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जहां- जहां उपचुनाव, वहां -वहां बह रही विकास की गंगा,योगी सरकार उपचुनाव वाले जिलों पर है मेहरबान



लखनऊ। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इसे 2027 के विधानसभा चुनाव से पहले का सेमीफाइनल माना जा रहा है। उपचुनाव की तारीखों का ऐलान चुनाव आयोग ने अभी नहीं किया है, लेकिन इसके पहले ही राजनीतिक दल इन सीटों पर रणनीति बनाने में लगे हुए हैं। उपचुनाव के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सबसे अधिक पसीना बहा रहे हैं क्योंकि उपचुनाव जिताने की कमान सीएम योगी ने अपने हाथ में ले रखी है। सीएम इन सभी सीटों का दौरा कर चुके हैं। सीएम अब तक पांच हजार करोड़ रुपये से अधिक की परियोजनाओं का शिलान्यास और लोकार्पण कर चुके हैं। 2024 के  लोकसभा चुनाव में सपा-कांग्रेस के गठबंधन ने भाजपा को तगड़ा झटका दिया। सपा-कांग्रेस गठबंधन ने यूपी की 80 में से 43 लोकसभा सीटों पर कब्जा जमा लिया। सपा ने 37 और कांग्रेस ने छह सीटों पर कब्जा जमाया है।

भाजपा इससे परेशान है।भाजपा यूपी में अपना खोया हुआ जनाधार वापस लाने के लिए हर संभव कोशिश कर रही है। भाजपा रोज नए कार्यक्रम बना रही है। साल 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले इन उपचुनाव को सेमीफाइनल माना जा रहा है।इसके लिए भाजपा और इंडिया गठबंधन तगड़ी तैयारी में जुटे हैं। खास बात यह है कि इन उपचुनाव को बसपा त्रिकोणीय बना रही है जो यूपी में अपनी सरकार जाने के बाद पहली बार उपचुनाव लड़ रही है। बसपा अपने खिसकते जनाधार से परेशान है और अपना जनाधार बढाने की जुगत भिड़ा रही है। उपचुनाव में भी भाजपा की सबसे बड़ी चुनौती सपा और कांग्रेस का गठबंधन ही होगा। दरअसल सपा मुखिया अखिलेश यादव का पीडीए फार्मूला काफी कारगर साबित होता जा रहा है।

अखिलेश यादव इन समुदायों के मुद्दों को लेकर लगातार योगी सरकार पर हमलावर हैं। हाल में बदमाश मंगेश यादव की पुलिस मुठभेड़ में हुई मौत पर जिस तरह से अखिलेश यादव मुखर हुए और बुलडोजर को लेकर उनकी सीएम योगी से जुबानी जंग हुई, वह इसी पीडीए को और मजबूत बनाने की कोशिश थी। सीएम राष्ट्रवाद और हिंदुत्व के सहारे अखिलेश यादव पर हमले कर रहे हैं। सीएम सपा को गुंडों की पार्टी बताने में लगे हुए हैं। भाजपा यह उपचुनाव राष्ट्रवाद, रोजगार और विकास के मुद्दे पर लड़ने वाली है। सीएम ने इन 10 विधानसभा सीटों के लिए 30 मंत्रियों की टीम बनाई है। सीएम इस टीम से हर हफ्ते फीडबैक लेते हैं। सीएम ने उपचुनाव वाले जिन जिलों का दौरा किया है उनमें उन्होंने पांच हजार करोड़ की विकास परियोजनाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया है।

युवाओं को आकर्षित करने के लिए सीएम लगातार नियुक्ति प्रमाण पत्र बांट रहे हैं। 10 में से आठ क्षेत्रों में अब तक 22 हजार से अधिक युवाओं को नियुक्ति प्रमाण पत्र मिल चुका है। इसके अलावा छात्रों को टैबलेट और स्मार्टफोन भी दिए जा रहे हैं। यह पहली बार मतदान करने वाले युवाओं को लुभाने की कोशिश मानी जा रही है। उत्तर प्रदेश की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होना है, इसमें अयोध्या जिले की मिल्कीपुर,अंबेडकरनगर की कटेहरी, कानपुर नगर की सीसामऊ,मैनपुरी की करहल,अलीगढ़ की खैर, गाजियाबाद, मुजफ्फरनगर की मीरापुर, प्रयागराज की फूलपुर, मुरादाबाद की कुंदरकी और भदोही जिले की मझवां विधानसभा सीट शामिल है। इनमें से नौ सीटों पर चुनाव विधायकों के सांसद चुने जाने और एक सीट सीसामऊ में सपा विधायक को सजा सुनाए जाने से उपचुनाव कराया जाएगा।
लखनऊ में युवक ने खुद को गोली मारकर की खुदकुशी

लखनऊ। राजधानी के गोमतीनगर विस्तार के गीतापुरी इलाके में एक युवक ने गुरुवार की रात को तमंचे से खुद को गोली मार ली। उसे इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने युवक को मृत घोषित कर दिया। शुक्रवार की सुबह सूचना पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेज दिया। साथ ही पूरे मामले की जांच करने में जुट गई है। उधर युवक की मौत से परिवार में कोहराम मच गया है।

मूलरूप से लखीमपुर का रहने वाला था युवक, यहां करता था जॉब

मूलरूप से लखीमपुर का रहने वाला राघवेन्द्र (28) अपने परिवार को लेकर लखनऊ के गीतापुरी इलाके में किराये के मकान में रहता था। उसकी मां ने बताया कि बेटा यहां पर एक प्राइवेट कंपनी में काम करता था। नशे की लत ने उसे ऐसा बिगाड़ा कि सारे पैसे वह नशे में उड़ा देता था। नशा न मिलने पर वह बैचेन हो जाता था। गुरुवार की रात को वह मसाला लेने की बात कहकर कमरे से निकला और बरामदा में पहुंचकर उसने खुद को गोली मार ली। परिजन उसे अस्पताल लेकर पहुंचे, जहां डॉक्टरों ने मृत घोषित कर दिया। घटना की जानकारी पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में ले लिया। घटनास्थल का निरीक्षण किया।

मां के सामने सीने से सटाकर खुद को मार ली गोली

थाना प्रभारी सुधीर अवस्थी का कहना है कि प्रारंभिक जांच में नशे के कारण युवक ने अवैध तमंचे से गोली मारकर खुदकुशी की है। उसके पास तमंचा कैसे आया, इसकी जांच की जा रही है। हालांकि इस पूरे मामले में बताया जा रहा है कि बृहस्पतिवार रात करीब 12 बजे नशे की गोलियां खत्म हो गई थीं। इससे वह आपे में नहीं रहे और घर में रखे तमंचा लेकर निकलने लगे। परिजनों के काफी रोकने पर वह मान गए। मगर कुछ देर बाद उन्होंने मां के सामने तमंचा सीने से सटाकर खुद को गोली मार ली। घटना से हड़कंप मच गया।

यूपी उपचुनाव में भाजपा की कमान संघ थामेगा!,2027 के विजन के साथ गाँव गाँव, घर -घर जाएंगे कार्यकर्त्ता

लखनऊ। उप्र की दस विधानसभा सीटों पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को आरएसएस का सक्रिय साथ मिलेगा, यह लगभग तय है। पिछले दिनों संघ के राष्ट्रीय सम्पर्क प्रमुख सुनील आंबेकर ने तीन दिनों तक राजधानी में डेरा डाले रखा और उप्र में जातीय जनगणना, आरक्षण सामाजिक समरसता जैसे मुद्दों पर जमकर मंथन किया। संघ के सर कार्यवाह अरुण कुमार भी लखनऊ में भाजपा के कार्यकर्त्ताओं और प्रमुख नेताओं से मिलकर सलाह मशविरा कर चुके हैं।

उप्र की दस विधानसभा सीटों को अब भाजपा आलाकमान बिल्कुल भी हल्के में लेने की भूल नहीं कर रहा है। हालांकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अपने मंत्रिमंडल के साथ दसों सीटों पर भाजपा को सफलता दिलवाने की कमान अपने हाथ में थाम चुके हैं लेकिन जातीय जनगणना, आरक्षण जैसे मुद्दों पर लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के दलों समाजवादी पार्टी और कांग्रेस को जैसी सफलता मिली उसने इन दोनों दलों को 2027 के लिए आत्मविश्वास दे दिया है। जबकि उप्र सरकार में एक समय न तो मंत्रिमंडल के अहम सदस्यों में आपसी एकता दिखाई दी और न एनडीए के सहयोगी दलों के साथ सामंजस्य। ओमप्रकाश राजभर से लेकर जयंत सिंह और अनुप्रिया पटेल से लेकर डॉ संजय निषाद तक प्रदेश सरकार में एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप लगाते दिखे।

ओमप्रकाश राजभर और डॉ निषाद ने लोकसभा चुनाव में अपने फीके प्रदर्शन के लिए साफ़ साफ़ भाजपा को ही दोषी ठहराया दिया तो योगी आदित्यनाथ के कुछ निर्णयों को लेकर अनुप्रिया पटेल और जयंत चौधरी भी खुलकर सरकार के साथ विरोध जताते दिखे। भाजपा जानती है और संघ भी कि इन हालातों में विधानसभा उपचुनाव की डगर कठिन है और अगर भाजपा ने इन चुनाव में गच्चा खाया तो 2027 के लिए विपक्ष को संजीवनी देने जैसी बात हो जायेगी। ये उपचुनाव जीतना केवल उप्र सरकार ही नहीं, केन्द्र सरकार के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण हैं। इसीलिए अब संघ ने योगी आदित्यनाथ का भार हलका करने का निर्णय लिया है।

संघ ने दूरदराज के अंचलों से लेकर शहरी क्षेत्र तक में राष्ट्रवाद के मुद्दे को प्रचारित करने की ठानी है जो जातीय जनगणना और आरक्षण के विपक्ष के मुद्दों की धार को भौथरी करेगा। तय ये हुआ है कि अब सरकार और भाजपा संघ के बनाए रास्ते पर चलेंगे इसके लिए संघ के प्रचार विभाग को दौड़ाया जाना है जिसके सुनील आंबेकर राष्ट्रीय प्रमुख हैं। संघ के ये प्रचारक न केवल शहरी और देहाती क्षेत्र में दलित और पिछड़ों की बस्तियों में जाकर भाजपा की नीतियों को समझायेंगे बल्कि समरसता भोज जैसे आयोजन करेंगे। वे दलितों और पिछड़ों को यह भी समझायेंगे कि भाजपा उनके अधिकारों में कोई कटौती नहीं करने जा रही और न संविधान से कोई छेड़छाड़ करने जा रहीं जैसा लोकसभा चुनाव में विपक्ष ने एकजुट होकर प्रचारित किया।

यही नहीं, संघ लोकसभा चुनाव के दौरान सोशल मीडिया पर भाजपा की कमजोरी को दूर करने का भी प्रयास करेगा और सरकार की नीतियों के साथ साथ विपक्ष को कठघरे में खड़े करने का काम भी करेगा। संघ और भाजपा को विश्वास है कि अगर समन्वित तरीके से काम हो तो जनजन में भाजपा की नीतियों के प्रति फिर विश्वास जगाया जा सकता है जो उपचुनावों में तो भाजपा के काम आएगा। 2027 में होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए भी संगठन और सत्ता को बेहतरीन विजन देगा।
बिहार की घटना के दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने बिहार के नवादा जिले में दलितों के घरों को जलाने की घटना की कड़ी निंदा की है। साथ ही उन्होंने बिहार सरकार से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने और पीड़ितों को पुनः बसाने की व्यवस्था किए जाने की भी मांग की है। मायावती ने गुरुवार को सोशल मीडिया एक्स पर किए गए पोस्ट में यह बात कही।

नवादा जिले में बुधवार शाम को भूमि विवाद को लेकर दबंगों ने करीब 80 घरों में आग लगा दी। आगजनी के दौरान हवाई फायरिंग भी गई। मायावती के साथ-साथ विपक्ष के तमाम नेताओं ने इस घटना की निंदा की है।
आरक्षण अभी तक क्यों जिंदा है :सूरज प्रसाद चौबे प्रदेश महासचिव सवर्ण आर्मी
लखनऊ। 19 सितंबर 1990 मे बी पी सिंह ने ओबीसी आरक्षण लाया उस समय बड़ी तादात मे आरक्षण का विरोध करने सड़क पर उतर आये,बिरोध मे राजीव गोस्वामी जो देश बंधु कॉलेज मे पढ़ते थे,गलत नीतियों के बिरोध मे आत्मदाह करना पड़ा,इस बलिदान को हम नहीं भूल सकते आरक्षण अभी तक जिंदा क्यो है ।क्यो की हमने समाज के लिए लड़ने वालो को महत्व नहीं दिया,यह लड़ाई सिर्फ सर्वेश पांडेय की नहीं है,यह लड़ाई हर उस सवर्ण की है जो अपने सपने को देश मे बुनने आया,यह लड़ाई योग्य अयोग्य की है यह लड़ाई प्रतिभा की है ।

यह लड़ाई सवर्ण के अस्मिता की है यदि आप चुप बैठे तो आप यकीन मानिये आप की लड़ाई लड़ने वाला कोई नहीं बचेगा यकीन मानिये आप के प्रतिभा का गला  इसी तरह काटा जायेगा , यह बाते सवर्ण आर्मी प्रदेश महासचिव सूरज प्रसाद चौबे ने सवर्ण समाज के लोगो के बिच कही ,आगे कहा की आरक्षण का वर्गीकरण होना चाहिए ,भीम आर्मी के गुर्गे आये दिन ब्राह्मण को टारगेट कर रहे है अपशब्द भाषा मारपीट कर के मारते भी है एससी एस टी एक्ट का मुक़दमा भी लिखावा रहे है हम सभी को अब मुक दर्शक नहीं रहना है संगठित हो कर विरोध करना होगा।सवर्ण आर्मी सवर्ण समाज के मान सम्मान केहोगे,,जहा भी इनके साथ अन्याय होगा हम मजबूती के साथ खड़े होगे।

आरक्षण का वर्गीकरण न हि सभी राजनितिक दल चाहती है क्यो की ये नहीं चाहते है की दलित जो 70 सालो से गरीब है आरक्षण का नाम तक नहीं जानते उसको लाभ मिले, भीम आर्मी प्रमुख चंद्रशेखर रावण को पीड़ा है की EWS आरक्षण क्यो मिला उसको हटाने की बात करते है फिर भी सवर्ण समाज के नेता जो दलो मे है मुह में दही जमाए है,दुख तब होता है जब शासन सत्ता में बैठे सवर्ण सवर्ण की अनदेखी कर रहे है वही समाज के बिच जब आये उनकी भी अनदेखी किया जायेगा आज समय की मांग है की जो समाज के लिए संघर्ष कर रहा है उसका साथ दे अस्तित्व बचाने के लिए एक जुट हो नहीं तो सवर्ण समाज इतिहास के फटे पन्नों मे भी नहीं मिलेगा।
120 इलेक्ट्रिक बसें खरीदेगी योगी सरकार,अलीगढ़ व मुरादाबाद से 30-30 तथा लखनऊ, अयोध्या व गोरखपुर से संचालित होंगी 20-20 बसें
लखनऊ। योगी सरकार के निर्देश पर उत्तर प्रदेश राज्य सड़क परिवहन निगम के बेड़े में 120 इलेक्ट्रिक बसों (100 के अतिरिक्त) के शामिल करने की प्रक्रिया तेजी से चल रही है। जल्द ही विभाग की तरफ से निविदा की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह बसें अलीगढ़, मुरादाबाद, लखनऊ, अयोध्या एवं गोरखपुर क्षेत्र में संचालित की जायेंगी। इलेक्ट्रिक बसें सुविधायुक्त, अत्याधुनिक उपकरणों से लैस होंगी। अलीगढ़-मुरादाबाद क्षेत्र में 30-30 इलेक्ट्रिक बसें, लखनऊ, अयोध्या एवं गोरखपुर क्षेत्र में 20-20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेंगी।

इन जिलों में विभिन्न रूटों पर चलेंगी

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के मुताबिक अलीगढ़ क्षेत्र में अलीगढ़- नोएडा वाया जेवर 10, अलीगढ़-बालाबागड़-फरीदाबाद 04, अलीगढ़-मथुरा 04, अलीगढ़-कौशाम्बी वाया खुर्जा 08, अलीगढ़-डिबाई-अनूपशहर-संभल-मुरादाबाद रूट पर 4 बसें  संचालित होंगी। इसी प्रकार मुरादाबाद क्षेत्र में कुल 30 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी। मुरादाबाद-कौशाम्बी रूट पर 10, मुरादाबाद-मेरठ रूट पर 06, मुरादाबाद-नजीबाबाद कोटवार रूट पर 04, कटघर-बरेली रूट पर 02, कटघर-हल्द्वानी रूट पर 04, कटघर-अलीगढ़ रूट पर 02 एवं कटघर-रामनगर रूट पर 02 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा।

गोरखपुर क्षेत्र में भी 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा

लखनऊ क्षेत्र में न्यू बाराबंकी स्टेशन-अवध बस स्टेशन रूट पर 20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी। इसी प्रकार अयोध्या क्षेत्र में अयोध्या-लखनऊ रूट पर 04, अयोध्या-गोरखपुर रूट पर 04, अयोध्या-प्रयागराज-गोण्डा रूट पर 06 एवं अयोध्या-सुलतानपुर-वाराणसी रूट पर 06 बसों का संचालन किया जायेगा। अयोध्या क्षेत्र में भी 20 इलेक्ट्रिक बसें संचालित की जायेगी। गोरखपुर क्षेत्र में भी कुल 20 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा। गोरखपुर-आजमगढ़-वाराणसी रूट पर 03, गोरखपुर-गाजीपुर-वाराणसी रूट पर 03, गोरखपुर-अयोध्या रूट पर 04, गोरखपुर-सोनौली रूट पर 04, गोरखपुर-महराजगंज-ठूठीबारी रूट पर 02, गोरखपुर-सिद्धार्थनगर, गोरखपुर-पडरौना रूट पर एक-एक एवं गोरखपुर-तमकुही रूट पर 02 इलेक्ट्रिक बसों का संचालन किया जायेगा।
भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के प्रतिनिधियों ने डीजीपी को किया सम्मानित

लखनऊ। पुलिस महानिदेशक यूपी प्रशान्त कुमार एवं  अपर पुलिस महानिदेशक, कानून व्यवस्था अमिताभ यश से पुलिस मुख्यालय में भारतीय उद्योग व्यापार मण्डल के प्रदेश महामंत्री रवीन्द्र कुमार त्रिपाठी सहित छह सदस्यीय प्रतिनिधि मण्डल ने मुलाकात की एवं  28 अगस्त  को जनपद सुल्तानपुर में सर्राफा व्यवसायी के यहां घटित डकैती की घटना के सफल अनावरण एवं शत-प्रतिशत बरामदगी के दृष्टिगत पुलिस महानिदेशक यूपी का आभार व्यक्त किया।मुलाकात के दौरान प्रतिनिधि मण्डल द्वारा पुलिस महानिदेशक, यूपी एवं अपर पुलिस महानिदेशक कानून व्यवस्था, यूपी को धन्यवाद प्रशंसा पत्र भेंट कर सम्मानित किया गया तथा कहा गया कि पुलिस महानिदेशक, यूपी के कुशल नेतृत्व में उक्त घटना के सफल अनावरण व बरामदगी से व्यापारियों व जनता में पुलिस के प्रति विश्वास बढ़ा है।

अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हाथी के दांतों की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन तस्कर दो हाथी दांतों के साथ गिरफ्तार

लखनऊ। एसटीएफ यूपी को अन्तर्राष्ट्रीय स्तर पर हाथी के दाँतो की तस्करी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को दो हाथी दांतों (अन्तराष्ट्रीय बाजार मूल्य 70 लाख रूपये अनुमानित) के साथ गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई । गिरफ्तार अभियुक्तों का नाम आदित्य विक्रम पुत्र  सतेन्द्र सिंह निवासी वैष्णो कुंज कालोनी, नियर ग्रीन पार्क कालोनी, थाना बारादरी, बरेली, नत्था सिंह पुत्र स्व.गुरूदयाल सिंह निवासी नानकमत्ता गुरुद्वारा मूल निवासी लखीमपुर खीरी, करन सिंह पुत्र स्व. सेवाराम निवासी ग्राम ओम सांई इन्क्लेव डोहरा रोड, नियर वेदान्ता अस्पताल, थाना बारादरी, जनपद बरेली है।

हाथी दांत तस्कर गिरो के सक्रिय होने की काफी दिनों से मिल रही थी सूचना

एसटीएफ को विगत काफी समय से उत्तर प्रदेश के विभिन्न जनपदों में हाथी दांत तस्कर गिरोह के सक्रिय होने की सूचनायें प्राप्त हो रहीं थीं। इस सम्बन्ध में एसटीएफ की विभिन्न इकाईयों टीमों को अभिसूचना संकलन एवं कार्यवाही के लिए निर्देशित किया गया, जिसके अनुपालन में  अब्दुल कादिर, अपर पुलिस अधीक्षक, एसटीएफ फील्ड इकाई, बरेली के पर्यवेक्षण में उ.नि. राशिद अली, मु.आ. शिवओम पाठक, मु.आ. संदीप कुमार, आ. संजय यादव, मु.आ.कमाण्डो खान मोहम्मद एसटीएफ फील्ड इकाई बरेली की एक टीम गठित कर अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ करते हुये अभिसूचना तन्त्र को सक्रिय किया गया ।

दो हाथी दांत व एक कार स्विफ्ट के साथ एसटीएफ ने दबोचा

अभिसूचना संकलन के दौरान जानकारी प्राप्त हुई कि तीन व्यक्ति लखनऊ-दिल्ली हाइवे पर पुन्नापुर मोङ, थाना सीबीगंज, जनपद बरेली पर स्विफ्ट कार में बैठकर हाथी दांत की खरीद फरोख्त कर रहे हैं। इस सूचना पर विश्वास कर वन विभाग के रेंजर डी वैभव चौधरी को अवगत कराते हुए  रमाकान्त डिप्टी रेंजर, मनोज कुमार डिप्टी रेंजर  चिन्तामणि शर्मा वन दरोगा व  हरेन्द्र पाल सिंह को एवं एसटीएफ उत्तराखण्ड के उपनिरीक्षक केजी मठियाल मय टीम व वन्य जीव अपराध नियंत्रक ब्यूरो व थाना सीबीगंज जनपद बरेली से निरीक्षक  उत्तम कुमार व मु.आ. सरजीत को साथ लेकर तीन व्यक्तियों उपरोक्त को मय दो हाथी दांत व एक कार स्विफ्ट के गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुयी ।

तीन मिलकर वन्यजीव का करते हैं वध

अभियुक्तों ने पूछताछ में बताया कि हम तीनों का वन्यजीव वध किये हुये हाथी के दांतों की तस्करी करने का एक संगठित गैंग है। इस गैंग का आदित्य विक्रम उपरोक्त गैंग लीडर है व नत्था सिंह व करन सिंह उपरोक्त सक्रिय सदस्य है। बरामद हाथी के दांतों को लखीमपुर खीरी से चलते-फिरते एक व्यक्ति से लिया था, जिसका हम नाम पता नही जानते हैं। इन हाथी के दांतों को अच्छे दामों में बिक्री के लिये ग्राहक की तलाश में थे। गिरफ्तार अभियुक्तों के विरूद्ध थाना सीबीगंज, जनपद बरेली पर वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत मुकदमा पंजीकृत कराया गया है।
सुप्रीम कोर्ट के आदेश ने बुलडोजर ही नहीं, बल्कि इसका दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया : अखिलेश यादव

लखनऊ । सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि बुलडोजर कार्रवाई असांविधानिक है। फैसले के लिए सुप्रीम कोर्ट का आभार जताते हुए उन्होंने कहा कि अब उम्मीद है कि बुलडोजर कार्रवाई हमेशा के लिए बंद हो जाएगी। जारी बयान में उन्होंने कहा कि न्याय के सर्वोच्च आदेश ने बुलडोजर ही नहीं, बल्कि इसका दुरुपयोग करने वालों की विध्वंसक राजनीति को भी किनारे लगा दिया है।

उन्होंने तंज किया कि अब बुलडोजर के पहिए खुल गए हैं और स्टीयरिंग हत्थे से उखड़ गया है। ये उनके लिए पहचान का संकट है जिन्होंने बुलडोजर को अपना प्रतीक बना लिया था। अब न बुलडोजर चल पाएगा, न उसको चलवाने वाले। दोनों की पार्किंग का समय आ गया है। सुप्रीम फैसले से बुलडोजरी सोच का ही ध्वस्तीकरण हो गया है। अब क्या वे बुलडोजर का भी नाम बदल कर उसका दुरुपयोग करेंगे? ये जनता का सवाल ही नहीं, एक बड़ी आशंका भी है।

उन्होंने कहा कि प्रदेश में हुई कई बुलडोजर कार्रवाई पर जब कभी न्यायालय विचार करेगा तो सरकार पर ही कार्रवाई होगी। राज्य सरकार ने लोगों को डराने के लिए बुलडोजर चलवाया है। विपक्ष और जनता की आवाज को दबाने के लिए दुरुपयोग किया गया। यूपी सरकार और भाजपा के लोग बुलडोजर को इतना महिमा मंडित कर रहे थे कि जैसे बुलडोजर ही न्याय है।सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा कि एसटीएफ में अगर ऊपर से नीचे देखेंगे तो एक ही तरह के अधिकारियों की पोस्टिंग है। इनकी तैनाती सरकार को खुश रखने के लिए की गई है।
बुलडोजर मामले में केंद्र सरकार को बनाना चाहिए एक-समान गाइडलाइन : मायावती
लखनऊ। बहुजन समाज पार्टी की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने ध्वस्तीकरण के लिए बुलडोजर के इस्तेमाल की बढ़ती प्रवृत्ति पर गंभीर चिंता व्यक्त की है। उन्होंने केन्द्र सरकार से कहा है कि आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए

मायावती ने बुधवार को एक्स पर कहा है कि बुलडोजर विध्वंस कानून का राज का प्रतीक नहीं होने के बावजूद इसके प्रयोग की बढ़ती प्रवृति चिन्तनीय। वैसे बुलडोजर व अन्य किसी मामले में जब आम जनता उससे सहमत नहीं होती है तो फिर केन्द्र को आगे आकर उस पर पूरे देश के लिए एक-समान गाइडलाइन्स बनाना चाहिए, जो नहीं किए जा रहे हैं।

उन्होंने का कि बुलडोजर एक्शन के मामले में माननीय सुप्रीम कोर्ट को इसमें दख़ल देकर केन्द्र सरकार की ज़िम्मेवारी को खुद नहीं निभाना पड़ता, जो यह ज़रूरी था। केन्द्र व राज्य सरकारें संविधान व कानूनी राज के अमल होने पर ज़रूर ध्यान दें।