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इजरायल के हमले में नसरल्लाह की मौत के बाद डर के साये में ईरान, सुप्रीम लीडर खामेनेई को छिपाया गया

डेस्क: इजरायल के हमले में हिजबुल्लाह चीफ सैयद हसन नसरल्लाह की मौत के बाद ईरान को अपने सुप्रीम लीडर की जान की फिक्र होने लगी है। इजरायली हमले के डर से ईरान के सुप्रीम लीडर अयातुल्लाह अली खामेनेई को देश के अंदर किसी सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने तेहरान के दो अधिकारियों के हवाले से ये जानकारी दी है।

तेहरान के अधिकारियों ने रॉयटर्स को बताया कि खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर ले जाया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि ईरान नसरल्लाह की हत्या के बाद अगला कदम तय करने के लिए हिजबुल्लाह और अन्य क्षेत्रीय प्रॉक्सी समूहों के संपर्क में है। मामले की संवेदनशीलता के कारण सूत्रों ने पहचान बताने से इनकार कर दिया।

हसन नसरल्लाह की हत्या के बाद खामनेई ने अपने बयान में कहा, हम लेबनान के साथ मजबूती से खड़े हैं। इजरायल ने निहत्थे लोगों को निशाना बनाया है और उसकी क्रूरता एक बार फिर से दुनिया के सामने उजागर हुई है। बेरूत हमले में महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाया गया है। इजरायल द्वारा निहत्थे लोगों की हत्या उसके जंगली स्वभाग को साबित करती है। इजरायल के 'आतंकी गिरोह' को यह समझ में नहीं आया कि महिलाओं और बच्चों की हत्या से प्रतिरोध पर कोई असर नहीं पड़ेगा।

बता दें कि इजरायली हमले में ईरान का एक और प्रभावशाली सहयोगी छिन गया। हसन नसरल्लाह की हत्या ईरान के लिए बड़ा झटका है। नसरल्लाह ने अरब जगह में तेहरान के सहयोगी समूहों के समूह के रूप में हिजबुल्लाह को स्थापित करने में मदद की थी।

गाजा युद्ध व्यापक रूप ले रहा है’: यूएनजीए में जयशंकर, युद्ध को लेकर दी यह चेतावनी

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शनिवार को 79वीं संयुक्त राष्ट्र महासभा की आम बहस में यूक्रेन और गाजा में युद्धों के खिलाफ वैश्विक समुदाय को आगाह करते हुए कहा कि दुनिया बड़े पैमाने पर हिंसा जारी रहने को लेकर “भाग्यवादी” नहीं हो सकती। यह बताते हुए कि गाजा युद्ध पहले से ही “व्यापक रूप ले रहा है”, एस जयशंकर ने वैश्विक समुदाय से संघर्षों का तत्काल समाधान खोजने का आग्रह किया।

गाजा में इजरायल का आक्रमण हमास के 7 अक्टूबर के हमले के प्रतिशोध के रूप में शुरू हुआ। हालांकि, पहले सीमित संघर्ष ने अब लेबनान को भी अपनी चपेट में ले लिया है क्योंकि इजरायल ने हिजबुल्लाह के ठिकानों पर हमला किया है, जिससे मध्य पूर्व में बहुध्रुवीय युद्ध की धमकी दी जा रही है।

“हम एक कठिन समय में यहां एकत्र हुए हैं। दुनिया अभी भी कोविड महामारी के कहर से उबर नहीं पाई है। यूक्रेन में युद्ध अपने तीसरे वर्ष में है। गाजा में संघर्ष व्यापक रूप ले रहा है,” एस जयशंकर ने कहा शनिवार। एस जयशंकर ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र ने हमेशा यह माना है कि शांति और विकास साथ-साथ चलते हैं। "फिर भी, जब एक के लिए चुनौतियां सामने आई हैं, तो दूसरे को उचित सम्मान नहीं दिया गया है। कमजोर और असुरक्षित लोगों के लिए उनके आर्थिक निहितार्थों को उजागर करने की आवश्यकता है," एस जयशंकर ने कहा। लेकिन हमें यह भी पहचानना होगा कि संघर्षों को स्वयं हल किया जाना चाहिए।

उन्होंने चेतावनी दी कि दुनिया बड़े पैमाने पर हिंसा जारी रहने के बारे में भाग्यवादी नहीं हो सकती, न ही इसके व्यापक परिणामों के प्रति अभेद्य हो सकती है। उन्होंने कहा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय संघर्षों के तत्काल समाधान की मांग कर रहा है। उन्होंने कहा, "इन भावनाओं को स्वीकार किया जाना चाहिए और उन पर कार्रवाई की जानी चाहिए।" एस जयशंकर ने आगे कहा कि दुनिया विखंडित, ध्रुवीकृत और निराश है। बातचीत मुश्किल हो गई है, समझौते और भी मुश्किल हो गए हैं। यह निश्चित रूप से वह नहीं है जो संयुक्त राष्ट्र के संस्थापक हमसे चाहते थे, मंत्री ने कहा।

एस जयशंकर ने कहा कि वैश्विक सुरक्षा और स्थिरता के लिए, जो लोग दुनिया का नेतृत्व करना चाहते हैं, उन्हें सही उदाहरण पेश करना चाहिए। एस जयशंकर ने पाकिस्तान की आलोचना की इससे पहले, मंत्री ने आतंकवाद को बढ़ावा देने के लिए पाकिस्तान की आलोचना करते हुए कहा कि देश का कर्म उसके समाज को खा रहा है। कई देश अपने नियंत्रण से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं, लेकिन कुछ विनाशकारी परिणामों के साथ जानबूझकर विकल्प चुनते हैं। इसका एक प्रमुख उदाहरण हमारा पड़ोसी देश पाकिस्तान है, उन्होंने कहा। उन्होंने कहा, "आज हम देख रहे हैं कि दूसरों पर जो विपत्तियां डालने की कोशिश पाकिस्तान ने की थी, वे उसके समाज को निगल रही हैं। वह दुनिया को दोष नहीं दे सकता। यह केवल कर्म है।"

हिजबुल्लाह ने शनिवार को पुष्टि की कि उसके नेता सैयद हसन नसरल्लाह इजरायली हवाई हमले में मारे गए हैं। दुनिया में संघार का पैमाना बहुत बढ़ता जा रहा है, हर जगह संग्रह है, यूक्रेन -रूस के वॉर हो या पलेस्टाइन का माहौल, भारत का चीन, पाकिस्तान के साथ लगातार मनमोटाव , यह ज़रूरी है की हम इससे उभरे और लोगों का जीवन, देशों के युद्ध के कारण व्यर्थ हो।

हिजबुल्लाह ने 20 घंटे बाद माना चीफ नसरल्लाह मारा गया, इजराइल ने हेडक्वार्टर को 80 टन बम से उड़ाया था

डेस्क: हिजबुल्लाह ने इजराइली हमले के 20 घंटे बाद चीफ हसन नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की। हिजबुल्लाह ने शनिवार शाम 5 बजे कहा कि शुक्रवार रात साढ़े 9 बजे इजराइल के हवाई हमलों में नसरल्लाह की मौत हो गई। इजराइली सेना ने राजधानी बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर 80 टन बम से हमला किया। यह इतना भीषण था कि आसपास की 6 बिल्डिंग ध्वस्त हो गईं। बताया जा रहा है कि नसरल्लाह अपनी बेटी के साथ यहीं मौजूद था। IDF ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर लिखा, 'अब दुनिया को नसरल्लाह से डरने की जरूरत नहीं है। वह आतंक नहीं फैला पाएगा।' नसरल्लाह के मारे जाने के बाद मिडिल ईस्ट में तनाव बढ़ गया है। इस बीच, ईरान में सुप्रीम लीडर आयतुल्लाह अली खामेनेई ने इमरजेंसी मीटिंग बुलाई। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक, खामेनेई को सुरक्षित स्थान पर भेज दिया गया है। इजराइल ने भारतीय समय के मुताबिक शुक्रवार रात करीब साढ़े 9 बजे हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हवाई हमला किया था। इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने शुक्रवार को UN में भाषण देने के बाद अपने होटल रूम से हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हमले की इजाजत दी थी। अटैक के बाद इजराइली PM ऑफिस ने नेतन्याहू की एक तस्वीर जारी की थी, जिसमें वे लैंडलाइन फोन से लेबनान में हमले का आदेश दे रहे हैं। शनिवार रात से इजराइली सेना के ताबड़तोड़ हमले जारी है। रुक-रुककर हो रहे हमलों के चलते राजधानी बेरूत में भारी नुकसान पहुंचा है और आम लेबनानी लोगों में भारी दहशत है। बेरूत की 40% से ज्यादा इमारतें तबाह हो चुकी है। डर के मारे लोग बिल्डिंग खाली करके समुद्र किनारे भाग रहे हैं, जहां कई लोग कारों, पार्कों मेंऔर समुद्र किनारे खुले में सड़कों पर रात बिताने को मजबूर हैं। फुटपाथ पर गद्दे बिछाकर रह रहे हैं। लोगों का कहना है कि हालात सामान्य होने तक घर नहीं जा सकते। पिछले सप्ताह लेबनान के कई शहरों में पेजर और वॉकी-टॉकी हमलों के बाद से ही स्कूल और कॉलेज बंद हैं। सिर्फ रोजमर्रा की जरूरतों की दुकानें, खाने-पीने के स्टोर और पेट्रोल पंप ही खुले हैं।
वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग, हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से VHP के एक सदस्य की मौत

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शनिवार को एक प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से विश्व हिंदू परिषद के 46 वर्षीय एक सदस्य की मौत हो गई। यह संगठन वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहा था। देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर जिलों में प्रदर्शन किया गया। समिति संजौली में एक मस्जिद को ढहाने और प्रवासियों के अनिवार्य सत्यापन की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है। शिमला, हमीरपुर, मंडी, चंबा और नहान में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए।

हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान जब प्रदर्शनकारी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, तब विहिप के कार्यकर्ता वरिंदर परमार बेहोश हो गए। उन्हें पुलिस वाहन से हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पहली नजर में दिल का दौरा पड़ना मौत की वजह बताई गई। इस बीच, समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि समिति भावी रणनीति तय करने से पहले विवादित मस्जिद पर 5 अक्टूबर तक निगम अदालत के निर्णय का इंतजार करेगी।

उन्होंने 5 अक्टूबर के बाद ‘जेल भरो आंदोलन’ चलाने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, "हमारे खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जबकि संजौली मस्जिद से वीडियो बनाने और लोगों की भावनाएं भड़काने को लेकर एआईएमआईएम नेता शोएब जमई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां स्थानीय लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।"

शोएब जमई ने संजौली मस्जिद से वीडियो बनाकर और बाद में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि वह जनहित याचिका दायर करेंगे एवं मांग करेंगे कि आस-पास में चार से अधिक मंजिलों वाले भवनों को अवैध क्यों न समझा जाए। इस हरकत की स्थानीय मुस्लिम नेताओं और सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं विपक्षी बीजेपी के नेताओं ने निंदा की।

संजौली मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग कर रहे लोग 11 सितंबर को जब बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद के करीब पहुंच गए और पथराव करने लगे, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की। इस झड़प में छह पुलिसकर्मी और चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए एवं 50 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा, "वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाना चाहिए। अनधिकृत मस्जिद को ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए और बाहरियों की पहचान एवं सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए।" हमीरपुर में शनिवार को प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग जुटे और उनके हाथों में भगवा बैनर एवं झंडे थे। हिंदू अधिकार संगठन के नेताओं ने मांग की कि हिमाचल प्रदेश में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच का प्रस्ताव 2 अक्टूबर को राज्यभर में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में पारित किया जाए।

शिमला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की दुकानें बंद रहीं। हिंदू दक्षिणपंथी समूह के नेताओं ने अपने संबोधन में मांग की कि 2 अक्टूबर को राज्य भर में होने वाली ग्राम सभा बैठकों में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच करने का प्रस्ताव पारित किया जाए

वक्फ बोर्ड को खत्म करने की मांग, हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से VHP के एक सदस्य की मौत

डेस्क: हिमाचल प्रदेश के हमीरपुर में शनिवार को एक प्रदर्शन के दौरान दिल का दौरा पड़ने से विश्व हिंदू परिषद के 46 वर्षीय एक सदस्य की मौत हो गई। यह संगठन वक्फ बोर्ड को समाप्त करने की मांग करते हुए प्रदर्शन कर रहा था। देवभूमि संघर्ष समिति के आह्वान पर जिलों में प्रदर्शन किया गया। समिति संजौली में एक मस्जिद को ढहाने और प्रवासियों के अनिवार्य सत्यापन की मांग को लेकर आंदोलन चला रही है। शिमला, हमीरपुर, मंडी, चंबा और नहान में बड़ी संख्या में लोग प्रदर्शन में शामिल हुए। हमीरपुर में प्रदर्शन के दौरान जब प्रदर्शनकारी अधिकारियों को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, तब विहिप के कार्यकर्ता वरिंदर परमार बेहोश हो गए। उन्हें पुलिस वाहन से हमीरपुर चिकित्सा महाविद्यालय ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। पहली नजर में दिल का दौरा पड़ना मौत की वजह बताई गई। इस बीच, समिति के सह-संयोजक मदन ठाकुर ने कहा कि समिति भावी रणनीति तय करने से पहले विवादित मस्जिद पर 5 अक्टूबर तक निगम अदालत के निर्णय का इंतजार करेगी। उन्होंने 5 अक्टूबर के बाद ‘जेल भरो आंदोलन’ चलाने की चेतावनी भी दी। उन्होंने कहा, "हमारे खिलाफ प्राथमिकियां दर्ज की गई हैं, जबकि संजौली मस्जिद से वीडियो बनाने और लोगों की भावनाएं भड़काने को लेकर एआईएमआईएम नेता शोएब जमई के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की गई। वहां स्थानीय लोगों को जाने की अनुमति नहीं है।" शोएब जमई ने संजौली मस्जिद से वीडियो बनाकर और बाद में यह कहकर विवाद खड़ा कर दिया कि वह जनहित याचिका दायर करेंगे एवं मांग करेंगे कि आस-पास में चार से अधिक मंजिलों वाले भवनों को अवैध क्यों न समझा जाए। इस हरकत की स्थानीय मुस्लिम नेताओं और सत्तारूढ़ कांग्रेस एवं विपक्षी बीजेपी के नेताओं ने निंदा की। संजौली मस्जिद के एक हिस्से को गिराने की मांग कर रहे लोग 11 सितंबर को जब बैरिकेड्स तोड़कर मस्जिद के करीब पहुंच गए और पथराव करने लगे, तो पुलिस ने उन पर लाठीचार्ज किया और पानी की बौछार की। इस झड़प में छह पुलिसकर्मी और चार प्रदर्शनकारी घायल हो गए एवं 50 प्रदर्शनकारियों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया। समिति के सह संयोजक मदन ठाकुर ने कहा, "वक्फ बोर्ड को समाप्त किया जाना चाहिए। प्रदर्शनकारियों के खिलाफ दर्ज मामलों को वापस लिया जाना चाहिए। अनधिकृत मस्जिद को ध्वस्त कर दिया जाना चाहिए और बाहरियों की पहचान एवं सत्यापन अनिवार्य किया जाना चाहिए।" हमीरपुर में शनिवार को प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग जुटे और उनके हाथों में भगवा बैनर एवं झंडे थे। हिंदू अधिकार संगठन के नेताओं ने मांग की कि हिमाचल प्रदेश में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच का प्रस्ताव 2 अक्टूबर को राज्यभर में होने वाली ग्राम सभा की बैठकों में पारित किया जाए। शिमला में कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। मुस्लिम समुदाय के सदस्यों की दुकानें बंद रहीं। हिंदू दक्षिणपंथी समूह के नेताओं ने अपने संबोधन में मांग की कि 2 अक्टूबर को राज्य भर में होने वाली ग्राम सभा बैठकों में प्रवासियों के दस्तावेजों की जांच करने का प्रस्ताव पारित किया जाए
मारा गया हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह, इजरायली सेना ने की पुष्टि, कहा- अब कभी दुनिया को डरा नहीं पाएगा

#hezbollah_top_leader_hassan_nasrallah_killed_in_berut_attack_idf_confirmed 

हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह बेरूत में हुए हमले में मारा गया है। इजरायली सेना आईडीएफ ने शनिवार को बयान जारी करके नसरल्लाह के मारे जाने की पुष्टि की है। शुक्रवार को इजरायली एयरफोर्स ने बेरूत में कई हवाई हमले किए थे। हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर भी हमला हुआ था, जिसमें हसन नसरल्लाह के होने की खबर थी। इजरायली धमाकों के बाद हिजबुल्लाह ने हसन नसरल्लाह के मारे जाने को नहीं माना। ऐसी रिपोर्ट्स आती रहीं कि हसन नसरल्लाह जिंदा है। हालांकि एक इजरायली अधिकारी ने कहा था कि उन्होंने जो बम गिराए हैं उसमें नसरल्लाह का जिंदा बच पाना मुश्किल है। अब इजरायली सेना ने एक ट्वीट कर इसकी पुष्टि कर दी है।

आईडीएफ ने सोशल मीडिया मंच एक्स पर साझा एक पोस्ट में लिखा है कि 'हसन नसरल्ला अब कभी दुनिया को आतंकित नहीं कर पाएगा'। आईडीएफ ने बयान में कहा, बतौर हिजबुल्लाह चीफ हसन नसरल्लाह के 32 साल के शासनकाल के दौरान, वह कई इजरायली नागरिकों और सैनिकों की हत्या और हजारों आतंकवादी गतिविधियों की योजना बनाने और उन्हें अंजाम देने के लिए जिम्मेदार था।

आईडीएफ की तरफ से जारी बयान में बताया गया कि कल यानी शुक्रवार 27 सितंबर को हिजबुल्लाह के नेता और इसके संस्थापकों में से एक हसन नसरल्लाह को मार गिराया गया। आईडीएफ ने बताया कि बेरूत में हिजबुल्लाह के हेडक्वार्टर पर हुए हमले में दक्षिणी मोर्चे के कमांडर अली कार्की और कुछ दूसरे हिजबुल्लाह कमांडर भी मारे गए हैं।

शुक्रवार को लेबनान के बेरूत में इजराइली हवाई हमले में हिजबुल्ला के प्रमुख हसन नसरल्ला के मारे जाने की सुगबुगाहट उसी वक्त शुरू हो गई थी, जब ये जानकारी सामने आई थी कि इजराइली सेना ने हिजबुल्ला के मुख्यालय को निशाना बनाया है। साथ ही हमले के बाद इजराइली के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू भी अपना अमेरिका दौरा बीच में छोड़कर ही इजराइली के लिए रवाना हो गए थे। उसके बाद से ही हिजबुल्ला के शीर्ष नेता के मारे जाने के कयास लगाए जा रहे थे। अब इजराइली सेना ने हसन नसरल्ला की मौत की पुष्टि कर इन कयासों को सच साबित कर दिया है। हालांकि अभी तक हिजबुल्ला की तरफ से इसे लेकर कोई बयान नहीं दिया गया है। 

इससे पहले इजराइली हमले में हिजबुल्ला की मिसाइल यूनिट के प्रमुख मोहम्मद अली इस्माइल और उसके डिप्टी हुसैन अहमद इस्माइल के मारे जाने की खबर आई थी। साथ ही हसन नसरल्ला की बेटी जैनब नसरल्ला की भी मौत होने का दावा किया गया। बीते दिनों लेबनान में हुए हमलों में हिजबुल्ला की मिसाइल और रॉकेट फोर्स का प्रमुख मोहम्मद कबीसी भी कई अन्य शीर्ष कमांडर्स के साथ मारा गया था।

भारत यूएनएससी के स्थायी सदस्य बनने का हकदार, अमेरिका फ्रांस के बाद इस पड़ोसी देश ने किया खुला समर्थन*
#bhutan_favor_of_india_claim_for_unsc_permanent_membership
संयुक्त राष्ट्र संघ की स्थापना हुए 7 दशक से ज्यादा वक्त बीत गए। तब से दुनिया बहुत बदल गई, लेकिन नहीं बदला संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का ढांचा। भारत लगातार सुरक्षा परिषद में सुधार की पुरजोर वकालत कर रहा। यूएनएससी में अपनी स्थायी सदस्यता की दावेदारी कर रहा। अब उसकी दावेदारी को और मजबूती मिली है। अमेरिका, फ्रांस के बाद ब्रिटेन ने भी भारत को सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनाए जाने का समर्थन किया है। रूस पहले से ही भारत की दावेदारी के सपोर्ट में रहा है। अब भूटान ने यूएनएससी में भारत की स्थाई सदस्यता का खुलकर समर्थन किया है। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने भारत को यूएनएससी की स्थाई सदस्यता का प्रबल दावेदार बताते हुए दुनिया के मंच पर ऐसी बातें कहीं, जिसे सुनकर आपका भी दिल गदगद हो जाएगा। भूटान के प्रधानमंत्री शेरिंग तोबगे ने संयुक्त राष्ट्र में भारत की जमकर तारीफ की। पीएम शेरिंग तोबगे ने कहा कि भारत महत्वपूर्ण आर्थिक प्रगति कर रहा है। वह ‘ग्लोबल साउथ’ का भी नेतृत्व करता है। इसलिए भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य बनने का हकदार है। तोबगे ने शुक्रवार को संयुक्त राष्ट्र महासभा के 79वें सत्र को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘संयुक्त राष्ट्र को आज की दुनिया की वास्तविकताओं के अनुरूप बनाया जाना चाहिए। सुरक्षा परिषद का मौजूदा स्वरूप अतीत की निशानी है। हमें ऐसी परिषद की आवश्यकता है जिसमें वर्तमान भू-राजनीतिक, आर्थिक परिदृश्य और सामाजिक वास्तविकताएं झलकती हों।’’ उन्होंने कहा कि भूटान लंबे समय से 15 देशों वाली सुरक्षा परिषद में सुधार करने की पैरवी करता रहा है ताकि इसे अधिक प्रतिनिधित्वपूर्ण और प्रभावी बनाया जा सके। उन्होंने भूटान के विकास की यात्रा में समर्थन के लिए भारत का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा, 'मैं अपने सबसे करीबी दोस्त और पड़ोसी भारत के प्रति अपना हार्दिक आभार व्यक्त करना चाहता हूं। वे हमारी विकास यात्रा की शुरुआत से ही हमारे साथ रहे हैं और अपने समर्थन और दोस्ती में दृढ़ रहे हैं।' बता दें कि भारत लंबे समय से सुरक्षा परिषद में स्थायी सीट की मांग कर रहा है। अंतर्राष्ट्रीय समुदाय की ओर से लगातार भारत को समर्थन मिल रहा है। यूएनएससी 15 सदस्य देशों से बना है, जिसमें वीटो पावर वाले 5 स्थायी सदस्य है। वहीं बाकी 10 सदस्य दो वर्षों के कार्यकाल के लिए चुने जाते हैं। यूएनएससी के पांस स्थायी सदस्यों में चीन, यूके, फ्रांस, रूस, और अमेरिका शामिल है। इससे पहले फ्रांस, ब्रिटेन और अमेरिका ने भी भारत की स्थायी सदस्यता का समर्थन किया था।
त्योहारी सीजन से पहले भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में आतंकी हमले का अलर्ट, ख़ुफ़िया एजेंसियां सतर्क

भारत की वित्तीय राजधानी मुंबई में सुरक्षा व्यवस्था को कड़ा कर दिया गया है, क्योंकि खुफिया एजेंसियों ने त्योहारों के दौरान हमले की आशंका जताई है। इस संभावित खतरे के मद्देनज़र शहर के प्रमुख स्थानों पर सघन सुरक्षा जांच की जा रही है। भीड़भाड़ वाले इलाकों और धार्मिक स्थलों पर विशेष निगरानी रखी जा रही है, और सुरक्षा बल मॉक-ड्रिल्स का आयोजन कर सुरक्षा प्रणाली की तत्परता का परीक्षण कर रहे हैं। मुंबई पुलिस ने अपने बयान में कहा है कि सभी डीसीपी को अपने-अपने क्षेत्रों में सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के निर्देश दिए गए हैं।

हवाई अड्डों, रेलवे स्टेशनों, शॉपिंग मॉल्स, और अन्य सार्वजनिक स्थानों पर सुरक्षा जांच तेज कर दी गई है। इसके साथ ही एडवांस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके निगरानी की जा रही है ताकि किसी भी अप्रिय घटना को समय रहते रोका जा सके। क्राइम ब्रांच, एंटी टेररिस्ट सेल (एटीसी), और स्थानीय पुलिस मिलकर इस चुनौती से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं। संवेदनशील इलाकों में विशेष सुरक्षा उपाय किए गए हैं और संदिग्ध गतिविधियों पर पैनी नजर रखी जा रही है। विभिन्न सुरक्षा एजेंसियां भी इस प्रयास में शामिल हैं और शहर की सुरक्षा सुनिश्चित कर रही हैं।

इसके अलावा, सुरक्षा अधिकारियों ने नागरिकों से अपील की है कि वे सतर्क रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। त्योहारों के दौरान जब सार्वजनिक स्थानों पर अधिक भीड़ होती है, तो विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। पुलिस और सुरक्षा बलों की सतर्कता के बावजूद, आम नागरिकों की जागरूकता भी सुरक्षा सुनिश्चित करने में अहम भूमिका निभाती है।

तमिलनाडु में टाटा ग्रुप के इलेक्‍ट्रॉनिक मैन्‍युफैक्‍चरिंग प्‍लांट में भड़की भीषण आग, आसमान तक उठा काला गुबार

तमिलनाडु के कृष्णागिरी जिले के होसुर के पास टाटा ग्रुप की कंपनी के एक इलेक्ट्रॉनिक्स प्लांट में आज सुबह एक भीषण आग लग गई। इस आग की घटना के दौरान प्लांट में कई कर्मचारी ड्यूटी पर मौजूद थे। आग लगने की वजह से प्लांट से काले धुएं के गुब्बारे उठते हुए देखे गए।

हालांकि, अभी तक आग लगने के कारणों का पता नहीं चल पाया है। फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंच चुकी है, जो राहत और आग बुझाने के लिए सक्रिय रूप से काम कर रही है। कंपनी ने एक बयान जारी कर बताया कि आग लगने के समय इमरजेंसी प्रोटोकॉल लागू किया गया था, जिससे सभी कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित की गई। कंपनी ने कहा, "हम अपने कर्मचारियों और अन्य हितधारकों की सुरक्षा के लिए आवश्यक सभी कदम उठाएंगे।" इसके साथ ही, आग लगने के कारणों की जांच की जा रही है, ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं से बचा जा सके।

इस घटना ने कंपनी के संचालन पर असर डाला है, लेकिन अधिकारियों का कहना है कि स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिशें जारी हैं। स्थानीय प्रशासन और फायर ब्रिगेड के कर्मचारी पूरी मुस्तैदी से काम कर रहे हैं, ताकि आग को बुझाया जा सके और कोई बड़ा नुकसान न हो।

'अल्पसंख्यकों के लिए विशेष आयोग, महिलाओं को 2000..', हरियाणा चुनाव के लिए कांग्रेस ने जारी किया घोषणापत्र

हरियाणा विधानसभा चुनाव 2024 के लिए कांग्रेस ने हाल ही में अपने घोषणापत्र को चंडीगढ़ में जारी किया। इस घोषणापत्र में 40 पृष्ठों में कई महत्वपूर्ण वादों को शामिल किया गया है, जिनमें से कुछ मुख्य वादे स्वास्थ्य सेवाओं, आर्थिक सहायता, और कृषि विकास से संबंधित हैं। कांग्रेस ने यह घोषणा की है कि वह हर नागरिक को 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज प्रदान करेगी। इसके साथ ही, महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये देने का वादा भी किया गया है।

हालाँकि, कांग्रेस के इस तरह के वादों ने कर्नाटक और हिमाचल में उसकी सरकार को आर्थिक संकट में धकेल दिया है, हिमाचल में तो राज्य सरकार के पास अपने कर्मचारियों को वेतन-पेंशन देने के लिए भी पैसा नहीं बचा है। मुख्यमंत्री ने विधायकों से अपना 2 महीने का वेतन छोड़ने का आग्रह किया है, लेकिन उससे ज्यादा कुछ होना नहीं है। वहीं, कर्नाटक में आर्थिक संकट से निकलने के लिए कांग्रेस सरकार ने एक झटके में पेट्रोल-डीजल 3 रूपए महंगा कर दिया है, नंदिनी दूध और बिजली दरें भी बढ़ाई गईं हैं। अब कर्नाटक में बस किराया बढ़ाने की तैयारी चल रही है, क्योंकि फ्री बस यात्रा के वादे से ट्रांसपोर्ट 300 करोड़ के घाटे में चला गया है। यही नहीं, कर्नाटक की कांग्रेस सरकार ने चुनावी वादे पूरे करने के लिए SC/ST फंड में से 14000 करोड़ रुपए भी निकाले हैं। लेकिन आर्थिक संकट जस का तस है। राज्य सरकार के आर्थिक सलाहकार बसवारज रायरेड्डी कह चुके हैं कि चुनावी गारंटियां ख़ज़ाने पर बोझ बन चुकी हैं। हालाँकि, अब वैसे ही वादे कांग्रेस हरियाणा में भी कर रही है, लेकिन पार्टी इन्हे पूरा कैसे करेगी ये एक बड़ा सवाल है।   

बहरहाल, कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में सतलुज-यमुना लिंक (SYL) नहर से पानी की आपूर्ति का भी वादा किया है, जो राज्य के जल संकट को दूर करने में मददगार साबित हो सकता है। यह घोषणापत्र पिछले सप्ताह दिल्ली में जारी की गई सात गारंटियों का विस्तार है, जिसमें पार्टी ने हरियाणा के लोगों के लिए सात महत्वपूर्ण वादों का उल्लेख किया था। यह सभी वादे कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे की अध्यक्षता में पेश किए गए हैं।

पार्टी ने अपने घोषणापत्र में यह दावा किया है कि उसने सभी वर्गों को ध्यान में रखकर अपनी योजनाएँ बनाई हैं। कांग्रेस ने दावा किया है कि उसने अपनी पिछली सरकार में किए गए वादों को पूरा करने में सफलता हासिल की है। घोषणापत्र में गुणवत्तापूर्ण शिक्षा, युवाओं के लिए रोजगार, और स्वास्थ्य सेवाओं के साथ-साथ कई अन्य मुद्दों पर ध्यान केंद्रित किया गया है।

मुख्य वादे 

गुणवत्तापूर्ण शिक्षा: कांग्रेस ने उच्च गुणवत्ता की शिक्षा देने का वादा किया है।

युवाओं के लिए रोजगार: युवाओं को रोजगार प्रदान करने के लिए विभिन्न योजनाओं का कार्यान्वयन किया जाएगा।

बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं: कांग्रेस ने 25 लाख रुपये तक का मुफ्त इलाज देने का वादा किया है।

महिलाओं के लिए आर्थिक सहायता: महिलाओं को हर महीने 2000 रुपये की सहायता देने का वादा किया गया है।

किसान आयोग का गठन: कृषि विकास और किसानों के हितों की रक्षा के लिए एक विशेष आयोग बनाया जाएगा।

न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी: किसानों को उनकी फसलों के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी दी जाएगी।

वंचितों को आवास: वंचित वर्ग के लोगों को 100 वर्ग गज का प्लॉट सुनिश्चित किया जाएगा।

अल्पसंख्यक आयोग का गठन: अल्पसंख्यक समुदाय के विकास के लिए एक विशेष आयोग का गठन किया जाएगा।

खेल नीति का विकास: हरियाणा में खेलों के क्षेत्र में उत्कृष्टता के लिए एक मजबूत खेल नीति लाई जाएगी, जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहित किया जा सके।

कांग्रेस नेता अशोक गहलोत ने घोषणापत्र जारी करते हुए विश्वास व्यक्त किया कि पार्टी आगामी चुनाव में जीत हासिल करेगी। उन्होंने यह भी कहा कि इस घोषणापत्र को समय-समय पर देखा जाएगा और सभी वादों को पूरा करने के लिए हर संभव प्रयास किए जाएंगे।