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पत्नी की आत्महत्या के बाद सिपाही पति ने की खुदकुशी

रायबरेली । गांव में पत्नी द्वारा आत्महत्या की सूचना से आहत सिपाही ने अपने आवास में फंदा लगाकर जान दे दी । उसका शव उसके आवास में फंदे पर लटकता मिला है । घटना से पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया । उसके आवास पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर जांच शुरू कर दी है ।

यह घटना शुक्रवार अपराह्न हुई है । ऊंचाहार कोतवाली में तैनात सिपाही उपमेंद्र सिंह पुत्र राम नारायण सिंह औरैया जनपद के बनारसीदास का रहने वाला था । वह करीब दो साल से ऊंचाहार कोतवाली में तैनात था । शुक्रवार को उसकी कोतवाली में पहरा ड्यूटी थी । दोपहर एक बजे उसने अपनी ड्यूटी खत्म की , उसके बाद नगर के गायत्री नगर मुहल्ले में अपने किराए के मकान में चला गया । दोपहर बाद करीब तीन बजे मुहल्ले के लोग उसके कमरे की ओर गए और उसका दरवाजा खोला तो दंग रह गए ।

सिपाही का शव एक रस्सी के सहारे छत की हुक से लटक रहा था । आसपास के लोगों ने तत्काल इसकी सूचना कोतवाली को दी तो पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया । तत्काल मौके पर भारी पुलिस बल पहुंचा और सिपाही के शव को फंदे से उतारकर कब्जे में लिया गया । बताया जाता है कि शुक्रवार को दिन में करीब 11 बजे उसकी पत्नी संतोषी ने भी फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली थी । अनुमान लगाया जाता है कि पत्नी की मौत की सूचना मिलने के बाद सिपाही ने यह कदम उठाया है । पुलिस पूरे मामले की जांच कर रही है ।

घर से गायब हुए बुजुर्ग को पुलिस ने बेटी से मिलवाया

रायबरेली।बछरावां में एक बुजुर्ग अपनी बेटी के घर से दो दिन पूर्व अचानक चले गए ।काफी खोजबीन के बाद भी उनका पता नहीं चला। अचानक क्षेत्र के पस्तौर गांव में पुलिस को सूचना मिली कि एक बुजुर्ग यहां पर घूम रहे हैं और उसको गांव के कुछ लोग घेरे हुए हैं ।

मौके पर पहुंची पुलिस ने 70 वर्षीय उक्त वृद्ध से जब उनका पता पूछा तो वह कुछ सही-सही नहीं बता पा रहे थे सिर्फ जोहवा गांव बता रहे थे। आसपास के गांव में पता लगाया गया तो पड़ोस के गांव जोहवा मटकी के ग्राम प्रधान से पुलिस ने फोटो भेज कर संपर्क किया तब उनकी पहचान हो पाई।

इस बारे में थानाध्यक्ष ओमप्रकाश तिवारी ने बताया कि मामले की सूचना पर बुजुर्ग के बेटी व दामाद थाने पहुंचे । बेटी ने बताया कि एक माह से उनके पिता उनके साथ रह रहे थे और अचानक दो दिन पहले कहीं गायब हो गए। उनकी खोज बीन सब लोग कर रहे थे। अपने पिता को पाकर बेटी बेहद खुश हुई। बेटी ने पुलिस को धन्यवाद दिया।

पत्रकार बच्चा दादा को पितृ शोक, पत्रकारों में शोक की लहर

रायबरेली। पत्रकार ओम प्रकाश मिश्र उर्फ बच्चा दादा के पिता वरिष्ठ साहित्यकार कमलाकांत मिश्र (93) का सोमवार सुबह 9 बजे एम्स में इलाज के दौरान निधन हो गया। निधन की खबर मिलते ही पत्रकारों और साहित्यकारों में शोक के लहर फैल गई। उन्हें मस्तिष्क आघात होने पर ज्येष्ठ पुत्र वरिष्ठ पत्रकार ओम प्रकाश मिश्र बच्चा दादा ने 30 सितंबर को भर्ती कराया था। प्रभू टाउन निवासी काशी प्रसाद मिश्र के ज्येष्ठ पुत्र कमलाकांत मिश्र शुरू से ही कुशाग्र बुद्धि के थे। वे विश्व हिंदू परिषद एवं विभिन्न हिंदू संगठनों से जुड़े रहे।

उन्होंने पहले भारतीय रेलवे में नौकरी शुरू की थी और बाद में मां के कहने पर नौकरी से इस्तीफा दे दिया था। साहित्य में उनकी शुरू से ही बड़ी रुचि थी, वह कविताएं भी लिखते थे और स्थानीय स्तर पर कवि सम्मेलन में भाग लेने जाते थे। इसके अलावा संगीत में रुचि होने के कारण पद्म भूषण से सम्मानित उस्ताद अब्दुल रशीद खान से जुड़े रहे और उनसे तबला वाद्य , शास्त्रीय संगीत के गुर भी सीखे। उनका जन्म लालगंज के बेहटाकला गांव के प्रतिष्ठित मिश्र परिवार में हुआ जिसका विस्तार शहर रायबरेली से लेकर कोलकाता फैला।

शहर में इन्ही के सगे चाचा मदन मोहन मिश्रा कांग्रेस के विधायक बने जो 1967 से 1974 तक इंदिरा गांधी के बहुत करीबी नेताओं में से एक थे। दूसरे मान भाई मिश्र का बड़ा नाम था वो शहर के जाने-माने अधिवक्ताओं में से एक थे। वे अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं जिसमें ज्येष्ठ पुत्र ओमप्रकाश मिश्र (बच्चा दादा) लखनऊ से प्रकाशित एक अखबार के जिला संवाददाता हैं और नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट इंडिया की जिला इकाई के अध्यक्ष हैं। छोटे पुत्र दुर्गेश मिश्रा (राम) सहित चार विवाहित पुत्रियां हैं। प्रभू टाउन आवास पर अंतिम विदाई में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

उनके बड़े दामाद अंजनी कुमार त्रिवेदी, बृजेश कुमार मिश्रा,अनिल कुमार मिश्र, नन्हू, सहित परिजनों में बसंत कुमार मिश्र, अशोक कुमार मिश्र, संजीव कुमार मिश्र, शैलेंद्र मिश्र उर्फ छोटे, जितेंद्र मिश्र उर्फ राम भैया,

अनुराग त्रिवेदी व अमिताभ त्रिवेदी के अलावा बच्चू त्रिवेदी दादा, फाना दादा ,महेंद्र कुमार त्रिवेदी धून्नर, कांग्रेस नेता सुनील तिवारी, शैलेंद्र तिवारी, शरद त्रिपाठी, नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष राघवेंद्र प्रताप सिंह, प्रेस क्लब के अध्यक्ष प्रेम नारायण द्विवेदी, विजय करण द्विवेदी, अनुज अवस्थी, रोहित मिश्र, धैर्य शुक्ला, सुशील त्रिपाठी, पुलक त्रिपाठी, राजपाल सिंह, मनीष श्रीवास्तव, कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राजेश सिंह, कांग्रेस के शहर अध्यक्ष धीरज श्रीवास्तव, कांग्रेस नेता अनवर पठान, व अमीन पठान, वरिष्ठ साहित्यकार प्रमोद शंकर शुक्ला, प्रदीप कुमार त्रिवेदी पप्पू भैया, संतोष त्रिवेदी, शब्बीर अहमद, अश्विनी त्रिवेदी, देवेंद्र शुक्ला, प्रवीण शुक्ला, विनोद सिंह, सभासद धर्मेंद्र द्विवेदी, सलोन से पूर्व सभासद इसरार हैदर रानू, एवं नेशनल यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट के प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सक्सेना, प्रदेश मंत्री दुर्गेश मिश्र, प्रदेश महामंत्री संतोष भगवन, कोषाध्यक्ष अनुपम चौहान सहित विभिन्न वर्गों के लोगों ने उनके निधन पर शोक जताया।डलमऊ गंगा घाट पर उन्हें अंतिम विदाई दी गई। घाट पर सैकड़ों लोग मौजूद रहे।

पूर्व विधायक व भाजपा नेता गजाधर सिंह का निधन
रायबरेली। भाजपा नेता व पूर्व विधायक गजाधर सिंह का रविवार को 77 वर्ष की उम्र में हृदयगति रुकने से निधन हो गया। वह 1993 में सपा और बसपा के गठबंधन से ऊंचाहार से विधायक चुने गए थे। वर्तमान में भाजपा के विद्यालय प्रबंधन प्रकोष्ठ के क्षेत्रीय सह संयोजक के पद पर थे। रायबरेली की राजनीति में अहम स्थान रखने वाले गजाधर सिंह के बेटे विवेक सिंह जिला सहकारी बैंक के चेयरमैन हैं। पूर्व केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने उनके निधन को अपूर्णीय क्षति बताया है।

रविवार को रायबरेली स्तिथ आवास पर वह कार्यकर्ताओं के साथ बैठे थे तभी अचानक सीने में दर्द की शिकायत पर उन्हें अस्पताल ले जाया गया। जहां चिकित्सकों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। गजाधर सिंह ने राजनीतिक जीवन की शुरुआत डीह के ब्लाक प्रमुख बनकर की थी। वह 1993 में सपा बसपा गठबंधन से डलमऊ विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज कर विधायक बने। पूर्व विधायक गजाधर सिंह ने सपा के टिकट पर रायबरेली लोकसभा का चुनाव भी लड़ा था। इसके साथ ही गजाधर सिंह रायबरेली को- ऑपरेटिव बैंक के चार बार अध्यक्ष रहे।

वर्तमान में वह बीजेपी के विद्यालय प्रबंधन के क्षेत्रीय सह संयोजक के पद पर काम कर रहे थे। पूर्व विधायक गजाधर सिंह के परिवार में तीन बेटे और एक बेटी है। जबकि छोटे बेटे उदय विक्रम सिंह डीह के ब्लाक प्रमुख के साथ वर्तमान में जिला सहकारी बैंक के अध्यक्ष भी हैं। उनके निधन के बाद उनके घर पर शोक संवेदना व्यक्त करने वालाें का तांता लगा है। जिले के कई गणमान्य लोग उनके आवास पर पहुँच रहे हैं।
रोडवेज बस और ट्रक में आमने-सामने भिड़ंत तीन घायल

जगतपुर, रायबरेली। थाना क्षेत्र के लखनऊ प्रयागराज मार्ग पर इसौर डे्न के पास ट्रक और रोडवेज बस में आमने-सामने भिड़ंत हो गई जिसमें रोडवेज बस के ड्राइवर ट्रक के ड्राइवर व कंडक्टर घायल हो गए घायलों को जगतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद तीनों घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया।

शुक्रवार को लखनऊ प्रयागराज मार्ग पर इसौर डे्न के पास इलाहाबाद की तरफ जा रही रोडवेज बस तथा जगतपुर के तरफ से आ रहे ट्रक में आमने-सामने भिड़ंत हो गई। इसके चीख पुकार मच गई। स्थानीय लोगों द्वारा इसकी सूचना पुलिस को दी गई मौके पर पहुंची पुलिस व एंबुलेंस द्वारा घायल दीनदयाल पुत्र राधेश्याम निवासी रायबरेली व राजेंद्र कुमार पुत्र बुधई पाल निवासी रानीगंज प्रतापगढ़, तथा सुभाष पुत्र रमेश चंद्र निवासी गवर्न्मेंट कॉलोनी रायबरेली घायल हो गए। सभी घायलों को जगतपुर सीएचसी में भर्ती कराया गया। जहां पर प्राथमिक उपचार के बाद तीनों घायलों को जिला चिकित्सालय भेजा गया । सीएचसी के अधीक्षक एलपी सोनकर ने बताया कि घायल दीनदयाल का पैर फैक्चर हो गया था। तथा राजेंद्र व सुभाष के हाथ में गंभीर चोटे थी। उपचार के बाद तीनों को जिला चिकित्सालय भेजा गया।

देखते ही देखते सड़क पर लग गया लंबा जाम पुलिस व स्थानीय लोगों की मदद से किसी तरीके से जाम खुलवाया गया तथा रोडवेज बस की सवारी को दूसरे रोडवेज बस में शिफ्ट कर उन्हें गंतव्य स्थान के लिए भेजा गया।

रोडवेज बस पर ड्राइवर के पीछे बैठी दो तीन सवारियां घायल हो गई लेकिन वह इलाज करने के लिए कहीं नहीं गई सीधे वह अपने गंतव्य स्थान के लिए रवाना हो गई ।

एफएलएन प्रशिक्षण के टिप्स का बच्चों पर करें प्रयोग: बृजलाल

रायबरेली। भाषा और गणित में बच्चों की दक्षता बढ़ाने और उनको निपुण बनाने के उद्देश्य से शिक्षकों को उपचारात्मक शिक्षण की ट्रेनिंग दी जा रही है। अमावां ब्लॉक में करीब 450 शिक्षक और शिक्षामित्रों को ट्रेनिंग दी जा रही है। शिक्षकों का चार दिवसीय एफएलएन प्रशिक्षण के रूप में एआरपी द्वारा दिया जा रहा है।

अमावां ब्लॉक के बीआरसी के दो हॉलों में चल रही ट्रेनिंग में शिक्षकों से बातचीत करते हुए बीईओ बृजलाल ने कहा कि बच्चों की दक्षता विकसित करें शिक्षक, प्रशिक्षण में जो भी सीखें उसे बच्चों के बीच करें ताकि उन्हें बेहतर तरीके से पढ़ाया जा सकें।

बता दें, इस प्रशिक्षण का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा इस वर्ष कक्षा 1 व 2 में लागू एनसीईआरटी आधारित नवीन पाठ्य पुस्तकों सारंगी(हिंदी), आनन्दमय गणित(गणित) और मृदंग(अंग्रेजी) की जानकारी के साथ-साथ उनके उपयोग की रणनीति की जानकारी सभी शिक्षकों को देना तथा कक्षा 1,2,3 की हिंदी, गणित की आधारशिला क्रियान्वयन संदर्शिकाओं, कार्यपुस्तिकाओं के नियमित प्रयोग के साथ-साथ कक्षा 4 और 5 में भी संदर्शिका आधारित शिक्षण तथा 42 दिन की पुनरावृत्तयतमक और उपचारात्मक योजना की जानकारी देना। साथ-साथ संदर्शिका आधारित शिक्षण करके छात्रों को सक्षम बनाते हुए निपुण बनाने के उद्देश्य से सभी शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया। प्रशिक्षण 50-50 के बैच में कुल 5 बैच में ब्लॉक संसाधन केन्द्र अमावां के प्रशिक्षण हाल में आयोजित किया गया।

शिक्षकों को प्रशिक्षण देने वालों में एआरपी रितेश कुमार, सलाउद्दीन अंसारी, अब्दुल मन्नान, डॉ0 एसएस श्रीवास्तव और जेपी रावत ने दिया। इसके अलावा एसआरजी राजवंत सिंह, सुशील यादव, प्रथम संस्था के नोडल विकास श्रीवास्तव और डीसी प्रशिक्षण दीपक श्रीवास्वत प्रशिक्षण के दौराना जाकर नियमित पर्यवेक्षण करते रहे।

दुकान से माचिस खरीदने गई बालिका से दुष्कर्म ,पुलिस कर रही दुष्कर्म की घटना से इंकार

रायबरेली। जगतपुर थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 6 वर्षीय नाबालिक बालिका से गांव के एक युवक ने कमरे में खींचकर अश्लील हरकत की और आरोप है की दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया।बच्ची को करीब दो घंटे बंधक भी बनाए रहा।सूचना पर पहुंची पुलिस पीड़ित बालिका व उसके परिजनों को अपने साथ थाने ले आई है।

थाना क्षेत्र के एक गांव की रहने वाली 6 वर्ष की बालिका अपने घर से गांव की एक परचून की दुकान पर माचिस लेने गई थी। आरोप है की तभी मौके का फायदा उठाकर गांव के ही एक युवक ने उसे जबरन कमरे में खींच ले गया और उसके साथ अश्लील हरकत करने लगा। बालिका के विरोध पर उसके साथ उसकी पिटाई भी कर दी। आरोप है की उसके साथ दुष्कर्म की घटना को अंजाम दिया । मां द्वारा उसकी खोजबीन की जा रही थी जैसे ही चीख पुकार की आवाज सुनी तभी आरोपी युवक बालिका को छोड़कर मौके से फरार हो गया। परिजनों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पहुंची पुलिस पीड़ित बालिका और उसके परिजनों को थाने ले आई।जहां पर पुलिसिया कार्रवाई शुरु हो गई है।

क्या बोले जिम्मेदार

इस संबंध में सीओ अरुण कुमार नौहवार से बात की गई तो उन्होंने बताया कि आरोपी सचिन के बालिका को कमरे में ले जाकर अश्लील हरकत करने की जानकारी मिली है। दुष्कर्म की घटना नहीं हुई। पीड़ित की तरफ से अभी कोई तहरीर नहीं दी गई है। तहरीर के आधार पर केस दर्ज किया जाएगा।

हरियाणा में भाजपा की जीत की खुशी में मंत्री ने खिलाई जलेबी

लालगंज,रायबरेली। भारतीय जनता पार्टी की हरियाणा की पूर्ण बहुमत की जीत पर भारतीय जनता पार्टी के नेता और कार्यकर्ता जश्न मना रहे हैं। उत्तर प्रदेश सरकार के कृषि उद्यान स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री दिनेश प्रताप सिंह ने भी अपने आवास पर लोगों के सानिध्य में जलेबी खिलाकर हरियाणा में सरकार बनने पर जोरदार खुशी का इजहार किया है। स्वतंत्र प्रभार राज्य मंत्री ने कहा कि हरियाणा में पूर्ण बहुमत और जम्मू कश्मीर में पार्टी की शानदार सफलता पर हिंदुस्तान की जनता ने डिवाइड एंड रूल को किनारे कर मोदी सरकार की नीतियों पर मोहर लगा दी है।

हरियाणा दिल्ली की धड़कन है और हरियाणा की जनता ने भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर फिर से भरोसा जताते हुए सबका साथ सबका विकास की राजनीति को स्वीकारा है। राज्य मंत्री ने कहा कि अब जो भी दल हिंदू, हिंदी, हिंदुस्तान की बात करेंगे वही देश पर राज करेंगे। उन्होंने कांग्रेस और अन्य पार्टियों के गठबंधन पर ब्यंग्य कसते हुए कहा कि राहुल गांधी और उनके गठबंधन के साथी सत्ता के लिए लड़ाई लड़ रहे हैं जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जन-जन को एक जुट कर सेवा भाव की राजनीति करते हैं। भाजपा सत्ता को सेवा मानती है जबकि कांग्रेस और उसके सहयोगी दल सत्ता को राजशाही मानते हैं।

जम्मू कश्मीर में बिना किसी खून खराबे के चुनाव संपन्न होने पर उन्होंने कहा कि आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने वहां पर लोकतंत्र को पूर्णतया बहाल कर दिया है जो भाजपा की बहुत बड़ी जीत है। जम्मू कश्मीर में जहां मतदान के समय ईट पत्थर चलते थे वहां71 प्रतिशत लोगों ने घरों से निकलकर मतदान किया है। आज जनता ने कांग्रेस की खटाखट और हिंदू जनमानस को बांटने की राजनीति को नकार दिया है। उन्होंने हरियाणा और जम्मू कश्मीर की जनता को बधाई देते हुए कहा है कि उन्होंने सही समय पर सही पार्टी को चुनकर लोकतंत्र को मजबूत करने का काम किया है।

हरियाणा में तीसरी बार बहुमत की सरकार बनने पर उन्होंने कहा कि जनता और मतदाता ने प्रधानमंत्री मोदी की नीतियों पर वोट किया है। गठबंधन पर तंज कसते हुए कहा कि विपक्षियों का गठबंधन सत्ता प्राप्त करने के लिए है। स्वार्थ के आधार पर गठबंधन बहुत दिन नहीं चलता है।राज्य मंत्री ने कहा कि रायबरेली हमारा परिवार है और रायबरेली के लोगों के साथ खुशी का इजहार करना वह अपना कर्तव्य समझते हैं। वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला प्रभारी पीयूष मिश्रा और जिला अध्यक्ष बुद्धीलाल पासी ने भी हरियाणा में बहुमत की सरकार बनने पर प्रसन्नता जाहिर की है। इस अवसर पर विधानसभा संयोजक सुशील शुक्ला ,भारतीय जनता पार्टी के प्रांतीय नेता जेपी सिंह, किसान मोर्चा के जिला उपाध्यक्ष उमेश सिंह, मंडल अध्यक्ष सहित टिकरान के ग्राम प्रधान अनिल सिंह मौजूद रहे।

शांत हुए गांव के गलियारे,अब भी हर जुबान पर हादसे की कहानी, अब बस यादों में रह गया सुनील

रायबरेली।अमेठी में हुए हत्याकांड में शिक्षक का पूरा परिवार खत्म हो गया।सुदामापुर गांव मंगलवार को शांत रहा। कहीं कोई हलचल नहीं हुई। गांव के गलियारों में खामोशी छाई रही।अब हालात सामान्य हैं लोग अब अपने काम के लिए जाने लगे हैं,लेकिन ग्रामीण और परिवार के सदस्यों की जुबां पर चंदन और पूनम के बीच की निकटता की सुगबुगाहट तेज है। खासकर महिलाएं धीरे-धीरे खुलकर बोलने लगी हैं। चचार्ओं से यह बात सामने आ रही है कि चंदन और पूनम की निकटता एक हादसे के बाद बढ़ी। पूनम टूट गई थी तो चंदन ने संबल दिया और फिर बात जीने-मरने तक आ गई।

शिक्षक के गांव में अब ग्रामीण धीरे-धीरे ही सही चंदन और पूनम कैसे नजदीक आए इस पर चर्चा करने लगे हैं। दोनों एक हादसे के कारण नजदीक आए और फिर बात जीने-मरने तक आ गई।शिक्षक और उसके परिवार के सदस्यों की जिंदगी खत्म हो चुकी है। परिवार के सदस्य यादों के झरोखे में जाने पर सुबक पड़ते हैं।  शिक्षक सुनील जब कुछ जानने के बाद भी घुटता रहा। इस पर चर्चा न केवल परिवार के बीच होती रही, बल्कि ग्रामीण भी अपने घरों में इस पर दबी जुबां से बात कर रहे हैं।

ग्रामीण अब खुल के बोलने लगे हैं लोग कहते हैं की इस गुनाह का दोषी कोई भी हो लेकिन इतना जरूर है कि एक हादसे ने पूनम को चंदन की तरफ मोड़ दिया। शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी। उस दौरान सुनील भट्ठे में मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। उनकी मेहनत रंग लाई और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बन गया। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया। 2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा लेकिन होनी  को कुछ और ही मंजूर था। पैदा होने के बाद  बेटा बीमार पड़ा गया। उस दौरान पूनम शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। चंदन वहीं पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था। पूनम को देखकर चंदन के मन में साहनुभूति जागी और उसने पूनम और सुनील की मदद की।

अस्पताल में दिन भर रोया करती थी पूनम बहुत कोशिश के बाद भी सुनील के जुड़वा बेटे की मौत हो गई। यह पूनम के लिए बड़ा सदमा था। वह अस्पताल में खुद को सम्हाल नही पा रही थी और रोती रहती थी। इसी बीच चंदन ने उसे सहारा दिया। चर्चा यह भी रही की चंदन ने पूनम को जो  सहारा दिया। उसी के सहारे उन दोनों में बाते आगे बढ़ती गईं। अपने पति सुनील के विषय में सोच पूनम इस रिश्ते को आगे नही बढ़ाना चाहती थी। शायद इन्हीं सब कारणों को लेकर 18 अगस्त को  पूनम के साथ चंदन ने बदसलूकी की और सुनील को पीटा। दोनों अनजान रिश्ते धीरे-धीरे किसी बड़ी घटना की तरफ बढ़ चले और नतीजा यह रहा कि चंदन ने पूरे परिवार का सफाया कर दिया।

सुदामापुर के घर भी आ चुका था चंदन

लोग बताते हैं कि चंदन सुदामापुर गांव चार माह पहले जुलाई में आया था। उस दौरान सुनील और पूनम तथा बच्चे गांव में थे। जब चंदन आया तो परिवार के लोग अचरज में पड़ गए। पूनम पर अंगुली उठी लेकिन सुनील की वजह से सब शांत हो गए और गांव में इसकी चर्चा किसी से नहीं की गई। गांव वाले भी यह नहीं जानते थे कि घर पर आए अजनबी की जान पहचान पूनम से है। जब हत्याकांड हुआ और चंदन का चेहरा न्यूज पेपरों में दिखा तब गांव के लोगों को पूनम और चंदन के बीच की जानकारी हो सकी। उसके बाद से हर कान सुगबुगाहट से जुड़ा हुआ है। परिवार के लोगों का कहना है कि पूनम की वजह से ही चंदन इतने आगे बढ़ गया था।

सुनील ने  शहर में अपना घर बनवाने के लिए दो विस्वा जमीन ली थी। इसमें चंदन को गवाह बनाया था। नवरात्र में जमीन पर भूमि पूजन होना था। जब चंदन को यह बात पता लगी कि सुनील अब स्थाई रूप से रायबरेली रहने लगेगा तो शायद उसके मंसूबे सफल नहीं होंगे। खैर कुछ भी हो अब गांव में सुनील एक कहानी बन के रह गया है। कोई भी हो किसी ने सुनील की कोई भी बुराई नही की वह इतना नेक था की अपनी बहनोई के इलाज का खर्च भी पांच साल से खुद उठा रहा था। जो भी उसने परिवार के लिए किया शायद ही कोई करता।
शिक्षक हत्याकांड के सवालों में घेरे में उलझी खाकी, जांच में जुटी पुलिस की टीमों के हाथ नहीं लगा कोई पुख्ता सुराग
 
रायबरेली। शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में जुटी पुलिस टीमों के हाथ तीन बाद भी कोई पुख्ता सुराग हाथ नहीं लगा। जबकि पुलिस टीम ने आरोपी से भी कड़ाई से पूछताछ की, लेकिन उसने भी मुंह नहीं खोला। इससे इस मामले की जांच में जुटी पुलिस टीम खुद भी उलझी हुई है। अब पुलिस टीम की जांच दूसरी दिशा में शुरू हो गई। शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने के लिए अमेठी जिले के एसपी अनूप सिंह के साथ रायबरेली जिले के पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह के नेतृत्व में अलग-अलग पुलिस टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है।

शिक्षक हत्याकांड की जांच में जुटी दो-दो जिलों की पुलिस टीम की सिर्फ खाक छान रही है। इसमें पुलिस अभी तक किसी ठोस मुकाम पर नहीं पहुंची। जबकि इस हत्याकांड के आरोपी को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया है, लेकिन घटना के पीछे की क्या वजह रही है, इसका खुलासा अभी तक नहीं हुआ है। पुलिस के अनुसार आरोपी का शिक्षक की पत्नी के साथ चल रहे प्रेम प्रसंग के चलते उसने पूरे परिवार की गोली मारकर हत्या कर दी। जबकि इसके पीछे और कई राज है, लेकिन शिक्षक और उसकी पत्नी की मौत के बाद यह राज भी अब दफन हो गए। पुलिस अब इस मामले की जांच दूसरी दिशा में कर रही है।


आरोपी के द्वारा किए गए जघन्य अपराध के पीछे कई वजह

जघन्य अपराध के पीछे और कई वजह है, इसका भी खुलासा पुलिस की जांच के दौरान हो रहा है। शिक्षक की पत्नी के नाम से लखनऊ में खरीदे गए दो विश्वा प्लाट में आरोपी चंदन वर्मा ने रुपए दिए थे। इसे लेकर भी कई बार आरोपी और शिक्षक परिवार के बीच पहले विवाद हुआ था। काफी दिनों से आरोपी और शिक्षक परिवार के बीच तनातनी चल रही थी। लेकिन इतना बड़ा आरोपी के द्वारा जघन्य अपराध हो जाएगा यह तो शिक्षक के परिवार वालों ने भी सोचा था। इसमें शिक्षक के कुछ करीबियों को इसकी थोड़ी बहुत जानकारी है, लेकिन इस घटना के बाद अब इस मामले में कोई कुछ बोलने को तैयार नहीं है।


पिस्टल बेंचने वाले की तलाश में भटक रही पुलिस टीम

शिक्षक हत्याकांड में आरोपी चंदन वर्मा के द्वारा खरीदी गई पिस्टल की जांच में पुलिस टीमें उलझी है। जेल भेजे गए आरोपी चंदन वर्मा से पुलिस ने पिस्टल बेंचने वाले का पता भी कड़ाई पूछा, लेकिन आरोपी ने मुंह नहीं खोला। इससे पुलिस टीम अब अवैध असलहा का कारोबार करने वाले कारोबारी की हवा में तलाश कर रही है। अमेठी और रायबरेली जिले की पुलिस टीम पिस्टल बेंचने वाले कारोबारियों की तलाश में जुटी है, लेकिन तीन दिन बीत जाने के बाद भी पुलिस के हाथ कुछ नहीं लगा। जांच में सबसे पहले रायबरेली, उन्नाव, फतेहपुर, प्रतापगढ़ के साथ बाराबंकी जिलों तक खाक छान चुकी है, लेकिन कोई कामयाबी नहीं मिली। सूत्रों की माने तो अगर पिस्टल बेंचने वाले कारोबारी का पता चल जाए तो शिक्षक हत्याकांड की गुत्थी सुलझाने में पुलिस टीम को काफी सहूलियत मिल जाएगी।

शिक्षक हत्याकांड की जांच में लूट खसोट में जुटी एसओजी टीम

शिक्षक हत्याकांड में प्रयुक्त की गई पिस्टल की जांच में उलझी दो जिलों की पुलिस टीमों के साथ हिरासत में लिए जा रहे संदिग्धों से एसओजी टीम अवैध वसूली में जुटी। जिले में भी पिछले दो दिनों एसओजी टीम पिछले दो दिनों से हिरासत में लिए गए संदिग्ध व्यक्तियों से पूछताछ की गई। इसके बाद जांच में कुछ भी ना मिलने पर उन्हें पुलिस अभिरक्षा छोड़ने के नाम पर एसओजी टीम के द्वारा अवैध वसूली की गई। बीते शनिवार को लालगंज कोतवाली क्षेत्र के एक गांव से हिरासत में लिए गए दो व्यक्तियों से पूछताछ के बाद शनिवार रात उन्हें छोड़ने के नाम पर रुपयों की मांग की गई। हालांकि मामला पुलिस अधीक्षक डॉ यशवीर सिंह के संज्ञान में पहुंचा तो उन्होंने अपने अधिनस्थों को फटकार लगाते हुए बिना जांच पूरी किए किसी भी संदिग्ध व्यक्ति को पुलिस अभिरक्षा ना छोड़े जाने का फरमान सुना दिया गया।

एसपी के द्वारा दिए गए निर्देश के बाद एसओजी टीम में खलबली मच गई। जबकि इस मामले में पुलिस टीमों के द्वारा कई लोगों को हिरासत में लिया गया है, लेकिन एसओजी टीम भी अलग-अलग संदिग्धों से पूछताछ और जांच कर रही है। जबकि एसओजी टीम इस मामले की जांच में किसी भी मुकाम तक भी नहीं पहुंची, लेकिन पूछताछ के लिए हिरासत में लिए जा रहे लोगों को छोड़ने के नाम पर जरूर शोषण किया जा रहा है। वर्तमान समय में जिले के हालत तो ऐसे हो गए है कि अमेठी में हुई शिक्षक परिवार की हत्या के बाद जिले की एसओजी टीम किसी भी सामान्य व्यक्ति को हिरासत में ले ली गई और पूछताछ के बहाने से उसका शोषण करते हुए छोड़ देगी। यह चर्चाएं अब जिले में आम हो गई है।


बच्चों की हत्या पर आरोपी को अफसोस

शिक्षक सुनील कुमार और उनकी पत्नी पूनम भारती की गोली मारकर हत्या करने में आरोपी को कुछ अफसोस नहीं हुआ, लेकिन दोनों बेटियों को गोली मारते समय उसे जरूर अफसोस हुआ। अमेठी के मुख्यालय गौरीगंज में रात में एसपी अमेठी अनूप सिंह के द्वारा मीडिया को जानकारी देने के बाद जब उससे पूछताछ की तो उसने मीडिया के सामने गलती तो मानी, लेकिन बाद में वह पुलिस कर्मियों से कह रहा था कि उसे दोनों बेटियों की हत्या करने में बहुत अफसोस हुआ है। इसे लेकर आरोपी चंदन वर्मा काफी परेशान था। उसका कहना था कि उसे पूनम भारती की हत्या करने में तनिक भी अफसोस नहीं है।

जेल अस्पताल में आरोपी चंदन वर्मा को मिली शरण

शिक्षक हत्याकांड के आरोपी चंदन वर्मा को बीते शनिवार की रात अमेठी जिले की पुलिस ने उसे जिला कारागार भेज दिया। जिला कारागार में आरोपी चंदन वर्मा को जेल अस्पताल में रखा गया। शनिवार की रात आरोपी चंदन वर्मा ने खाना तक नहीं खाया और रातभर वह सोया भी नहीं है। शनिवार रात करवटें बदलकर उसने भोर की। रविवार की सुबह नास्ता करने के बाद उसने खाना खाने से मना कर दिया। वहीं जेल प्रशासन की ओर से आरोपी चंदन वर्मा की निगरानी के लिए सहायक बंदी की ड्यूटी लगाई गई है। चंदन वर्मा के पैर में पुलिस की गोली लगने से वह अभी जख्मी है, इसलिए उसकी देखरेख के लिए सहायक बंदी को निगरानी की जिम्मेदारी दी गई।

शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी

शिक्षक सुनील की शादी उतरपारा निवासी पूनम से 2016 में हुई थी। उस दौरान सुनील भट्ठे में मुनीम का काम करने के साथ फेरी लगाते थे। समय ने करवट ली और सुनील पहले पुलिस और फिर शिक्षक बने। इसी के साथ सुनील और पूनम की जिंदगी में बदलाव भी आया। 2018 में उनके जुड़वा बच्चे हुए। एक बेटी जिसकी नाम समीक्षा था और एक बेटा, लेकिन नियति को कुछ और ही मंजूर था। पैदा होने के बाद ही वह बेटा बीमार पड़ा गया। उस दौरान पूनम शहर के एक निजी अस्पताल में भर्ती थी। चंदन वहीं पर लैब टेक्नीशियन का काम करता था। पूनम को देखकर चंदन के मन में साहनुभूति जागी और उसने पूनम और सुनील की मदद की। बहुत कोशिश के बाद भी सुनील के जुड़वा बेटे की मौत हो गई।

अस्पताल में भर्ती होने के दौरान चंदन ने पूनम काे दिया था भावनात्मक सहारा

यह पूनम के लिए सदमा सरीखा था। वह अस्पताल में दिन भर रोया करती थी और इसी बीच चंदन ने उसे सहारा दिया। बातचीत में यह भी पता लगा कि चंदन ने पूनम को जो भावनात्मक सहारा दिया था। उसी के सहारे वह आगे बढ़ता चला गया। बातचीत नजदीकियों में बदल गई, लेकिन जब सुनील का ख्याल आता को पूनम के कदम बहुत आगे बढ़ने से रुक जाते। यह बात चंदन को नागवार लगने लगी थी। यही कारण रहा कि मार्च से चंदन का एक रूप देखने को सामने आया। 18 अगस्त को इसी के चलते पूनम के साथ चंदन ने बदसलूकी की और सुनील को पीटा। दोनों अनजान रिश्ते धीरे-धीरे किसी बड़ी घटना की तरफ बढ़ चले और नतीजा यह रहा कि चंदन ने पूरे परिवार का सफाया कर दिया।

चैनल पर चंदन का चेहरा सामने आने के बाद ग्रामीणों में शुरू हुई सुगबुगाहट

बताते हैं कि चंदन सुदामापुर गांव चार माह पहले जुलाई में आया था। उस दौरान सुनील और पूनम तथा बच्चे गांव में थे। जब चंदन आया तो परिवार के लोग अचरज में पड़ गए। पूनम पर अंगुली उठी लेकिन सुनील की वजह से सब शांत हो गए और गांव में इसकी चर्चा किसी से नहीं की गई। गांव वाले भी यह नहीं जानते थे कि घर पर आए अजनबी की जान पहचान पूनम से है। जब हत्याकांड हुआ और चंदन का चेहरा न्यूज चैनलों में दिखा तब गांव के लोगों को पूनम और चंदन के बीच की जानकारी हो सकी। उसके बाद से हर कान सुगबुगाहट से जुड़ा हुआ है। परिवार के लोगों का कहना है कि पूनम की वजह से ही चंदन इतने आगे बढ़ गया था।

छेड़खानी मामले को लेकर परेशान था चंदन
पूनम के भाई उतरपारा निवासी भानु पुलिस के ऊपर बड़ा अारोप लगाया है, उनका कहना रहा कि 18 अगस्त को रायबरेली में दीदी के साथ छेड़खानी हुई, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। उसी का नतीजा है कि इतना बड़ा कांड हुआ। भानु ने साफ कहा कि पूनम और चंदन का कोई संबंध नहीं था। वह जबरन मोबाइल पर बात करता था और ऐसा न करने पर धमकी देता था। कहता था कि बात करनी होगी। यदि आरोपी पर सख्त कार्रवाई की होती तो यह घटना न होती।

शिक्षक के बड़े भाई को मिलेगी नौकरी

शिक्षक सुनील, पत्नी पूनम भारती और दो बच्चियों की हत्या में सरकार घटना के 24 घंटे के भीतर आर्थिक सहायता दे चुकी है। परिवार के एक सदस्य को नौकरी भी दी जाएगी, जिसके लिए शिक्षक सुनील के बड़े भाई सोनू का नाम फाइनल किया गया है। ऊंचाहार विधायक डॉ. मनोज कुमार पांडेय ने बताया कि सरकार योग्यता के अनुसार नौकरी देगी। यह मृतक परिवार के लिए राहत भरी खबर है।