*कुपोषित बच्चों और गर्भवती महिलाओं को क्यों नहीं मिला चावल, कौन है इसका जवाबदेह?*
फर्रुखाबाद- भारत सरकार व प्रदेश सरकार कुपोषण को दूर रखने के लिए गर्भवती महिलाओं, बच्चों और कुपोषित बच्चों के स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दिए हुए हैं लेकिन निचले स्तर पर बैठे अधिकारी, कर्मचारी, आंगनबाड़ी, कोटेदार इस पर बिल्कुल ध्यान नहीं दे रहे हैं। उन्हें केवल अपने बच्चे और अपना घर ही नजर आ रहा है। बच्चों का राशन व चावल डकारने में लगे हुए हैं। अधिकारियों से अगर इसकी जानकारी की जाए तो उनको भी इस चीज की जानकारी नहीं हो पाती है कि कि मेरे कर्मचारी कितनी गड़बड़ी गांव व क्षेत्र में कर रहे हैं क्योंकि उनके पास समय से उनका हिस्सा जैसे पहुंच रहा हो।
विकासखंड राजेपुर क्षेत्र में 203 आंगनबाड़ी केंद्र हैं। जिनमें लगभग 65 पद रिक्त चल रहे हैं। शासन द्वारा आंगनबाड़ी के तहत जनवरी-फरवरी मार्च माह का चावल जो बच्चों के लिए आया है। जो राशन दिसंबर माह में आया था उसको भी ना के बराबर बांटा गया था। आया हुआ चावल आंगनबाड़ी व कोटेदार मिलकर डकारने में लगे हुए हैं।
ना ही ब्लॉक स्तर पर बैठे अधिकारी इसकी जानकारी दे रहे हैं और ना ही तहसील में बैठे पूर्ति निरीक्षक बता रहे हैं।
Aug 27 2024, 13:19