नवाब सिंह यादव रेप प्रकरण: जेल से रिहा होते ही फरार हुआ नीलू यादव, गिरफ्तारी के लिए हाथ मलती रह गई पुलिस
पंकज कुमार श्रीवास्तव
यूपी के कन्नौज जिले में चर्चित नवाब सिंह यादव रेपकांड के मामले में नवाब सिंह के छोटे भाई नीलू यादव की गिरफ्तारी के लिए एक बार फिर कन्नौज पुलिस हाथ मलती रह गई और नीलू यादव जेल से रिहा होते ही पुलिस की नजरों से ओझल हो गया । अब जेल से रिहा होने के बाद नीलू यादव की तलाश में कन्नौज पुलिस एक बार फिर जुट गई है । पुलिस ने नीलू यादव की गिरफ्तारी के लिए कई टीमें लगाई हैं ।
शुक्रवार देर शाम कोर्ट में जमानत मिलने के बाद ही नीलू यादव की जेल से रिहाई हुई थी और कल ही पुलिस ने नवाब सिंह व उसके छोटे भाई नीलू यादव सहित पीड़िता की बुआ पूजा तोमर को जेल से बाहर न निकल पाने को लेकर गैंगेस्टर की कार्रवाई कर मुकदमा दर्ज किया था लेकिन इससे पहले पुलिस जेल से रिहा होने पर नीलू यादव तक पहुँचती नीलू यादव ने पुलिस को चकमा दे दिया और जेल से रिहा होकर फरार हो गया। जिसके बाद से अब कन्नौज पुलिस गैंगस्टर एक्ट मामले में नीलू यादव की अब जोरों से तलाश कर रही है । जबकि पुलिस का प्लान था कि नीलू यादव की रिहाई से पहले ही वारंट जेल में तामील करवा दिया जाए, लेकिन नीलू की रिहाई की कागजी कार्रवाई के आगे पुलिस की वारंट के कागजी कार्रवाई फेल हो गई और नीलू पुलिस के हाथ से बाहर निकल गया ।
बताते चलें कि नवाब सिंह यादव के छोटे भाई नीलू यादव को पुलिस ने नवाब सिंह यादव द्वारा किशोरी से दुष्कर्म के मामले में साक्ष्य को प्रभावित करने के मामले में सह अभियुक्त बनाया था । उस दौरान नीलू यादव की गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने 25000 का इनाम भी घोषित किया था। लेकिन नीलू यादव पुलिस के हाथ नहीं लगा और पुलिस को चकमा देते हुए उसने 3 सितंबर को कोर्ट में सरेंडर कर दिया। जिसके बाद से वह जेल में था। वही इस मामले में नीलू यादव को 20 सितंबर को पॉक्सो एक्ट कोर्ट से जमानत मिल गई थी। इसी बीच पुलिस ने एक जानलेवा हमले के मामले में नीलू यादव का वारंट हासिल कर लिया था, वही इस मामले में भी नीलू यादव को कोर्ट से मंगलवार को ही जमानत मिल गई थी। लेकिन जमानत गिरोह का सत्यापन नहीं हो पाया था जिसके कारण रिहाई टल गई थी। शुक्रवार की शाम नीलू यादव की रिहाई का परवाना जेल पहुंच गया इसके बाद नीलू यादव की रिहाई हो गई। वही इस बीच शुक्रवार को ही पुलिस ने नीलू यादव, नवाब सिंह यादव और पीड़िता की बुआ पूजा तोमर पर गैंगस्टर एक्ट में मुकदमा दर्ज किया। लेकिन जब तक गैंगस्टर कोर्ट से वारंट की अनुमति मिलती तब तक नीलू यादव जेल से रहा हो गया । जबकि पुलिस की तैयारी थी कि नीलू के जेल से रिहा होने से पहले ही वारंट की प्रक्रिया पूरी कर जेल में तामील करवा दिया जाए। वहीं जेल से रिया होते ही नीलू यादव पुलिस पकड़ से दूर हो गया। मामले में सीओ कमलेश कुमार ने बताया कि नीलू यादव की गैंगस्टर एक्ट के तहत गिरफ्तारी के लिए तलाश की जा रही है । इसके लिए कई टीमें लगाई गई है । यह था मामला - बताते चलें कि 11 अगस्त की रात नवाब सिंह यादव पर किशोरी से दुष्कर्म के आरोप लगने के बाद पुलिस ने उनको जेल भेज दिया था, तो वही पीड़िता की बुआ पूजा तोमर को भी दुष्कर्म में सहयोग करने के मामले में पुलिस ने आरोपी बनाया था और 22 अगस्त को उनकी गिरफ्तारी की थी । जिसमें उन्होंने पुलिस को बताया था कि नवाब सिंह यादव के छोटे भाई नीलू यादव ने कोर्ट में बयान बदलवाने और मेडिकल परीक्षण को प्रभावित करने का चार लाख रुपए का लालच दिया था । मामले में पुलिस ने नीलू यादव को आरोपित बनाते हुए उनकी गिरफ्तारी पर 25000 का इनाम रखा था। इसके बाद नीलू यादव ने पुलिस को चकमा देते हुए 3 सितंबर को कोर्ट में समर्पण किया था। जिसमें 24 सितंबर को कोर्ट में नीलू यादव की जमानत मंजूर हो गई थी, लेकिन पुलिस ने यह देख उसपर गैंगेस्टर का मुकदमा दर्ज करा दिया, इसके बावजूद कल शुक्रवार को जेल से रिहा होने पर नीलू यादव पुलिस के घेरे को चकमा देकर फरार है। अब पुलिस उसकी तलाश में पुलिस फिर से लग गयी है।
पुलिस क्षेत्राधिकारी कमलेश कुमार ने बताया कि देखिए जो पुराने मामले थे 308 का और एक जो प्रकरण चल रहा था नवाब सिंह यादव के साथ वाला इन दोनों मामलों में नीलू की जमानत हो गयी थी, 24 तारीख को ही कोर्ट से जमानत मिल गयी थी, कल उसकी जेल से रिहाई हो गयी है, परन्तु इसमें जो है इसी प्रकरण को लेकर, नवाब सिंह वाले प्रकरण को लेकर गैंगस्टर का अभियोग पंजीकृत किया गया है, तो नीलू की शीघ्र गिरफ्तारी पुनः की जाएगी। इसमें जो है टीमें लगा दी गयी है और हमारी कोशिश रहेगी की इसकी शीघ्र से शीघ्र गिरफ्तारी करके पुनः माननीय न्यायालय के समक्ष भेज दिया जाए।









पंकज कुमार श्रीवास्तव
कन्नौज।पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद के निर्देशानुसार व अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के पर्यवेक्षण में एवं क्षेत्राधिकारी यातायात डा.प्रियंका वाजपेई के नेतृत्व में यातायात प्रभारी आफाक खां ने आगरा से लखनऊ की तरफ तिर्वा थाना क्षेत्र में स्पीड लेजर गन द्वारा ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की गई। जिसमें पांच डबल डेकर/स्लीपर बसों का ओवर स्पीडिंग में चालान किया गया। वहीं 20 ऐसे चार पहिया हल्के वाहनों के चालान किए गए। जिनकी 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से लेकर 150 किलोमीटर की रफ्तार देखने को मिली। ओवर स्पीडिंग से हादसे को सबसे अधिक खतरा प्रभारी द्वारा बताया गया कि ओवर स्पीडिंग के कारण सबसे अधिक और सबसे खतरनाक दुर्घटनाएं होती हैं।क्योंकि 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक गाड़ी को चलाने पर टनल विजन (संकीर्ण दृष्टि) की समस्या उत्पन्न होने लगती है। जिस कारण वाहन चालक की आंखें पूरी सड़क को समय से स्कैन नहीं कर पाती हैं।और अचानक कोई चीज सामने आने पर या सड़क के दाहिने बाएं से आने पर दुर्घटना को रोकना नामुमकिन हो जाता है।अत्यधिक स्पीड में वाहन चलाने पर अचानक कोई खतरा आने पर ब्रेकिंग डिस्टेंस कम पड़ जाता है। जिस कारण दुर्घटना रोकना संभव नहीं हो पाता है। सौ किलोमीटर के अंदर वाहन चलाने की जा रही अपील अत्यधिक स्पीड में वाहन के माइलेज में भी फर्क पड़ता है। यदि आप 100 किलोमीटर प्रति घंटा के अंदर अपने वाहन को चलाते हैं। तो आपको अच्छा माइलेज मिलता है। और ईंधन कम खर्च होता है। पैसा भी बचाया जा सकता है, जिंदगी भी बचाई जा सकती है। इसलिए यातायात पुलिस अपील करती है की गतिसीमा का उल्लंघन न करें। सुरक्षित चलें।
पंकज कुमार श्रीवास्तव

पंकज कुमार श्रीवास्तव
Sep 29 2024, 11:57
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