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सरायकेला  : पिस्टल निकाल कर फायरिंग करने का प्रयास किए जाने के मामले में एक युवक गिरफ्तार गया जेल।...
सरायकेला : जिला के कपाली ओपी पुलिस ने बीते 4 अक्टूबर को टीओपी चौक स्थित अमन मोबाइल रिपेयरिंग दुकान में रंगदारी और जान से मारने की नीयत से पिस्टल निकाल कर फायरिंग करने का प्रयास किए जाने के मामले में एक युवक को गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया है. पुलिस की गिरफ्त में आए युवक का नाम मुबारक अंसारी बताया जा रहा है।

चांडिल डीएसपी कार्यालय में पत्रकार को जानकारी देते हुए। मुकेश कुमार एसपी सरायकेला ने उसके पास से मेड इन यूएसए लिखा देसी पिस्टल जिसका मैगजीन टूटा हुआ है, बरामद किया है. साथ ही एक स्प्लेंडर प्लस मोटरसाइकिल और एक मोबाइल फोन बरामद किया है. बता दें कि इस घटना में और भी अपराधी शामिल थे. जिसकी गिरफ्तारी को लेकर छापेमारी की जा रही है. विदित हो कि अपराधियों ने दुकानदार पर लूट और जान से मारने की नीयत से पिस्तौल तान दी थी. मगर एन वक्त पर मैगजीन टूट गया था और गोली मिस फायर हो गई थी. जिसे पुलिस ने घटनास्थल से बरामद कर लिया था. वहीं घटना के बाद आरोपी ने टूटे हुए पिस्टल को अपने घर में छिपा दिया था. जिसे पुलिस ने बरामद कर लिया है।

सरायकेला-खरसावाँ जप्त
जप्त समानों की विवरणी  :- 01. लोहे का बनी देशी पिस्टल जिसके ऊपर 7.65 MM, Made in U.S.A. अंकित है एंव मैगजीन टुटा हुआ है। 02. काला रंग का स्पेलेण्डर प्लस मोटरसाइकिल जिसका रजि सं0 JH056C6706 है। 03. हल्का आसमानी रंग का रेड़मी कम्पनी का रेडमी नोट 9 प्रो मोबाइल फोन।

*छापामारी दल* 01. पु०अ०नि० सोनु कुमार, ओ०पी० प्रभारी, कपाली 02. श्री असलम अंसारी, कपाली ओपी 03. पु०अ०नि० सुमित तिर्की, कपाली ओ०पी० 04. स०अ०नि० मो० वशीर खाँ, कपाली ओ०पी० 05. आ0 994, मिल्टन कुजुर, कपाली ओ०पी० 06. आ0 963 गोपाल कृष्ण, कपाली ओ०पी० 07. आ0 27 मो० दस्तगीर आलम, कपाली ओ०पी० आदि लोग उपस्थित थे।
सरायकेला : चांडिल मातकमडीह पंचायत अंतर्गत सुदूरवर्ती गाँव रायडीह की टोला गुंगुकोचा की कहानी नहीं पहुंचे विकाश की रोशनी ,विलुप्त की कगार...
सरायकेला : देश की आजादी ओर झारखण्ड राज्य बने 24 बर्ष हो गया परंतु  आज भी  गाँव की स्थिति नहीं सुधरा न विकास की रोशनी नहीं पहुंचे ।आज विधान सभा चुनाव भी नजदीक पहुंच गए । मतदान 13 नवंबर को ईचागढ़ विधान सभा चुनाव हे। राज्य के लिए यह बहुत ही दुर्भाग्य का विषय है। ईचागढ़ विधानसभा क्षेत्र के चाण्डिल प्रखण्ड की पश्चिम परिषद क्षेत्र की मातकमडीह पंचायत अंतर्गत सुदूरवर्ती गाँव रायडीह की टोला गुंगुकोचा की ग्रामीणों को अब तक सड़क नसीब नहीं हुआ ।  कोई भी आपातकालीन स्थिति में ग्रामीण अपनी गाँव से करीब दो किलोमीटर पैदल चलने के बाद ही कोई वाहन की सुविधा ले सकेगा । आश्चर्य तो इस बात से होती है कि उक्त गाँव मे आदिम जनजाति के पीटीजीवी समुदाय के  सपरिवार देश की आजादी से  पूर्व से बसवास करते आ रहे हैं फिर भी ग्रामीणों को सड़क की सुविधा नहीं मिला जबकि सरकार द्वारा आदिम जनजाति के नाम से कई योजनाएं चला रही है।  आज यह परिवार के लोग विलुप्त होने की कगार पर हे। घटना  बुधवार की  एक गर्भवती महिला की अचानक जोर प्रसव पीड़ा होने लगा तो सहिया उसे अस्पताल साथ ले जाने के लिए तत्काल वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में चारपाई के सहारे गर्भवती महिला को गाँव से करीब दो किलोमीटर पैदल चलने के बाद एम्बुलेंस से अस्पताल लेकर गई । इधर क्षेत्र की समाजसेवी उमाशंकर महतो का कहना है यह समस्या आज कोई नया नहीं है बल्कि इससे पहले भी ऐसी कई बार आपातकाल स्थिति में उसका सहयोग से गर्भवती महिला को अस्पताल पहुंचाया था,  अफसोस जताया कि आदिम जनजाति का उक्त सुदूर गाँव को स्थानीय विधायक, संसद , पंचायत प्रतिनिधि ने आजतक सड़क सुविधा नहीं दे पाया । न शुद्धि लेने कोई नहीं पहुंचे। जब जब चुनाव नजदीक पहुंचते तब स्थानीय नेता ओर कार्यकर्ता वोट मांगने पहुंच जाते ।ओर चुनाव जीतने के बाद कोई नेता मंत्री शुद्धि लेने नही पहुंचे ।यह झारखंड सरकार की पहल । 
सरायकेला : चांडिल के कांगलाटाड़ में हाथी से कुचले गए मृतक श्यामल मुर्मू के परिवार को वन विभाग द्वारा मुआवजे का राशि 50 हजार  दिया गया।...
रायकेला न्यूज अपडेट : चांडिल में आज सुबह 6: 15 बजे आसपास जंगली नर हाथी द्वारा  कुचले गए मृतक श्यामल मुर्मू के परिवार को चांडिल वन क्षेत्र के पदाधिकारी  द्वारा क्षत्रिपूर्ति की मुआवजे  राशि के तौर पर नगद 50 हजार रुपया दिया गया ।आगे की कार्यवाही करने के प्रश्चात 3 लाख 50 हजार रुपया जल्द मिलेगा । ग्रामीणों को वन विभाग के पदाधिकारियों ने कहा हाथी को उत्तेजित न करें उसे रहे दूर बनाई रखे ।

जाने कैसे पहुंचे यह नर हाथी बाना जंगल में 25 के संख्या में  जंगली हाथी की झुंड डेरा डालकर रहे हे। जिसमें छोटे छोटे बच्चे भी हे। प्रतिदिन हाथी की झुंड आद्रा प्रमंडल ओर मूरी प्रमंडल रेल खंड के बीच (रेलवे गुंडा बिहार स्टेशन) बाना जंगल से सटे रेलवे क्रॉसिंग पड़ता हे। जिसको प्रतिदिन (सिंगल) रेलवे ट्रैक पार करके बाना ओर पितकी गांव पहुंचते ओर उपद्रव मचाने लगते हे। इसी तरह कल रात्रि  यह नर हाथी बाना गांव से सुबह  3 बजे पितकी गांव पहुंचे और उपद्रव मचाते हुए । पितकी गांव में मुरलीधर गोप की चार दीवार तोड़ते हुए ।कुछ ही दूरी खुदीराम गोप की धान फसल की खेती को रौंदते हुए ।

चांडिल स्टेशन पहुंचे उसके उपरांत  सुखसारी गांव छ बजे पहुंचे उजाला होने के कारण ग्रामीणों का चहल पहल होने लगा  यह नर हाथी कांगलाटॉड गांव के महुलतल पहुंचे ।इसी दौरान सुबह छः बज कुछ मिनट हो चुके  थे। हाथी की आगमन की सूचना से ग्रामीण एकत्रित होकर  गांव वाले  हाथी को भगाने लगा इसी बीच श्यामल मुर्मू हाथी देखने पहुंचे और मौत को गला लगा लिया । प्रत्येक्ष दर्शियों कहना कि ग्रामीण हाथी को भगाने लगा था । हाथी उग्र होकर ग्रामीणों की भागते हुए नजर आए और श्यामल मुर्मू आपने तरफ हाथी को आते देख कर।भगत लगा ओर हाथी। सूंड़ उठाकर उसे धर पटका और पैर तले कुचल दिया जिसका घटना स्थल पर मौत हो गया ।आनन फानन में एंबुलेंस बुलाया गया ।ओर उसे सामुदायिक हस्पताल पहुंचा जा।उसे चिकित्सक ने मृत्य घोषित कर दिया ।

ग्रामीणों का कहा । मृतक के मां बाप ओर पत्नी के साथ तीन बच्चे हे। ईचागढ़ विधान सभा हाथी एक समस्या बन चुके हाथी ।इस पर कोई नेता मंत्री न ही चांडिल वन क्षेत्र पदाधिकारी द्वारा इस क्षेत्र से हाथी की झुंड को कभी भी दलमा सेंचुरी की ओर ले जाने की कशिश नहीं किए न ग्रामीणों को हाथी की आने की सूचना वन विभाग द्वारा जानकारी उपलब्ध कराए जाते हे ।  एलिफेंट ड्राइव टीम द्वारा हाथी को भगाने के लिए  ड्राइव टीम को नहीं लगाया गया कुछ ही दिनो से कोई बार क्षेत्रीय नेता द्वारा वन कार्यालय में कोई ज्ञापन भी सोफा था । कहा गया था  हाथी से ग्रामीणों को सुरक्षित रखा जाए ,नहीं तो उग्र आंदोलन होगा । परंतु कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया ।सुरक्षा वेबस्था होने आज श्यामल  की मौत नहीं होता ,कोन हे इसका जिंबेदार।

ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के दलमा सेंचुरी आए दिन  जंगली हाथियो झुंड नीमडीह थाना क्षेत्र के बाना ,कुशपुतुल , होदागोड़ा ,गुंडा गांव के आसपास जंगल में डेरा डाला हुआ हे। नर हाथी के साथ 15 से 25 की संख्या में दो ग्रुप में हाथी हे। एक झुंड में दो से तीन बेबी हाथी की बच्चा देखे जाने बाते सुनने मिला ग्रामीणों का कहना हे। एक नर हाथी मनुष्य देखते ही आक्रामक हो जाते ओर मनुष्य को दौड़ाने लगते हे। नीमडीह थाना क्षेत्र में बारों महीना हाथी देखने को मिलेगा ।
सरायकेल ब्रेकिंग: भारत के संविधान में एक मतदाताओं को गजराज ने श्यामल मुर्मू कुचल डाला जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने राज्य सरकार ओर वन विभाग के प्रत
सरायकेल ब्रेकिंग : भारत के संविधान में एक मतदाताओं को गजराज ने व्यक्ति को कुचल डाला जिसे आक्रोशित ग्रामीणों ने राज्य सरकार ओर वन विभाग के प्रति जताई नाराजगी। पांच वर्षों से दहस्त में रहा ईचागढ़ वासी। विधान सभा आम निर्वाचन 13 नवंबर को मतदान नहीं कर सेके। नेता की झोली में नहीं पहुंचा वोट,समय रहते गजों ईचागढ़ से भागकर सेंचुरी पहुंचा जाता तो यह दिन नहीं देखने को मिलता कोई नेता मंत्री हाथी समस्या को लेकर कोई सवाल नहीं उठाया गया।आज एक मतदान सूची में से एक का नाम मिट गया ।
सरायकेल खरसावां जिला के ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र में विगत पांच वर्षों से गजों का आतंक से कोई लोगो की गए जाने । नहीं रुख पाए राज्य सरकार ओर वन विभाग के अधिकारी ,शाम दहलते ही जंगल से।भोजन पानी की तलास में भटकते हुए पहुंचते हे गांव में गजों की झुंड ।गजों का दहशत रोकने की नहीं ले रहा नाम आज सुबह रासुनिया पंचायत के चानु मुर्मू के पुत्र श्यामल मुर्मू 35 कांगलाटांड़ निवासी सुबह चार बजे दलमा सेंचुरी के विशाल ट्रस्कर ने खदेड़ कर मुर्मू को सूंड़ से उठा कर पटक कर पैर तले रौंद कर लिए जान , ग्रामीणों में देखा गया आक्रोशित ग्रामीणों ने राज्य सरकार से पूछ रहा सवाल प्रतिदिन डरे सहमे कब्तक जीने पर मजबूर रहेंगे ।आज दलमा वाइल्ड लाइफ सेंचुरी से हाथी भेज कर मारने की कार्य कर रहे यह सरकार ।
एक तरफ चुनाव दूसरी ओर हाथी की समस्या का समाधान आज तक प्रतिनिधि न संसद ओर विधायक दल के नेता मंत्री नहीं पहुंचे गांव में नहीं लिया गया ।शुद्धि जिसे ग्रामीण आज सरकार ओर नेता ओर विभाग के प्रति आक्रोशित देखा गया।

कहा से पहुंचे यह ट्रस्कर

ईचागढ़ विधान सभा क्षेत्र के चारो प्रखण्ड में नीमडीह ,ईचागढ़, चांडिल, कुकड़ू आदि प्रखंड क्षेत्र के दर्जनों गांव आज दलमा वाइल्ड सेंचुरी के गजों की आतंक से आम ग्रामीण परेशान हे ओर दहशत में रहने पर मजबूर हे। प्रभावित नीमडीह प्रखंड के कोई जगह अवैध रूप से देशी महुआ की चुलाई से शराब माफिया द्वारा संचालित देशी महुआ भाटी की जवा ओर वास्की खाने के बाद मस्त होकर गांव गांव में भ्रमण करते रहते यह विशाल हाथी । गरीब किसान की कमर तोड़ मेहनत करने प्रश्चात किया गया फसल ओर घरों में रखे अनाज को अपना निवाला बनाते हे। ओर घरों को क्षत्रि ग्रस्त कर देते हे।मनुष्य को देखते ही आक्रोशित हो कर दौड़ाने लगते हे । आज वन एंब पर्यावरण विभाग साथ राज्य सरकार की अनदेखी के कारण गजों की झुंड भोजन पानी की तलास में चांडिल दलमा वाइल्ड सेंचुरी से गजों का झुंड पलायन करके ईचागढ़ क्षेत्र डेरा डाल चुके हे। कल रात्रि लुपुंगडीह पंचायत के बाना जंगल से यह ट्रस्कर पितकी गांव पहुंचाए ओर मुरली धर गोप की चार दीवार को तोड़ा साथ ही।मुख्य गेट को क्षतिपूर्ति किया ।खुदी राम गोप की धान की फसल खाए ओर रौदा उसके पश्चात चांडिल स्टेशन बस्ती रेलवे के पास राम मंदिर  पहुंचे उसके बाद कांगलाटांड़ गांव में पहुंच कर सामने मिले  श्यामल मुर्मू को कुचल डाला ।वन विभाग द्वारा आगे की कार्यवाही कर रहे हे ,चांडिल पुलिस द्वारा बॉडी को अपने कब्जे में लेकर पोस्ट मॉडम के सरायकेला सदर अस्पताल भेजा गया।
सरायकेला :महर्षि वाल्मीकि जयंती आज. जाने महर्षि वाल्मीकि जयंती एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो वाल्मीकि की जयंती के रूप में मनाया जाता है ।...
महर्षि वाल्मीकि जयंती एक हिंदू धार्मिक त्योहार है जो वाल्मीकि की जयंती के रूप में मनाया जाता है - एक प्रसिद्ध हिंदू कवि जो हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण महाकाव्यों में से एक, रामायण के लेखक के रूप में जाने जाते हैं। इस दिन को वाल्मीकि धार्मिक समुदाय द्वारा परगट दिवस के रूप में भी मनाया जाता है।वाल्मीकि जयंती, या परगट दिवस, 17 अक्टूबर को मनाया जाएगा। यह तिथि हर साल बदलती रहती है क्योंकि यह भारतीय चंद्र कैलेंडर द्वारा निर्धारित की जाती है, जो अश्विन के महीने में और पूर्णिमा पर पड़ती है। माना जाता है कि ऋषि वाल्मीकि एक राजमार्ग डाकू थे। उनका पुराना नाम रत्नाकर था। वे अपने शुरुआती जीवन में लोगों को लूटते थे। जब उनकी मुलाक़ात नारद मुनि से हुई, जो एक हिंदू दूत थे, तो उनके जीवन में एक बड़ा बदलाव आया। उन्होंने भगवान राम का अनुसरण करना शुरू कर दिया और कई सालों तक ध्यान किया। एक दिन एक दिव्य वाणी ने उनके प्रायश्चित को सफल घोषित कर दिया। उनका नाम बदलकर वाल्मीकि रख दिया गया। हिंदू धर्म में, इस संस्कृत कवि का आध्यात्मिक महत्व बहुत अधिक है।

वाल्मीकि जयंती का उत्सव ।कभी-कभी महर्षि वाल्मीकि के जन्म दिवस को प्रगट दिवस के रूप में भी जाना जाता है। हिंदू भक्त इस दिन को उत्साह के साथ मनाते हैं। इस दिन को सभाओं और शोभा यात्राओं के साथ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए भक्त मुफ्त भोजन परोसते हैं। साथ ही प्रार्थनाएँ भी की जाती हैं। महर्षि वाल्मीकि के मंदिरों को विभिन्न रंगों के फूलों से आकर्षक ढंग से सजाया जाता है।

पूरा माहौल देखने लायक होता है। वाल्मीकि जयंती क्यों मनाई जाती है?

ऋषि वाल्मीकि, जिन्हें पौराणिक भारतीय महाकाव्य रामायण लिखने का श्रेय दिया जाता है, का जन्मदिन वाल्मीकि जयंती के रूप में मनाया जाता है। हिंदू परंपरा में, वाल्मीकि को सबसे महान कवियों और ऋषियों में से एक माना जाता है। उनकी रचनाओं में से एक रामायण, भगवान राम, उनकी पत्नी सीता और उनके साथी हनुमान की कहानी बताती है। श्रद्धा के साथ, भक्त वाल्मीकि जयंती मनाते हैं, यह प्रार्थना करने, रामायण की कविताओं का पाठ करने और महाकाव्य द्वारा सिखाए गए पाठों और आदर्शों पर विचार करने का दिन है। यह ज्ञान, नैतिकता और रामायण द्वारा सिखाए गए शाश्वत पाठों का उत्सव है। हिंदू चंद्र कैलेंडर के अनुसार, वाल्मीकि जयंती आमतौर पर आश्विन महीने की पूर्णिमा को मनाई जाती है। इस उत्सव में सत्संग (आध्यात्मिक चर्चा), रामायण पढ़ना या सुनना और कई सांस्कृतिक कार्यक्रम शामिल होते हैं जो साहित्य और आध्यात्मिकता में वाल्मीकि के योगदान के महत्व पर जोर देते हैं।

वाल्मीकि का जन्म या मृत्यु कब हुई?  ऋषि वाल्मीकि के जन्म और मृत्यु की सही तिथियाँ अज्ञात हैं, और वे विभिन्न स्रोतों के अनुसार अलग-अलग हैं। हिंदू पौराणिक कथाओं में, त्रेता युग चार अवधियों में से एक है, और ऐसा माना जाता है कि वाल्मीकि इसी समय रहते थे। चार युगों के चक्र में दूसरा युग, त्रेता युग, अस्तित्व में है। ऐतिहासिक और पौराणिक परंपराओं के अनुसार, वाल्मीकि के कई हज़ार साल पहले रहने का दावा किया जाता है। उनकी साहित्यिक उपलब्धियाँ, विशेष रूप से रामायण की रचना, अभी भी हिंदू संस्कृति में अत्यधिक सम्मानित हैं, भले ही सटीक तिथियाँ अज्ञात हों। हिंदू कैलेंडर के अश्विन महीने में पूर्णिमा के दिन, वाल्मीकि जयंती मनाई जाती है, जो उनकी जयंती के उपलक्ष्य में मनाई जाती है।

महर्षि वाल्मीकि मंदिर के बारे में तथ्य,  महर्षि वाल्मीकि का सबसे बड़ा मेला चेन्नई के थिरुवनमियुर में स्थित है। यह 1,300 साल पुराना मंदिर है। रामायण की रचना करने के बाद ऋषि वाल्मीकि ने यहीं विश्राम किया था। बाद में उनके नाम पर मंदिर का निर्माण किया गया। ब्रह्मोत्सव हर साल मार्च में मनाया जाता है। हर महीने पूर्णिमा पर विशेष पूजा-अर्चना का आयोजन किया जाता है। मारुंडीश्वर मंदिर महर्षि वाल्मीकि मंदिर की देखरेख करता है। चोल साम्राज्य के दौरान, मारुंडीश्वर मंदिर का निर्माण किया गया था।
सरायकेला : समाहरणालय सभगार मे सरायकेला : झारखण्ड विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के परिपे्क्ष्य में जिले में तैयारियां शुरू कर दी गई है।..
सरायकेला : झारखण्ड विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के परिपे्क्ष्य में जिले में तैयारियां शुरू कर दी गई है। इसके तहत विभिन्न कार्यों के संपादन के लिए एक ओर जहां विभिन्न कोषांग का गठन किया गया है, वहीं दूसरी ओर निर्वाचन संबंधी सभी कार्यों के संपादन के लिए प्रतिदिन उन टीमों को प्रशिक्षित भी किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज समाहरणालय सरायकेला सभगार मे जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला तथा पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लूणायत की उपस्थिति में एफएसटी, एसएसटी टीम में प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी को प्रशिक्षण दिया गया। इस दौरान उपायुक्त ने कहा कि भारत निर्वाचन आयोग के मार्गदर्शी निर्देशों एवं मंशा के अनुरूप सभी टीमें विधानसभा आम निर्वाचन 2024 के संपादन में कार्य करेंगी। बैठक के दौरान उपायुक्त ने SST-FST की टीम को आदर्श आचार संहिता के प्रभावी नियंत्रण को लेकर उनके दायित्वों के संबंध में जानकारी साझा करते हुए कहा कि विधानसभा चुनाव में सबसे जरूरी है कि अपनी ड्यूटी भारत निर्वाचन आयोग की हिदायतों के अनुरूप करें। अपनी ड्यूटी में किसी प्रकार की लापरवाही न बरतें और आदर्श चुनाव आचार संहिता (एमसीसी) के पालन के लिए अपने इलाकों में कड़ी निगरानी करें। उपायुक्त ने कहा कि दल में प्रतिनियुक्त पदाधिकारी विधानसभा आम चुनाव की चुनावी प्रक्रिया के दौरान पुलिस विभाग के दलों के साथ बेहतर तालमेल करें। अपने क्षेत्रों में कड़ी निगरानी रखें ताकि कोई भी व्यक्ति एमसीसी का उल्लंघन न कर सके। यदि कहीं पर एमसीसी के उल्लंघन की सूचना मिलती है तो उस पर तुरंत नियमानुसार कार्रवाई करें। प्रशिक्षण के दौरान सी-विजिल इनवेस्टिगेटर ऐप (सीविजिल) और इलेक्शन सीजर मैनेजमेंट सिस्टम एप (ईएसएमएस) की कार्यप्रणाली भी जान लें। उन्होंने कहा कि ऐप और कंट्रोल रूम के माध्यम से मिली सूचना और शिकायत पर एफएसटी त्वरित कार्रवाई करे। वहीं, एसएसटी निर्धारित नाकों पर वाहनों की जांच करें ताकि मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए अवैध धन और शराब आदि एक स्थान से दूसरे स्थान तक न पहुंचाई जा सके। किसी भी प्रकार संदिग्ध बरामदगी होने पर तुरंत उच्चाधिकारियों को सूचित करें। मौके पर उपस्थित पुलिस अधीक्षक श्री मुकेश लूणायत ने कहा कि बेहतर समन्वय स्थापित कर कार्यक्रम करें, उन्होंने कहा कि अपने दायित्वों का निर्वहन पूरी तत्परता एवं गंभीरता से करें। उन्होंने कहा कि निगरानी दल बड़ी छोटी सभी प्रकार के वाहनों का नियमित जांच करे साथ ही जांच किए जा रहे हैं सभी वाहनों के नाम एवं रजिस्ट्रेशन नंबर डायरी में मेंटेन करें। उन्होंने कहा कि अपने कार्य दायित्व के दौरान किसी भी प्रकार की समस्या समाधान पर स्थानीय थाना प्रभारी या जिला स्तरीय पदाधिकारी को इसकी सूचना दें ताकि आवश्यकता अनुसार यथाशीघ्र सहायता प्रदान की जा सके। श्री लूणायत ने कहा कि सभी प्रतिनियुक्त पदाधिकारी आपसी तालमेल स्थापित कर निर्वाचन के दायित्वो का निर्वाहन करें ताकि विधानसभा आम निर्वाचन 2024 मे किसी भी प्रकार की व्यधान उतपन्न ना हो। मुख्य प्रशिक्षणकर्ता के रूप में अपर उपायुक्त श्री जैवर्धन कुमार तथा प्रशिक्षण कोषांग के अन्य सदस्य के द्वारा ppt के माध्यम से बिंदुवार प्रशिक्षण दिया गया। मौके पर अपर उपायुक्त श्री जयवर्धन कुमार, प्रशिक्षण कोषांग के वरीय पदाधिकारी श्री रविंद्र गागराई, अनुमंडल पदाधिकारी सरायकेला एवं अन्य सदस्य उपस्थित है।
सरायकेला : जिला निर्वाचन पदाधिकारी सह उपायुक्त की अध्यक्षता में सभी आरओ और एईआरओ के साथ बैठक सम्पन्न।

सरायकेला :  विधानसभा आम निर्वाचन-2024 की तैयारी के निमित्त जिला निर्वाचन पदाधिकारी -सह- उपायुक्त श्री रवि शंकर शुक्ला की अध्यक्षता में सभी विधानसभा क्षेत्र के आरओ एवं एआरओ के साथ बैठक सम्पन्न हुई। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित बैठक में मुख्य रूप से उप विकास आयुक्त श्री प्रभात कुमार बरदीयार, परियोजना निदेशक आईटीडीए श्री आशीष अग्रवाल एवं अन्य उपस्थित रहें। बैठक के दौरान सर्वप्रथम उपायुक्त ने सरायकेला-खरसावां जिले में लागू आदर्श आचार संहिता के संदर्भ में जानकारी दी, तथा इसके प्रभावी नियंत्रण को लेकर आवश्यक दिशा निर्देश दिए। उपायुक्त ने कहा कि आदर्श आचार संहिता के लागु होने के उपरांत अगले 24 घंटे, 48 घंटे तथा 72 घंटे में की जाने वाली कार्यों को निश्चित समयावधी में पूर्ण कराए। उन्होंने कहा कि किसी भी परिस्थिति में आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन तथा प्रतिनियुक्त पदाधिकारी / कर्मियों को शौपी गई जिम्मेदारियां के निर्वहन में लापरवाही बर्दास्त नही की जायेगी। अतः अपने जिम्मेदारियों का निर्वाहन पूरी तत्परता एवं गंभीरता से करें। बैठक के दौरान उपायुक्त ने विधानसभावार मतदान केंद्र पर उपलब्ध न्यूनतम सुविधाओं की समीक्षा कर सभी मतदान केन्द्रो पर न्यूनतम सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करने के निर्देश दिए। इस क्रम में उपायुक्त ने कहा कि मतदाता जागरूकता उद्देश्य से स्वीप कार्यक्रम के तहत विभिन्न गतिविधियों का आयोजन हेतु जिला स्तर से कैलेंडर निर्धारित किया गया है । सभी संबंधित विभागों के साथ समन्वय स्थापित करते हुए गांव एवं पंचायत स्तर पर निर्धारित कैलेंडर के अनुरूप विभिन्न गतिविधियों का आयोजन सुनिश्चित करें। उपायुक्त ने कहा कि स्थानीय भाषा में पंचायत स्तर पर लोगों की मतदान की प्रक्रिया, मतदान की तिथि, बूथ संख्या के जाँच तथा मतदान की महत्वता समेत विभिन्न बिन्दुओ के सम्बन्ध में जागरूक करना सुनिश्चित करेंगे। उपायुक्त ने कहा कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के साथ ही नियमानुसार एफएसटी-एसएसटी की टीम को एक्टिव करें, जिला स्तर से टीम पर निगरानी रख आवश्यकतानुसार सहयोग प्रदान करें। बैठक में उपायुक्त ने कहा कि सभी निर्वाचित निबंधन पदाधिकारी अपने-अपने विधानसभा क्षेत्र के एआरओ के साथ समय समय पर बैठक कर तैयारीयों की नियमित समीक्षा करें ताकि सभी तैयारियां ससमय पूर्ण कर भारत निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार सभी मतदान केन्द्रो पर बेहतर सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित करते हुए निर्वाचन प्रक्रिया को पूर्ण किया जा सके।
सरायकेला : पैर से आटा गूँथते विडिओ वायरल होने पर स्थानीय लोग उग्र हो गये,गोलगप्पे में स्वाद बढ़ाने के लिए हार्पिक एवं यूरिया खाद का भी इस्तेमाल .
सरायकेला : झारखंड राज्य के गढ़वा जिले मे गोलगप्पे खाने वालो के लिए बुरी खबर है दरसल जिले के माझीयाओ बाजार में गोलगप्पे बनाने को लेकर देखा गया पैर से आटा गूँथते विडिओ वायरल होने पर स्थानीय लोग उग्र हो गये। और गोलगप्पे बनाने वाले दो दुकानदारों को घेर लिया ,तथा गोलगप्पे का पानी बनाने की विधि के बारे में पूछा। इसके बाद जो सच्चाई सामने आई वह काफी चौकाने वाली है। दोनों ने बताया कि वे गोलगप्पे में स्वाद बढ़ाने के लिए हार्पिक एवं यूरिया खाद का भी इस्तेमाल करते हैं। यह सुनते ही लोग और उग्र हो गए। इसी बीच सूचना मिलते ही तत्काल पुलिस पहुंची और दोनों को बचा लिया ।दोनो को हिरासत में लेकर थाना ले कर थाना पहुंचे । गुपचुप बनाने वाले अरबिन्द यादव ने बताया कि कुछ दिन पूर्व उसके मौसेरे भाई अंशु एवं राघवेन्द्र से झगड़ा हुआ था। इसके बाद उन लोगो ने पैर से मैदा गूँथते हुए विडिओ बना लिया और वायरल कर दिया। इस संबंध में थाना प्रभारी आकाश कुमार ने बताया कि हिरासत में लिये गये दोनों उत्तर प्रदेश के हैं। इनमें एक झांसी जिला स्थित पूंछ थाना के सेसा गांव निवासी पिता हर प्रसाद यादव का पुत्र अरबिन्द यादव एवं जालौन जिला के चुरकी थाना क्षेत्र के नूरपुर गांव निवासी मंगल लाल का पुत्र सतीश कुमार श्रीवास्तव है। थाना प्रभारी ने कहा कि इनके पास से एक सफेद रंग का फिटकिरी जैसा ठोस पदार्थ केमिकल मिला है। जिसे थोड़ा सा लगभग आधा चम्मच पूरे बाल्टी में डालने पर पूरा पानी खट्टा हो जाता है। इसे मेडिकल लैब में भेजा जायेगा। वर्तमान में इनके गार्जियन को बुलाकर बॉन्ड लिखवाया जायेगा, अगर सफेद पदार्थ हानिकारक निकला तो दोनों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया जायेगा।उन्होंने बताया कि वे लोग गढ़वा के किराना दुकान से सफेद केमिकल खरीदते हैं इसकी भी जांच कराई जायेगी।
सरायकेला : मैइया योजना के तहत 1000 से 2500 की बढ़ोतरी से झरखण्ड मुक्ति मोर्चा की महिलाओं ने अपनी खुसी का इजहार किया इस दौरान लड्डू वितरण किया
सरायकेला : झामुमो महिला मोर्चा के द्वारा 18 वर्ष से 50 वर्ष की महिलाओं को सम्मान राशि 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपए करने की खुशी में झरखण्ड मुक्ति मोर्चा की महिलाओं ने अपनी खुसी का इजहार किया इस दौरान लड्डू वितरण किया ।मोर्चा की जिलाध्यक्ष अनिता कराई ने मौके पर कहा कि झारखंड बनने के बाद पहली बार किसी सरकार ने महिलाओं को इतना बड़ा तोहफा दिया है। जमशेदपुर पश्चिम के लोकप्रिय विधायक श्री बन्ना गुप्ता जी के गठबंधन जोड़ी ने कमाल कर दिया, मुख्यमंत्री मईया सम्मान योजना की सम्मान राशि को 1000 से बढ़ाकर 2500 रुपये करने के फैसले को कैबिनेट में पास कराकर महिलाये को जो सम्मान दिलाये है, आज इसी ऐतीहासिक खुशी के उपलक्ष में सोनारी राम मंदिर चौक में सोनारी कांग्रेस थाना अध्यक्ष श्री बंटी शर्मा जी के नेतृत्व में सैकड़ो जनता के बीच लडू वितरण का कार्यक्रम किया गया, महिलाये बहुत ही खुशी-खुशी हेमंत सोरेन जी और बन्ना गुप्ता जी को आशिर्वाद देते हुए कह रही थी आज तक किसी भी सरकार ने महिलाओं को ऐसा सम्मान नहीं दिया इस लडू वितरण कार्यक्रम को सफल बनाने में कांग्रेस विधायक प्रतिनिधि संतोष सिंह जी, पूर्व महिला अध्यक्ष अन्य लोग उपस्थित थे ।
सरायकेला : सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को 'शरद पूनम' या 'रास पूर्णिमा' भी कहते हैं,...

हर साल अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। सभी पूर्णिमा में शरद पूर्णिमा का विशेष महत्व है। आश्विन महीने की इस पूर्णिमा को 'शरद पूनम' या 'रास पूर्णिमा' भी कहते हैं, जो कि शरद ऋतु के आने का संकेत है। इसके कोजागर के नाम से भी जाना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन भगवान कृष्ण ने गोपियों के संग रास रचाया था इसलिए इसे रास पूर्णिमा कहते हैं। वहीं दूसरी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के दिन माता लक्ष्मी भूमिलोक पर भ्रमण करने के लिए आती हैं, इसलिए इसे कोजागर पूर्णिमा कहते हैं। शरद पूर्णिमा के दिन रात पर खुले आसमान के नीचे चांद की रौशनी में खीर रखने का विधान है।

शरद पूर्णिमा की तिथि और चंद्रोदय का समय : इस साल शरद पूर्णिमा 16 अक्टूबर को है। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि का आरंभ 16 अक्तूबर को रात 8 बजकर 40 मिनट पर होगा। पूर्णिमा तिथि का समापन शाम 4 बजकर 55 मिनट पर होगा। शरद पूर्णिमा के दिन चंद्रोदय का समय शाम 5 बजकर 7 मिनट का रहेगा।

शरद पूर्णिमा को खीर क्यों रखी जाती है?  शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी बहुत ही महत्वपूर्ण मानी जाती है। इस दिन चंद्रमा सोलह कलाओं के साथ चमकता है। इसके अलावा कहते हैं कि शरद पूर्णिमा की रात को चांद की रोशनी में कुछ ऐसे तत्व मौजूद होते हैं, जो हमारे शरीर और मन को शुद्ध करके एक पॉजिटिव ऊर्जा प्रदान करते हैं। इसके साथ ही यह भी मान्यता है कि शरद पूर्णिमा के चन्द्रमा की किरणें अमृतमयी होती हैं। इसलिए शरद पूर्णिमा की रात को दूध, चावल की खीर बनाकर चांद की रोशनी में रखने का विधान है। ऐसी मान्यता है कि चंद्रमा की किरणों से इस मिठाई में अमृत जैसे औषधीय गुण आ जाते हैं। इस दिन दूध, चावल की खीर बनाकर, एक बर्तन में रखकर उसे जालीदार कपड़े से ढक्कर चांद की रोशनी में रखा जाता है। इसके बाद अगली सुबह ब्रह्म मुहूर्त में श्री विष्णु को उस खीर का भोग लगा कर सेवन किया जाता है और परिवारजनों में बांटा जाता है।

शरद पूर्णिमा के दिन क्या करें? चंद्रमा को जल चढ़ाएं और मंत्रों का जाप करें। देवी लक्ष्मी की पूजा करें और धन के लिए प्रार्थना करें। घर में दीपक जलाएं, इससे घर में सकारात्मक ऊर्जा आएगी। देवी लक्ष्मी और भगवान विष्णु के मंत्रों का जाप करें। धार्मिक ग्रंथ पढ़ें। जरूरतमंदों को दान करें।

शरद पूर्णिमा के दिन न करें ये काम : नकारात्मक विचारों को अपने मन में न आने दें। किसी से विवाद न करें। क्रोध न करें। आपको झूठ नहीं बोलना चाहिए।

इन बातों पर विशेष ध्यान दें ।
शरद पूर्णिमा के दिन भूलकर भी तामसिक भोजन न करें। साथ ही इस दिन लहसुन और प्याज का सेवन भी वर्जित है। इस दिन काले रंग का प्रयोग न करें और काले कपड़े ना पहने। चमकीले सफेद कपड़े पहनें तो बेहतर रहेगा।