सकरन में एक माह में बुखार से 35 लोगों की मौत
शिवकुमार जायसवाल,सकरन (सीतापुर) सकरन क्षेत्र में आयी बाढ के बाद फैली बुखार जैसी महामारी में जहां एक माह के भीतर 35 लोगों की मौत हो गयी वही एक गांव में पूरा परिवार ही असमय काल के गाल में समा गया प्रभावित गांवों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा बितरित की गयी दवाइयां नाकाफी साबित हो रही है क्षेत्र में हुयी इतनी मौतों के बाद भी स्वास्थ्य महकमा चैन की नींद सो रहा है |
सकरन क्षेत्र में सितम्बर माह में आयी बाढ के कम होते ही गांवों में बुखार ने आमद की थी अगस्त महीने के पहले सप्ताह से आये बुखार से तीन
गांवों में 35 लोगों की जान चली गयी सबसे अधिक मौते ताजपुर सलौली गांव में हुयी है इस ग्राम पंचायत के ताजपुर निवासी मंगरे (60) उसकी पत्नी माया (58) लडका रामप्रकाश (35)बहू सुनैना (30) भाई सोनासर (50)भाई सुकई (40) भाई रामसेवक (35) के अलावा गांव में सुखराम (60) रामप्यारी (58) श्रीपाल (70) चमेली (65) लच्छन (50) चम्पादेवी (48) मायादेवी (45) सुखरानी (40) सोहन (60) दीनदयाल (60) ग्राम पंचायत के मजरा सलौली में कन्धाई (55) महाबीर (60) विशाल (15) तथा ग्राम पंचायत सकरन में शान्ती वर्मा (30) रूंजी चक्रवर्ती (55) रिषिनाथ अवस्थी (60) भगवानदीन (55) इसके मजरा मिश्रपुर में साबित्री (35) सोनम (18) ग्राम पंचायत प्यारापुर के मजरा बरियारी में राजकुमार (50) सुनील (48) बृजेश (35) रमाकान्त की पत्नी (46) लल्ली (14) मिश्रीलाल (75) सुकई (52) रजनी (55) आदि की मौतें हों गयी प्रभावित गांवों में पांच सौ से ऊपर लोग बीमारी से ग्रसित है पीएचसी पर डॉक्टर की तैनाती न होने के कारण जिनका इलाज क्षेत्र के झोलाछाप डॉक्टरों के यहां चल रहा है इलाके में हुयी इतनी मौतों के बाद भी स्वास्थ्य विभाग की कुंभकर्णी नींद नही टूटी है विभाग द्वारा केवल प्रभावित गांवों में मरने वाले लोगों के घर परिवार में ही सिर्फ दवाइयों का बितरण कराया गया न ही गांवों में कीटनाशक का छिडकाव कराया गया और न ही मरीजों की जाचें करवा कर समुचित इलाज किया गया स्वास्थ्य विभाग के इस लचर रवैये से ग्रामीणों में काफी रोष ब्याप्त है |
सीएचसी अधीक्षक अनिल कुमार सचान का कहना है कि बीमारी की सूचना पर प्रभावित गांवों में टीम भेज कर दवाइयों का बितरण कराया जाता है |
Aug 30 2024, 16:48