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चलती ट्रेन से युवती को अगवाकर सामूहिक दुष्कर्म
लखनऊ। उत्तरप्रदेश के इटावा जनपद में चलती ट्रेन में छेड़खानी का विरोध करने युवती को बेहोश कर अगवा करने के बाद गैंगरेप की वारदात सामने आई है। युवती के साथ हैवानियत की वारदात को अंजाम देने के बाद आरोपी युवक युवती को कार से नेशनल हाइवे पर फेंककर फरार हो गए। बेसुध हालत में घरवालों के संपर्क में आई युवती के बताने पर परिजनों की तहरीर के आधार पर आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर कानूनी कार्यवाही में जुट गई है।

पीड़ित युवती ने बताया कि गत शनिवार को वह मध्यप्रदेश के सोनी स्टेशन से कोटा एक्सप्रेस से इटावा के लिए बैठी थी तभी ट्रेन की बोगी में पहले से बैठे एक युवक ने अपने मोबाइल फोन से युवती का वीडियो बनाना और फोटो खींचना शुरू कर दिया जिसका युवती द्वारा विरोध किया गया। इस दौरान युवती ने अपने मोबाइल फोन से एक आरोपी की तस्वीर भी खींच ली और दूसरी बोगी में जाकर बैठ गई लेकिन युवक उसके पीछे दूसरी बोगी में आ गए और उन्होंने कोई नशीला पदार्थ सुंघाकर उसे बेहोश कर दिया। होश में आने के बाद युवती ने अपने आपको एक बंद कमरे में पाया था जिसमें तीन से चार युवक मौजूद थे और सभी युवकों ने उसके साथ बारी-बारी दुष्कर्म किया। फिर उसके बाद उसे कार में डालकर थाना बकेवर क्षेत्र के अंतर्गत नेशनल हाइवे के पास उझियानी के पास फेंककर चले गए, जिसके बाद एक महिला की मदद से वह अपने परिजनों के संपर्क में आई। घटना की जानकारी उसने अपने परिजनों को दी है।

अपर पुलिस अधीक्षक ग्रामीण सतपाल सिंह ने बताया कि बीते शनिवार के एक युवती के साथ ट्रेन से अगवाकर दुष्कर्म करने की घटना संज्ञान में आई है जिसके बाद पुलिस ने पीड़िता के परिजन की तहरीर के आधार पर जीरो एफआईआर लिखकर मामले की विवेचना के लिए राजकीय रेलवे पुलिस इटावा के लिए स्थानांतरित कर दिया है। मामले में विधिक कार्यवाही राजकीय रेलवे पुलिस द्वारा की जा रही है।

थाना प्रभारी निरीक्षक राजकीय रेलवे पुलिस इटावा शैलेश निगम ने बताया कि थाना बकेवर में पंजीकृत जीरो एफआईआर को विवेचना के लिए थाना जीआरपी पर स्थानांतरित किया गया है। पीड़िता का चिकित्सीय परीक्षण करवाने के बाद आरोपियों की तलाश शुरू कर दी गई है।
बागपत ईस्टर्न पेरिफेरिल हाईवे पर सड़क हादसा, तीन की मौत,सीएम ने लिया संज्ञान
लखनऊ। गाजियाबाद से हरियाणा की ओर जा रहे दो ट्रक ईस्टर्न पेरिफेरल पर रविवार की सुबह आपस में टकरा गये। सूचना पर स्थानीय पुलिस ने सभी घायलों को जिला अस्पताल में भर्ती कराया, जहां तीन लोगों को मृत घोषित कर दिया गया है। जबकि की एक की हालत गंभीर है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जनपद में हुए सड़क हादसे का संज्ञान लेते हुए मृतकों के शोक संतप्त परिजनों के प्रति संवेदना व्यक्त की है।

सीएम ने घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की

मुख्यमंत्री ने घायलों को तत्काल अस्पताल पहुंचाकर जिला प्रशासन के अधिकारियों को उनके समुचित उपचार के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की भी कामना की है। उन्होंने जिला प्रशासन के अधिकारियों को मौके पर पहुंचकर राहत कार्य में तेजी लाने के निर्देश दिए।

पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा

चांदीनगर थाना क्षेत्र के लहचौड़ा गांव के पास ईस्टर्न पेरिफेरल एक्प्रेसवे पर रविवार की सुबह पांच बजे दो गाड़ियां टकरा गईं। हादसे की जानकारी पर कुछ लोगों ने जाकर देखा तो तीन लोगों के शव पड़े थे। सूचना पुलिस ने मौके पर पहुंचकर सभी शव को कब्जे में लेकर घायल को इलाज के लिए जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया।मृतकों की पहचान गाजियाबाद के डासना के पास देहरा गांव निवासी अखिल, नन्हे, राजा हैं। एक घायल का इलाज चल रहा है। पुलिस ने घटना की जानकारी मृतकों की परिवार को देते हुए आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।

लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भीषण हादसा

इटावा जिले के ताखा कस्बे में लखनऊ से दिल्ली जा रही तेज रफ्तार कार शनिवार रात लगभग सवा दस बजे ट्रक में जा घुसी। हादसे में दो विदेशी युवतियों समेत तीन लोगों की मौत हो गई। वहीं, दो विदेशी घायल हो गए। दोनों को आयुर्विज्ञान विवि में भर्ती कराया गया है।हादसा लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवेके किलामीटर संख्या 125 पर हुआ है। जानकारी के अनुसार, शनिवार रात लगभग सवा 10 बजे लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर लखनऊ से दिल्ली की ओर जा रही तेज रफ्तार कार ट्रक में जा घुसी।सूचना पर एसडीएम सदर विक्रम राघव, एसडीएम ताखा श्वेता मिश्रा, एसओ ऊसराहार मंसूर अहमद और यूपीडा के सुरक्षा अधिकारी मनोहर सिंह मौके पर पहुंच गए। हादसे में घायल सभी लोगों को आयुर्विज्ञान विवि पहुंचाया गया।

हादसे में दो विदेशी युवतियों समेत तीन की मौत

इस बीच रास्ते में चालक संजीव कुमार (40) निवासी निवासी तुगलकाबाद एक्सटेंशन, थाना गोविंदपुरी दिल्ली, नाज (30) निवासी जंगपुरा लाजपत नगर थाना लाजपत नगर, दिल्ली मूल निवासी अफगानिस्तान, कैटरीना (22) निवासी निवासी रूस हाल पता दिल्ली की मौत हो गई।दो घायलों का चल रहा है इलाज वहीं, नाज की बहन क्रिशटीन (20) और आतिफा (27) निवासी निवासी जंगपुरा लाजपत नगर थाना लाजपत नगर दिल्ली मूल निवासी अफगानिस्तान गंभीर रूप से घायल हो गए। दोनों का अस्पताल में इलाज चल रहा है। क्षतिग्रस्त गाड़ी को क्रेन की मदद से चौकी कुदरैल भेजा गया है।
मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में यूपी के दो शूटरों का नाम सामने आ रहा,दोनों बहराच के रहने वाले
लखनऊ। मुंबई में हुए बाबा सिद्दीकी हत्याकांड में यूपी के दो शूटरों का नाम सामने आ रहा है। इस घटना में शामिल धर्मराज कश्यप और शिव कुमार उर्फ शिवा गौतम दोनों कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले थे। दोनों परिवार के भरण पोषण के लिए मुंबई कमाने गए थे। एसपी वृंदा शुक्ला ने बताया की दोनो का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। यह दोनों ही सामान्य परिवार के लोग हैं। अभी तक नियमित रूप से यह परिवार के साथ जुड़े हुए भी थे। पुलिस घर पहुंचकर परिवार से बात कर रही है। साथ ही यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस घटना के बारे में परिवार के पास क्या जानकारी है।


महाराष्ट्र में अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP) के नेता बाबा सिद्दीकी की शनिवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई। मुंबई पुलिस ने इस मामले में दो संदिग्धों को गिरफ्तार किया है। इस बीच, इस हत्याकांड को लेकर नया दावा सामने आया है। रिपोर्ट्स में दावा किया है कि हमलावरों ने बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए पटाखों का फायदा उठाया। दरअसल, दशहरे के मौके पर जब बाबा सिद्दीकी अपने बेटे जीशान के ऑफिस के बाहर पटाखे फोड़ रहे थे तभी उनकी हत्या की गई।

यूपी एसटीएफ को किया अलर्ट
मुंबई में पूर्व विधायक बाबा सिद्दीकी की हत्या करने वाला धर्मराज कश्यप बहराइच का रहने वाला है। अपने कुछ महीनों पहले अपने साथी शिवाा गौतम के साथ मुंबई काम तलाशने गया था। मुंबई में हुए इस हाईप्रोफाइल मर्डर में उसका नाम सामने आने के बाद बहराइच पुलिस ने उसके बारे में छानबीन की तो कोई पुराना आपराधिक इतिहास नहीं मिला। फिलहाल पुलिस उसके बारे में गहनता से पता लगा रही है।

बाबा सिद्दीकी की हत्या का यूपी लिंक सामने आया

वहीं दूसरी ओर बाबा सिद्दीकी की हत्या का यूपी लिंक सामने आने के बाद एसटीएफ की सारी यूनिट्स को अलर्ट कर दिया गया है। दरअसल, वारदात में शामिल एक शूटर मौके से भाग गया था। बाबा सिद्दीकी की हत्या के लिए यूपी के अंडरवर्ल्ड की मदद लेने की आशंका जताई जा रही है, जिसकी वजह से एसटीएफ इसकी टोह लेने में जुट गई है। एडीजी कानून-व्यवस्था अमिताभ यश ने बताया कि अभी मुंबई पुलिस ने एसटीएफ से संपर्क नहीं किया है, लेकिन धर्मराज और उसके साथी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। दरअसल, एसटीएफ को शक है कि धर्मराज किसी संगठित गिरोह से जुड़ा था, जिसके बाद उसे किसी खास काम से मुंबई भेजा गया। दरअसल, वारदात के दौरान धर्मराज का किसी पेशेवर शूटर की तरह पिस्टल से ताबड़तोड़ गोलियां बरसाना उसके किसी गिरोह से जुड़े होने का संदेह पुख्ता कर रहा है।

मजदूरी करने गया था, दोनों का अभी तक नहीं कोई अपराधिक इतिहास

जानकारी के अनुसार धर्मराज कश्यप और शिवा गौतम कैसरगंज कोतवाली के गंडारा गांव के रहने वाले हैं। एसपी बहराइच वृंदा शुक्ला ने बताया कि दोनों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड फिलहाल नहीं मिला है। दोनों सामान्य परिवार के हैं और मजदूरी करने मुंबई गए थे। दोनों के बारे में सारी जानकारियां जुटाई जा रही हैं।
योगी सरकार ने अखिलेश को जेपी सेंटर जाने से रोका, सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने घर में लगी लोकनायक की मूर्ति पर चढ़ाई माला
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को शुक्रवार को जयप्रकाश नारायण की जयंती पर उनके आवास पर लगी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धासुमन अर्पित करते ही कार्यकर्ताओं व पुलिस की रास्साकशी थम गई। उन्होंने श्रद्धांजलि देने के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर निशाना साधा।

अखिलेश यादव ने कहा कि जेपीएनआईसी सेंटर वर्ल्ड क्लास की एक जगह बनी है। सरकार ने जानबूझकर के साजिश की है कि यह वर्ल्ड क्लास बिल्डिंग जो बनी है उसको बेच दिया जाए। यह सरकार भेड़ियों, गुलदारों से गरीबों को किसानों को नहीं बचा पा रही है। अभी तक यह सरकार पता नहीं कर पाई है कि गरीबों के बच्चों पर हमला कौन कर रहा है।

सपा अध्यक्ष ने कहा कि भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने स्वतंत्रता आंदोलन में कोई योगदान नहीं दिया है। उन्होंने कहा कि सुनने में आ रहा है कि 70 करोड़ से भी ज्यादा का पेमेंट हुआ है। उसके बाद भी जेपीएनआईसी नहीं खुला है। इसका मतलब यह है कि जेपीएनआईसी में कुछ न कुछ यह लोग छुपाना चाहते हैं। अगर जयप्रकाश जी के योगदान के बारे में इन्हें पता होता तो जिस तरह से फोर्स लगा रहे हैं, नहीं लगाते। खुद त्योहार मना रहे हैं और हमें नहीं मनाने दे रहे हैं।

मुखर समाजवादी नेता जय प्रकाश नारायण की जयंती मनाने से रोकना यह बताता है कि महापुरुषों को लेकर उनकी मंशा ठीक नहीं है। नीतीश कुमार को महापुरुषों के प्रति इस तरह का भेदभाव करने वाली एनडीए सरकार से समर्थन वापस ले लेना चाहिए।

उल्लेखनीय है कि आज समाजवादी नेता, संपूर्ण क्रांति के उद्घोषक 'लोकनायक' जयप्रकाश नारायण की जयंती है। इस मौके पर पूर्व की भांति सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव व पार्टी के नेता—कार्यकर्ताओं द्वारा उनकी गोमती नगर स्थित जय प्रकाश नारायण इंटरनेशनल कन्वेंशन सेंटर (जेपीएनआईसी) में स्थित प्रतिमा स्थल पर पहुंचकर आज भी पुष्प अर्पित कर याद करते हुए श्रद्धांजलि दिए जान का कार्यक्रम तय था। इस बीच बीती रात एलडीए ने जेपीएनआईसी सेंटर के मुख्य द्वार पर टीन शेड लगाकर श्रद्धांजलि दिए जाने की अनुमति नहीं दी। इसी के बाद से मामले ने सियासी तूल पकड़ लिया। अखिलेश ने देर रात ही जेपीएनआईसी सेंटर पहुंचकर हर हाल में श्रद्धांजलि देने का एलान कर दिया। उनके इस एलान के बाद लखनऊ जिला प्रशासन व पुलिस हकरत में आ गई। रात में ही अखिलेश यादव के आवास के बाहर बैरिकेडिंग लगाते हुए उन्हें रोकने की तैयारी करते हुए पुलिस बल तैनात कर दिया। शुक्रवार को सपा नेताओं की भीड़ आवास पहुंची और वहां से अपने राष्ट्रीय अध्यक्ष को रोकने पर हंगामा शुरू कर दिया।

अखिलेश से मिले पुलिस अधिकारी तो बदला निर्णय

विरोध और नोक-झोंक बढ़ती देख पुलिस अधिकारियों की एक टीम आवास पर अखिलेश यादव से मिलने पहुंची। पुलिस और अखिलेश यादव के बीच बातचीत के बाद मामले में स्थिति बदल गई। शायद कार्यकर्ताओं के हंगामा और प्रदर्शन के दौरान उनकी सुरक्षा को भांपते हुए सपा अध्यक्ष ने अपना निर्णय बदला और आवास पर लगी जयप्रकाश नारायण की प्रतिमा पर माल्यापर्ण को राजी हुए। इस दौरान सपा नेता रामगोविन्द चौधरी, जूही सिंह समेत कई बड़े व अन्य नेता, कार्यकर्ताओं का हुजूम अखिलेश के आवास के बाहर जमा है और सभी महापुरुषों के आदर और श्रद्धांजलि न दिए जाने पर भाजपा सरकार पर जमकर नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किए।

जंजीर में खुद को बांध कार्यकर्ता ने किया प्रदर्शन

प्रखर समाजवादी जयप्रकाश नारायण की जयंती पर श्रद्धांजलि देने से रोकने के लिए पुलिस बल लगाने और सपा अध्यक्ष को आवास से न निकलने दिए जाने की भारी व्यवस्था को लेकर सपा कार्यकर्ता जमकर प्रदर्शन कर रहे हैं। इस दौरान सपाईयों की पुलिस से नोकझोंक का दौर जारी है। यहां पर एक सपा कार्यकर्ता लोहे की बेड़ियां डाले पहुंचा और अनोखा विरोध प्रदर्शन किया। कार्यकर्ताओं द्वारा नारेबाजी करते हुए भाजपा सरकार को कोसते हुए कहा कि समाजवादी महापुरुषों को श्रद्धांजलि देने से रोक कर दमन और उनका अपमान इस सरकार में किया जा रहा है। यह बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जेपीएनआईसी सेंटर विवाद: अखिलेश यादव बोले- जब बैरीकेटिंग हटेगी तब अंदर जाएंगे
लखनऊ । जेपीएनआईसी सेंटर पर अखिलेश को भीतर न घुसने देने का मामला एक बार फिर गरमा गया है। इस मौके पर अखिलेश यादव ने कहा कि जयप्रकाश नारायण की जयंती के दिन सपा कार्यकर्ता उनके म्यूजियम में जयंती मनाते हैं। लेकिन हमें दो बार से माल्यार्पण करने से रोका जा रहा है। अखिलेश यादव ने कहा कि यह सरकार इस सेंटर को बेचना चाहती है।

उन्होंने कहा कि ये बैरीकेटिंग सपा के कार्यकर्ताओं को रोक नहीं पाएगी। पुलिस कब तक यहां रहेगी। जब पुलिस वहां से हटेगी तब हम वहां माल्यार्पण करेंगे। अखिलेश यादव ने कहा कि हम माल्यार्पण यहीं पर करेंगे। अभी यहां पर पुलिस की बैरीकेटिंग है। यह बैरीकेटिंग कब तक रहेगी। जब  पुलिस हटेगी तब हम वहां जाएंगे।

अखिलेश ने कहा कि यह सरकार ही विनाशकारी है। सरकार भेड़िए को पकड़ने की ताकत नहीं जुटा पा रही है। वह इन चीजों में अपनी ऊर्जा खर्च कर रही है। अखिलेश यादव ने कहा कि अंदर कुछ गड़बड़ चल रहा है। कुछ ऐसा है जो सरकार छिपाना चाह रही है। हमें अंदर कुछ वजहों से नहीं आने दिया जा रहा है। हम इसकी हकीकत मालूम करके रहेंगे।

अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील, सपा नेताओं में आक्रोश
लखनऊ । जयप्रकाश नारायण की जयंती पर शुक्रवार को समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव की निर्धारित यात्रा से पहले जय प्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय केंद्र (जेपीएनआईसी) को सील कर दिया गया है। बैरिकेडिंग की गई है और पुलिस बल तैनात किया गया है। अखिलेश के घर के बाहर पुलिस तैनात कर दी गई है। इससे सपा नेता आक्रोशित हैं। समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ता पुलिस बल और बैरिकेडिंग की मौजूदगी के बीच पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के आवास पर इकट्ठा होने लगे हैं। बता दें कि सपा प्रमुख अखिलेश यादव आज जयप्रकाश नारायण की जयंती पर गोमती नगर स्थित जेपीएनआईसी का दौरा करने वाले हैं।

सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव बृहस्पतिवार को देर रात गोमती नगर स्थित जयप्रकाश नारायण इंटरनेशनल सेंटर (जेपीएनआईसी) पहुंचे थे। जहां पर उन्होंने मीडिया से बातचीत में बयान दिया कि ये टीन शेड लगाकर सरकार कुछ तो छिपाना चाह रही है। कहीं ऐसा तो नहीं कि बेचने की तैयारी हो, किसी को देना चाहते हो। बता दें कि समाजवादी विचारधारा के प्रतीक लोकनायक जय प्रकाश नारायण की 11 अक्तूबर (शुक्रवार) को जयंती है। उनको श्रद्धांजलि देने के लिए सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जेपीएनआईसी जाना है।

श्रद्धांजलि देने से रोकना सभ्य समाज की निशानी नहीं : अखिलेश

इसके पहले, अखिलेश यादव ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जेपीएनआईसी के मेन गेट पर लगाई जा रही टिन का वीडियो शेयर करते हुए कहा है कि किसी को नमन करने या श्रद्धांजलि देने से रोकना सुसभ्य लोगों की निशानी नहीं।उत्तर प्रदेश विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष और सपा नेता माता प्रसाद पांडेय ने कहा, "...जयप्रकाश नारायण आजादी की लड़ाई में हमारे बड़े नेता थे, स्वतंत्रता सेनानी थे और उन्हें सभी पार्टियों के नेताओं का सम्मान प्राप्त है। इसलिए आज उनकी जयंती पर हम प्रतिपक्ष उनका सम्मान करने के लिए उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण करते हैं। पिछली बार भी उन्हें(अखिलेश यादव) रोका गया था लेकिन हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष वहां गए और माल्यार्पण किया फिर चले आए। मुझे समझ नहीं आता कि केवल माल्यार्पण करने से कौन सा पहाड़ टूट जाता है? या तो उस संस्थान(जेपीएनआईसी) में कोई गड़बड़ी है जिसे बेचने का प्रयास किया जा रहा है और ये गड़बड़ उजागर न हो इसलिए ऐसी लोकतांत्रिक कार्रवाई करके उन्हें(अखिलेश यादव) जाने से रोका जा रहा है।"

इस सरकार की मंशा ठीक नहीं : अजय राय कांग्रेस अध्यक्ष

यूपी कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने कहा कि इस सरकार की मंशा ठीक नहीं है। पिछले साल भी इसी तरह की चीजें की गई थीं। उन्होंने वाराणसी में सर्व सेवा संघ को ध्वस्त कर दिया, इसी तरह, मुझे लगता है कि वे उसे (जेपीएनआईसी) भी ध्वस्त करने और एक बड़े व्यवसायी को बेचने की कोशिश कर रहे हैं।
सीएम योगी ने महाअष्टमी एवं महानवमी की प्रदेशवासियों को दी हार्दिक बधाई
लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने शारदीय नवरात्र में महाअष्टमी एवं महानवमी के अवसर पर प्रदेशवासियों को हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं दी हैं।मुख्यमंत्री ने कहा कि जगत की समस्त व्यवस्थाओं को आदिशक्ति भगवती संचालित करती हैं। इनके अनंत रूप हैं। आदिशक्ति प्रधान नौ रूपों में नवदुर्गा बनकर चराचर जगत पर अपनी करुणा की वर्षा करती हैं। नवरात्र में माँ के इन नौ रूपों का पूजन श्रद्धा एवं भक्तिभाव से किया जाता है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नवरात्र में माँ दुर्गा की आराधना मातृशक्ति के प्रति सनातन परम्परा के सम्मान का प्रतीक है। इसी क्रम में नवरात्र में महाअष्टमी एवं महानवमी पर भक्तगण कन्या पूजन करते हैं। नवरात्र का पर्व केवल व्रत और उपवास का नहीं, बल्कि नारी शक्ति और कन्याओं के सम्मान का भी पर्व है। यह पर्व मातृशक्ति के प्रति भारत की भावना का प्रभावी प्रतिनिधित्व करता है।
गंगा आरती में रतन टाटा को 51 दीप जलाकर दी श्रद्धांजलि, हुआ शांति मंत्र का जप
लखनऊ /वाराणसी। देश के जाने-माने उद्योगपति पद्म विभूषण रतन नवल टाटा के निधन पर काशी नगरी भी शोकाकुल है। गुरुवार शाम अस्सीघाट पर सायंकालीन गंगा आरती में 51 दीप जलाकर रतन टाटा को श्रद्धांजलि दी गई। घाट पर गंगा आरती में शामिल ब्राम्हणों ने शांति मंत्र का जप करके रतन टाटा के आत्मा की शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की।

जय मां गंगा सेवा समिति और ब्राम्हम राष्ट्र एकम की पहल पर आयोजित इस कार्यक्रम में दो मिनट का मौन रख श्रद्धालुओं ने रतन टाटा के प्रति आदर दिखाया। इसमें देश विदेश के पर्यटक भी स्वेच्छा से शामिल हुए।

गंगा आरती समिति के यश चतुर्वेदी ने बताया कि रतन टाटा का देश के विकास में काफी अहम योगदान रहा है। गरीबों के लिए उन्होंने काफी कुछ काम किया है। एक ऐसे व्यक्ति के चले जाने से देश को काफी क्षति हुई है। आज हम सभी ने मां गंगा से उनकी आत्मा के शांति के लिए मां गंगा से प्रार्थना की और 2 मिनट का मौन रखा। उधर, वाराणसी महामना पंडित मदन मोहन मालवीय कैंसर केंद्र व होमी भाभा कैंसर अस्पताल के कर्मियों ने भी रतन टाटा को भावभीनी श्रद्धांजलि दी।
हाथरस सत्संग के दौरान हुई भगदड़ के मामले में सूरज पाल उर्फ भोले बाबा का बयान दर्ज
लखनऊ। हाथरस के सिकंदराराऊ क्षेत्र में गांव फुलरई मुगलगढ़ी में इसी साल 02 जुलाई को आयोजित सत्संग में भगदड़ के दौरान 121 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में राज्य सरकार ने न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसी मामले में आज सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा लखनऊ के जनपथ बाजार स्थित सचिवालय पहुंचे। यहां सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा ने न्यायिक आयोग के समक्ष प्रस्तुत होकर अपना बयान दर्ज कराया। सूरज पाल से न्यायिक आयोग ने लगभग सवा दो घंटे तक पूछताछ की।

न्यायिक आयोग के सामने पेश होने के लिए सूरज पाल भारतीय जनता पार्टी के पूरनपुर (पीलीभीत) विधायक बाबू राम पासवान की फार्चूनर कार में सवार होकर पहुंचे थे। इसके साथ ही बड़ी संख्या में उनके समर्थक भी साथ ही थे। सचिवालय के सामने उतरते ही सूरज पाल को लखनऊ कमिश्नरेट पुलिस के पुलिसकर्मियों ने घेर लिया। पुलिस उपायुक्त रवीना त्यागी, अपर पुलिस आयुक्त अरविन्द कुमार वर्मा और हजरतगंज के निरीक्षक विक्रम सिंह ने कड़े सुरक्षा घेरे में सूरज पाल को न्यायिक आयोग के कक्ष तक पहुंचाया। सूरज पाल के पूछताछ के लिए आने से पहले ही पुलिसकर्मियों ने जनपथ बाजार की सभी दुकानों को एहतियातन बंद करा दिया था।

न्यायिक आयोग के सदस्यों ने सूरज पाल उर्फ भोले बाबा से करीब सवा दो घंटे तक पूछताछ की। इस दौरान बाबा की ओर से उनके पक्ष में करीबी 1100 लोगों के शपथ पत्र भी आयोग को सौंपे गए। आयोग के बाहर आने पर सूरज पाल ने मीडिया के प्रश्नों का अपने अंदाज में ही उत्तर दिये। इस दौरान पूरी घटना को सूरज पाल मात्र एक हादसा ही बताते रहे। सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा को उनके भक्त बाबा साकार हरि भी कहते हैं। भोले बाबा की ओर से पेश अधिवक्ता ए.पी. सिंह ने कहा कि हमें पूरा विश्वास है कि इस भगदड़ के पीछे राजेश यादव उर्फ फौजी ही है। भोले बाबा ने अपना बयान दर्ज करा दिया है। आगे जो भी होगा, उसे देखा जायेगा। प्रदेश की योगी आदित्यनाथ की सरकार और न्याय व्यवस्था पर उन्हें भरोसा है।

उल्लेखनीय है कि हाथरस में 02 जुलाई को सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा के सत्संग समारोह के आखिरी दिन भगदड़ मचने से 121 लोगों की मौत हो गई थी। इसे लेकर पुलिस प्रशासन व आयोजकों से लेकर भोले बाबा तक की चौतरफा निंदा हुई और सवाल उठाए गए। हादसे के बाद कुछ दिन तक भोले बाबा अज्ञात स्थानों पर रहे और बाद में सार्वजनिक रूप से बयान दिया कि यह व्यवस्था का दोष है, उनकी इसमें कोई भूमिका नहीं थी। हांलाकि कहा जाता है कि भोले बाबा की चरण रज (पैरों की धूल) लेने के लिए मची भगदड़ के चलते यह हादसा हुआ। इस मामले में पुलिस ने आयोजकों के खिलाफ मामला दर्ज किया, लेकिन भोले बाबा को गिरफ्तार नहीं किया गया।उस हादसे में मारे गए और पीड़ित लोगों ने भी भोले बाबा के खिलाफ बयान नहीं दिया। बताया जा रहा है कि सूरज पाल उपाख्य भोले बाबा का पिछड़ों व दलित समाज में खासा प्रभाव है और बाबा के प्रचार और प्रभाव के इस समाज के बड़ी संख्या में लोगों ने मांस और शराब का त्याग किया है।
विजयादशमी से पूर्व बिजली विभाग का तोहफा, लगातार पांचवें साल नहीं बढ़ी बिजली दर
लखनऊ।प्रदेश के विद्युत नियामक आयोग ने नई बिजली दर का ऐलान कर दिया। उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया, जहां में लगातार पांचवें साल बिजली दरों में कोई बढ़ोत्तरी नहीं की गयी। इस यथावत बिजली दर के बने रहने में राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद का अहम रोल रहा, जो नियामक आयोग में अपनी तर्कसंगत मांगे रखी और बिजली दर को कम किये जाने की मांग की।

राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद ने ऐलान किया है कि बिजली उपभोक्ताओं का कंपनियों पर निकल रहे 33122 करोड के एवज में दरों में कमी के लिए संघर्ष जारी रहेगा। इसके साथ ही नियामक आयोग ने स्मार्ट प्रीपेड मीटर पर कनेक्शन जोडने व काटने का 50 रुपये प्रस्तावित शुल्क और10 रुपये एसएमएस शुल्क को भी खारिज कर दिया है। इसके साथ ही अब तीन किलो वाट कनेक्शनधारी उपभोक्ताओं को भी तीन फेज कनेक्शन लेने की छूट दे दी गयी है।

उपभोक्ता परिषद की लडाई के चलते विद्युत नियामक आयोग ने पावर कॉरपोरेशन व बिजली कंपनियों के अनेकों प्रस्ताव खारिज कर दिया। इस साल भी बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 1944 करोड़ सरप्लस निकला। वहीं बिजली कंपनियों का 11203 करोड का घाटा दिखाया गया। विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष अरविंद कुमार व सदस्य संजय कुमार सिंह ने गुरुवार को नई बिजली दरों का एलान करते हुए कहा कि पांचवी साल भी उत्तर प्रदेश में बिजली दरों में कोई इजाफा नहीं होगा और दरे यथावत रहेगी। प्रदेश में बिजली कंपनियां जहां चोर दरवाजे बिजली दरों में अपने प्रस्तावित गैप 11203 करोड के एवज में भारी बढोतरी चाहती थी।

वहीं उपभोक्ता परिषद के संघर्ष के बाद उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य बन गया जहां 5 सालों से बिजली दरें यथावत है। यह बात अवश्य है कि उत्तर प्रदेश में बिजली कंपनियों पर उपभोक्ताओं का 33122 करोड सर प्लस निकल रहा है। उसके एवज में अगले 5 वर्षों तक 8 प्रतिशत बिजली दरों में कमी का ऐलान नियमानुसार विद्युत नियामक आयोग को करना चाहिए था,लेकिन विद्युत नियामक आयोग ने ऐसा नहीं किया जो अपने आप में रेगुलेटरी फ्रेमवर्क का खुला उल्लंघन है। इसको लेकर उपभोक्ता परिषद आगे अपना संघर्ष जारी रखेगा।

उत्तर प्रदेश राज्य विद्युत उपभोक्ता परिषद के अध्यक्ष व राज्य सलाहकार समिति के सदस्य अवधेश कुमार वर्मा ने कहा कि विद्युत नियामक आयोग द्वारा जारी नई बिजली दर का अध्ययन उपभोक्ता परिषद करेगी। इसके बाद आगे की रणनीति के तहत पहले से उपभोक्ताओं के निकले सरप्लस 33122 करोड़ व वर्तमान में निकले सरप्लस को जोडकर विद्युत नियामक आयोग के सामने पुनर्विचार जनहित याचिका दाखिल करते हुए बिजली दरों में कमी करने को लेकर फिर एक बार संघर्ष क्या ऐलान करेगा और जब तक बिजली दलों में कमी नहीं हो जाएगी इस संघर्ष को अनवरत चलाएगा