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हड़ताल पर गयी झारखंड की आंगनबाड़ी सेविका और सहायिका, जानें क्या होगा इसका असर


रांची :झारखंड की आंगनबाड़ी सेविका-सहायिका संघ शनिवार से हड़ताल पर चली गयी. वे अपनी विभिन्न मांगों को लेकर लंबे समय से प्रदर्शन कर रही थी. उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है. इससे पहले बुधवार को सभी जिलों में सेविका-सहायिका ने मशाल जुलूस निकालकर सरकार के खिलाफ अपना आक्रोश जताया था.

कौन कौन सी मांग शामिल है

झारखंड की आंगनबाड़ी सेविकाओं की मांग है कि विभाग की ओर से जारी सेवा शर्त नियमावली में आवश्यक संशोधन करते हुए समय पर मानदेय वार्षिक वृद्धि का लाभ दिया जाए.

सहायक अध्यापक के तर्ज पर सेविका सहायिकाओं के लिए मानदेय का प्रावधान किया जाए.

मानदेय का केंद्रीय एवं राज्य के अंश का भुगतान एक साथ प्रति माह नियमित समय पर किया जाए.

सेवानिवृत्ति का लाभ जैसे ग्रेच्युटी व पेंशन आदि का भुगतान, महिला पर्यवेक्षिका की बहाली के नियमों में संशोधन कर कार्यरत सेविकाओं को प्राथमिकता देना

हड़ताल पर जाने का क्या असर होगा आंगनबाड़ी सेविकाओं के हड़ताल पर जाने से आंगनबाड़ी केंद्रों पर ताले लग जाएंगे.

 जिससे बच्चों को पोषण युक्त आहार नहीं मिल पाएगा. इसके अलावा 6 साल कम उम्र के बच्चों का समय पर टीकाकरण नहीं हो पाएगा. क्योंकि वे 6 साल तक के बच्चों के लिए टीका भी उपलब्ध कराने का काम करती है. इतना ही नहीं आंगनवाड़ी सेविकाएं गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य की जानकारी लेने के साथ साथ नवजात शिशुओं और नर्सिंग माताओं की देखभाल की भी जिम्मेदारी भी इन्हीं के कंधों पर होती है. इसके अतिरिक्त वे छोटे बच्चों को लाने-ले जाने में भी मदद करती हैं. बता दें कि झारखंड में अभी करीब 38 हजार सेविका और सहायिका कार्यरत है. इन सभी के हड़ताल में चले जाने से ये सारे काम ठप पड़ जाएंगे.

सेविका और सहायिका ने 23 सितंबर को सीएम हाउस का किया था घेराव

गौरतलब है कि 23 सितंबर को सभी सेविका और सहायिका ने सीएम हाउस का घेराव किया था. उस वक्त गिरिडीह के विधायक सुदिव्या कुमार सोनू ने आश्वसन दिया था कि 27 सितंबर की कैबिनेट बैठक में आपके हित में निर्णय लिया जाएगा. लेकिन बैठक में ऐसा कुछ नहीं हुआ. जिसके बाद उन्होंने ये फैसला लिया.

झारखंड में 24 घंटे में ही धंस गई आठ लेन सड़क, कई पोल झुके; सीएम हेमंत सोरेन ने किया था उद्घाटन


धनबाद : सड़क धंसने की सूचना के बाद आसपास के लोगों व दुकानदारों के बीच चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर भी डाला। ऐसे में नवनिर्मित आठ लेन सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है।

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने चार अक्तूबर (शुक्रवार) को धनबाद की बहुप्रतिक्षित आठ लेन सड़क का रांची से ऑनलाइन उद्घाटन किया था। 462 करोड़ की लागत से बनी झारखंड की पहली आठ लेन सड़क उद्घाटन के 24 घंटे के अंदर ही शनिवार को धंस गई।

 असर्फी अस्पताल के सामने सड़क पांच फीट तक धंस गई और उस पर तीन फीट चौड़ा गोफ बन गया। जिस जगह पर सड़क धंसी है, उसकी बैरिकेडिंग तक नहीं की गई है। रात में इससे दुर्घटना की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता है।

सड़क धंसने की सूचना के बाद आसपास के लोगों व दुकानदारों के बीच चर्चा का विषय बन गया। कई लोगों ने वीडियो बनाकर इसे सोशल मीडिया पर भी डाला। ऐसे में नवनिर्मित आठ लेन सड़क की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगा है।

 सड़क का निर्माण गुड़गांव की शिवालया कंसट्रक्शन कंपनी ने 

किया है। जानकारों का कहना है कि बारिश के पानी की निकासी की सही व्यवस्था नहीं होने के कारण सड़क धंस जा रही है। एक महीना पहले भी लेमन चिल्ली रेस्टोरेंट के सामने सड़क धंस गई थी। सड़क में सभी जगह अभी तक लाइट नहीं जल पाई है। बताते चलें कि 2017 से बन रही यह आठ लेन सड़क सात वर्षों में बनकर तैयार हुई है। सड़क की कुल लंबाई 20 किलोमीटर है।

कई पोल झुके

सड़क पर लगी स्ट्रीट लाइट के कई पोल झुक गए हैं। भूली से लेकर काको मोड तक और लेमन चिल्ली से गोल बिल्डिंग तक कई पोल आंधी की वजह से झुक गए हैं। स्ट्रीट लाइट के पोल इतने पतले हैं कि वह आंधी को झेल नहीं पा रहे हैं।

प्रोजेक्ट हेड साज संजय कुमार ने बताया, सड़क के नीचे निगम की पाइपलाइन है। पाइप के लीकेज की वजह से सड़क टूट गई है। दुर्गापूजा को देखते हुए मरम्मत का काम नहीं किया जा रहा है। पूजा के बाद मरम्मत कराई जाएगी।

झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी महिला मोर्चा धनबाद की जिला अध्यक्ष डिंपल चौबे का दावा, उनकी पार्टी पूर्ण बहुमत से बनाएगी सरकार


झा. डेस्क 

धनबाद : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी महिला मोर्चा धनबाद की जिला अध्यक्ष डिंपल चौबे ने पार्टी के कार्यकताओं को संबोधित करते हुए कहा कि जेएलकेएम पार्टी प्रमुख जयराम महतो के विचारधाराओं से झारखंड के तमाम जनमानस उनसे प्रभावित हैं। हर जगह हमें लोगों का, महिलाओं का सहयोग व प्रोत्साहन मिल रहा है। 

इन 24 वर्षों में सभी राजनीतिक दलों से जनता त्रस्त हैं।समृद्ध राज्य होने के बावजूद भी झारखंड के लोग भुखमरी के कगार पर है। भ्रष्टाचार शोषण चरम सीमा पर व्याप्त है। इस बार जनमानस ने बदलाव का संकल्प ले लिया है निश्चित रूप से आने वाले चुनाव में पूर्ण बहुमत के साथ जेएलकेएम की सरकार बनेगी। 

वही पार्टी पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं से आग्रह किया गया की घर-घर जाकर लोगों से मिले उनकी समस्याओं को सुने, पार्टी हर स्तर तक सबकी समस्याओं को समाधान करने के लिए संकल्पित है। इस बार झारखंड में बदलाव निश्चित है। घर-घर लोग थाली में दिया और जल लेकर झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के सदस्यों का अभिवादन कर रहे हैं। 

सिर्फ इसलिए की वर्षों बाद धरातल से जुड़ी मांगो को लेकर अधिकार को लेकर हम आगे बढ़े हैं और निश्चित रूप से लोगों के अधिकारों को दिला कर ही हम दम लें।

लिलौरी स्थान के पास हथियार के बल पर अपराधियों ने पार्सल ब्वाय से लूटी बाइक


धनबाद कतरास : लिलोरी स्थान के नजदीक रेलवे अंडरपास के नीचे करीब साढ़े 10 बजे राजगंज से पार्सल बाय कूरियर का काम कर के लौट रहा था, कतरास आ रहे कतरास तीलाटांड़ निवासी रंजीत कुमार सिंह से तीन अपराधियों ने शाइन एसपी बाइक और पार्सल समान लूट लिया.

रंजीत ने बताया कि तीन लुटेरों में से दो के पास बंदूक थी. 

बंदूक से मार कर अपराधियों ने रंजीत कुमार सिंह को ज़ख्मी कर दिया.

रंजीत के अनुसार तीनों अपराधी पल्सर बाइक पर सवार थे और शाइन एसपी बाइक लेकर कतरास राहुल चौक की तरफ भागे.

मौके पर कतरास पुलिस पहुंची और रंजीत को निचितपुर क्लिनिक ले गई.कतरास पुलिस छानबीन में लग गई है।

बाघमारा अनुमंडल के कई थाने की पेट्रोलिंग गाड़ी सुनसान जगह पर न रहकर चौक चौराहा , पेट्रोल पंप में रहना उचित समझा रहे हैं , जिसे अपराधियों का मनोबल इस कदर बढ़ा है कि सुनसान जगह से जाने वाले गाड़ियों को निशाना बनाते हुए उनके साथ मारपीट कर छिनतई कर रहे है आखिर पुलिस कब ऐसी वारदात को रोक पाने में सक्षम दिखेगी।

बाघमारा के एक एलआईसी एजेंट पर पॉलिसी धारक का 12.28 लाख हड़पने का आरोप ,मामला दर्ज

धनबाद के बाघमारा थाना क्षेत्र के जयरामडीह निवासी एक एलआईसी एजेंट और उसकी पत्नी के खिलाफ पालिसी धारक ने 12 लाख 28 हजार 230 रुपये की राशि हड़पने का आरोप लगाकर मुकदमा दर्ज़ किया है.क्या है पूरा मामला पुलिस उस पर जांच कर रही है.

भुक्त भोगी जमाकर्ता ने आरोप लगाया है कि एलआइसी का किस्त जमा कराने तथा फ्लैट खरीदने के नाम पर उनसे क़र्ज़ के रूप में कूल 12 लाख 28 हजार 230 रुपये की राशि उक्त एजेंट ने लिया, लेकिन ना तो उसने किस्त जमा किया और नहीं उधार के नाम पर लिए गए पैसे वापस किया है.

बाघमारा थाना प्रभारी चिरंजीत प्रसाद ने बताया कि तेलोटांड़ के रहने वाले डॉ मनोज कुमार सिंह के शिकायत पर मामला दर्ज कर लिया गया है. पुरे मामलर कि जाँच की जा रही है.P

जयराम महतो ने किया एक और प्रत्याशी क़ी घोषणा,उन्होंने कहा आदिवासी का मतलब हेमंत सोरेन का परिवार नहीं

झारखंड डेस्क 

इस चुनाव में झारखंड में बड़ी तेजी के साथ झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा अपनी पकड़ बनाता दिख रहा है। युवाओं की टोली के साथ चुनाव मैदान में उतरने वाली युवा नेता जयराम महतो की पार्टी ने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी करने के साथ ही अब चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है जयराम महतो लगातार सभाएं कर रहे हैं। 6 अक्टूबर को उनकी सभा जरमुंडी में है। 

 आपको बता दें कि जयराम महतो ने खुद डुमरी से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। शुक्रवार को रांची के बेड़ो महादानी मैदान में झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के तत्वावधान में बदलाव संकल्प सभा का आयोजन किया गया था। जिसमें जयराम महतो ने भाजपा और हेमंत सरकार दोनों पर निशाना साधा।

 जयराम महतो ने कहा कि झारखंड आदिवासियों व मूलवासियों का राज्य है। आदिवासी कहने का मतलब सिर्फ हेमंत सोरेन का परिवार नहीं है। 

जयराम महतो ने आगे कहा कि झारखंड अलग होने के 24 साल बाद भी यहां रहने वाले आदिवासी आज भी आज देश के महानगरों में चंद रुपयों के लिए महिलाएं नौकरानी का काम करने व पुरूष ईंट भट्ठा में मजदूरी करने के लिए विवश हैं। 

मुख्यमंत्री मंईयां सम्मान योजना बेटी बहन को एक हजार रुपए देकर ठगने का काम कर रही है। उन्होंने ऐलान किया कि अगर राज्य में उनकी सरकार आई तो मंईयां और भइया दोनों को सम्मान मिलेगा। उन्होंने झारखंड में 1932 की खतियान लागू करने और क्षेत्रीय भाषा को आधार बनाने की बात कही।

 इसके अलावा जयराम महतो ने सभास्थल पर ही जेएलकेएम से मांडर विधानसभा सीट से गुना भगत को प्रत्याशी बनाए जाने की घोषणा की। 

इस पर खुशी जताते हुए जेएलकेएम नेता गुना भगत ने कहा कि मांडर की जनता बंधु तिर्की के झूठे वायदे और प्रलोभन में फंसकर उन्हें 15 साल तक विधायक बनाते रहे. वहीं उनकी बेटी एक बार विधायक बन कर दोबारा चुनाव लड़ने की तैयारी में है. लेकिन अब मांडर की जनता उनसे निजात पाना चाहती है।

टुंडी पुलिस ने अवैध लाटरी की टिकट के साथ एक व्यक्ति को पकड़ा

टुंडी : राज्य में लाटरी बेचने पर प्रतिबंध होने के बावजूद इन दिनों क्षेत्र में लाटरी की टिकट की बिक्री धड़ल्ले से हो रही है। टुंडी पुलिस ने शुक्रवार को अवैध रूप से लाटरी का टिकट बेचने के आरोप में कमारडीह गांव से जुम्मन अंसारी को पकड़कर जेल भेज दिया।

 टुंडी थानेदार उमाशंकर ने बताया गिरफ्तार व्यक्ति से लगभग एक सौ पचास अवैध लाटरी, मोबाइल,व कुछ रुपए के साथ पकड़ा गया। 

इसका मुख्य सरगना की तलाश जारी है जल्द ही दबोचने की बात कही।

धनबाद : चिटाही बस्ती से 12 लाख की चोरी, मामला दर्ज

धनबाद,बाघमारा : बरोरा थाना क्षेत्र के चिटाही बस्ती निवासी सुभाष महतो के बंद घर का ताला तोड़कर अज्ञात चोरों ने बुधवार की रात नगद समेत 12 लाख रुपए की संपत्ति चोरी कर ली . 

घटना के समय गृहस्वामी अपने परिवार के साथ बोकारो स्थित ससुराल में था. घटना की जानकारी गुरुवार शाम ससुराल से घर पहुंचने पर हुई. चोरी की घटना भुक्तभोगी दहशत में हैं. 

इस मामले में भुक्तभोगी सुभाष महतो के लिखित शिकायत पर बरोरा पुलिस मामला दर्ज कर लिया है. पुलिस मामले की जांच में जुटी है. पुलिस को दिये शिकायत में कहा है कि 2 अक्टूबर को अपने परिवार के साथ बोकारो स्थित कुम्हरी ससुराल गया था. 

3 अक्टूबर को शाम जब घर पहुंचे तो पत्नी ताला खोलने गयी तो पहले खुला नहीं. बाद में एक झटके में खुल गया इससे हमलोग की अजीब महसूस हुआ. हड़बड़ाकर घर के अंदर गये तो देखा कि आलमीरा खुला पडा हुआ था. सामान बिखरा हुआ था. आलमीरा के अंदर रखा सामान की खोजबीन करने पर पता चला कि आलमीरा में कमेटी से लेकर रखा 3 .50 लाख , पहले से रखा 2 लाख तथा पर्स में रखा 50 हजार सहित कुल 6 लाख तथा पत्नी का रखा लगभग 6 लाख का गहना गायब था. 

चोरों ने लगभग 12 लाख की चोरी कर लिया .

झारखंड विधानसभा चुनाव 2024: क्या जामा विधानसभा पर झामुमो का रहेगा कब्जा या जनता शिबू सोरेन परिवार क़ी तीसरी पीढ़ी को देगी मौका...?

 -विनोद आनंद

झारखंड में ज्यों ज्यो विधानसभा चुनाव का समय नज़दीक आ रहा है सभी राजनितिक दल अपनी अपनी तैयारी में मशगूल हो गए हैं, इसके साथ हीं पार्टी भी इस पर मंथन करना शुरू कर दिया है कि किस कैंडिडेट को किस सीट से उतारा जाय ताकि जीत सुनिश्चित हो सके.

खास कर कुछ पारम्परिक सीट पर जहाँ किसी पार्टी और किसी व्यक्ति विशेष का वर्षो से आधिपात्य रहा है, आज हम बात करेंगे दुमका जिला के जामा विधानसभा सीट का जहाँ शिबू सोरेन परिवार का वर्षो से वर्चस्व रहा है.

जामा विधानसभा सीट से झामुमो 13 चुनावों में 8 बार बाजी मारी है. इसी सीट से शिबू सोरेन, दुर्गा सोरेन और फिर सीता सोरेन विधायक रहीं हैं. इस सीट पर हैट्रिक जमाने के बाद अब सीता बीजेपी में हैं. लेकिन कुछ तकनीकी कारणों से वह इस सीट से उम्मीदवार नहीं बन पाएंगी. ऐसे में सवाल उठ रहा हैं कि क्या शिबू सोरेन की तीसरी पीढ़ी अब यहां से चुनाव लड़ेगी.

 आइये हम नज़र ड़ालते हैं इस रिपोर्ट में जानिए इस सीट के पुरे समीकरण परजामा विधानसभा सीट क़ी स्थिति


यह सीट झारखंड मुक्ति मोर्चा का गढ़ माना जाता रहा है.यह सीट दुमका जिले का एसटी रिजर्व सीट है, जहां करीब 45 फीसदी आदिवासी मतदाता हैं. इसके अलावा करीब 6 फीसदी यादव और 22 प्रतिशत अन्य पिछड़ी जातियां हैं. यहां से शिबू सोरेन के साथ उनके पुत्र स्वर्गीय दुर्गा सोरेन और फिर दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन विधायक रह चुकी हैं. 

पर इस बार इस क्षेत्र की परिस्थितियां बिल्कुल बदल चुकी है, झामुमो की टिकट पर लगातार तीन बार से चुनाव जीत रही सीता सोरेन अब भाजपा में हैं. जबकि झामुमों की भी इस इलाके में अच्छी पकड़ है.

1980 से अब तक आठ चुनाव में सात बार झामुमो का रहा कब्जा


अगर झामुमो क़ी स्थिति का इस सीट पर आकलन करें तो पिछले चार दशक से हो रहे चुनाव में 1980 के बाद से अब तक जामा क्षेत्र में आठ बार विधानसभा के हुए चुनाव में सात बार झारखंड मुक्ति मोर्चा ने बाजी मारी है. जबकि सिर्फ एक बार 2005 में यह सीट भाजपा के खाते में गई थी.

शिबू सोरेन का बड़ा बेटा दुर्गा सोरेन ने यहां से किया था अपनी राजनितिक पारी क़ी शुरुआत


अगर हम पिछले इतिहास पर नज़र डालें तो झामुमो के पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन ने जब अपने बड़े बेटे दुर्गा सोरेन को राजनीति में उतारा तो उनके लिए एक सीट की तलाश थी. 

1995 के विधानसभा चुनाव में गुरुजी ने अपने पुत्र दुर्गा सोरेन को जामा सीट की टिकट थमाई और दुर्गा ने यहां शानदार जीत दर्ज की. 2000 के चुनाव में लगातार दूसरी बार दुर्गा सोरेन यहीं से विधायक बने, लेकिन 2005 के चुनाव में दुर्गा सोरेन के काफी नजदीकी कार्यकर्ता सुनील सोरेन से उनकी अनबन हो गई थी. भाजपा ने इस मौके का फायदा उठाया और सुनील सोरेन को अपनी पार्टी में लाकर प्रत्याशी बना दिया. सुनील सोरेन बीजेपी के भरोसे पर खरे उतरे और उन्होंने दुर्गा सोरेन को शिकस्त देकर जामा सीट को भाजपा के झोली में डाल दिया.जामा विधानसभा सीट का इतिहास


जामा विधानसभा क्षेत्र 1967 में अस्तित्व में आया था.तब से अब तक यहां कुल 13 बार चुनाव हुए हैं। इनमें जेएमएम को 8 बार, कांग्रेस को 2 बार, भाजपा और एक निर्दलीय उम्मीदवार को एक-एक बार जीत मिली है.

1967 में मुंशी हांसदा ने निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में यहां जीत हासिल की थी.उसके बाद 1969, 1972 और 1977 में कांग्रेस के मदन बेसरा ने लगातार तीन बार जीत दर्ज की.

1980 में जेएमएम के देवान सोरेन ने जीत हासिल कर पार्टी का खाता खोला और यहां जेएमएम का दबदबा कायम हो गया। 1985 में पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन खुद मैदान में उतरे और विधायक चुने गए. उनके बाद 1990 में जेएमएम के मोहरिल मुर्मू जीते.और तब से अब तक एक आध बाऱ छोड़ दिया जाए तो लगातार झामुमो का कब्ज़ा रहा.2019 में जामा विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी  पार्टी  प्राप्त मत

सीता सोरेन -जेएमएम -60925

सुरेश मुर्मू  -बीजेपी  -58499

अर्जुन मरांडी। - जेेवीएम- 5897

2014 में जामा विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी -   पार्टी   -प्राप्त मत

सीता सोरेन- जेएमएम। -53250

सुरेश मुर्मू  -बीजेपी - 50344

सुखलाल सोरेन। - जेेवीएम। -9263


2009 में जामा विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी  -पार्टी - प्राप्त मत

सीता सोरेन। -जेएमएम- 38550

लुखी राम टुडू - एलटीएसडी- 1572

2005 में जामा विधानसभा चुनाव परिणाम


प्रत्याशी पार्टी  प्राप्त मत

सुनील सोरेन बीजेपी 44073

दुर्गा सोरेन झामुमो 37443

मनोज कुमार सिंह आरजेडी 4254

जामा में वर्ष 1967 से लेकर 2000 तक के विधायक


वर्ष    उम्मीदवार   पार्टी

1967 मुंशी हासंदा निर्दलीय

1969 मदन बेसरा कांग्रेस

1972 मदन बेसरा कांग्रेस

1977 मदन बेसरा कांग्रेस

1980 देवान सोरेन बजेएमएम

1985 शिबू सोरेन जेएमएम

1990 मोहरिल मुर्मू जेएमएम

1995 दुर्गा सोरेन जेएमएम

2000 दुर्गा सोरेन जेएमएम

2005 सुनील सोरेन बीजेपी

2009 सीता सोरेन जेएमएम

2014 सीता सोरेन जेएमएम

2019 सीता सोरेन जेएमएम

2009 में सीता सोरेन आईं राजनीतिक मैदान में


2009 में शिबू सोरेन के बड़े पुत्र दुर्गा सोरेन की मृत्यु हो गई और इसी वर्ष जब चुनाव हुए तो गुरुजी ने अपने पुत्रवधू सीता सोरेन को जामा विधानसभा से चुनावी मैदान में उतारा. इधर भाजपा ने 2005 के विधायक सुनील सोरेन को 2009 का लोकसभा चुनाव लड़ाया था और जब वे यह चुनाव शिबू सोरेन से हार गए थे, तब उनका विधानसभा टिकट भी काट दिया और उनकी जगह भाजपा प्रत्याशी बने मनोज सिंह पहाड़िया. मतलब पहली बार चुनाव लड़ रही सीता सोरेन के सामने मनोज सिंह पहाड़िया भाजपा के उम्मीदवार थे. इस चुनाव में सीता सोरेन ने बड़े आराम से दस हजार से अधिक मतों से चुनाव जीता और विधानसभा पहुंची. इसके बाद 2014 और 2019 का चुनाव जीतकर सीता सोरेन में हैट्रिक लगाई.

2024 में सीता सोरेन को भाजपा में शामिल होने के बाद क्या है इस सीट क़ी स्थिति


लोकसभा चुनाव 2024 चुनाव के ठीक पहले जेएमएम सुप्रीमो शिबू सोरेन की बहू सीता सोरेन ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया। विधानसभा सदस्यता से त्यागपत्र देने के बाद सीता सोरेन ने बीजेपी टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा। इस चुनाव में सीता सोरेन भले ही कुछ वोटों के अंतर से हार गई, लेकिन जामा विधानसभा क्षेत्र में सीता सोरेन ने बीजेपी को बढ़त दिलाने में सफलता हासिल कीउम्मीदवार पार्टी   प्राप्त मत

नलिन सोरेन जेएमएम। 78778

सीता सोरेन बीजेपी 89211

अब इस सीट का दाबेदार सीता सोरेन की बेटी जयश्री सोरेन


लोकसभा चुनाव के दौरान सीता सोरेन के बीजेपी में शामिल होने के बाद अब सीता सोरेन और दुर्गा सोरेन की बड़ी बेटी जयश्री सोरेन भी काफी सक्रिय नजर आ रहीं हैं। जयश्री सोरेन लगातार जामा विधानसभा क्षेत्र के विभिन्न गांवों में जनसंपर्क अभियान चला रही हैं। ऐसे में इस बात की संभावना जताई जा रही है कि विधानसभा चुनाव 2024 में सीता सोरेन की जगह जयश्री सोरेन ही उम्मीदवार होंगी। वहीं जिस तरह से सीता सोरेन इन दिनों बीजेपी के विभिन्न कार्यक्रमों में बढ़चढ़ कर हिस्सा ले रही हैं, उसे लेकर यह भी अनुमान लगाया जा रहा है कि जयश्री सोरेन बीजेपी से उम्मीदवार हो सकती हैं। हालांकि जेएमएम प्रमुख शिबू सोरेन अपनी बड़ी पोती जयश्री सोरेन को काफी मानते हैं। दादी रूपी सोरेन का भी उनसे काफी लगाव है, ऐसे में यदि शिबू सोरेन की ओर से जयश्री सोरेन को जेएमएम टिकट पर लड़ने को कहा जाता है, तो इससे इनकार करना जयश्री सोरेन के लिए मुश्किल होगा।

बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ 19 अक्टूबर को आहुत हड़ताल को लेकर मौन जुलुस निकाल कर हड़ताल का दिया नोटिस

बोकारो :बीएकेएस ने मौन रूप से जाकर दिया हड़ताल का नोटिस। सेल बोनस की मांग को लेकर बोकारो स्टील प्लांट में 19 अक्टूबर को हड़ताल है।

 बीएसएल अनाधिशासी कर्मचारी संघ 19 अक्टूबर को आहुत हड़ताल के परिप्रेक्ष्य में गुरुवार को मौन जुलुस निकाल कर हड़ताल का नोटिस दिया गया।

बीएकेएस ने इसके लिए पहले मुंह पर अँगुली रखकर मौन जुलुस निकाला तथा प्रशासनिक भवन के सामने आकर औद्योगिक संबंध विभाग के सहायक महाप्रबंधक मो. आरिफ हुसैन को हड़ताल का नोटिस सौंपा। इसके साथ ही हड़ताल नोटिस की प्रति उप मुख्य श्रमआयुक्त (केंद्रीय) धनबाद , सीएलसी , डीसी, एसपी को भी भेजा गया है।

यूनियन का कहना है कि सेल कर्मियों का बोनस फॉर्मूला शुरू से विवादित रहा है। मात्र तीन यूनियनो के हस्ताक्षर से कठिन गणितीय फॉर्मूला को सेल प्रबंधन द्वारा जबरदस्ती लागू किया गया। जिसके आधार पर अधिकतम 28000 रुपया बोनस राशि ही बन रही थी। चाहे प्रोडक्शन तथा मुनाफा कितना भी हो। बोनस फॉर्मूला निरस्त करने को लेकर बीएकेएस ने कई बार पत्राचार किया था। विगत 28 सितम्बर को विशाल मशाल जुलुस भी निकाला था।

हड़ताल नोटिस और सेल प्रबंधन से मांग

1. वेज रीविजन का एमओए , 15% MGB , 35% पर्क्स तथा 39 माह का फिटमेंट एरियर , 58 माह का पर्क्स का एरियर का भुगतान।

2 . एनजेसीएस संविधान का उल्लंघन बंद हो।

3 . प्रति टन क्रुड स्टील प्रोडक्शन के हिसाब से प्रोडक्शन रिलेटेड पे लागु हो।

4 . बोकारो के स्थांतरित कर्मचारियों का स्थांतरण वापस हो।

5 . बोकारो इस्पात संयंत्र में सेक्रेट बैलेट इलेक्शन के तहत यूनियनों का मेंबरशिप वेरिफिकेशन कराया जाए.

हमारी यूनियन के सदस्य पूरी तरह अनुशासित तथा जुझारू हैं, जो कि मशाल जुलुस तथा आज मौन जुलुस से प्रदर्शित होता है। कंपनी की पॉलिसी गौण कर अधिकारियों के निजी पॉलिसी लागू करने के कारण बीएसएल कार्मिक काफी आक्रोशित हैं। अब बोकारो में 30 जून 2021 से भी विशाल हड़ताल होगी।