कवयित्री सोनी मिश्रा की वाणी वंदना के साथ हुआ।
संचालन कर रहे संजय सांवरा ने कहा आज देश में जो दंगों व पत्थर बाजी की घटनाएं हो रही है उन पर प्रतिक्रिया स्वरूप एक सवैया छंद भेजते हुए सनातन धर्म के अनुयायियों का आह्वान किया है मैं उन पंक्तियों को प्रस्तुत कर रहा हूं।
फुफकारते आज जेहादी खड़े हमको बिना मौत नहीं मरना है।
फन को हम नाथ के नाचने वाले कन्हैया हैं व्यर्थ नहीं डरना है।
भय के बिना प्रीति न होती कभी यह ज्ञान सनातन में भरना है।
विष पीते हुए युग बीत गए अब ताण्डव नृत्य हमें करना है।।
इस कार्यक्रम में कलकत्ता से पधारे श्यामल मजूमदार सामजिक परिपेक्ष्य पर कुठाराघात करते हुए कहा कि
धूप निकली थी कल अब गलन हो गयी
धूप भी आज कल बदचलन हो गयी ।
काकोरी लखनऊ से पधारे कवि अशोक अग्निपथी ने कहा कि
यदि काकोरी की माटी का स्वर्णिम इतिहास नही होता,
तो हम सबके इस जीवन में मधुरिम मधुमास नहीं होता।
काशी से पधारे अटल नारायण अटल ने कहा कि
राम नाम जपते थे वीर हनुमान नित्य
नाम के प्रभाव से ही पाप का शमन है।
पीलीभीत से पधारी श्रृंगार की कवयित्री सरोज सरगम ने कहा कि
बिन बादल बरखा की प्यास बुझा जाओ
प्रीत की रीत ओ साजन आज निभा जाओ।
बाराबंकी से ओज कवि शिवकुमार व्यासने कहा
तन से हूं कमजोर लेकिन मन शिवाला है।
लीक से हटकर चलन का शौक पाला है।
भीख में ले रौशनी मैं चांद सा दिखता नहीं,
हूं भले जुगनू मगर अपना उजाला है।।
हास्य व्यंग्य के सशक्त हस्ताक्षर विकास बौखल,बाराबंकी ने खूब हंसाया
किसी खंजर से ना तलवार से जोड़ा जाए।
सारी दुनिया को चलो प्यार से जोड़ा जाए।
ये किसी शख्स को दोबारा ना मिलने पाए,
प्यार के रोग को आधार से जोड़ा जाए।
बाराबंकी से हास्य कवि संदीप अनुरागी लखनऊ से चेत राम अग्यानी ने अपने काव्यपाठ से श्रोताओं का मन मोह लिया।देर रात तक श्रोतागण डटे रहे तालियों से कवियों का उत्साहवर्धन करते रहे ।नगरपा पालिका परिषद के अधिकारी आशीष यादव, शौरभ शुक्ला अजित सिंह अहमद हुसेन, सहित रोहित शर्मा बिन्दु पंकज आदि का विशेष सहयोग रहा।श्रोताओ में कवि अरुण बेधड़क,बैकुंठ सागर,विजय रस्तोगी,शिवानंद प्रेमी, अमोद मिश्र,एस आई रमेश सिंह, शायर नैय्यर शाकेब, अमोद मिश्र, नरेंद्र मिश्र, मनोज श्रीवास्तव अरुण मिश्र, रविन्द्र मिश्र ,आशुतोष मिश्र सहित बडी संख्या मे नगर के संभ्रांत जन उपस्थित रहे। ।
Oct 24 2024, 18:34