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हरियाणा चुनाव: बीजेपी आज जारी कर सकती है प्रत्याशियों की पहली सूची, सीईसी की बैठक में 55 उम्मीदवारों के नाम तय

#haryana_assembly_elections_2024_bjp_release_first_list 

बीजेपी हरियाणा में लगातार तीसरी बार सरकार बनाने के मिशन में जुटी है। उसे इस बार कांग्रेस से कड़े मुकाबले का सामना करना पड़ रहा है। हरियाणा में विधानसभा चुनाव के लिए कमर कस चुकी बीजेपी आज प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर सकती है। दिल्ली में गुरुवार देर शाम को बीजेपी केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक हुई और इसमें सभी 90 विधानसभा सीटों पर प्रत्याशियों के नामों को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक पार्टी की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में 55 उम्मीदवारों के नाम फाइनल कर लिए गए हैं। शनिवार को किसी भी वक्त इन नामों का ऐलान हो सकता है।

करनाल की बजाय लाडवा से चुनाव लड़ सकते हैं सीएम सैनी

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, राव इंद्रजीत की बेटी रती राव को अटेली विधानसभा से टिकट दिया जाएगा। वहीं, मुख्यमंत्री नायाब सिंह सैनी अब करनाल के बजाय लाडवा सीट से चुनाव लड़ेंगे। वहीं, एक बार फिर से अनिल विज अंबाला कैंट से चुनाव लड़ते हुए नजर आएंगे। टिकट आवंटन पर मंथन को लेकर चुनाव समिति की मीटिंग के बाद मुख्यमंत्री नायाब सैनी, प्रदेश अध्यक्ष मोहन लाल बडोली, केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी ने अलग से मीटिंग की।

प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल नहीं लड़ेंगे चुनाव

खबर है कि हरियाणा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष मोहनलाल ने चुनाव नहीं लड़ने की इच्छा जताई है. वहीं, पूर्व सांसद संजय भाटिया, अरविंद शर्मा और सुनीता दुग्गल, श्रुति चौधरी को भी विधानसभा चुनाव में उतारा जाएगा।

मौजूदा विधायकों का टिकट नहीं काटेगा

सूत्रों के मुताबिक़ मौजूदा विधायकों को टिकट नहीं काटा जाएगा। हालांकि सर्वे में अगर कोई सिटिंग कैंडिडेट हारता हुआ दिख रहा है तो उसके नाम पर कैंची चल जाएगी। वहीं ये भी तय है कि बीजेपी दो बार हार हुए नेताओं को टिकट नहीं देगी।

बता दें कि हरियाणा की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए एक अक्टूबर को मतदान होगा। वोटों की गिनती चार अक्टूबर को होगी। हरियाणा में वर्तमान में बीजेपी की सरकार है। उसकी चुनौती राज्य में अपनी सत्ता को बरकरार रखना है। हाल में संपन्न लोकसभा चुनाव में राज्य में विपक्षी मतों के एकजुट होने से बीजेपी की सीट संख्या घटकर पांच रह गई तथा बाकी सीट कांग्रेस के खाते में चली गईं। पिछले लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने राज्य में सभी 10 सीट पर जीत हासिल की थी।

हूती विद्रोहियों ने फिर मचाया उत्पात, 10 लाख बैरल तेल वाले ऑयल टैंकर को बारूद से उड़ाया

#yemen_houthis_attacked_greek_oil_tanker_red_sea

लाल सागर में तनाव की स्थिति लगातार बरकरार है। इस बीच फिर हूती विद्रोहियों ने फिर उत्पात मचाया है। हूती के लड़ाकों ने 10 लाख बैरल तेल लेकर जा रहे जहाज को बारूद से उड़ा दिया है। यही नहीं, हूती विद्रोहियों ने इसका वीडियो फुटेज भी जारी किया है।

हूती विद्रोहियों ने गुरुवार को फुटेज जारी की जिसमें उनके लड़ाके एक ग्रीक ध्वज वाले टैंकर पर चढ़े और उस पर विस्फोटक रखे, जिससे विस्फोट हुए। इससे लाल सागर में बड़े पैमाने पर तेल रिसाव का खतरा पैदा हो गया है। हूथियों द्वारा बार-बार हमला किए जाने के बाद, जहाज को पहले ही खाली कर दिया गया था। यह ब्लास्ट हूतियों द्वारा पिछले कुछ सप्ताहों में किया गया सबसे गंभीर हमला है।

अमेरिका भी हमले को लेकर चिंतित है। पेंटागन के प्रवक्ता के अनुसार, लाल सागर में हूती विद्रोहियों की ओर से हमला किए गए जहाज से तेल लीक हो रहा है। साथ ही उसने दुनिया के सबसे व्यस्त जलमार्गों में से एक में “संभावित पर्यावरणीय आपदा” की चेतावनी दी है। तेल रिसाव की वजह से पर्यावरण पर खासा असर पड़ सकता है। इस क्षेत्र में परिवहन को भी खतरा हो सकता है। जहाज में करीब 10 लाख बैरल कच्चा तेल रखा हुआ था।

हूती विद्रोहियों द्वारा पोत को निशाना बनाकर किए जाने वाले हमलों के कारण एक हजार अरब अमेरिकी डॉलर के उस सामान की आपूर्ति बाधित हुई है, जो इजराइल-हमास युद्ध के मद्देनजर हर साल गाजा पट्टी में लाल सागर के जरिये भेजा जाता है। इसके अलावा, इन हमलों के कारण संघर्ष से पीड़ित सूडान और यमन में भी सहायता सामग्री की आपूर्ति बाधित हुई है।

विद्रोही संगठन हूती के सैन्य प्रवक्ता याह्या सारी ने कहा कि सोनियन एक ऐसी कंपनी का है, जिसने लाल सागर में इजरायल जाने वाले जहाजों के खिलाफ यमनी गुट की ओर से घोषित नाकाबंदी का “उल्लंघन” किया था। खुद को यमन के सशस्त्र बलों के रूप में पेश करने वाले हूती उन जहाजों को लगातार निशाना बना रहे हैं, जिनके बारे में दावा किया जाता है कि वे इजरायल से जुड़े हुए हैं- उनका कहना है कि यह सब इजरायल सरकार पर गाजा में युद्ध को खत्म करने को लेकर दबाव डालने के लिए किया जा रहा है। इजराइल के हमले में अब तक 40,600 से अधिक फिलिस्तीनी लोग मारे जा चुके हैं।

अरब सागर में तूफानी आहट, गुजरात पर चक्रवात असना का खतरा, बाढ़ और बारिश से पहले ही जूझ रहा राज्य

#gujarat_in_danger_of_cyclone_asna

बाढ़ और बारिश से जूझ रहे गुजरात पर अब चक्रवात का खतरा मंडरा रहा है। महीने में गुजरात के सौराष्ट्र-कच्छ क्षेत्र पर एक चक्रवात बन रहा है। आज शुक्रवार को इस चक्रवात के अरब सागर के ऊपर से ओमान तट की ओर बढ़ने की उम्मीद है। भारत मौसम विज्ञान विभाग (IMD) के अनुसार, शुक्रवार को अरब सागर के ऊपर एक असामान्य चक्रवात बनने वाला है। चक्रवात का नाम "असना" होगा, जो पाकिस्तान द्वारा सुझाया गया नाम है।

आईएमडी के मुताबिक, इस चक्रवाती तूफान के उत्तर-पूर्व अरब सागर के ऊपर से निकलकर पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम की ओर ओमान के तट की ओर बढ़ने की आशंका है। कच्छ और सौराष्ट्र में भारी बारिश की आशंका है। इन क्षेत्रों को रेड अलर्ट पर रखा गया है। साथ ही मछुआरों को अगले कुछ दिनों तक समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। गुजरात और उत्तरी महाराष्ट्र के तटों के साथ-साथ समुद्री क्षेत्रों में अगले दो दिनों तक 60-65 किमी प्रति घंटे की तेज हवाएं चल सकती हैं।

असना नाम का चक्रवात 1976 के बाद से अगस्त में अपनी तरह का पहला चक्रवात होगा। 1891 से 2023 तक अगस्त में अरब सागर के ऊपर केवल तीन चक्रवाती तूफान विकसित हुए हैं। मौसम विभाग ने बताया कि यह 1976 के बाद अगस्त में अरब सागर के ऊपर बनने वाला पहला चक्रवाती तूफान होगा। 1976 में चक्रवात ओडिशा में विकसित हुआ था।

एक मौसम वैज्ञानिक ने कहा कि अरब सागर में अगस्त के महीने में चक्रवाती तूफानों का आना एक दुर्लभ गतिविधि है। 1944 का चक्रवात भी अरब सागर में उभरने के बाद तीव्र हो गया था। हालांकि बाद में समुद्र के मध्य में कमजोर हो गया था। 1964 में दक्षिण गुजरात तट के पास एक छोटा चक्रवात विकसित हुआ था और तट के पास कमजोर हो गया। इसी प्रकार, बंगाल की खाड़ी में पिछले 132 वर्षों के दौरान अगस्त महीने में कुल 28 ऐसी परिस्थितियां बनी हैं। मौजूदा तूफान के बारे में असामान्य बात यह है कि पिछले कुछ दिनों से इसकी तीव्रता एक समान बनी हुई है। यह उष्णकटिबंधीय तूफान दो प्रतिचक्रवाती तूफानों के बीच फंसा हुआ है एक तिब्बती पठार पर और दूसरा अरब प्रायद्वीप पर।

मैंने छात्रों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला', ममता बनर्जी को क्यों पड़ गई सफाई देने की जरूरत?*
#mamata_clarifies_her_statement_on_kolkata_rape_murder_case *
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल मचा हुआ है। अभी एक दिन पहले ही तो ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल को जलाया तो असम, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। इसके साथ ही ममता ने हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज को लेकर भी बयान दिया था। उनके इस बयान पर चौतरफा हमला हुआ तो अब उन्होंने इस पर सफाई पेश की है। बंगाल की सीएम ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को कभी नहीं धमकाया। *मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं--ममता बनर्जी* ममता ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को धमकाया है। ये सरासर झूठ है। ममता ने 28 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस कार्यक्रम में दिए अपने भाषण पर सफाई देते हुए कहा है सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण को लेकर फैलाया गया है। मैं साफ तौर पर कहना चाहती हूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन सच्चा है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से गलत है।' *बीजेपी के खिलाफ बोला-ममता बनर्जी* बंगाल की सीएम ने आगे कहा, ' मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि वो केंद्र सरकार की मदद से हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। वो राज्य में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।' आगे उन्होंने कहा, 'मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूं कि जिस वाक्यांश ("फोंश कारा") का मैंने कल अपने भाषण में उपयोग किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव की लाइन है। उन्होंने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है। मैंने उसी संदर्भ में इस बात को कहा था। *क्या कहा था ममता बनर्जी ने?* दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ की निंदा की और इसे बंगाल को “बदनाम” करने का प्रयास बताया। कल यानी बुधवार को कोलकाता में तृणमूल ‘छात्र परिषद’ के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, भाजपा के 12 घंटे लंबे ‘बंगाल बंद’ के आह्वान के जवाब में, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता की महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर बंगाल में आग लगाने के लिए अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा, “कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश से प्यार है; वे हमारी तरह बोलते हैं और हमारी संस्कृति साझा करते हैं। लेकिन याद रखें, बांग्लादेश एक अलग देश है, और भारत एक अलग देश है। मोदी बाबू अपनी पार्टी का इस्तेमाल यहां आग लगाने के लिए कर रहे हैं। अगर आप बंगाल जलाते हैं, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे! हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।”
मैंने छात्रों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला', ममता बनर्जी को क्यों पड़ गई सफाई देने की जरूरत?*
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पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल मचा हुआ है। अभी एक दिन पहले ही तो ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल को जलाया तो असम, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। इसके साथ ही ममता ने हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज को लेकर भी बयान दिया था। उनके इस बयान पर चौतरफा हमला हुआ तो अब उन्होंने इस पर सफाई पेश की है। बंगाल की सीएम ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को कभी नहीं धमकाया। *मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं--ममता बनर्जी* ममता ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को धमकाया है। ये सरासर झूठ है। ममता ने 28 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस कार्यक्रम में दिए अपने भाषण पर सफाई देते हुए कहा है सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण को लेकर फैलाया गया है। मैं साफ तौर पर कहना चाहती हूं कि मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन सच्चा है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से गलत है।' *बीजेपी के खिलाफ बोला-ममता बनर्जी* बंगाल की सीएम ने आगे कहा, ' मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि वो केंद्र सरकार की मदद से हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। वो राज्य में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।' आगे उन्होंने कहा, 'मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूं कि जिस वाक्यांश ("फोंश कारा") का मैंने कल अपने भाषण में उपयोग किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव की लाइन है। उन्होंने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है। जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है। मैंने उसी संदर्भ में इस बात को कहा था। *क्या कहा था ममता बनर्जी ने?* दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ की निंदा की और इसे बंगाल को “बदनाम” करने का प्रयास बताया। कल यानी बुधवार को कोलकाता में तृणमूल ‘छात्र परिषद’ के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, भाजपा के 12 घंटे लंबे ‘बंगाल बंद’ के आह्वान के जवाब में, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता की महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर बंगाल में आग लगाने के लिए अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं। ममता बनर्जी ने कहा, “कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश से प्यार है; वे हमारी तरह बोलते हैं और हमारी संस्कृति साझा करते हैं। लेकिन याद रखें, बांग्लादेश एक अलग देश है, और भारत एक अलग देश है। मोदी बाबू अपनी पार्टी का इस्तेमाल यहां आग लगाने के लिए कर रहे हैं। अगर आप बंगाल जलाते हैं, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे! हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।”
'मैंने छात्रों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं बोला', ममता बनर्जी को क्यों पड़ गई सफाई देने की जरूरत?
#mamata_clarifies_her_statement_on_kolkata_rape_murder_case
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बयान पर बवाल मचा हुआ है। अभी एक दिन पहले ही तो ममता बनर्जी ने कहा था कि अगर पश्चिम बंगाल को जलाया तो असम, उत्तर-पूर्व, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे। इसके साथ ही ममता ने हड़ताली चिकित्सकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज को लेकर भी बयान दिया था। उनके इस बयान पर चौतरफा हमला हुआ तो अब उन्होंने इस पर सफाई पेश की है। बंगाल की सीएम ने कहा कि उन्होंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को कभी नहीं धमकाया।

*मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं--ममता बनर्जी*
ममता ने गुरुवार को सोशल मीडिया पोस्ट में लिखा कि कुछ लोग आरोप लगा रहे हैं कि मैंने प्रदर्शनकारी डॉक्टर्स को धमकाया है। ये सरासर झूठ है। ममता ने 28 अगस्त को तृणमूल कांग्रेस छात्र परिषद के स्थापना दिवस कार्यक्रम में दिए अपने भाषण पर सफाई देते हुए कहा है सोशल मीडिया पर लिखा, 'मुझे कुछ प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और डिजिटल मीडिया में एक दुर्भावनापूर्ण दुष्प्रचार अभियान का पता चला है, जो कल हमारे छात्रों के कार्यक्रम में मेरे द्वारा दिए गए भाषण को लेकर फैलाया गया है। मैं साफ तौर पर कहना चाहती हूं कि  मैंने (मेडिकल आदि) छात्रों या उनके आंदोलनों के खिलाफ एक भी शब्द नहीं कहा है। मैं उनके आंदोलन का पूरा समर्थन करती हूं। उनका आंदोलन सच्चा है। मैंने उन्हें कभी धमकी नहीं दी, जैसा कि कुछ लोग मुझ पर आरोप लगा रहे हैं। यह आरोप पूरी तरह से गलत है।'

*बीजेपी के खिलाफ बोला-ममता बनर्जी*
बंगाल की सीएम ने आगे कहा, ' मैंने बीजेपी के खिलाफ बोला है। मैंने उनके खिलाफ इसलिए बोला है क्योंकि वो केंद्र सरकार की मदद से हमारे राज्य में लोकतंत्र को खतरे में डाल रहे हैं। वो राज्य में अराजकता पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं। मैंने उनके खिलाफ आवाज उठाई है।' आगे उन्होंने कहा, 'मैं यह भी स्पष्ट करना चाहती हूं कि जिस वाक्यांश ("फोंश कारा") का मैंने कल अपने भाषण में उपयोग किया था, वह श्री रामकृष्ण परमहंस देव की लाइन है। उन्होंने कहा था कि कभी-कभी आवाज उठाने की जरूरत होती है।  जब अपराध और आपराधिक घटनाएं होती हैं तो विरोध की आवाज उठानी ही पड़ती है। मैंने उसी संदर्भ में इस बात को कहा था।

*क्या कहा था ममता बनर्जी ने?*
दरअसल, पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ने बुधवार को भाजपा के 12 घंटे के ‘बंगाल बंद’ की निंदा की और इसे बंगाल को “बदनाम” करने का प्रयास बताया। कल यानी बुधवार को कोलकाता में तृणमूल ‘छात्र परिषद’ के स्थापना दिवस कार्यक्रम को संबोधित करते हुए, भाजपा के 12 घंटे लंबे ‘बंगाल बंद’ के आह्वान के जवाब में, मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया था कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कोलकाता की महिला डॉक्टर के बलात्कार और हत्या की घटना को लेकर बंगाल में आग लगाने के लिए अपनी पार्टी का इस्तेमाल कर रहे हैं।
ममता बनर्जी ने कहा, “कुछ लोगों को लगता है कि यह बांग्लादेश है। मुझे बांग्लादेश से प्यार है; वे हमारी तरह बोलते हैं और हमारी संस्कृति साझा करते हैं। लेकिन याद रखें, बांग्लादेश एक अलग देश है, और भारत एक अलग देश है। मोदी बाबू अपनी पार्टी का इस्तेमाल यहां आग लगाने के लिए कर रहे हैं। अगर आप बंगाल जलाते हैं, तो असम, पूर्वोत्तर, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, ओडिशा और दिल्ली भी जलेंगे! हम आपकी कुर्सी गिरा देंगे।”
बांग्लादेश में अब कट्टरपंथियों को खुली छूट! मोहम्मद यूनुस सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर लगा बैन हटाया

#bangladesh_revokes_ban_imposed_on_jamaat_e_islami

बांग्लादेश की अंतरिम सरकार ने जमात-ए-इस्लामी पर लगी पाबंदी हटा ली है।जमात-ए-इस्लामी के छात्र संगठन इस्लामी छात्र शिविर और उसके अन्य संगठनों पर भी लगी पाबंदी हटा दी गई है। इन संगठनों पर शेख़ हसीना सरकार के दौरान साल 2013 में पाबंदी लगाई गई थी। हालांकि, तख्तापलट और शेख हसीने के सत्ता से हटते ही इन पर से बैन हटा लिया गया है।

पूर्व प्रधान मंत्री शेख हसीना की सरकार ने आतंकवाद विरोधी कानून के तहत जमात-ए-इस्लामी पार्टी पर प्रतिबंध लगा दिया था। अब बांग्लादेश की कार्यवाहक सरकार ने देश की मुख्य इस्लामिक पार्टी और उसके समूहों पर से प्रतिबंध हटा दिया और कहा कि उसे 'आतंकवादी गतिविधियों' में उनकी संलिप्तता का कोई सबूत नहीं मिला है। 

भारत को अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार की सलाह

बैन बाद जमात-ए-इस्लामी संगठन ने भारत को लेकर बड़ा बयान दिया है। संगठन के प्रमुख शफीकुर रहमान ने कहा है कि उनकी पार्टी भारत के साथ सौहार्दपूर्ण और स्थिर संबंध चाहती है, लेकिन साथ ही कहा कि नई दिल्ली को पड़ोस में अपनी विदेश नीति पर पुनर्विचार करने की जरूरत है, क्योंकि द्विपक्षीय संबंधों का मतलब एक-दूसरे के आंतरिक मुद्दों में हस्तक्षेप करना नहीं है। 

भारत को धारणा बदलने की नसीहत

बांग्लादेश जमात-ए-इस्लामी के अमीर (प्रमुख) रहमान ने कहा कि उनकी पार्टी भारत और बांग्लादेश के बीच घनिष्ठ संबंधों का समर्थन करती है, लेकिन यह भी मानती है कि बांग्लादेश को “अतीत को पीछे छोड़कर” अमेरिका, चीन और पाकिस्तान जैसे देशों के साथ मजबूत और संतुलित संबंध बनाए रखना चाहिए। रहमान ने दलील दी कि जमात-ए-इस्लामी को भारत विरोधी मानने की नई दिल्ली की धारणा गलत है। उन्होंने कहा, “जमात-ए-इस्लामी किसी देश के खिलाफ नहीं है; यह एक गलत धारणा है। हम बांग्लादेश के समर्थक हैं और केवल बांग्लादेश के हितों की रक्षा करने में रुचि रखते हैं।” उन्होंने जोर दिया कि इस धारणा को बदलने की जरूरत है।

जमात-ए-इस्लामी की छवि भारत विरोधी

जमात-ए-इस्लामी से पाबंदी हटा लेने के बाद बांग्लादेश की राजनीति में उसके लिए विकल्प खुल गए हैं और देश के चुनावों में वह अपनी भूमिका निभा सकता है। जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश की सबसे बड़ी इस्लामी पार्टी है। इस पार्टी का छात्र संगठन काफ़ी मज़बूत है। इस पर देश में हिंसा और चरमपंथ को बढ़ावा देने के आरोप लगते रहे हैं। भारत में बाबरी मस्जिद विध्वंस के बाद पार्टी पर बांग्लादेश में हिन्दू विरोधी दंगे भड़काने का भी आरोप लगा था। जमात-ए-इस्लामी की छवि भारत विरोधी रही है।

UP-बिहार जम्मू-कश्मीर समेत 14 राज्यों में भारी बारिश का अलर्ट, गुजरात के 18 जिलों में बाढ़, गंगा खतरे के निशान के पार, स्कूल बंद

मौसम विज्ञान विभाग (आईएमडी) ने गुजरात, हिमाचल प्रदेश, पश्चिम राजस्थान, केरल, ओडिशा, उत्तर प्रदेश, बिहार, महाराष्ट्र, झारखंड और जम्मू-कश्मीर समेत 14 राज्यों के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और आस-पास के इलाकों में बुधवार देर रात से ही बारिश हो रही है। बरसात के कारण तापमान में गिरावट दर्ज की गई है। 

मौसम विभाग ने उत्तर प्रदेश के भी कई जिलों में बारिश का पूर्वानुमान जाहिर किया है। बारिश के अलावा गुजरात में बाढ़ के कारण लाखों लोग बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। बारिश और बाढ़ जनित हादसों में अब तक 19 लोगों की मौत हो चुकी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकार को हरसंभव मदद का भरोसा दिलाया है। गुजरात के कई जिलों में सेना तैनात करने की नौबत आ गई है। 10 से अधिक ट्रेनों को रद्द करना पड़ा है।

राजस्थान में भी कई स्थानों पर आंधी के साथ भारी बारिश दर्ज की गई। माउंट आबू में सबसे अधिक 88.2 मिमी बारिश दर्ज की गई। गंगानगर और सिरोही जिलों में भारी बारिश हुई। मौसम विभाग ने राज्य में सितंबर के पहले हफ्ते में भारी बारिश का अनुमान लगाया है। जम्मू-कश्मीर के रामबन जिले में बुधवार को छह साल की बच्ची शाजिया बानो का शव मिला। बच्ची का शव उसके डूंगर धंदला गांव से तीन किमी नीचे बरामद किया गया। 

इससे बादल फटने की घटना में मृतकों की संख्या तीन हो गई, जबकि शेष चार लोगों की तलाश के लिए अभियान जारी है। बिहार के पटना में गंगा के जलस्तर के खतरे के निशान के पार पहुंचने के चलते ग्रामीण इलाकों में 76 सरकारी स्कूलों को 31 अगस्त तक के लिए बंद कर दिया गया है। यह फैसला छात्रों और शिक्षकों की सुरक्षा के लिए उठाया गया है।

गुजरात के 18 जिले बाढ़ की चपेट में हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में से 8,400 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल से फोन पर बातकर स्थिति का जायजा लिया और हरसंभव सहायता का आश्वासन दिया। मौसम विभाग के अधिकारियों ने बताया कि राज्य में अहमदाबाद, वडोदरा, जूनागढ़ समेत कई जिलों में बुधवार को भी भारी बारिश हुई। अधिकारी राष्ट्रीय आपदा मोचन बल (एनडीआरएफ), राज्य आपदा मोचन बल (एसडीआरएफ), सेना, भारतीय वायुसेना और भारतीय तटरक्षक बल के साथ मिलकर बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य चला रहे हैं। 

बुधवार को राज्य के अलग-अलग हिस्सों में बारिश के कारण दीवारें ढह जाने और पानी में डूबने जैसी घटनाओं में कुल नौ लोगों की मौत हो गई। मृतकों की संख्या 19 तक पहुंच गई है। सोमवार और मंगलवार को दो दिन में करीब 18,000 लोगों को बचाकर सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाया गया था। द्वारका जिले की खंभालिया तालुका में 454 मिलीमीटर (मिमी) वर्षा हुई। इसके बाद जामनगर में 387 मिमी और जामनगर की जामजोधपुर तालुका में 329 मिमी बारिश हुई। राज्य की 251 तालुकाओं में से 13 में 200 मिमी से अधिक और 39 में 100 मिमी से अधिक बारिश हुई। राज्य में 137 जलाशय, झीलें तथा 24 नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं, जिससे निचले इलाकों में बाढ़ आ गई है।

राजकोट, आणंद, मोरबी, खेड़ा, वडोदरा और द्वारका में सेना को तैनात किया गया है। अहमदाबाद, राजकोट, बोटाद, आणंद, खेड़ा, महिसागर, कराच और मोरबी में प्राइमरी-सेकंडरी स्कूलों और कॉलेजों में छुट्टी कर दी गई है। पश्चिम रेलवे ने बताया कि बारिश के कारण सड़कें और रेलवे लाइन जलमग्न हो गईं जिससे यातायात और रेलगाड़ियों की आवाजाही भी बाधित हुई। मुंबई जाने वाली वंदे भारत एक्सप्रेस समेत आठ ट्रेनें रद्द कर दी गईं और 10 अन्य ट्रेनें आंशिक रूप से रद्द कर दी गईं।

'भारत जोड़ों यात्रा' के बाद राहुल गांधी करेंगे ‘भारत डोजो यात्रा’, युवाओं से जुड़ने की अपील

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लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी क बार फिर भारत जोड़ों यात्रा करने वाले हैं। हालांकि, इस बार इस यात्रा का नाम थोड़ा बदला होगा। राहुल गांधी ने गुरुवार को सोशल मीडिया पर ऐलान किया कि वह 'भारत जोड़ों यात्रा' के बाद 'भारत डोजो यात्रा' निकालेंगे। इसकी आधिकारिक घोषणा जल्द की जाएगी।

राहुल गांधी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक वीडियो शेयर किया है। ये भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान का है। इसमें वो जिउ जित्सु मार्शल आर्ट करते नजर आ रहे हैं। उन्होंने यह वीडियो नेशनल स्पोर्ट्स के मौके पर शेयर किया है। इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि अब वो 'भारत डोजो यात्रा' शुरू करने वाले हैं।

फिट रहने का एक बहुत सिंपल तरीका

राहुल गांधी ने वीडियो शेयर करते हुए लिखा, भारत जोड़ो न्याय यात्रा के दौरान, जब हमने हजारों किलोमीटर की यात्रा की तो हमारे कैंपसाइट पर हमारा रूटीन था कि हम हर शाम जिउ-जित्सु की प्रैक्टिस करते थे, जो चीज फिट रहने के एक बहुत सिंपल तरीके साथ शुरू हुई वह तेजी से एक कम्युनिटी एक्टिविटी में बदल गई, जिसमें उन शहरों के साथी यात्रियों और युवा मार्शल आर्ट छात्रों को एक साथ लाया गया जहां हम रुके थे।

हिंसा की जगह जेंटलनेस 

राहुल गांधी ने आगे लिखा है, हमारा मकसद इन युवाओं को इस जेंटल आर्ट की खूबसूरती बताना था। मेडिटेशन, जिउ-जित्सु, आइकिडो और नॉन वॉइलेंट टेक्नीक्स का कॉम्बिनेशन है। हम चाहते थे कि हिंसा की जगह उनमें जेंटलनेस हो, जिससे उन्हें अधिक दयालु और सुरक्षित समाज बनाने में मदद मिल सके।

राष्ट्रीय खेल दिवस पर साझा किया अनुभव

इस राष्ट्रीय खेल दिवस पर मैं आप सभी से अपना अनुभव शेयर करना चाहता हूं, उम्मीद है कि आप में से कुछ लोग जेंटल आर्ट की प्रैक्टिस के लिए इंस्पायर होंगे। भारत डोजो यात्रा जल्द ही आ रही है।

गोवा में CAA के तहत पहले शख्स को दी गई नागरिकता, भारतीय बने पाकिस्तानी जोसफ

गोवा में नागरिकता संशोधन अधिनियम (CAA) के तहत पहले शख्स को भारतीय नागरिकता दे दी गई है। 28 अगस्त को गोवा के सीएम प्रमोद सावंत ने 78 वर्षीय पाकिस्तानी ईसाई जोसेफ फ्रांसिस परेरा को भारतीय नागरिकता का प्रमाण पत्र सौंपा। जोसेफ फ्रांसिस परेरा आज़ादी से पहले पढ़ाई के लिए गोवा से पाकिस्तान गए थे और बाद में वहीं नौकरी करने लगे। उन्होंने पाकिस्तानी नागरिकता प्राप्त की और 2013 में भारत लौटने तक कराची में रहे।

सीएम सावंत ने कहा कि गोवा की महिला से विवाहित होने के बावजूद, परेरा को भारतीय नागरिकता प्राप्त करने में तब तक कठिनाइयों का सामना करना पड़ा, जब तक कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार ने नागरिकता अधिनियम 1955 में संशोधन नहीं कर दिया। राज्य के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे की उपस्थिति में परेरा को प्रमाण पत्र प्रदान किया गया। उल्लेखनीय है कि, CAA को दिसंबर 2019 में बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान से सताए गए गैर-मुस्लिम प्रवासियों को भारतीय राष्ट्रीयता प्रदान करने के लिए अधिनियमित किया गया था, जो 31 दिसंबर 2014 को या उससे पहले भारत आए थे। इनमें हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई शामिल हैं।

सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार, 1946 में जन्मे परेरा ने तटीय राज्य की मारिया से विवाह किया और अपनी सेवानिवृत्ति के बाद 11 सितंबर, 2013 को भारत लौट आए। मूल रूप से दक्षिण गोवा के परोदा गांव के रहने वाले परेरा अब अपने परिवार के साथ उसी जिले के कैंसुअलिम में रहते हैं। मुख्यमंत्री ने पत्रकारों को बताया कि परेरा यह प्रमाणपत्र पाने वाले पहले गोवावासी हैं, हालांकि भारत भर में कई लोगों ने भारतीय नागरिकता प्राप्त करने के लिए CAA में संशोधन का इस्तेमाल किया है। उन्होंने कहा कि ऐसे कई गोवावासी हैं जिन्हें CAA के तहत इसी तरह से नागरिकता दी जा सकती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि, "जो लोग मानते हैं कि वे प्रमाण पत्र के लिए पात्र हैं, वे सरकार से संपर्क कर सकते हैं।"