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ज्ञानवापी के मूल वाद में हुई सुनवाई, 19 अक्टूबर को प्रतिवादी रखेंगे पक्ष
लखनऊ/वाराणसी। ज्ञानवापी के मूल 32 साल पुराने मामले में बुधवार को सिविल जज सीनियर डिविजन फास्ट ट्रैक कोर्ट में सुनवाई हुई। ज्ञानवापी से जुड़े वर्ष 1991 के लार्ड विश्वेश्वर वाद में वादी पक्ष ने न्यायालय में अपना पक्ष रखा। इसमें वाद मित्र विजय शंकर रस्तोगी की ओर से जवाबी दलील दी गई। इससे पहले की तिथियों में हुई सुनवाई में वक्फ बोर्ड के अधिवक्ता तथा अंजुमन इंतजामिया कमेटी और वादमित्र की ओर से बहस की जा चुकी है।

न्यायालय ने इस मामले में सुनवाई की अगली तिथी 19 अक्टूबर नीयत की है। इस दिन अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता पक्ष रखेंगे। इसके बाद अदालत जवाबी दलील के बाद पत्रावली आदेश के लिए सुरक्षित कर सकती है। वर्ष 1991 के लार्ड विश्वेश्वर वाद में वादी हिन्दू पक्ष ने ज्ञानवापी के सेंट्रल डोम के नीचे शिवलिंग होने का दावा किया था। वादी पक्ष ने ज्ञानवापी परिसर के बचे शेष स्थल का खुदाई करा कर एएसआई सर्वे कराने की मांग अदालत से वाद के जरिए की है। प्रतिवादी मुस्लिम पक्ष ने खुदाई करा कर एएसआई सर्वे कराने का विरोध अदालत में किया है।

प्रतिवादी अंजुमन इंतजामिया कमेटी के अधिवक्ता 19 अक्टूबर को हिन्दू पक्ष के तर्क के विरोध में अपनी दलील देंगे। गौरतलब हो कि वर्ष 1991 में अधिवक्ता दान बहादुर, सोमनाथ व्यास, डॉक्टर रामरंग शर्मा, हरिहर पाण्डेय ने वाद दाखिल किया था। सुनवाई के बीच 1998 में प्रतिपक्ष ने हाईकोर्ट जाकर मामले में स्टे ले लिया। वर्ष 2018 में सुप्रीम कोर्ट का आदेश के बाद स्टे प्रभावहीन होने पर वर्ष 2019 में हिन्दू पक्ष ने फिर एएसआई सर्वे की मांग रखी।
बहराइच हिंसा में क्षेत्राधिकारी रुपेंद्र गौड़ हटाए गए,रवी खोखर को मिला चार्ज
लखनऊ/बहराइच । उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले के हिंसा प्रभावित क्षेत्रों में हालात अब धीरे-धीरे सामान्य होने लगे हैं। शासन ने इस मामले में अपने स्तर से कार्रवाई तेज कर दी है। इसी कड़ी में महसी पुलिस क्षेत्राधिकारी रूपेंद्र गौड़ को हटा दिया गया है। उनकी जगह पर रामपुर के सीओ रवी खोखर को चार्ज सौंपा गया है। इससे पहले चौकी इंचार्ज महसी और एसओ हरदी को निलंबित किया गया था। पता चला है कि सीओ महसी रूपेंद्र गौड़ के भी निलंबन की तैयारी चल रही है।

महाराजगंज में रविवार को देवी प्रतिमा विसर्जन के दौरान भड़की संप्रदायिक हिंसा के मामले में पुलिस अब उपद्रवियों को चिह्नित करने में जुटी हुई है। इस हिंसा से जुड़े अब तक 52 उपद्रवियों को जेल भेजा गया है। प्रभावित क्षेत्रों में शांति व्यवस्था बनाये रखने के उद्देश्य से वरिष्ठ अधिकारी दो शिफ्टों में चौबीस घंटे पल-पल की निगरानी कर रहे हैं। इन इलाकों को नौ सेक्टर में बांटा गया है, जहां पुलिस और जिला प्रशासन के लोग गश्त कर रहे हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ स्वयं अधिकारियों से जिले की ताजा स्थिति की रिपोर्ट ले रहे हैं। पुलिस अराजक तत्वों पर शिकंजा कस रही है।

वीडियो फुटेज के आधार पर उपद्रवी चिह्नित किये जा रहे हैं। अभी तक जो उपद्रवी पकड़े गये हैं, उनकी आपराधिक हिस्ट्री और मुकदमों की डिटेल जुटाई जा रही है। जनपद में संप्रदायिक हिंसा के बाद हालात इतने बिगड़ गये थे कि इंटरनेट सेवा को भी निलंबित करना पड़ा। इंटरनेट न होने की वजह से लोगों का खास दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। कुछ कारोबारियों का कहना है कि इंटरनेट सेवा न होने से इस त्योहारी सीजन के कारण व्यापार में उन्हें करोड़ों रुपये का नुकसान उठाना पड़ा है। प्रशासन से बातचीत में पता चला है कि बुधवार रात 11 बजकर 59 मिनट पर इंटरनेट सेवा बहाल कर दी जाएगी।
अमिटी लॉ कॉलेज में 23वां कानूनी सहायता शिविर का आयोजन किया गया

लखनऊ।बुधवार को अमिटी लॉ स्कूल, अमिटी यूनिवर्सिटी लखनऊ ने उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण (UP SLSA) के सहयोग से सफलतापूर्वक 23वां कानूनी सहायता शिविर आयोजित किया। इस शिविर का उद्देश्य समाज के कमजोर वर्गों के बीच कानूनी अधिकारों और जिम्मेदारियों के प्रति जागरूकता फैलाना और मौलिक कर्तव्यों के महत्व को पुनर्स्थापित करना था।यह शिविर असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. अक्षिता श्रीवास्तव और असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. ज्योत्सना सिंह के मार्गदर्शन में आयोजित किया गया। कार्यक्रम में कई विशिष्ट अतिथियों ने अपनी उपस्थिति से शोभा बढ़ाई, जिनमें संजय सिंह (उप सचिव, उत्तर प्रदेश राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण), पार्षद केशव प्रसाद , और हनुमान जी प्रमुख थे। अमिटी लॉ स्कूल के कार्यवाहक निदेशक डॉ. अरविंद कुमार सिंह ने भी सभा को संबोधित किया।कार्यक्रम की शुरुआत एक स्वागत भाषण के साथ हुई, जिसके बाद अतिथियों द्वारा प्रेरणादायक विचार साझा किए गए।

संजय सिंह ने नागरिकों के अधिकारों की सुरक्षा में कानून प्रवर्तन और विधिक सहायता की भूमिका पर जोर दिया और अमिटी लॉ स्कूल के छात्रों द्वारा उठाए गए इस महत्वपूर्ण कदम की सराहना की।पार्षद केशव प्रसाद  ने सामुदायिक सहभागिता और समाज में कानून के महत्व पर अपने विचार साझा किए।इस कार्यक्रम की मुख्य विशेषताओं में से एक अमिटी लॉ स्कूल के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया नुक्कड़ नाटक था, जिसने साइबर अपराध, घरेलू हिंसा, और बालिका शिक्षा जैसे गंभीर सामाजिक मुद्दों पर जागरूकता फैलाई।

इस मनोरंजक और विचारोत्तेजक प्रदर्शन ने दर्शकों पर गहरा प्रभाव छोड़ा, जिससे इन महत्वपूर्ण मुद्दों पर जागरूकता बढ़ी।इसके अतिरिक्त, कार्यक्रम के दौरान मौलिक कर्तव्यों के प्रति जागरूकता का आकलन करने के लिए एक सर्वेक्षण भी किया गया। इस सर्वेक्षण का उद्देश्य नागरिकों की संवैधानिक जिम्मेदारियों के प्रति उनकी समझ और जागरूकता का आकलन करना था, जो अक्सर अनदेखी रह जाती हैं।23वां कानूनी सहायता शिविर न केवल लोगों को उनके कानूनी अधिकारों के बारे में शिक्षित करने में सफल रहा, बल्कि उन्हें अपने नागरिक कर्तव्यों को पूरा करने के लिए भी सशक्त किया, जिससे एक अधिक जागरूक और न्यायपूर्ण समाज की दिशा में योगदान हुआ।
एक बार फिर सुर्खियों में आया जय प्रकाश नाराण इंटरनेशनल सेंटर, जानिये क्यों 

लखनऊ । समाजवादी नेता और आपातकाल में इंदिरा गांधी के खिलाफ जन आंदोलन की अगुवाई करने वाले जय प्रकाश नारायण की जयंती को लखनऊ स्थित जेपीएनआईसी (जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर) एक बार फिर सुर्खियों में आ गया।बता दें कि जेपीएनआईसी को बहुउद्देश्यीय सम्मेलन केंद्र के रूप में बनाया गया है। करीब 18.6 एकड़ में फैले इस केंद्र का निर्माण वर्ष 2013 में शुरू हुआ था। इसके टेंडर रियल एस्टेट कंपनी शालीमार के संजय सेठ को मिला था। वर्ष 2016 तक इस केंद्र की इमारत पर 813 करोड़ रुपये खर्च किए गए। 11 अक्तूबर 2016 को अखिलेश यादव ने स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स का उद्घाटन कर दिया था। ऑल वेदर ओलंपिक साइज स्विमिंग पूल और मल्टीपर्पज कोर्ट में खेलों से जुड़ी प्रस्तुति भी कराई गई। बाद में इस हिस्से को बंद कर दिया गया।

जेपीएनआईसी को लीज पर देने का फैसला किया था

लखनऊ विकास प्राधिकरण (एलडीए) ने जेपीएनआईसी को लीज पर देने का फैसला किया था। पीपीपी मोड में इसे चलाने के लिए करीब 100 करोड़ रुपये खर्च का आकलन किया गया लेकिन सरकार ने अभी तक इस प्रस्ताव को मंजूरी नहीं दी है। हालांकि लीला ग्रुप सहित कई बड़े होटल समूहों ने इसके लिए संपर्क किया गया था। इस सेंटर का स्वीकृत बजट 864 करोड़ रुपये था। संशोधित बजट 920 करोड़ रुपये किया गया। इमारत करीब 90 फीसदी तैयार है। शेष रकम का इस्तेमाल फिनिशिंग पर किया जाना था लेकिन समस्या ये है कि सात साल से बंद इमारत खंडहर हो रही है। इमारत में लगे एसी, लिफ्ट, एक्सीलेटर आदि बिना चले ही बेकार हो रहे हैं। करोड़ों रुपये की लाइटिंग भी खराब होने की स्थिति में है। इसके मेंटेनेंस पर ही सालाना 70 करोड़ रुपये का खर्च आएगा।

राज्यमंत्री सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे

एलडीए के पास इस मद में कोई प्रावधान नहीं है।वर्ष 2017 में योगी सरकार आने के बाद आवास राज्यमंत्री सुरेश पासी ने जेपीएनआईसी में भ्रष्टाचार के आरोप लगाए थे। तब सरकार ने जांच के आदेश दिए थे। अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है। उधर, इमारत बंद हो गई। इस पर संजय शर्मा ने हाईकोर्ट में पीआईएल दाखिल की। इसमें कहा गया कि जेपीएनआईसी करदाताओं के पैसे से बनी है और इमारत खंडहर हो रही है। केवल 100 करोड़ की जरूरत है और इमारत तैयार पूरी बन जाएगी। इस पर तत्कालीन चीफ जस्टिस ने सरकार को नोटिस जारी किया। तब इमारत में काम शुरू हो गया। इस पर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कमेंट किया तो निर्माण फिर रोक दिया गया। काम रोकने पर हाईकोर्ट ने पुन: नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। अखिलेश कह चुके हैं कि सरकार इस केंद्र को नहीं चला सकती है तो इसे बेच दे। कम से कम जो खरीदेगा, वह चलाएगा।

तमाम प्रकार की खूबियों से लैस है सेंटर

जेपीएनआईसी में 2,000 लोगों की क्षमता का कन्वेंशन हॉल, 107 कमरों वाला लग्जरी होटल, एक जिम, स्पा, सैलून, रेस्तरां, स्विमिंग पूल, बैडमिंटन कोर्ट, टेनिस कोर्ट, स्कवैश कोर्ट, डाइविंग पूल है। 1200 वाहनों के लिए बहुमंजिला कार पार्किंग और जयप्रकाश नारायण के जीवन और विचारों से जुड़ा संग्रहालय है। इसके अलावा 19 मंजिल की इस इमारत में ओपन एयर रेस्तरां और 19वें फ्लोर पर हेलीपैड है। इसकी खूबसूरती देखते बनती है।
उप्र के राज्य विश्वविद्यालयों एवं आंगनबाड़ी केन्द्रों की शैक्षिक गुणवत्ता में लाया गया सुधार : आनंदीबेन पटेल

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार, राष्ट्रीय एवं अंतर्राष्ट्रीय रैंकिंग हेतु मार्गदर्शन, निर्देशन और प्रोत्साहन द्वारा उन्नयन, प्रदेश के आंगनबाड़ी केन्द्रों हेतु आंगनबाड़ी किट उपलब्ध करवाकर स्तर में सुधार लाने का अथक प्रयास किया गया। यह बात मंगलवार को मध्य प्रदेश के प्रमुख पत्रकार, संपादक समेत 18 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल से उप्र राजभवन में प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कही।

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के राजभवन में नवाचारों, सौंदर्यीकरण के कार्यों से लेकर राजभवन को जन भवन बनाने पर कार्य किया गया। राजभवन में सम्पन्न होने वाले विविध कार्यक्रमों का जिक्र करते हुए राष्ट्रीय पर्वों के साथ-साथ समय-समय पर यहां अध्यासित अधिकारियों, कर्मचारियों के परिवारों की महिलाओं और बच्चों हेतु विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रमों की शुरू किया।

उन्होंने बताया कि राजभवन में अध्यासित बच्चों के कम्प्यूटर प्रशिक्षण, वेस्ट सामग्री से उपयोगी सामग्री निर्माण का प्रशिक्षण महिलाओं को चिकनकारी, सिलाई प्रशिक्षण और जूडो प्रशिक्षण, श्री अन्न व्यंजन हेतु कार्यक्रम जैसे विशेष कार्यक्रम आयोजित कराए जा रहें है।

पत्रकारों ने चर्चा के दौरान उत्तर प्रदेश के राज्य विश्वविद्यालयों में हुए अभूतपूर्व कार्यों, राष्ट्रीय और विश्वस्तरीय रैंकिंग तक उन्नयन और विदेशी विश्वविद्यालयों से जुड़कर यहाँ प्रारम्भ विविध पाठ्यक्रमों पर विशेष फोकस करते हुए इन कार्याें को प्रेरणादायी भी बताया। राज्यपाल ने विश्वविद्यालयों में शैक्षिक गुणवत्ता में सुधार तथा आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के अनुप्रयोग के संदर्भ में भी चर्चा की।

राजभवन भ्रमण के दौरान पत्रकारों के प्रतिनिधिमंडल राज भवन के पुनर्नवीनीकृत भवनों यथा कला कक्ष, मुद्रा एवं स्टाम्प कक्ष, जन कक्ष, अन्नपूर्णा हाल एवं तृप्ती कक्ष के सौन्दर्यीकरण से काफी प्रभावित हुए। प्रतिनिधि मण्डल द्वारा उत्तर प्रदेश राज्य के भ्रमण एवं राजभवन भ्रमण के अनुभवों को राज्यपाल से साझा किया गया। उन्होंने राजभवन से प्रकाशित पुस्तकों में भी विशेष दिलचस्पी दिखाई तथा राज्यपाल से राजभवन के नवाचारों के विवरण को सम्रगता से समेटे हुए पुस्तक ‘हमारा राजभवन‘ की प्रति भी प्राप्त की।
देश को 2025 तक क्षय रोग से मुक्त कराना प्रधानमंत्री का लक्ष्य : राज्यपाल
लखनऊ। क्षय रोग से ग्रसित बच्चों को माताएं भरपूर भोजन, प्रेम और देखभाल करें, ताकि इनकी ठीक ढंग से परवरिश हो सके। देश को इस रोग से मुक्त कराने के लिए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2025 तक का लक्ष्य रखा है और लक्ष्य के अनुरुप क्रियान्वयन भी हो रहा है। यह बातें मंगलवार को उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रामपुर में कही।

उत्तर प्रदेश की राज्यपाल आनंदीबेन पटेल मंगलवार को रामपुर के चिन्हित आंगनबाड़ी केन्द्रों को प्री-स्कूल किट वितरण कार्यक्रम कलेक्ट्रेट परिसर में बतौर मुख्य अतिथि शामिल हुईं। उन्होंने कलेक्ट्रेट परिसर में आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों और पुलिस विभाग द्वारा लगाए गए विभिन्न स्टालों का भ्रमण किया। राज्यपाल ने कहा कि हर व्यक्ति का देश के विकास में कहीं न कहीं योगदान अवश्य होता है। इसके लिए संकल्प लेकर भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाएं। आगे कहा कि अमेरिका जैसे कई विकसित राष्ट्रों के पास वह संसाधन मौजूद नहीं है, जो हमारे देश के पास हैं। देश कई वर्षों तक गुलामी की जंजीरों में रहा। उस समय भी हमारे देश के पास ज्ञान के भण्डार मौजूद थे, जिसको वे अपने साथ ले गए। हमारे देश में ही शून्य का आविष्कार हुआ, तभी गणित और टेक्नोलॉजी आगे बढ़ी।



विश्वविद्यालयों से जोड़े गये आंगनबाड़ी केन्द्र

राज्यपाल ने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों को सशक्त और सुविधा सम्पन्न बनाने के लिए उनको विश्वविद्यालयों से जोड़ा गया है। आंगनबाड़ी केन्द्रों में पढ़ने वाले छोटे बच्चों पर विशेष ध्यान देने की आवश्यकता होती है, क्योंकि जब फाउंडेशन मजबूत होगी तभी देश तरक्की करेगा। शिक्षा के साथ-साथ बच्चों में संस्कृति और सभ्यता का भी ज्ञान होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सभी आंगनबाड़ी केद्रों पर बच्चों को स्वस्थ रखने के लिए हेल्थ किट होनी चाहिए, जिसमें रुमाल, डिटॉल, कंघी, आईना, बटन, सुई-धागा, साबुन, नेल कटर और दवा आदि हो। उन्होंने निर्देश दिया कि अधिकारी जनता के सहयोग से यह किट सभी आंगनबाड़ी केद्रों पर उपलब्ध करायें। इस दौरान राज्यपाल ने 100 आंगनबाड़ी केन्द्रों के लिए आंगनबाड़ी किट वितरित किया। इसके साथ ही उन्होंने पांच क्षय रोग रोग ग्रसित बच्चों को पोषण किट और पांच लाभार्थियों को आयुष्मान कार्ड प्रदान किया।



राजा लाइब्रेरी को विश्व पटल पर मिली पहचान

राज्यपाल ने रामपुर रजा लाइब्रेरी एवं संग्रहालय के भ्रमण का जिक्र करते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति, सभ्यता और विरासत को विश्व स्तर पर पहचान दिलाना हम सबकी जिम्मेदारी है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विजन अपनी धरोहर को विश्व प्रसिद्ध बनाने का है, इस संकल्पना को साकार करने के लिए रामपुर रजा लाइब्रेरी का विकास आवश्यक है। वहीं प्रदेश के कृषि, कृषि शिक्षा एवं कृषि अनुसंधान राज्यमंत्री बलदेव सिंह औलख ने कहा कि राज्यपाल के प्रयासों से ही रामपुर रजा लाइब्रेरी में कई ऐतिहासिक कार्य हुए हैं तथा लाइब्रेरी को विश्व पटल पर पहचान भी मिली है।

मातृ-शिशु मृत्यु दर की करें लगातार मॉनिटरिंग

राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने रामपुर कलेक्ट्रेट स्थित सभागार में विकास कार्यों की समीक्षा बैठक की। उन्होंने 'जननी सुरक्षा योजना' के अंतर्गत जनपद में संस्थागत प्रसव के लिए जागरुकता गतिविधियां आयोजित कराने का निर्देश देते हुए कहा कि स्वास्थ्य विभाग ऐसे ग्रामीण क्षेत्र जहां आज भी घरों में प्रसव कराते हैं, उन गांवों में महिलाओं को इससे होने वाली समस्याओं से अवगत कराते हुए जागरुकता कैम्प लगाकर संस्थागत प्रसव के लिए प्रेरित करें। इसके साथ ही मुख्य चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया कि मातृ-शिशु मृत्यु दर की लगातार मॉनिटरिंग करें, अधिकारी इस प्रकरण को गम्भीरता से लें। वहीं बैठक में मुख्य विकास अधिकारी ने बताया कि प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत 12 प्राइवेट व 07 सरकारी अस्पतालों को सम्बद्ध किया गया है।

राज्यपाल ने गोल्डन कार्ड योजना से सम्बद्ध इन सभी अस्पतालों की जांच कर उनकी समीक्षा करने और औचक निरीक्षण करने के लिए सीएमओ को निर्देशित किया। उन्होंने सभी अधिकारियों को निर्देशित किया कि सरकार द्वारा संचालित सभी योजनाओं का लाभ पात्र व्यक्ति को मिले, इस दिशा में आवश्यक कार्य करें। उन्होंने आंगनबाड़ी केद्रों की स्थिति के बारे में जानकारी ली और रिक्त पदों पर भर्ती में प्रगति लाते हुए शीघ्र भर्ती कराए जाने के निर्देश दिए। उन्होंने राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रम, पोषण अभियान कार्यक्रम, प्रधानमंत्री आवास योजना शहरी एवं ग्रामीण, प्रधानमंत्री मुद्रा योजना सहित अन्य विभिन्न योजनाओं पर विस्तृत चर्चा की।

यह रहे मौजूद

इस अवसर पर अपर मुख्य सचिव राज्यपाल डॉ. सुधीर महादेव बोबडे, मंडलायुक्त आञ्जनेय कुमार सिंह, जिलाधिकारी जोगिंदर सिंह और मुख्य विकास अधिकारी नन्द किशोर कलाल, जनप्रतिनिधिगण सहित अन्य अधिकारीगण मौजूद रहे।
वायनाड से प्रियंका गांधी होंगी कांग्रेस की उम्मीदवार
लखनऊ। कांग्रेस की तरफ से केरल की वायनाड लोकसभा सीट पर होने वाले उपचुनाव के लिए पार्टी महासचिव प्रियंका गांधी उम्मीदवार होंगी। इसके अलावा पार्टी ने दो विधानसभा सीटों पर भी होने वाले उप चुनाव के लिए अपने उम्मीदवारों की घोषणा की है।

कांग्रेस संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार केरल की पलक्कड़ सीट से राहुल मनकूटट्टिल और चेलक्कारा - एससी सीट से राम्या हरिदास पार्टी उम्मीदवार होंगी।उल्लेखनीय है कि आज ही चुनाव आयोग ने 15 राज्यों की 48 विधानसभा और दो लोकसभा सीटों पर उपचुनाव की घोषणा की है।
योगी सरकार की बुलंदशहर में बड़ी कार्रवाई, राशन की कालाबाजारी में नपे कई अधिकारी
लखनऊ। योगी सरकार जीरो टॉरलेंस नीति के तहत बराबर भ्रष्टाचारियों पर शिकंजा कस रही है और मंगलवार को बुलंदशहर में बड़ी कार्रवाई की गई। यहां पर राशन कालाबाजारी में गठित उच्च स्तरीय जांच समिति की रिपोर्ट पर जिला पूर्ति अधिकारी सहित चार अधिकारी तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिये गये। इसके साथ ही इन सभी के खिलाफ भारतीय दंड संहिता और आवश्यक वस्तु अधिनियम-1955 की धारा 3/7 के तहत अभियोग भी पंजीकृत किया गया है।

खाद्य एवं रसद विभाग आयुक्त सौरभ बाबू ने मंगलवार को बताया कि सरकार गरीबों के हक के साथ खिलवाड़ करने वाले भ्रष्टाचारियों पर पूरी गंभीरता से कार्रवाई कर रही है। जिलाधिकारी बुलंदशहर को जनपद में राशन की कालाबाजारी की शिकायत प्राप्त हुई थी, जिसके बाद इस गंभीर मामले की जांच के लिए अपर जिलाधिकारी (प्रशासन) की अध्यक्षता में एक जांच समिति गठित की गई। समिति ने सिंगल स्टेज परिवहन व्यवस्था की जांच की, जिसमें पाया गया कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत वितरित किए जाने वाले सरकारी खाद्यान्न का बड़े पैमाने पर दुरुपयोग हो रहा है।

मामले की गंभीरता को देखते हुए शासन ने मुख्यालय से अपर आयुक्त (स्थापना) की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय एक उच्चस्तरीय जांच समिति का गठन किया। इस समिति ने मौके पर जाकर पूरी जांच की, जिसमें स्पष्ट हुआ कि सिंगल स्टेज डोर स्टेप डिलीवरी व्यवस्था और सार्वजनिक वितरण प्रणाली के अन्य निर्देशों का सही तरीके से पालन नहीं किया गया था। संबंधित अधिकारियों और कर्मचारियों ने अपने पर्यवेक्षणीय कर्तव्यों का निर्वहन ठीक से नहीं किया, जिससे सरकारी राशन का दुरुपयोग हुआ।

इन अधिकारियों को किया गया निलंबित

समिति की जांच में सामने आया कि हैंडलिंग एवं परिवहन ठेकेदार रविन्द्र सिंह, विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार, विपणन निरीक्षक अंकुर सिंह, लेबर मेट शिवकुमार उर्फ शिब्बु और वकील खां, पिंकी तथा पवन सरकारी राशन की कालाबाजारी और दुरुपयोग में संलिप्त थे। खाद्यान्न जिसे गरीबों और जरुरतमंदों तक पहुंचना था उसे भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) के गोदाम से निकालकर बाजार में अवैध रुप से बेचा जा रहा है। जांच के बाद विपणन निरीक्षक सुधीर कुमार, पूर्ति निरीक्षक विवेक श्रीवास्तव और जिला खाद्य विपणन अधिकारी जिया अहमद करीम को तुरंत प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है। इनके खिलाफ विभागीय कार्यवाही भी शुरु कर दी गई है। इसके अलावा, जिलापूर्ति अधिकारी सुनील सिंह को भी निलंबित किया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरु कर दी गई है।

अन्य अधिकारियों पर भी गिरी गाज

खाद्यान्न वितरण में लापरवाही और सरकारी रिकॉर्ड के सही रखरखाव न करने पर कई अन्य अधिकारियों पर भी गाज गिरी है। डिपो प्रभारी व ब्लॉक प्रेषण प्रभारी शालिनी पचौरी, क्षेत्रीय विपणन अधिकारी इन्द्रपाल सिंह, और विपणन निरीक्षक गौरव कुमार, विनोद कुमार दोहरे, मुकेश कुमार, राजीव शर्मा और मनोज कुमार के खिलाफ भी विभागीय कार्यवाही शुरू कर दी गई है। इन सभी अधिकारियों पर खाद्यान्न वितरण और अभिलेखों के समुचित रख-रखाव में गंभीर लापरवाही बरतने के आरोप है।

ठेकेदार को किया गया ब्लैकलिस्टेड

भ्रष्टाचार में संलिप्त पाए गए परिवहन ठेकेदार रविन्द्र सिंह की फर्म को तत्काल प्रभाव से ब्लैकलिस्ट कर दिया गया है। इस कार्रवाई ने प्रशासनिक तंत्र में हड़कंप मचा दिया है और जिले में खाद्यान्न वितरण व्यवस्था पर कड़ी नजर रखी जा रही है। जिलाधिकारी ने स्पष्ट किया है कि किसी भी प्रकार की अनियमितता को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों को कठोरतम सजा दिलाने के लिए सभी आवश्यक कानूनी कदम उठाए जाएंगे।
सहारनपुर में रोटी पर थूकते हुए वीडियो आया सामने, पुलिस जांच में जुटी
लखनऊ/सहारनपुर। जहां एक तरफ योगी सरकार खाने में थूकने वालों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर रही है, वहीं इसके बावजूद भी खाने में थूकने के मामले रुकने का नाम नहीं ले रहे हैं। ताजा मामला यूपी के सहारनपुर से सामने आया है।

सहारनपुर में एक खाने को अपवित्र करते हुए रोटी में थूकने का वीडियो सामने आया है, वीडियो में युवक रोटी पर थूकते हुए साफ दिखाई दे रहा है। वीडियो सहारनपुर सिटी कोतवाली अन्तर्गत चौकी सराय के खलीफा होटल का बताया जा रहा है।

वीडियो वायरल होने के बाद बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने जिहादी मानसिकता रखने वालों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई करने की मांग की है। बजरंग दल के कार्यकर्ता थाना सिटी कोतवाली पहुंचे और होटल को सील करने व होटल संचालक के विरुद्ध गंभीर धाराओं में मामला दर्ज करने की मांग की।

बजरंग दल के कार्यकर्ता शक्ति राणा ने बताया कि वीडियो का संज्ञान लिया गया है, जिसके बाद थाने पर लिखित शिकायत दी गई है। जिहादी मानसिकता रखने वाले लोग जो कभी थूक जिहाद, कभी मूत्र जिहाद तो कभी लव जिहाद करके देश को बर्बाद करने का षडयंत्र रच रहे हैं, ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए, और इस तरह के जो भी होटल संचालित हैं, प्रशासन द्वारा उन्हें तुरंत सील किया जाना चाहिए।
यूपी में खान-पान की चीजों में मानव अपशिष्ट मिलाना हाेगा संज्ञेय अपराध, शीघ्र आएगा कठोर कानून : मुख्यमंत्री याेगी
लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को एक महत्वपूर्ण बैठक में हाल के दिनों में घटित जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य व गंदी चीजों की मिलावट की घटनाओं पर स्थायी रोक लगाने के लिए प्रस्तावित नए कानून पर विमर्श किया। मुख्यमंत्री योगी ने बैठक में प्रमुख दिशा-निर्देश दिए।

उन्होंने कहा कि हाल के दिनों में देश के विभिन्न क्षेत्रों में जूस, दाल और रोटी जैसी खान-पान की वस्तुओं में मानव अपशिष्ट, अखाद्य व गंदी चीजों की मिलावट की घटनाएं देखने को मिली हैं। ऐसी घटनाएं वीभत्स हैं और आम आदमी के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालने वाली हैं। यह सामाजिक सौहार्द पर भी प्रतिकूल प्रभाव डालती हैं। ऐसे कुत्सित प्रयास कतई स्वीकार नहीं किये जा सकते।

मुख्यमंत्री ने कहा कि खाद्य पदार्थों की पवित्रता सुनिश्चित करने तथा सार्वजनिक व्यवस्था के बारे में उपभोक्ताओं में विश्वास बनाए रखने की महत्ता के दृष्टिगत कठोर कानून बनाया जाना आवश्यक है। होटल, रेस्टोरेंट, ढाबा, स्ट्रीट वेंडर से जुड़ी इन गतिविधियों के संबंध में सुस्पष्ट कानून तैयार करें। कानून का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ कारावास और अर्थदंड की सजा सुनिश्चित होनी चाहिए। ऐसे अपराध को संज्ञेय और अजमानतीय मानते हुए कार्रवाई की जानी चाहिए।

उन्होंने कहा कि अपनी पहचान छुपा कर असामाजिक तत्वों को खान-पान की वस्तुओं एवं पेय पदार्थ में मानव अपशिष्ट, अखाद्य, गंदी चीजों की मिलावट में रोकने की एक भी गतिविधि न हो, इसे कानून के माध्यम से सुनिश्चित करना होगा। ऐसी असामाजिक गतिविधियों पर कड़ाई से लगाम लगाया जाना चाहिए।

योगी ने कहा कि हर उपभोक्ता को यह अधिकार हो कि वह खाद्य एवं पेय पदार्थों के विक्रेता तथा सेवा प्रदाताओं के बारे में आवश्यक जानकारी रख सके। इसके लिए विक्रेता द्वारा प्रतिष्ठान पर साइनबोर्ड लगाना अनिवार्य हो। खाद्य प्रतिष्ठान में काम करने वाले सभी कार्मिकों को पहचान पत्र धारण करना अनिवार्य हो। छद्म नाम रखने, गलत जानकारी देने वालों के विरुद्ध कठोरतम सजा का प्रावधान होना चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि प्रत्येक खाद्य प्रतिष्ठान द्वारा यह सुनिश्चित किया जाए कि उसके प्रतिष्ठान में कोई भी भोजन दूषित न हो। खाद्य प्रतिष्ठानों के रसोईघर एवं भोजन कक्ष में सतत निगरानी के लिए पर्याप्त संख्या में सीसीटीवी कैमरे लगाना अनिवार्य हो, जिसकी न्यूनतम एक माह की फुटेज जिला प्रशासन द्वारा मांगे जाने पर हर समय उपलब्ध कराई जाए। रसोईघर में भोजन पकाते समय और भोजन प्रतिष्ठान में उसे परोसते समय सिर ढकना, मास्क पहनना और दस्ताने पहनना अनिवार्य होना चाहिए। खाद्य कारोबारकर्ता द्वारा प्रतिष्ठान में कार्यरत कार्मिकों का विवरण सम्बंधित थाने को उपलब्ध कराया जाना चाहिए।

उन्हाेंने कहा कि यदि किसी खाद्य प्रतिष्ठान में किसी कार्मिक के घुसपैठिया अथवा अवैध विदेशी नागरिक होने की पुष्टि होती है तो इनके विरुद्ध कठोर कार्रवाई होनी चाहिए। कानून में इस संबंध में स्पष्ट प्रावधान किया जाए।