भारतीय सेना विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स पर फिर से पेट्रोलिंग कर सकेगी, भारत चीन दोनों देशों के बीच के रिश्तों में दिखी नरमी
भारत और चीन के बीच लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर जारी सैन्य गतिरोध को समाप्त करने पर सहमति बन गई है। चीन के विदेश मंत्रालय ने इस बात की पुष्टि की है कि दोनों देशों के बीच राजनयिक और सैन्य स्तर पर बातचीत के बाद यह निर्णय लिया गया है।
भारतीय विदेश सचिव ने भी इस समझौते की जानकारी दी, जिसके अनुसार दोनों सेनाएं अब अपनी पुरानी स्थिति पर लौटेंगी। इस समझौते के तहत भारतीय सेना विवादित पेट्रोलिंग प्वॉइंट्स पर फिर से पेट्रोलिंग कर सकेगी, जिससे दोनों देशों के बीच के रिश्तों में थोड़ी नरमी देखने को मिली है। विशेषज्ञों का मानना है कि यह समझौता भारत और चीन के बीच सीमा विवाद का समाधान करने की दिशा में एक नई शुरुआत है। पिछले कुछ समय में, विशेष रूप से 2020 में गलवान घाटी में हुई हिंसक झड़प के बाद से, दोनों देशों के संबंधों में तनाव बढ़ गया था। हालांकि, हाल की बातचीत के चलते यह आशा की जा रही है कि संबंधों में सुधार हो सकता है।
प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच पिछली बार 2023 में ब्रिक्स बैठक के दौरान बातचीत हुई थी, लेकिन तब कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं हो पाई थी। जियोपॉलिटिक्स में हुए बदलावों के कारण चीन को पश्चिमी देशों के साथ रिश्तों में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे वह थोड़ी बैकफुट पर नजर आ रहा है।
2020 में गलवान घाटी में हुई झड़प के दौरान भारत के 20 सैनिक शहीद हुए थे, जबकि चीन ने केवल 4 सैनिकों की मौत की पुष्टि की थी। इस घटना के बाद से दोनों देशों के बीच संबंधों में तल्खी आई थी, लेकिन हाल का समझौता एक सकारात्मक कदम साबित हो सकता है।
Oct 22 2024, 18:37