विकास के इस आधुनिक परिवेश में आज भी कई गांव पंचायत भवन और प्राथमिक विद्यालय से है अछूते
सुमित उपाध्याय
अहरौला(आजमगढ़)।स्थानीय विकासखंड अंतर्गत मीडिया द्वारा ग्राम पंचायत में बने पंचायत भवन सचिव और पंचायत सहायक के बैठने की जांच पड़ताल में अधिकांश ग्राम सभाओं के पंचायत भवन पर ताला लटका मिला कुछ पंचायत भवन निर्माणाधीन मिले किसी पंचायत पर गेट न लगने के कारण वह मवेशियों के विचरण करने का स्थान बना दिखा अधिकांश ग्राम सभा में जहां पंचायत भवन मिले वहां ग्रामीण की शिकायत थी कि यहां कभी बैठक होती ही नहीं है ।
किसी ग्राम सभा में पंचायत भवन पर पंचायत सहायक के बैठने के बारे में ग्राम प्रधान से पूछने पर ग्राम प्रधान का उत्तर मिलता है कि क्या प्रतिदिन पंचायत भवन पर बैठना होता है आज मीडिया टीम द्वारा अनेक ग्राम सभाओं का भ्रमण किया गया जिसमें हर ग्राम सभाओं के पंचायत भवनों पर अलग-अलग स्थिति देखने को मिली सर्वप्रथम मीडिया की टीम गजेंद्र पट्टी भदौरा के पंचायत भवन पर पहुंची जहां पंचायत सहायक कक्ष में ताला लटका हुआ मिला सचिव के बारे में पता करने पर पता चला कि वह अभी यहां से दूसरे गांव में परिवार रजिस्टर बनाने के लिए निकले हैं पंचायत सहायक से फोन पर इस संबंध में पूछा तो उनके द्वारा बताया गया कि मैं ग्राम सभा में डाटा एकत्रित कर रहा हूं वही मीडिया की टीम आगे बढ़ते हुए जब जगदीशपुर ग्राम सभा में पहुंची तो उक्त ग्राम सभा के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे ग्राम सभा में पंचायत भवन नहीं है ।
ग्राम प्रधान से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि प्रस्ताव बनाकर भेज दिया गया है जल्द ही पंचायत भवन का निर्माण कराया जाएगा ग्राम पंचायत की बैठक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि पंचायत की बैठक हमारे गांव में पेड़ के नीचे कराया जाता है वहीं जब पंचायत सहायक के बारे में पूछा गया तो उन्होंने बताया कि ग्राम सभा में पंचायत भवन न बनने के कारण पंचायत सहायक घर से ही काम करता है मीडिया द्वारा अजगरा ग्राम सभा में पहुंचने पर पंचायत भवन पर ताला लटका हुआ पाया गया और जब ग्राम प्रधान से फोन के माध्यम से संपर्क किया गया तो उन्होंने बताया कि पंचायत सहायिका बीमार होने के कारण घर पर हैं जबकि ग्रामीणों ने बताया कि अक्सर ताला ही लटका रहता है अगले ग्राम सभा नाउपुर में पहुंचने पर देखा गया तो वहां की स्थिति बिल्कुल अलग थी इस ग्राम सभा में न पंचायत भवन बना था ना ही बच्चों के पढ़ने के लिए प्राथमिक पाठशाला गांव के आंगनबाड़ी केंद्र पर ही ग्राम पंचायत की बैठक का आयोजन किया जाता है ग्रामीणों ने दुख जताते हुए कहा कि आज की।
इस डिजिटल युग में भी हमारा गांव शिक्षा से अछूता है आज भी हमारे गांव के छोटे बच्चों को पढ़ने के लिए दूसरे गांव में जाना पड़ता है यहां के पंचायत सहायक के बारे में ग्रामीण से पूछने पर पता चला कि वह भी अपने घर से ही काम करती हैं विशेष जानकारी हम लोगों को नहीं है उनके द्वारा कभी काम किया जाता है या नहीं मीडिया टीम आगे बढ़ते हुए बिहार बुजुर्ग ग्राम सभा में पहुंची तो वहां गांव के ही एक ग्रामीण ने बताया कि मेरे गांव में कभी बैठक का आयोजन नहीं किया जाता है जब ग्राम प्रधान से पूछा गया तो ग्राम प्रधान ने बताया कि पंचायत भवन न होने के कारण बैठक का आयोजन प्राथमिक विद्यालय पर ही कराया जाता है हमारे गांव में पंचायत भवन निर्माणाधीन अवस्था में है जिसके कारण पंचायत सहायक भी अपने घर से ही काम करता है मीडिया टीम जब भैरोपुर दरगाह गांव में पहुंची तो वहां एक अलग ही दृश्य देखने और सुनने को मिला ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन पर आज तक ना बैठक हुई ना कभी इसका ताला खोला गया और गांव के सार्वजनिक शौचालय को दिखाते हुए गांव के ही एक युवक ने बताया कि कहने के लिए शौचालय बना हुआ है शौचालय बने हुए 5 साल से ऊपर हो गए हैं लेकिन आज तक यह शौचालय चालू नहीं हुआ है ना यहां टंकी लगी हुई है और ना ही दरवाजे लगे हैं।
वही जब इस संबंध में मीडिया द्वारा ग्राम प्रधान से पूछा गया तो ग्राम प्रधान ने बताया कि जल्द ही शौचालय पर पानी की टंकी लगाकर चालू कर दिया जाएगा जब पत्रकारों की टीम आगे बढ़ते हुए बर इपुर ग्राम सभा में पहुंची तो वहां गांव में नालिया तो बनी थी लेकिन नालियों पर पटिया लगाकर उसे ढका नहीं गया था इन नालियों से गुजरते हुए जब मीडिया टीम पंचायत भवन पर पहुंची तो वहां भी ताला लटका हुआ था और पंचायत सहायिका के फोन पर संपर्क करने का प्रयास किया गया था उनका मोबाइल स्विच ऑफ था मीडिया टीम आगे बढ़ते हुए दूसरे ग्राम सभा भरौली दाउदपुर में पहुंची तो वहां ग्रामीणों ने बताया कि पंचायत भवन पर गेट न लगने के कारण बच्चे और जानवर हमेशा इसमें खेलती एवं घूमते रहते हैं गेट लग जाता तो यह सुरक्षित हो जाता वहीं पंचायत भवन की दीवाल पर लिखे पंचायत सहायक के फोन नंबर पर जब संपर्क किया गया तो उधर से जवाब देते हुए रोजगार सेविका ने बताया कि गलती से उस पर मेरा नाम लिख दिया गया है मैं पंचायत सहायक नहीं बल्कि रोजगार सेविका हूं वहीं जब इस संबंध में ग्राम प्रधान से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हमारे गांव में पंचायत सहायक के पद पर काम करने वाले देवेंद्र कुमार घर से ही काम करते हैं पंचायत भवन सुरक्षा के दृष्टिकोण से सही नहीं है पंचायत भवन से प्रिंटर और कंप्यूटर को चुराया जाने का डर है वही जब मीडिया टीम अभयपुरक्षग्राम सभा में पहुंची तो वहां पंचायत भवन पर दर्जनों की संख्या में ग्रामीण बैठे हुए थे और ग्राम प्रधान पंचायत सहायक का इंतजार कर रहे थे जब मीडिया द्वारा ग्राम प्रधान से फोन पर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि क्या पंचायत भवन पर रोज-रोज बैठना होता है क्या हमें तो जानकारी है कि एक बार ही बैठना होता है वहीं मीडिया टीम आगे बढ़ते हुए जब गोपाली पट्टी ग्राम सभा में पहुंची तो उपयुक्त ग्राम सभा की पंचायत भवन पर भी ताला लटका हुआ था सब मिलाकर पंचायत भवन का होना न होने के बराबर है क्योंकि जिन ग्राम सभा में पंचायत भवन नहीं है वहां तो बैठने की व्यवस्था न होने के कारण पंचायत सहायक सचिव ग्राम प्रधान और अन्य नहीं बैठ पाते हैं लेकिन जिन ग्राम सभाओं में पंचायत भवन बना है वहां भी अधिकांश ग्राम सभा में अधिकांशतः ताला ही लटकता हुआ मिलता है सवाल यह उठता है कि क्या पंचायत भवन पर बैठने वाले कर्मचारी अपने विभाग के उच्च अधिकारियों को गुमराह किए हुए हैं या फिर उन अधिकारियों की यह लापरवाही है जिसके कारण अधिकांश पंचायत भवनों पर ताला ही लटकता हुआ मिलता है
Sep 12 2024, 17:12