झारखंड में पुलिस भर्ती प्रक्रिया की दौड़ में हुई मौत से नही उठा अब तक रहस्य का पर्दा,
डॉक्टर भी कन्फ्यूज,एम्स दिल्ली के कार्डियोलोजिस्ट ने बताया ये हो सकती है मौत की वजह
झारखंड डेस्क
झारखंड में पुलिस भर्ती प्रक्रिया में दौड़ के दौरान 12 अभ्यर्थियों की अचानक मौत से हड़कंप मच गया है. जबकि करीब 100 अभ्यर्थी अस्पताल में भर्ती बताए जा रहे हैं. फिलहाल दौड़ पर रोक लगा दी गई है और पुलिस की ओर से किसी भी प्रकार की कोई अनियमितता न होने और सभी मेडिकल सुविधाएं होने की भी बात कही गई है.
लेकिन दौड़ते-दौड़ते अचानक हो रही नौजवानों की मौतों को लेकर डॉक्टरों की राय एकदम अलग है. अलबत्ता डॉक्टरों का कहना है कि भर्तियों में फिजिकल और दौड़ हमेशा से होती रही है लेकिन मौतों का ऐसा तांडव पहली बार ही देखने-सुनने को मिला है.
इन मौतों को लेकर ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज नई दिल्ली के जाने माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नितीश नायक ने बताया कि युवाओं की इस तरह मौतें आश्चर्य है.
डॉ. नायक ने कहा कि दौड़ में शामिल होने आए इतनी कम उम्र के युवाओं की ऐसे मौत होना आश्चर्यजनक बात है. इस उम्र में व्यक्ति सबसे ज्यादा स्वस्थ होता है और शारीरिक मेहनत करने में समर्थ होता है. इससे पहले कभी ऐसा सुनने को भी नहीं मिला है.
इस तरह के मौत को लेकर उन्होंने बताई वजह
हीट एग्जॉशन
डॉ. नायक कहते हैं कि जहां तक संभावना है कि अधिकांश युवाओं की मौत के पीछे हीट एग्जॉशन एक वजह हो सकती है. अभी भी मौसम में गर्मी है. दौड़ खुले में ही होती है, ऐसे में ऊपर से धूप सिर पर होती है. लंबे समय तक धूप में रहने से शरीर का कूलिंग सिस्टम भी काम करना बंद कर सकता है, शरीर में पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स की कमी हो सकती है, जिसकी वजह से हीट एग्जॉशन होता है और अभ्यर्थी बेहोश हो सकता है. जब तक वह अस्पताल पहुंचता है तब तक हीट स्ट्रोक होने से जान जाना संभव है.
भर्ती प्रक्रिया कई घंटों तक चलती है, ऐसे में संभव है कि सामान्य तापमान में रहने वाले युवाओं का शरीर अचानक इस टेंपरेचर को लंबे समय तक सहन करने में फेल हुआ हो और डिहाइड्रेशन के चलते स्ट्रोक हुआ हो.
सडन कार्डिएक अरेस्ट
कुछ मौतें सडन कार्डिएक अरेस्ट की वजह से भी हो सकती हैं. कई एथलीट्स की भी खेलते-खेलते जान जा चुकी है. ऐसे में यहां भी संभव है कि दौड़ते-दौड़ते अचानक हार्ट पर तेज दवाब पड़ने की वजह से सडन कार्डिएक अरेस्ट की स्थिति बनी हो और मौके पर ही अभ्यर्थी की जान चली गई हो. कई बार हार्ट अटैक भी हो सकता है लेकिन अस्पताल पहुंचने तक हालात गंभीर हो गए हों.
पहले से कोई परेशानी रही हो
डॉ. नायक कहते हैं कि चूंकि भर्ती में दौड़ से पहले कोई मेडिकल जांच या रूटीन चेकअप तो होता नहीं है, जिसमें ये पता चल सके कि किसी को हाई बीपी, डायबिटीज या अन्य कोई परेशानी तो नहीं है. न ही युवाओं से गहन पूछताछ की जाती है कि उनको कोई मेडिकल या हार्ट इश्यू तो नहीं है, ऐसे में इतनी लंबी दौड़ में अचानक हो सकता है कि वह इश्यू ट्रिगर कर गया हो और अभ्यर्थी की जान चली गई हो.
बिना प्रेक्टिस अचानक मेहनत करना
डॉ. नायक ने कहा कि अगर कोई युवा बिना पहले से प्रेक्टिस किए भर्ती के दौरान सीधे ही 60 मिनट में 10 किलोमीटर की दौड़ पूरी करने के लिए धूप में उतर गया हो, तो यह काफी खतरनाक है और संभव है कि शरीर जिस चीज के लिए तैयार ही नहीं है, अचानक बोझ पड़ने पर हार्ट फेल, स्ट्रोक या अन्य कोई वजह मौत की बन गई हो. जितने भी युवाओं की मौत हुई है, उनकी मौतों के अलग-अलग कारण हो सकते हैं.
बचाव के लिए ये की जानी चाहिए व्यवस्था
. डॉ. नायक कहते हैं कि इस तरह की भर्ती दौड़ आदि से पहले युवाओं की मेडिकल जांच होनी चाहिए. इनका फिटनेस लेवल चेक होना चाहिए. कोई मेडिकल हिस्ट्री तो नहीं है. इतनी लंबी दूरी की दौड़ से पहले एक छोटी दूरी की दौड़ को विकल्प बनाया जा सकता है. जिनकी मौत हुई है, उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का भी असेसमेंट किया जाए, ताकि यह पता चल सके कि मौतों की वास्तविक वजह क्या रही और ऐसा क्यों हुआ. ताकि आगे की भर्तियों के दौरान सावधानियां बरती जा सकें.
इन केंद्रों पर इतने अभ्यर्थियों की हुई मौत
बता दें कि 22 अगस्त से शुरू हुई झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती परीक्षा के लिए प्रदेश भर में कुल 7 केंद्र बनाए गए थे. जिसमें रांची के दो परीक्षा केंद्रों के अलावा गिरिडीह, पलामू, सीटीसी मुसाबनी, साहिबगंज शामिल हैं. अभ्यर्थियों की मौत की खबर सबसे पहले पलामू जिले से आई. यहां 27 अगस्त की परीक्षा के बाद, अगले दिन चार उम्मीदवारों की मौत हो गई. इसके बाद हजारीबाग जिले से दौड़ में शामिल दो अन्य छात्रों के मरने की खबर आई. पुलिस ने आखिरकार रविवार, एक सितंबर को, उत्पाद सिपाही भर्ती की दौड़ में शामिल 11 अभ्यर्थियों के मरने की पुष्टि की. इसके बाद रांची के अस्पताल में एक अन्य अभ्यर्थी के भी मरने की खबर आ गई, जिससे मौत का आंकड़ा अब बढ़कर 12 तक हो गया.
किसकी गई जान?
झारखंड उत्पाद सिपाही भर्ती में पलामू में अमरेश कुमार, रांची में अजय महतो, अरुण कुमार, प्रदीप कुमार, हजारीबाग में सूरज वर्मा, महेश कुमार, गिरिडीह में सुमित कुमार, पूर्वी सिंहभूम में पिंटू कुमार, दीपक पासवान समेत 3 अन्य अभ्यर्थियों की मौत हुई है.
Sep 05 2024, 13:10