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22 सितंबर 2024 को वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) तथा सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) की नियुक्ति के लिए होनेवाली प्रारंभिक परीक्षा स्थगित

झा.डेस्क

रांची. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने 22 सितंबर 2024 को वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) तथा सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) की नियुक्ति के लिए होनेवाली प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी है. 

नयी तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी. आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने के कारण परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा. इससे पूर्व 18 अगस्त 2024 को भी परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी.

 आयोग ने रेंजर के 170 पद तथा एसीएफ के 78 पद पर नियुक्ति के लिए 30 अगस्त 2024 तक आवेदन आमंत्रित किया था. रेंजर की परीक्षा सुबह 10 बजे से दिन के 12 बजे तक तथा एसीएफ की परीक्षा दोपहर दो बजे से अपराह्न चार बजे तक होनी थी. मालूम हो कि आयोग में लगभग एक माह से अध्यक्ष का पद खाली है.

झारखंड में दो बजे बाद इंटरनेट सेवा हुई बहाल, लोगों ने ली राहत की सांस

झा.डेस्क

झारखंड में 2 बजे बाद इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है. इंटर नेट सेवा के बहाल होते ही लोगों ने राहत की सांस ली. झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (जेएसएससी) की ओर से आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की वजह से सुबह 5 बजे से इंटरनेट सेवा ठप थी. पौने दो बजे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.

जेपीएससी परीक्षा के कारण सुबह 7 बजे से थी नेट बंद

इंटरनेट सेवा ठप होने की वजह से यूजर्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा की वजह से झरखंड सरकार के गृह विभाग ने शनिवार (21 सितंबर) को सुबह 8 बजे से 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखने के निर्देश दिए थे. लेकिन, इंटरनेट सेवा सुबह 5 बजे से ही बंद थी. इसकी वजह से लोग परेशान रहे.

मैसेज का नही हो रहा था अदन प्रदान

सुबह से ही लोग इस बात के लिए परेशान थे कि अपने लोगों को मैसेज कैसे भेजें. व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स (ट्विटर) से लेकर तमाम माइक्रो ब्लॉगिंग और मैसेजिंग साइट्स ने झारखंड में काम करना बंद कर दिया था. नेटिजेंस को डेढ़ बजने का इंतजार था. जैसे ही इंटरनेट सेवा बहाल हुई, सभी ने राहत की सांस ली और अपने दोस्तों एवं परिजनों को मैसेज भेजना शुरू कर दिया.

झारखंड सीजीएल को लेकर सरकार ने किया था नेट बंद

झारखंड सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में कदाचार रोकने के उद्देश्य से इंटरनेट सेवा को परीक्षा के दौरान बंद रखा जाएगा. इसका उद्देश्य पेपर लीक को रोकना और पारदर्शी परीक्षा कराना बताया गया था.

झारखंड में दो बजे बाद इंटरनेट सेवा हुई बहाल, लोगों ने ली राहत की सांस

झा.डेस्क

झारखंड में 2 बजे बाद इंटरनेट सेवा बहाल हो गई है. इंटर नेट सेवा के बहाल होते ही लोगों ने राहत की सांस ली. झारखंड स्टेट सर्विस कमीशन (जेएसएससी) की ओर से आयोजित जेएसएससी सीजीएल परीक्षा की वजह से सुबह 5 बजे से इंटरनेट सेवा ठप थी. पौने दो बजे के बाद इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई.

जेपीएससी परीक्षा के कारण सुबह 7 बजे से थी नेट बंद

इंटरनेट सेवा ठप होने की वजह से यूजर्स को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ा. जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा की वजह से झरखंड सरकार के गृह विभाग ने शनिवार (21 सितंबर) को सुबह 8 बजे से 1:30 बजे तक इंटरनेट सेवा बंद रखने के निर्देश दिए थे. लेकिन, इंटरनेट सेवा सुबह 5 बजे से ही बंद थी. इसकी वजह से लोग परेशान रहे.

मैसेज का नही हो रहा था अदन प्रदान

सुबह से ही लोग इस बात के लिए परेशान थे कि अपने लोगों को मैसेज कैसे भेजें. व्हाट्सऐप, फेसबुक, एक्स (ट्विटर) से लेकर तमाम माइक्रो ब्लॉगिंग और मैसेजिंग साइट्स ने झारखंड में काम करना बंद कर दिया था. नेटिजेंस को डेढ़ बजने का इंतजार था. जैसे ही इंटरनेट सेवा बहाल हुई, सभी ने राहत की सांस ली और अपने दोस्तों एवं परिजनों को मैसेज भेजना शुरू कर दिया.

झारखंड सीजीएल को लेकर सरकार ने किया था नेट बंद

झारखंड सरकार ने एक आदेश जारी कर कहा था कि जेएसएससी सीजीएल की परीक्षा में कदाचार रोकने के उद्देश्य से इंटरनेट सेवा को परीक्षा के दौरान बंद रखा जाएगा. इसका उद्देश्य पेपर लीक को रोकना और पारदर्शी परीक्षा कराना बताया गया था.

22 सितंबर 2024 को वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) तथा सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) की नियुक्ति के लिए होनेवाली प्रारंभिक परीक्षा स्थगित


झा.डेस्क

रांची. झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) ने 22 सितंबर 2024 को वन क्षेत्र पदाधिकारी (रेंजर) तथा सहायक वन संरक्षक (एसीएफ) की नियुक्ति के लिए होनेवाली प्रारंभिक परीक्षा (पीटी) अगले आदेश तक के लिए स्थगित कर दी है. 

नयी तिथि की घोषणा बाद में की जायेगी. आयोग में अध्यक्ष की नियुक्ति नहीं होने के कारण परीक्षा स्थगित करने का निर्णय लेना पड़ा. इससे पूर्व 18 अगस्त 2024 को भी परीक्षा स्थगित कर दी गयी थी.

 आयोग ने रेंजर के 170 पद तथा एसीएफ के 78 पद पर नियुक्ति के लिए 30 अगस्त 2024 तक आवेदन आमंत्रित किया था. रेंजर की परीक्षा सुबह 10 बजे से दिन के 12 बजे तक तथा एसीएफ की परीक्षा दोपहर दो बजे से अपराह्न चार बजे तक होनी थी. मालूम हो कि आयोग में लगभग एक माह से अध्यक्ष का पद खाली है.

झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह का प्रयास से आरएसपी कॉलेज झरिया के नए भवन के लिए झारखंड सरकार ने मंजूर किए 67 करोड़ रूपये


धनबाद :.झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के लगातार प्रयास से डिगवाडीह में करीब 68 करोड़ की लागत से आरएसपी कॉलेज के नए भवन के लिए झारखंड कैबिनेट की मंजूरी मिली है। 

प्रोजेक्ट भवन रांची में आहूत कैबिनेट की बैठक में बीबीएमकेयू अंतर्गत आरएसपी कॉलेज झरिया के नव भवन के निर्माण को लेकर कॉलेज और विश्व विद्यालय प्रशासन द्वारा भेजी गई डीपीआर की स्वीकृति मिली।

इस संबंध में झरिया विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने मुख्यमंत्री हेमन्त सोरेन तथा मंत्री उच्च एवं तकनीकी शिक्षा श्री रामदास सोरेन के प्रति आभार प्रकट करते हुए बताया कि मेरे द्वारा कॉलेज को पुनः झरिया में स्थापित करने और नए भवन निर्माण को लेकर गत वर्ष मानसून सत्र और इस वर्ष के बजट सत्र में गैर सरकारी संकल्प के माध्यम से सदन में मामला उठाई गई थी, 

बहुत ही खुशी की बात है की सरकार ने सदन में दिए गए आश्वासन पर कैबिनेट की मंजूरी देते हुए नए भवन की स्वीकृति दी है। दो दिन पूर्व ही मैंने झरिया में आहूत कार्यकर्ता सम्मेलन ने जल्द ही झरिया के बच्चों को इनका कॉलेज वापस मिलने संबंधित खुशखबरी साझा की थी, जो फलीभूत हुआ।

बताते चलें कि जून 2017 में आरएसपी कॉलेज को भूमिगत आग का हवाला देते हुए कॉलेज को असुरक्षित बताया गया और बेलगढ़िया में शिफ्ट किया गया था। विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह के पहल पर कोयला मंत्रालय द्वारा आरएसपी कॉलेज के लिए नुनुडीह, डिगवाडीह में बीसीसीएल की करीब 13 एकड़ जमीन उपलब्ध कराई गई तथा डीएमएफटी मद से विद्यार्थियों के लिए लाइब्रेरी भवन का निर्माण भी कराया गया था। 

कॉलेज को पुनः स्थापित करने को लेकर झरिया और पूरे कोयलांचल की जनता और छात्र संगठनों ने माननीय विधायक जी को धन्यवाद दिया।

क्या है आरएसपी कॉलेज का इतिहास :

आज़ादी के समय झरिया-धनबाद के कोयला क्षेत्र में उच्च शिक्षा का कोई संस्थान नहीं था। शैक्षणिक रूप से पिछड़े इस झरिया क्षेत्र के छात्रों को उन दिनों कॉलेज की सख्त ज़रूरत थी। झरिया के तत्कालीन राजा काली प्रसाद सिंह ने समय रहते इस बात को पहचाना। उन्होंने 1949 में कॉलेज की स्थापना के लिए एक ट्रस्ट का गठन किया और अपने पिता की याद में राजा शिव प्रसाद कॉलेज की शुरुआत की। 

कई वर्षों तक धनबाद के इस महाविद्यालय से अनेकों नेतागण ने अपनी पढ़ाई पूरी की। झरिया का ऐतिहासिक धरोहर कहे जाने वाले राजा शिव प्रसाद महाविद्यालय वर्ष 2017 में अग्नि का हवाला देकर उसी बेलगढ़िया में शिफ्ट कर दिया जाता है केंद्र और राज्य में बीजेपी की सरकार रहते हुए महाविद्यालय बेलगड़िया चला गया। इस महाविद्यालय में बेलगढ़िया जाने से यहा पढ़ाने वाले छात्र छात्राओं कों कितने कठिनाइयों का आज तक सामना करना पड़ा रहा।

वर्ष 2019 विधानसभा चुनाव में विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह ने लोगों से वादा किया था की यदि मैं चुनाव जीत जाती हूँ आप सभी का धरोहर पुन: झरिया में वापस आएगी और वर्ष 2020 के अंतिम माह में विधायक जी ने सबसे पहले BCCL के पदाधिकारी से बात कर डिग्वाडीह रोपवे में आरएसपी का रिजनल भवन खुलवाने के साथ लाइब्रेरी भवन का उद्घाटन किया और BBA की कक्षा चालू करने का काम किए। 

झरिया विधायक लगातार आरएसपी महाविद्यालय भवन निर्माण के लिए विधानसभा में इस मुद्दे कों उठाते रही और शुक्रवार माननीय मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (झारखण्ड सरकार ) ने केबिनेट से कॉलेज निर्माण की स्वीकृति मिली।

झारखंड सीजीएल परीक्षा के लिए इंटरनेट बंद करना सरकार का निकम्मापन:अमर बाउरी

 

रिपोर्ट - ममता कुमारी 

रांची। झारखंड में सीजीएल परीक्षा को लेकर इंटरनेट बंद करने के फरमान पर राजनीति गरमा गयी है। नेता प्रतिपक्ष अमर बाउरी ने राज्य सरकार के फैसले को तुगलकी फरमान बताया है।

 अमर बाउरी ने सोशल मीडिया हैंडल पर पोस्ट कर कहा है कि झारखंड देश का पहला राज्य है, जहां परीक्षा के लिए इंटरनेट बंद करने का सरकार ने फैसला लिया है। उन्होंने इसे सरकार का निकम्मापन भी बताया है। 

अमर बाउरी ने कहा कि हेमंत सरकार के निकम्मेपन के कारण 2 दिनों तक झारखंड रुका रहेगा। JSSC की परीक्षा को देखते हुए 21 और 22 सितंबर को सुबह 8 बजे से लेकर 1:30 बजे तक पूरे झारखंड में इंटरनेट सेवा बंद रहेगी। ये लोकतंत्र की हत्या है और यह फैसला हेमंत सरकार के अक्षमता व निकम्मेपन का परिचायक है !

 स्वर्णिम भारत के इतिहास में झारखंड ऐसा पहला राज्य बनेगा जिसकी सरकार एक परीक्षा को ढंग से संचालित करने के लिए इंटरनेट सेवा बंद करेगा ... जिस सरकार को खुद पर कदाचार मुक्त परीक्षा कराने का भरोसा नहीं वह क्या छात्रों का भविष्य सवारेंगे ! धन्य हो महा निक्कमी झामुमो-कांग्रेस-राजद सरकार यह कदाचार रोकने की कवायत है या सदाचार पर पर्दा डालने की तैयारी है!

ममता बनर्जी द्वारा झारखंड से जाने वाले मालवाहक गाड़ी पर रोक लगाने पर झारखंड सरकार ने जतायी कड़ी आपत्ति

रिपोर्ट :-ममता कुमारी 

दामोदर घाटी निगम के मैथन व पंचेत डैम से छोड़े गए पानी को लेकर बंगाल सरकार और झारखंड सरकार में वाक् युद्ध शुरू हो गया है. डीबीसी के मैथन डेम और पंचेत डैम में पानी खतरे के निशान से ऊपर चला गया था उसके बाद बंगाल सरकार, झारखंड और डीवीसी की टेक्निकल कमेटी की सहमति से पानी छोड़ा गया।उसके वाबजूद ममता वनर्जी ने झारखंड से लगने वाले सभी सीमा को सील कर मालवाहक रोक दिया.जिसके कारण सीमावर्ती इलाकों में गाड़ियों की जाम लग गयी.जिस पर झारखंड सरकार ने आपत्ति जताई.

इस पर प्रतिक्रिया देते हुए झामुमो महासचिव सुप्रियो भट्टाचार्य ने कहा कि ममता बनर्जी की मनःस्थिति सही नहीं है। हेमंत सरकार किसी के सामने घुटने टेकना नहीं जानती है। ऐसा होता तो हेमंत सोरेन जेल की यात्रा नहीं करते।

डीवीसी ने भी स्पष्ट कर दिया है कि मैथन और पंचेत से बंगाल सरकार, झारखंड और डीवीसी की टेक्निकल कमेटी की सहमति से पानी छोड़ा गया। इसके बावजूद ममता बनर्जी गलत आरोप लगा रही हैं। उन्होंने सीमा पर बैरियर लगा दिया है।

तंज कसते हुए उठाया सवाल

उन्होंने सवाल उठाया कि क्या मालवाहक वाहन से पानी जाता है? दीदी को संवेदना होना चाहिए। मसानजोर से झारखंड को एक लीटर पानी सिंचाई के लिए नहीं मिलता। पूरा का पूरा डूब क्षेत्र झारखंड का है। मैथन और पंचेत के सैकड़ों गांव डूबते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि झारखंड को डीवीसी से सिर्फ सात जिले में बिजली मिलती है। बंगाल के 11 जिलों को डीवीसी से बिजली मिलता है। चांडिल डैम में भी झारखंड के गांव डूबे हैं। थोड़ा पानी टाटा कंपनी और बाकी ओडिशा और बंगाल को मिलता है।

शुक्र मनाइए कि सिर्फ गेट खोला गया है। अगर डैम टूट जाता तो बंगाल कहां जाता?

उन्होंने व्यंग्य करते हुए कहा कि शुक्र मनाइए कि सिर्फ गेट खोला गया है। अगर डैम टूट जाता तो बंगाल कहां जाता? दीदी का फैसला सही नहीं है। अगर झारखंड बॉर्डर सील कर दे तो, देश के अन्य भागों से बंगाल कट जाएगा।

उप विकास आयुक्त ने पालमू जिला के सतबरवा प्रखंड का किया औचक निरीक्षण, अबुआ आवास सहित कई गड़बड़ी पाया, होगी कारवाई

पलामू। उप विकास आयुक्त शब्‍बीर अहमद ने पलामू के सतबरवा प्रखंड का औचक निरीक्षण 19 सितंबर को किया। निरीक्षण के क्रम में प्रखंड कर्मियों की उपस्थिति पंजी एवं बायोमेट्रिक उपस्थिति की जांच की। जांच के क्रम में पाया गया कि प्रखंड कार्यालय में पदस्थापित/प्रतिनियुक्त अधिकांश कर्मियों हाजिरी उपस्थिति पंजी में दर्ज नहीं करते हैं। इनमें सारे मनरेगा कर्मी, कनीय अभियंता, पर्यवेक्षक, जनसेवक, पंचायत सचिव आदि हैं।

प्रखंड में कार्यान्वित प्रधानमंत्री आवास योजना (ग्रामीण) एवं अबुआ आवास योजना की जांच एवं प्रगति की गहन समीक्षा की गई। इसमें प्रगति असंतोषजनक एवं कागजात संधारण में कई त्रुटियां पाई गईं। समीक्षा में प्रधानमंत्री आवास योजना ग्रामीण एवं अबुआ आवास योजना अंतर्गत प्राप्त सभी परिवाद पत्रों के त्वरित निष्पादन का निर्देशित दिया।

ग्राम पंचायत पोंची में आवास योजना का निरीक्षण किया। इसमें पाया कि एक लाभुक मकसूद अंसारी को पहले प्रधानमंत्री आवास योजना और फिर उसकी पत्नी के नाम पर अबुआ आवास योजना का लाभ दिया गया है। इस मामले में दूसरे आवास को रद्द करते हुए राशि वसूली और मुखिया और पंचायत सचिव के विरुद्ध कार्रवाई की जाएगी।

गोमो में रैयतों ने रेलवे का निर्माण कार्य कराया बंद


धनबाद : गोमो के खेसमी गांव के समीप पीएनएम कॉलेज रोड पर गुरुवार को रेलवे की ओर से फ्रंट कॉरिडोर के तहत ट्रैक निर्माण का कार्य किया जा रहा था. गांव के रेयतों ने मौके पर पहुंचकर काम बंद करा दिया.

ग्रामीणों का कहना है कि रेलवे ने भूमि अधिग्रहण तो कर लिया, लेकिन उन्हें अब तक मुआवजा राशि नहीं मिली है. सवाल किया कि बिना मुआवजा भुगतान किए किस आधार पर रेलवे कार्य करा रहा है. लोगों ने जेसीबी व पोकलेन के ऊपर चढ़कर विरोध जताया. मौके पर पहुंचे साइट इंजीनियर ने बताया कि ग्रामीणों की मांग से वरीय अधिकारियों को अवगत करा दिया गया है. वहां निर्णय आते ही आगे का काम शुरू किया जाएगा.

धनबाद के कांग्रेसी नेता ने किया कांग्रेसियों का तर्पण!

धनबाद :गुरूवार को धनबाद के गांधी सेवा सदन में एक विचित्र दृश्य देखने को मिला। जहां काग्रेसी नेता मनोज सिंह ने अपने ही पार्टी के जिलाध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष का श्राद्ध किया। उन्होंने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष संतोष सिंह एवं कार्यकारी अध्यक्ष राशिद रजा अंसारी का कांग्रेसी नेता मनोज सिंह के द्वारा पितृपक्ष के अवसर पर हवन कर श्राद्ध किया।

मसला यह है कि विधानसभा चुनाव को लेकर पार्टी जिला कमेटी के द्वारा अध्यक्ष और उपाध्यक्ष पर सिर्फ गुटबाजी करने और कोई काम ना करने का आरोप लगा रहे साथ ही पद से हटाने की मांग प्रदेश से कर रहे मनोज सिंह ने विरोध मे हवन कर अध्यक्ष और कार्यकारी अध्यक्ष का श्राद्ध किया।

वहीं, इस तस्वीर को देख कर लोग अलग-अलग प्रतिक्रिया भी दे रहे हैं कि विधानसभा चुनाव नेताओं के और कितने रंग दिखाएगा?