“भारत के साथ रिश्ते अच्छे, लेकिन कुछ मसले हैं”, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता किन मसलों की कर रहे बात?
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भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हलचल मची हुई है।देश में हिंसक आंदोलन के बाद तख्तापलट हुआ। हालांकि, इसके बाद भी देश के हालात बदले नहीं है। बदली है तो सिर्फ सरकार।बांग्लादेश में एक हफ़्ते में तेज़ी से चल रहे घटनाक्रमों में शेख हसीना सत्ता से बेदल हो गईं और अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब चुनाव का इंतजार है। हालांकि ये तय नहीं है कि चुनाव कब होंगे, लेकिन यह तय है कि देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) इनमें अहम भूमिका निभाएगी। बीएनपी के बांग्लादेश की सत्ता में वापसी के बाद भारत के साथ रिश्तों के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।
इस बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के जनरल सचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने कहा भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कुछ मसलों को हल किया जाना जरूरी है। खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय मीडिया यह प्रचारित कर रहा है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अत्याचार हो रहे हैं जबकि कोई सांप्रदायिक अत्याचार नहीं हो रहे है।
मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने दुनियाभर की मीडिया पर प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से आपके देश की विभिन्न मीडिया द्वारा एक तरह की गलतफहमी और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार किया जा रहा है- मीडिया सांप्रदायिक अत्याचारों को बढ़ावा दे रहा है।
उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो चल रहा है वह बिल्कुल भी सच नहीं है। यह सांप्रदायिक नहीं है, धार्मिक नहीं है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है। उन्होंने भारत की मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप ढाका आएं और खुद देखें कि बांग्लादेश में क्या हुआ है।
इन मुद्दों को सुलझाना चाहते बीएनपी
बीएनपी के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों के सवाल पर कहा कि 'बेशक दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे क्योंकि हम (बीएनपी) बतौर राजनीतिक पार्टी भारत को अपना दोस्त और पड़ोसी मानते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाया जाए जिनमें जल बंटवारे का मुद्दा, सीमा पर बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी लोगों की हत्याएं, दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं।'
हसीना सरकार पर गंभीर आरोप
बीएनपी नेता आलमगीर ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अपनी पार्टी और लोगों को छोड़कर देश से भाग गई हैं। उन्हें लोगों के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देश छोड़ दिया। जहां तक हमारी जानकारी है, वे दिल्ली में हैं। एक छात्र और नागरिक विद्रोह हुआ यह एक क्रांति थी और उससे पहले, शेख हसीना की पुलिस ने लगभग 1,000 छात्रों को मार डाला और लगभग 12,000 लोगों को गिरफ्तार किया था। लाखों लोग सड़कों पर थे और वे प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास की ओर बढ़ रहे थे और फिर वह अपने हेलीकॉप्टर से देश छोड़कर चली गईं।
जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का लक्ष्य
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद देश में अंतरिम सरकार बनी, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर यूनुस कर रहे हैं। अंतरिम सरकार निश्चित रूप से स्थिति को स्थिर करेगी और शांति और व्यवस्था लाएगी, कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी। अंतरिम सरकार का मुख्य कार्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।






अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव से पहले डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क साथ नजर आए। मंगलवार को टेस्ला सीईओ ने पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप का इंटरव्यू लिया। इंटरव्यू के दौरान पूर्व राष्ट्रपति ने मौजूदा वैश्विक हालात, राष्ट्रपति चुनाव समेत कई मुद्दों पर अपनी बात रखी। साथ ही उन्होंने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग के साथ अपने रिश्तों का भी जिक्र भी किया। *बाइडन के चुनावी दौड़ से बाहर होने को कहा तख्तापलट* अमेरिका में पांच नवंबर को राष्ट्रपति चुनाव होने वाले हैं। इस चुनावी दौड़ में रिपब्लिकन की ओर से डोनाल्ड ट्रंप और डेमोक्रेट्स की ओर से कमला हैरिस मैदान में हैं। टेस्ला के सीईओ एलन मस्क लगातार अपना समर्थन पूर्व राष्ट्रपति को दे रहे हैं। इस बीच, ट्रंप ने एलन मस्क के साथ एक्स पर एक इंटरव्यू किया। इस बातचीत में ट्रंप ने अपने विरोधी डेमोक्रेट्स पर हमला बोला। साथ ही कहा कि जो बाइडन को राष्ट्रपति की रेस से जबरन 'तख्तापलट' कर निकाला गया। उन्होंने कहा, 'मैंने बहस में बाइडन को इतनी बुरी तरह हराया कि उन्हें दौड़ से बाहर कर दिया गया। वह अब तक की सबसे शानदार बहस रही है। बाइडन को बाहर निकाला गया। यह एक तख्तापलट था।' *खुद पर हुए हमला का किया जिक्र* इंटरव्यू के दौरान ट्रंप ने पिछले महीने हत्या के प्रयास को भी दोहराया, जिसमें वह बाल-बाल बच गए थे। उन्होंने कहा, 'यह एक हार्ड हिट था। मुझे लगता है कि आप कहेंगे कि यह अवास्तविक था, लेकिन ऐसा नहीं है।' उन्होंने कहा, 'मुझे तुरंत पता चल गया था कि यह एक गोली है। मेरे कान पर गोली लगी थी। उन लोगों के लिए जो भगवान में विश्वास नहीं करते, मुझे लगता है कि हम सभी को इसके बारे में सोचना शुरू करना होगा।' *रूस, चीन और उत्तर कोरिया की तारीफ* डोनाल्ड ट्रंप ने इंटरव्यू के दौरान रूस, चीन और उत्तर कोरिया की भी तारीफ की। उन्होंने कहा कि इन तीनों देशों ने अपने काम को बखूबी कर रहे हैं और अमेरिका को इनका सामना करने के लिए एक मजबूत राष्ट्रपति की जरूरत है। उन्होंने कहा, "व्लादिमीर पुतिन, शी जिनपिंग और किम जोंग-उन, जिन्हें कई बार तानाशाह कहा जाता है, अपने देश से प्यार करते हैं, लेकिन यह दूसरी तरह का प्यार है। *बाइडन को बताया ‘स्लीपी’* इसी मुद्दे पर बातचीत के दौरान ट्रंप ने बाइडन को स्लीपी जो (सोता हुआ जो) बुलाया और कहा कि उनकी वजह से ही रूस ने यूक्रेन पर हमला बोला। उन्होंने कहा, "मेरी पुतिन से अच्छी बनती थी और वह मेरा सम्मान करते थे। हम यूक्रेन की बात करते थे। यूक्रेन उनकी आंखों का तारा था। लेकिन मैंने उनसे कहा था कि उसके बारे में सोचना भी नहीं।" *आज अमेरिका की कोई नहीं सुनता-ट्रंप* ट्रंप ने कहा कि आज से चार साल पहले जब वह राष्ट्रपति थे तो अमेरिका की दुनिया इज्जत करती थी। रूसी राष्ट्रपति पुतिन, चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और उत्तर कोरियाई सुप्रीम लीडर किम जोंग उन अमेरिका की बात सुनते थे। लेकिन आज अमेरिका की नहीं सुनी जाती।




Aug 13 2024, 15:40
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