बांग्लादेश के राजनीतिक संकट के पीछे नहीं अमेरिका का हाथ”, शेख हसीना के आरोपों पर पहली बार बोला अमेरिका
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पिछले हफ्ते बांग्लादेश में तख्तापलट हो गया। बांग्लादेश की प्रधानमंत्री रहीं शेख हसीना को ना केवल अपना पीएम पद बल्कि देश छोड़कर भी भागना पड़ा। फिलहाल शेख हसीना ने भारत में शरण ली है। उधर, बांग्लादेश को मोहम्मद यूनुस का नेतृत्व मिल गया है। मगर ये सवाल अब भी बरकरार है कि क्या इन सबके पीछे अमेरिका का हाथ था? इन आरोपों पर पहली बार अमेरिका ने प्रतिक्रिया दी है।
व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव कैरिन जीन पियरे ने बांग्लादेश संकट से जुड़ी सभी रिपोर्टों और अफवाहों का खंडन किया और कहा, “हमारी इसमें कोई संलिप्तता नहीं है। ऐसी कोई भी रिपोर्ट या अफवाह कि अमेरिका की सरकार इन घटनाओं में शामिल थी, सरासर झूठ है और बिलकुल भी सच नहीं है। जीन पियरे ने यह भी कहा कि बांग्लादेशी नागरिकों को अपने देश की सरकार का भविष्य तय करना चाहिए। उन्होंने कहा, यह बांग्लादेशी नागरिकों के लिए और उनके द्वारा चुना गया विकल्प है। हमारा मानना है कि बांग्लादेशी लोगों को बांग्लादेशी सरकार का भविष्य तय करना चाहिए और हम भी इसी पर कायम हैं। निश्चित रूप से हम किसी भी आरोप पर बोलते रहेंगे और मैंने यहां जो कहा है वह झूठ है।”
जीन पियरे मीडिया में आई उन खबरों पर प्रतिक्रिया दे रही थीं, जिनमें शेख हसीना के कथित दावे के हवाले से कहा गया है कि अगर उन्होंने (शेख हसीना) सेंट मार्टिन द्वीप का आधिपत्य त्याग दिया होता और अमेरिका को बंगाल की खाड़ी पर प्रभुत्व स्थापित करने की अनुमति दी होती, तो वह सत्ता में बनी रहतीं।
बता दें कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने हाल में अमेरिका पर अपनी सरकार गिराने का आरोप लगाया था। शेख हसीना का आरोप था कि अमेरिका ने सेंट मार्टिन आइलैंड मांगा था। अगर वह दे देती तो शायद आज मेरी सरकार बनी रहती। मगर ऐसा न करना भारी पड़ गया। हसीना का आरोप है कि इस आइलैंड के सहारे अमेरिका बंगाल की खाड़ी में अपना वर्चस्व बढ़ाना चाहता है।
हालांकि, शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद ने इस बात से इनकार किया है कि उनकी मां ने ऐसा कोई बयान दिया है। शेख हसीना के बेटे वाजेद ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘हाल ही में एक अखबार में प्रकाशित मेरी मां का इस्तीफे से संबंधित बयान पूरी तरह से झूठा और मनगढ़ंत है। उन्होंने मुझसे बातचीत में पुष्टि की है कि उन्होंने ढाका छोड़ने से पहले या बाद में कोई बयान नहीं दिया।
Aug 13 2024, 11:37