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स्वास्थ्य केंद्र में डॉक्टरों की अनुपस्थिति पर CMHO की कड़ी कार्रवाई, चार चिकित्सकों को थमाया नोटिस


बिलासपुर-   रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएससी) से नदारद चार डॉक्टरों को CMHO ने नोटिस जारी किया है. जांच के दौरान बीते 31 अगस्त को रतनपुर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में चार डॉक्टर अनुपस्थित थे. जबकि रतनपुर क्षेत्र में इन दिनों मलेरिया, डायरिया का प्रकोप फैला है. बताया जा रहा है कि मामले की शिकायत आला अधिकारियों तक पहुंच गई है.

रतनपुर क्षेत्र में मलेरिया और डायरिया का प्रकोप है. बड़ी संख्या में पीड़ित इलाज के लिए सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंच रहे हैं. शिकायत पर जांच करने टीम पहुंची तब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चार डॉक्टर अपनी ड्यूटी से नदारत थे. सीएमएचओ ने उन्हें बताओ नोटिस जारी किया है, जिसमें स्त्रीरोग विशेषज्ञ डॉक्टर शीला शाहा, डॉ नेहल झा, नेत्ररोग विशेषज्ञ डॉ एम एल कोराम, एनेस्थीसिया निधि कोराम शामिल हैं. स्थानीय लोगों ने स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही पर कड़ा एतराज जताया है. लोगों को कहना है कि रतनपुर क्षेत्र में स्वास्थ्य विभाग का मैदानी अमला सही तरह से काम नहीं कर रहा, जिसके चलते यहां लगातार मलेरिया और डायरिया से मौतें हो रही हैं.

शिक्षक दिवस : मुख्यमंत्री साय ने शिक्षकों को दी बधाई, कहा – नक्सलवाद के अंधियारा छंटने से बस्तर में भी शिक्षा का खुल रहा रास्ता…

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णुदेव ने शिक्षक दिवस पर राज्यस्तरीय सम्मान से सम्मानित शिक्षकों को शुभकामनाएँ दी. इस अवसर पर उन्होंने कहा कि किसी भी समाज को रचने में शिक्षकों की अहम भूमिका होती है. भारत उच्च शिक्षा के मामले में शुरू से ही समृद्ध रहा है. दुनिया को शून्य भी भारत ने ही दिया. आर्यभट्ट जैसे गणितज्ञ भारत ने दिए. प्रधानमंत्री मोदी ने शिक्षा के महत्व को समझते हुए नई शिक्षा नीति लागू की है. 

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि भले ही इंटरनेट की दुनिया में ज्ञान एक क्लिक में उपलब्ध है, लेकिन अनुभाग और जीवन जीने की शिक्षा सिर्फ़ विद्यालय में ही उपलब्ध है. उन्होंने कहा कि नक्सलवाद का अंधियारा छंटने से बस्तर में भी शिक्षा का रास्ता खुल रहा है. आने वाला दिन AI और रोबोटिक का है, इसमें हमारे बच्चे पीछे नहीं रहेंगे. आदिवासी क्षेत्र में रोबोटिक और AI की शिक्षा प्रारंभ कर दी है.

मुख्यमंत्री ने बताया कि नालंदा की तरह 13 स्थानों में हाईटेक लाइब्रेरी की स्थापना की गई है. शासकीय स्कूलों में पैरेंट्स-टीचर्स मीटिंग पर ज़ोर दे रहे हैं. छत्तीसगढ़ में शिक्षा के क्षेत्र में जैसा काम हो रहा है, ऐसे शिक्षकों का सम्मान कर और बेहतर करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है.

वनवासी रामप्यारे के सूखे खेतों में आई हरियाली, डबरी से मिली सिंचाई की सुविधा

रायपुर-    मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर जिले के मनेंद्रगढ़ विकासखण्ड के ग्राम पंचायत पिपरिया की भौगोलिक स्थिति वनांचल जैसी है। लेकिन यहां किसानों को सिंचाई के लिए पानी की समस्या हमेशा बनी रहती है। वंचित वर्ग में आने वाले ऐसे ही एक आदिवासी परिवार के लिए खेती योग्य भूमि होने के बाद भी पानी का संसाधन ना होना एक बड़ी समस्या थी। ऐसे में मनरेगा के तहत बनी एक डबरी में सिंचाई की कमी पूरी कर खुशहाली का माध्यम बन गई। पहले केवल मानसूनी बारिश पर आधारित धान की खेती करने वाले आदिवासी किसान रामप्यारे के खेत में अक्सर सिंचाई के लिए पानी की कमी हो जाती थी। ऐसे में मेहनत करने के बाद भी उन्हें अपनी फसल से कोई लाभ नहीं मिल पाता था। परंतु इस बार सिंचाई की सुविधा पाकर रामप्यारे के परिवार ने समय पर अपने खेतों में रोपाई का कार्य पूरा कर लिया है और उनकी धान की फसल भी लहलहा रही है। इस खुशहाली के लिए महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत बनी एक डबरी इस किसान परिवार के लिए वरदान साबित हो रही है।

पहले श्री रामप्यारे की समस्या का निराकरण ग्राम सभा की बैठक में हुआ, जहां उन्होंने अपने खेतों में महात्मा गांधी नरेगा के तहत एक डबरी बनाए जाने का आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन के आधार पर ग्राम सभा ने डबरी बनाए जाने का प्रस्ताव पारित किया और ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया और डबरी का निर्माण कार्य पूर्ण कराया गया। इसमें अकुशल मजदूरी करके इस परिवार को सौ दिवस का रोजगार भी प्राप्त हुआ। डबरी बन जाने के बाद रामप्यारे बताते हैं कि सब्जी लगाकर वह लगभग 20 हजार रुपए की आमदनी ले चुके हैं और इस बार उनके खेतों में समय पर धान की रोपाई का काम पूरा हुआ है। डबरी में पर्याप्त पानी होने के कारण वह इसमें अगले साल से मछली पालन करने की योजना बना रहे हैं। रामप्यारे के अनुसार लगभग तीन एकड़ खेतों में इस बार धान की अच्छी फसल होने से उन्हें आर्थिक लाभ मिलेगा। मनरेगा से बना एक संसाधन इस परिवार के लिए आजीविका की नई राहें बना रहा है। इसके लिए रामप्यारे ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय एवं महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना का धन्यवाद ज्ञापित किया है।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने की सौजन्य मुलाकात

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णु देव साय से कल रात यहां उनके निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के प्रतिनिधि मंडल ने प्रांताध्यक्ष शिशुपाल शोरी के नेतृत्व में सौजन्य मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री को छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के रायपुर में आयोजित होने वाले शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में शामिल होने का आमंत्रण दिया। मुख्यमंत्री ने आमंत्रण के लिए प्रतिनिधि मंडल को धन्यवाद देते हुए कार्यक्रम में आने की सहमति दी।

प्रतिनिधि मंडल में छत्तीसगढ़ सर्व आदिवासी समाज के बी.पी. एस नेताम, भारत सिंह, पूर्व विधायक राजेंद्र कुमार राय, लक्ष्मी ध्रुव और श्यामलाल कंवर, एम आर ठाकुर, देवरतन सिंह, आर बी सिंह, फूल सिंह नेताम, मोहिंदर कंवर, गणेश ध्रुव, कुंदन सिंह ठाकुर, शिव प्रसाद ध्रुव, सनम सिंह, हेमलता परते,  उमा शर्मा, अलका परते, उपेंद्र ठाकुर डॉ शंकर उईके सहित अनेक पदाधिकारी और सदस्य शामिल थे।

पहाड़ी कोरवा ममता की जिंदगी में थी उलझनों की मोड़, कलेक्टर ने शिक्षा से दिया नाता जोड़

रायपुर-      तब गांव आंछीमार के पहाड़ी कोरवा मंगल सिंह घर पर नहीं थे। उनकी बेटी ममता कोरवा शायद स्कूल जाने के लिए झटपट तैयार हो रही थी। अचानक से ममता तक खबर आई कि उनके घर के बाहर कोरबा के कलेक्टर आए हैं। वह अपनी जूती भी नहीं पहन पाई थी और सफेद मोजे पहने हुए स्कूल ड्रेस में भागती हुई बाहर आई। उन्हें यकीन ही नहीं हो रहा था कि पहाड़ी कोरवाओं की इस छोटी सी बस्ती और तंग गली में कभी मोटर सायकल भी नहीं आता-जाता, उस गली से होकर उनके द्वार तक कलेक्टर की गाड़ी और स्वयं कलेक्टर आए हैं। ममता की खुशी का ठिकाना नहीं था। कलेक्टर ने जब उनसे पूछा...कौन से क्लास में हो...नाम क्या है ? मैं कोरबा कलेक्टर पी दयानंद हूं...तो सबसे पहले ममता ने मुस्कुराते हुए हाथ मिलाया और नाम बताते हुए कहा...तो सर आप ही कलेक्टर..है.! कलेक्टर से हाथ मिलाते ही उलझनों के मोड़ में उलझी ममता को कलेक्टर पी दयानंद से ऐसा ज्ञान और प्रोत्साहन मिला कि एक दिन उसकी जिंदगी बदल गई।

आठ साल पहले स्कूल खुलने के दिन यानी एक जुलाई को ग्राम आंछीमार की पहाड़ी कोरवा ममता तब कक्षा दसवीं पास करके कक्षा 11वीं में ही पहुंची थीं। तब वह बहुत असमंजस में थी कि 11 वीं में कौन सा विषय लिया जाए, जो विषय ली है, वह ठीक है या नहीं..? उसके समाज में कोई ऐसा परिचित भी उन्हें नहीं मिल रहा था कि वह उससे पूछ सकें...। विषय चयन सहित आगे की पढ़ाई को लेकर एक मोड़ पर उलझी ममता के लिए अचानक से कलेक्टर का घर आना उनके भविष्य के लिए एक नया रास्ता था। कलेक्टर पी दयानंद ने तब उन्हें एक शिक्षक की तरह समझाते हुए बायोलॉजी सब्जेक्ट चयन करने और इससे बनने वाले कैरियर के विषय में बताते हुए एकाग्रता के साथ मन लगाकर पढ़ाई करने तथा पहाड़ी कोरवा समाज की अन्य बेटियों के लिए भी प्रेरणास्रोत बनने की बात कही। पहाड़ी कोरवा ममता के लिए यहीं एक ऐसा मोड़ था जिससे उनकी उलझने दूर हुई और ममता की जिंदगी बदल गई। कलेक्टर की बातों को गांठ बांधकर पूरा ध्यान पढ़ाई में लगाया और बायोलॉजी से पहले 11वीं और 12वीं पास करने के बाद बीएससी, डीसीए, एमए की पढ़ाई पूरी की। किसी शिक्षक के रूप में एक कलेक्टर से मिले ज्ञान और अपनी पढ़ाई की बदौलत ममता ने आखिरकार कामयाबी हासिल की। अब वह शिक्षिका बन गई है और प्रभारी प्रधानपाठक का दायित्व सम्हालने के साथ ही ग्रामीण विद्यार्थियों को ज्ञान की किताब पढ़ा रही है।

कोरबा विकासखण्ड अंतर्गत ग्राम आंछीमार की पहाड़ी कोरवा ममता शिक्षिका के रूप में प्राथमिक शाला चीतापाली में पढ़ाती है। उसने बताया कि वह जिस समाज से आती है, उसमें बहुत ही कम लोग 10वीं, बारहवीं तक की पढ़ाई किए हुए हैं। कॉलेज की पढ़ाई करने वाले गिनती के ही लोग है। उसे भी लगता था कि वह बारहवीं तक की पढ़ाई पूरी कर पायेगी या नहीं। 10वीं कक्षा पास करने के बाद कलेक्टर पी दयानंद के घर आने और उनसे मिली प्रेरणा के विषय में बताती हुई ममता कहती है कि वह दिन सचमुच मेरी जिंदगी में एक नया मोड़ के समान था। कलेक्टर सर का चेहरा, उनकी बातें मुझे पढ़ाई के लिए हमेशा प्रेरित करती रही। ममता ने बताया कि उनके दादा-दादी, माता-पिता की जिंदगी संघर्षों के बीच बीती है। समाज में लड़कियां 5वीं, 8वीं पढ़ लेती थीं, वहीं उनकी उपलब्धि थी और इसके बाद शादी के बंधन में बंध जाती थी। ऐसे में उन्हें भी लगता था कि 10वीं के बाद पता नहीं कब उनका भी रिश्ता तय कर दिया जाए और पढ़ाई वहीं बंद हो जाए। ममता कहती है कि कलेक्टर के घर आकर उनसे मिलने से घर का पूरा माहौल बदला। उनके निर्देश पर हास्टल में जगह मिली। माता-पिता ने उन्हें आगे पढ़ाई पूरी करने में पूरा सहयोग दिया और नौकरी मिलते तक शादी भी नहीं की। समाज के अन्य लोगों को भी यह जानकार खुशी हुई कि कलेक्टर साहब उनके घर आए थे और उन्होंने भी अपने बच्चों को स्कूल भेजने का काम किया। ममता ने बताया कि कॉलेज की पढ़ाई करने के बाद वह एनआरएलएम से जुड़ी और सक्रिय महिला सदस्य के रूप में दिल्ली में कार्यक्रम में सम्मिलित भी हुई। उन्होंने बताया कि कलेक्टर के घर आने के बाद वह भी अधिकारी बनना चाहती थी, लेकिन शिक्षिका के रूप में नौकरी लगने के बाद अहसास हुआ कि यह फील्ड उनके लिए बहुत अच्छा है और इस नौकरी की बदौलत अपने समाज के बच्चों को पढ़ाई के लिए प्रेरित कर सकती है।

अपने से अधिक पढ़ाई वाला या बड़ा नौकरी वाला पति नहीं ढूंढी-

ममता बताती है कि अधिक पढ़ाई करने के बाद भले ही कुछ लड़कियों का सपना होता है कि वह उनके जैसा या उनसे अधिक पढ़ाई करने वाला लड़के से शादी करेगी। ममता ने बताया कि वह भी ऐसा कर सकती थी, लेकिन उन्होंने 12वीं पास लड़के से विवाह किया है। पति मुकेश कुमार को हाल ही में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर अजीत वसंत ने अतिथि शिक्षक के रूप में स्कूल में नौकरी प्रदान की है। ममता कहती है कि हमारी किस्मत बदल रही है। आने वाले समय में हमारा भविष्य बेहतर होगा। हम शासन-प्रशासन से मिले सहयोग से अपना ही भविष्य नहीं संवार रहे है, अपितु आने वाले पीढ़ियों का भी भविष्य संवारने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

शिक्षा और शिक्षक के भूमिका को बताया महत्वपूर्ण -

पहाड़ी कोरवा ममता कहती है कि मैं जो कुछ हूं अपनी शिक्षा और स्कूल में पढ़ाने वाले शिक्षा से लेकर कलेक्टर द्वारा शिक्षक के रूप में घर आकर दिए गए प्रेरणा से ही हूं। मैं पढ़ाई बीच में ही छोड़ दी होती तो आज मेरा भविष्य जंगलों में गुम हो जाता। बकरी चरा रही होती। आर्थिक रूप से भी मजबूत नहीं होती। मेरे आने वाले बच्चों का भविष्य भी गरीबी से गुजरता। अब ऐसा नहीं है। हर महीने वेतन मिलती है और यह राशि मेरी जरूरतों को पूरा करने में मददगार बनती है। ममता ने बताया कि वेतन के पैसे से उन्होंने अपने स्कूल आने के लिए स्कूटी ली है और घर का कुछ सामान, आभूषण ली है तथा बचत भी कर रही है। उन्होंने समाज के बच्चों को स्कूल जाने वाले मन लगाकर पढ़ाई करने तथा शिक्षकों को भी बच्चों को पढ़ाई के प्रति प्रेरित करने की अपील ।

राजभवन में राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान समारोह सम्पन्न

रायपुर-    राज्यपाल रमेन डेका और मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज शिक्षक दिवस के अवसर पर राजभवन गरिमामयी समारोह में वर्ष 2023-24 के उत्कृष्ट शिक्षकों को राज्य स्तरीय सम्मान प्रदान किया। राज्यपाल श्री डेका ने कहा शिक्षक विद्यार्थियों को बड़ा सपना देखने प्रेरित और पूरा करने प्रोत्साहित करें। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों को शिक्षा के साथ-साथ नैतिक मूल्यों की भी शिक्षा देना सुनिश्चित करें।

राज्यपाल और मुख्यमंत्री ने वर्ष 2023-2024 के लिए सभी सम्मानित शिक्षकों को बधाई और शुभकामनाएं दी। प्रदेश के तीन महान साहित्यकारों के नाम पर 03 शिक्षकों को राज्य शिक्षक सम्मान स्मृति पुरस्कार तथा 52 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने राज्य शिक्षक सम्मान वर्ष 2024-25 के लिए चयनित 64 शिक्षकों के नामों की घोषणा की।

राजभवन के दरबार हॉल में आज आयोजित राज्यस्तरीय समारोह में तीन उत्कृष्ट शिक्षकों बिलासपुर जिले की डॉ. रश्मि सिंह धुर्वे को डॉ. पदुमलाल पुन्नालाल बख्शी स्मृति पुरस्कार, कबीरधाम जिले के राजर्षि पाण्डेय को डॉ. मुकुटधर पाण्डेय स्मृति पुरस्कार और दुर्ग जिले की डॉ. सरिता साहू को डॉ. बलदेव प्रसाद मिश्र स्मृति पुरस्कार से सम्मानित किया गया। इस तरह प्रधान पाठक, व्याख्याता, व्याख्याता एल.बी., शिक्षक एल.बी., सहायक शिक्षक, सहायक शिक्षक एल.बी वर्ग के 52 शिक्षकों को राज्य स्तरीय शिक्षक सम्मान से सम्मानित किया गया।

इस गरिमामय कार्यक्रम को संबोधित करते हुए राज्यपाल श्री रमेन डेका ने कहा कि गुणवत्तापूर्ण प्रतिभाओं के विकास में शिक्षकों की भूमिका महत्वपूर्ण है। शिक्षक समाज के प्रमुख नागरिक हैं। राज्यपाल ने कहा कि आजादी के 75 वर्ष बाद लार्ड मैकाले की शिक्षा पद्धति में बड़ा परिवर्तन हो रहा हैै, जिसका परिणाम भी अच्छा होगा।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि आज हर क्षेत्र में क्रांति हो रही है और शिक्षा के क्षेत्र में भी क्रांति हो रही है। शिक्षक इस क्रांति का एक हिस्सा है। शिक्षकों के पढ़ाने का तरीका बदल गया है, लेकिन इस बदलाव के साथ-साथ शिक्षा के गुणवत्ता पर भी ध्यान देना होगा। बच्चों में नैतिक मुल्यों का विकास करने की जवाबदारी भी शिक्षकों की है।

श्री डेका ने कहा कि माता-पिता एक बच्चे को जन्म देते हैं जबकि शिक्षक उस बच्चे के व्यक्तित्व को गढ़ते हैं और उसे उज्ज्वल भविष्य प्रदान करते हैं। शिक्षा के अलावा, शिक्षक बेहतर इंसान बनने के लिए मार्गदर्शन, प्रोत्साहन और प्रेरणा देने के लिए हर कदम पर हमारे साथ खड़े रहते हैं। शिक्षक ज्ञान और बुद्धि का स्रोत हैं। उन्होंने कहा कि जिस प्रकार एक देश उतना ही अच्छा होता है जितने उसके लोग, उसी प्रकार उसके नागरिक भी उतने ही अच्छे होते हैं जितने उसके शिक्षक। इसलिए बहुत कुछ शिक्षकों पर निर्भर करता है कि बच्चों को अच्छी गुणवत्तापूर्ण शिक्षा दें। मैं सभी शिक्षकों को उनके जुनून, समर्पण, प्रतिबद्धता और योगदान के लिए सलाम करता हूं।

राज्यपाल श्री डेका ने कहा कि शिक्षण सभी व्यवसायों की जननी है। शिक्षक दिवस हमें भविष्य की पीढ़ियों को और भी अधिक चुनौतियों का सामना करने और हमारे देश को मानव कल्याण के प्रति उच्च संवेदनशीलता के साथ एक उन्नत और विकसित राष्ट्र बनाने के लिए जिम्मेदारियों और प्रतिबद्धताओं की याद दिलाता है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने कहा कि भारत में शिक्षक दिवस का जितना उत्साह और महत्व है वैसा शायद ही कहीं और देखने को नहीं मिलता। भूतपूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न सर्वपल्ली डॉ. राधाकृष्णन की जयंती को हम सब शिक्षक दिवस के रूप में मनाते हैं। श्री साय ने कहा कि भारत देश उत्तम शिक्षा के मामले में हमेशा से समृद्ध रहा है। गणित के क्षेत्र में शून्य भारत ने ही विश्व को दिया, आर्यभट्ट जैसे वैज्ञानिक और भाष्कराचार्य जैसे गणितज्ञ भारत में ही पैदा हुए। नागार्जुन जैसे रसायनज्ञ यहाँ हुए। शिक्षकों ने देश को हमेशा नई दिशा दिखाई है। भले ही आज इंटरनेट की दुनिया में ज्ञान एक क्लिक पर उपलब्ध है लेकिन अनुभव भरा ज्ञान, संस्कारपूर्ण शिक्षा, जीवन जीने की कला, कौशल, उत्तम शैली की सीख केवल विद्यालयों में शिक्षकों के जरिए ही संभव है। भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इसकी जरूरत को समझा और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020 लेकर आए। इस नीति के माध्यम से हमारी शिक्षा में आमूलचूल बदलाव की संभावना तैयार हुई है, जिसमें लोकल से वोकल तक के ज्ञान, सीख व समझ का समावेश किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति को हमने प्रदेश में भी लागू कर दिया है। राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत हमने प्रदेश में 9438 बालवाड़ियाँ आरंभ की हैं। हमने 18 स्थानीय भाषाओं में पढ़ाई की शुरुआत की है। इसके लिए किताबें बनाई हैं और शिक्षक इसे पढ़ा रहे हैं। यह बच्चों की नींव तैयार करने में काफी महत्वपूर्ण है। शिक्षा से नक्सलवाद का अँधियारा छँटने से बस्तर में अब शिक्षा की रोशनी भी तेजी से फैल रही है। बस्तर में वर्षों से बंद 29 स्कूलों को पुनः शुरू किया गया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि आधुनिक समय एआई तथा रोबोटिक्स का है। हमारे बच्चे भी इसमें पीछे नहीं रहेंगे। हमने आदिवासी क्षेत्र के बच्चों के लिए भी स्कूलों में रोबोटिक्स तथा एआई की शिक्षा आरंभ कर दी है। नक्सल प्रभावित जिलों के बच्चों को उच्च शिक्षा के लिए हम बिना ब्याज के शिक्षा ऋण दे रहे हैं। हमारा सबसे ज्यादा ध्यान कौशल विकास पर है। छोटे-छोटे ट्रेड में बच्चों को थोड़ा भी प्रशिक्षित कर दें, तो उनके लिए बेहतर भविष्य की राह खुल जाती है। हम हाइटेक स्कूल तैयार कर रहे हैं। प्रदेश में पीएम श्री योजना के अंतर्गत 211 स्कूलों का शुभारंभ किया गया है। इसके अलावा 52 स्कूलों की और स्वीकृति मिल गई है। यहाँ गुणवत्तायुक्त शिक्षा बच्चों को उपलब्ध कराई जा रही है। हमारी सरकार ने 13 नगरीय निकायों में नालंदा की तरह हाइटेक लाइब्रेरी की स्थापना का निर्णय लिया है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हमारी सरकार ने स्कूलों में न्योता भोज की भी पहल की है, इससे सामुदायिक सहयोग से स्कूलों में बच्चों को रूचिकर पोषण आहार मिल रहा।

इस अवसर पर स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने स्वागत उद्बोधन के साथ प्रतिवेदन का वाचन किया। आभार प्रदर्शन संचालक लोक शिक्षण दिव्या उमेश मिश्रा ने किया। स्कूल शिक्षा सचिव सिद्धार्थ कोमल परदेशी ने राज्यपाल श्री डेका और मुख्यमंत्री श्री साय को स्मृति चिन्ह स्वरूप पुस्तक भेंट की।

कार्यक्रम में आयुक्त जनसंपर्क मयंक श्रीवास्तव, राज्यपाल के विधिक सलाहकार भीष्म प्रसाद पाण्डेय, समग्र शिक्षा के प्रबंध संचालक संजीव झा, राज्यपाल की संयुक्त सचिव हिना अनिमेष नेताम सहित स्कूल शिक्षा विभाग के अधिकारी, शिक्षक, पत्रकारगण उपस्थित थे।

महतारी वंदन योजना ने बढ़ा दी तीजा की खुशी, महिलाएं जता रही है विष्णु भईया के स्नेह भरे तोहफे के लिए आभार

रायपुर-    छत्तीसगढ़ में गांव-गांव मनाए जा रहे तीजा त्यौहार की खुशी महतारी वंदन योजना ने बढ़ा दी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पोला त्योहार के अवसर पर महतारी वंदन योजना की सातवीं किश्त की राशि महिलाओं के खातों में जमा की। इस योजना के तहत मिली सहायता राशि ने महिलाओं के लिए तीजा की तैयारियों को और भी खास बना दिया।

बलौदाबाजार के ग्राम सकरी में निवास करने वाली धारणा साहू और रांति साहू ने खुशी-खुशी बताया, “तीजा का यह त्यौहार हमारे लिए बेहद खास हो गया है। मुख्यमंत्री जी ने हमें महतारी वंदन योजना के माध्यम से जो राशि दी है उससे हम साड़ी और तीज के लिए श्रृंगार का सामान खरीदेंगी। यह भाई के स्नेह जैसा तोहफा है जिसके लिए हम मुख्यमंत्री का दिल से धन्यवाद करते हैं।

छत्तीसगढ़ में तीजा का त्यौहार महिलाओं के जीवन में एक विशेष स्थान रखता है। यह त्यौहार न केवल पारिवारिक प्यार और बंधनों को मजबूत करता है, अपितु पति के दीर्घायु के साथ ही पति और पत्नी में आपसी प्रेम व स्नेह को भी बढ़ाता है। इस बार तीजा के मौके पर बलौदाबाजार विकासखंड के ग्राम सकरी की दो महिलाएं धारणा साहू (भतीजी) और रांति साहू (बुआ) अपने मायके में त्यौहार की खुशियों को साझा करने आईं।

धारणा साहू की शादी दो साल पहले नंद किशोर साहू से हुई थी। उनके पति ग्राम जारा विकासखंड पलारी में किराना दुकान चलाते हैं। परिवार में ससुर, सास और एक देवर के साथ कुल पांच सदस्य हैं। वहीं, रांति साहू अपने जीवन में कठिनाइयों का सामना कर रही हैं। उनके पति महेंद्र साहू, का सात साल पहले बीमारी के कारण निधन हो गया था। रांति साहू खरोरा के एक निजी स्कूल में स्वीपर का काम करती हैं।श्रीमती रांती अपनी बेटी के साथ ससुराल, ग्राम मोहरेंगा (रायपुर जिला) में रहती हैं। उनकी बेटी कक्षा 5 वीं में पढ़ती है, जबकि बेटा अपने नाना के घर रहकर कक्षा 4थीं की पढ़ाई कर रहा है।

इस योजना के माध्यम से महिलाओं को अतिरिक्त आर्थिक सहायता मिलने से उनके चेहरे पर सुकून और खुशी साफ झलक रही थी। त्यौहार की रौनक के बीच,यह मदद उनके लिए एक नया उत्साह लेकर आई, जिससे वे अपने परिवार के साथ तीजा का पर्व और भी आनंद से मना सकेंगी।

सरकारी राशन में हेराफेरी करने वाले 4 समिति सस्पेंड, जांच में 50 लाख के अनाज की पाई गई कमी

बिलासपुर-  जिले में सरकारी राशन दुकान में 50 लाख के 800 क्विंटल अनाज की हेराफेरी का बड़ा मामला सामने आया है. जांच के दौरान पता चला है कि सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) का चावल बाजार में बेचा जा रहा था. इस मामले में कोटा एसडीएम ने कोंचरा, सोनपुरी, आमामुड़ा, और कर्रा की समितियों को सस्पेंड कर दिया है और विस्तृत जांच की जा रही है.

कोटा विकासखंड के कोंचरा, सोनपुरी और आमामुड़ा और कर्रा सोसायटी में प्रबंधक और विक्रेताओं ने सरकार को लाखों का चूना तो लगाया ही है, आम गरीब जनता को जो राशन मिलना चाहिए उसमें भी सेंधमारी की है. लगातार शिकायत के बाद से इन सोसायटियों का भौतिक सत्यापन किया गया तो गड़बडी पकड़ में आई. जांच के बाद कोंचरा सोसायटी में 317.24 क्विं. चावल, 8.24 क्विं. शक्कर और 2.72 क्विं. नमक की कमी पाई गई. इसी प्रकार सोनपूरी में 200.85 क्विं. चावल, 3.77 क्विं. शक्कर और 5.06 क्विं चना, आमामुड़ा सोसायटी में 177.72 क्विं. चावल, 5.04 क्विं. शक्कर और 7.50 क्विं. चना और कर्रा की आनंद महिला समुह में 91.90 क्विं. चावल और 0.65 क्विं. शक्कर की कमी पाई गई थी. जिसके बाद दुकान संचालकों को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन कोई जवाब नहीं मिलने पर अब कार्रवाई की गई है. मामले में एफआईआर भी कराया जाएगा.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती पर उन्हें नमन किया

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज यहाँ अपने निवास कार्यालय में पूर्व राष्ट्रपति भारतरत्न डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन की जयंती के अवसर पर उनके छायाचित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया। उन्होंने शिक्षक दिवस के अवसर पर सभी शिक्षकों और प्रदेशवासियों को बधाई एवं शुभकामनाएं दी। मुख्यमंत्री ने इस दौरान अपने सभी गुरुओं का स्मरण किया।

मुख्यमंत्री ने इस मौके पर कहा कि डॉ. राधाकृष्णन के जन्मदिन को देशभर में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जा रहा है। वे महान दार्शनिक और शिक्षक रहे हैं। देश को शिक्षा के क्षेत्र में आगे ले जाने में उनका योगदान अतुलनीय है। उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में जो कुछ भी हासिल किया है, उनमें मेरे गुरुओं की बड़ी भूमिका रही है। जीवन के हर पड़ाव में मुझे गुरुओं का आशीष मिला है। जीवन को सही दिशा देने और चुनौतियों से लड़ने के लिए शिक्षक आपको तैयार करते है। मुख्यमंत्री ने कहा कि शिक्षक उच्च नैतिक मूल्यों को विद्यार्थियों के जीवन में उतारकर अच्छा नागरिक तैयार करने में अपनी सर्वोच्च भूमिका निभाते है। मुझे विश्वास है कि डॉ. राधाकृष्णन के पदचिन्हों पर चलते हुए देश और समाज को सकारात्मक दिशा देने में आगे भी शिक्षकगण महत्वपूर्ण भूमिका निभाते रहेंगे।

ABVP और NSUI के बीच हुई भिड़ंत, FIR के लिए धरने पर बैठे पीसीसी चीफ दीपक बैज, गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा –

रायपुर-    रायपुर के साइंस कॉलेज में एबीवीपी और एनएसयूआई के बीच भिड़ंत हो गई. घटना पर एफआईआर के लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज के धरने पर बैठने पर गृह मंत्री विजय शर्मा ने तंज कसा है. उन्होंने कहा कि इस तरह की नौटंकियों से राजनीति नहीं चलती है.

गृह मंत्री विजय शर्मा ने कहा कि एफआईआर हो चुका था. इस बात की जानकारी देने के बाद भी पीसीसी चीफ दीपक बैज धरने पर बैठे थे. ऐसी नौटंकियों से राजनीति नहीं चलती है. जनता सब देख रही है. ऐसे मुद्दों पर राजनीति करना अशोभनीय है. राजनीति मूल्यों पर बात की जाए तो अच्छा है.

गृहमंत्री विजय शर्मा बिलासपुर रेंज की समीक्षा बैठक लेंगे. बैठक को लेकर गृह मंत्री ने कहा कि पिछली सरकार ने छत्तीसगढ़ की पुलिस को ध्वस्त किया था. पहले रेंज की बैठक है, एक-एक करके सभी संभाग में बैठक ली जाएगी. NDPS के मामले में एक्शन को लेकर चर्चा होगी. विभिन्न विषयों पर फीडबैक का प्रयास किया जा रहा है. आरक्षकों की ट्रेनिंग प्रोग्राम भी नियमित कराई जाएगी. जल्द ही संयुक्त प्रभाव दिखेगा.