नीलगाय के बच्चे को निगल रहे विशालकाय अजगर को देख ग्रामीणों में मचा हड़कंप
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पंकज कुमार श्रीवास्तव
कन्नौज।बीते कुछ दिनों से जहां कन्नौज जिले में जंगली जानवरों के जानलेवा हमला होने से ग्रामीणों में हड़कंप मचा हुआ है, तो वहीं जिले के एक गांव में एक विशालकाय अजगर को देखकर ग्रामीणों में दहशत फ़ैल गई।
अजगर अपने शिकार के समय नीलगाय के बच्चे को निगल रहा था। यह घटना देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। इस बात की सूचना ग्रामीणों ने वन विभाग की टीम को दी, जिसके बाद मौके पर वन विभाग की टीम और पुलिस पहुंच गई। मौके पर वन विभाग की टीम में रेस्क्यू कर अजगर को पकड़कर सुरक्षित स्थान पर ले जाकर छुड़वा दिया।
आपको बताते चलें कि बीते कुछ समय से कन्नौज जिले के थाना विशुनगढ़ क्षेत्र में पहले कथित हमलावर सियार जैसे अन्य जानवरों के हमले से ग्रामीणों में हड़कंप मचा रहा, वहीं बीते दो-तीन दिनों से जिले के थाना ठठिया क्षेत्र में ग्रामीण जानलेवा हमला करने वाले जानवरों के हमले से परेशान हैं।
ग्रामीण अपने परिवार और पालतू मवेशियों की सुरक्षा करने में लगे हुए है। गुरुवार को ठठिया क्षेत्र में एक गांव में विशालकाय अजगर को लोगों ने देखा जो नीलगाय के बच्चे को निगल रहा था, यह देख ग्रामीणों में हड़कंप मच गया।
मामला ठठिया थाना क्षेत्र के गांव सिसैयनपुर्वा गांव का है, जहां गुरुवार को एक विशालकाय अजगर नीलगाय के बच्चे को निगल रहा था, देखते-देखते अजगर ने अपने अंदर पूरा बच्चा निगल लिया जिसके कुछ देर बाद अजगर ने फिर से निगले गए नीलगाय के बच्चे को उगलकर बाहर निकालना शुरू किया। इस सूचना से ग्रामीणों में हड़कंप मच गया। जिसके बाद मौके पर ग्रामीणों की भीड़ जमा हो गयी।
कुछ ग्रामीण लाठी डंडे लेकर पहुंच गए और विशालकाय अजगर को ग्रामीणों ने चारों तरफ से घेर लिया। वन विभाग की टीम के अलावा पुलिस को भी इस मामले की सूचना दी गई। जानकारी के बाद विभागीय टीम के दो वनकर्मी और पुलिस मौके पहुंचे। यहां ग्रामीणों ने किसी प्रकार अजगर को रस्सी की सहायता से बांधकर परेशान करना शुरू किया तो अजगर ने निवाला बने नीलगाय के बच्चे को बाहर निकाल दिया, लेकिन तब तक उसकी मौत हो चुकी थी।
ग्रामीणों की मदद से वन विभाग की टीम ने विशालकाय अजगर को पकड़ने के लिए रेस्क्यू किया और पकड़ने के बाद जंगल में छुड़वा दिया। इस पूरे मामले को लेकर प्रभागीय वन अधिकारी हेमंत कुमार ने बताया कि यह ठठिया क्षेत्र में सिसैया नगला गांव में एक अजगर के होने की सूचना मिली थी. पीआरवी टीम द्वारा तत्काल हमारा स्टाफ मौके पर पहुँच गया और अजगर का नियमानुसार रेस्क्यू कर लिया।
10 फ़ीट लंबा अजगर का हुआ रेस्क्यू
प्रभागीय वन अधिकारी हेमंत कुमार ने बताया कि लगातार जगंली जानवरो से ग्रामीणों में दहशत बनी होने को लेकर प्रभागीय वन अधिकारी हेमंत कुमार ने बताया कि यहां तो मामला अजगर का था इसके पूर्व जो मामले थे वह सियार के थे , वह भी जन सामान्य को बता दिया गया था, लोगों को और मीडिया में भी, अब धीरे-धीरे सियार के मामले कम भी हो रहे है क्योंकि जानवरो को अपने जगह पर जहां पर वह रहते थे झाड़ियों में जंगल में वहाँ रहने की जगह मिल गयी। अब इसमें कोई ऐसी चिंता की बात नहीं है. अजगर सामान्य पैथन जाति का था यह लगभग 10 फ़ीट का लंबा अजगर था। आगे उन्होंने बताया कि जब कोई ऐसी सूचना मिलती है तो हमारा विभाग का स्टाफ वहां पर पहुंचता है वह इस प्रकार से रेस्क्यू करता है कि न तो वन्य जीव को हानि हो और न तो स्थानीय लोगों को हानि हो तो उनको वहां पर अजगर को पकड़वा कर आसपास के जंगलो में छुड़वा दिया।
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पंकज कुमार श्रीवास्तव
कन्नौज।पुलिस अधीक्षक अमित कुमार आनंद के निर्देशानुसार व अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार के पर्यवेक्षण में एवं क्षेत्राधिकारी यातायात डा.प्रियंका वाजपेई के नेतृत्व में यातायात प्रभारी आफाक खां ने आगरा से लखनऊ की तरफ तिर्वा थाना क्षेत्र में स्पीड लेजर गन द्वारा ओवर स्पीडिंग करने वाले वाहनों के विरुद्ध विधिक कार्रवाई की गई। जिसमें पांच डबल डेकर/स्लीपर बसों का ओवर स्पीडिंग में चालान किया गया। वहीं 20 ऐसे चार पहिया हल्के वाहनों के चालान किए गए। जिनकी 110 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से लेकर 150 किलोमीटर की रफ्तार देखने को मिली। ओवर स्पीडिंग से हादसे को सबसे अधिक खतरा प्रभारी द्वारा बताया गया कि ओवर स्पीडिंग के कारण सबसे अधिक और सबसे खतरनाक दुर्घटनाएं होती हैं।क्योंकि 100 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से अधिक गाड़ी को चलाने पर टनल विजन (संकीर्ण दृष्टि) की समस्या उत्पन्न होने लगती है। जिस कारण वाहन चालक की आंखें पूरी सड़क को समय से स्कैन नहीं कर पाती हैं।और अचानक कोई चीज सामने आने पर या सड़क के दाहिने बाएं से आने पर दुर्घटना को रोकना नामुमकिन हो जाता है।अत्यधिक स्पीड में वाहन चलाने पर अचानक कोई खतरा आने पर ब्रेकिंग डिस्टेंस कम पड़ जाता है। जिस कारण दुर्घटना रोकना संभव नहीं हो पाता है। सौ किलोमीटर के अंदर वाहन चलाने की जा रही अपील अत्यधिक स्पीड में वाहन के माइलेज में भी फर्क पड़ता है। यदि आप 100 किलोमीटर प्रति घंटा के अंदर अपने वाहन को चलाते हैं। तो आपको अच्छा माइलेज मिलता है। और ईंधन कम खर्च होता है। पैसा भी बचाया जा सकता है, जिंदगी भी बचाई जा सकती है। इसलिए यातायात पुलिस अपील करती है की गतिसीमा का उल्लंघन न करें। सुरक्षित चलें।
पंकज कुमार श्रीवास्तव

पंकज कुमार श्रीवास्तव



Sep 27 2024, 21:00
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