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अमृतकाल: विकसित छत्तीसगढ़ @2047- राज्य नीति आयोग और शिक्षा जगत के साथ हुआ सार्थक संवाद कार्यक्रम

रायपुर-    छत्तीसगढ़ राज्य नीति आयोग द्वारा ‘अमृतकाल: विकसित छत्तीसगढ़ 2047’ ऑनलाइन संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में छत्तीसगढ़ के सभी विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया। यह संवाद छत्तीसगढ़ के भविष्य की दिशा को निर्धारित करने के उद्देश्य से आयोजित किया गया, जिसमें 2047 तक प्रदेश के विकास के लिए आवश्यक नीतियों और योजनाओं पर विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम की अध्यक्षता आयोग के सदस्य डॉ. के. सुब्रमण्यम ने की। कार्यक्रम में उच्च शिक्षा विभाग के सचिव आर प्रसन्ना, आयुक्त जनक पाठक और आयोग के संयुक्त संचालक डॉ. नीतू गोरडिया शामिल थे। कार्यक्रम में विश्वविद्यालयों और महाविद्यालयों के कुलपतियों, प्राध्यापकों, छात्रों और शोधकर्ताओं ने सक्रिय रूप से भाग लिया। विभिन्न सत्रों में शिक्षा, तकनीकी नवाचार, कृषि विकास, शहरी और ग्रामीण विकास, पर्यावरण संरक्षण और सामाजिक समावेश पर विचार-विमर्श किया गया।

कार्यक्रम में छात्रो एवं फैकल्टी द्वारा छत्तीसगढ़ के विकास की संभावनाओं और चुनौतियों पर विचार व्यक्त किया गया। उन्होंने राज्य को विकसित बनाने शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, उद्योग और तकनीकी विकास, समावेशी और सतत विकास हेतु अनेक सुझाव दिए। जिसमें राज्य में शोध हेतु केन्द्रीय लैब की आवश्यकता, समरसता हेतु सर्वांगीण विकास, उद्यानिकी और बहुफसली खेती को प्रोत्साहन, छात्राओं हेतु आत्म सुरक्षा प्रशिक्षण, उद्यमों और शिक्षण संस्थाओं के मध्य लिंकेज, पढ़ाई के साथ कौशल विकास और आर्थिक स्वावलंबन जैसे महत्वपूर्ण सुझाव प्राप्त हुए।

विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर आयोजित संगोष्ठी में शामिल हुए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर स्थित मेडिकल कॉलेज सभागार में आयोजित ’विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस’ संगोष्ठी में शामिल हुए। संगोष्ठी कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के रूप में राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिव प्रकाश एवं विचारक एवं फ़िल्म कलाकार मुकेश खन्ना उपस्थित रहे। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए मुख्यमंत्री श्री साय ने विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर उन लाखों लोगों को श्रद्धांजलि दी जिन्होंने देश के विभाजन के दौरान अमानवीय पीड़ा झेली, अपनी जान गँवाई, बेघर हो गए।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि भारत का विभाजन सिर्फ देश का विभाजन नहीं था, यह मानव इतिहास की सबसे बड़ी त्रासदियों में से एक थी। विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस हमें याद दिलाता है कि भारत की एकता और अखंडता को कैसे चोट पहुंचाई गई। विभाजन का दंश झेलने वाली पीढ़ी ने जो वेदना सही है, उसे वर्तमान और आने वाली पीढ़ियां कभी नहीं भूलेंगी। भारत विभाजन के दौरान लोगों का विस्थापन हुआ, बड़े पैमाने पर हत्या और बलात्कार हुए। लोग अपनी जड़ो से बिछड़ कर शरणार्थी बनने को विवश हुए। लोगों ने मजबूरी में जिस तरह पलायन किया उसकी दर्दनाक तस्वीरों को कोई नहीं भूल सकता।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह दिवस हमें देश की एकता और अखंडता की आवश्यकता और इसके लिए एकजुट रहने का सबक भी देता है। इतिहास में की गई गलतियों से जो देश और समाज सीख नहीं लेते हैं, उन्हें बहुत बड़े नुकसान उठाने पड़ता है। देश के विभाजन के दौरान लोगों ने कितनी कठिनाइयां झेली, किस दर्द को झेला यह इस त्रासदी को झेलने वाले ही जान सकते हैं। विभाजन से लाखों हिंदुओं ने कितनी यातनाएं झेली, हजारों, लाखों की संख्या में हत्याएं, बलात्कार जैसी घटनाएं हुई। यह सब सिर्फ नेताओं के स्वार्थ के कारण हुआ। उन्होंने अपने स्वार्थ को देश से उपर रखा। इसी विभाजन से कटकर जो बांग्लादेश बना आज वहां के हालात कैसे हैं, आप सभी जानते हैं, वहां अलगाववादी ताकतों ने क्या-क्या किया पूरी दुनिया यह देख रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे देश भारत में जहां हम सभी ने कभी धर्म, जाति या रंग के आधार पर किसी भी तरह का द्वेष या भेद नहीं किया है, क्योंकि हम सर्वे भवन्तु सुखिनः और वसुधैव कुटुंबकम के मंत्र को मानने वाले लोग हैं। विभाजन विभीषिका का आज के इस दिन का स्मरण इसलिए भी महत्वपूर्ण है ताकि हम इस विभीषिका के दंश को समझ सके और इतिहास से सीख लें। हमें अलगाववादी विभीषिका से सावधान रहने की जरूरत है। मुख्यमंत्री श्री साय ने उपस्थित लोगों का आह्वान करते हुए कहा कि हम राष्ट्र की एकता और अखंडता, सम्प्रभुता और समरसता को बनाए रखने के लिए कार्य करें। देश को अपने स्वार्थ से उपर रखें। इस अवसर पर विभाजन विभीषिका का दंश झेल चुके लोगों को अतिथियों द्वारा सम्मानित किया गया।

राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री श्री शिवप्रकाश ने अपने संबोधन में कहा कि आज का दिन हमें बताता है कि हमें गलतियों की पुनरावृत्ति नहीं होने देना है, जो समाज और देश अपनी पिछली गलतियों को सुधारते हुए भविष्य की नीतियों का अवलंबन करता है वो समाज और देश आगे बढ़ता है। यह हमें आगे के गौरवमयी भविष्य गढ़ने की भी सीख देता है। 15 अगस्त 1947 को हम स्वतंत्र हुए, कल 78वां स्वतंत्रता दिवस हम मना रहे हैं। लेकिन जब देश स्वतंत्रता के जश्न में डूबा था दूसरी ओर लाखों परिवार के घर टूटकर बिखर गए थे, 2 लाख से लेकर 20 लाख तक की आबादी हत्या की शिकार हुई। करोड़ों लोगों को अपनी ही भूमि से निर्वासित होना पड़ा।

श्री शिवप्रकाश ने आगे कहा कि कलकत्ता में एक दिन में 10 हजार से ज्यादा लोगों का कत्ल कर दिया गया था, अंग्रेज अधिकारियों ने लिखा है कि जब वे निरीक्षण को गए तो पैर रखने की जगह नहीं थी। अंग्रेजों को जब यह लगा कि जब हमें भारत छोड़ना ही पड़ेगा तो उन्होंने साजिश रची और डिवाइड एंड रूल की नीति अपनाई। 14 अगस्त 1947 में भारत का विभाजन एक ऐसी त्रासदी थी जिसकी पीड़ा आज भी अनगिनत आँखों में महसूस की जाती है। राजनैतिक महत्वाकांक्षाओं को साधने के लिए धर्म के आधार पर देश के विभाजन ने रक्तपात, घृणा, निर्वासन के दंश से भारत माँ की आत्मा को छलनी कर दिया।

विचारक एवं फ़िल्म कलाकार मुकेश खन्ना ने कहा कि आज हम कलयुग में जी रहे हैं, उस समय नीति शास्त्र था आज साजिशों से हमले होते हैं, जयचंद और मीर जाफर हमारे किलों के दरवाजे खोल देते हैं। राजनीति में जब धर्म आया तब पाकिस्तान बना, हिंदुस्तान बना। आज धर्म राजनीति में आ गया। राजा देश के लिए होता है देश राजा के लिए नहीं होता, यह बात युधिष्ठिर से भीष्म पितामह को कही थी। उन्होंने अपने जीवन का अनुभव बताते हुए कहा कि विभाजन मैंने नहीं देखा मेरे पिता ने देखा था।

श्री खन्ना ने कहा कि हमारे सरदार भाइयों ने बोरे में भरकर अपने सम्बन्धियों और रिश्तेदारों को पाकिस्तान से हिंदुस्तान लाया था, मेरे पिता ने मुझे विभाजन का अनुभव बताया उन्होंने मुझे बताया कि किस तरह यह त्रासदी झेली गई, क्या-क्या बीता। मैं चाहता हूं कि देश का नेता शक्तिमान और भीष्म पितामह बने लेकिन धृतराष्ट्र न बने। उन्होंने सभी से विभाजन के विभीषिका के दिन हुई त्रासदी को याद करके देश की प्रगति में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने और सौहार्द को बनाए रखने की अपील की।

रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने संगोष्ठी को सम्बोधित करते हुए कहा कि 15 अगस्त को हम सब आजादी का उत्सव मनाते हैं लेकिन इसके एक दिन पहले जो विभाजन का दंश झेला गया है वह हमेशा झकझोर देने वाली घटना रहेगी। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस मनाने का निर्णय हमें उन समस्त काले अध्याय व घटनाओं का स्मरण कराता है, जिसमें विभाजन के दौरान लोगों ने अत्यंत अमानवीय यातनाएं सहीं, पलायन के निर्दय कष्ट उठाए, अपने परिश्रम से कण-कण जोड़कर बनाए घर-द्वार, संपत्ति से वंचित हो गए, असंख्य लोगों ने जीवन खो दिया। कार्यक्रम के संयोजक अमरजीत सिंह छाबड़ा ने अतिथियों के प्रति आभार प्रकट किया।

संगोष्ठी में रायपुर उत्तर विधायक पुरंदर मिश्रा, रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू, क्षेत्रीय संगठन मंत्री अजय जामवाल, संगठन महामंत्री पवन साय, प्रदेश कार्यक्रम संयोजक अनुराग सिंहदेव, रायपुर जिला के अध्यक्ष जयंती भाई पटेल, रायपुर जिला के महामंत्री रमेश ठाकुर, सत्यम दुबा सहित प्रबुद्ध नागरिक बड़ी संख्या में उपस्थित थे।

बड़े पैमाने पर चिकित्सा अधिकारियों और विशेषज्ञों का तबादला, देखें लिस्ट…
रायपुर-  राज्य सरकार ने बड़े पैमाने पर चिकित्सा अधिकारियों एवं चिकित्सा विशेषज्ञों का तबादला किया है. इसका आदेश आज लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग ने जारी किया है.
छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने इन जिलों के प्रभारी DEO और BEO का तबादला किया निरस्त

रायपुर- छत्तीसगढ़ स्कूल शिक्षा विभाग ने 2 प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी (DEO) समेत एक प्राचार्य के तबादले का आदेश निरस्त कर दिया है। आदेश के अनुसार, बलौदाबाजार के जिला शिक्षा अधिकारी हिमांशु भारतीय को प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी रायगढ़ के रूप में नियुक्त किया गया था। वहीं जांजगीर-चांपा में नवागढ़ के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी विजय कुमार लहरे को बलौदाबाजार के प्रभारी जिला शिक्षा अधिकारी बनाया गया था। इसके अलावा जांजगीर के स्वा.आ.उ.हिन्दी माध्यम शा. बहु.उ.मा.विद्यालय के प्राचार्य गोविन्द प्रसाद चौरसिया को जांजगीर-चांपा में नवागढ़ के विकासखण्ड शिक्षा अधिकारी की जिम्मेदारी सौंप गई थी, लेकिन 13 अगस्त मंगलवार को स्कूल शिक्षा विभाग ने इन अधिकारियों के तबादले के आदेश को निरस्त करने का आदेश जारी किया हैं।

 

मुख्यमंत्री ने प्रदेशवासियों को स्वतंत्रता दिवस की दी शुभकामनाएं

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने देश की आजादी की 77वीं वर्षगांठ के अवसर पर प्रदेशवासियों को बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर जारी अपने संदेश में मुख्यमंत्री ने कहा है कि कठिन संघर्ष, त्याग और बलिदान से हमें आजादी मिली है। आजादी के लिए अपने प्राण न्यौछावर करने वाले उन सभी अनाम योद्धाओं, शहीदों और वीर जवानों को नमन है, जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से स्वतंत्रता संग्राम में अपना योगदान दिया। उनकी बदौलत हम आजाद वातावरण में सांस ले पा रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे पुरखों ने आजादी के बाद जिस लोकतंत्रात्मक गणराज्य का सपना देखा था, उसे पूरा करना हम सब की जिम्मेदारी है। राज्य सरकार की प्राथमिकता समाज के सबसे कमजोर वर्ग का सशक्तिकरण, बुनियादी मजबूती, गांवों का आर्थिक सुदृढ़ीकरण, हर व्यक्ति तक मूलभूत सुविधाओं की पहुंच और विकास के साथ अपनी पुरातन सभ्यता-संस्कृति का संरक्षण और संवर्धन है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने कृषक उन्नति योजना, महतारी वंदन योजना, धान का बकाया बोनस का भुगतान, 5500 रूपए प्रति मानक बोरा की दर से तेंदूपत्ता पारिश्रमिक भुगतान, प्रधानमंत्री आवास योजना एवं नई शिक्षा नीति 2020 का प्रभावी क्रियान्वयन, किसानों से 3100 रूपए में प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान की खरीदी की व्यवस्था, नियद नेल्लानार योजना के साथ ही अन्य निर्णयों से सभी वर्गाें को सशक्त बनाने की पहल की है। राज्य सरकार के जनहितकारी फैसलों से शासन-प्रशासन के प्रति लोगों में एक नया भरोसा जगा है। इस भरोसे को और मजबूत करने की जिम्मेदारी हम सबकी है।

लखनऊ-रायपुर-लखनऊ गरीबरथ सुपर फास्ट एक्सप्रेस ट्रेन को लेकर रेलवे ने दी अच्छी खबर, आया बड़ा अपडेट…

रायपुर-   लगातार रद्द हो रही ट्रेनों के बीच लखनऊ-रायपुर-लखनऊ गरीब रथ ट्रेन को लेकर एक अच्छी खबर आई है. अधिकारियों का दावा है कि रेलवे प्रशासन द्वारा यात्रियों को आरामदायक एवं सुरक्षित यात्रा सुविधा उपलब्ध कराने की दिशा में बेहतर प्रयास किया जा रहा है. इस तारतम्य में दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे से चलने/गुजरने वाली सभी गाड़ियों में योजनाबद्ध तरीके से पुराने पारंपरिक कोचों के बदले सुविधाजनक, आरामदायक और ज्यादा सुरक्षित नई तकनीक वाले एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है.

एलएचबी कोच यात्रियों के लिए काफी आरामदायक व सुविधायुक्त होता है. रेल परिचालन की दृष्टि से एलएचबी कोच काफी सुरक्षित भी है. वर्तमान समय की मांग पर अगर स्पीड की बात की जाए तो ये कोच सामान्य कोचों की अधिकतम गति 110-130 कि.मी. की तुलना में 160 से भी अधिक की गति के लिए डिजाईन की गई है. इन कोचों में सामान्य कोचों की तुलना में ज्यादा जगह होती है. आईसीएफ़ कोच की तुलना में एलएचबी कोच में बर्थ की संख्या भी अधिक होती है. इससे रेल यात्रियों को अधिक से अधिक बर्थ की सुविधा प्रदान करने में भी सहायता मिल रही है. एलएचबी कोच में हाइड्रोलिक सस्पेंशन का प्रयोग किया जाता है. वही दाएं बाएं मूवमेंट के लिए भी सस्पेंशन का प्रयोग किया गया है, जिससे सफर आरामदायक हो जाता है.

इस सुविधाओं को ध्यान में रखते हुये गाड़ी संख्या 12635/12536 लखनऊ–रायपुर-लखनऊ गरीब रथ सुपर फास्ट एक्सप्रेस में पारंपरिक कोचों के बदले एलएचबी कोच की सुविधा उपलब्ध कराई जा रही है. साथ ही साथ इस गाड़ी में वर्तमान कोच 14 कोच से बढ़ाकर 20 कोच की सुविधा प्रदान की जा रही है. एलएचबी कोच की सुविधा 12535 लखनऊ–रायपुर गरीब रथ सुपर फास्ट एक्सप्रेस में 19 अगस्त, 2024 से तथा 12536 रायपुर-लखनऊ गरीब रथ सुपर फास्ट एक्सप्रेस में 20 अगस्त, 2024 से उपलब्ध रहेगी.

तूलिका परगनिहा को उत्कृष्ट कार्य के लिए भारत सरकार से विशेष अतिथि का मिला नेवता

रायपुर-    स्वतन्त्रता दिवस के मौके पर बलौदाबाजार की महिला एवं बाल विकास विभाग सखी सेंटर की केंद्र प्रशासक तूलिका परगनिहा उत्कृष्ठ कार्य करने हेतु भारत सरकार ने विशेष अथिति के रूप में आमंत्रित किया गया है। स्वतन्त्रता दिवस के 15 अगस्त के पावन पर्व पर भारत सरकार और महिला एवं बाल विकास मंत्रालय ने छत्तीसगढ़ से विभाग के 4 कर्मचारियों को उत्कृष्ट कार्य करने पर दिल्ली के लाल किले में स्वतन्त्रता दिवस समारोह में विशेष अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है.

छत्तीसगढ़ के इन 4 उत्कृष्ठ नामो में एक नाम तूलिका परगनिहा का है. जो बलौदाबाजार भाटापारा जिले के महिला एवं बाल विकास विभाग के सखी सेंटर की केंद्र प्रशासक के रूप में अपनी सेवाएं दे रही है । तूलिका परगनिहा बीते 2017 से सखी वन सेंटर में केंद्र प्रशासक के पद पर अपनी सेवाएं दे रही है। बलौदाबाजार सखी वन स्टाप सेंटर में 2017 से अब तक घरेलू हिंसा और महिला हेल्पलाइन के तहत करीब 1500 केस सफलता पूर्वक निराकरण किया गया है। वही शिकायतों पर कई बाल विवाह रुकवाकर समाज को सही दिशा और जागरूकता का कार्य किया है। 15 अगस्त के मौके विशेष अथिति के रूप में आमंत्रित किये जाने पर तूलिका परगनिहा ने भारत सरकार और जिला प्रशासन के प्रति विशेष आभार व्यक्त किया है।

नगरीय निकायों और पंचायतों में परिसीमन और आरक्षण की कार्यवाही समय पर पूर्ण करें –  अजय सिंह

रायपुर-   राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने प्रदेश में नगरीय निकायों और त्रिस्तरीय पंचायतीराज संस्थाओं के आगामी आम निर्वाचन के लिए विधि अनुसार परिसीमन तथा आरक्षण की कार्यवाही समय पर पूर्ण करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आज नवा रायपुर स्थित राज्य निर्वाचन आयोग के कार्यालय में नगरीय प्रशासन एवं विकास, पंचायत एवं ग्रामीण विकास तथा सामान्य प्रशासन विभाग के सचिवों की बैठक लेकर आम निर्वाचन के लिए शासन स्तर पर किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की।

समीक्षा बैठक में तीनों विभागीय सचिवों ने राज्य निर्वाचन आयुक्त को बताया कि स्थानीय निकायों में आम निर्वाचन को लेकर प्रारंभिक तैयारियां प्रारंभ हो चुकी हैं। शासन स्तर पर अपेक्षित सभी कार्यवाही समय-सीमा में पूर्ण कर लिए जाएंगे। पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग की प्रमुख सचिव निहारिका बारिक सिंह, सामान्य प्रशासन विभाग के सचिव अंबलगन पी., नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के सचिव डॉ. बसवराजु एस. और राज्य निर्वाचन आयोग के सचिव सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे समीक्षा बैठक में शामिल हुए। राज्य निर्वाचन आयोग की उप सचिव डॉ. नेहा कपूर और आलोक श्रीवास्तव भी बैठक में मौजूद थे।

सीएम सचिवालय के अधिकारियों का तबादला
रायपुर- राज्य सरकार ने सीएम सचिवालय के अधिकारियों-कर्मचारियों का तबादला किया है. इसका आदेश आज सामान्य प्रशासन विभाग ने जारी किया है.
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अनुशंसा पर 15 चिकित्सा अधिकारियों को मिली नियुक्ति

रायपुर-  मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर राज्य में लगातार विशेषज्ञ चिकित्सकों एवं चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना की जा रही है। इसी कड़ी में स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल की अनुशंसा पर 15 चिकित्सा अधिकारियों (एनएचएम संविदा) की नियुक्ति की गयी है। इन चिकित्सा अधिकारियों की पदस्थापना से स्थानीय एवं दूरस्थ क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार होगा और लोगों को ज्यादा से ज्यादा सहूलियत मिलेगी।

पदस्थ किए गए चिकित्सा अधिकारियों में डॉ. अंजली खलखो शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, रेल्वे लोको लाईन वार्ड नं. 01, डॉ. इरनुस खलखो शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, मोहर पारा एफ.सी. आई. गोदाम वार्ड 19, मनेन्द्रगढ़, डॉ. विकास भास्कर, सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-चिरमिरी, डॉ. अमन दीप कौर, शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, हल्दीबाड़ी (चिरमिरी), डॉ. सीताकुमारी, शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, साजापहाड़ (चिरमिरी), डॉ. व्ही. अस्मिता राव, शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, सांस्कृति भवन दुर्गा पंडाल, खोंगापानी, डॉ. प्रिंस गुप्ता, शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, झगराखाण्ड तथा डॉ. हर्षा सिंह की पदस्थापना शहरी सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-डुमनहील, जिला-मनेन्द्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर में की गयी है।

इसी तरह से डॉ. मृग्या वर्तिका सिंग, शहरी आयुष्मान आरोग्य मंदिर, भट्टी वार्ड नं. 02, बैकुण्ठपुर, जिला कोरिया, डॉ. तरूवर सिंह, सामु० स्वा० केन्द्र- प्रेमनगर, जिला सूरजपुर, डॉ. अनुराग सिंह सामु० स्वा० केन्द्र- रामानुजनगर, जिला सूरजपुर , डॉ. जितेन्द्र कुमार सिंह सामु० स्वा० केन्द्र बचरापोडी, जिला- कोरिया, डॉ. ध्यानू राम सामु स्वास्थ्य केन्द्र-अभनपुर, जिला रायपुर, डॉ पुष्पराज सिंह, जिला अस्पताल जिला-गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही तथा डॉ. अंकित बघेल की पदस्थापना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र-मरवाही, जिला- गौरेला-पेण्ड्रा मरवाही में की गयी है।